Category: मौसम

  • गुजरात बाढ़ में 28 की मौत, मौसम की मार से हर ओर हाहाकार

    गुजरात बाढ़ में 28 की मौत, मौसम की मार से हर ओर हाहाकार

    देश के कई हिस्सों में इन दिनों मूसलाधार बारिश (Gujarat Rain Alert) हो रही है. गुजरात का तो बुरा हाल है. क्या अहमदाबाद, क्या सूरत और क्या वडोदरा, हर जगह जलमग्न हो गई है. लगातार हो रही बारिश की वजह से कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं. वहीं सड़कों पर पानी भरा हुआ है. जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है. आज भी तेज बारिश का अनुमान मौसम विभाग ने जारी किया है. मौसम विभाग ने गुजरात के कच्छ, जामनगर, मोरबी, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर जिलों में बारिश का रेड अलर्ट (Rain Alert) जारी किया है. इसके साथ ही तेज बारिश और तूफान की भी संभावना है. वहीं सुरेंद्रनगर, अमरेली, गिर और सोमनाथ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

    बनासकांठा, पाटन, साबर कांथा, महेसाणा अरावली, गांधीनगर, अहमदाबाद, भावनगर, महिसागर, दाहोद, पंचमहल, खेड़ा, आनंद, वडोदरा के साथ ही गुजरात के  अन्य  छोटे जिलों मे भी हल्की  बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. बारिश की वजह से कृष्ण नगरी द्वारका का भी बुरा हाल है. पिछले 2 दिनों से हो रही भयंकर बारिश की वजह से लोगों के घरों में पानी घुस गया है. NDRF इंस्पेक्टर मंजीत ने कहा, “पिछले 2 दिनों में द्वारका में भारी बारिश हुई है.लोंगों के घरों में पानी घुस गया है.हमारी टीम ने अब तक 95 लोगों को रेस्क्यू किया है. ”

    बारिश की वजह से बाढ़ के हालात

    गुजरात के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है. वहीं वडोदरा में लगातार भारी बारिश के बाद शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया है. वड़ोदरा में कीर्ति मंदिर सरकारी क्वार्टर में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है,  क्योंकि भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति में कई लोग फंसे हुए हैं. बारिश से संबंधित घटनाओं में 19 और लोगों की मौत हो गई, जिससे तीन दिन में मरने वालों की तादात बढ़कर 26 हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि राज्य के कुछ हिस्सों में बुधवार को लगातार चौथे दिन भी भारी बारिश रही. वहीं, बाढ़ प्रभावित इलाकों में से 17,800 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.

    वडोदरा में रिहायशी इलाकों में पहुंचा पानी

    एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जान गंवाने वालों में वे सात लोग शामिल हैं, जो रविवार को मोरबी जिले के हलवद तालुका के धवना गांव के पास एक पुल को पार करते समय एक ट्रैक्टर ट्रॉली के बह जाने के बाद लापता हो गए थे. इस पुल से होकर पानी बह रहा था. उनके शव बरामद कर लिए गए हैं. वडोदरा में बारिश थमने के बावजूद, शहर से होकर बहने वाली विश्वामित्री नदी का पानी खतरे के निशान को पार कर रिहायशी इलाकों में घुस गया. जिसकी वजह से निचले इलाकों में जलजमाव हो गया और इमारतें, सड़कें और वाहन पानी में डूब गए

    गुजरात के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बातचीत करके स्थिति का जायजा लिया और इस संकट से निपटने के लिए राज्य को केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. बुधवार को सौराष्ट्र क्षेत्र के देवभूमि द्वारका, जामनगर, राजकोट और पोरबंदर जैसे जिलों में शाम 6 बजे तक 12 घंटे की अवधि में 50 मिलीमीटर से लेकर 200 मिलीमीटर तक बारिश हुई. इस अवधि के दौरान देवभूमि द्वारका जिले के भानवद तालुका में 185 मिलीमीटर बारिश हुई, जो राज्य में सबसे अधिक है. आईएमडी ने गुरुवार को सौराष्ट्र जिलों के अलग-अलग हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान जताया है.

    रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी NDRF-SDRF

    अधिकारियों ने बताया कि वडोदरा शहर में घरों और छतों में फंसे लोगों को NDRF, SDRF और सेना की तीन टुकड़ियों ने निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.  मंत्री ऋषिकेश पटेल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वडोदरा में अब तक 5,000 से अधिक लोगों को निकाला गया और 1,200 अन्य लोगों को बचाया गया है. बुधवार को शहर में सेना की तीन अतिरिक्त टुकड़ियां और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक-एक टुकड़ियां तैनात की गईं.

