Category: उत्तरप्रदेश

  • Village Problem : अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा लच्छीरामपुर गांव का तालाब, बीमारी को दे रहा दावत 

    Village Problem : अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा लच्छीरामपुर गांव का तालाब, बीमारी को दे रहा दावत 

    Village Problem : गांव ने एक से बढ़कर एक प्रतिभाएं दी पर कोई गांव को कुछ देने को तैयार नहीं 

    Village Problem : भले ही योगी सरकार उत्तर प्रदेश में तालाबों के सौंदर्यीकरण को लेकर बड़ा अभियान चला रही हो पर बिजनौर के थाना किरतपुर के अंतर्गत आने वाले गांव सुल्तानपुर सादात उर्फ लच्छीरामपुर का तालाब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। इसे शासन प्रशासन के उपेक्षा कहें या फिर ग्रामीणों अनदेखी यह तालाब आज की तारीख में वरदान की जगह एक अभिशाप साबित हो रहा है। स्थिति यह है कि तालाब में भरा है बदबूदार गंदा पानी एवं समुद्र शोख में विषैले जीव पल रहे हैं । यह Village Problem ही है कि कभी सुंदर और स्वच्छ दिखने वाला यह तालाब बीमारियों की जड़ बना हुआ है। एक समय था कि कभी इस तालाब में पूरे गांव के मवेशी (गाय, भैंस, बैल) सभी पानी पीते थे और गर्मियों के दिनों में घंटो तालाब में पड़े रहते थे। तालाब में बच्चे तैरते थे। 

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    Apprehension of Illness : दरअसल पूरे गांव का प्रयोग किया पानी इसी तालाब में आता है। किसी समय गांव की शान माने जाने वाले इस तालाब की स्थिति यह है कि तालाब में घुसना तो दूर तालाब के पास से गुजरना भी मुश्किल है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि तालाब के किनारे ही प्राथमिक विद्यालय है। जिसमें छोटे छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं। इस तालाब की गंदगी के चलते बच्चों के बीमार होने की आशंका बनी रहती है। बनी रहती है। तालाब की गंदगी के चलते Apprehension of Illness पर विद्यालय की प्रधानाचार्या से बात की तो उन्होंने बताया अभी तक तो कोई किसी तरह का हादसा नहीं हुआ है लेकिन अधिक बारिश होने पर स्कूल के ग्राउंड में पानी भर जाने से खतरे की आशंका बनी रहती है। 

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    ग्राम प्रधान संध्या राजपूत से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस तालाब को Amrit Sarovar Yojana में लाने का प्रयास किया जा रहा है। शासन प्रशासन की तरफ से कार्यवाही में देरी है। कुछ लोगों से बात करने पर पता चला कि कुछ वर्ष तक तालाब में मछली पालन किया गया जिसके चलते मछुआरों द्वारा तालाब की लगातार सफाई होती रही। हमारा उद्देश्य शासन प्रशासन का ध्यान इस तरफ केंद्रित करना है। गांव में Amrit Sarovar Yojana के तहत काम होगा या नहीं यह तो समय बताएगा पर तालाब का सौंदर्यीकरण होना समय का तकाजा है। 

    Pioneer in the field of Education and Politics : यदि लच्छीरामपुर गांव के वजूद की बात की जाए तो। एक बड़ी आबादी वाले इस गांव को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है। वैसे तो इस गांव ने एक से बढ़कर एक प्रतिभाएं दी हैं पर दो शख्यियत ऐसे हुई हैं जिनके नाम पर क्षेत्र गर्व करता है। इसी गांव के हरगुलाल सिंह राष्ट्रीय स्तर सोशलिस्ट नेता रहे हैं। उन्होंने न केवल पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और चंद्रशेखर के साथ काम किया बल्कि समाजवाद के प्रणेता डॉ. राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण के कंधे से कंधा मिलाकर समाजवादी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी गांव के ही बलवंत सिंह राजपूत न केवल गढ़वाल बल्कि कुमाऊं यूनिवर्सिटी के कुलपति रहे हैं। भले ही इस गांव ने एक से बढ़कर एक प्रतिभा देश और समाज को दी हो पर आज की तारीख में इस गांव को कुछ देने को कोई तैयार नहीं। 

    यह Village Problem ही है कि जहां आज की तारीख में छोटे छोटे गांव में पंचायत घर, अस्पताल और उच्च शिक्षा केंद्र स्थापित किये जा रहे हैं वहीं लच्छीरामपुर गांव में विकास ने नाम पर एक प्राथमिक विद्यालय ही है। वह भी बहुत पुराना। हां गांव के लोगों ने आपसी सहयोग से एक मंदिर का निर्माण जरूर करवाया है। 

    • पवन राजपूत 

     

  • Up Police Paper Leak : उत्तर प्रदेश में पुलिस दरोगा भर्ती में धांधली?

    Up Police Paper Leak : उत्तर प्रदेश में पुलिस दरोगा भर्ती में धांधली?

    Up Police Paper Leak

    Up Police Paper Leak : आपके लाइफ का सबसे बड़ा Achievement क्या है?  हो सकता है किसी गाड़ी को खरीदना, किसी प्रेमी को पाना, किसी मुकाम को हासिल करना लेकिन भारत में लगभग हर युवा का एक ही सपना है कि वो सरकारी नौकरी पा जाए, ये Achievement न केवल युवाओं के लिए बल्कि उनके परिवार और भविष्य में ससुराल पक्ष के लोगों के लिए भी उतना ही  important होता हैं कि फलाने के यहां शादी है और लड़का सरकारी नौकरी में है।

    लेकिन भारत में सरकारी नौकरी के लिए आपको Google या Facebook जैसी कंपनियों में नौकरी पाने से भी ज्यादा मेहनत करना पड़ सकता है साथ ही संयम की भी उतनी ही आवश्यकता है क्योकि आपको परीक्षा के फार्म से लेकर भर्ती के ऑफर लेटर मिलने तक में सालों लग सकते हैं। कभी परीक्षा पेपर लीक हो सकता हैं जैसा कि UP की परीक्षा के दौरान हुआ(Up Police Paper Leak)। कभी अपरिहार्य कारणों से अनिश्चित काल के लिए टाला जा सकता हैं। कभी कुछ परीक्षार्थियों को नकल में पकड़े जाने पर परीक्षा भी रद्द हो सकती हैं।

    क्या है भारत में सरकारी नौकरियों का हाल?

    उदाहरण के लिए 2019 में आई रेलवे की भर्ती में 1000 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक परीक्षार्थियों को ऑफर लेटर नहीं मिला जबकि इसकी घोषणा 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले की गई थी। आप किसी भी राज्य का नाम ले आपको एक जैसी ही कहानियां देखने को मिलेगी। 17 मई को राजस्थान में पुलिस के कांस्टेबल (Rajasthan Police Constable Exam) के परीक्षा का पर्चा लीक होने पर परीक्षा रद्द हो गई। सरकारी परीक्षा में धांधली की खबरें ऊपर बताए गए पैटर्न के अंतर्गत ही आएंगी जिससे आपको समझने में आसानी होगी।

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    2019 में आई रेल्वे की परीक्षा की भर्ती पर जनता का आक्रोश

    क्या है UP में दरोगा भर्ताी का मामला-

    हालही के ताजा मामलों की बात करें तो UP में पुलिस दरोगा भर्ती 2021 का मामला सामने आया है। इस परीक्षा में 9534 पदों पर भर्ती आयी थी। दरोगा की भर्ती के लिए करीब 12 लाख लोगो ने फार्म भरे और 7 लाख 61 हजार परीक्षार्थीयों ने 12 नवम्बर को परीक्षा दी। 12 नवंबर को शुरू हुई ये परीक्षा हर दिन के 3 चरणों में होते हुए 2 दिसम्बर तक चलती हैं। परीक्षा होने के बाद मेडिकल की प्रक्रिया होगी तथा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की।

    14 अप्रैल 2022 को इस परीक्षा की मेरिट लिस्ट सामने आती है जिसमें 36 हजार के लगभग परीक्षार्थियों का नाम आया है फिलहाल इस परीक्षा में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन चल ही रहा था कि छात्रों ने मोर्चा निकाल दिया कि परीक्षा में धांधली (Up Police Paper Leak News Today) हुई है कुछ ने परीक्षा रद्द करने तक की मांग भी कर ली। 

    जानिए क्या भारत में सस्ती होगी रोटी?

    उत्तर प्रदेश के अखबारों में पहले भी इन परीक्षाओं के बारे में नकल और धांधली की खबर(Up Police Paper Leak News Today) आती रही है ऐसे में छात्रों का धरना प्रदर्शन भी सामने आ गया है। छात्रों का कहना है कि वे डिप्टी CM और जनता दरबार में अपनी अर्जी लेकर जा चुके हैं। छात्रों ने मीडिया के सामने कई ऐसे सबूत पेश किए जिसमें छात्रों का पेपर किसी और ने हल किया  जिसमें ब्लूटुथ, कम्प्युटर को हैक करना आदि ऐसे काम है। छात्रों का प्रदर्शन लखनऊ का ईको गार्डन में चल रहा हैं।

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    UP STF के खुद की जांच में कई मामले सामने आए जिसमें 160 मेसे 158 प्रश्न हल कर देना, 2 मिनट में पूरा प्रश्न पत्र हल कर देना जैसे मामले सामने आए। UP STF ने उन अभ्यर्थियों के भी नाम है जिनका नाम अप्रैल में आई मेरिट लिस्ट में था।

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    आप किसी भी राज्य का नाम लें और वहां सरकारी परीक्षाओं का हाल एक जैसा ही मिलेगा सभी सरकारे परीक्षाओं को गिरोह की तरह चला रहीं परीक्षा रद्द होने पर छात्रों का समय और पैसे दोनों ही बरबाद चले जाते हैं। कई छात्र ओवर ऐज होने पर इस परीक्षा से अपने आप ही परीक्षा से बाहर हो जाते है। सरकारों को युवाओं के भविष्य की चिंता करनी चाहिए। उत्तरप्रदेश (Up Police Paper Leak ) और राजस्थान सरकारें अपने राज्य में  हो रही पुलिस परीक्षा के बारे में संजान ले और जल्द ही एक अच्छी परीक्षा व्यवस्था बनाए।

     

  • WORRY ABOUT COAL SHORTAGE IN INDIA :- बिजली संकट और कोयला के कमी के बीच राज्य सरकारें केंद्र से लगा रही गुहार

    WORRY ABOUT COAL SHORTAGE IN INDIA :- बिजली संकट और कोयला के कमी के बीच राज्य सरकारें केंद्र से लगा रही गुहार

