Category: यूपी विधानसभा चुनाव

  • अमेठी के राजा संजय सिंह 33 साल बाद फिर लड़ रहे विधानसभा की जंग

    अमेठी के राजा संजय सिंह 33 साल बाद फिर लड़ रहे विधानसभा की जंग

    संजय गांधी के बाद राजीव गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले संजय सिंह ने पिछले तीन दशकों में लगातार कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों में केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्री के रूप में किया है काम

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली। अमेठी को कांग्रेस का गढ़ बनाने का रोडमैप तैयार करने वाले अमेठी के राजा संजय सिंह पिछले 33 सालों में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी दो पत्नियों का आमना-सामना देखा गया था, जिसमें उनकी पहली पत्नी गरिमा सिंह ने भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा और दूसरी पत्नी अमीता सिंह को शिकस्त दी। बता दें कि अमीता सिंह कांग्रेस उम्मीदवार थी।
    वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में संजय सिंह सुल्तानपुर सीट से कांग्रेस से टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली। इसके बाद संजय सिंह और अमीता ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। अब, भाजपा में सिंह, अमीता और गरिमा के साथ, पार्टी ने दो पत्नियों में से किसी एक को चुनने के बजाय उन्हें रखने का फैसला किया है।
    संजय गांधी के बाद राजीव गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले संजय सिंह ने पिछले तीन दशकों में लगातार कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों में केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्री के रूप में काम किया है। लोकसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने के अलावा, उन्हें पार्टी ने उन्होंने राज्यसभा भी भेजा। हालांकि कार्यकाल के अंतिम दौर में वो भाजपा में चले गये।
    बता दें कि अमेठी गांधी परिवार का गढ़ माना जाता रहा। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हरा दिया था। ऐसे में अब संजय सिंह खुद चुनाव लड़कर गांधी परिवार से “पारिवारिक विरासत” को पुनः प्राप्त करने की उम्मीद में हैं।
    वैसे इस सीट को कांग्रेस का गढ़ भले ही माना जाता रहा लेकिन अब यह सीट भगवामय हो चुकी है। इस सीट पर जातीय समीकरण भी खूब प्रभावी देखा जाता है, यहां सामान्य वर्ग के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। इसके बाद दूसरे पायदान पर पिछड़ा वर्ग आता है। वहीं अनुसूचित जाति के मतदाता तीसरे नंबर हैं।
    इस सीट पर अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या आंशिक रूप से है, जातीय समीकरण की बात करें तो यहां 1962 से से लेकर अब तक 9 बार सामान्य वर्ग के लोग चुनाव जीते है। इसके अलावा 2 बार पिछड़े वर्ग के लोगों को जीत मिली है।
    गौरतलब है कि संजय सिंह के पिता रणंजय सिंह ने आजादी के बाद यहां से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पहला चुनाव जीता था। उन्होंने बाद में जनसंघ (1969) और कांग्रेस के टिकट (1974) पर चुनाव जीता।
    संजय सिंह ने कहा, ‘यहां गांधी परिवार को लाने वाले हम ही हैं, हम लोगों ने ही उन्हें यहां स्थापित किया। यह मेरी मातृभूमि है और हमारा 1400 साल पुराना इतिहास है जो इस जगह से जुड़ा है। मैंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 में अपनी मातृभूमि से की थी और लोगों ने खुले हाथों से मुझे अपनाया। मैं विभिन्न विभागों में मंत्री बना और अमेठी के लोगों के लिए रोजगार सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा कि “अपने करियर के अंतिम चरण में, मुझे फिर से अपने लोगों की सेवा करने का अवसर मिला है। क्या यह काफी नहीं है?” बता दें कि इस चुनाव में कांग्रेस ने बसपा के पूर्व नेता आशीष शुक्ला को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने गायत्री प्रजापति की पत्नी महाराजी देवी को मैदान में उतारा है। वहीं बसपा ने रागिनी तिवारी को टिकट दिया है।
  • उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण के चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन को बढ़त! 

    उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण के चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन को बढ़त! 

