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Delhi Mayor Election : शैली ओबेरॉय बनीं दिल्ली की मेयर, रेखा गुप्ता को 34 वोटों से हराया 

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चौथी बार शांतिपूर्ण तरीके से हुआ मेयर चुनाव, शैली ओबेरॉय आम आदमी पार्टी की होंगी पहली मेयर

आखिरकार दिल्ली को नया मेयर मिल गया है। आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार ने जबरदस्त जीत दर्ज करते हुए बीजेपी की उमीदवार रेखा गुप्ता को बुरी तरह से हरा दिया है। रेखा गुप्ता का अप्रत्याशित परिणाम आने का दावा भी गलत साबित हुआ है। हालांकि शैली ओबरॉय मात्र एक महीने के लिए ही मेयर चुनी गयी हैं। शैली ओबेरॉय ने 34 वोटों से जीत दर्ज की है। 150 वोट हासिल कर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल कर इतिहास बना दिया है। बीजेपी को 116  वोट मिले हैं।
दरअसल सिविक सेंटर में चुनाव तीन बार हंगामे की भेंट चढ़ जाने के बाद आखिर चौथी बार दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव शान्ति पूर्वक सम्प्पन्न हो गया है और बीजेपी के 15 साल की सत्ता का तख्ता पलट कर दिया गया है। आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय आम आदमी पार्टी की पहले मेयर होंगी। आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के चुनाव परिणाम आने से पूर्व ही ट्वीट कर जीत का ऐलान करने के तुरंत बाद हॉल में आम आदमी पार्टी ने जीत के नारे लगाने शुरू कर दिए थे। आप ने इसे दिल्ली की जनता की जीत बताया है।
दरअसल कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह 11 बजे से शुरू मेयर के लिए मतदान शुरू हो चुका था। बीजेपी की ओर से मेयर पद की प्रत्याशी रेखा गुप्ता समेत कई नेताओं और सांसदों ने कहा था कि चुनाव परिणाम चौंकाने वाले होंगे। बीजेपी नेताओं के इन बयानों ने आम आदमी पार्टी की धड़कने बढ़ा दी थी। बीजेपी के कई नेताओं कहा था कि आम आदमी पार्टी के कई पार्षद दिल्ली के विकास के नाम पर बीजेपी को वोट देंगे।
जहां तक क्रॉसिंग वोटिंग की बात है तो मात्र एक पार्षद ने ही क्रॉस वोटिंग किया है और दो निर्दलीय पार्षदों ने भी बीजेपी के पक्ष में ही वोट किया। 150 वोट हासिल कर आम आदमी पार्टी जीत कर इतिहास बना दिया। बीजेपी को 116  वोट मिले हैं। आम आदमी पार्टी इस इस जीत से उत्साहित है और उम्मीद कर रही है कि वह स्थाई समिति और डिप्टी मेयर का चुनाव भी आसानी से जीत लेगी। इस जीत के बाद आम आदमी पार्टी बीजेपी पर हमलावर है। इस जीत के बाद आम नेता सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस पर भी बीजेपी को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।
आम आदमी पार्टी का मेयर बनने के बाद अब बीजेपी स्टैंडिंग कमेटी को कब्जाने पर पूरा जोर लगाएगी। दरअसल दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति सबसे ज्यादा शक्तिशाली समिति मानी जाती है। यह चुनाव भी दोनों के लिए आसान नहीं है। स्थाई समिति समिति के लिए कुल 18 सदस्यों का चुनाव होना है। इन 18 सदस्यों में 6 सदन से चुनकर आते हैं और 12 जोन से एक एक सदस्य चुनकर आता है। देखने की बात यह है कि एलजी वीके सक्सेना ने तीन ज़ोन में बीजेपी से जुड़े नेताओं को पार्षद मनोनीत कर बीजेपी को लाभ पहुंचाया है। बावजूद इसके यहाँ मुकाबला दोनों के लिए आसान नहीं है।

मेयर चुनाव के बाद अब डिप्टी मेयर और स्थाई समिति के चुनाव करने की जिम्मेदारी मेयर शैली ओबेरॉय की है। डिप्टी मेयर के बनने में आम आदमी पार्टी को कोई दिक्कत आती नजर नहीं आ आ रही है पर स्टैंडिंग कमेटी के लिए तगड़ा मुकाबला होगा।
दरअसल सदन में कुल 274 वोट हैं। इनमें 250 पार्षद , 7 लोकसभा और 3 राज्यसभा सांसद , 14 विधायक हैं। अगर इनमें एलजी साहब द्वारा नियुक्त 10 निगम पार्षद भी जोड़ दिए जाएं तो संख्या 284 हो जाती है।

274 वोटों की संख्या पर बहुमत का आंकड़ा 137 है। यदि कॉग्रेस गैर हाज़िर रहती ही तो बहुमत
274-9 = 265 बहुमत – 133 पर बनता है। ऐसे में बीजेपी के पास है – 105 + 7 सांसद  = 112 बनते हैं। ऐसे में बीजेपी को 21 वोट चाहिए। यदि कांग्रेस ने समर्थन दे दिया तो क्या होगा ?
उस स्थिति में बीजेपी को 16 वोट ही चाहिए।