Category: उत्तरप्रदेश

  • मदरसों में पढ़ाये जाएंगे स्वतंत्रता सेनानी और महापुरष, बनाया जाएगा मोबाइल ऐप

    मदरसों में पढ़ाये जाएंगे स्वतंत्रता सेनानी और महापुरष, बनाया जाएगा मोबाइल ऐप

    द न्यूज 15 
    बलिया।  योगी सरकार ने मदरसों का कायाकल्प करने की पूरी तैयारी कर ली है। उत्तर प्रदेश सरकार मदरसों के लिए एक ऐप बनाने जा रही है। अब मदरसों में स्वतंत्रता सेनानियों, महापुरुषों और इतिहास के बारे में पढ़ाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने के अनुसार मदरसों में आधुनिक शिक्षा देने को मोबाइल ऐप विकसित की  जाएगी। उनका कहना है कि मदरसों में महापुरुषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथा पढ़ाई जाएगी। अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री ने कहा है कि यूपी के मदरसों में शिक्षा की व्यवस्था का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। उनके अनुसार मदरसों में पढ़ाई करने वाले बच्चे राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत हों, इसके लिए मदरसों में महापुरुषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथा पढ़ाई जाएगी। इस दिशा में सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मंत्री ने कहा कि मदरसों में आधुनिक शिक्षा के लिए मदरसे के पाठ्यक्रम पर आधारित मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा।

  •  अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में देवी-देवताओं के अपमान को लेकर बवाल  

     अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में देवी-देवताओं के अपमान को लेकर बवाल  

    द न्यूज 15 
    अलीगढ़। उत्तर प्रदेश में धार्मिक भावनाओं को भड़काने की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। गोरखपुर के गोरखपुर धाम में पीएसी कर्मियों पर हमले के बाद धार्मिक नारे लगाने की घटना के बाद अब अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में हिन्दू देवीदेवताओां के अपमान का मामला सामने आया है। दरअसल एएमयू के एक प्रोफेसर ने रेप के मुद्दे पर बनाए गए प्रजेंटेशन में हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक  बातें लिख दी हैं। अब सोशल मीडिया पर स्लाइड की तस्वीर आने पर हंगामा मच गया है। अब एएमयू प्रशासन और फेकल्टी ऑफ मेडिसिन ने इस असिस्टेंट प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस प्रोफेसर पर स्टूडेंट्स के साथ ही स्टाफ और नागरिकों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। लोगों ने डॉ. जितेंद्र कुमार नाम के इस प्रोफेसर की सोशल मीडिया के जरिये पुलिस से शिकायत की है। इस प्रोफ़ेसर की लोग निंदा कर रहे हैं। साथ ही पुलिस से कड़ी कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग भी की जा रही है।  कारण बताओ नोटिस में इस प्रोफ़ेसर से जल्द जवाब मांगा गया है। एएमयू ने एक बयान में कहा है कि ”डीन की सिफारिश पर दो सदस्यीय एक जांच कमिटी का गठन किया है।
  • गाजीपुर में उछल कूद कर मस्जिद पर चढ़ लगाने लगे धार्मिक नारे, मामला दर्ज 

    गाजीपुर में उछल कूद कर मस्जिद पर चढ़ लगाने लगे धार्मिक नारे, मामला दर्ज 

    द न्यूज १५
    लखनऊ/दिल्ली। उत्तर प्रदेश में धार्मिक भावनाएं भड़काने और धार्मिक स्थलों पर उत्पात के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पर मुर्तजा नामक एक व्यक्ति के पीएसी पर धारहथियार से हमला कर धार्मिक नारे लगाने का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है कि गाजीपुर में उछल-कूद करते हुए कुछ युवक मस्जिद पर चढ़ गये और धार्मिक नारे लगाने लगे। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।दरअसल उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में गहमर गांव है। इस गांव में सोमवार को असामाजिक तत्व गेट से कूदते हुए मस्जिद के पर चढ़ गए और जोर जोर से धार्मिक नारे लगाने लगे। पुलिस के अनुसार मामला दो अप्रैल का उस समय का है जब स्थानीय निवासी समूह जुलुस निकाल रहे हैं। आरोपियों पर दो समूह में तनाव बढ़ाने के प्रयास का आरोप लगाया गया है। मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है।
    मामले का एक कथित वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कुछ युवकों का एक समूह एक मस्जिद पर चढ़कर और जय श्री राम के नारे लगा रहा है और झंडा लहराता हुआ दिखाई दे रहा है।