    सपा-रालोद को 31-35 और भाजपा को 16-20 सीटें दिखा रही है आम लोगों की ग्राऊंड रिपोर्ट

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण में हुए मतदान में जीतने वाली सीटों की आम लोगों की ग्राउंड रिपोर्ट खूब वायरल हो रही है। इस अनुमान के हिसाब से सपा-रालोद को बढ़त दिखाई जा रही है। इस रिपोर्ट के अनुसार सपा-रालोद गठबंधन को 31-35 और भाजपा को 16-20 और अन्य को 3 सीटें दिखाई जा रही है। इस रिपोर्ट के अनुसार -1-Behat : BJP, 2- NaKur : SP,  3- Sahranpur Nagar : SP+, 4- Saharanpur : SP+, 5- DeobAnd : BJP,  6- Rampur Maniharan (SC) : BJP-BSP, 7- Gangoh : BJP,  8- Najibabad : SP+, 9- Nagina (SC): SP+, 10- Barhapur : BJP, 11- DhaMpur : BJP, 12- Nehtaur (SC) : SP+, 13- Bijnor : SP+, 14 -Chandpur : SP-BJP Close Contest, 15- NooRpur : SP+, 16- Kanth : SP+, 17- Thakurdwara :SP+, 18- Moradabad Rural : SP+, 19- MorAdabad Nagar :,  BJP-SP Close Contest, 20- Kundarki : SP+, 21-  Bilari : SP, 22- Chandausi (SC) : BJP, 23- Asmoli : SP, 24- Sambhal : SP, 25- Suar : SP, 26- Chamraua : SP, 27-  Bilaspur : BJP, 28-  Rampur : SP, 29- Milak (SC) :SP-BJP Close Contest, 30-Dhanaura (SC): BJP, 31- NaugawaN Sadat : SP+, 32- Amroha : SP+, 33- Hasanpur BJP-SP Close Contest, 34- Gunnaur- SP+, 35- Bisauli (SC): SP, 36- Sahaswan : SP+, 37- Bilsi : SP+, 38- Badaun: BJP,  39- Shekhupur :SP, 40- Dataganj :SP, 41- Baheri : SP+ .,42- Meerganj : BJP, 43- Bhojipura : SP+, 44- Nawabganj : BJP
    45- Faridpur (SC) : BJP Close contest,  46- Bithari Chainpur : BJP,
    47- Bareilly : SP+, 48- Bareilly Cantt. : SP+
    49- Aonla BJP-SP Close Contest
    50-  Katra : BJP
    51- Jalalabad SP-BJP Close Contest
    52- Tilhar : SP
    53- Powayan (SC) : BJP
    54- Shahjahanpur : SP
    55- Dadraul : SP

  • बाबा की शक्ल देखो 12 बजे हुए हैं, मतदान से पहले नहीं आई नींद : अखिलेश यादव

    बाबा की शक्ल देखो 12 बजे हुए हैं, मतदान से पहले नहीं आई नींद : अखिलेश यादव

    सोमवार सुबह को योगी आदित्यनाथ ने एक समाचार एजेंसी को इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने 80-20 का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने 80 बनाम 20 की बात की थी। 80% BJP के साथ होंगे और 20% हमेशा विरोध करते हैं और विरोध करेंगे।

    द न्यूज 15 
    लखनऊ । सोमवार को उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान हो रहा है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने झांसी में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि बाबा की शक्ल देखो 12 बजे हुए हैं। उन्हें दूसरे चरण के मतदान से पहले नींद नहीं आई।
    झांसी में सपा प्रत्याशी के पक्ष में लोगों को संबोधित करने पहुंचे अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ के एक इंटरव्यू को लेकर उनपर निशाना साधते हुए कहा कि बाबा मुख्यमंत्री की शक्ल देखो आजकल। सवेरे ही आज 12 बज गए। उन्हें रात भर नींद नहीं आई आज क्योंकि दूसरे चरण में वोट पड़ना था, वे रात भर नहीं सो पाए। सुबह ही पत्रकार साथियों को बुला लिया।

    आगे उन्होंने कहा कि वे (योगी आदित्यनाथ) कह रहे हैं कि यह चुनाव 80-20 का है। वे चुनाव को दूसरी दिशा में ले जाना चाहते हैं। अगर किसी ने उनका आज का इंटरव्यू देखा होगा तो उनकी शक्ल देख लेना। उनकी शक्ल पर 12 बज गए हैं। सुबह शीशे में शक्ल देखते हैं और उनको जो दिखाई देता है। उसी पर चर्चा करते हैं।

