द न्यूज 15
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में होने वाले मतदान से पहले, गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ झांसी पहुंचे थे, जहां उन्होंने भाजपा सरकार के काम गिनाए। साथ ही सीएम योगी ने कुंआरे युवाओं के लिए घोषणाएं भी की। सीएम योगी ने कहा कि यहां बहुत से नौजवान बिना शादी के रह जाते थे, पानी नहीं है तो कोई कन्या देता नहीं था, ऐसे मे युवाओं की कैसे शादी हो। लेकिन अब किसी को कुंवारा नहीं रहना पड़ेगा। इलाके में पानी की समस्या पर बोलते हुए सीएम योगी ने कहा, “बुंदेलखंड में पानी की समस्या के कारण कई युवक शादी के बिना रह जाते थे क्योंकि कोई अपनी कन्या की शादी बुंदेलखंड में नहीं करना चाहता था, लेकिन अब यहां किसी नौजवान को कुंवारा नहीं रहना पड़ेगा। हर घर नल की योजना से पानी की समस्या का हल कर दिया गया है।”
सीएम योगी ने सपा-कांग्रेस और बसपा पर निशाना साधते हुए कहा, “कोरोना काल में क्या बसपा, सपा, कांग्रेस के नेता आपका हाल लेने आए थे? क्या अखिलेश यादव, मायावती आईं थीं? दिल्ली से भाई-बहन की जोड़ी (राहुल गांधी-प्रियंका गांधी) आई थी?” उन्होंने कहा, “जब ये लोग संकट की घड़ी में आपका हाल-चाल नहीं ले सकते तो क्या इन्हें समर्थन मिलना चाहिए?” सीएम योगी ने कहा कि वह कोरोना की दोनों लहरों में बुंदेलखंड के सभी इलाकों में गए थे।
सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, “आज कोई राह चलते किसी राहगीर, व्यापारी या किसी बेटी पर तमंचा तानने का दुसाहस कर पाएगा? लेकिन ये दुस्साहस 2017 के पहले होता था। क्योंकि नाम समाजवादी, काम तमंचावादी और सोच परिवारवादी थी, उनसे आप कोई उम्मीद नहीं कर सकते हैं।”
जालौन में क्या बोले सीएम योगी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके बाद जालौन पहुंचे थे, जहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “बुंदेलखंड जो पिछली सरकारों के समय माफियाओं, पेशेवर अपराधियों, और डकैतों की अनैतिक और अराजक गतिविधियों का अड्डा बन गया था।” सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने उस बुंदेलखंड को विकास की इतनी योजनाओं के साथ जोड़ा है कि आज बुंदेलखंड हमारा जालौन से लेकर चित्रकूट तक धरती का नया स्वर्ग बनने के लिए तैयार खड़ा है।
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योगी ने कहा-अब बुंदेलखंड में कोई कुंआरा नहीं रहेगा
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‘कमरिया’ और ‘घोसी’ की लड़ाई में कहीं करहल में फंस तो नहीं गए हैं अखिलेश यादव?
