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Delhi MCD : मेयर पद छोड़ स्टैंडिग कमेटी के चैयरमेन पर स्टैंड ले रही बीजेपी! 

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केजरीवाल को काम न होने का कोई मौका नहीं देना चाहते हैं बीजेपी ने नेता, स्टैडिंग कमेटी पर कब्ज़ा कर वित्तीय मोर्चे को कब्जाने की है रणनीति 

इसे बीजेपी का आम आदमी पार्टी के सामने आत्मसमर्पण कहें, इसे बीजेपी का जोड़ तोड़ की राजनीति के आरोपों से बचने का प्रयास कहें या फिर मेयर पद छोड़ स्टैंडिग कमेटी में चैयरमेन बनाने की कवायद कि बीजेपी कि मेयर पद मामले में बीजेपी ने टर्न ले लिया है। दिल्ली एमसीडी में आम आदमी पार्टी से हार पर अपना मेयर बनाने का दावा करने वाली बीजेपी ने अचानक मेयर पद पर चुप्पी साध ली है। समीकरण अपने पक्ष न होते देख बीजेपी के अब स्टैंडिंग कमेटी पर फोकस करने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि बीजेपी नेता अब मेयर पद आम आदमी पार्टी को बनाने का मौका देते हुए अब स्टैंडिंग कमेटी को कब्जाने में लग गए हैं।

जहां तक मेयर बनने की बनने की बात है तो बीजेपी के पास 104 पार्षद, 7 सांसदों के वोट हैं। कांग्रेस उसके साथ नहीं आ सकती है। यदि वह तीन निर्दलीय विधायक अपने साथ ले भी लेती है तब भी उसका काम नहीं बन रहा है। वैसे भी तीन निर्दलीयों में दो मुस्लिम हैं जो किसी भी हालत में बीजेपी को वोट नहीं करेंगे। ऐसे में बीजेपी का मेयर बनता नहीं दिखाई दे रहा है। हालांकि एमसीडी चुनाव में दल बदल कानून लागू नहीं होता है। गुप्त मतदान में कुछ भी हो सकता है।
क्रॉस वोटिंग हो सकती है पर वह होती नहीं दिख रही है। ऐसे में बीजेपी की समझ में शायद आ गया है कि उसका खेल नहीं बन रहा है। यही वजह है कि अब उसने स्टैंडिंग कमेटी पर कब्ज़ा करना की रणनीति बनाई है।
दरअसल दिल्ली एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी बहुत पावरफुल मानी जाती है। एमसीडी के सभी वित्तीय निर्णय स्टैंडिंग कमेटी में होते हैं। यदि स्टैंडिंग कमेटी पर यदि बीजेपी का कब्ज़ा हो जाता है तो एमसीडी में वह आम आदमी पार्टी पर बहुत कुछ हद तक अंकुश लगा सकती है। वैसे भी बीजेपी केजरीवाल को उसके किये गए वादों को निभाने में कोई बहाना बनाने का मौका नहीं देना चाहती है। मतलब बीजेपी एससीडी में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने की रणनीति बना रही है।
जब आम आदमी पार्टी का विधायक होगा, पार्षद होगा और मेयर भी होगा तो केजरीवाल के कूड़े के पहाड़ों को हटाने, दिल्ली को साफ सुथरा बनाने और दिल्ली का विकास करने के वादों को निभाने से बचने का मौका बीजेपी नहीं देना चाहती है। जहां तक बीजेपी के समीकरण की बात है तो स्टैंडिंग कमेटी में 18 सदस्य होते हैं जिनमें 12 जोन के होते हैं। जॉन के 12 सदस्यों में 4 में बीजेपी कम्फर्ट जोन में है और तीन में भी वह अपना होल्ड कर सकती है। सदन के छह में से 2 बीजेपी के हो सकते हैं। ऐसे में स्टैंडिंग कमेटी पर कब्ज़ा करने के लिए बीजेपी को 10 सदस्य चाहिए। ऐसे में वह 10 सदस्य अपने बनाकर स्टैंडिंग कमेटी पर कब्ज़ा कर सकती है। दिल्ली में एमसीडी बड़ी पावर फुल होती है। सारे वित्तीय निर्णय स्टैंडिंग कमेटी लेती है।