पटना | ब्यूरो।
बिहार सचिवालय स्पोर्ट्स फाउंडेशन और केंद्रीय सिविल सेवा सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा बोर्ड, भारत सरकार के मार्गदर्शन में आयोजित ‘अखिल भारतीय असैनिक सेवा संगीत, नृत्य एवं लघु नाट्य प्रतियोगिता 2024-25’ के चौथे दिन का आयोजन ऊर्जा ऑडिटोरियम, राजवंशी नगर, पटना में हुआ। संगीत, नृत्य और नाट्य की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
संस्कृति का अनूठा संगम:
प्रतियोगिता की शुरुआत ‘कर्नाटक क्लासिकल वोकल’ से हुई, जिसमें प्रतिभागियों ने आदिदेव शंकर और विष्णु के विभिन्न अवतारों का सुंदर बखान किया। उनकी कर्णप्रिय प्रस्तुतियों से श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए।
इसके बाद ‘कर्नाटक लाइट क्लासिकल वोकल’ में प्रतिभागियों ने देवी-देवताओं की स्तुति को संगीतबद्ध कर प्रस्तुत किया, जिसने कार्यक्रम की आध्यात्मिकता को और गहराई दी।
‘फोक सॉन्ग सोलो’ प्रतियोगिता में 20 प्रतिभागियों ने लोकगीतों के माध्यम से सामाजिक संघर्ष, ऐतिहासिक घटनाओं और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को प्रस्तुत किया। दिल्ली की प्रतिभागी गरिमा ने असहयोग आंदोलन में स्त्रियों की सहभागिता पर आधारित प्रस्तुति दी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
सबसे अधिक तालियां ‘फोक सॉंग ग्रुप’ प्रतियोगिता में बटोरी गई, जिसमें देशभर के 17 समूहों ने भाग लिया। जब विभिन्न राज्यों के प्रतिभागी अपने पारंपरिक परिधानों में मंच पर आए, तो पूरा ऑडिटोरियम भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक बन गया।
कार्यक्रम को मिली सराहना:
संयोजक प्रदीप कुमार खन्ना (सीसीएससीएसबी, डीओपीटी) ने बताया कि आयोजन सुचारू रूप से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। सभी प्रतिभागियों को बेहतरीन सुविधाएं दी जा रही हैं, और वे बिहार के आतिथ्य से बेहद प्रसन्न हैं।
आगे भी जारी रहेगा सांस्कृतिक सफर
कार्यक्रम के अगले चरणों में भी संगीत, नृत्य और नाट्य की शानदार प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगी। इस प्रतियोगिता ने बिहार को भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में एक नई पहचान दी है।
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