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करहल । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे सियासी पारा भी चढ़ रहा है। तीसरे चरण में जिन विधानसभा सीटों पर चुनाव है, उनमें किसी सीट पर सबकी निगाह टिकी हुई है तो वह करहल विधानसभा सीट। यहां से इस बार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, सियासी दंगल में उनके मुकाबले भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को उतारा है। आइए समझते हैं कि क्या है करहल का सियासी माहौल।
जाति की लड़ाई गोत्र पर आई : यूं तो उत्तर प्रदेश की राजनीति का जब भी जिक्र होता है। तब जाति का जिक्र होता ही है। सभी पार्टियां जातियों को ध्यान में रखकर उम्मीदवारों की घोषणा भी करती हैं। लेकिन करहल की लड़ाई एक कदम और आगे बढ़ती हुई दिखाई पड़ रही है। करहल में एक चाय की दुकान पर मिला एक नौजवान नाम ना छापने की शर्त पर कहता है,’भईया, हम घोसी यादव हैं, और अखिलेश जी कमरिया यादव हैं। बूथ अध्यक्ष से लेकर मुख्यमंत्री तक हर जगह कमरिया गोत्र वाले ही हैं। हमें कोई पूछता ही नहीं।’
जब-जब गोत्र में बंटे यादव, तब-तब सपा हुई है परेशान : यूं तो मैनपुरी, इटावा, फिरोजाबाद को सपा का गढ़ माना जाता है। उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के उभार के बाद इन इलाकों के लोगों ने सपा को जमकर वोट किया है। लेकिन इतिहास यह भी रहा है कि जब-जब इन इलाकों में गोत्र के हिसाब से मतदान हुआ तब-तब सपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। चाहें वो राज बब्बर के सामने डिंपल यादव का चुनाव हारना हो या शिवपाल के बेटे अंकुर को जिला पंचायत चुनाव में मिली हार हो। चुनावी डगर में सपा को कई बार मुश्किलों को सामना करना पड़ा है। खुद मुलायम सिंह यादव को 2007 के विधानसभा चुनाव में भरथना सीट पर नजदीकी मुकाबले में जीत मिली थी। यहां तक की जब मुलायम सिंह यादव 2009 में सांसद बने तब सपा को बसपा ने भरथना में हरा दिया था।
तो क्या करहल में फंस गये हैं अखिलेश : सवाल उठता है कि अगर गोत्र के हिसाब से मतदान हुआ तब क्या अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ जाएंगी? माना जाता है कि करहल विधानसभा सीट पर यादव मतदाता करीब 1.30 लाख हैं। जिसमें से करीब 40 हजार मतदाता ‘घोसी’ गोत्र के हैं। इसके अलावा कई अन्य जतियां हैं जोकि संख्या में तो कम हैं लेकिन नजदीकी मुकाबले में काफी महत्वपूर्ण हो जाएंगी। यही वजह है कि क्या भाजपा और क्या सपा कोई हलकी सी भी लापरवाही के मूड में नहीं दिखाई दे रही हैं।
गृहमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक हर कोई करहल के दंगल में : भाजपा अखिलेश यादव को घेरने के लिए प्रत्याशी से लेकर प्रचार तक कोई कसर नहीं छोड़ रही है। भाजपा की तरफ से जहां गृहमंत्री अमित शाह खुद एसपी सिंह बघेल के लिए वोट मांग चुके हैं। तो वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार के अंतिम दिन करहल में उतरे। बड़े नेताओं के अलावा एसपी सिंह बघेल खुद गांव-गांव जाकर वोट मांग रहे हैं। मुलायम के गढ़ के सवाल के जवाब में एसपी सिंह बघेल कहते हैं, ‘देखिए लोकतंत्र में किसी का कोई गढ़ नहीं होता है। 2019 के चुनाव में हमने राहुल गांधी को हराया था।’ चुनाव प्रचार के दौरान उनपर हुए कथित हमले का जिक्र करना भी वो नहीं भूलते हैं। और समाजवादी पार्टी के शासन को याद दिलाकर भाजपा को वोट करने की अपील कर रहे हैं।
