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तेजस्वी और नीतीश की यात्राओं पर भारी पड़ेगा चिराग का एमवाई समीकरण!

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महिलाओं का समर्थन और युवाओं के साथ को चिराग पासवान ने दिया है कि एमवाई समीकरण का नाम

चरण सिंह
भले ही बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा न हुई हो पर सभी दल चुनाव की तैयारी में जुट गये हैं। 15 दिसम्बर से बिहार के मुख्यमंत्री महिला संवाद यात्रा पर जा रहे हैं तो तेजस्वी यादव कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम के नाम से यात्रा निकाल रहे हैं। रामविलास पासवान के बेटे लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के मुखिया ने लालू प्रसाद यादव के एमवाई समीकरण की तर्ज पर अलग से एमवाई समीकरण इजाद किया है। चिराग पासवान ने इन एमवाई समीकरण की परिभाषा महिलाओं का समर्थन और युवाओं का साथ के रूप में की है। चिराग पासवान महिला और युवा सशक्तिकरण पर काम कर रहे हैं।
दरअसल बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार का राजनीतिक दौर अंतिम चरण में हैं। अब बिहार की राजनीति लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव, जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर, रामविलास पासवान के बेटे लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के हाथ में है। इसमें दो राय नहीं कि हाल की राजनीति में चिराग पासवान ने अपने को साबित किया है। गत लोकसभा चुनाव में जब उन्होंने अपने चाचा पशुपति पारस से अलग होकर अपनी पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के लिए छह सीटें मांगी थी। तमाम राजनीति हुई पर चिराग पासवान अपनी मांग से टस से मस नहीं हुई। अंततज् उन्हें पांच सीटें मिली और पांचों सीटें जीतकर चिराग पासवान ने अपने को साबित किया। हाजीपुर, खगड़िया, समस्तीपुर, वैशाली और जमुई पर कब्जा कर चिराग पासवान ने 100 फीसदी परिणाम दिया।
दरअसल चिराग पासवान ने इंजीनियर की डिग्री लेकर फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाई पर वह फिल्मों में न चल सके। 2014 के लोकसभा चुनाव में वह जमुई से लोकसभा चुनाव लड़े औेर पहले ही चुनाव में जीत गये। 2019 में उन्होंने जमुई पर कब्जा बरकरार रखा। २०१९ में रामविलास पासवान का निधन होने के बाद चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने लोकसभा में चिराग पासवान की जगह अपने को लोकसभा नेता घोषित कर दिया। चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस समेत पांच सांसदों को निष्कासित कर दिया। चाचा भतीजे के विवाद में पशुपति पारस को लोकजनशक्ति पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया गया है। चाचा के पिता की पार्टी पर कब्जा करने के बाद चिराग पासवान ने अपने पिता राविलास पासवान के नाम से लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) बना ली और गत लोकसभा चुनाव में हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया, जमुई और वैशाली सीट पर कब्जा कर लिया।

दरअसल 2010 के विधानसभा चुनाव में 22 सीटों पर सिमट जाने वाली आरजेडी नीतीश के नेतृत्व में 80 सीट जीतकर बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी, लेकिन सियासी उलट फेर के बाद 2020 में जब नीतीश कुमार एनडीए के साथ चुनाव लड़े तो चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। चिराग के बागी रणनीति का फायदा आरजेडी को मिला और आरजेडी एक बार फिर पहले नंबर वन की पार्टी बनने में सफल रही।

अब जब नीतीश कुमार के साथ 2005 और 2010 का पार्टी समीकरण साथ है तो चर्चा तेज है कि तेजस्वी यादव इस मजबूत एनडीए का सामना कैसे कर पाएंगे। एनडीए ने दावा किया है कि उनका लक्ष्य 225 सीट जीतना है। इसी बीच लोजपा रामविलास ने दावा कर दिया कि आरजेडी 2010 में जिस स्थिति में थी 2025 के चुनाव के बाद उससे भी नीचे चली जाएगी। नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच नई दोस्ती होने के बाद लोजपा रामविलास के नेता डॉक्टर विनीत सिंह ने कहा कि चिराग पासवान एनडीए में आए हैं, तो एनडीए और मजबूत हुआ है. 2010 में आरजेडी जो 22 सीटों पर सिमट गई थी, वह 2025 में एनडीए के प्रदर्शन के सामने धराशाई हो जाएगी।

कहा जा रहा है कि इस समीकरण को देखकर विपक्ष परेशान हो रहा है। लोजपा रामविलास के जरिए किए गए दावे पर बीजेपी ने भी आरजेडी को सुनाया है। बिहार सरकार के मंत्री जनक राम ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी यादव सत्ता से काफी दूर हो चुके हैं। तेजस्वी के माता-पिता से उबकर ही जनता ने एनडीए को लाया है. जनता कह रही है ‘2025 फिर से नीतीश’ 2005 और 2010 वाली लहर लालू यादव तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के लिए कहर बनकर आएगी।

अपने सहयोगी दलों के सुर में सुर जेडीयू ने भी मिलाया है। जेडीयू ने कहा कि 2010 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में विपक्ष का सुपड़ा साफ साफ हो गया था। हाल के दिनों में बिहार में जो चुनावी परिणाम आए हैं, उससे साफ है कि 2025 में 2010 जैसा ही परिणाम होगा। एनडीए के किए गए दावे पर आरजेडी ने भी पलटवार किया है. आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि एनडीए की सरकार के सभी समीकरणों को जनता ध्वस्त कर देगी। यहां नौकरी देने वाला समीकरण चलेगा. 20 सालों का हिसाब दो यह जनता कह रही है। झारखंड का परिणाम सबने देखा है बिहार का चुनाव परिणाम झारखंड के तरह ही होगा। हम 235 सीट जीतेंगे, एनडीए का सुपड़ा साफ होगा।