    मुख्यमंत्री पटेल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ का पानी कम होते ही वडोदरा शहर में सफाई उपकरण तैनात किए जाएं और कीटाणुनाशक का छिड़काव किया जाए. उन्होंने निर्देश दिया कि इस उद्देश्य के लिए अहमदाबाद और सूरत के नगर निगमों और भरूच और आणंद की नगर पालिकाओं से टीमों को वडोदरा में तैनात किया जाए. मुख्यमंत्री ने वडोदरा में बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता के लिए एनडीआरएफ की पांच अतिरिक्त टीमों और सेना की चार टुकड़ियों को तैनात करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि अहमदाबाद और सूरत से बाढ़ प्रभावित शहर में अतिरिक्त बचाव नौकाएं भी भेजी जानी चाहिए.

    सुरक्षित जगहों पर पहुंचाए जा रहे लोग

    अधिकारियों ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा सेना, भारतीय वायुसेना और तटरक्षक बारिश से तबाह हुए इलाकों में बचाव और राहत अभियान चला रहे हैं, जिसमें अब तक करीब 17,800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है और 2,000 लोगों को बचाया गया है. पिछले तीन दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 26 लोगों की मौत हो चुकी है. ये मौतें राजकोट, आणंद, महिसागर, खेड़ा, अहमदाबाद, मोरबी, जूनागढ़ और भरूच जिलों से हुई हैं.

  • मुंबई में 6 घंटों में रेकॉर्ड तोड़ बारिश ,सड़कों पर भरा पानी; ट्रेनों पर भी असर

    मुंबई में 6 घंटों में रेकॉर्ड तोड़ बारिश ,सड़कों पर भरा पानी; ट्रेनों पर भी असर

    कल से ही हो रही लगातार बारिश की वजह से मुंबई में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश की वजह से जहां आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं रेलवे सहित अन्य जरूरी काम काज भी ठप पड़े हैं। बता दें कि मुंबई में कल रात से ही भारी बारिश दर्ज की जा रही है। बारिश की वजह से जगह-जगह जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं आज भी कई जगहों पर बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा मुंबई में हाईटाइड को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है।

    आज भी बारिश के आसार

    मौसम विभाग के अनुसार आज भी दिन भर आसमान में बादल छाए रहेंगे। इसके अलावा कुछ स्थानों पर हल्की से भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मुंबई और उपनगरों में दिन भर आज बारिश के आसार हैं। कल शाम 8 बजे से लेकर सुबह 8 बजे तक मुंबई शहर में अवरेज 115.63 मिमी. बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा मुंबई पूर्व उपनगर में 168.68 मिमी बारिश जबकि मुंबई पश्चिमी उपनगर में 165.93 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इस दौरान मुम्बई में बारिश की वजह से जलजमाव और ट्रैफिक की समस्या भी खड़ी हो गई है।

    इन इलाकों में तैनात NDRF की टीमें

    टीमों को ठाणे, वसई (पालघर), महाड (रायगढ़), चिपलून (रत्नागिरी), कोल्हापुर, सांगली, सतारा घाटकोपर, कुर्ला और सिंधुदुर्ग में तैनात किया गया है। इस सिलसिले में एनडीआरएफ ने कहा कि उसने अंधेरी में तीन नियमित टीमें और नागपुर में एक टीम तैनात की है। यह कार्रवाई ‘किसी भी अप्रिय घटना को रोकने और बाढ़ जैसी स्थिति के मामले में उचित प्रतिक्रिया देने के लिए की गई है।’

    हाई टाइड का अलर्ट

    वहीं भारी बारिश के बीच मौसम विभाग ने मुंबई के तट पर समुद्र में हाई टाइड की भी संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार आज दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर हाई टाइड की संभावना जताई गई है। इस दौरान समुद्र से उठने वाली लहरों की ऊंचाई 4.40 मीटर तक हो सकती है। वहीं रात 1 बजकर 41 मिनट पर 3.78 मीटर ऊंची लहरें उठने की संभावना है। आज रात 8 बजकर 3 मिनट पर लो टाइड रहेगा, जिस दौरान समुद्री लहरों की ऊंचाई 1.64 मीटर रहेगी। इसके साथ ही कल सुबह 7 बजकर 25 मिनट पर लो टाइड के दौरान लहरों की ऊंचाई 0.96 मीटर रहेगी।

    बीएमसी की पूरी मशीनरी काम पर जुटी

    नगर निगम ने यह भी कहा कि बीएमसी की पूरी मशीनरी काम पर लगी हुई है। इसने मुंबईकरों से अफवाहों पर विश्वास न करने का अनुरोध भी किया है। नगर निगम ने कहा कि कुछ निचले इलाकों में भारी बारिश के कारण जलभराव हो गया और सबअर्बन ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं। वर्ली, बुंटारा भवन, कुर्ला ईस्ट, मुंबई के किंग्स सर्किल इलाके, दादर और विद्याविहार रेलवे स्टेशन से जलभराव की खबरें मिली हैं। बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) ने भी जलभराव के कारण अपनी कई बसों का मार्ग बदल दिया है।

  • बिहार-झारखंड समेत इन राज्यों में लू का अलर्ट

    बिहार-झारखंड समेत इन राज्यों में लू का अलर्ट

    देश के मौसम का अलग-अलग मिजाज देखने को मिल रहा है. एक तरफ कुछ राज्यों में बारिश और बर्फबारी होने से ठंडक बनी हुई तो वहीं दूसरी तरफ देश के कुछ हिस्सों में लू का प्रकोप है. मौसम विभाग की मानें तो 22 अप्रैल को पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है. वहीं जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में बर्फबारी होने के आसार है. इसके अलावा ओडिशा, बिहार और झारखंड में हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया है.

    देश की मौसमी गतिविधियां

    मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर और उससे सटे उत्तरी पाकिस्तान पर औसत समुद्र तल से 3.1 और 5.8 किमी ऊपर स्थित है. वहीं चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वोत्तर असम और इससे जुड़े इलाकों पर है. एक ट्रफ रेखा पूर्वी बिहार से पूर्वोत्तर असम पर बने चक्रवाती परिसंचरण तक फैली हुई है.

    इसके अलावा एक ट्रफ रेखा विदर्भ से मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र होते हुए कर्नाटक-गोवा तट से पूर्व मध्य अरब सागर तक फैली हुई है, जो समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैली हुई है. एक ट्रफ रेखा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक से दक्षिणी तमिलनाडु तक फैली हुई है. वहीं एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ 22 अप्रैल से उत्तर पश्चिम भारत के पास पहुंचेगा.दिल्ली में मौसम ने एक बार फिर से करवट ले ली है. यहां कई इलाकों में तड़के सुबह बारिश हुई मौसम विभाग का कहना है कि 22 अप्रैल को दिल्ली में हल्की बारिश होने के आसार है. IMD के अनुसार, इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. वहीं न्यूनतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है. मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान, 22 से 26 अप्रैल के बीच जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित- बाल्टिस्तान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी हो सकती है. वहीं 22 से 23 अप्रैल के बीच उत्तरी पंजाब, उत्तरी हरियाणा में गरज, बिजली और तेज हवाओं (30-40 किमी प्रति घंटे) के साथ बारिश हो सकती. इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत में 22 से 24 अप्रैल के बीच हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाएं संभव है. 22 और 26 अप्रैल को उप- – हिमालपी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. 22 से 26 अप्रैल के बीच मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में और 21 और 22 अप्रैल को कोंकण और गोवा में हल्की बारिश संभव है. वहीं 22 से 24 अप्रैल के बीच केरल, तटीय आंध्र प्रदेश और आंतरिक कर्नाटक में छिटपुट वर्षा हो सकती है

  • इस साल खूब बरसेंगे बादल, मौसम विभाग ने की  भविष्यवाणी

    इस साल खूब बरसेंगे बादल, मौसम विभाग ने की भविष्यवाणी

    इस साल मार्च से ही मई और जून जैसी भीषण गर्मी का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. लखनऊ मौसम विभाग ने यूपी मॉनसून की रिपोर्ट जारी कर दी है. मॉनसून 2024 की लॉन्ग रेंज फोरकास्ट के मुताबिक इस बार जून में ही मॉनसून दस्तक दे देगा और सितंबर तक सामान्य से अधिक बारिश होगी. यानी इस बार मॉनसून अच्छा रहने वाला है. खूब बारिश होगी, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी.

    लखनऊ मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि मॉनसून की रिपोर्ट आ चुकी है. जिसके मुताबिक अल नीनो अभी मॉडरेट की स्थिति में है. जैसे-जैसे आगे जाएंगे, तो ला नीनो की स्थिति विकसित होगी. जिससे मॉनसून इस बार अच्छा रहेगा. झमाझम मेघा बरसेंगे और गर्मी से लोगों को जल्दी राहत मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और बसंत ऋतु में बर्फ के आवरण की सीमा का आगामी भारतीय ग्रीष्मकालीन मॉनसून वर्षा के साथ विपरीत संबंध होता है. इस साल जनवरी से मार्च 2024 के दौरान उत्तरी गोलार्ध के बर्फ के आवरण वाले क्षेत्र सामान्य से कम देखे गए थे. इसीलिए मॉनसून इस बार अच्छा रहने वाला है.

    अगस्त-सितंबर में होगी ला नीना की स्थिति

    IMD के डीजी डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि इस साल ला नीना की स्थिति अगस्त सितंबर तक सक्रिय होगी। यह भारत में अच्छे मॉनसून की तरफ इशारा कर रही है। 1951 से 2023 तक के विश्लेषण से पता चलता है कि इस दौरान जब भी अल नीनो के बाद ला नीना की स्थिति बनी है, मॉनसून में अधिक बारिश हुई है। इस साल भी ऐसी ही स्थिति है।

    मॉनसून के दौरान 106 प्रतिशत बारिश की संभावना

    पूर्वानुमान के अनुसार, पूरे देश में साउथवेस्ट मॉनसून के दौरान 106 प्रतिशत बारिश की संभावना है। इसमें 5% का एरर रह सकता है। 94 से 105 प्रतिशत बारिश को सामान्य बारिश माना जाता है। डीजी ने बताया कि भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर अभी अल नीनो की मध्यम स्थिति है। विभिन्न मॉडल से संकेत मिल रहे हैं कि मॉनसून के शुरुआती दौर में अल नीनो कमजोर होगा। इसके साथ ही मॉनसून के सेकंड हॉफ में ला नीना विकसित हो जाएगा। अल नीनो में समुद्र की सतह गर्म और ला नीना में यह ठंडी होती है। आईएमडी के अनुसार, देश के 80 प्रतिशत हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है। अनुमान के मुताबिक, 29 प्रतिशत सामान्य बारिश और 31 प्रतिशत संभावना सामान्य से अधिक बारिश की है।

    इन राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश

    दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, चंडीगढ़, पंजाब, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पुड्डुचेरी, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षदीप, दादरा और नगर हवेली, दमन-दीव

    यहां होगी सामान्य बारिश

    छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, ओडिशा, असम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा

    मुंबई में तेज गर्मी की संभावना

    आईएमडी ने महाराष्ट्र में लू और मुंबई में भीषण गर्मी का अलर्ट जारी किया है। मुंबई, ठाणे और रायगढ़ में दो दिनों तक तापमान 38 डिग्री तक जा सकता है। इन तीनों जगहों के लिए मंगलवार को लू का अर्लट है। अधिकतम तापमान 36 से 48 डिग्री तक रह सकता है। अधिकारी के अनुसार, 1 से 7 अप्रैल के बीच पूर्वी भारत और पेनिनसुलर इंडिया में गर्मी काफी अधिक रही। खासतौर पर तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्र, झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में लू और भीषण लू रही। यहां पर इस दौरान तीन दिनों तक लू रही। अप्रैल में सामान्य तौर पर तीन दिन लू चलती है। अभी यहां और लू के स्पैल आने की संभावना है। 20 अप्रैल के बाद यह स्थिति बनेगी।

    मई में धूल भरी आंधी और गर्मी करेगी परेशान

    आईएमडी के अनुसार, चुनावी महीने मई के दौरान देश के कई हिस्से आंधी, धूल भरी आंधी से जूझेंगे तो वहीं कई हिस्सों में गर्मी भी वोटरों को परेशान करेगी। गर्मी के साथ लू की स्थिति भी रहेगी। इसके लिए आईएमडी लगातार चुनाव आयोग के साथ राज्य आयोग, राज्य सरकारों और जिला स्तर के अधिकारियों को अलर्ट जारी कर रहा है। हर पंद्रह दिन, एक हफ्ते, और दो से तीन दिन के बुलेटिन भेजे जा रहे हैं ताकि सभी को मौसम से निपटने की तैयारियां करने का वक्त मिल सके।