पूरा यादव परिवार करहल में मांग रहा है वोट : अखिलेश यादव ने जब ऐलान किया था कि वो करहल से चुनाल लड़ेंगे तब उन्होंने कहा था कि वो सिर्फ नामांकन करने आएंगे इसके बाद वो 10 मार्च को करहल में उतरेंगे। लेकिन भाजपा ने जिस प्रकार से करहल में चुनाव प्रचार कर रही है। उसके बाद सपा भी अपनी रणनीति बदलने को मजबूर हुई। अखिलेश यादव नामांकन के बाद भी करहल में चुनाव प्रचार करते हुए दिखाई दिए। वहीं, चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों मुलायम सिंह यादव भी अखिलेश के लिए वोट मांगे करहल पहुंचे। करहल के बरनाहल में बदन सिंह कहते हैं, ‘इस बार अखिलेश यादव के प्रो साहब (राम गोपाल यादव) भी वोट मांग रहे हैं।’ बड़े नेताओं के अलावा यादव परिवार के कई अन्य सदस्य भी करहल में जमे हुए हैं।
‘आगाज ऐसा है तो अंजाम क्या होगा’ : करहल में प्रचार के दौरान अमित शाह अपने भाषण में अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी की इस मेहनत पर तंज कसते हुए कहते हैं ‘कड़ी धूप में इतनी आयु हो गई है तब भी नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को चुनावी मैदान में उताराना पड़ा है…आगाज ऐसा है तो अंजाम क्या होगा’ हालांकि अखिलेश की चुनावी राह को आसान बनाने के लिए कांग्रेस ने करहल में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। लेकिन क्या इससे अखिलेश यादव की साइकल की रफ्तार बढ़ेगी या नहीं यह सवाल बरकरार है। -
सूर्य तले अंधेरा है…तेजस्वी सूर्या ने शेयर किया एक्सप्रेसवे का वीडियो
अखिलेश यादव ने कसा योगी पर तंज, लोग भी लेने लगे मजे
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नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजनीतिक सरगर्मी तेज है। सभी नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसी बीच चुनाव में तमाम योजनाओं की सोशल मीडिया पर क्रेडिट लेने की होड़ मच रही है। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या(BJP MP Tejsavi Surya) ने ट्विटर पर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का एक वीडियो शेयर किया और लिखा कि योगी जी के एक्सप्रेसवे प्रदेश में। इसके बाद अखिलेश यादव ने तेजस्वी सूर्या पर तंज कसा है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तेजस्वी सूर्या के ट्वीट के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा कि ‘चिराग तले अंधेरा तो सुना था…भाजपाइयों के अज्ञान को देखकर तो ये कहा जा सकता है कि ‘सूर्या’ मतलब सूर्य तले अंधेरा है। जिस आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra Lucknow Expressway) की तारीफ के पुल ये बांध रहे हैं, इन्हें मालूम होना चाहिए वो अनुपयोगी जी ने नहीं हमने बनवाया था। देखना कहीं ये भी तो उद्घाटन नहीं कर गये’। वहीं अखिलेश यादव के इस ट्वीट का जवाब तेजस्वी सूर्या ने आकड़ों के जरिए दिया। तेजस्वी सूर्या ने यह बताते हुए ट्वीट किया कि 2017 से पहले 467 किमी का एक्सप्रेसवे था जबकि 2017 के बाद 1321 किमी का एक्सप्रेसवे यूपी में हो गया है। इसके साथ ही तेजस्वी सूर्या ने लिखा कि काव्यात्मक होने का प्रयास करने की बजाय, आपको यूपी के लोगों के लिए ईमानदारी से अधिक एक्सप्रेसवे बनाने चाहिए थे! यूपी के लोग अब जानते हैं 2012-17 के बीच अनुपयोगी कौन था। उन्होंने सपा को 10 मार्च को उसी एक्सप्रेसवे से दूसरी बार घर भेजने की तैयारी कर ली है। -
ओवैसी ने मुस्लिम महिलाओं के समर्थन वाले बयान पर पीएम को घेरा
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वे गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ प्रचार करेंगे। ये पूछने पर कि क्या वे चंद्रशेखर के लिए प्रचार करेंगे, ओवैसी ने कहा कि इस पर बात करेंगे
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लखनऊ । पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक रैली के दौरान कहा था कि जब मुस्लिम बहन-बेटियों का समर्थन खुलेआम बीजेपी को मिलने लगा तो वोटों के ठेकेदारों की नींद ही हराम हो गई है। उनके इस दावे पर एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी उन मुस्लिम महिलाओं से क्या बोलेंगे जिनको कॉलेज और स्कूल में हिजाब पहनकर जाने से रोका गया।