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    बता दें कि सोमवार सुबह को योगी आदित्यनाथ ने समाचार एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने 80-20 का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने 80 बनाम 20 की बात की थी। 80% BJP के साथ होंगे और 20% हमेशा विरोध करते हैं और विरोध करेंगे। हमने जाति, मत, मजहब की बात नहीं की थी। 80% वो लोग जो हमेशा प्रदेश सरकार के अच्छे कार्यों का समर्थन करते हैं और 20% वो लोग जिन्हें हमेशा विरोध करना है।

    इस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार है इसलिए यूपी में 15 करोड़ लोगों को राशन की भी डबल डोज दी जा रही है। अखिलेश यादव को संभवत: इन आंकड़ों की जानकारी नहीं होगी। बड़े बाप के पुत्र हैं वो आराम से 12 घंटे सोते हैं और 6 घंटे अपनी मित्र मंडली के साथ व्यतीत करते हैं।

    सोमवार को झांसी में जनसभा को संबोधित करने के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना के समय मजदूर भाई दूसरे प्रदेश से चलकर आए थे। ललितपुर-झांसी की सीमा पर उन्हें खाना नहीं दिया और पीने के लिए पानी नहीं दिया। वे नहा धो नहीं पाए लेकिन पुलिस लगाकर सीमा पर नहीं आने दिया। एक गर्भवती महिला तक की मदद नहीं की गई और उसे खुद चलकर अपने घर जाना पड़ा। अगर सपा की सरकार होती तो हम डीएम की गाड़ी से उन्हें घर भेजते।

  • बसपा कैंडिडेट हाजी रिजवान का ऑडियो हुआ वायरल, बीजेपी को वोट देने की अपील की

    बसपा कैंडिडेट हाजी रिजवान का ऑडियो हुआ वायरल, बीजेपी को वोट देने की अपील की

    सपा ने मौजूदा विधायक हाजी रिजवान का टिकट काटकर जियाउर रहमान को टिकट थमाया है। टिकट कटने के बाद से ही हाजी रिजवान ने सपा को लेकर बगावती तेवर अपना लिए थे।

    द न्यूज 15 
    लखनऊ। सोमवार को उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण के 55 सीटों के लिए मतदान हो रहा है। दूसरे चरण के मतदान के बीच मुरादाबाद के कुंदरकी से बसपा प्रत्याशी हाजी रिजवान का एक ऑडियो वायरल हुआ है। जिसमें वो किसी व्यक्ति से बात करते हुए भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं।
    वायरल हुए ऑडियो क्लिप में साफ़ सुना जा सकता है कि वो किसी व्यक्ति से बात करते हुए कह रहे हैं कि साइकिल पर पड़ने वाले वोट को बीजेपी में धकेल दो। हाजी रिजवान ऑडियो में सपा प्रत्याशी को हराने की अपील कर रहे हैं और कह रहे हैं किसी भी हालत में सपा को वोट नहीं पड़ना चाहिए। बसपा प्रत्याशी ने इस ऑडियो की पुष्टि भी की है।
    टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार हाजी रिजवान ने कहा कि किसी भी हालत में सपा का उम्मीदवार नहीं जीत सके। इसलिए मैंने अपने समर्थकों से यह बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने जो भी ऑडियो में कहा है उसमें कुछ भी गलत नहीं है। हमने पांच बार सपा सांसद बर्क का समर्थन किया लेकिन इस बार नहीं। बता दें कि सपा ने इस बार संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियाउर रहमान को टिकट दिया है।
    सपा ने मौजूदा विधायक हाजी रिजवान का टिकट काटकर जियाउर रहमान को टिकट थमाया है। टिकट कटने के बाद से ही हाजी रिजवान ने सपा को लेकर बगावती तेवर अपना लिए थे। पिछले दिनों वे बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलने के बाद बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी में शामिल होने के बाद उन्हें कुंदरकी से टिकट भी दे दिया गया। बता दें कि सोमवार को उत्तरप्रदेश के 8 जिलों में मतदान हो रहे हैं। इसमें बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, बदायूं और शाहजहांपुर शामिल हैं। पहले चरण का मतदान 10 फ़रवरी को हो चुका है। तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को होगा। चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी, पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी, छठे चरण का मतदान 3 मार्च और सातवें चरण का मतदान 7 मार्च को होगा।
  • दिग्विजय सिंह बोले-ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस और हुई मजबूत