  • प्रचंड ठंड पर गाना गाकर शख्स ने सोशल मीडिया पर मचाई सनसनी

    प्रचंड ठंड पर गाना गाकर शख्स ने सोशल मीडिया पर मचाई सनसनी

    पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लोग ठंड से बचने के लिए अलग-अलग उपाय अपना रहे हैं। कोई रजाई में दुबका पड़ा है तो कोई आग के अलाव को जलाकर बैठा हुआ है। कई राज्यों में तो सूर्य देव के दर्शन भी नहीं हो रहे हैं। लेकिन इस ठंड का असर लोगों की जिंदगी पर ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर भी होता हुआ दिख रहा है। बीते कुछ समय पहले पॉल्यूशन के मुद्दे पर दो लड़कों की गाई व्यंग्य से भरी कव्वाली सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी, जिसके बोल थे..’तुम्हे क्लीन हवा भूल जानी पड़ेगी, दिल्ली एनसीआर में आ कर तो देखो.. अस्थमा, ब्रोंकाइटिस से बच ना सकोगे, बिल हॉस्पिटल का बचा कर तो देखो.’ कुछ इस तरह से लिरिक्स के साथ गाई गई इस कव्वाली के बोल तो कमाल के थे ही, गाने वाले की आवाज भी बेहद सुर में थी. इस वीडियो को देख इंटरनेट पर लोग इनके कायल हो गए थे. अब एक बार फिर इस कड़ी में बाइक चलाता एक शख्स ठंड के ऊपर गाना गाता नजर आ रहा है, जिसे सुनकर लोग कह रहे हैं, ‘वाह..मान गए जनाब.’
    पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने के बाद मैदानी इलाकों में भी ठंड काफी बढ़ गई है. ठंड के बढ़ने के साथ-साथ कोहरा और धुंध भी काफी बढ़ गया है. देशभर में बढ़ती इस ठंड का असर सोशल मीडिया पर भी देखने को भी मिल रहा है. हाल ही में ठंड पर वायरल हो रहे इस गाने के सुर प्रसिद्ध फिल्म और थिएटर अभिनेता, गायक, पटकथा लेखक, गीतकार, संगीतकार और लेखक पीयूष मिश्रा के एक मशहूर गीत संग्रह ‘आरम्भ है प्रचंड’ से लिया गया है, जिसे सुनकर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. गैंग्स ऑफ वासेपुर, मकबूल, गुलाल और पिंक जैसी फिल्मों से सुर्खियां बटोरने वाले पीयूष मिश्रा के गीतों में मिलन की महक भी है और जुदाई की कसक भी. अपनी कई कविताओं में पीयूष वीर रस के उन कवियों की याद दिलाते हैं, जिनकी रचनाओं ने रण के मैदान में जान फूंकने का काम किया. हाल ही में उनके ऐसे ही गीत संग्रह में से एक ‘आरम्भ है प्रचंड’ एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार बोल कुछ अलग हैं.

    वीडियो में बाइक चलाते हुए एक शख्स ठंड के ऊपर गाना गाता नजर आ रहा है. इसी कड़ी में कुछ दिन पहले एक और शख्स इसी तरह ठंड पर गाना गाता नजर आया था, जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ था. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर यह वीडियो शेयर किया गया है. वीडियो में आप सुन सकते हैं कि शख्स ‘आरंभ है प्रचंड’ की धुन पर ठंड पर एक शानदार गाना बनाया है. गाने की लाइन सुनें तो वह एक-एक शब्द में यह बताने की कोशिश कर रहा है कि, ठंड की गंभीरता कितनी बढ़ गई है. वीडियो में शख्स सबसे मजेदार बात बताते हुए कहता है कि, अगर आप ठंड के मौसम में नहाना नहीं चाहते, तो सिर्फ अपना सिर गीला कर लीजिए और काम हो जाएगा. आगे वह कहता है, स्नान करने वाले को खुद को पवित्र नहीं समझना चाहिए. आप भी सुनिए ये गाना.

  • कोहरे के कहर से ठिठुरने वाली ठंड में मौसम विभाग का अलर्ट!

    कोहरे के कहर से ठिठुरने वाली ठंड में मौसम विभाग का अलर्ट!

    पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में दिखाई दे रहा है। सर्दी के साथ कोहरे के कहर ने परेशानी डबल कर दी है। लोग ठिठुरने पर मजबूर हो गए हैं। राजधानी दिल्ली समेत देश के 14 राज्यों में धुंध का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तरी मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, उत्तराखंड, ओडिशा, असम और मेघालय में 30 दिसंबर तक घनी धुंध छाई रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार यहां विजिबिलिटी रेंज 50 मीटर तक जाने का अनुमान है।

    मौसम विभाग ने कोहरे को लेकर दिल्ली में येलो अलर्ट जारी किया है। दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में धुंध की मोटी चादर सड़कों पर दिखाई दे रही है। जिसकी वजह से कई जगह तो विजिबिलिटी शून्य तक पहुंच गई है। उत्तर भारत के कई हिस्सों में तो बुधवार को भर कोहरा छाया रहा। वही खराब मौसम के कारण बुधवार को दिल्ली हवाई अड्डे से करीब 9 उड़ानों का मार्ग परिवर्तित किया गया।

    अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि स्पाइसजेट की तीन उड़ानों और एअर इंडिया की एक उड़ान को सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे के बीच जयपुर भेज दिया गया। देर शाम विमानन कंपनी विस्तारा ने कहा कि दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने वाली उसकी पांच उड़ानों का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया।

