Category: यूपी विधानसभा चुनाव

  • चंद्रशेखर आज़ाद की जान से किसको हैं फायदा ?

    चंद्रशेखर आज़ाद की जान से किसको हैं फायदा ?

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    बीते 28 जून को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद रावण पर जान से मारने का हमला हुआ था वहीं बीते शनिवार को चारों हमलावरों को सहारनपुर पुलिस ने अम्बाला से गिरफ्तार कर लिया , वहीं आपको बता दें कि इस घटना के बाद UP की राजनीति गरमाई हुई हैं,लगातार चंद्रशेखर के पास बड़े-बड़े नेताओ के भी फ़ोन आ रहे हैं,आइये जानते क्या हैं पूरा मामला….

    मैं डरने वाला नहीं :- चंद्रशेखर

    घटनाक्रम की बात करें तो ये वारदात 28 जून की हैं जब चंद्रशेखर दिल्ली से वापस घर की तरफ जा रहे थे वहीं रास्ते में वे अपने मित्र अजय के घर पर गए थे चूंकि एक दिन पहले ही अजय की माता का निधन हुआ था,जिनसें मिलकर चंद्रशेखर अपने घर की तरफ निकल गए थे लगभग 50 मीटर के बाद हमलावर white Colour की ‘swift’ में चंद्रशेखर की गाढ़ी के साइड में आते हैं ,तभी पहली गोली चंद्रशेखर के साइड वाली खिड़की पर जा लगी वहीं दूसरी गोली गाड़ी के गेट को चीरती हुई चंद्रशेखर के साथी के पैर में लगती है और तीसरी गोली चंद्रशेखर की कमर को छूती हुई निकल गयी, तभी हमलावर सामने से आकर गाड़ी के बोनट पर फायर करते हैं, तभी सूझ-बुझ के साथ चंद्रेशेखर के साथी गाड़ियों को पास ही के गांव में ले जाते हैं. वहां कार्यकर्ताओं से मुलाकात करके तुरंत के तुरंत ही घटना की जानकारी पुलिस को फ़ोन करके दी गई और चंद्रशेखर को पास के ही अस्पताल में ले जाया गया !

    चंद्रशेखर की गाड़ी पर गोली के निशान.....
    चंद्रशेखर की गाड़ी पर गोली के निशान…..

    घटना को बाद बयानों से गर्माई UP की राजनीति…

    घटना के बाद चंद्रशेखर ने मीडिया को दिए Interview में बताया कि उन्हें जान का खतरा पहले से ही था उन्होंने 2 साल से Gun Liceanse के लिए अप्लाई किया हुआ हैं उन्होंनें आगे बताया कि उनकी एप्लीकेशन पिछले DM ने ये कह कर खारिज़ कर दी थी कि योगी सरकार नहीं चाहती कि चंद्रशेखर को gun मिलें, वे आगे कहते हैं कि उन्हें पूरा विश्वास हैं कि पुलिस उनके मामले पर करवाई जरूर करेगी एक ओर उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधा तो वहीं UP पुलिस पर भरोसा भी जताया

    चंद्रशेखर उत्तर प्रदेश सरकार को कोसते हुए कहते हैं कि योगी सरकार वैसे तो UP पुलिस की पीठ थपथपाते रहती हैं, जब मेरे जैसे एक जन प्रतिनीधि की जान को खतरा हैं तो आम आदमी की जान की कीमत क्या होगी, पर फिर भी मुझे पुलिस पर भरोसा हैं और अगर पुलिस भी कामयाब नहीं होती हैं तो मैं ये समझूंगा की ये प्रशासन और सरकार की मिली भगत थी, एक और इंटरव्यू में वो योगी आदित्यनाथ को बोल रहे थे कि “मैं मरने वाला नहीं हूं और न ही मैं डरने वाला हूं ” ! ये बोलते हुए उन्होनें UP Cm योगी आदित्यनाथ को चैलेंज तक दे दिया !

    चंद्रशेखर और  जयंत चौधरी
    चंद्रशेखर और जयंत चौधरी

     

    इस बीच चंद्रशेखर ने इस बात का भी जिक्र किया कि उन्हें गोली लगने के बाद किस विपक्षी नेता की सहानूभुति मिली इस कड़ी में उन्होंनें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव , कांग्रेस नेता राहुल गांधी, किसान नेता राकेश टिकैत जयंत चौधरी और मायावती का नाम लिया और मायावती के मां के प्रेम को भी बतलाया आपको बता दें कि चंद्रशेखर से मिलने पहलवान बजरंग पुनिया और साक्षी मालिक भी पहुंची थी बजरंग पुनिया ने ट्विटर कर कहा था कि “चंद्रशेखर किसी एक जाति के नेता नहीं हैं वो हर उस व्यक्ति के नेता हैं जिसे न्याय नहीं मिल रहा हैं,वो हमेशा सच की लड़ाई में सबसे पहले खड़े रहते हैं ! वहीं दूसरी ओर ट्विटर पर भी aimim के राष्ट्र अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी up सरकार को कोशते हुए आड़े हाथ लिया,

    चंद्रशेखर से मिलने पहुंचे पहलवान बजरंग पुनिया और साक्षी मालिक
    चंद्रशेखर से मिलने पहुंचे पहलवान बजरंग पुनिया और साक्षी मालिक

    इसके अलावा, चंद्रशेखर ने अपने ऊपर हुए हमले को जातीय रंजिश भी बताया उन्होंने कहा कि मैं दलितों और दबे हुए लोगों की आवाज उठता हूँ इस लिए उन लोगों को परेशानी होती हैं जो आज भी दलितों को दबा कर रखना चाहते हैं, और उसी पुरानी व्यवस्था में जीना चाहते हैं !

