नीतीश से मिलने पहुंचे डिप्टी सीएम

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 सम्राट ने कहा: नहीं होगा री-एग्जाम,  आयोग को फ्री हैंड

 पटना। बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में गड़बड़ी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की मांग को लेकर बातचीत करने मंगलवार सुबह सूबे के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सीएम आवास पहुंचे। इस मुलाक़ात के बाद सम्राट चौधरी ने इस पुरे मामले को सरकार का रूख साफ़ कर दिया है। सम्राट ने बता दिया है कि री-एग्जाम होगा या नहीं। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि आयोग को सरकार ने फ्री हैंड दे रखा है। वह छात्रों के हित को देखते हुए निर्णय लें,छात्रों के हित हो देखते हुए या छात्रों से जुड़ें किसी भी मामले के लिए आयोग पूरी तरह से फ्री हैं। वह किसी भी तरह का फैसला लेने के लिए फ्री हैं। उनको ही इस मामले पर निर्णय लेना है। लगभग 14 से ज्यादा दिनों से पटना में लगातार धरना प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे बीपीएससी छात्रों पर नीतीश सरकार ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। 70वीं बीपीएससी पीटी रद्द करने की मांग को लेकर पटना में पिछले कुछ दिनों से अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को कई राजनीतिक दलों और नेताओं का भी साथ इस मांग को लेकर मिला। वहीं प्रशांत किशोर के नेतृत्व में अभ्यर्थियों का हुजूम गांधी मैदान में जमा हो गया। उन्हें इसकी अनुमति प्रशासन नहीं दी गई थी। इसके बाद भी रात करीब साढ़े आठ बजे अभ्यर्थी जेपी गोलंबर पर जमे थे।इनलोगों को प्रशासन इस जगह को खाली करने की वार्निंग दे रही थी। लेकिन जब प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी नहीं माने तो पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार की और फिर लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद इस मामले की राजनीति और गर्म हो गई और अब उपमुख्यमंत्री ने सरकार ने तरफ से पक्ष रख दिया है। अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के बाद मीडिया से बात करते हुए बीपीएससी के सचिव सत्यप्रकाश शर्मा ने कहा कि अगर कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो इसके लिए पुलिस को किसी भी तरह की कार्रवाई की छूट है। आयोग का विधि व्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है। वहीं, इस दौरान उन्होंने कहा कि आयोग किसी भी तरह का री-एग्जाम करवाने नहीं जा रहा है। अभ्यर्थियों ने किसी भी तरह का पेपर लीक होने का सबूत नहीं दिया है। परीक्षा के दौरान पूरे प्रदेश से कही भी पेपर लीक की कोई खबर सामने नहीं आई।

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