एक न्यूज चैनल से बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “आपने संसद में कहा था कि एक हाथ में कुरान और एक हाथ में कंम्प्युटर होगा, लेकिन सिर पर कपड़ा पहन लेने से आप तो उसे शिक्षा से वंचित कर देंगे। ये तो मोदी जी की मोहम्मत है।” कर्नाटक हिजाब मामले पर उन्होंने कहा, “वो 6 लड़कियां हमेशा से हिजाब पहन रही थीं, कॉलेज ने अचानक ये नियम बनाया।”
आपको पता है कि आप आग से खेल रहे हैं? इस पर ओवैसी ने कहा, “मेरी जिंदगी बादशाहों के महल से निकलकर शुरू नहीं हुई, न मैं गुलाब के बाग से निकलकर आया हूं। अब तक कांटों का सफर रहा है और आगे भी रहा तो.. गोली चल गई हम पर, हम तो पुलिस की लाठियां खा चुके हैं।”
यूपी के चुनाव में आप खुद को कहां खड़ा पाते हैं? इस पर ओवैसी ने कहा, “हमारी स्थिति ठीक है, पहले से बेहतर प्रदर्शन हम करेंगे, दो चरण के चुनाव हो चुके हैं, हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा है।” 2017 में 38 सीटों पर लड़ने के बावजूद कुछ हासिल नहीं होने के सवाल पर ओवैसी ने कहा, “तब ऐसा चुनाव था जिसमें मुझे एकदम टाइम नहीं मिला, संगठन पर काम करने और पार्टी के प्रचार करने का। तब अखिलेश की सरकार थी और हमको अनुमति देने के बाद उसे रद्द किया जाता था।”
एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा, “हम भागीदारी परिवर्तन मोर्चा का हिस्सा हैं, 10 मार्च को आप नतीजे देखिएगा।” आपने अखिलेश के खिलाफ और सीएम योगी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारे लेकिन ओपी राजभर के खिलाफ प्रत्याशी खड़ा कर दिया। इस पर ओवैसी ने हंसते हुए कहा, “इश्क है उनसे।” -
धनंजय सिंह ने जौनपुर की मल्हनी सीट से भरा पर्चा
धनंजय सिंह ने कहा कि वे इनामी या फरार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एसटीएफ केस की जांच कर रही है और उन पर जो भी धाराएं हैं, वह जमानती हैं।
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लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की मल्हनी सीट से जदयू प्रत्याशी पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान, कलेक्ट्रेट में काफी गहमागहमी देखने को मिली। बाहुबली धनंजय सिंह ने नामांकन के दौरान अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है। धनंजय सिंह पर अजीत सिंह की हत्या का आरोप है। हलफनामे के मुताबिक, धनंजय सिंह के पास 5 करोड़ 31 लाख रु की अचल संपत्ति है। जदयू ने मल्हनी सीट से धनंजय सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की तो पूर्वांचल में एक बार राजनीति गरमाने लगी है। चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के मुताबिक, धनंजय सिंह की पत्नी के पास उनसे अधिक की अचल संपत्ति है। धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह के पास 7 करोड़ 80 लाख रुपए की अचल संपत्ति है।
धनंजय सिंह के पास 8 लाख 25 हजार रु कैश के तौर पर हैं और उनकी पत्नी के पास 20 लाख रु कैश के रूप में हैं। बाहुबली धनंजय सिंह के पास 3 करोड़ 56 लाख 62 हजार 562 रुपए की चल संपत्ति है। जबकि, उनकी पत्नी के पास 6 करोड़ 71 लाख 46 हजार 420 रुपए की चल संपत्ति है। धनंजय सिंह के चार बैंक खातों में कुल जमा 10 लाख 11 हजार रु हैं। वहीं, उनकी पत्नी के 3 बैंक खातों में 3 करोड़ 87 लाख 16 हजार रु जमा हैं।
धनंजय सिंह के खिलाफ कुल 39 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 7 मामले विचाराधीन हैं। पूर्व सांसद के पास एक फॉर्च्यूनर, टैंकर, बोलेरो और एक होंडा सिटी कार है। जबकि, उनकी पत्नी के पास एक निसान सनी नाम की गाड़ी है। नामांकन के बाद धनंजय सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर बात की। धनंजय सिंह ने कहा कि वे इनामी या फरार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एसटीएफ केस की जांच कर रही है और उन पर जो भी धाराएं हैं, वह जमानती हैं। -
