Demonstration on Parliament : बड्स एक्ट 2019 के तहत हर जिले में जमाकर्ताओं को पैसा दिलाने की होगी मांग
25 राज्यों में लागू हुआ बड्स एक्ट : उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बड्स एक्ट 2019 लागू कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस एक्ट को फिलहाल असम, केरल, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान मेघालय, सिक्किम समेत 25 राज्यों में लागू किया गया है। 10 और राज्यों में यह एक्ट 31 जुलाई तक लागू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि उनके संगठन को यह जानकारी केंद्र सरकार के वित्त विभाग से लिखित में मिली है।
2020 में रद्द करना चाहती थी सरकार : उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार एक षड्यंत्र के तहत इस एक्ट को 2020 को रद्द कर रही थी पर उनके संगठन के संघर्ष की लड़ाई की वजह से सरकार ऐसा न कर सकी। जब संगठन ने सड़क से लेकर संसद और सुप्रीम कोर्ट तक यह लड़ाई लड़ी तब जाकर सरकार ने यह एक्ट लागू किया है। मदन लाल आजाद के अनुसार इस एक्ट के तहत केंद्र सरकार हर जिले में जमाकर्ताओं का पैसा दिलवाने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करेगी। इस एक्ट के तहत ठगी कंपनियों की संपत्ति बेचकर जमाकर्ताओं का पैसा देने का भी प्रावधान है।
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ऑनलाइन आवेदन करने की अपील : मदन लाल ने कहा है कि हर जिले के संबंधित थानों को जमाकर्ताओं की एफआईआर दर्ज करने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए उनके संगठन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह को पत्र भेजा है। मदन लाल ने जमाकर्ताओं से अपील की है कि वे ऑन लाइन आवेदन करें। उन्होंने बताया कि इस आवेदन में जमाकर्ताओं को अपना नाम, कंपनी, कंपनी का वादा और पैसा का विवरण देना होगा। उन्होंने अपने संगठन से संबंधित जमाकर्ताओं के सहयोग करने भी बात की है। हालांकि इसके लिए उन्होंने संगठन की सदस्यता लेने की शर्त रखी है। उन्होंने जमाकर्ताओं का आह्वान किया है कि मात्र एक्ट के लागू होने से पैसा नहीं मिलेगा। इसके लिए भी बड़ा संघर्ष करना होगा। आवेदन देने के अलावा जमाकर्ताअें को विभिन्न थानों में एफआईआर भी दर्ज करानी होगी। मदन लाल ने सहारा इंडिया, बाइकबोट, हैलोटैक्सी, टॉपराइट, राधामाधव जैसी ठग कंपनियों के जमाकर्ताओं से अपील की कि वे 31 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर दें। उन्होंने कहा कि ये आवेदन कोई एजेंट नहीं भर सकता है। या तो जमाकर्ता को स्वयं ये आवेदन करने होंगे। नहीं तो उनकी यूनियन और वकील भी आवेदन कर सकता है।
प्रभावित हैं 20 करोड़ परिवार : उन्होंने बताया कि करीब 20 करोड़ परिवारों का हजारों करोड़ रुपये ये कंपनीज, कॉपरेटिव सोसायटीज व वित्तीय संस्थान विधिसम्मत तरीकों से वापस नहीं कर रहे हैं। सेबी एक्ट 1992, कॉपरेटिव सोसायटी एक्ट 2002, लॉ कंपनी एक्ट 2013, चिटफंड 2019 और अनयमित जमा योजनाएं पाबंद कानून 2019 का उल्लंघन करते हुए सहारा इंडिया, पर्ल्स, बाइकबोट, हैलोटैक्सी, टाइपराइड, राधा माधव, ब्ल्यूफॉक्स, साइन सिटी, फ्यूचर मेकर, कैची पिक्सल, स्ट्रीट हाक्स, कर्मभूमि, कल्पतरू, सारईं प्रसाद, हीरा गोल्ड, पिनकोन, रामेल, प्रयाग, हैलोराड, गो वे गो बाइक, एनएनएम, एवरग्रीन, विश्वास ट्रेडिंग, कार सर्विस यात्रा, ग्लोबल स्टार, किसान एग्रो, विश्वामित्र जैसी हजारों कंपनियों ने करोड़ों नागरिकों को बारी-बारी से अपनी ठग स्कीम्स में फंसाकर ठगा है।
