राष्ट्रपति भवन जा रही दंडवत यात्रा का जयपुर में कराया समापन
गोपालन मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म और विधायक गोपाल शर्मा ने मौके पर पहुंचकर लिया ज्ञापन
जयपुर। राजस्थान में गाय को राज्य माता और देश में राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए अखंड ज्योत और गौमाता की झांकी के साथ शुरू हुई राजकनक दंडवत यात्रा गुरुवार को जयपुर पहुंची।
यात्रा संयोजक गुरु जगदीश ने बताया कि संत औंकार दास महाराज के नेतृत्व में करीब 350 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी दंडवत यात्रा 5 सितंबर से निरंतर जारी है। 11 सितम्बर को चितौड़गढ़ जिला कलेक्टर और 18 सितम्बर को भीलवाड़ा जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इसी क्रम में सांवरिया सेठ मंदिर, चित्तौड़गढ़ होते हुए जयपुर सोडाला स्थित बैकुंठनाथ मंदिर पहुंची। राष्ट्रपति भवन तक जाने की तैयारी के साथ आए संत समाज के लोग राज्यपाल और विधानसभा कूच करने की तैयारी में थे। सूचना मिलते हीं सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा तुरंत मंदिर पहुंचे और संत समाज को उचित स्तर पर मामला उठाने के लिए आश्वस्त किया। विधायक शर्मा ने गोपालन मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म से बात की और विषय से अवगत कराते हुए उन्हें मौके पर बुलवाया। विधायक शर्मा की मौजूदगी में मंत्री बेढ़म ने केदारनाथ गौ सेवा समिति के प्रतिनिधि संतों से ज्ञापन स्वीकार किया और राष्ट्रपति भवन जा रही दंडवत यात्रा को जयपुर में समाप्त करवाया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक जुगल किशोर भी मौजूद रहे।
गोपालन मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री स्वयं बहुत बड़े गौभक्त हैं। वे ब्रजभूमि से आते हैं और अनेक बार गोवर्धन परिक्रमा कर चुके हैं। हमें उनसे न्याय की पूरी उम्मीद है।
विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि गौमाता को राज्य माता का दर्जा देने से हमारी संस्कृति का सम्मान होगा और साथ ही पर्यावरण में भी सकारात्मक बदलाव होंगे। गौमाता हमारी दिनचर्या में गहराई से जुड़ी हुई हैं। उनका सम्मान हमारा नैतिक कर्त्तव्य है।
वरिष्ठ प्रचारक जुगल किशोर ने कहा कि यह दंडवत यात्रा श्री केदारनाथ गौसेवा समिति के तत्वावधान में निकाली जा रही है। इसके उद्देश्यों में गौ तस्करी और कत्लखानों की समाप्ति के लिए कठोर कानून बनाने की मांग शामिल है। इसके अलावा, स्कूली पाठ्यक्रमों में गौ-महिमा और गौ सेवा के महत्व को शामिल करने तथा दुग्ध उत्पादों, पंचगव्य औषधियों और अन्य गौ-आधारित उत्पादों पर जीएसटी छूट की मांग की गई है। गौशालाओं को थेरेपी सेंटर के रूप में विकसित करने और उन्हें मिलने वाले दान को टैक्स फ्री रखने का भी विषय उठाया गया है। इन विषयों पर सरकार को विचार करना चाहिए।