  • नायब नाजिर की हत्या मामले योगी ने एसडीएम को किया निलंबित, गिरफ्तारी पर अड़े हैं कर्मचारी 

    नायब नाजिर की हत्या मामले योगी ने एसडीएम को किया निलंबित, गिरफ्तारी पर अड़े हैं कर्मचारी 

    द न्यूज 15 
    लखनऊ। प्रतापगढ़ में नायब नाजिर की पिटाई से मौत के मामले में सीएम योगी ने संज्ञान लिया है। योगी ने सक्रियता दिखाते हुए वहां के एसडीएम को निलंबित कर दिया है। दरअसल नायब नाजिर की मौत को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में आंदोलन शुरू हो गया है। वाराणसी समेत तमाम जिलों में तहसीलकर्मियों काम ठप्प कर आंदोलन पर चले गए हैं। सभी कर्मचारी एसडीएम तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
    एसपी सतपाल अंतिल ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया है कि लालगंज तहसील के एसडीएम ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह ने तहसील कार्यालय में नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा को अपने तीन साथियों के साथ उसके घर में घुसकर इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। अंतिल के अनुसार, गम्भीर रूप से घायल शर्मा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहां से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था कि उपचार के दौरान दो-तीन अप्रैल की रात उसने दम तोड़ दिया। उनके अनुसार मृतक के बेटे सुधीर शर्मा की तहरीर के आधार पर एसडीएम व अज्ञात लोगों खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
    उधर सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक ट्वीट में बताया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतापगढ़ की तहसील लालगंज में पदस्थ सुनील कुमार शर्मा की मृत्यु के संबंध में एसडीएम लालगंज के पद पर तैनात ज्ञानेंद्र विक्रम के विरूद्ध प्राप्त शिकायत का संज्ञान लेते हुए उन्हें निलंबित करने का निर्देश दिया है।

  • एटीएस करेगी गोरखनाथ मंदिर हमले की जांच, टेरर लिंक से नहीं किया है इनकार 

    एटीएस करेगी गोरखनाथ मंदिर हमले की जांच, टेरर लिंक से नहीं किया है इनकार 

    द न्यूज 15  
    लखनऊ। गोरखनाथ मंदिर पर पीएसी जवानों पर हमले की जांच एटीएस को सौंप दी गई है। इस हमले के पीछे आतंकी साजिश से इनकार नहीं किया है। उत्तर पुलिस का कहना है कि घटना के आतंकी लिंक से इनकार नहीं कर सकते हैं।
    दरअसल इंजनीयरिंग कर चुके मुर्तजा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मठ के बाहर सुरक्षा में तैनात जवानों पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया था। हमले के दौरान मुर्तजा को धार्मिक नारे भी लगाते हुए देखा गया है। हमला करते हुए मुर्तजा मंदिर के अंदर घुसने का भी प्रयास कर रहा था। न्यूज एजेंसी से बात करते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया है कि ”एक व्यक्ति  जबरन मंदिर परिसर में घुसने का प्रयास कर रहा था। उसने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला किया था। एडीजी के अनुसार आरोपी की पहचान अहमद मुर्तजा अब्बासी के रूप में हुई है। यह व्यक्ति गोरखपुर का रहने वाला बताया जा रहा है।
    एडीजी ने बताया है कि केस को एटीएस को भेज दिया है। उनका कहना है कि वे लोग इस वारदात को टेरर एंगल से इनकार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने घटना की विस्तृत जांच की मांग की है। गोरखपुर के एसएसपी विपिन टाडा का कहना है कि  आरोपी  धार्मिक नारा लगाते हुए जबरन गोरखनाथ मंदिर में घुसने की कोशिश कर रहा था।  लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया। उनका कहना है कि इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, उनका इलाज चल रहा है।