उन्होंने बताया कि इसी तरह से आदर्श, संजीवनी, नवजीवन, सहारा, सर्वोदय जीवन, लोकहित, जेकेवी, अल्पेश्वर, खेतेश्वरल, कामधेनु जैसी हजारों मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसायटियों ने करोड़ों नागरिकों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है। मदन लाल आजाद ने बताया कि सहारा इंडिया और पर्ल्स के मामलों में तो पहले सेबी ने वर्ष 2012 में निवेशकों, जमाकर्ताओं के धन का भुगतान करने का आदेश दिया था, जिसे कालांतर में ठग कंपनीज ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी तो वर्ष 2016 में दोनों ही मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने भी दोनों कंपनीज को पीड़ितों की जमा राशि 15 फीसदी ब्याज समेत 6 माह में वापस करने का आदेश दिया था।
सुब्रत राय ने सेबी और सुप्रीम कोर्ट को किया गुमराह : मदन लाल आजाद का कहना है कि सहारा इंडिया के मालिकान सुब्रत राय ने तो सुप्रीम कोर्ट और सेबी को गुमराह करते हुए झूठा शपथ पत्र देकर 2016 में पैरोल ली और जेल से बाहर आकर आज तक कोई भुगतान नहीं किया। सुब्रत राय के इस कृत्य को मदन लाल आजाद ने सेबी एक्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुला उल्लंघन बताया है। मदन लाल आजाद का कहना है कि राष्ट्रपति महोदय ने 21 फरवरी 2019 को एक अध्यादेश के माध्यम से अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून लागू किया, जिसमें समस्त ठगी पीड़ित जमाकर्ताओं को धन की वापसी के लिए भारत संघ एवं राज्यों को जिम्ेमदार बनाकर 180 दिन में ट्रायल कम्प्लीट कर पुनर्भुगतान की व्यवस्था की, 30 जुलाई 2019 को संसद ने सर्वसम्मति से अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून 2019 पारित करके केंद्र ने इसे कानून के रूप में नोटिफाइड किया लेकिन किसी भी राज्य एवं संघ सरकार ने इसे लागू नहीं किया था। अब जब 25 राज्यों में बड्स एक्ट 2019 लागू हो चुका है तो सरकार को देशभर के जमाकर्ताओं का पैसा दिलवाना ही होगा।
20 करोड़ परिवारों से दो लाख करोड़ से ऊपर की ठगी : मदन लाल आजाद का कहना है कि 20 करोड़ ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवारों में दो लाख से ज्यादा सैनिक, करोड़ों रिटायर्ड कर्मचारी, अधिकारी, करोड़ों किसान, मजदूर, प्रोफेशनल, एडवोकेट, पत्रकार, जज, अफसर, वैज्ञानिक तक सम्मिलित है। उन्होंने बताया कि बाइक बोट हैलीटैक्सी, टाइपराइड ठगी मामलों का शिकार बनकर लगभग 1200 सैनिक आत्महत्या कर चुके हैं, दर्जनों विवाद भुगतान के लिए सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, दर्जनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट भुगतान का आदेश सेबी, एसएफआईओ व राज्य अन्य एजेंसियों को दे चुका है। फिर भी जब भुगतान प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो ऑल इंडिया बाइक बोट टैक्सी यूनियन ने सैकड़ों ज्ञापन पत्र राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री, कंपनी, कार्यमंत्री, गृहमंत्री, कानून मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों व अन्य जिम्मेदार एजेंसियों को दिये। इन सबके बावजूद राज्य एवं संघीय सरकार ने भुगतान नहीं किया।
31 जुलाई को करेंगे दो दो हाथ : मदन लाल आजाद ने बताया कि केंद्र सरकार एवं राज्यों को कानून के प्रति संवेदनशील बनाने, कानून, राष्ट्रपति, संसद और न्यायालय के आदेशों का पालन करवाने के लिए तमाम ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवारों के प्रतिनिधि 31 जुलाई को संसद का घेराव Demonstration on Parliament करेंगे। उन्होंने बताया कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक जमाकर्ताओं का भुगतान नहीं हो जाता है।