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एनएच-227 के निर्माण से सीतामढ़ी से अयोध्या तक की कम होगी दूरी

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 नरहिया तक फोरलेन की तैयारी

 पटना/ब्यूरो। केंद्र और राज्य सरकार बिहार में सड़कों का जाल बिछा रही है। दोनों सरकारों का पूरा फोकस सड़कों पर है। दोनों सरकारों ने फिलहाल उस लंबी सड़क पर ध्यान केंद्रित कर रखा है, जो मां जानकी की धरती सीतामढ़ी से सीधे भगवान राम की जन्म धरती अयोध्या तक जाने वाली है। इस सड़क का नाम है एनएच-227, जो बिहार के कई जिलों से गुजरते हुए अयोध्या तक जाएगी। कहा जा रहा है कि उक्त एनएच के बन जाने पर अयोध्या की सीतामढ़ी समेत अन्य जिलों से दूरी कम हो जाएगी।
एनएच 104 से भी एनएच 227 जुड़ा हुआ है। इसका निर्माण कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है। सीतामढ़ी जिला के नेपाल बॉर्डर पर स्थित भिट्ठामोड़ से मधुबनी जिला के नरहिया तक एनएच 227 को फोरलेन में तब्दील किया जाना है। इसके लिए डीपीआर बन चुका है। इस डीपीआर पर जन परामर्श के लिए डीएम रिची पांडेय ने बैठक बुलाई थी, जिसमें जनप्रतिनिधि/अभियंताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
फिलहाल भिट्ठामोड़ से सीतामढ़ी जिला की सीमा पर स्थित चोरौत प्रखंड की दूरी 12 किलोमीटर है, जो इस एनएच 227 के बन जाने पर उक्त दूरी घटकर करीब 9.6 किमी हो जाएगी। इस एनएच की लंबाई 240 किमी है। यह सड़क बिहार के सीतामढ़ी, छावनी, बड़हलगंज, बरहज, मैरवा, सीवान और चकिया होते हुए अयोध्या तक जाएगी। जानकारों का कहना है कि एनएच के निर्माण से सिर्फ आवागमन सुलभ नहीं होगा, बल्कि रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे।
उक्त बैठक में स्थानीय सांसद देवेश चंद्र ठाकुर, नगर विधायक मिथिलेश कुमार, डीएम रिची पांडेय, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी विकास कुमार, कार्यपालक अभियंता, राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, जयनगर के आलावा आरसीडी एवं आरडब्ल्यूडी के पदाधिकारी भी उपस्थित थे। डीपीआरओ कमल सिंह ने बताया कि सांसद एवं विधायक ने भी एनएच 227 के विस्तार पर अपने विचार व्यक्त किए है।