  • शिवपाल यादव को डिप्टी स्पीकर बनाने की अटकलों के बीच बढ़ी अखिलेश यादव की बेचैनी

    शिवपाल यादव को डिप्टी स्पीकर बनाने की अटकलों के बीच बढ़ी अखिलेश यादव की बेचैनी

    द न्यूज 15 
    लखनऊ/इटावा। इसे समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव और अखिलेश यादव का विवाद कहें या फिर शिवपाल यादव का योगी आदित्यनाथ से सटना। भाजपा ऐसा कुछ खेल करना चाहती है कि अखिलेश यादव के लिए विधानसभा में मुश्किलें खड़ी हो जाएं। अब शिवपाल यादव को डिप्टी स्पीकर बनाने की चर्चा शुरू हो गई है। ऐसे में अखिलेश यादव समेत दूसरे विधायकों में हलचल है। अखिलेश यादव जानते हैं कि यदि शिवपाल यादव को डिप्टी स्पीकर बना दिया जाता है  तो वह चुन-चुन कर अपमान का बदला लेंगे।
    दरअसल राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अखिलेश यादव को एहसास कराने के लिए भाजपा उनके चाचा शिवपाल यादव को विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का पद दे सकती है। बताया जा रहा है कि शिवपाल यादव इस पद के मिलने सहमत हैं। हालांकि खुद के बारे में अटकलों पर कुछ बोलने के बजाय शिवपाल यादव खामोश रहना पसंद कर रहे हैं।
    दरअसल यदि शिवपाल यादव को डिप्टी स्पीकर की कुर्सी मिलती है तो वह सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बगल में बैठेंगे।
  • अब वक्‍फ बोर्ड की जमीन पर चलेगा बुल्‍डोजर, योगी के मंत्री का ऐलान, मदरसे लेकर भी कही बड़ी बात

    अब वक्‍फ बोर्ड की जमीन पर चलेगा बुल्‍डोजर, योगी के मंत्री का ऐलान, मदरसे लेकर भी कही बड़ी बात

    द न्यूज 15

    नई दिल्ली/लखनऊ । उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बुलडोजर को एक ऐसा प्रतीक बना दिया है कि अब यह न केवल नौकरशाह बल्कि सरकार में बैठे विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की जबान पर भी चढ़ गया है। कभी अपराधियों तो कभी माफियाओं और कभी बलात्कारियों को बुल्डोजर के माध्यम से गिरफ्त में लेने की बात की जा रही है। अब भाजपा के एक मंत्री ने वक्फ बोर्ड की जमीन पर बुल्डोजर चलाने की धमकी दी है।दरअसल योगी सरकार के पशुधन, दुग्ध विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने ऐलान कर दिया है कि वक्फ बोर्ड की जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए बुल्डोजर का इस्तेमाल किए जाएगा। उनका कहना था कि अधिकारियों से इसकी संपत्तियों की जानकारी भी ली जाएगी। मंत्री का कहना था कि प्रदेश में वही मदरसे चलेंगे, पढाई होती हो, आतंक की शिक्षा से दूर दूर तक कोई वास्ता न हो। पत्रकारों से बातचीत करते हुए धर्मपाल सिंह ने कहा है, “वक्फ बोर्ड की जमीन पर सरक़ार नहीं बल्कि माफियाओं का कब्जा है। हम उसको छुड़वाने के लिए काम करेंगे। मदरसों को लेकर मंत्रियों ने कहा कि  ” मदरसों में राष्ट्रीय शिक्षा दी जाएगी, राष्ट्रहित की बात की जाएगी, आतंकवाद का पाठ नहीं पढ़ाया जाएगा। उनका कहना था कि यहां अब तकनीकि शिक्षा ही दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि उन्हें गायों के साथ अल्पसंख्यकों का भी संरक्षण करना है। वह बात दूसरी है कि दोनों एक-दूसरे के विपरीत हैं। उनका कहना है कि यह  विडंबना ही है हमें गायों का संरक्षण करने के साथ ही अल्पसंख्यक लोगों की भी फ़िक्र करनी है। वह बात दूसरी है कि दोनों विपरित विभाग हैं।  धर्मपाल सिंह का कहना था कि किसानों की अपनी समस्या है तो सड़क पर चलने वाले की अपनी और गायों की अपनी समस्या है। गाय तो खाने के लिए किसान के खेत में ही जाएगी। किसान की भी अपनी समस्या है यदि गाय उसकी फसल खा जाएगी तो फिर उसके बच्चे क्या खाएंगे ?

  • यूपी में तीन महीने और फ्री मिलता रहेगा फ्री राशन, दूसरी पारी में योगी सरकार ने लिया अहम् फैसला 

    यूपी में तीन महीने और फ्री मिलता रहेगा फ्री राशन, दूसरी पारी में योगी सरकार ने लिया अहम् फैसला 

    द न्यूज 15

    लखनऊ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नई कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि यूपी में 15 करोड़ लाभार्थियों को तीन महीने और मुफ्त राशन दिया जाएगा। अन्न योजना को आगे बढ़ाने से जुड़े इस फैसले की जानकारी खुद सीएम ने मंत्रिपरिषद की मीटिंग के बाद पत्रकार वार्ता करके दी है।

    दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली नई कैबिनेट की आज सुबह बैठक हुई है। इस बैठक में फैसला लिया गया कि यूपी में 15 करोड़ लाभार्थियों को तीन महीने और मुफ्त राशन दिया जाएगा।
    योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोनाकाल से गरीबों को राशन मिल रहा है।” दरअसल, यूपी के चुनाव के दौरान फ्री राशन और प्रशासन बड़ा मुद्दा थे, जबकि पूर्व सीएम और सपा चीफ अखिलेश यादव ने वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आए तो गरीबों को मुफ्त राशन देंगे।
    अखिलेश यादव ने ऐसा भी दावा किया था कि अगर योगी सरकार सत्ता में लौटी तो गरीबों को राशन नहीं देगी। ऐसे में योगी आदित्यनाथ ने इस फैसले के जरिए एक बड़ा संदेश देने की भी कोशिश की है।

  • जाट और मुसलमान हुए एक, हराकर रहेंगे भाजपा को : मुजफ्फरनगर

    जाट और मुसलमान हुए एक, हराकर रहेंगे भाजपा को : मुजफ्फरनगर

    द न्यूज़ 15
    मुजफ्फरनगर। UP विधानसभा चुनाव के चलते CM योगी आदित्यनाथ ने “80 बनाम 20″ का नारा दिया था। उनके इस नारे पर एक 40 वर्षीय किराना व्यापारी मोहम्मद शमीन कहते हैं कि मेरठ में ”60-40” की लड़ाई है। उनका दवा है कि मेरठ के सभी मुसलमान, जो शहर की आबादी का लगभग 40% हैं, समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन को वोट देंगे। भाजपा के पास यहां कोई मौका नहीं है।
    मेरठ में बीजेपी ने अपने युवा नेता कमल दत्त शर्मा को मौका दिया है, जिनका मुकाबला सपा के मौजूदा विधायक रफीक अंसारी से है। मेरठ जिले में सात विधानसभा क्षेत्र हैं। मेरठ, मेरठ छावनी, मेरठ दक्षिण, सिवलखास, सरधना, हस्तिनापुर और किठौर में पहले चरण के मतदान में 10 फरवरी को वोटिंग हुई थी। यूपी चुनाव के पहले चरण में कुल मिलाकर 60.1 फीसदी मतदान हुआ।
    पश्चिमी यूपी में पुरानी वफादारी के खिलाफ नए राजनीतिक गठजोड़ देखने को मिल रहे हैं। अखिलेश के नेतृत्व वाली सपा ने जाटों का समर्थन पाने के लिए जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली रालोद के साथ गठबंधन किया है, जो अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से नाराज हैं। इस बीच, बीजेपी घर-घर जाकर प्रचार कर रही है। सपा पर अपने शासन के दौरान ‘गुंडाराज’ का आरोप लगा रही है। भगवा पार्टी जाटों तक पहुंच रही है और गठबंधन में दरार पैदा करने का प्रयास कर रही है।
    इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मतदाता बंटे हुए हैं। घंटा घर के पास क्रॉकरी की दुकान चलाने वाले पीएल आहूजा कहते हैं, ”मेरठ में बीजेपी उम्मीदवार शर्मा की जीत होगी। शर्मा की छवि साफ-सुथरी है। साथ ही अब गुंडागर्दी भी नियंत्रण में है और गरीबों को महीने में दो बार मुफ्त राशन मिलता है।” आपको बता दें कि इस चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जो मुस्लिम वोटों को विभाजित कर सकते हैं।
    मोहम्मद अंसारी, जिन्हें लॉकडाउन के दौरान खेल का सामान बेचने वाली अपनी छोटी सी दुकान बंद करनी पड़ी थी और अब दिहाड़ी के रूप में काम करते हैं, कहते हैं कि ‘साइकिल’ इस शहर में सवारी करेगा। कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मैं अब बेरोजगार हूं। क्या यह काफी नहीं है?”
    मुजफ्फरनगर के चरथवल विधानसभा क्षेत्र के नारा गांव के वीर चंद त्यागी कहते हैं, ”भीतर इलाकों में जाटों का मूड बीजेपी के मुकाबले सपा-रालोद के पक्ष में 60:40 है। शहरी इलाकों में यह 50:50 है।” उन्होंने कहा, ‘बीजेपी के खिलाफ अभी भी कुछ गुस्सा है लेकिन हमारा वोट भगवा पार्टी को जाएगा। हमारी लड़कियां वर्तमान शासन के तहत स्वतंत्र रूप से घूमने के लिए स्वतंत्र हैं। वे हिंदुओं के बारे में बात करते हैं। इसके अलावा हमें गन्ने का बकाया समय पर मिल गया है।’
    सीएसडीएस के सह-निदेशक संजय कुमार कहते हैं, ”इस बीच, विपक्षी दल जाटों को लुभाने और क्षेत्र के दो प्रमुख घटकों- जाटों और मुसलमानों को एक साथ लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन नहीं है कि जाट और मुसलमान अपने मतभेदों को दूर कर सकते हैं, लेकिन इस बार उनका एक साझा दुश्मन है। उन्होंने महसूस करना शुरू कर दिया है कि अगर उन्हें बीजेपी को हराना है तो उन्हें एकजुट होना चाहिए।”