    COAL SHORTAGE IN INDIA :- देश के कई राज्यों में बिजली काटौती (COAL SHORTAGE IN INDIA) की समस्या बढ़ गई हैं। बाते कुछ दिनों सें कई राज्यों में कई घंटों बिजली कटौती (COAL SHORTAGE IN INDIA) की जा रही है, जिसके कारण उघोगों और कृषि पर खास़ा असर पड़ रहा हैं। इसके अलावा दूसरी ओर पावर प्लांट्स में कोयले की कमी (COAL SHORTAGE IN INDIA) की खबरें सरगरमी पकड़ रही हैं। इसी बीच राज्य सरकारें केंद्र सरकार से बिजली संकट को लेकर गुहारे लगा रही हैं।

    अब सवाल यह उठता हैं, कि आखिर बिजली कटौती और कोयला कमी क्यों हुई? तो आपको बता देते हैं, कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा हैं। दरअसल, हर साल गर्मी के मौसम में देश में बिजली की मांग बढ़ जाती है। जिससे बिजली की पूर्ति करने के लिए कई घंटो बिजली कटौती (COAL POWER CRISIS) की जाती है।

     

    COAL SHORTAGE IN INDIA
    भारत में कोयले की कमी आखिर क्यों ?

    इस वर्ष गर्मी का मौसम मार्च के मध्य से ही शुरू हो गया था। जिससें बिजली की मांग एकदम से बढ़ी।  इसी बीच कोयले की कमी की किल्लत सें देश में  बिजली की कमी (COAL POWER CRISIS) हो गई हैं। अब बिजली की कमी के कारण 7 राज्यों में बिजली कटौती की समस्या उत्पन्न हो गई हैं। वें 7 राज्य पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गोवा हैं। जिनमें कोयले की कमी के कारण बिजली कटौती की समस्या (COAL POWER CRISIS) चरम पर आ पहुंची हैं। इन राज्यें को बिजली कटौती के कारण कृषि और उघोंगों में भारी दिक्कत का सामना कर पड़ रहा हैं।

      राज्य कर रहें केंद्र से मांग

    ऊर्जा मंत्री आर.के.सिंह ने रविवार को दिल्ली में सभी पदाधिकारियों की एक बैठक थी। जिसमें बिजली संकट और कोयले की कमी को निराधार ठहराया हैं। और कहा है, कि “दिल्ली में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी बिजली की आपूर्ति हो रही है और होती रहेगी।” उन्होंने कहा कि “संकट न तो कभी था और न आगे होगा।”

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    ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि “ हमारे पास आज के दिन में कोयले का चार दिन से ज्याद़ा का औसतन स्टॉक है, हमारे पास प्रतिदिन स्टॉक आता है। कल जितनी खपत हुई, उतना कोयले का स्टॉक आया।” पहले की तरह कोयले का 17 दिन का स्टॉक नहीं हैं। लेकिन 4 दिन का स्टॉक हैं। कोयले की ये स्थिति इसलिए है क्योंकि हमारी मांग बढ़ी है और हमने आयात कम किया है। ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि “ हमें अभी कोयले की उत्पादन क्षमता बढ़ानी हैं हम इसके लिए कार्यवाही कर रहे हैं।”

    COAL POWER/ COAL SHORTAGE IN INDIA
    भारत में कोयले की कमी आखिर क्यों ?

     (COAL POWER CRISIS) भारत पर वैश्विक झड़प का असर!!!!!

    देश में गर्मी के मौसम में बिजली की मांग बढ़ जाती हैं। और यह 1,88,576 मेगावाट बताई जा रही हैं। जिसमें 3,002 मेगावाट की ही कमी बताई जा रही हैं। कमी के कारण कई राज्य ऐसें हैं, जिन्हें कटौती की मार झेलनी पड़ रही हैं। इसी कारण अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से बिजली की मांग कर रहें हैं। एक तरफ बिजली की ज्यादा मांग और दूसरी ओर वैश्विक तनाव की वजह के कोयले का आयात न होना। दोनों ही कारणों से भारत के कई राज्यों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हैं। कहीं न कहीं देखा जा सकता हैं कि यूक्रेन संकट के कारण भारत कोयले की कमी (COAL POWER CRISIS) को झेल रहा हैं।

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    मुख्यमंत्रियों ने चिठ्ठी भेजकर मांगी गुहार  (COAL SHORTAGE IN INDIA)

    भारत के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बिजली संकट की आंशका के कारण केंद्र सरकार को पत्र लिखे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री हो या पंजाब के ,सभी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बिजली संकट पर चिंता जताई हैं।

    आखिर क्यों अब 32 नहीं 28 ही होते हैं दांत!

    कोयले से बनने वाली बिजली कितनी जरूरी है?

    हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं कि कोयला जलाने से प्रदूषण होता हैं।,इसके अलावा बिजली पानी, हवा, धूप से बनती हैं, यहां तक कि जम़ीन के अंदर से निकलने वाली भाप से भी बनती हैं। य़े सब बातें अपनी-अपनी जगह सही हैं। परन्तु 2022 में अब तक हमें ज्यादातर बिजली कोयले से हीं मिलती हैं। तथा हमें  मिलनें वाली दो तिहाई बिजली फिलहाल कोयले से ही मिलती हैं। इसका मतलब ये हैं कि कोयले से मिलने वाली बिजली हमारे लिए बहुत-बहुत जरूरी हैं।

  • Why do i have only 28 teeth – आखिर क्यों अब 32 नहीं 28 ही  होते हैं दांत!