    दिग्विजय सिंह बोले-ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस और हुई मजबूत

    द न्यूज 15 
    मुरैना। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर टिप्पणी की। उन्होंने आज कहाकि सिंधिया के पार्टी छोड़कर जाने से कांग्रेस और मजबूत हुई है। राज्यसभा सांसद यह बात मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कही। उन्होंने कहाकि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी फिर से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में एकजुटता के साथ चुनाव लड़ेगी।
    कहा-माधवराव सिंधिया से रिश्ते प्रगाढ़ : दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि ज्योतिरादत्यि सिंधिया के पिता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया को वह स्वयं और तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह कांग्रेस में लेकर आए थे। इस काम में संजय गांधी की अहम भूमिका थी। दिग्विजय ने यह भी कहा कि उनके और श्री माधवराव सिंधिया के रिश्ते प्रगाढ़ थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दिवंगत कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया के साथ उनके प्रगाढ़ संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि इसी वजह से उनके समय में वे ग्वालियर, भिंड और मुरैना जिले का दौरा तक नहीं करते थे।
    भाजपा की नीतियों पर हमला : इस दौरान दिग्विजय ने केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा की नीतियों पर भी हमला किया। दरअसल मार्च 2020 में अप्रत्याशित और अभूतपूर्व राजनैतिक घटनाक्रम के तहत तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस वजह से मात्र 15 माह में ही कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का पतन हो गया था। इस घटना के बाद भी दिग्विजय सिंह ने कहा था कि श्री सिंधिया के जाने से कांग्रेस मजबूत हुई है।

  • योगी मंत्री की दोबारा मतदान की मांग हुई खारिज तो लोगों ने कसा तंज

    योगी मंत्री की दोबारा मतदान की मांग हुई खारिज तो लोगों ने कसा तंज

    सुरेश राणा ने अपने विधानसभा क्षेत्र में दोबारा मतदान कराने की मांग की तो चुनाव आयोग ने इसे खारिज कर दिया

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली। यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने अपनी विधानसभा (थानाभवन) के 40 बूथों पर दोबारा मतदान की मांग की थी हालांकि चुनाव आयोग ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया है। शामली जिला निर्वाचन अधिकारी जसजीत कौर ने लिखित में कहा कि कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा जो थानाभवन विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी हैं, उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष एक प्रार्थनापत्र दिया था। जिसमें 10 फरवरी 2022 को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में 40 बूथों पर दोबारा मतदान की मांग की गई है।
    जसलीन कौर ने लिखा कि ‘इस संबंध में ये अवगत कराना है कि मतदान पूरे जनपद में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से नियमानुसार संपन्न हुआ है। मा. प्रेक्षक महोदय द्वारा भी पूरी मतदान प्रक्रिया को सही पाया गया था। अब पुर्नमतदान की कोई गुंजाइश नहीं है और न ही आवश्यकता’। अब जब गन्ना मंत्री की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया तो सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रिया देने लगे।
    रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा कि बाबा के दाहिने हाथ गन्ना मंत्री सुरेश राणा का जूस निकल गया। 40 बूथों पर पुनर्मतदान की माँग की, वह DM ने ख़ारिज कर दी। DM ने भी रंग बदल लिया। पत्रकार दीपक शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि योगी के सबसे करीबी मंत्री सुरेश राणा की ये अर्जी दरअसल सर्टिफिकेट है कि बीजेपी का पश्चिम में खदेड़ा हो गया है। हार से डरे मंत्रीजी कई बूथों पर दोबारा मतदान चाहते थे पर अफसरों ने मना कर दिया। सच ये है कि अफसर भी अब हवा का रूख भांप रहे हैं।

  • सीएम योगी ने सपा के सिर्फ कब्रिस्तान बाउंड्री की बात की तो यूजर्स दिलाने लगे एक्सप्रेस-वे और किसानों की याद

    सीएम योगी ने सपा के सिर्फ कब्रिस्तान बाउंड्री की बात की तो यूजर्स दिलाने लगे एक्सप्रेस-वे और किसानों की याद

    योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भाजपा एक हाथ में विकास की छड़ी लेकर चलती है और दूसरे हाथ से बुलडोजर भी संचालित करती है। 

