Site icon

यूनाइटेड पेरेंट्स वॉयस के प्रतिनिधिमंडल ने की देवेंद्र यादव से भेंट 

नई दिल्ली। यूनाइटेड पेरेंट्स वॉयस के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के चिंतित अभिभावकों का एक साझा मंच है ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव से भेंट की। अभिभावकों ने आग्रह किया कि प्रस्तावित शिक्षा विधेयक को सीधे विधान सभा में प्रस्तुत न किया जाए। उन्होंने मांग की कि पहले लागू होने वाले अध्यादेश को तत्काल स्थगित किया जाए, क्योंकि वर्तमान में लागू दिल्ली स्कूल शिक्षा नियमावली (DSER), 1973 पर्याप्त है, जिसे यदि आवश्यक हो तो संशोधित किया जा सकता है।

अभिभावकों ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी नए विधेयक का मसौदा पहले सार्वजनिक किया जाना चाहिए, ताकि प्रमुख हितधारकों विशेष रूप से अभिभावको से सुझाव और राय ली जा सके।  उन्होंने यह भी प्रश्न उठाया कि जब दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 के तहत पहले से ही फीस वृद्धि का प्रावधान मौजूद है, तो नए विधेयक की आवश्यकता क्या है?

अभिभावकों ने शिक्षा के व्यवसायीकरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की और बताया कि कई स्कूल किताबें (स्वयं या साझेदार प्रकाशकों के माध्यम से), यूनिफॉर्म, स्टेशनरी तथा खाने पीने की बिक्री कर, स्कूल की खेल सुविधाएं किराए पर देकर एवं मैनेजमेंट कोटा के माध्यम से अत्यधिक मुनाफा कमा रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि किसी भी तरह की फीस वृद्धि से पहले संबंधित स्कूलों का कैग (CAG) और फोरेंसिक ऑडिट सरकार द्वारा करवाया जाना चाहिए। यदि यह ऑडिट स्कूल की वित्तीय आवश्यकता को सिद्ध करता है, तो अभिभावकों को कोई आपत्ति नहीं होगी। साथ ही, अगर किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) द्वारा जानबूझकर स्कूल के खातों में हानि दर्शाकर गलत ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है, तो उसकी सीए की लाइसेंस तत्काल निरस्त की जानी चाहिए।

अभिभावकों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार यह विधेयक ज़बरदस्ती लाती है और अभिभावकों से कोई सलाह नहीं ली जाती, तो वे सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करेंगे और इसे रोकने के लिए सभी संवैधानिक और लोकतांत्रिक विकल्पों का उपयोग करेंगे। यह भी चिंता का विषय है कि अभी तक न तो प्राइवेट अनएडेड स्कूल एक्शन कमेटी और न ही निजी स्कूलों ने अध्यादेश/विधेयक पर आपत्ति जताई है, जिससे यह पुष्टि होती है कि यह विधेयक उन्हीं के हित में तैयार किया गया है, न कि अभिभावकों के।

देवेंद्र यादव ने आश्वासन दिया कि वे अभिभावकों की आवाज़ को मजबूती से उठाएंगे। उन्होंने कहा कि वे इस विषय पर दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल को पत्र लिखेंगे तथा अन्य मंचों पर भी इस विषय को पुरजोर तरीके से उठाएंगे। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ कुछ अभिभावकों का मुद्दा नहीं है, बल्कि हर दिल्लीवासी के घर का मामला है। मुझे कांग्रेस नेतृत्व ने हर दिल्लीवासी की आवाज़ उठाने की जिम्मेदारी दी है और मैं एक बेटे और भाई के रूप में हर नागरिक की सेवा करता रहूंगा।”

इस बैठक में पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. नरेंद्रनाथ और डॉ. किरण वालिया भी उपस्थित थे। उन्होंने बच्चों पर हो रहे मानसिक और आर्थिक शोषण को गंभीरता से समझा और अभिभावकों के दर्द को महसूस करते हुए कांग्रेस पार्टी की ओर से हर स्तर पर पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
यूनाइटेड पेरेंट्स वॉयस के प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे: महेश मिश्रा, सुमित जैन, विपुल जैन, हितेश कौशिक, गीत सेठी, अतुल रहेजा और संजय माथुर।

Exit mobile version