
-बिहार की सियासत में हलचल
-नीतीश पर साधा निशाना -ईवीएम पर उठाए सवाल
-चिराग और निशिकांत दुबे पर भी किया प्रहार
पटना।दीपक कुमार तिवारी।
बिहार की राजनीति में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने सोमवार को बड़ा राजनीतिक बयान देते हुए कहा कि महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव ही चेहरा होंगे। सिंह ने दावा किया कि हाल ही में हुई इंडिया गठबंधन (महागठबंधन) की बैठक में सभी घटक दलों ने तेजस्वी को सर्वसम्मति से नेता के रूप में स्वीकार किया है।
“तेजस्वी ही महागठबंधन का चेहरा”
जब सिंह से यह पूछा गया कि कांग्रेस के कुछ नेता तेजस्वी के नाम पर सहमत नहीं हैं, तो उन्होंने इन बातों को पूरी तरह नकारते हुए कहा, “सब बेकार की बातें हैं। अब तो महागठबंधन की बैठक में सभी दलों ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। गठबंधन में दूसरा कोई चेहरा नहीं है।”
हालांकि, इस बैठक के दिन कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने मीडिया से कहा था कि तेजस्वी यादव को समन्वय समिति का नेता चुना गया है और मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर बाद में फैसला लिया जाएगा।
नीतीश कुमार पर तीखा हमला:
कांग्रेस सांसद ने जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार सिर्फ़ सत्ता की लालसा में बीजेपी के साथ गए हैं। पहले महागठबंधन में अपनी कुर्सी बचाने आए थे और अब वही मकसद बीजेपी के साथ भी है।”
चिराग पासवान और निशिकांत दुबे पर भी निशाना:
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा कि जो भी सामाजिक जीवन से जुड़ा है, उसे बिहार की चिंता करनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने माना कि राज्य कई मामलों में पिछड़ चुका है और अब उसे एक नई दिशा देने की जरूरत है।
वहीं, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “उन्होंने सार्वजनिक मर्यादा का उल्लंघन किया है। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।”
ईवीएम पर उठाए सवाल, बैलेट बॉक्स की वकालत:
चुनावों में ईवीएम को लेकर उठते सवालों पर कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी के रुख का समर्थन किया और कहा कि चुनाव बैलेट बॉक्स से कराए जाने चाहिए। “ईवीएम को लेकर कई बार गड़बड़ी की शिकायतें आ चुकी हैं। ऐसे में पारदर्शिता के लिए बैलेट सिस्टम पर लौटना चाहिए।”
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग को बताया असंवैधानिक:
सिंह ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह भाजपा द्वारा सत्ता में न आने की हताशा का परिणाम है। उन्होंने इसे असंवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया।