गुरुग्राम| मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के गुरुग्राम में सार्वजनिक जगहों पर जुमे की नमाज को लेकर हाल ही में सख्त रुख दिखाते हुए कहा था कि खुले में नमाज बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हालांकि शुक्रवार को इसका कोई असर देखने को नहीं मिला और शहर में भारी पुलिस तैनाती के बीच छह स्थानों पर नमाज अदा की गई।
10 दिसंबर को, गुरुग्राम की अपनी यात्रा के दौरान, खट्टर ने जोर देकर कहा था कि खुले में नमाज पढ़ना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और मामले का एक सौहार्दपूर्ण समाधान नए सिरे से खोजा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार ने कुछ निश्चित स्थलों पर जुमे की नमाज अदा करने की अनुमति वापस ले ली है। उन्होंने कहा था कि सार्वजनिक तौर पर नमाज अदा करने से झड़पें हो रही हैं और ऐसा नहीं होना चाहिए।
इससे पहले, हिंदू और मुस्लिम संगठनों ने खुली जुमे की नमाज के लिए 18 नई साइटों पर सहमति व्यक्त की थी, जिसमें 12 मस्जिद, दरगाह, वक्फ बोर्ड की संपत्ति और छह सार्वजनिक क्षेत्र शामिल हैं।
गुरुग्राम इमाम संगठन के सदस्य तोहरीक अहमद ने आईएएनएस से कहा, “लीजर वैली मैदान में लंबे समय तक 1,500 से 2,000 लोग नमाज अदा करते रहे हैं। यह साइट इमाम संगठन और संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति द्वारा अनुमोदित छह में से एक निर्दिष्ट साइट है। हालांकि, अगर कोई आपत्ति उठाता है तो हम अन्य समाधान खोजेंगे।”
उन्होंने कहा, “हम मुस्लिम समुदाय से नमाज अदा करने के बाद मौके से निकलने का अनुरोध करते हैं, अपने वाहन सड़क पर नहीं बल्कि नमाज स्थल के पास पार्क करें।”
इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य ने फोन पर बताया कि यह काफी चौंकाने वाला है कि खट्टर की घोषणा के बावजूद खुले में नमाज अदा की जा रही है।
उन्होंने कहा, “जिला प्रशासन को मामले का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालना चाहिए।”
संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के प्रवक्ता राजीव मित्तल ने कहा, “अगर शुक्रवार की नमाज गुरुग्राम में कहीं भी खुले में पढ़ी जाती है, तो यह हरियाणा के मुख्यमंत्री की घोषणा का उल्लंघन है। हालांकि 12 मस्जिदों, दरगाहों, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के अलावा, शुक्रवार की नमाज के लिए छह निजी स्थान आवंटित किए गए थे, लेकिन इसे सरकार की ओर से वापस ले लिया गया था। हम इस मुद्दे को राज्य सरकार के समक्ष उठाएंगे।