    द न्यूज 15 

    लखनऊ। सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान होगा। दूसरे चरण के मतदान से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा में पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा ने सिर्फ कब्रिस्तान की बाउंड्री बनवाई। योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर यूजर्स उन्हें एक्सप्रेस वे और किसानों की याद दिलाने लगे।
    एक जनसभा में योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि राशन का पैसा, मेडिकल कॉलेज का पैसा, सड़क का पैसा, बिजली का पैसा इनका इत्र वाला मित्र डकार जाता था। वे विकास क्या करेंगे। सपा वाले कहते हैं कि हमने विकास किया। जब मैंने उनसे पूछा कि कौन सा विकास तो उनलोगों ने कहा कि और तो नहीं याद है लेकिन हमने कब्रिस्तान की बाउंड्री वाल बनाई है।
    आगे योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लेकिन भाजपा मेडिकल कॉलेज भी बना रही है, एक्सप्रेसवे भी बना रही है, हाईवे भी दे रही है, बिजली और फ्री में वैक्सीन भी दे रही है, फ्री में उपचार भी करा रही है। साथ ही हर धाम के लिए पर्याप्त धनराशि भी उपलब्ध करवा रही है। भाजपा एक हाथ में विकास की छड़ी लेकर चलती है और दूसरे हाथ से बुलडोजर भी संचालित करती है।
    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर सोशल मीडिया यूजर्स ने जमकर प्रतिक्रिया दी। ट्विटर हैंडल @saumya0033 ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि श्मशान की बाउंड्री जरूर भाजपा की सरकार में बनी, जब कोरोना के दौरान मौतें हो रही थीं। सपा सरकार में कब्रिस्तान की बाउंड्री का तो नहीं पता लेकिन मेट्रो, एक्सप्रेस वे और गोमती रिवर फ्रंट जरूर बने। सत्यजीत कुमार नाम के एक यूजर ने लिखा कि झूठ बोलने वाले अपना स्वभाव बदलते नहीं।
    अखिलेश त्रिपाठी नाम के ट्विटर यूजर ने सवाल पूछते हुए लिखा कि देश में पहली बार एक्सप्रेस वे पर फाइटर प्लेन किसने उतरवाए और फिर उसका नकल किसने किया? ट्विटर यूजर @AnilKumar0307 ने लिखा कि कब्रिस्तानों की बाउंड्री सपा ने कराई थी इसीलिए भाजपा सरकार ने कोविड से मरने वालों को श्मशान तक नसीब नहीं होने दिया, लाश गंगा में तैर रही थी, कुत्ते खा रहे थे, चील कौवे नौंच रहे थे और सड़ रही थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं। 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान हो चुका है। दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी, तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को होगा। चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी, पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी, छठे चरण का मतदान 3 मार्च और सातवें चरण का मतदान 7 मार्च का होगा। 10 मार्च को मतगणना होगी।
  • झांसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान विरोधी भाजपा को सजा देने की अपील

    झांसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान विरोधी भाजपा को सजा देने की अपील

    लखीमपुर खीरी में किसानों के हत्यारे को जमानत मिलने से किसानों में आक्रोश
    संयुक्त किसान मोर्चा ने चेताया – भाजपा लौटी तो, किसान विरोधी कानून फिर किसानों पर थोपे जा सकते हैं