    विमानन कंपनी ने ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा कि पटना, हैदराबाद, बेंगलुरु, गुवाहाटी और चेन्नई से राष्ट्रीय राजधानी के लिए उड़ानों का मार्ग परिवर्तित किया गया । तीन उड़ानों को इंदौर और एक-एक उड़ान को मुंबई और जयपुर भेजा गया. राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में बुधवार को घना कोहरा छाया रहा। मंगलवार को भी घने कोहरे के कारण दिल्ली हवाई अड्डे पर विमानों का संचालन प्रभावित हुआ था।

  • सर्द हवाओं मैं घिरा उत्तर भारत, IMD ने किया अलर्ट जारी

    सर्द हवाओं मैं घिरा उत्तर भारत, IMD ने किया अलर्ट जारी

    सर्द हवाएं घना कोहरा और ठिठुरन भरी सुबह कुछ ऐसे नजारे में दिल्ली वालों के दिन की शुरुआत हो रही है।  पहाड़ों पर हो रही कड़ाके की ठंड और बर्फबारी से पूरा उत्तर भारत इसके प्रकोप में है। दिल्ली से सटे इलाकों की भी यही हालात हैं। एनसीआर इलाकों में ठंडक बरकरार है। हरियाणा, पंजाब और बिहार समेत कई राज्यों पर घने कोहरे का सितम जारी है , दिल्ली में घने कोहरे को लेकर मिला IMD अलर्ट, दिल्ली में घने कोहरे के कारण कई उड़ानें प्रभावित हुईं हैं। वहीं राष्ट्रीय राजधानी के तापमान की बात करें तो कई दिनों से हल्की ठंडी हवा चलने के कारण न्यूनतम तापमान में 2.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार और बुधवार को भी कोहरा बहुत अधिक होगा। इस वजह से वजह से मौसम विभाग ने दोनों दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
    वही उत्तर प्रदेश में भी कड़ाके की ठंड जारी है। गाजियाबाद, कानपुर समेत कई शहरों में मंगलवार सुबह कोहरा देखा गया। मौसम विभाग के अनुसार, यूपी की राजधानी लखनऊ के बात की जाए तो यहां मंगलवार न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। IMD ने यहां भी घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है। साथ ही IMD ने बिहार के मौसम की भी बात की है , राजधानी, पटना समेत अन्य राज्य के मौसम का मिजाज कई दिनों के बाद बदला हुआ नजर आएगा। 29 दिसंबर से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण नव वर्ष में दो व चार जनवरी को पटना सहित कई भागों में हल्की वर्षा की संभावना है।

    इससे तापमान में गिरावट के साथ ही ठंड में वृद्धि का पूर्वानुमान है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, पूर्वी बांग्लादेश के आसपास चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है। इनके कारण पटना समेत प्रदेश का मौसम शुष्क बना रहेगा। साथ ही में जम्मू-कश्मीर में नए साल का स्वागत बारिश और बर्फबारी से होने की उम्मीद है। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार, एक से तीन जनवरी तक प्रदेश में बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर बारिश के साथ बर्फबारी होगी। अभी कश्मीर में शीतलहर के साथ अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चल रहा है।  जिससे ठंड बढ़ने पर लोग चिंतित भी है ।

  • Cold Wave : क्या वाकई मैदानों में 4 डिग्री तक गिर सकता है पारा ? पहाड़ों में लगातार हो रही भारी बर्फबारी

    पहाड़ी इलाकों में इन दिनों लगातार बर्फबारी हो रही है। शनिवार को हिमाचल प्रदेश के शिमला में हल्की बर्फबारी हुई। जम्मू-कश्मीर डोडा में भारी बर्फ गिरी, जिससे चारों ओर बर्फ की मोटी चादर बिछ गई। दिल्ली में भी आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान 3-4 डिग्री तक जा सकता है। हाल ही में खबर आई थी कि दिल्ली एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। हालांकि स्केयमट वेदर ने इसका खंडन किया है।

    दिल्ली में अगले दो दिनों में बढ़ेगी ठंड

    मौसम के पुर्वानुमान के अनुसार दिल्ली में 16 से 18 जनवरी के बीच न्यूनतम 3-4 डिग्री तापमान देखा जा सकता है। दिल्ली के मौसम में 19 जनवरी से राहत की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि दिन और रात दोनों का तापमान सामान्य से एक इंच ऊपर रहने की संभावना है।
    उन्होंने ट्वीट किया अखबारों और टीवी चैनलों में अफवाहें चल रही हैं कि दिल्ली का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे जा सकता है। यह एक गलत भविष्यवाणी है, शायद कुछ हाइलाइट पाने के लिए। कृपया ऐसी आधारहीन अफवाहों पर विश्वास न करें। चल रहा पश्चिमी विक्षोभ पूर्व की तरह बढ़ रहा है।

