बख्तियारपुर में स्वतंत्रता सेनानियों के समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री

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 -अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देकर किया नमन

 पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पटना जिले के बख्तियारपुर में आयोजित स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान समारोह में भाग लिया। इस राजकीय आयोजन का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करना था, जिन्होंने देश को आजादी दिलाने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। मुख्यमंत्री ने समारोह में उपस्थित होकर शहीदों को नमन किया और उनके योगदान को याद किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बख्तियारपुर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। इनमें स्वर्गीय डुमर सिंह (गणेश उच्च विद्यालय परिसर), शहीद नाथुन सिंह यादव (नया बाईपास, राघोपुर तिराहा), स्वर्गीय मोगल सिंह (प्रखंड कार्यालय परिसर), पंडित शीलभद्र याजी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर), और कविराज रामलखन सिंह ‘वैद्य’ (नवनिर्मित डाकबंगला परिसर) की आदमकद प्रतिमाएं शामिल थीं। मुख्यमंत्री ने इन वीर योद्धाओं की प्रतिमाओं पर फूल चढ़ाकर उन्हें नमन किया और उनके बलिदानों को स्मरण किया।
इस मौके पर जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, पटना जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह, और वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार उपस्थित थे। साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक भी समारोह में शामिल हुए। सभी ने स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के इन महानायकों ने अपने अदम्य साहस और बलिदान से हमें आजादी का उपहार दिया। हमें इनके जीवन और आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को हमेशा याद रखेगी और उनके सम्मान में इस तरह के आयोजन करती रहेगी।
समारोह में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उनके कल्याण और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस राजकीय समारोह ने लोगों के बीच यह संदेश दिया कि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी को इन योद्धाओं के संघर्ष और देशभक्ति से प्रेरणा लेनी चाहिए। ऐसे आयोजन हमारे इतिहास और संस्कृति को संरक्षित करने के साथ-साथ भावी पीढ़ियों को शिक्षित करने का भी महत्वपूर्ण माध्यम हैं। यह आयोजन न केवल शहीदों को सम्मानित करने का अवसर था, बल्कि राज्य और देश के प्रति नागरिकों के दायित्व की भी याद दिलाता है।

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