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने आज झांसी में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि लखीमपुर खीरी में किसानों के हत्यारे आशीष मिश्रा को जमानत मिलने से किसानों में आक्रोश व्याप्त है । उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गर्मी ठंडा करने की बात कर किसानों को धमकाया और अब जमानत दिलवाकर किसानों के घावों पर नमक छिड़कने का काम किया है ।
    जबकि किसान लखीमपुर खीरी के किसान हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता गृह राज्य मंत्री
    की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग कर रहे थे। अब उत्तर प्रदेश के किसान हिसाब किताब  भाजपा को सजा देकर करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि यदि भाजपा सत्ता में लौटी तो किसान विरोधी कानून फिर किसानों पर थोपे जा सकते हैं इसलिए भाजपा को हराना जरूरी है।
    किसान नेताओं ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ 9 दिसंबर 2021 को जो समझौता किया था ,भाजपा सरकार ने उसे लागू न कर किसानों के साथ धोखा किया है इस कारण संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 550 किसान संगठनों ने देशभर में 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस मनाया तथा यूपी मिशन की घोषणा की।
    किसान नेताओं ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 57 किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के साथ जुड़े हैं जो अपने कार्य क्षेत्रों में जाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर, पर्चे बांटकर और नुक्कड़ सभाएं कर, किसान विरोधी भाजपा को हटाने की अपील गांव गांव में कर रहे हैं।
    संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि भाजपा द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए जारी चुनावी घोषणापत्र में भाजपा ने किसानों से जो वादे किए हैं वह पिछले 2017 के चुनाव में भी किए गए थे लेकिन उन पर अमल नहीं किया गया। अब फिर से भा ज पा पुराने वायदों को दोहरा रही है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने भाजपा के घोषणापत्र  को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि भाजपा ने
    2017 में  वायदा किया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम एस पी) पर किसानों की धान की खरीदारी की व्यवस्था करेंगे तथा आलू, प्याज को न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाया जाएगा। लेकिन अभी तक आलू, प्याज की एमएसपी पर खरीद की घोषणा नहीं हुई। पिछले पाँच वर्षों के दौरान धान के उत्पादन के एक तिहाई से भी कम की सरकारी खरीद की गयी है। गेहूँ में स्थिति और भी ख़राब थी और उत्पादन की 6 बोरी में एक बोरी से भी कम की खरीदी हुई।
    बुन्देलखण्ड में अकाल, पलायन को झेलते हुए किसानों को भी दलहन और तिलहन की एम एस पी नहीं मिली। इसी तरह केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए 45 हज़ार करोड़ की जरूरत थी उसपर भी गत 5 वर्षों में कोई प्रगति नहीं हुई। झांसी औऱ आसपास की तमाम सिंचाई परियोजनाओं को रोक दिया गया।
    भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वायदा किया है जबकि 2017 में भी सभी खेतों में कम दरों पर पर्याप्त बिजली पहुंचाने की व्यवस्था की जाने का संकल्प लिया था । लेकिन पिछले पांच साल में पर्याप्त बिजली नहीं मिली, ऊपर से रेट बढ़ गए। उत्तर प्रदेश की बिजली दरें देश में सबसे अधिक हैं। पाँच वर्षों के कार्यकाल में योगी सरकार ने किसानों से नलकूपों हेतू ग्रामीण मीटर्ड बिजली के दर 1 रुपया यूनिट से बढ़ाकर 2 रुपये यूनिट कर दी। फिक्स चार्ज में अप्रत्याशित वृद्धि कर 30 रुपये से 70 रुपये कर दिया। बिना मीटर वाले कनेक्शन में चार्ज 100 रुपये से बढाकर 170 रुपये कर दिया।
    किसान नेताओं ने कहा कि किसानों को रात रात भर जागकर आवारा पशुओं से अपनी फसलें बचाने के लिए मजबूर होना पड़ा है, ऐसे सभी किसान  भाजपा को सबक सिखाने के लिए वोट करेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संयुक्त किसान मोर्चा की 7 सदस्यीय संयोजन समिति के सदस्य हन्नान मोल्ला, योगेंद्र यादव, शिवकुमार शर्मा (कक्काजी), भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादोन, बुंदेलखंड किसान यूनियन अध्यक्ष विमल शर्मा एवं किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ सुनीलम ने संबोधित किया। यह जानकारी रिलीज जारी कर संयुक्त रूप से डॉ. दर्शन पाल, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव ने दी है।

  • लालटोपी कैसे लोकतंत्र पर कहर बनकर टूटी- लाइव टीवी पर भिड़ गए सपा-बीजेपी के कार्यकर्ता तो अनुराग ठाकुर ने ऐसे कसा तंज

    लालटोपी कैसे लोकतंत्र पर कहर बनकर टूटी- लाइव टीवी पर भिड़ गए सपा-बीजेपी के कार्यकर्ता तो अनुराग ठाकुर ने ऐसे कसा तंज

    उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर कासगंज में एक टीवी शो के दौरान सपा (SP) और बीजेपी (BJP) कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। 