    सीकर और चूरु में ठंड का कहर

    स्काईमेट वेदर के मुताबिक उत्तर से बर्फीली ठंडी हवाएं राजस्थान और गुजरात में पहले ही शुरू हो चुकी हैं, जिससे न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट आई है। राजस्थान के कुछ हिस्सों जैसे सीकर और चुरू में शून्य से नीचे तापमान पहुंच सकता है। हालांकि एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ 19 जनवरी से पश्चिमी हिमालय तक पहुंच जाएगा और ठंडी उत्तरी हवाओं की जगह पश्चिमी हवाएं और धीरे-धीरे गर्म पूर्वी हवाएं और धीरे-धीरे गर्म पूर्वी हवाएं ले लेंगी। स्केयमट वेदर के पुर्वानुमान के मुताबिक 14 और 15 जनवरी से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और पश्चिम मध्य प्रदेश के तापमान में गिरावट आ सकती है।

  • Welcome New Year : कड़ाके की ठंड से होगी नए साल की शुरुआत, एक जनवरी से घना कोहरा और शीतलहर की संभावना

    Welcome New Year : कड़ाके की ठंड से होगी नए साल की शुरुआत, एक जनवरी से घना कोहरा और शीतलहर की संभावना

    मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली एनसीआर और यूपी में तापमान ० डिग्री सेल्सियस तक की स्थिति देखी जा सकती है। उत्तर भारत की पहाड़ियों में थोड़ी बारिश हो सकती है।

    देश की राजधानी दिल्ली में 15 दिनों में पहली बार शुक्रवार को न्यूनतम तापमान दहाई अंक तक दर्ज किया गया। हालांकि कड़ाके की इस ठंड में लोगों को भले ही थोड़ी राहत मिली हो लेकिन मौसम विभाग का अनुमान है कि यह राहत नए साल की शुरुआत से ही खत्म हो सकती है।
    अगले 7 दिनों तक येलो अलर्ट
    मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार नए साल में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। मौसम विभाग ने एक जनवरी से शीतलहर की संभावना जताई है। हवाओं में नमी के चलते दिल्ली में शनिवार को भी घना कोहरा छाया रह सकता है। मौसम विभाग ने अगले 7 दिनों तक येलो अलर्ट घोषित किया है, जिसमें ४ जनवरी की सुबह तक घना कोहरा छाए रह सकता है। इस दौरान राजधानी में पारा 4.0 डिग्री तक जा सकता है।
    ज्ञात हो कि दिल्ली में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। भारत मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक शनिवार को पारा छह डिग्री सेल्सियस और सोमवार यानी कि 4 जनवरी तक चार डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा। वहीं उत्तर प्रदेश में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार बर्फीली हवाओं के चलने से ठंड और बढ़ सकती है। गुरुवार को कानपुर में तापमान अधिकतम 21.4 डिग्री रहा तो वहीं न्यूनतम तापमान 5.8 पहुंच गया।
    दरअसल तापमान गिरने के पीछे मौसम विभाग का कहना है कि पहाड़ी इलाके में बर्फबारी होने से मैदानी क्षेत्रों में अगले चौबीस घंटों में ठंड बढ़ सकती है। गौरतलब है कि पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का दौर जारी है । गत गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति में बर्फबारी हुई। इसके अलावा श्रीनगर समेत कश्मीर के कई निचले इलाके में भी बर्फबारी देखी गई।

    बाकी राज्यों में क्या रहेगा मौसम का हाल ?

    मौसम विभाग के अनुसार साल के पहले दिन चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में सर्दी से लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती है। वहीं 31 दिसंबर से 2 जनवरी तक चंडीगढ़ और दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा के अलग-अलग क्षेत्रों में दिनभर कड़ाके की ठंड रहने की संभावना है।

  • Flood in Assam : आखिर क्यों आती है हर साल असम में बाढ़

    Flood in Assam : आखिर क्यों आती है हर साल असम में बाढ़

    Flood in Assam 

    Flood in Assam : अगर आप भारत के हिन्दी बेल्ट के निवासी है और अगर आप गलती से असम का नाम सुनते है तो जहन में सिर्फ एक ही बात आती हैं “बाढ़” ऐसा कोई भी साल नहीं जाता जब असम से बाढ़ की खबरें न सामने आए, हर साल बाढ़ में फसे लोगों की तस्वीरे, विस्थापन की तस्वीरें, मजबूरन कैंप में रहने वाले लोग हर साल बाढ़ के कारण इस तरह के स्थिति में आ जाते हैं।

