डॉक्टरों की देरी से अभिभावकों में नाराज़गी
मुजफ्फरपुर।संवाददाता।
जिले के बन्दरा प्रखंड में मंगलवार को 5 वर्ष से 18 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों के लिए दिव्यांगता प्रमाणीकरण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का निर्धारित समय दोपहर 2 बजे था, लेकिन डॉक्टरों की टीम लगभग 1.5 घंटे की देरी से 3:30 बजे पहुंची।
शिविर स्थल पर पहले से ही लगभग 150 से अधिक दिव्यांग बच्चे अपने अभिभावकों के साथ उपस्थित थे। भीषण गर्मी और डॉक्टरों की देरी के कारण बच्चों और उनके गार्जियनों ने खुद को असहज और उपेक्षित महसूस किया।
डॉक्टरों की टीम के पहुंचने के बाद 125 पंजीकृत बच्चों की दिव्यांगता जांच की गई। शिविर में बन्दरा पीएचसी प्रभारी डॉ. नौशाद अहमद, मुज़फ्फरपुर पर्सन्स विद डिसेबिलिटी के जिला उपाध्यक्ष पंकज ठाकुर, सभी बीआरपी, विभागीय कर्मी और पदाधिकारी आदि मौजूद थे।
मुज़फ्फरपुर पर्सन्स विद डिसेबिलिटी के जिला उपाध्यक्ष पंकज ठाकुर ने बताया कि शिविर का उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को समय पर प्रमाण-पत्र देकर उन्हें सरकारी योजनाओं और सहायता का लाभ दिलाना था, लेकिन आयोजन में समन्वय की कमी और चिकित्सकीय देरी ने सवाल खड़े कर दिए हैं।