    Why do i have only 28 teeth – आखिर क्यों अब 32 नहीं 28 ही होते हैं दांत!

    Why do i have only 28 teeth :-जब हम जन्म लेतें हैं। तो हमारे मुँह (mouth) में दांत (teeth) नहीं होतें और धीरे धीरे उम्र के साथ ही दांत (teeth) आनें लगते हैं। पहले काटने कें दांत हमारे मुँह में आतें है। उसके बाद में बाकि दांत होतें हैं।आज का हमारा विषय ही दांत है। (Why do i have only 28 teeth) क्यों 20 वीं और 21 वीं पीढ़ी के युवाओं में 32 की जगह 28  दांत ही पाए जातें हैं। इस विषय पर बी एच यू (BHU) के प्रोफेसर ने काफी समय से रिसर्च (research) जारी रखी हैं।

    ऊपर पढ़कर तो आप समझ ही गए होंगे की ऐसा खान पान के बदलाव के कारण हो रहा है। परन्तु आज के इस आर्टिकल (article) में हम आपको बतायेंगें, की  खान पान में कैसें बदलावों के कारण ऐसा होता है। क्या है इसके उपाय, क्या करने से हमारे दांतो(teeth)  की समस्या दूर होगी।

    Why do i have only 28 teeth
    Why do i have only 28 teeth

    यूँ तो मुँह में 32 दांत होतें हैं और इसी पर आपनें काफी मुहावरे/कहावते भी सुनी होंगी जैसें बत्तीसी तोड़ दूंगा, बत्तीसी दिखाना, आदि लेकिन जिन पर यें कहावते बनी हैं। यानि कि युवावर्ग उनके ही 32 की जगह 28 दांत ही आ रहें हैं।(Why do i have only 28 teeth)

    कहनें कों तो 18 सें 25 साल की उम्र (age) में लोगों के पीछे के दांत यानि अकल दांत निकल जातें हैं। परन्तु चिंता इस बात की हैं कि 20 से 25 प्रतिशत युवाओं के 28 ही दांत आते हैं। ऐसा किस कारण से होता है? इसी विषय पर बीएचयू (BHU) के प्रोफेसर “टीपी चतुर्वेदी” ने रिसर्च की है, उनकी रिसर्च में पता चला है कि आजकल युवाओं के दांत टेढ़े-मेढे होने की समस्या ज्यादातर पायी जाती हैं। हालांकिं इस समस्या को उपचार करके ठीक किया जा सकता हैं।

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    दांत पर रिसर्च (Why do i have only 28 teeth)

    काशी विश्व हिन्दू विश्वविद्यालय(BHU) के प्रोफेसर टीपी चतुर्वेदी के अध्ययन में पता चला है, कि मसूड़ों(gums) में सूजन,  दांतों में दर्द,  सड़न,  टेढ़े-मेढ़े दांत की समस्या के  मरीज ज्यादातर ओपीडी (OPD) जाते हैं। इसमें कई ऐसे मरीज जो 28 दांत वाले युवा होते हैं,(i only have 28 teeth)  वे भी शामिल होते हैं। इसलिए उन्होंनें इस पर अध्ययन किया और जाँचा कि आजकल के दाँतों के मरीजों में मसूड़ों (GUMS) की भी समस्या पायी जाती हैं।

    उन्होंने बताया की इस समस्या (problem) में जबड़ों का साइज (size)भी नहीं बढ़ पता हैं। पहले के लोग भूना चना,  मक्का, गन्ना आदि कहते थें। जिससें उनकी चबाने की क्षमता बढ़ी रहती थी और अब के लोग फ़ास्ट फ़ूड(fast food) खानें सें अपनी चबानें की क्षमता को छोड़ते जा रहें हैं। जिससें उनके मसूड़ों का साइज भी नहीं बढ़ पर रहा हैं।

    Why do i have only 28 teeth कड़ी चीज नहीं खाने से जबड़े हो रहे छोटे
    Why do i have only 28 teeth कड़ी चीज नहीं खाने से जबड़े हो रहे छोटे

    जो लोग इस तरह के खाने का पालन कर रहें हैं। ऐसें लोगों का जबड़ा बढ़ जाता है पर जों लोग ऐसा खाना नहीं कहते उनकें मसूड़ें बढ़ नही पातें हैं। बीएचयू (BHU) कें प्रोफेसर टीपी चतुर्वेदी ने अपने ओपीडी में इस पर अध्ययन किया और बताया की वें अपने ओपीडी (OPD) में आनें वालें मरीजों को जाँचते थें। उनमें 150 में से 20 मरीज ऐसें होतें थें। जिनकों इस तरह की समस्या होती थी।

    उन्होंनें यह भी बताया कि यह समस्या 15 से 20 मरीजों में होती थी। उनमें 28 दांत ही पाए जा रहे थें।( i only have 28 teeth) और उनकी अकल दांत (Wisdom teeth) नहीं आती हैं। ऐसे मरीज की संख्या 150 में से 20 हो गयी हैं। जिनकी उम्र 18 से 25 साल हैं

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    अकल दांत लाने का उपाय (teeth problem and solution)

    इसका एक ही उपाय हैं। कि खाने को चबाकर खाए जिससें मसूड़ें भी बढ़ेंगें। और दांत टेढ़े-मेढ़े नहीं होंगे, अकल दांत यानि विस्डम टूथ (wisdom teeth) भी आने लगेंगें।