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में खूब राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है। बीजेपी (BJP) को सत्ता बचाने के लिए पूरी ताकत झोंकनी पड़ रही है तो वहीं विरोधी सत्ता पाने के लिए वोटरों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कहीं प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है तो कहीं कार्यकर्ता आपस में भिड़ रहे हैं। इसी बीच कासगंज में एक टीवी शो के दौरान सपा और बीजेपी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।
    उत्तर प्रदेश के कासगंज में न्यूज 18 इंडिया के एक शो में चर्चा के लिए सपा, बसपा, कांग्रेस और बीजेपी के नेता पहुंचे थे। चूंकि इस शो में नेताओं के साथ कार्यकर्ता भी शामिल हुए थे तो भीड़ अधिक थी। नारेबाजी, हूटिंग के साथ ही शो के दौरान खूब हंगामा हो रहा था। सपा कार्यकर्ताओं का हंगामा अधिक बढ़ता देख, शो की एंकर ने पुलिस से सपा कार्यकताओं को हटाने के लिए कहा। इसके बाद बवाल मच गया। बताया जा रहा है कि शो के दौरान एंकर आरएलडी के नेता से बात कर रही थी तभी कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ताओं ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इसके बाद एंकर ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता हंगामा कर रहे हैं और सपा के कार्यकर्ता बेकाबू हो रहे हैं। इसके बाद बीजेपी कार्यकर्ता भी हंगामा करने लगे।

  • जनपद बिजनौर में सपा-रालोद गठबंधन का माहौल

    जनपद बिजनौर में सपा-रालोद गठबंधन का माहौल

    द न्यूज 15  
    बिजनौर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बिजनौर जिला बड़ा महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार जिले में सीधी टक्कर भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन के बीच है। बिजनौर में जो समीकरण उभरकर सामने आ रहे हैं, उसके अनुसार सपा-रालोद गठबंधन का मजबूत दिखाई दे रहा है।
    दरअसल बिजनौर ज़िले में 8 विधानसभा सीटें हैं।  दो सीट पर लोकदल के प्रत्याशी है और 6 पर सपा के प्रत्याशी है । सपा ने दो मुस्लिम, एक जाटव ( सुरक्षित सीट ) , एक जाट , एक सैनी और एक गुर्जर प्रत्याशी को मैदान में उतारा है । दो मुस्लिम प्रत्याशियों में एक OBC और एक सामान्य वर्ग से है । हमारे ज़िले में सभी सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशी के लिए लगभग 70-80 टिकट माँगने वाले थे । एक एक सीट पर 10-15 लोग ज़ोर आज़माइश में लगे थे । सपा के एक नेता ठाकुर मूलचंद चौहान के अलावा पूरे ज़िले में किसी एक टिकटार्थी ने भी बग़ावत नहीं की और सब पार्टी प्रत्याशी का चुनाव लड़ा रहे हैं ।

    चुनाव का अंदाज़ा आप इस बात से लगाया जा सकता है कि नजीबाबाद सीट पर तसलीम अहमद ( सपा प्रत्याशी ) को दलित, जाट अपने गांवों में बुलाकर सभाएं करवा रहे हैं, वहाँ पर बनिये तसलीम अहमद को अपने यहाँ बुलाकर चंदा दे रहे हैं । धामपुर सीट पर सैनी समाज के लोग नईम उल हसन ( सपा प्रत्याशी ) की मीटिंग अपने गांवों में करवा रहे हैं । नूरपुर में रामअवतार सैनी और चाँदपुर में स्वामी ओमवेश के साथ मुसलमान ऐसे जुड़ रहे हैं जैसे शायद किसी मुस्लिम प्रत्याशी के साथ भी नहीं जुड़ते ।
    बिजनौर और बढ़ापुर में बसपा की रुचि वीरा और मुहम्मद ग़ाज़ी जैसे चेहरे भी मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने में सफ़ल नहीं हो पा रहे हैं । बाक़ी नगीना और नहटौर तो रिज़र्व सीट हैं, यहाँ के मुसलमान तो खुद गठबंधन के प्रत्याशी से बोल रहे हैं कि आप दूसरे समाज पर महनत करो, हमें तो केवल इतना बता दो कि हमारे समाज का कौन सा गाँव या मुहल्ला आपसे नाराज़ है, हम उसे मना लेंगे । बिजनौर में जिस तरह का चुनाव चल रहा है, अगर आठों सीट भी गठबंधन जीत जाए तो कोई हैरत की बात नहीं होगी।