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कांग्रेस की कलहः ‘G-23’ पर भड़के खुर्शीद- जो कर रहे शिकायत, वे नहीं बता रहे क्या हुआ लाभ, सिब्बल पर गहलोत ने निकाली भड़ास

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द न्यूज 15 
नई दिल्ली । पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य सलमान खुर्शीद ने मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल की इस टिप्पणी पर कि “उन्हें नेतृत्व की भूमिका से हटकर किसी अन्य व्यक्ति को पार्टी का नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए” गांधी परिवार का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पार्टी ‘विचारों के संकट’ का सामना कर रही है न कि नेतृत्व के संकट का। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने भी कपिल सिब्बल के विचारों से असहमति जताई।

उन्होंने कहा कि यह तर्क कि पार्टी के प्रदर्शन में कमियां केवल इसलिए हैं क्योंकि “हमारे पास सही नेता नहीं है, स्वीकार्य नहीं है।” उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “आज हम जिस संकट का सामना पार्टी और देश में कर रहे हैं, वह नेतृत्व का संकट नहीं है। यह विचारों का संकट है। हमारे शरीर के टुकड़े अलगकर विचारों का संकट नहीं दूर किया जा सकता है। किसी विचार पर सहमति से विचारों का संकट टलेगा। कांग्रेस की विरासत का विचार क्या है? आइए हम उस पर सहमत हों और हममें से प्रत्येक को खुद से पूछने दें। क्या हम बात करने से पहले कांग्रेस की विरासत के विचार पर खरे उतरे हैं… नेताओं ने ऐसा नहीं किया है और न ही वैसा किया है।” यह पूछे जाने पर कि क्या नेतृत्व लोगों के सामने एक नया विचार पेश नहीं कर पाने के लिए जिम्मेदार नहीं है, उन्होंने कहा, “मैं आपको यह नहीं बता सकता कि नेतृत्व विचारों के संकट से कितना निपटना चाहता है और हम सब लोग और मैं स्वयं भी इसमें शामिल हैं … हम भीतर से बिगाड़ रहे हैं… क्योंकि हमारे अपने विचार हैं।  कोई नरम हिंदुत्व चाहता है, कोई समाजवाद चाहता है, कोई पूंजीवाद चाहता है, कोई चाहता है कि ‘मोदी पर हमला न करें’। तो, हम अपने नेतृत्व के प्रति निष्पक्ष कैसे हैं और मैं इसमें खुद को भी शामिल करता हूं … हम निष्पक्ष कैसे हैं?” जाहिर तौर पर सीडब्ल्यूसी सदस्यों को चुनने सहित सभी स्तरों पर चुनाव के लिए जी 23 नेताओं की मांग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “पार्टी को चुनाव कराने के लिए कहा गया था और पार्टी चुनाव कर रही है।” “वास्तव में, जो लोग कपिल सिब्बल से जुड़े थे, जिनसे कपिस सिब्बल जुड़े थे…. “जवाबदेही और चुनाव की मांग… जब चुनावों को आगे बढ़ाने (सीडब्ल्यूसी की बैठक में) का सुझाव दिया गया वे तब भी सहमत भी नहीं थे। उन्होंने कहा कि तारीखें तय हो गई हैं और उस तारीख को चुनाव होने दें… इसलिए संकट के समय में एकता भी एक महत्वपूर्ण गुण है। क्या उसका सम्मान किया जा रहा है या नहीं?” खुर्शीद ने कहा कि सिब्बल “दृष्टिकोण रखने के हकदार हैं, लेकिन हम उनके दृष्टिकोण के आधार पर यह तय नहीं करेंगे, चाहे वे कितने भी वरिष्ठ हों।” जी 23 नेताओं पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “आज शिकायत करने वाले कई लोग इस बारे में बात नहीं कर रहे हैं कि उन्हें सिस्टम से क्या फायदा हुआ है…।” उधर, राजस्थान के सीएम अशोक गहलौत ने भी कपिल सिब्बल के विचारों पर असहमति जताई। उन्होंने कहा कि “कपिल सिब्बल कभी भी कांग्रेसी विचारधारा के नहीं रहे हैं। उनको सोनिया गांधी के आशीर्वाद से बड़े पदों पर काम करने का अवसर मिला है शायद भी इसे भूल गए हैं।”