     

  •  Digital India :- डिजिटल इंडिया पर कही पीएम मोदी ने मन की बात

     Digital India :- डिजिटल इंडिया पर कही पीएम मोदी ने मन की बात

    Digital India :- डिजिटल इंडिया पर कही पीएम मोदी ने मन की बात

    Digital India – 24 अप्रैल 2022 को पीएम मोदी ने मन की बात के 88वें संस्करण में डिजिटल इंडिया (digital India) को लेकर बात कही। पीएम मोदी (PM Modi) ने इसमें और कई मुद्दों पर भी बात की। पीएम मोदी (PM Modi) ने मन की बात के संस्करण में शुरुआत में उन्होंने देशवासियों को सम्बोदित करते हुए संग्राहलय की बात की | उन्होंने देशवासियों से कई सवाल भी किये और अपने मन के सवाल उनसे पूछने के लिए आमंत्रित भी किया

    Digital India/ PM Modi/ Mankibaat
    Digital India/ PM Modi/ Mankibaat

    पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा की देश को एक “प्रधानमंत्री संग्राहलय” खोलकर दिया है। जिसका इस्तेमाल देश के युवा कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा की संग्राहलय एक ऐसी जगह है जहाँ हमे सभी जानकारी मिलती है। उन्होंने “नमो ऐप” पर लिखा भी है, कि मैं शुरू से समाचार पढता आ रहा हुँ और सोशल मीडिया (Social Media) पर भी एक्टिव रहता हुँ, पर जब मैं संग्राहलय गया तो मुझे वहां जाकर पता चला की काफी ऐसी बातें है मुझे नहीं पता था। इसलिए संग्राहलय में जाना और जानकारी लेना आज के युवाओं को काफी मदद करेगा।

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    उन्होंने कहा की हमे गर्व हैं की हम प्रधानमंत्री को याद कर रहे हैं और युवाओं को उनसे जोड़ रहे हैं। इसके अलावा भी मोदी ने कई मुद्दों पर बात कीं, जिसमें एक डिजिटल इंडिया  होना भी है। उन्होंने डिजिटल ट्रांज़ैक्शन की बात करते हुए कहा की भारत में ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन (Online Transaction) में बढ़ोतरी हो रही हैं। आकड़ों के अनुसार, 20,000 करोड़ रुपऐ का लेनदेन प्रतिदिन हो रहा हैं। डिजिटल  लेनदेन से दुकानदारों और ग्राहकों दोनों को फ़ायदा हो रहा है और देश में वृद्धि भी हो रही हैं। ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन (online transaction) से देश की अर्थव्यवस्था तैयार हो रही हैं। और लोग एक नयी संस्कृति भी अपना रहे हैं।

    Digital India
    Digital India

     कैशलेस डे आउट (Cashless day out)

    उन्होंने भारत की महिलाओं से यह भी कहा की वे जब घर से निकलें तो यह सोच कर निकले की आज जो भी खर्चे होंगे वो बिना कैश कें हों। यूपीआई के जरिये ही होंगे उससे हमारी बहनों, देश की महिलाओं को केश लेस शॉपिंग की आदत पड़ेगी और इससे देश में डिजिटल ट्रांज़ैक्शन (Digital Transaction) को बढ़ावा मिलेगा।

    डिजिटल ट्रांज़ैक्शन, डिजिटल इंडिया  अभियान के अंतर्गत चलाया गया था। जिससे भारत एक आत्मभारत बनें। ऐसा करने से भारत में ईमानदारी की दर बढ़ जाती है।

    Also read:- मनोज बाजपेयी का देश में हो रहे दंगों के बीच “भगवान और खुदा” एक संदेश

    दूर गावों में भी पहुंची डिजिटल सेवा (Digital India)

    डिजिटल भारत होने का एक उद्देश्य यह भी था, की दूर गावों में जो इंटरनेट की सेवा उपलब्ध नहीं थी वो उपलब्ध हों जायें और आज डिजिटल इंडिया (Digital India) के कारण उन गावों में भी इंटरनेट सेवा पहुंच गयी हैं। गावों में रहने वाले लोगों कों छोटें छोटें कामों के लिए शहरों की ओर जाना पड़ता था। गावों में सेवा उपलब्ध होनें सें कई लोगों कों रोजगार भी मिला हैं जिससें साक्षरता दर भी बढ़ी है अब वहां के लोग भी यूपीआई सें लेनदेन कर रहे हैं।

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    डिजिटल भारत  होनें सें रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। कई जगह बीपीओं जैसें पदों पर भी नौकरियों के अवसर मिलते हैं डिजिटल इंडिया होने से भारत कों अर्थव्यवस्था में काफी मदद मिली हैं। इसी तरह प्रतिदिन हों रहे ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन (Online transaction)  की संख्या में बढ़ोतरी होने सें भारत की आर्थव्यवस्था काफी सही हों जाएगी।

  • manoj bajpayee birthday – मनोज बाजपेयी का देश में हो रहे दंगों के बीच “भगवान और खुदा” एक संदेश

    manoj bajpayee birthday – मनोज बाजपेयी का देश में हो रहे दंगों के बीच “भगवान और खुदा” एक संदेश

     

    Manoj Bajpayee Birthday – मनोज बाजपेयी का देश में हो रहे दंगों के बीच “भगवान और खुदा” एक संदेश

    मनोज बाजपेयी Manoj bajpayee birthday का नाम सुनते ही आपके दिमाग में उनका यह डायलॉग जरूर आता होगा, “बादशाह की गली में आ के उसका पता नहीं पूछते। गुलामों के झुके हुए सिर खुद-बा-खुद रास्ता बता देते हैं।” “मनोज बाजपेयी” Manoj bajpayee birthday अब आप सोच रहे होंगें कि हम इनके बारे में क्यों बात कर रहें हैं?
    दरअसल आज यानि 23 अप्रैल को मनोज बाजपेयी manoj bajpayee birthday का जन्मदिन है देश भर से लोग उनको बधाईयाँ और शुभकामनाएँ भेज रहे हैं। इसी बीच मनोज बाजपेयी (milap zaveri twitter) का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वे खुदा और भगवान की बात कर रहे हैं।

    Manoj bajpayee happy Birthday
    Manoj bajpayee happy Birthday

    आपको बता दें, कि देशभर में साम्प्रदायिक दंगों की खबरें आए दिन सामने आ रही हैं। और यह मुदा देशभर में फैलता जा रहा है। जिससे लोगों में हिंसा की भावना बढ़ रही है। रोजमर्रा के दिनों में लड़ाई-झगड़े, खून-खराबा, लाठी-चार्ज, पथ्थरबाजी, आग, हिंदू-मुस्लिम आदि शब्द ऐसे शामिल हो गये है। जैसे मानों ये हमारी जिंदगी में पहले से ही शामिल हो। आजकल सभी के दिनों की शुरूआत इन्ही शब्दों से हो रही हैं।

    manoj bajpayee birthday वीडियो
    राजनेता हो या अभिनेता सभी इस मुद्दे को गहराई से देख रहे हैं। इसी बीच मनोज बाजपेयी का वायरल वीडियो milap zaveri twitter सभी का दिल जीत रहा हैं। इस वीडियो में मनोज एक कविता गाते दिख रहे हैं। मनोज बाजपेयी के 53वें जन्मदिन पर उनका यह वायरल वीडियो milap zaveri twitter समाज में एक अच्छा संदेश दें रहा हैं।

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    बॉलिवुड के दिग्गज सेलिब्रेटी मनोज बाजपेयी वीडियो में अपने जन्मदिन manoj bajpayee birthday पर देश में हिंदू-मुस्लिम के बीच बढ़ती दूरी के बारे में करते नज़र आ रहे हैं। उसमें वे भगवान और खुदा की बात कर रहे हैं।
    वीडियो में मनोज एक कविता गा रहे हैं। जिसके बोल मिलाप जावेरी ने लिखें हैं। आपको बता दें, कि यह वीडियो 2020 में जब कोरोना काल था तब शेयर किया गया था और आज मनोज के जन्मदिन manoj bajpayee birthday पर मिलाप ने इसे अपने ट्विटर आकाउंट milap zaveri twitter पर फिर से शेयर किया गया हैं।

    milap zaveri twitter पर वायरल वीडियो सभी का दिल जीत रहा हैं। इस वीडियो में मनोज एक कविता गाते दिख रहे हैं। मनोज बाजपेयी के 53वें जन्मदिन पर उनका यह वायरल वीडियो milap zaveri twitter समाज में एक अच्छा मेसेज दे रहा है

    इस वीडियो में मनोज बोलते हैं कि “भगवान और खुदा, आपस में बात कर रहे थे। मंदिर और मस्जिद के बीच एक चौराहे पर मुलाकात कर रहे थे, कि हाथ जोड़े हुए हों या दुआ में उठें कोई फर्क नहीं पड़ता है। कोई मंत्र पढ़ता है, तो कोई नमाज पढ़ता हैं। इंसान कों क्यों नहीं आती शर्म है। जब वो बंदूक दिखाकर पूछता है। कि क्या तेरा धर्म है।, उस बंदूक सें निकली गोली न ईद देखती है न होली, सड़क पर बस सजती है,बेगुनाह की खून की होली”

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    milap zaveri twitter वीडियो देखें

    milap zaveri twitter वीडियो की शुरूआत ही शंख, घंटी और अज़ान से होती है। फिर मनोज कविता गाना शुरू करते हैं। मिलाप अपने ट्विटर अकाउंट पर कविता को शेयर करते हुए लिखते है कि ‘भगवान और खुदा’ 2020 में मेरा द्वारा लिखी गई और मनोज बाजपेयी द्वारा बहुत ही शानदार तरीके से इसे प्रर्दशित किया गया है, उनकी उपस्थिति और अभिनय आज भी मेरे रोंगटे खड़े कर देता है। इसमें सभी भारतीयों और मनुष्यों के लिए और हमारे पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।

    इस कविता के बारे में बताते हुए मिलाप कहते है कि हाल ही में कछ ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जहां हिंदू- मुस्लिम समुदाय आपस में भिड़ गये ऐसे में यह वीडियो अनुरूप हैं।

    बता दें, कि मिलाप जावेरी की यह दूसरी कविता है इससे पहले मिलाप ने मेरा भारत महान कविता लिखी थी जिसमें जॉन अब्राहम ने भूमिका अदा की थी। मिलाप ने मनोज वाजपेयी के साथ सत्यमेव जयते फिल्म में एक साथ काम किया है।

  • Covid-19 Cases : एक बार फिर से बड़े कोरोना के मामले बड़े

    Covid-19 Cases : एक बार फिर से बड़े कोरोना के मामले बड़े

    Covid-19 Cases : भारत में एक बार फिर से कोरोना महामारी के मामले (Covid-19 Cases) बढ़ने लगे हैं। कोरोना के बढ़ते (Covid-19 Cases) मामलों को देख अलग-अलग राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर अभी बस मास्क लगाने को अनिवार्य कर दिया हैं। वही गाजियाबाद और नोएडा के स्कूल में कोरोना के मामले (Covid-19 Cases) मिलने पर उन्हें बंद करने का आदेश भी दे दिया हैं। बहुत जल्द हमारे देश में भी कोरोना की चौथी लहर दस्तक दे सकती है जिसकी आहट दिखने लगी है।

    देश में लगातार गिरते मामलों के बीच पिछले एक हफ्ते से संक्रमण में तेज रफतार देखने को मिल रही है। बता दें कि देश में पिछले सात दिनों में कोरोना के नए मामलों (Covid-19 Cases) की संख्या में 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बताया जा रहा है कि दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश और हरयाणा के कई जिलों में कोरोना के नए मामलों में सबसे अधिक तेजी देखी गई है।

    दिल्ली में कोविड में भी बढ़े कोविड के मामले (Covid-19 Cases) –

    राजधानी दिल्ली में फिर बढ़ रहें कोरोना के मामले (Covid-19 Cases)
    राजधानी दिल्ली में फिर बढ़ रहें कोरोना के मामले (Covid-19 Cases)

    स्वास्थ्य विभाग के जारी आंकड़ों (Covid-19 Cases) के मुताबिक सोमवार यानी 18 अप्रैल को दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 7.72 फीसदी हो गई हैं। दिल्ली में यह पॉजिटिविटी रेट का आंकड़ा कोविड की तीसरी लहर के बाद देखने को मिला। जबकि शहर में सोमवार यानी 18 अप्रैल को 501 ताजा मामले दर्ज किए गए है इसके पहले दिल्ली में 17 अप्रैल को पॉजिटिविटी रेट 4.21 फीसदी  दर्ज की गई।

    हालांकि देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या कम है। 11 से 17 अप्रैल के बीच लगभग 6610 नए मामले सामने आए। वहीं पिछले सप्ताह संक्रमण के 4900 मामले थे। एक अच्छा संकेत ये भी है कि बढ़ते मामलों के बीच संक्रमण से होने वाली मौतों में गिरावट जारी है। इस सप्ताह देश में केवल 27 मौतें दर्ज हुई जो 23-29 मार्च, 2020 के बाद से 2 वर्षों में सबसे कम है।

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    इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 अप्रैल को केरल को पत्र लिख कोविड के आंकड़ों (Covid-19 Cases) को हर दिन जारी करने को कहा है इसके पहले केरल ने बीते 5 दिनों के राज्य स्तरीय आंकड़े एक साथ जारी किए थे। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड को लेकर बेहतर समझ बनाने को लेकर आंकड़ों को समय पर जारी करने का अनुरोध किया हैं।

    चलिए समझते है कि चौथी लहर के दौरान देश में आखिर क्यों ज्यादातर बच्चे ही संक्रमण का शिकार हो रहे है।

    कोरोना के चलते बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित –

    अगर बात करें तो बदलते वातावरण के प्रति यदि कोई सबसे ज़्यादा संवेदनशील होता है तो वो हैं, बच्चे। बच्चों की इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होने के कारण किसी भी बीमारी का असर उन पर सबसे ज़्यादा देखने को मिलता है। आंकड़ों के अनुसार कोरोना की चौथी लहर के दौरान बच्चों में कोरोना संक्रमण ज्यादा देखा गया पिछले हफ्ते दिल्ली-NCR के कई स्कूलों में कोरोना संक्रमित बच्चें पाए गए। जिसके कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया और ऑफलाइन के बजाय ऑनलाइन पढाई शुरू कर दी गई।

    ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि कोरोना का नया वेरिएंट XE बच्चों के लिए कितना घातक हो सकता है और  साथ ही आपके लिए यह भी जानना जरूरी है  कि इस महामारी से आप अपने बच्चों का कैसे ख्याल रख सकते है।

    अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि XE वेरिएंट के लक्षण पहले से मौजूद वेरिएंट से कितना अलग हैं, हालांकि अब तक इसके लक्षणों में  थकान, सुस्ती, बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, तेज़ धड़कन और दिल की समस्याएं शामिल हैं। संक्रमण से बचने के लिए अपने बच्चों के खानपान पर खास ध्यान दें और उन्हें पोस्टिक और संतुलित खाना खिलाए। बच्चों के आहार में ताज़े फल और सब्जियां जरूर शामिल करें और सबसे महत्वपूर्ण बात अपने बच्चों को हर रोज बाहर खेलने जरूर भेजें।

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    ये कोरोना की लहर आती जाती रहेंगी बस हमें और आपको नियमित एक काम करना है जो रामबाण साबित हो सकता है वो है समय समय पर हाथ धोते रहे और फेस मास्क जरूर लगाए और सामाजिक दुरी तो रखें ही बांकी आपको हमारा ये वीडियो कैसा लगा कमेंट सेक्शन में बताए और चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर ले मिलते है।

  • बाराबंकी में रेलवे स्टेशन के पास बम जैसी चीजें मिलने से सनसनी, जांच में जुटा बम डिस्पोजल स्क्वायड

    बाराबंकी में रेलवे स्टेशन के पास बम जैसी चीजें मिलने से सनसनी, जांच में जुटा बम डिस्पोजल स्क्वायड

    द न्यूज 15 
    बाराबंकी। उत्तर प्रदेश में हर स्तर से माहौल गरमाया हुआ है। चाहे सरकार का अपराधियों पर सख्ती का मामला हो, चाहे जाति और धर्म के आधार पर तांडव मचाना हो या फिर बम मिलने की चर्चा। हर ओर किसी न किसी बात लेकर चर्चा गरम है। अब उत्तर प्रदेश के सफेदाबाद रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर बाग में पांच टाइम बम मिलने की सूचना ने हड़कंप पैदा कर दिया। जब मामले की जानकारी ग्रामीणों ने पुलिस को दी तो कोतवाली पुलिस व सीओ आनन-फानन में मौके पर पहुंची पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। बम मिलने की जगह से करीब दौ सौ मीटर के दायरे में पुलिस ने घेराबंदी कर वहां जाने से सभी को रोक दिया। फायर ब्रिगेड भी मौके पर बुला लिया गया। बाक्स के अंदर घड़ी लगी हुई बम जैसी वस्तु निकली है, जिसकी जांच बम डिस्पोजल स्क्वायड कर रहा है।
  • मंत्रालय संभालते ही दया शंकर सिंह ने दिया बसों को साफ सुथरा और खुशबूदार बनाने का आदेश 

    मंत्रालय संभालते ही दया शंकर सिंह ने दिया बसों को साफ सुथरा और खुशबूदार बनाने का आदेश 

    द न्यूज 15 
    लखनऊ। उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसें अब चकाचक हो जाएंगी। न केवल वे साफ सुथारी होंगी बल्कि् उनमें अब यात्रियोंं को खुशबू भी आएगी। गर्मी में पसीने की बदबू इस खूुशबू से दूर होगी। परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने मंत्री पद संभालने के बाद अधिकारियों को बसों को साफ सुधरी करने और फ्रेशनर से खुशबूदार बनाने के आदेश दिये हैं।
    मंत्री के निर्देशों के तहत अब रोज बसों के अंदर झाड़ू लगाकर फर्श, चालक केबिन एवं डैशबोर्ड को साफ किया जाएगा। सीटों के नीचे भरे पड़े कचरे को निकाला जाएगा। बसों को बाहर की तरफ से गीले कपड़े से साफ किया जाएगा। शीशों की डिटर्जेन्ट और हैन्ड हेल्ड वाइपर से सफाई की जाने की व्यवस्था की है। बसों के अंदर फ्रेशनर का स्प्रे किया जाया करेगा। मंत्री ने आदेश दिया है कि रास्ते में पड़ने वाले सभी बस स्टेशनों पर बसों की साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त की जाए। मंत्री का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा एवं आरामदेह यात्रा उनकी सरकार की प्राथमिकता है। मंत्री का कहना है कि मौजूदा समय में कोविड-19 का प्रभाव कम हो गया है। अब परिवहन निगम की बसों का संचालन भी सामान्य हो गया है। उन्होंने कहा है कि बसों में यात्रा करने वालों को साफ-सुथरी बस में सुखमय यात्रा कराना उनका उद्देश्य है।
  • आसाराम बापू आश्रम में मिला लड़की का शव, 3 साल से गायब है पिता

    आसाराम बापू आश्रम में मिला लड़की का शव, 3 साल से गायब है पिता

    द न्यूज 15 

    गोंडा। कहा जाता है कि जब आदमी कानून के शिकंजे में आता है तो फिर निकल नहीं पाता है। आसाराम बापू का रुतबा जिसने देखा हो यह अच्छी तरह से समझता है कि एक समय आसाराम बापू को भगवान की तरह पूजा जाता था। एक से बड़ा एक नेता उसके पैर छुता था। वह जेल क्या गया कि उस दिन के बाद उसको कोई राहत नहीं मिली। तरह -तरह के आरोप उस पर लगते रहते हैं। अब गोंडा स्थित उसके आश्रम में एक गाड़ी एक महिला का शव मिला है।दरअसल गोण्डा नगर कोतवाली क्षेत्र के बहराइच रोड पर आसाराम बापू का आश्रम है। शुक्रवार भोर में एक नाबालिग लड़की की लाश यहां बरामद हुई है। यह लाश आश्रम के अंदर काफी दिनों से खड़ी एक कार में मिली है। पुलिस इस शव की जांच पड़ताल में जुट गई है।जानकारी के अनुसार नगर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत बिमौर की एक नाबालिग लड़की खुशी पांडेय घर लापता थी। काफी खोजबीन के बाद जब उसका कहीं पता नहीं चल सका तो गुरुवार को घरवालों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी। बताया जाता है कि शुक्रवार सुबह तीन से चार बजे के बीच पुलिस ने आसाराम बापू के आश्रम से शव बरामद किया है। पुलिस के अनुसार शव काफी पुराना लग रहा था।
    तीन वर्ष से गायब है लड़की के पिता :  लडकी का पिता भी गत तीन साल से रहस्मय तरीके से गायब हो गया था। पुलिस उसके बारे में भी जांच पड़ताल कर रही है। फिलहाल इस आश्रम में ताला लगा दिया गया है।