दिल्ली दंगेः पुलिस पर बरसा HC, मामला मुस्लिम युवक से जबरन राष्ट्रगान गवाने का 

मुस्लिम युवक से जबरन राष्ट्रगान गवाने
द न्यूज 15 
नई दिल्ली। जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने पुलिस की सीलबंद रिपोर्ट पर नाखुशी जताते हुए कहा कि वायरल वीडियो में 5 युवक दिख रहे हैं। लेकिन पुलिस को दो साल बीतने के बाद भी इतना समय नहीं मिला कि उनमें से जो बचे हैं उनके बयान दर्ज किए जाते। दिल्ली दंगे से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। गवाहों के बयान दर्ज न करने पर कोर्ट ने कहा कि आपके पास सारी दुनिया घूमने की फुर्सत है लेकिन उन लोगों के बयान दर्ज करने का समय नहीं है जिन लोगों ने अपराध को होते देखा था। जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने पुलिस की सीलबंद रिपोर्ट पर नाखुशी जताते हुए कहा कि पुलिस की कार्यवाही को देखने के बाद इसका कोई मतलब नहीं है। कोर्ट का कहना था कि हमने तो ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया था।
2020 में हुए दिल्ली दंगों के दौरान सामने आए एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी जमीन पर पड़े कुछ घायल युवकों से राष्ट्रगान गाने की कहते दिख रहे थे। घायलों में से एक फैजान की मौत हो चुकी है। उनकी मां का कहना है कि पुलिस कस्टडी में बेरहमी से पीटे जाने और समय पर इलाज न मिलने से उनकी जान गई है। इस वीडियों में पांच युवक घायल हालत में ज़मीन पर लेटे हुए हैं और राष्ट्रगान गाते दिखाए दे रहे हैं। इन लोगों के चारों ओर कम से कम सात पुलिस वाले हैं। ये पांचों युवक कर्दमपुरी मोहल्ले और उससे लगी हुई कच्ची कॉलोनी के ही रहने वाले हैं। वहां मौजूद दो पुलिसकर्मी उनके चेहरे की ओर लाठी ले जाते हुए कहते हैं कि अच्छी तरह गा। इस वीडियो में पुलिस इन्हें बुरी तरह से पीटती दिख रही है। कर्दमपुरी निवासी 23 वर्षीय फैजान की अब मौत हो चुकी है। दिल्ली के गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में फैजान को बीते 27 फरवरी को मृत घोषित कर दिया गया था। फैजान की मां किस्मातन ने हाईकोर्ट में याचिका देकर आरोप लगाया था कि पुलिस सारे मामले को दबाने की कोशिशों में लगी है।
जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने पुलिस की सीलबंद रिपोर्ट पर नाखुशी जताते हुए कहा कि वायरल वीडियो में पांत युवक दिख रहे हैं। लेकिन पुलिस को दो साल बीतने के बाद भी इतना समय नहीं मिला कि उनमें से जो बचे हैं उनके बयान दर्ज किए जाते।
मां का आरोप है कि फैजान को बेरहमी से पीटने के बाद गैरकानूनी हिरासत में रखा गया था। उसका इलाज भी नहीं कराया गया जिससे उसकी हिरासत में ही मौत हो गई थी। मां ने सारे मामले की कोर्ट की देखरेख में जांच कराने की मांग की है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख तय की।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *