Category: सहारा

  • Sahara Protest : कल राजस्थान के बाड़मेर जिले में होगी मदन लाल आजाद की दूसरी भारत यात्रा : बृजमोहन योगी

    Sahara Protest : कल राजस्थान के बाड़मेर जिले में होगी मदन लाल आजाद की दूसरी भारत यात्रा : बृजमोहन योगी

    सत्याग्रह कर ठगी पीड़ितों की लड़ी जाएगी लड़ाई

    सहारा के साथ ही दूसरी ठगी कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले मदन लाल आजाद की दूसरी भारत यात्रा कल यानी कि 28 फरवरी को राजस्थान के बाड़मेर जिले में पहुंचेगी।

    यह जानकारी राजस्थान के प्रवक्ता बृजमोहन योगी ने दी। यात्रा का प्रचार-प्रसार करते हुए उन्होंने बताया कि 28 फरवरी को जप तप के राष्ट्रीय संयोजक मदन लाल आजाद राजस्थान के बाड़मेर जिले में निवेशकों की लड़ाई लड़ने के लिए पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि 14 मार्च को देशभर के सभी जिलाधिकारियों के कार्यालयों को घेरा जाना है। राजस्थान में भी सभी जिलाधिकारियों के कार्यालयों को घेरेंगे और जो डीएम बड्स एक्ट के तहत निवेशकों की सुनवाई नहीं कर रहे हैं निवेशकों को टरका दे रहे हैं उन्हें दंडित भी कराएंगे। उन्होंने निवेशकों ओैर कार्यकर्तरओं का आह्वान किया है कि वे लोग 28 तारीख को अपने दस्तावेज लेकर तैयार रहें।
    उन्होंने मदनलाल आजाद की लड़ाई पर गोरवान्वित होते हुए कहा कि मदन लाल आजाद की निष्पक्ष और जमीनी लड़ाई ने निवेशकों के मन में भुगतान की उम्मीद जगाई है। उनका कहना है कि यदि 23 मार्च शहीदी दिवस तक भुगतान नहीं हुआ है तो शहीदी दिवस पर दिल्ली के कर्तव्यपथ पर लाखों की संख्या में निवेशक पहुंचेंगे और अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

    उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि अपने भुगतान के लिए न केवल ठगी कंपनियों बल्कि सरकारों से भी टकराया जाए। उन्होंने कहा कि जप तप संगठन राजस्थान में सभी ठगी पीड़ितों का पैसा दिलवाकर ही दम लेगा बस बेईमानों को सबक सिखाने की जरूरत है।

  • Fraud Victims Fight : जप तप ने उत्तराखंड के रुद्रपुर जिले में प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन 

    Fraud Victims Fight : जप तप ने उत्तराखंड के रुद्रपुर जिले में प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन 

    संगठन के राष्ट्रीय महासचिव रमेश सिंह ने की आंदोलन की अगुआई 

    ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार (जप तप) ने अपनी यात्रा को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखंड के रुद्रपुर जिले में बड्स एक्ट के तहत प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। इस आंदोलन की अगुआई जप तप के राष्ट्रीय महासचिव रमेश सिंह ने की।

    दरअसल ठग कम्पनीज एवं मल्टीस्टेट क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटीज के खिलाफ Buds Act 2019 एवं उत्तराखंड के  वित्तीय अधिष्ठानों में निवेशकों के हित संरक्षण अधिनियम 2005 (पीआईडी एक्ट) के तहत धोखाधड़ी एवं ठगी की एफआईआर दर्ज कराने एवं Buds Act 2019 राज्य के पीआईडी एक्ट के तहत ठगी पीड़ितों के भुगतान के दावों को मंजूर कराने के लिए  सत्याग्रह के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है।

    ज्ञापन ने रमेश सिंह ने कहा है कि हजारों ठग कम्पनीज एवं सोसाइटीज द्वारा ठगी के शिकार बने हजारों भारतीय नागरिकों ने आत्महत्या कर ली है और लाखों आत्महत्या के कगार पर हैं।
    उन्होंने कहा कि इन ठगों ने देश  के लगभग 42 करोड़ परिवारों को बारी बारी से योजना बनाकर  धोखाधड़ी से ठगा है और राज्य एवं केंद्रीय अधिनियमों का उल्लंघन करते हुए गिरोहबंद होकर जनता से लाखों करोड़ों रुपये की ठगी की है। आपके अधीनस्थ जनपद उधम सिंह नगर  में भी ठगों ने हजारों नागरिकों को बारी बारी से ठगा है।
    पुलिस धोखाधड़ी एवं ठगी के मुकदमे लिखने में घोर लापरवाही बरत रही हैं और ठगी पीड़ित न्याय के लिये दर-दर धक्के खा रहे हैं। पुलिस द्वारा मुकदमे न लिखने के कारण जमाकर्ता अपने भुगतान के दावे BUDS ACT 2019 एवं राज्य के वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत नियुक्त सक्षम अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर पा रहे जो जनता के साथ अन्याय है।
    उन्होंने कहा है कि इस अन्याय का प्रतिकार करने के लिए और देशभर में Buds Act 2019 व राज्य के पीआईडी एक्ट व अन्य कानूनों की अनुपालना सुनिश्चित करवाने हेतु ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार(तपजप) गत 25 अगस्त 2022 से राष्ट्रव्यापी भारत यात्रा मिशन भुगतान के तहत आयोजित कर रहा है जो आज दिनांक 23 फरवरी 2023  को मिशन भुगतान भारत यात्रा आपके अधीनस्थ जिला उधम सिंह नगर पहुंची है।
    रमेश सिंह का कहना है कि उपरोक्त मिशन भुगतान भारत यात्रा संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित और भारत सरकार द्वारा अधिसूचित “अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून 2019” की अनुपालना देशभर में सुनिश्चित करवाने हेतु राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह है जो देश को ठगमुक्त बेईमान रहित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए है। इसी कड़ी में सत्याग्रह के माध्यम से आज हम आपको यह ज्ञापन सौंप रहे हैं ताकि शासन प्रशासन और Buds Act 2019 के अंतर्गत नियुक्त सक्षम अधिकारी ठगी पीड़ितों का भुगतान आरम्भ करें और Buds Act 2019 UK Act की अनुपालना सुनिश्चित हो।

    1, जिला में Buds Act 2019 और राज्य के PID Act 2005 की अनुपालना सुनिश्चित करवाने हेतु शासन द्वारा नियुक्त सक्षम अधिकारी सहायक सक्षम अधिकारी और विशेष न्यायालय Buds Act 2019व Ukpid Act 2005 की पद पट्टिका उनके कार्यालयों पर प्रदर्शित कराएं ताकि ठगी पीड़ित सरलतापूर्वक एवं निर्भयतापूर्वक अपने भुगतान के दावे शासन के समक्ष प्रस्तुत कर अपना भुगतान 180 कार्यदिवस में प्राप्त कर सकें।

    2, अभिकर्ताओं के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमों को वापस लें और ठग कम्पनीज एवं सोसाइटीज के विरुद्ध Buds Act 2019 के तहत ठगी एवं धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज कराएं।

    3, कलेक्ट्रेट, तहसील, थाने एवं अन्य सार्वजनिक सरकारी कार्यालयों में Buds Act 2019 व Uk pid Act 2005 के बैनर लगवाएं ताकि ठगी पीड़ित ठगों के विरुद्ध शासन प्रशासन को सूचना देकर राष्ट्र को ठगमुक्त एवं बेईमान रहित बनवाने में शासन प्रशासन की सहायता कर सकें।
    ज्ञापन में कहा गया है कि उपरोक्त के अलावा भी कोई राहत, मुआवजा या आर्थिक सहायता ठगी पीड़ितों/अपराध पीड़ितों को दी जा सकती है तो तुरन्त दिलवाएं ताकि जिला के ठगी पीड़ित भयमुक्त होकर जीवन व्यतीत कर सकें।

  • Sahara Protest : पटना के गांधी मैदान में भाकपा माले की रैली में उठा सहारा भुगतान का मुद्दा

    Sahara Protest : पटना के गांधी मैदान में भाकपा माले की रैली में उठा सहारा भुगतान का मुद्दा

    कार्यक्रम की कमेंट्री करते देखे गये ऑल इंडिया आंदोलन जन आंदोलन के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल सिंह एडवोकेट

    सहारा इंडिया से निवेशकों के भुगतान का मामला भले ही दूसरे राजनीतिक संगठन न उठा पा रहे हों पर भाकपा माले ने पटना के गांधी मैदान में आयोजित रैली में इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया है। किसी राजनीतिक संगठन के कार्यक्रम में सहारा भुगतान की मांग के होर्डिंग्स पहली बार देखे गये हैं। ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल सिंह एडवोकेट बाकायदा कार्यक्रम की कमेंट्री करते देखे गये।

    दरअसल बिहार में वामपंथी संगठन जनहित के मुद्दे उठाते रहत हैं। चाहे किसानों का मामला हो, मजदूरों का हो या फिर दूसरे किसी वर्ग की कोई समस्या। भाकपा माले संगठन मामले को प्रमुखता से उठाता रहता है। इस कार्यक्रम में भी भाकपा माले ने जहां लोगों की समस्या को प्रमुखता से उठाया है वहीं केंद्र सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना भी की है। इस कार्यक्रम में सहारा इंडिया से निवेशकों का भुगतान न मिलने और एजेंटों की आत्महत्या का जिम्मेदार सरकारों को माना गया। देखने की बात यह है कि भाकपा माले के इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जहां भाकपा माले के कार्यकर्ता लगे थे वहीं ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के कार्यकर्ता भी कार्यक्रम की तैयारी में जुटे थे। अनल सिंह एडवोकेट इस कार्यक्रम में जी जान से लगते देखे गये थे।

    दरअसल निवेशकों की लड़ाई लड़ने के लिए ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा बिहार में बड़ा आंदोलन छेड़े हुए है। भुगतान के लिए संगठन के कार्यकर्ता जहां जन प्रतिनिधियों का घेराव कर रहे हैं वहीं हर जिले में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जा रहा है। एक ओर जहां अनिल सिंह एडवोकेट ने क्रांति की हुंकार भर कर दी है वहीं ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा बिहार के अध्यक्ष मोहित कुमार ने जेपी क्रांति की तर्ज पर बिहार में बड़ा आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है। उधर राष्ट्रीय संयोजक मदन लाल आजाद की अगुआई में सहारा इंडिया के साथ ही दूसरी ठगी कंपनियों के खिलाफ जप तप के बैनर तले बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है। अब देखना यह है कि भाकपा माले का सहारा निवेशकों को मिलने वाला समर्थन और ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा का संघर्ष बिहार में क्या गुल खिलाता है।

  • Sahara Protest : कल सुबह प्रोटेस्ट को करौली कलेक्ट्रेट पहुंचें निवेशक और कार्यकर्ता : बृजमोहन योगी 

    Sahara Protest : कल सुबह प्रोटेस्ट को करौली कलेक्ट्रेट पहुंचें निवेशक और कार्यकर्ता : बृजमोहन योगी 

    जप तप के राजस्थान प्रवक्ता ने की लोगों से अपील 

    जप तप के राजस्थान के प्रवक्ता बृजमोहन योगी ने बयान जारी कर कहा है कि कल सुबह 11 बजे करौली जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से पिछले दिनों में किए गए #सत्याग्रह के संबंध में वार्तालाप करने तथा ज्ञापन देने के लिए जिला करौली की सभी तहसील से ग्रामीण और शहर के सभी पीड़ित अभिकर्ताओं को कलेक्ट्री परिसर पहुंचे।
    उन्होंने कहा है कि अभी-अभी बाड़मेर जिले में बायतु के एक सहारा पीड़ित हेमंत कुमार मेघवाल ने अपनी जीवन लीला समाप्त की है। भुगतान नहीं मिलने के कारण जमाकर्ताओं के दबाव से ऐसी पुनरावृत्ति ना हो, इसके लिए और इसका जिम्मेदार कौन? सहारा-ग्रुप “सुब्रत रॉय” सरकार  दोनों ही हैं। उन्होंने कहा है कि उसके परिवार को आर्थिक सहायता मिले और पूरे राजस्थान में पीड़ित साथियों को न्याय मिले इसको लेकर कलेक्टर साहब और पुलिस अधीक्षक सहाब को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। इसलिए ज्यादा से ज्यादा अभिकर्ता अपने-अपने जमाकर्ताओं के साथ आएं और हमारी अपील है की जीवन लीला समाप्त करना कोई समाधान नहीं है। अन्याय के खिलाफ अपने स्वयं के भुगतान के लिए और अपने निवेश कर्ताओं के भुगतान के लिए  17/02/2023 को सुबह 11 बजे कलेक्ट्री परिसर पर ज्यादा से ज्यादा पीड़ित साथी आएं और कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करें।  बृजमोहन का कहाँ है की माथे पर लगा दाग,
    पसीने से मिटाना है!
    हम सबकी किश्ती है डूबी, #Buds_Act_2019
    कानून से उसे पार लगाना है! उन्होंने साथ ही 02मार्च जयपुर CMआवास पर सत्याग्रह और
    23_मार्च23 #कर्तव्यपथ_पर चलने की अपील की है।

  • Sahara Protest : उदयपुर में प्रदर्शन कर सहारा निवेशकों ने मांगा अपना भुगतान, हेमंत मेघवाल के परिजनों को न्याय की मांग

    Sahara Protest : उदयपुर में प्रदर्शन कर सहारा निवेशकों ने मांगा अपना भुगतान, हेमंत मेघवाल के परिजनों को न्याय की मांग

    क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी कार्यकर्ता और निवेशक संघर्ष समिति के बैनर तले हुआ धरना-प्रदर्शन, कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया

    क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी कार्यकर्ता और निवेशक संघर्ष समिति के बैनर तले उदयपुर में जहां भुगतान की मांग की गई वहीं बाड़मेर जिले के बायतु पनावड़ा में सहारा एजेंट की आत्महत्या का जिम्मेदार सहारा प्रबंधन को बताते हुए उनके परिजनों में से एक को सरकारी नौकरी व 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग की गई। यह प्रदर्शन विजय वर्मा की अगुआई में किया गया। प्रदर्शन में आंदोलनकारी सहारा हमारा पैसा दो, हेमंत मेघवाल के परिजनों को न्याय दो के नारे लगा रहे थे।
    इस अवसर पर विजय वर्मा ने कहा कि सहारा इंडिया के पैसे न देने की वजह से सहारा निवेशक और कार्यकर्ता आत्महत्या कर रहे हैं। बाड़मेर जिले के बायतु पनावड़ा गांंव में हेमंत कुमार मेघवाल ने जो आत्महत्या की है उसके लिए सहारा प्रबंधन जिम्मेदार है। यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है।

    उन्होंने कहा कि सहारा प्रबंधन पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। उन्होंने बताया कि मेघवाल ने लोगों से पैठा इकट्ठा कर सहारा में एक करोड़ रुपये जमा कराया था। उन पर निवेशकों का तगादा था। सहारा इंडिया उन्हें पैसा नहीं दे रहा था और वह लोगों से वादा करते करते थक गये थे। ऐसा ही उन्होंने अपने सुसाइड नोट में भी लिखा है। उन्होंने खुद इस आत्महत्या का जिम्मेदार सहारा प्रबंधन को बताया है।

    दरअसल सहारा में काम करने वाले कार्यकर्ता आज की तारीख में बहुत दिक्कत में हैं। इन लोगों ने अपने ही परिचितों से पैसा लेकर सहारा में जमा किया था। अब सहारा इन लोगों का पैसा नहीं दे रहा और निवेशक इन कायर्कर्ताओं पर जोर दे रहे हैं। कार्यकर्ताओं को बहुत जलालत झेलनी पड़ रही है।

  • Sahara India : राजस्थान बायतु के पनावड़ा में सहारा एजेंट ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में सहारा इंडिया को ठहराया जिम्मेदार

    Sahara India : राजस्थान बायतु के पनावड़ा में सहारा एजेंट ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में सहारा इंडिया को ठहराया जिम्मेदार

    सहारा-सेबी केस का हवाला देकर निवेशकों का पैसा नहीं दे रहा है सहारा प्रबंधन, निवेशकों ने एजेंटों पर कर रखा है तगादा

    नई दिल्ली/जयपुर/बाड़मेर। सहारा इंडिया में एजेंट के रूप में काम कर रहे राजस्थान के बाड़मेर जिले के बायतु पनावड़ा गांव के हेमंत कुमार मेघवाल (35 वर्ष) ने आत्महत्या कर ली है। मेघवाल ने सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार सहारा इंडिया कंपनी को बताया है। सुसाइड नोट में मेघवाल ने लिखा है कि वह निवेशकों के पैसा मांगने पर जवाब देता-देता थक गया था। सुसाइड नोट के अनुसार सहारा इंडिया में वह निवेशकों के अटके लाखों रुपये नहीं लौटा पा रहे थे। मेघवाल के आत्महत्या करने की खबर सुनकर सहारा निवेशकों के साथ ही स्थानीय लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है। सैकड़ों लोग बायतु सीएचसी के बाहर धरने पर बैठ गये हैं।

    मामले को लेकर ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नागेंद्र कुशवाहा ने एक वीडियो जारी कर कार्यकर्ताओं से हिम्मत रखकर परिस्थितियों से लड़ने की बात करते हुए आत्महत्या जैसा कदम न उठाने की अपील की है। जारी वीडियों में नागेंद्र कुशवाहा ने सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत राय के साथ ही दूसरे निदेशकों और अधिकारियों पर भड़ास निकालते हुए भुगतान के लिए बड़ी लड़ाई लड़ने की बात कही है।
    दरअसल सहारा इंडिया में निवेशकों के करोड़ों रुपये सालों से अटके हैं। सहारा में काम करने वाले लाखों लोग मुसीबत में हैं। मामले से जूझते-जूझते कई कार्यकर्ता आत्महत्या कर चुके हैं। आत्महत्या करने का कारण सहारा इंडिया द्वारा उनका पैसा न न देना बताया जा रहा है । सहारा इंडिया में जो लोग एजेंट बनकर अल्प कमीशन के लिए कंपनी में काम कर रहे थे, वे लोग रुपये नहीं मिलने से निवेशकों के टॉचर से परेशान होकर आत्महत्या कर ले रहे हैं। दरअसल सहारा इंडिया के चेयरमैन सहारा-सेबी विवाद का हवाला देकर एम्बागार्ेे लगने की बात कर रहे हैं। सहारा-सेबी खाते में जमा पैसा मिलने पर निवेशकों के भुगतान की बात कर रहे हैं।

    सहारा इंडिया के निवेशकों के प्रति उदासीन रवैये को देखते हुए भुगतान की मांग करते हुए ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा देशभर में सहारा इंडिया के साथ ही सरकारों के खिलाफ भी आंदोलन कर रहा है। अब संगठन ने केंद्र सरकार को टारगेट किया है। 6 फरवरी को देशभर के जिला मुख्यालयों पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा गया था। इस ज्ञापन में मुख्य रूप से ३ लाख करोड़ राहत पैकेज की मांग केंद्र सरकार से की गई है। उधर ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष मदन लाल आजाद की अगुआई में देशभर की सभी ठगी कंपनियों के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। मामला लोकसभा के साथ ही विभिन्न विधानसभाओं में भी उठ चुका है पर निवेशकों का पैसा नहीं मिल पा रहा है।

  • Sahara Protest : 5 को देश के सभी जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करेगा ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा 

    Sahara Protest : 5 को देश के सभी जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करेगा ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा 

    संगठन के नेतृत्व ने संभाला मोर्चा 

    निवेशकों के भुगतान को लेकर देशभर में सहारा इंडिया के खिलाफ आंदोलन कर रहे ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा ने इस बार रणनीति बदली है। 6 फरवरी को यह संगठन देशभर के सभी प्रदेशों के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करने जा रहा है। इस आंदोलन के तहत उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ला, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजन सिंह सूर्यवंशी, प्रदेश अध्यक्ष संसार सिंह और महासचिव नौशाद अली, बिहार में राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल सिंह एडवोकेट और प्रदेश मोहित कुमार, झारखंड में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नागेंद्र कुशवाहा और प्रदेश अध्यक्ष प्रभात कुमार, मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय महासचिव नीरज शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सोलंकी के मुख्य रूप से आंदोलन की अगुआई करने की बात सामने आ रही है।
    दरअसल गत 17-18 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा की राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में सहारा इंडिया के साथ ही सरकारों को भी घेरने की रणनीति बनाई गई थी। इस बैठक के बाद माना जा रहा था कि संगठन राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा आंदोलन करने वाला है। उसी रणनीति के तहत ही 6 फरवरी को ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने जा रहा है।

    छह फरवरी को होने वाले आंदोलन के बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ला ने कहा है कि अब यह बात सच लगने लगी है कि सुब्रत राय को केंद्र सरकार के साथ ही विभिन्न राज्य सरकारों का भी संरक्षण प्राप्त है। ऐसे में जरूरी हो गया है कि इन सरकारों के खिलाफ मोर्चा खोला जाए। उन्होंने बताया कि ६ फरवरी को देशभर के सभी मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इस धरना-प्रदर्शन के माध्यम से सभी सरकारों को चेताया जाएगा कि यदि जल्द से जल्द सहारा निवेशकों का भुगतान न किया गया तो न केवल आने वाले विधानसभा चुनाव बल्कि लोकसभा चुनाव में भी सभी दलों को उनकी औकात बता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि तो क्या सुब्रत राय ने सभी राजनीतिक दलों को खरीद लिया है ? उन्होंने बताया कि अब उनके संगठन ने रणनीति बदली है। अब वे लोग सहारा इंडिया के साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को घरेंगे। सभी जनप्रतिनिधियों का घेराव किया जाएगा।

    दरअसल ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा इससे पहले सहारा इंडिया ऑफिस के सामने प्रोटेस्ट कर रहा था। गत 9 नवम्बर को सहारा इंडिया के एरिया ऑफिस और 15 नवम्बर को जोनल ऑफिस का घेराव किया गया था। 15 नवम्बर को होने वाले प्रोटेस्ट में जहां पटना और नोएडा में बड़ा बवाल हुआ था वहीं झारखंड में कई दिनों तक धरना चला था। पटना में तो तत्कालीन एडीएम ने खेल कर आंदोलनकारियों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज करा दी थी। एडीएम पर आरोप लगा था कि उसने सहारा प्रबंधन से पैसा खाकर ऐसा किया था। इस मामले को लेकर भी पटना में आंदोलन हुआ है। ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा 5 से लेकर 8 अगस्त तक दिल्ली जंतर मंतर पर भी बड़ा प्रोटेस्ट कर चुका है। जंतर-मंतर वाले प्रोटेस्ट पर अभय देव शुक्ला की अगुआई में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भुगतान से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया था।देखने की बात यह भी है कि वैसे तो देशभर में भुगतान को लेकर निवेशकों और जमाकर्ताओं ने सहारा इंडिया के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा है पर बिहार में यह आंदोलन जनांदोलन का रूप ले रहा है। जिस तरह से भुगतान को लेकर सहारा इंडिया के ऑफिसों के साथ ही जनप्रतिनिधियों को घेरा जा रहा है। जगह-जगह सड़कों पर सहारा के साथ ही शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी हो रही है।

    बिहार की राजधानी पटना से लेकर विभिन्न जिलों में युद्ध स्तर पर निवेशकों की लड़ाई लड़ी जा रही है, जिस तरह से ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के पदाधिकारी आग उगल रहे हैं, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि बिहार में निवेशकों और जमाकर्ताओं का यह आंदोलन बड़ी क्रांति करने की ओर है।उधर दिल्ली जोन के नोएडा ऑफिस पर बड़े आंदोलन की रूपरेखा बन रही है। संगठन से जुड़े उत्तर प्रदेश के नेताओं ने बाकायदा नोएडा पुलिस प्रशासन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नोएडा ऑफिस पर होने वाले बड़े आंदोलन के लिए चेता दिया है।

    प्रदेश अध्यक्ष संसार सिंह की अगुआई में होने वाले इस आंदोलन के प्रति नोएडा पुलिस प्रशासन को चेताते हुए लिखा गया है कि 15  नवम्बर को दिये गये उनके अल्टीमेटम का समय पूरा हो चुका है पर सहारा प्रबंधन ने भुगतान के मामले में कोई जवाब नहीं दिया। नोएडा ऑफिस पर होने वाले इस आंदोलन के बारे में उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष संसार सिंह ने बताया कि उन लोगों ने आंदोलन की पूरी तैयारी कर ली है। 6 फरवरी के प्रोटेस्ट के बाद नोएडा ऑफिस पर बड़ा प्रोटेस्ट किया जाएगा। इस प्रोटेस्ट में देशभर के निवेशक आएंगे।

    उन्होंने बताया कि उन्होंने नोएडा पुलिस प्रशासन के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चेता दिया है कि यह आंदोलन उग्र भी हो सकता है, क्योंकि ये लोग इस बार ट्रैक्टर ट्रालियों के साथ आएंगे और नोएडा ऑफिस के गेट पर डेरा डाल देंगे। जब तक उन्हें उनका भुगतान नहीं हो जाएगा तब तक वह नोएडा के गेट पर ही डेरा डाले रहेंगे। संसार सिंह का कहना था आंदोलन पूरी तरह से अहिंसात्मक रहेगा पर सहारा प्रबंधन ने आंदोलन को गंभीरता से नहीं लिया तो वे लोग ट्रैक्टर ट्रालियों के साथ सहारा ऑफिस के परिसर में घुसने से भी परहेज नहीं करेंगे और ऑफिस के अंदर ही धरना देंगे। उनका कहना था कि यह धरना अनिश्चितकालीन रहेगा। जब तक उनका भुगतान नहीं होगा तब वे वहां से नहीं हिलेंगे।

    दरअसल 15 नवम्बर को नोएडा के सेक्टर 11  स्थित सहारा ऑफिस  पर जब ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के कार्यकर्ता जुटे थे तो सहारा प्रबंधन में हड़कंप मच गया था। दिनभर चले प्रदर्शन के बाद सहारा पैरा बैंकिंग के उच्च प्रबंधन और आंदोलनकारियों की वार्ता पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में हुई थी। सहारा प्रबंधन की ओर से कोई जवाब न देने पर आंदोलनकारियों ने सहारा प्रबंधन को 15  दिन का अल्टीमेटम दिया था।

    आंदोलनकारियों का कहना था कि यदि 15  दिन के अंदर उनका भुगतान नहीं हुआ तो वे लोग ट्रैक्टर ट्रालियों लेकर नोएडा ऑफिस को घरेंगे। दरअसल 30  दिसंबर को आंदोलनकारियों का अल्टीमेटम का समय पूरा हो चुका है। नोएडा आंदोलन के साथ ही और दूसरे मुद्दों को लेकर 17-18 दिसंबर को उत्तर प्रदेश अयोध्या में ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय नेतृत्व की बैठक हुई और इस बैठक में सहारा इंडिया के साथ ही केंद्र सरकार और प्रदेशों की सरकारों के खिलाफ भी सड़कों पर उतरने का निर्णय तो लिया ही गया पर इस बैठक में सबसे बड़ा निर्णय नोएडा ऑफिस पर बड़ा आंदोलन करने का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।

    दरअसल नोएडा ऑफिस पर होने वाले आंदोलन को इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यहां पर ही मीडिया का ऑफिस है। सहारा इंडिया के चेयरमैन सुब्रत राय इसी मीडिया के बलबूते राजनीतिक नेताओं से अपने काम कराते हैं। इसी मीडिया की वजह से वह विभिन्न प्रदेशों की सरकारों और पुलिस प्रशासन को मैनेज करते हैं। देशभर के विभिन्न राज्यों के विभिन्न जिलों में डीएम और एसएसपी को मैनेज कर आंदोलन को दबाने का का प्रयास भी वह इस मीडिया के माध्यम से करते हंै। दरअसल सहारा मीडिया में पुराने पत्रकार हैं, उनके संबंध राजनेताओं के साथ ही ब्यूरोक्रेट्स से भी अच्छे हैं। यही वजह है कि सुब्रत राय सहारा मीडिया में बीच-बीच में वेतन दिलवाकर माहौल बनाये हुए है। आजकल नोएडा ऑफिस में मीडिया हेड सुमित राय की चल रही है। उन्होंने परिसर के दोनों गेट पूरी तरह से बंद करवा रखे हैं। पता तो यह भी चला है कि नोएडा परिसर में काम करने वाले कर्मचारी आठ घंटे की ड्यूटी पूरी करने के बाद ही ऑफिस से निकलते हैं।  अब देखना यह होगा कि जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा का आंदोलन क्या स्वरूप अख़्तियार करता है।

    भले ही कई संगठन अपने-अपने हिसाब से सहारा इंडिया के खिलाफ आंदोलन कर रहे हों पर गत 15 नवम्बर को जोनल ऑफिस पटना पर जो प्रोटेस्ट हुआ था, उसमें ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा और अखिल भारतीय जन कल्याण मंच के साथ ही दूसरे संगठनों ने जिस तरह से मिलकर एकजुटता का परिचय दिया था उससे सहारा प्रबंधन में हड़कंप है। यही वजह रही कि सहारा प्रबंधन ने एडीएम शशिभूषण कुमार को सेट कर उल्टे आंदोलनकारियों पर ही मामला दर्ज करवा दिया। हालांकि देखावे के रूप में सहारा प्रबंधन के लोगों को भी इस मामले में घसीटा गया। बिहार की स्थिति यह है कि भले ही सहारा इंडिया के दबाव में पुलिस प्रशासन आ जा रहा हो पर आंदोलनकारियों के तेवर लगातार कड़े ही हो रहे हैं। जहां जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के बिहार अध्यक्ष मोहित कुमार पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली करने का दम भर रहे हैं वहीं राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल सिंह भगत सिंह ने सहारा इंडिया  साथ ही राज्य और केंद्र सरकार को भी ललकार दिया है। यह आंदोलन का आत्मविश्वास ही है कि सहारा निवेशक इस आंदोलन को जेपी आंदोलन का रूप देने की बात करने लगे हैं।

    दरअसल देश में जितने बड़े आंदोलन हुए हैं उनमें से अधिकतर बिहार में ही हुए हैं। चाहे महात्मा गांधी का सत्याग्रह आंदोलन हो या जेपी आंदोलन या फिर देश की कोई भी बड़ी रैली सभी बिहार से ही हुए हैं। बिहार में पटना के गांधी मैदान का आंदोलनों के मामलों में अपना एक इतिहास है। दरअसल बिहार की धरती आंदोलन के लिए बड़ी उपजाऊ मानी जाती है। यह माना जाता है कि राजनीति और पत्रकारिता दोनों के लिए बिहार का अनुभव अपने आप में बड़ा मायने रखता है। ऐसे ही आंदोलनकारियों के लिए भी यह धरती बड़ी उपजाऊ है। यही वह धरती है जिस पर एक गरीब ब्राह्मण चाणक्य ने नंद वंश को समाप्त करने का संकल्प लिया और उसे समाप्त करके ही दम लिया। सम्राट अशोक भी बिहार की धरती पर ही जन्मे। महात्मा बुद्ध ने भी बिहार की धरती पर ही ज्ञान प्राप्त किया। यह बिहार की ही धरती रही है जिसने एक से बढ़कर एक क्रांतिकारी  और नेता देश को दिये।

  • OFCD Case : ओएफसीडी मामले में सहारा प्रमुख के बैंक खाते होंगे कुर्क, वसूली की कार्रवाई होगी तेज

    OFCD Case : ओएफसीडी मामले में सहारा प्रमुख के बैंक खाते होंगे कुर्क, वसूली की कार्रवाई होगी तेज

    समूह की दो कंपनियों के वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय दस्तावेज (ओएफसीडी) जारी करने में नियामक मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए इन चार व्यक्तियों के खिलाफ वसूली की कार्रवाई की जा रही है।
    भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह की दो कंपनियों के नियामकीय नियमों का उल्लंघन और वसूली मामले में सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के बैंक और डीमैट खातों को कुर्क करने का आदेश दिया है। सेबी ने कुर्की आदेश में कहा कि चार व्यक्तियों के खिलाफ 6.48 करोड़ रुपये की वसूली मामले में कार्रवाई की गई है।
    इसमें तीन अन्य लोग भी शामिल हैं। समूह की दो कंपनियों के वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय दस्तावेज (ओएफसीडी) जारी करने में नियामक मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए इन चार व्यक्तियों के खिलाफ वसूली की कार्रवाई की जा रही है। सहारा के अलावा अशोक रॉय चौधरी, रवि शंकर दुबे और वंदना भार्गव के बैंक और डीमैट खाते भी कुर्क किए गए हैं।

  • Bharat Express : उपेंद्र रॉय के सहारा मीडिया एचआर को अपने चैनल में लाने के मायने ?

    Bharat Express : उपेंद्र रॉय के सहारा मीडिया एचआर को अपने चैनल में लाने के मायने ?

    वैसे तो जब कोई आदमी अपना काम करता है तो अधिकतर वही आदमी रखता है जो उसके संपर्क में होते हैं पर यदि कोई व्यक्ति किसी संस्था का पूरा एचआर विभाग ही अपने यहां ले आये तो क्या कहा जाए ? जी हां उपेंद्र राय के भारत एक्सप्रेस चैनल में जो एचआर विभाग में उसमें मुख्य रूप से सहारा मीडिया के एचआर विभाग में मुख्य भूमिका निभा रहे अधिकारी हैं। बुधवार को उपेंद्र राय ने अपने चैनल भारत एक्सप्रेस की लांचिग कर दी है। उपेंद्र राय के इस चैनल की विशेषता यह है कि वैसे तो अधिकतर स्टाफ सहारा से ही गया है पर भारत एक्सप्रेस के एचआर विभाग में तो सहारा मीडिया में एचआर हेड रहे रामवीर सिंह, एमएल शर्मा, अमिताभ श्रीवास्तव मुख्य रूप से हैं।
    दरअसल गत दिनों जब सुमित राय को मीडिया हेड बनाकर जब उपेंद्र राय को सहारा मीडिया छोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो उन्होंने सहारा मीडिया से इस्तीफा दे दिया और कुछ ही दिन बाद भारत एक्सप्रेस चैनल पर काम करना शुरू कर दिया। वैसे तो उपेंद्र राय ने चैनल शुरू करने के पीछे सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय की ही प्रेरणा बताई है पर उनके काम करने के तौरतरीके से तो यह लग रहा है कि जैसे वह सहारा मीडिया के सामने एक मीडिया हाउस खड़ा करने जा रहे हों।

    वैसे तो काफी लोग इसे सुब्रत राय का ही खेल बता रहे हैं पर उपेंद्र राय का जो स्वभाव है वह एकछत्र राज करने वाला है। क्योंकि सुब्रत राय ने या तो गोविंंद दीक्षित को प्रिंट मीडिया की पूरी जिम्मेदारी थी या फिर उपेंद्र राय को प्रिंट मीडिया के साथ ही इलोक्ट्रोनिक मीडिया का सर्वेसर्वा बनाया था। उपेंद्र राय का हस्तक्षेप तो सुब्रत राय ने पूरे ग्रुप में ही कर दिया था। अब जब सुमित राय को सहारा मीडिया का हेड बनाया गया है तो उपेंद्र राय सुब्रत राय से नाराज बताये जा रहे हैं। कहीं सहारा का एचआर विभाग अपने यहां बुलाकर उपेंद्र राय सहारा के खिलाफ कोई बड़ा खेल करने वाले तो नहीं है।


    वैसे भी मीडिया पर जमकर खबर चलाने वाले भड़ास फॉर मीडिया ने उपेंद्र राय के बारे में खबर चलाई थी कि वह सहारा को लेकर बड़ा खेल करने वाले हंै। वैसे भी यह माना जा रहा है कि चैनल खरीदने की हैयिसत में उपेंद्र राय सहारा मीडिया की कमान संभालने की वजह से ही आये हैं। सहारा में यह माना जाता है कि भले ही कर्मचारियों को वेतन न मिले, भले ही निवेशकों और जमाकर्ताओं को उनका पैसा न मिले पर सहारा मालिकान और प्रबंधन के मजे में कोई कमी नहीं रहती है।
    दरअसल उपेंद्र राय एक या दो बार नहीं बल्कि तीन बार सहारा मीडिया के हेड रहे हैं। उपेंद्र राय सहारा में 2000 के आसपास एक संवाददाता के रूप में सहारा मीडिया से जुड़े और कुछ ही दिन बाद सहारा छोड़ गये। उपेंद्र राय ने सुब्रत राय से उस दौर में सेटिंग की थी जब वह मुंबई में एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में थे और सुब्रत राय यूपीए सरकार में सताये जा रहे थे और एक तरह से डिप्रेशन में थे। उस समय उपेंद्र राय ने सुब्रत राय का एक इंटरव्यू लेकर उनसे घनिष्ठता बनाई थी। उस इंटरव्यू के बाद सुब्रत राय ने बीबीसी से जुड़कर पत्रकारिता में बड़ा नाम कमाने वाले संजीव श्रीवास्तव को मीडिया हेड और उनके सहयोगी के रूप में उपेंद्र राय को मीडिया की कमान सौंपी थी।

    संजीव श्रीवास्तव ने मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह की दोस्ती को लेकर ना लेख क्या लिखा कि उन पर गाज गिर गई और उपंेद्र राय मीडिया के सर्वेसर्वा बना दिये गये। उसके बाद वह दो बार सहारा से बाहर हुए और दो बार अंदर आए। सुमित राय से उपेंद्र राय का ३६ का आंकड़ा रहा है। इस बार वह सुमित राय की वजह से सहारा छोड़कर गये हैं तो २०१६ में सहारा में हुए आंदोलन को लेकर सहारा छोड़कर गये थे। उस समय सहारा मीडिया में वेतन न मिलने की वजह से आंदोलन चल रहा था। तब उनके बारे में यह सुनने में आया था कि उन्होंने अपने घर से कई करोड़ रुपये लगा दिये। जब सहारा श्री पैसा ही नहीं दे रहे हैं तो वे वेतन कहां से दें।

    दरअसल जब उन्होंने सहारा मीडिया का कार्यभार संभाला था तो आंदोलन तुड़वाते समय कर्मचारियों से वादा किया था कि वह वचन देते हैं कि उनको हर माह वेतन देते रहेंगे। देखने की बात यह है कि सहारा मीडिया में कर्मचारियों को टर्मिनेट करने की परिपाटी उपेंद्र राय ने ही शुरू की थी। सहारा मीडिया में दूसरे आंदोलन में मुख्य भूमिका में रहने वाले मुकुल राजवंशी और उत्पल कौशिक की नौकरी उपेंद्र राय ने ही ली थी।

  • बेहद खराब है भारतीय कानूनी प्रणाली : गौतम चतुर्वेदी

    बेहद खराब है भारतीय कानूनी प्रणाली : गौतम चतुर्वेदी

    व्यावहारिक रूप से, मैंने देखा है कि, सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज भारत में किसी को भी परिपक्वता मूल्य का भुगतान नहीं कर रही हैं, यानी इसके संबंधित निवेशक/जमाकर्ता ( भारत में कहीं भी ) केवल उन मामलों को छोड़कर, जब गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा रहा हो, भारत में संबंधित उपभोक्ता अदालतों द्वारा उनके संबंधित अधिकारियों और निदेशकों ( संबंधित संबंधित सहारा सोसाइटी के ) के खिलाफ जारी किए गए। जब भारत में विभिन्न/कुछ उपभोक्ता अदालतें यह आदेश पारित करती हैं कि यह विशेष सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी अपने संबंधित निवेशक/जमाकर्ता को परिपक्वता मूल्य का भुगतान करती है, तब भी सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी उपभोक्ता का पालन/अनुसरण नहीं कर रही है केवल उन मामलों को छोड़कर, जब भारत में संबंधित उपभोक्ता अदालतों द्वारा उनके संबंधित अधिकारियों और निदेशकों ( संबंधित सोसायटी के ) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए जा रहे हों, को छोड़कर अदालती आदेश।

    आज, कोलकाता में एक बहुत ही वरिष्ठ उपभोक्ता अदालत के वकील के साथ मेरी टेलीफोन पर बातचीत हुई और मैंने उनसे कहा कि, मैं ” सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ” के संबंधित अधिकारियों और निदेशकों के खिलाफ एक उपभोक्ता अदालत का मामला दायर करना चाहता हूं क्योंकि यह विशेष सोसायटी पिछले 3 वर्षों से मेरी सहारा सावधि जमा योजनाओं पर मेरी परिपक्वता राशि का भुगतान नहीं कर रहा है। उपभोक्ता अदालत के इस बहुत वरिष्ठ वकील ने मुझे बताया कि, वर्तमान में ” सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ” के अधिकारियों को ” कोलकाता उच्च न्यायालय ” से एक ” विशेष आदेश ” मिला है, जिसमें कहा गया है कि, ” अब से, कोई उपभोक्ता अदालत ( visheshkar पश्चिम बंगाल main ) ” सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड ” के संबंधित अधिकारियों और निदेशकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट का कोई भी आदेश पारित nahi कर sakti है, इसका मतलब है कि अब पश्चिम बंगाल में कोई भी उपभोक्ता अदालत अधिकारियों और निदेशकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट का कोई आदेश पारित नहीं कर सकती है । therefore, getting maturity value amounts from respective “ Sahara Credit Co-operative Society ” has become extremely/utmost difficult & next to impossible.

    इसलिए, मैं हमेशा कहता हूं कि, हमारी ” भारतीय कानूनी प्रणाली ” दुनिया के बाकी देशों के बीच बेहद खराब और सबसे खराब है, अर्थात ” अंधा कानून और Blind Law भारत में हर जगह हमेशा प्रचलित है। भारत में अदालतों की अधिकतम संख्या ( यानी 99% ) केवल देती है – तारिख पर तारिख, तारिख पर तारिख, तारिख पर तारिख, तारिख पर तारिख और कुछ नहीं।