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सोलर सिस्टम से सिंचाई करने पर लागत लगभग शून्य : डा अंबरीश कुमार।

 

कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए लगातार अग्रसर 

 

समस्तीपुर पूसा डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत अवस्थित कृषि अभियंत्रण एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा अंबरीश कुमार के देखरेख में वैज्ञानिकों की एक टीम ने चकहाजी गांव का भ्रमण किया। जिसका उद्देश्य सोलर सिस्टम से सिंचाई प्रबंधन करना है। भ्रमण के दौरान डॉ एस के पटेल, डॉ आर के तिवारी यह वैज्ञानिक सह प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली साथ रहे।

भ्रमण के दौरान अधिष्ठाता डा कुमार ने विभिन्न किसान जिनके पास सोलर बेस्ट इरिगेशन सिस्टम का पूरा यूनिट मौजूद है उनसे विभिन्न प्रकार की तकनीकी जानकारी साझा की। किसानों के द्वारा इस सिस्टम को किसानों के हितकारी बताया गया और साथ ही साथ इसमें और विकास के लिए विश्वविद्यालय से तकनीकी सहयोग की भी गुजारिश की गई। बातचीत के दौरान किसानों के द्वारा यह बताया गया कि चकहाजी, चंदौली, मोरसंड एवं कैजिया के गांव में लगभग 30 सिस्टम कार्यरत हैं जिससे आज के समय में पूरा का पूरा सिंचाई का कार्य किया जाता है और डीजल पंपिंग सेट जो पहले सिंचाई का कार्य होता था आज के समय में पूरी तरह से उन गांव से खत्म हो चुका है इसका मतलब इन गांवों के किसान कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए लगातार अग्रसर है। सोलर सिस्टम से सिंचाई करने पर सिंचाई लागत भी लगभग शून्य हो जाता है तथा जिनके पास यह सिस्टम उपलब्ध है उनको साल में एक अच्छा इनकम प्राप्त हो रहा है।

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