जब अखिलेश को जितवाने की अपील करना भूल गए नेताजी, कहना पड़ा कान में
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करहल। मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ रहे अखिलेश यादव के प्रचार के लिए गुरुवार को पहली बार समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी मैदान में उतरे। उन्होंने करहल में जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव के लिए वोट मांगा। लंबे समय बाद चुनावी सभा में आए मुलायम के जोश में कोई कमी नहीं थी, लेकिन उनकी आवाज में अब उम्र का असर जरूर दिखा। नेताजी ने किसानों, नौजवानों और व्यापारियों की तरक्की को देश की मजबूती के लिए जरूरी बताया। हालांकि, इस दौरान वह अखिलेश को जितवाने की अपील करना भूल गए और भाषण को खत्म करने लगे तो धर्मेंद्र यादव को उन्हें याद दिलाना पड़ा।
करहल में आयोजित सभा में उमड़ी भारी भीड़ को देखकर सपा संस्थापक बेहद गदगद दिखे। उन्होंने अपने भाषण में कई बार भारी भीड़ का जिक्र करते हुए कहा कि लाखों लोग उम्मीद के साथ यहां आए हैं। उन्होंने भरोसा दिया कि सपा लोगों की उम्मीदों को टूटने नहीं देगी। मुलायम ने कहा, ”सपा की नीतियां हैं कि किसानों को प्राथमिकता दी जाए, खाद बीज और सिंचाई का साधन उपलब्ध कराया जाए। पैदावार बढ़ेगी तो किसानों की हालत सुधरेगी। व्यापारियों को भी सुविधा दी जाए ताकि वह किसानों की पैदावार खरीदे। लाखों नौजवानों को नौकरी-रोजगार दिलाने की जरूरत है। किसान नौजवान और व्यापारी ये तीन मिलकर ही देश को मजबूत बनाएंगे।
बोले जो भी उम्मीदवार हो जितवा देना : मुलायम सिंह यादव का पूरा भाषण किसानों, व्यापारियों और नौजवानों पर केंद्रित रहा। उन्होंने कई बार दोहराया कि सपा सरकार इनके लिए काम करेगी, क्योंकि इनकी खुशहाली से ही देश मजबूत होगा। जनता को आभार जताते हुए मुलायम अपने भाषण को खत्म करने की ओर बढ़ने लगे तो पास में ही खड़े सांसद धर्मेंद्र यादव ने पर्ची पकड़ाते हुए उनके कान में कहा, वोट मांगिए। यह सुनकर खुद मुलायम सिंह यादव और आसपास खड़े सभी लोग हंसने लगे। हालांकि, मुलायम सिंह एक पल के लिए करहल के प्रत्याशी और अपने बेटे अखिलेश का नाम भी भूल गए और कहा कि जो भी यहां उम्मीदवार हैं, उन्हें जिता देना। धर्मेंद्र ने फिर उनकी मदद की तो मुलायम ने कहा कि अखिलेश यादव को भारी मतों से जिता देना। -
एसपी बघेल के ड्राइवर ने बताई आंखों देखी, तेज प्रताप यादव बोले- कोई हमला नहीं हुआ, आवारा पशु आ गए थे
भाजपा उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल पर मंगलवार की शाम 7.20 बजे कथित रूप से हमला किया गया था। आरोप है कि हमलावर सपा उम्मीदवार अखिलेश यादव के कार्यकर्ता थे
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लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मैनपुरी जिले के करहल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार व केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल के काफिले पर मंगलवार को हुए कथित पथराव और हमले के मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मामले में सपा उम्मीदवार अखिलेश यादव के चुनाव प्रभारी और उनके परिवार के सदस्य तेज प्रताप यादव ने घटना से इंकार किया है और कहा कि कुछ आवारा पशु सामने आ गए थे। उनको हटाने के लिए मंत्री जी का गांव वालों से विवाद हुआ था। इसको विक्टिम कार्ड की तरह भाजपा उम्मीदवार खेलना चाह रहे हैं।
