बाबा सिद्धनाथ को जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

राम विलास

राजगीर। सोमवार को सावन का पवित्र महीना आरंभ हो गया है। सावन के पहले ही दिन सोमवार पड़ने से शिवभक्तों में भारी उत्साह है। 21 वीं सदी में निर्मित शिवालयों से लेकर द्वापरयुगीन शिवालयों में जलाभिषेक के लिए भीड उमड़ती रही है। भक्तों के अनुसार सावन में सोमवार भगवान भोले का सबसे प्यारा दिन माना जाता है। मगध साम्राज्य की ऐतिहासिक राजधानी राजगीर में वैभारगिरी पहाड़ी की चोटी पर द्वापरयुगीन बाबा सिद्धनाथ के मंदिर में सावन की पहली सोमवारी को जलाभिषेक के लिये शिवभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ी।

सुबह से ही श्रद्धालु जलार्पण करने के लिये हजारों की संख्या में जमा हो गये। यह सिलसिलस शाम तक जारी रहा। जंगल और वैभारगिरी पहाड़ी का पूरा इलाका हर हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। पूरा मंदिर परिसर बोल बम के नारों से गुंजायमान हो उठा। बाबा सिद्धनाथ का वही मंदिर है, जहां मगध सम्राट जरासंध देवाधिदेव महादेव की पूजा आराधना करते थे। यह मंदिर उन्हीं के द्वारा स्थापित किया गया है।

सूत्रों के अनुसार शिवभक्त चार बजे सुबह से ही सुप्रसिद्ध ब्रह्मकुंड में स्नान करने के बाद सप्तधारा से गर्मजल लेकर बाबा सिद्धनाथ के द्वार पहुंचने लगे। श्रद्धालु गर्मजल भरकर पूरे भक्ति भाव के साथ 565 सीढ़ियों को चढ़कर हर-हर महादेव, बोल बम, बोल बम का जयकारा लगाते हुए वैभारगिरी पहाड़ी की चोटी पर पहुंचे। वहां सुरम्य प्राकृतिक वातावरण में नारियल फोड़कर, बेलपत्र, अक्षत, चंदन,फूल, फल, चढ़ाकर पूजा-अर्चना करने के बाद देवाधिदेव महादेव का जलाभिषेक किया। इसके अलावे शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के शिवालयों में भी श्रद्धालुओं द्वारा भक्तिभावना के साथ पूजा अर्चना और जलाभिषेक किया गया।

राजगीर शहर के गढ़ महादेव मंदिर, अभिनव वैद्यनाथ महादेव मंदिर, थानेश्वर, ब्रह्मकुंड, सूर्यकुण्ड, बड़ी संगत, देवी स्थान, काली बाड़ी, मार्क्सवादी नगर, पंडितपुर, गांधी आश्रम, नईपोखर, लहुआर, हसनपुर, मालीटोला, गोरौर, दशरथ किला, छबिलापुर, मेयार, नाहुब, नीमापुर, नेकपुर, आयुध निर्माणी, हाटकेश्वर, बंगालीपाड़ा, त्रिदण्डी आश्रम समेत अन्य इलाकों व गांवों के मंदिरों में भक्तों ने पूजा कर जलाभिषेक किया। श्रद्धालु महिला, पुरुष, युवक- युवतियां अपने- अपने नजदीकी शिवालयों में बाबा भोले शंकर पर बेलपत्र, चंदन, दूध, फूल, धतूरा, गांजा, भांग आदि चढ़ाकर पूजा- अर्चना कर मंदिरों की परिक्रमा की। साथ ही अपने और अपने परिवार की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।

भक्तों ने कहा कि देवाधिदेव महादेव के पूरे साल के सोमवार के दिन भोलेनाथ के लिए बहुत ही प्रिय दिन माना जाता है। जो भक्त भोलेनाथ का पूरे साल सोमवार को जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करते हैं, वैसे लोगों को कभी कठिनाइयों का सामना करना नहीं पड़ता है।

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