दिल्ली नगर निगम चुनाव की इकलौती ट्रांसजेंडर उम्मीदवार बॉबी किन्नर जीत चुकी हैं। आम आदमी पार्टी ने उन्हें सुल्तानपुरी अ वार्ड 43 से अपना प्रत्याशी बनाया था। दिल्ली के चुनावी इतिहास में पहली बार किसी किन्नर उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। दिल्ली में आप से पले किसी राजनीतिक दल ने किसी ट्रांसजेंडर को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया था। बॉबी इससे पहले साल 2017 में निर्दलीय नगर निगम का चुनाव लड़ रही थीं पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
कौन हैं बॉबी ?
एमसीडी चुनाव में जीत हासिल करने वाली बॉबी का शुरुआती जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा है। उन्हें बचपन में बहुत परेशान किया जाता था। 14-15 साल की उम्र में उन्हें ट्रांसजेंडर समुदाय के एक गुरु ने अपना लिया। आज सुल्तानपुर माजरा के निवासी बॉबी को प्यार से बॉबी डार्लिंग कहते हैं।
38 वर्षीय बॉबी ने बातचीत करते हुए कहा था कि मैंने अपने जीवन में अपमान का सामना किया है। लेकिन मैंने कभी सपना देखना नहीं छोड़ा। मुझे उम्मीद है कि मेरे जैसे ट्रांसजेंडर लोगों को एक दिन समाज में सम्मान जरूर मिलेगा। मुझे पता है कि ट्रांसजेंडर लोगों को अभी भी हेय दृष्टि से देखा जाता है। बहुत कुछ किया जाना है लेकिन यह पहला कदम है।
शादी में नाचती थी बॉबी
बॉबी पहले शादियों में डांस किया करती थीं। बाद में वह सामाजिक कायर्कर्ता बन गईं और अब राजनीति में अपनी राह बना रही हैं। अपने सफर को याद करते हुए बॉबी कहती हैं कि स्कूल में मुझे परेशान किया जाता था। मेरे माता-पिता मुझसे प्यार करते थे लेकिन वह भी समाज के दबाव में आ गये। जब मैं लगभग 14-15 साल की थी तो मुझे मेरे गुरु अपने पास ले आए। वह अब इस दुनिया में नहीं है। उन्होंने मुझे रहने की जगह और प्यार दिया। मुझे अपने जैसे लोग मिले। मुझे घर जैसा महसूस हुआ।
शुरुआती दिनों में बॉबी शादियों और जन्मदिनों में नाचती गाती थीं। 21-22 साल की होने पर वह एक एनजीओ से जुड़ गईं। वहीं उन्होंने पढ़ना लिखना सीखा। यहीं से उनके सामाजिक कार्यकर्ता बनने की शुरुआत हुई। वह वंचित बच्चों और ट्रांजेंर्ड्स के लिए काम करने लगीं।
सुल्तानपुर इलाके में हुआ जन्म
बॉबी का जन्म और पालन पोषण सुल्तानपुर इलाके में हुआ था। वह अब भी अपनी मां से संपर्म में हैं। वह कहती हैं कि मेरी मां ने हमेशा मुझसे प्यार किया और अब भी करती हैं। मेरा एक छोटा भाई है, जो प्राइवेट नौकरी करता है। मेरे पिता एक छोटा ढाबा चलाया करते थे। अब वह नहीं रहे। मेरी मां ने छोटे मोटे काम करके हमारा पालन पोषण किया था। मैं अभ भी उनसे मिलती हूं और उनके साथ समय बिताती हूं।