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल की गाड़ी के ड्राइवर ने घटना की आंखों देखी बताई। उसने कहा, “हम पीछे एक गांव में सभा करके आ रहे थे और आगे के गांव में पहुंचे तो कुछ लोग अखिलेश भइया जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे और गाड़ी के आगे पेड़ डाल दिए। इसके बाद एक अद्धा ईंट गाड़ी पर लगा। इससे सीसा टूट गया। इस पर तुरंत सिक्योरिटी उतरी और उनको पकड़ने की कोशिश की। सीसे की तरफ मंत्री जी बैठे थे। घटना मंगलवार की शाम 7.20 बजे के आसपास अतिकुल्लापुर गांव में हुई। यह गांव करहल विधानसभा क्षेत्र में आता है।”
हमले के लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराते हुए दावा किया कि दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। मैनपुरी पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ”केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल थाना करहल की असरोही चौकी के ग्राम अतिकुल्लापुर के पास से गुजर रहे थे, तभी अचानक गांव के कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी पर लाठी, पत्थर फेंककर हमला किया।”
पुलिस के अनुसार, सूचना पर तत्काल क्षेत्राधिकारी करहल व थाना प्रभारी करहल मौके पर गये व तहरीर के आधार पर मामला पंजीकृत किया गया है। पुलिस ने बताया कि मंत्री सकुशल हैं और कानून-व्यवस्था सामान्य है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर आरोप लगाया, “मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल के काफिले पर सपाई गुंडों ने हमला कर असली चरित्र दिखाया है।”
उन्होंने कहा, “कल ही भाजपा सांसद गीता शाक्य पर भी हमला किया गया था, दोनों घटनाओं के दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।” मौर्य ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, “अखिलेश यादव जी चुनाव में हार के डर से अपने पालतू गुंडों के द्वारा भाजपा प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और भाजपा नेताओं पर हमला करवाते हो, आपने हमला नहीं, अपनी पराजय सुनिश्चित की है, क्या यही नई सपा है जो आपके खिलाफ चुनाव लड़े, उस पर हमला कराओगे!”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी ट्वीट कर कहा, “करहल विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल जी के काफिले पर हमला यह दर्शाता है कि वहां से सपा के प्रत्याशी अखिलेश यादव हार की कगार पर खड़े हैं।” -
सपा गठबंधन से केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ लड़ रहीं पल्लवी पटेल के सिर पर बहुत सारा कर्ज
सिराथू में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को घेरने के लिए समाजवादी पार्टी ने पल्लवी पटेल को उतारा है चुनाव मैदान में, पल्लवी पटेल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन हैं
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लखनऊ । कौशांबी के सिराथू विधानसभा सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी के रूप में अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पल्लवी पटेल चुनाव लड़ रही हैं। पल्लवी पटेल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन हैं, हालांकि इनके बीच काफी समय से विवाद रहा है। नामांकन के दौरान पल्लवी पटेल ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है, जिसमें उन्होंने कुल संपत्ति 3.35 करोड़ घोषित की है। हलफनामे के मुताबिक, सपा नेता के ऊपर बैंक का 8.87 लाख रुपए का लोन है। पल्लवी पटेल के पास चल संपत्ति के रूप में 55 लाख रुपए हैं और उनके पति के पास चल संपत्ति के रूप में 18 लाख रुपए हैं। पल्लवी पटेल के पास कुल 2.3 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। इसके अलावा, उनके पति के पास अचल संपत्ति के रूप में 31 लाख रूपए हैं। पल्लवी के ऊपर कोई भी केस नहीं है।पल्लवी के पास दर्शनशास्त्र की डिग्री है। चुनावी हलफनामे में पल्लवी पटेल ने अपनी आमदनी का स्रोत व्यवसाय को बताया है।