    इधर असम की जनता बाढ़ (Flood in Assam) से परेशान है लेकिन मुख्यमंत्री को मदरसा पर Tweet करने से फुरसत नही हैं आपने बाढ़ के चलते लोगों के दस्तावेजों के गुम जाने के कारण अपनी नागरिकता न साबित कर पाने के मामले भी सुने होंगे बाढ़ न केवल घर-दुआर को प्रभावित करती है बल्कि अब तो पहचान को प्रभावित कर रहीं।

    असम के लोगों के लिए जीवनदायिनी नदी ब्रह्मपुत्र नदी ही उनके लिए हर साल परेशानी का कारण बन जाती है, इसी के कारण आई बाढ़ (Flooding in Assam) के चलते 21 मई को असम के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से राज्य के कुल 33 जिलों में से 31 जिले बाढ़ की चपेट में है। इन 31 जिलों के 2248 गांव के लगभग 6 लाख 80 हजार निवासी बाढ़ से प्रभावित हैं।बाढ़ के कारण लोग बेघर हुए लोगों के लिए राहत शिविर लगाए जा रहे शिविरों की संख्या लगभग 500 के करीब बताई जा रही।

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    बाढ़ प्रभावितों को जिला प्रशासन की तरफ से भी राहत सामग्री दी जा रही हैं जिसमें 2 KG चावल, 250 ग्राम दाल, 200 ग्राम सरसों का तेल शामिल हैं। इसी के साथ मजबूरन कैंप में रहने वाले लोगों को संक्रमण से बीमारियां भी हो रही हैं।

    बाढ़ के कारण (Causes Of Flood in Assam) –

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    तिब्बत से चलकर अरुणाचल प्रदेश के रास्ते असम में पहुंचने वाली ब्रह्मपुत्र नदी को बाढ़ का मुख्य कारण माना जाता है लेकिन इसके अलावा भी कई कारक है जिनके चलते हमें असम में हर साल बाढ़ जैसे हालात देखने को मिलते है हमने इन कारकों को दो भागों में बांटा है जो कि मानव द्वारा निर्मित और प्रकृति द्वारा निर्मित स्थिति हैं। पहले प्राकृतिक कारणों को जानते हैं।

    प्राकृतिक कारण –

    1. ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत से चलकर अरुणाचल प्रदेश के रास्ते असम में पहुंचने वाली ब्रह्मपुत्र नदी असम मे एक छोर से दूसरे छोड़ तक जाती है इसके बाद वो बांग्लादेश चली जाती हैं, इसी के साथ ब्रह्मपुत्र नदी का रास्ता असम में आते ही संकरा हो जाता है जिससे नदी का पानी फैलने की बजाय ऊपर उठकर तटीय इलाकों को प्रभावित करती हैं।
    2. असम के वातावरण में बहुत ज्यादा नमी और बारिश होती हैं। असम में बारिश 400 सेंटीमीटर से अधिक होती हैं। जो कि सर्वाधिक है देशभर में।
    3. ब्रह्मपुत्र नदी में साथ के राज्य मेघालय और अरुणाचल के राज्यों में भी भारी बारिश के कारण अतिरिक्त पानी भी असम की ब्रह्मपुत्र नदी में पहुंच जाता हैं।
    4. असम की भौगोलिक स्थित के कारण यहां भूकंप और भूस्खलन आते रहते है जिसके कारण आकस्मिक बाढ़ (Causes Of Flood in Assam) का कारण बनते हैं।

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    मानव निर्मित कारण –

    1. बांध – चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर कई बांध बना रखे है जिनकी स्थिति को चीन भारत से बांटता नहीं जिसके कारण ब्रह्मपुत्र नदी का प्रवाह बदलता रहता है जिसके कारण इसे नियंत्रित करना मुश्किल होता जाता है। जो कि आम आदमी के साथ वन्य जीवों को भी प्रभावित करता हैं।
    2. अतिक्रमण- नदी के तट और जंगल की काट कर घर बनाने से बाढ़ को बढ़ावा मिल रहा क्योंकि जंगल मृदा का कटाव रोकते है साथ ही बाढ़ को भी नियंत्रित करते हैं।

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    असम में बाढ़ आने के कारण राइनोसेरस भी काफी प्रभावित होते है ये जीव काफी महत्वपूर्ण, इसके अलावा कृषि में लोगों का भारी नुकसान उठाना पड़ता है, सरकार की तरफ से दूरगामी परिणाम देने वाले कदम उठाए जाने चाहिए। जिससे हर साल इनते जन और धन की हानि को रोका जा सके।

    असम की राजनीति को भी अपना ध्यान नागरिकता और मदरसों से हटा कर इन मुद्दो पर लाना चाहिए, क्योकि शुरुआती जांच में ज्यादातर लोग असम के ही निवासी ही पाए गए। ऐसे में लग रहा कि सरकार को असम में आई बाढ़ (Flood in Assam) की जरा भी चिंता नही।