चरण सिंह
ऐसे ही पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने में समय नहीं लगा। ऐसे ही जवाब का नाम ऑपरेशन सिंदूर नहीं रखा गया ? एक रणनीति के तहत पहलगाम आतंकी हमले की भाषा में पाक को जवाब दिया गया है। आतंकियों धर्म पूछकर पुरुषों को मारा और महिलाओं से अपनी सरकार से बताने को कहा। भारत की ओर से हमले के जवाब में दो महिला जवानों ने मोर्चा संभाला। पुरुष आतंकियों को टारगेट किया गया। पाक को संदेश दिया गया है कि यह जवाब उन महिलाओं की ओर से है इनका आतंकियों ने सिंदूर उजाड़ा है।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने धर्म पूछकर आतंकियों से पुरुषों को मरवाया, जिससे भारत में हिन्दू मुस्लिम दंगे हों और पकिस्तान को पाक में रह रहे हिन्दुओं का उत्पीड़न करने का मौका मिले। मुनीर ने पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं के खिलाफ मुस्लिमों को भी उकसाया पर पाक की जनता मुनीर के उकसावे में नहीं आई। पाकिस्तान को कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह से ऑपरेशन की लीड इसलिए कराई गई, इससे भारत ने संदेश दिया है कि हमारे यहां हिन्दू और मुस्लिम के हैं। दोनों को कोई अलग नहीं कर सकता है। कर्नल सोफिया के तो दादा और पिता दोनों ही सेना में रहे हैं।
पाकिस्तान ने निहत्थे भारतीयों पर जिस तरह से आतंकी हमला कराया उसका जवाब जो दो वीरांगनाओं ने दिया उससे भारत ने संदेश दिया है कि भारत की महिलाओं को कमजोर न समझा जाए। वे पाकिस्तान में घुसकर भी मार सकती हैं। यह तो बात रही सरकार और सेना के संदेश की पर लोगों को भी समझना चाहिए कि देश सभी की वजह से आज़ाद हुआ है। जब हिन्दू और मुस्लिम दोनों ने एक ही थाली में खाना खाया तब जाकर देश आज़ाद हुआ। हिन्दू और मुस्लिम के साथ ही सिख और ईसाई सभी का देश के उत्थान में योगदान है।
आतंकी हमले के इस जवाब से उन लोगों को भी समझना होगा जो दिन भर हिन्दू मुस्लिम को लेकर नफरत का माहौल बनाने में लगे रहते हैं। वीर अब्दुल हमीद ने 1965 के युद्ध में पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया था। जो लोग सेकुलर शब्द को गाली देने लगे हैं उन लोगों को भी समझना होगा कि देश सेकुलर है और देश की ताकत भी भाईचारा और सभी धर्मों की एकता है। जरा सोचिए यदि सेना में जाति वाद और धर्मवाद पैदा हो गया तो देश का क्या होगा। हमारी सेना की ताकत ही यह है कि नेताओं की वोटबैंक की राजनीति सेना में नहीं घुस पाई है।