संशोधित मतदाता सूची से संबंधित दावे व आपत्ति 23 दिसंबर तक आमंत्रित : उपायुक्त

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संबंधित पुनरीक्षण अधिकारी द्वारा 27 दिसंबर को किया जाएगा निपटारा, 6 जनवरी 2025 को मतदाता सूची का होगा अंतिम प्रकाशन

करनाल (विसु)। उपायुक्त उत्तम सिंह ने बताया कि राज्य चुनाव आयोग हरियाणा के आदेशो की अनुपालना के तहत नगर पालिका तरावड़ी, नीलोखेड़ी, इंद्री व असंध की मतदाता सूची का संशोधित कार्य 16 दिसंबर को पूरा हो गया है।
उन्होंने बताया कि मतदाता सूची के प्रारंभिक प्रकाशन से संबंधित दावे व आपत्ति 17 दिसंबर से 23 दिसंबर 2024 तक आमंत्रित किए गए है। इसके उपरांत 27 दिसंबर को प्राप्त दावे व आपत्तियों का निपटारा संबंधित पुनरीक्षण अधिकारी द्वारा किया जाएगा तथा 31 दिसंबर तक पुनरीक्षण अधिकारी के निर्णय से संतुष्ट न होने पर उपायुक्त कार्यालय में अपील कर सकते हैं। जिनका 3 जनवरी 2025 को निपटारा कर दिया जाएगा। इसके उपरांत 6 जनवरी 2025 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हो जाएगा।

उपायुक्त उत्तम सिंह ने शीतलहर (कोल्ड वेब) सेे बचाव को लेकर की विशेष एडवाइजरी जारी।

सर्दी से बचने के लिए सावधानी बरतने की अपील।

करनाल, (विसु)। शीतलहर (कोल्ड वेब) से बचाव को लेकर सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त उत्तम सिंह ने विशेष एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने आम नागरिकों से शीतलहर व सर्दी से बचाव के लिए सावधानी बरतने की अपील की और कहा कि शीतलहर से बचाव के लिए इन बातों की पालना जरूर करें। इन दिनों जिले में शीत लहर चल रही है। इसी के मद्देनजर उपायुक्त ने कहा कि हम थोड़ी सी सावधानी बरतकर पाले से बच सकते हैं।
उपायुक्त ने कहा कि कि शीतलहर व सर्दी से बचने के लिए मौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियो/टीवी/समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया प्रकाशन का ध्यान रखें ताकि यह पता चल सके कि आगामी दिनों में शीतलहर की संभावना है या नहीं। सर्दियों लिए पर्याप्त कपड़ों का स्टॉक करें। घर में ठंडी हवा के प्रवेश रोकने के लिए दरवाजों तथा खिड़कियों को ठीक से बंद रखें। फ्लू, नॉक बहना/ भरी नाक या नाक बंद जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना आमतौर पर ठंड में लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होती हैं। इसलिए इस तरह के लक्षणों से बचाव के लिए आवश्यक सावधानी बरतें तथा स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों या डॉक्टर से परामर्श करें। जितना हो सके घर के अंदर रहें और ठंडी हवा, बारिश, बर्फ के संपर्क में आने से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें। ऐसे गर्म कपड़े पहनें ताकि ठंड बिल्कुल न लगे। तंग कपडे खून के बहाव को रोकते हैं, इनसे बचें। खुद को सूखा रखें और पानी में भीगने से बचें। शरीर की गरमाहट बनाये रखने हेतु अपने सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से ढककर रखें। गीले कपड़े तुरंत बदलें। हाथों में दस्ताने रखें। फेफड़ों को बचाने के लिए मास्क का प्रयोग करें। सिर पर टोपी या मफलर पहने, स्वास्थ्य वर्धक भोजन लें।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पीएं, इससे ठंड से लडने के लिए शरीर की गर्मी बनी रहेगी। बुजुर्ग लोगों, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का विशेष ध्यान रखें। ऐसे पड़ोसी जो अकेले रहते हैं, विशेषकर बुजुर्ग लोगों का हाल चाल पूछते रहें। जरूरत के अनुसार ही रूम हीटर का प्रयोग करें, लेकिन रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें। बंद कमरों में कोयले को जलाना खतरनाक हो सकता है। क्योंकि यह कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस पैदा करती है। शराब का सेवन न करें, यह शरीर की गर्माहट को कम करता है, यह खून की नसों को पतला कर देता है, विशेषकर हाथों से जिसमें हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है।
उपायुक्त उत्तम सिंह ने अधिकारियों को दिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश
सर्दी के दौरान जरूरतमंद व असहाय लोगों की मदद को लेकर उपायुक्त उत्तम सिंह ने अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त ने अतिरिक्त उपायुक्त, सीईओ डीआरडीओ, सभी एसडीएम, सीटीएम, सिविल सर्जन, तहसीलदार, सभी नायब तहसीलदार, जिला रेडक्रॉस सोसायटी सचिव तथा शहरी स्थानीय निकाय के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल या अन्य सार्वजनिक स्थानों का निरीक्षण करें और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए सामाजिक संगठनों तथा स्वयं सेवी संस्थाओं से सहयोग लें। इसके साथ ही उपायुक्त ने कृषि तथा किसान कल्याण विभाग व पशुपालन विभाग को भी निर्देश दिए है कि वे किसानों, पशुपालकों को सर्दी के मौसम में फसलों, पशुओं आदि के बचाव को लेकर जागरूक करें।
उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों को जागरूक करें कि शीत लहर और कड़ाके की सर्दी से फसलों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे काली जंग, सफेद जंग, लेट ब्लाइट आदि रोग हो सकते हैं। शीतलहर अंकुरण, वृद्धि, फूल, उपज और भंडारण जीवन में कई तरह की शारीरिक रुकावटें भी पैदा करती है। उन्होंने पशु डॉक्टरों को निर्देश दिए कि पशुओं को सर्दी से बचाव व उनकी देखभाल के लिए पशु पालको को जागरूक करें। शीत लहर के दौरान पशुओं और पशुधन को जीवन यापन के लिए अधिक भोजन की आवश्यकता होती है क्योंकि ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ जाती है। रात के समय पशुओं के आवास को सभी तरफ से ढक़ दें ताकि ठंडी हवाओं के सीधे संपर्क में आने से बचा जा सके। पशुधन और मुर्गी को ठंड के मौसम से बचाव के लिए उन्हें अंदर रखें। सर्दियों के दौरान पशुओं के नीचे सूखे भूसे जैसी कुछ बिस्तर सामग्री डालें। पोल्ट्री में, पोल्ट्री शेड में कृत्रिम प्रकाश प्रदान करके चूजों को गर्म रखें।

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