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Cheating women in the name of Getting them pregnant : 799 रुपए रजिस्ट्रेशन तो 5000 – 20000 तक सिक्योरिटी के नाम की जा रही थी ठगी 

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5 लाख रुपए देने के देते थे झांसा, गिरोह का पर्दाफाश, 8 गिरफ्तार 

देश में लोगों को ठगने के गज़ब गज़ब तरीके आजमाए जाते हैं। बिहार के नवादा में ठगी की जो  तरीका आजमाया गया यह जानकार आप चौंक जाएंगे। दरअसल बिहार के नवादा में महिलाओं को प्रग्नेंट करने के लिए पांच लाख रुपए देने के नाम पर भोले भाले लोगों से बड़े स्तर पर ठगी की गई। इन लोगों से रजिस्ट्रेशन के नाम पर 799 रुपए तो सिक्योरिटी के नाम पर 5000 से लेकर 20000 रुपए तक ठगे गए हैं।
पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। नवादा पुलिस ने इनके पास से मोबाइल और प्रिंटर मशीन बरामद  किये हैं। डीएसपी कल्याण आनंद ने बताया कि गुरमा स्थित ईंट के बने बोरिंग घर के पास साइबर क्राइम करने वाले 8 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शत्रुघ्न कुमार उर्फ सोनू कुमार, राजेश कुमार, प्रभात कुमार वर्मा, कविंद्र प्रसाद, गोपाल दास,अनिल कुमार, अजय कुमार लक्ष्मण कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 9 मोबाइल और एक प्रिंटर बरामद किया है।

पुलिसिया पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि All India Pregnant Job ( Baby Birth Service ) के नाम पर ये भोले-भोले लोगों के मोबाइल पर संपर्क करते थे और कहते थे कि जिन महिलाओं को बच्चे नहीं हो रहे हैं, उन महिलाओं को प्रेग्नेंट करना है। इसके बदले में पैसे दिए जाएंगे। पुलिस के अनुसार ये लोग महिलाओं को प्रेग्नेंट करने पर 5 लाख रुपये देने का झूठा वादा करते थे। जब कोई इस काम के लिए तैयार हो जाता था तो उससे सबसे पहले रजिस्ट्रेशन के नाम पर 799 रुपये लेते थे। इसके बाद सेक्युरिटी फी के नाम पर 5000 से 20000 रुपये तक मांग करते थे। इस तरह ये सभी भोले-भाले लोगों से फर्जीवाड़ा कर रुपयों की ठगी करते थे।

डीएसपी कल्याण आनंद ने बताया कि साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने एक टीम का गठन किया गया है। यह टीम लगातार साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में टीम ने शनिवार को छापेमारी कर 8 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि नवादा जिले में साइबर क्राइम का मामला काफी बढ़ गया है, अब हर प्रखंड में साइबर क्राइम करने वाले लोग अपना वर्चस्व बनाना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि इस साइबर क्राइम में छोटे उम्र के लोग प्रवेश कर रहे हैं और फिर धीरे-धीरे ट्रेनिंग लेकर घटना को अंजाम दे रहे हैं।