पल्लवी पटेल के पिता डॉ. सोनेवाल पटेल ने अपना दल नाम की पार्टी बनाई थी। इसी पार्टी को लेकर अनुप्रिया पटेल और उनकी बहन पल्लवी के बीच विवाद चल रहा है। इस विवाद के बाद इन्होंने अपना दल कमरेवादी नामक मोर्चा बनाया, जो सपा के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव मैदान में है। अपना दल कमरेवादी की अध्यक्ष इनकी मां कृष्णा पटेल हैं।
कृष्ण पटेल और सपा गठबंधन को बड़ा झटका : दूसरी तरफ, यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाले अपना दल कमेरावादी को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजवन सिंह पटेल अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। इनके अलावा, भाजपा में शामिल होने वालों में बहराइच से कांग्रेस के पूर्व सांसद कमल किशोर कमांडो की बहू भी हैं।
भाजपा ज्वाइनिंग कमेटी के प्रमुख डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने मंगलवार को राजवन सिंह पटेल को लखनऊ में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई। राजवन के भाजपा में शामिल होने को अपना दल (के) के साथ-साथ सपा गठबंधन के लिए भी बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। -
योगी आदित्यनाथ मेरी हत्या कराना चाहते हैं, मैं चुनाव आयोग से सुरक्षा की मांग करता हूं, ओम प्रकाश राजभर ने EC को लिखा पत्र
सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर अपने बेटे के नामांकन में पहुंचे थे जहां कलेक्ट्रेट परिसर में अधिवक्ताओं ने ओपी राजभर के विरोध में नारेबाजी की। ओम प्रकाश राजभर जहूराबाद विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं अरविन्द राजभर शिवपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
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नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बड़ा आरोप लगाया है। ओमप्रकाश राजभर ने अपनी हत्या की आशंका जताई है और उन्होंने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अपने लिए और अपने बेटे अरविंद राजभर के लिए सुरक्षा की मांग भी की है। ओमप्रकाश राजभर ने अपने बेटे अरविंद राजभर को भी टिकट दिया है जबकि मऊ सदर सीट से मुख्तार अंसारी की बेटे अब्बास अंसारी को भी उम्मीदवार बनाया है।
राजभर ने कहा कि पार्टी के उम्मीदवार अरविंद राजभर के नामांकन दाखिल करने के दौरान उनके ऊपर हमला हुआ। उन्होंने कहा कि बीजेपी और योगी के गुंडे काले कोट में आए थे। ओम प्रकाश राजभर ने आगे कहा कि सिर्फ 14 फरवरी को ही मेरे साथ घटना नही घटी है बल्कि इसके पहले भी हो चुकी है। राजभर ने कहा कि आज जाति के आधार पर एफआईआर हो रही, जाति के आधार पर लोगों को मारा जा रहा। उन्होंने कहा कि भाजपा को कौन वोट दे रहा। किसान, अल्पसंख्यक, दलित सब हमारे साथ हैं। ओमप्रकाश राजभर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, “योगी आदित्यनाथ मेरी हत्या कराना चाहते हैं, कल गुंडे भेजकर वाराणसी में मेरी हत्या की कोशिश की गई। मैं चुनाव आयोग से मांग करता हूं कि अरविंद राजभर और ओम प्रकाश राजभर को सुरक्षा मुहैया कराएं।”
बता दें कि कल 14 फरवरी को बनारस जिले की शिवपुर विधानसभा सीट से सुभासपा के उम्मीदवार अरविंद राजभर के नामांकन में ओमप्रकाश राजभर पहुंचे थे। इस दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में अधिवक्ताओं ने ओमप्रकाश राजभर का विरोध किया। बता दें कि अरविंद राजभर शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार है। अरविंद राजभर, ओमप्रकाश राजभर के बेटे भी हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सुभासपा और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन है। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश राजभर की पार्टी का गठबंधन बीजेपी के साथ था और पार्टी के चार विधायक भी जीते थे। बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 7 चरणों में हो रहे हैं। 10 फरवरी और 14 फरवरी को पहले और दूसरे चरण के लिए वोट डाले जा चुके हैं। 20 फरवरी को तीसरे चरण, 23 फरवरी को चौथे चरण, 27 फरवरी को पांचवें चरण, 3 मार्च को छठे चरण और और 7 मार्च को सातवें चरण के लिए मतदान होगा। -