  • ‘दिन-रात फसलों की रखवाली से परेशान किसान’, आवारा मवेशियों का मामला BJP के लिए चुनौती

    ‘दिन-रात फसलों की रखवाली से परेशान किसान’, आवारा मवेशियों का मामला BJP के लिए चुनौती

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आवारा मवेशियों का मुद्दा विपक्ष ने जोरशोर से उठाया है। विपक्ष का कहना है कि इस समस्या का सामना पूरे राज्य के किसान कर रहे हैं। इस तरह के नारे भी गढ़े गए हैं जिनमें आवारा मवेशियों को भाजपा की हार का कारण बताया जा रहा है। किसान आवारा मवेशियों के अपने खेतों में घुसने और फसलों को नष्ट करने की शिकायत कर रहे हैं। साथ ही इनसे दुर्घटनाओं, यहां तक कि मौत का कारण बनने के मामले भी सामने आए हैं।
    2019 की पशुधन गणना के अनुसार, राज्य में लगभग 1.16 मिलियन आवारा मवेशी थे। पिछले साल नवंबर तक उनमें से लगभग 7,50,000 को सरकारी शेल्टर्स में रखा गया था। साथ ही इस साल फरवरी तक करीब 4,00,000 और आवारा मवेशियों के पुनर्वास की कोशिश हुई।
    बंद बूचड़खानों को फिर से खोलने की मांग : यह मुद्दा नया नहीं है, लेकिन यह कुछ इलाकों में मतदान के पैटर्न को कुछ हद तक बदल सकता है। हाथरस में कटालिया के पंचायत प्रमुख विनीत कुमार ने कहा, “जनता को लगता है कि अगर सपा सत्ता में आई तो वे बंद बूचड़खानों को फिर से खोलने की इजाजत देंगे, जो आवारा जानवरों की देखभाल करेंगे।”
    अलीगढ़ जिले में भी आवारा गौवंश देहात क्षेत्र में छुट्टा घूम रहे हैं और फसलों को बर्वाद कर रहे हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी किसानों को आवारा पशुओं से निजात नहीं मिल सकी है। बीते पांच सालों में गौशालाओं के निर्माण, गौवंश के रख-रखाव को लेकर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के दावे किए जाते रहे, लेकिन फिर भी किसानों को आवारा गौवंश से निजात नहीं मिल सकी है। इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में जिले की सात में से पांच विधानसभा सीटों के लिए आवारा गौवंश बड़ा मुद्दा है।
    फसल बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों की रखवाली में व्यस्त : प्रतापगढ़ से भी ऐसी खबरें आईं कि आवारा पशु किसानों की फसल चट कर जा रहे हैं। फसल बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों की रखवाली में परेशान हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा है। रानीगंज क्षेत्र के कसेरुआ गांव में झुंड के रूप में घूम रहे आवारा मवेशियों ने किसान के दिन का चैन और रात की नींद हराम कर दी है। आवारा पशुओं से खेतों में खड़ी गेहूं आदि फसलों को बचाने के लिए किसान हर तरीका अपनाकर कर हार चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है।
    सीएम योगी बोले- ना तो गायों को कटने दिया जाएगा और… : इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यूपी में ना तो गायों को कटने दिया जाएगा और ना ही फसलों को नुकसान होने देंगे। सीएम योगी ने कहा, ”हम गाय को कटने नहीं देंगे और अन्‍नदाता की फसल को भी कोई नुकसान नहीं होने देंगे। पिछली सरकारों के कार्यकाल में उत्‍तर प्रदेश में किसान तबाह था, युवाओं के पास रोजगार नहीं था, महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल नहीं था। साल 2017 के बाद हमारी सरकार ने बिना भेदभाव प्रदेश के लोगों को सुरक्षित माहौल और योजनाओं का लाभ दिया।”