आंगनवाड़ी शिक्षा कार्यक्रम में परिवर्तन की शुरूआत ‘नंद घर’ से

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शिक्षा कार्यक्रम में परिवर्तन
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नई दिल्ली| आंगनवाड़ी शिक्षा कार्यक्रम में परिवर्तन के लिए ‘नंद घर’ परियोजना शुरू की गई है। ‘नंद घर’ परियोजना ग्रामीण महिलाओं, बच्चों और समुदायों को लाभान्वित करने के लिए समर्पित एक परिवर्तनकारी छलांग है। ये मॉडल एवं आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ साझेदारी में काम कर रही हैं। आंगनवाड़ी शिक्षा परिवर्तन कार्यक्रम में आरंभिक शिक्षार्थियों (3-6 वर्ष) के लिए एकीकृत बाल विकास योजना पाठ्यक्रम के अनुसार डिजाइन किया गया आरंभिक बचपन शिक्षा कार्यक्रम शामिल है। इसका उद्देश्य सीखने के डिजिटल और पारंपरिक दोनों तरीकों में ²श्य, कहानी कहने, अनुभवात्मक, गेमीफाइड और गतिविधि-आधारित ²ष्टिकोणों की मदद से नन्हे शिक्षार्थियों में आवश्यक शारीरिक, संज्ञानात्मक, भाषा और सामाजिक-भावनात्मक कौशल के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है।

कार्यक्रम संरचना में आंगनवाड़ी कार्यकतार्ओं के लिए प्रशिक्षण और आईसीडीएस पर्यवेक्षकों और सीडीपीओ के लिए बचपन की देखभाल और शिक्षा पर कार्यशालाएं भी शामिल हैं ताकि वे ‘नंद घर’ परियोजना के ²ष्टिकोण का बेहतर समर्थन कर सकें।

आरंभ में उत्तर प्रदेश के अमेठी और वाराणसी में शुरू किया गया यह कार्यक्रम धीरे-धीरे अन्य राज्यों में भी शुरू किया जाएगा। मिश्रित शिक्षा के साथ अब सीखने के अनुभव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, यह डिजिटल शिक्षण संसाधनों द्वारा समर्थित एक घरेलू शिक्षण कार्यक्रम के रूप में चलेगा।

इस ‘घर’ में सीखने के अनुभव में माता-पिता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और उन्हें दैनिक पाठों और गतिविधियों तक पहुंच प्रदान की जाएगी जिन्हें पाठ्यक्रम में मैप किया गया है। इन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से वितरित किया जाएगा, जहां माता-पिता दैनिक पाठ प्राप्त करेंगे और बच्चों के साथ उनका संचालन करेंगे। स्क्वायर पांडा इंडिया अपने एआई-संचालित चैटबॉट – स्क्वायरटॉक के माध्यम से पूरे कार्यक्रम की अवधि में सहायता प्रदान करेगा, जो कई भाषाओं में उपलब्ध है। पूर्व-परिभाषित गुणात्मक और मात्रात्मक सीखने के परिणामों के विपरीत कार्यक्रम की निरंतर निगरानी और मानचित्रण किया जाएगा।

इसी योजना के अन्तर्गत शिक्षा कंपनी स्क्वायर पांडा इंडिया ने ‘नंद घर’ के साथ एक रणनीतिक साझेदारी भी की है। इस साझेदारी का उद्देश्य सारे उत्तर प्रदेश राज्य में 100 नंद घरों (आंगनवाड़ियों) से आंगनवाड़ी कार्यकतार्ओं को अपस्किल करने के अलावा छोटे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर अपनी तरह का पहला आंगनवाड़ी शिक्षा परिवर्तन कार्यक्रम प्रदान करना है।

वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, ‘मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि वेदांता की प्रमुख परियोजना, नंद घर, देश भर में ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के जीवन को बदल रही है। हम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बाल कुपोषण को खत्म करने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और कौशल विकास के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के ²ष्टिकोण को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नंद घर योजना इस परिवर्तन का कारक होगा। मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि नंद घर जमीनी स्तर पर मां और बच्चे के लिए बेहतर कल का निर्माण करेगा।’

स्क्वायर पांडा इंडिया के अध्यक्ष (अंतर्राष्ट्रीय बाजार) और प्रबंध निदेशक आशीष झालानी ने कहा कि ‘आंगनवाड़ी सामुदायिक स्थान हैं जो एक बच्चे के मनोवैज्ञानिक, शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए एक मजबूत नींव रखते हैं। हमें इस शोध-आधारित कार्यक्रम के लिए वेदांता के साथ साझेदारी करने पर गर्व है, जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की मूलभूत शिक्षा और क्षमता निर्माण दोनों पर एक मजबूत फोकस के साथ एनईपी 2020 के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

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