बुंदेलखंड के मिनी वृंदावन में बीजेपी के राजपूत बनाम यादव की जंग
पिछले चुनाव की बात करें तो बृजभूषण राजपूत ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार उर्मिला देवी को 44,014 वोटों के अंतर से हराया था
द न्यूज 15
लखनऊ। दो चरणों के मतदान के बाद अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का अगला पड़ाव बुंदेलखंड का इलाका है। बुंदेलखंड के महोबा जिले की बात करें तो यहां एक सीट है चरखारी (Charkhari), जिसको लेकर काफी चर्चाएं हैं। चरखारी सीट को बुंदेलखंड का कश्मीर और मिनी वृंदावन भी कहा जाता है। यहां पर 108 भगवान कृष्ण के मंदिर हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प माना जा रहा है। एक तरफ भाजपा के टिकट पर वर्तमान विधायक बृजभूषण राजपूत हैं तो उनके सामने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रामजीवन यादव हैं। उमा भारती के यहां से चुनाव लड़ने के बाद से ये हॉट सीट मानी जाती है।
2012 में उमा भारती यहां से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत चुकी हैं। इस सीट पर चुनाव लड़ रहे वर्तमान भाजपा विधायक बृजभूषण राजपूत पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत के बड़े बेटे हैं। राजपूत अपनी विवादित बयानबाजी के कारण भी सुर्खियों में रहे हैं, जबकि हिंदुत्व वाली छवि भी उनको चर्चा में बनाए रखती है। माना जा रहा है कि लोधी बहुल इस क्षेत्र में बीजेपी और सपा एक बार फिर आमने-सामने मुकाबले में रहेंगे। रामजीवन पूर्व में भी इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके है, लेकिन अबकी सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
चरखारी को बुंदेलखंड का कश्मीर भी कहा जाता है। सूबे के पहले मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत जब चरखारी आए थे तो यहां की सुंदरता देखकर वो मोहित हो गए थे और उन्होंने चरखारी को बुंदेलखंड का कश्मीर नाम दिया था। चरखारी को यहां के राजाओं से मिली पहचान आज भी कायम है। इस बार के विधानसभा चुनाव में यहां बाहरी का मुद्दा भी काफी चर्चा में बताया जा रहा है। सपा के उम्मीदवार महोबा से हैं जबकि बृजभूषण जालौन से आते हैं। पिछले चुनाव की बात करें तो बृजभूषण राजपूत ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार उर्मिला देवी को 44,014 वोटों के अंतर से हराया था।
पानी की समस्या इस इलाके की सबसे बड़ी समस्या रही है। एक तरफ सरकार और भाजपा यहां के लिए योजनाएं गिना रही हैं तो दूसरी तरफ ऐसे भी लोग हैं जो सरकार के प्रयासों को नाकाफी बता रहे हैं। चरखारी में बस स्टॉप का न होना यहां का सबसे पुराना मुद्दा है। वहीं, स्कूलों में अध्यापकों की कमी भी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा चरखारी में कोई बड़ा अस्पताल नहीं है, इस कारण लोगों को बेहतर के इलाज के लिए दूसरे जिलों पर निर्भर रहना पड़ता है।
जातीय समीकरण की बात करें तो यहां लोधी राजपूत की संख्या 70-72 हजार के करीब है, दलित समाज की संख्या 45 हजार, कुशवाहा 30 हजार, ब्राह्मण 22 हजार, साहू 19-20 हजार और मुसलमान 19-20 हजार हैं।
पिछले कुछ चुनावों के नतीजे
1993: उदय प्रकाश, बसपा
1996: छोटे लाल, भाजपा
2002: अंबेश कुमारी, सपा
2007: अनिल कुमार अहिरवार, बसपा
2012: उमा भारती, भाजपा
2014: कप्तान सिंह, सपा
2015: उर्मिला राजपूत, सपा
2017: बृजभूषण राजपूत, भाजपा