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Delhi Excise Policy : मनी लांड्रिंग मामले को लेकर एक्शन में ईडी, दिल्ली समेत 25 जगहों पर छापेमारी

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दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के निर्धारण और कार्यान्वयन में घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की। प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली आबकारी नीति मनी लांड्रिंग मामले में राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 25 स्थानों पर छापेमारी की। इस मामले में फिलहाल अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।
ईडी ने दिल्ली में 25 से ज्यादा लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान शहर के कई बड़े शराब कारोबारियों के आवास समेत अन्य ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की। इसके अलावा पटना के शिवपुरी और पटेलनगर इलाके में बिल्डर गब्बू सिंह के परिसरों पर भी केंद्रीय एजेंसी द्वारा छापेमारी की जा रही है। गब्बू सिंह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन) सिंह के करीबी सहयोगी हैं। पहले भी ईडी ने की थी रेड ज् इससे पहले 7 अक्टूबर को भी दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद में 35 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा था। वहीं 16 सितम्बर को ईडी ने दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, हैदराबाद, नेल्लोर और चेन्नई समेत देशभर में 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान अकेले हैदराबाद में ही २५ ठिकानों पर सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की रेड पड़ी थी। इस दौरान अकेले हैदराबाद में ही 25 ठिकानों पर सेंट्रल इन्वेस्टिीगेशन एजेंसी की रेड पड़ी थी। दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 क्रियान्वयन में अनियमितताओं के लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया गया था। वहीं दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाले के आरोपी विजय नायर को 20 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। नायर आदमी आदमी पार्टी के संचार प्रभारी हंै। उन्हें दिल्ली सरकार की आबकारी नीति से संबंधित अनियमितताओं में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई की एफआईआर आधारित है केस ज् ईडी का आबकारी नीति से जुड़ा मनी लॉ्ड्रिरंग मामला सीबीआई की एक एफआईआर पर आधारित है, जिसमें दिल्ली के उप राज्यपाल मनीष सिसोदिया और कुछ अफसरों को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है। सीबीआई ने 19 अगस्त को इस मामले में सिसोदिया, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण के दिल्ली स्थित आवास पर रेड की थी। इसके अलावा सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 19 अन्य स्थानों पर छापे मारे गये थे।