    आरोपियों में से एक पहले से ही है हिस्ट्रीशीटर…

    आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को दिन दहाड़े मारना चाहते थे हमलावर वहीं जिस टीम ने चंद्रशेकर के हमलावरों को पकड़ा उस टीम को डीजीपी ने 50,000 का इनाम दिया और साथ ही प्रशस्ति पत्र देने का वादा किया,आपको बता दें कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 5 टीमों का गठन किया गया था। सभी आरोपियों को शनिवार को अंबाला के ढाबे से गिरफ्तार किया गया। सहारनपुर पुलिस की टीम ने हरियाणा की STF के साथ मिलकर ये Joint Opration पूरा किया,

    चारो आरोपी पुलिस की गिरफ़्त में....
    चारो आरोपी पुलिस की गिरफ़्त में ….

    हमलावरों ने किया बड़ा खुलासा !

    बताया जा रहा हैं कि पकड़े गए आरोपियों में देवबंद क्षेत्र के ग्राम ‘रणखंड़ी’ निवासी ‘विकास , लविश , प्रशांत और हरियाणा के करनाल जिला के कोंधर गांव का ‘विकास’ शामिल हैं। पुलिस की गिरफ्त में आयें चारो लोगों ने चन्द्रशेखर को जान से मारने का कारण बताते हुए कहा कि हम पिछले कुछ महीनों में दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चंद्रशेखर के दिए गए बयानों से गुस्से में थे।इसलिए हमलावरों ने चंद्रशेखर आजाद की हत्या की साजिश रची थी।

    DIG अजय साहनी ने बताया की हमलावरों के पास 315 बोर के पिस्टल से 3 राउंड फायरिंग की थी, जिसमें से एक गोली चंद्रशेकर की पीठ को छूती हुई निकल गई थी। फिर ये लोग छोटे-मोटे मामलो में Surender करने हरियाणा चले गए थें ताकि ये मामला ठंडा हो जाये तब बाहर आ जाये, इनमें से एक आरोपी लविश का चाचा भी देवबंद जेल में बंध हैं और लविश देवबंद जेल के जेलर पर जानलेवा हमला करने के मामले में जेल की सजा़ काट चूका हैं , हमले में इस्तेमाल की गई Swift कार आरोपी ‘विकास’ की थी विकास उर्फ विक्की करनाल का रहने वाला है और टैक्सी चलाता है। जिसे पुलिस ने गिऱफ्तार कर लिया है !

  • प्रचंड जीत के बीच कुछ सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जमानत जब्त, पूर्वांचल में लगा है तगड़ा झटका

    प्रचंड जीत के बीच कुछ सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जमानत जब्त, पूर्वांचल में लगा है तगड़ा झटका

    द न्यूज 15

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बावजूद कुछ ऐसी सीटें हैं, जहां उसके प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सके। यह सीटें पूर्वांचल कि जिलों में आती हैं। इस बार पूर्वांचल में भाजपा को पिछली बार की अपेक्षा कम सफलता मिली है तो वहीं सपा ने तगड़ी चुनौती दी है।
    निर्वाचन अयोग की ओर से उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के मुताबिक प्रतापगढ़ की कुंडा, जौनपुर की मल्हनी और बलिया की रसड़ा सीट पर भाजपा उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके। जमानत बचाने के लिए किसी उम्मीदवार को कुल मतदान के 16.66 प्रतिशत या 1/6 हिस्से के बराबर मत प्राप्त करना आवश्यक है। आयोग के आंकड़ों के मुताबिक कुंडा सीट पर भाजपा प्रत्याशी सिंधुजा मिश्र को कुल पड़े 195992 मतों में से सिर्फ 16455 (8.36 प्रतिशत) वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गयी। इस सीट पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने जीत हासिल की है। उन्हें कुल 99,612 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के गुलशन यादव को 69,297 मत प्राप्त हुए। इस तरह जौनपुर की मल्हनी सीट से भाजपा उम्मीदवार कृष्ण प्रताप सिंह अपनी जमानत नहीं बचा पाये। उन्हें कुल 2,26,321 मतों में से केवल 18319 वोट (8.01 प्रतिशत) ही प्राप्त हुए। सिंह वर्ष 2014 में जौनपुर से सांसद भी रह चुके हैं। इस सीट पर सपा उम्मीदवार लकी यादव ने जीत हासिल की। उन्हें 97,357 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी जनता दल यूनाइटेड के धनंजय सिंह को 79,830 मत प्राप्त हुए। वहीं, बलिया की रसड़ा सीट पर भाजपा उम्मीदवार बब्बन को कुल पड़े 1,99,047 मतों में से 24,235 (12.08 प्रतिशत) वोट मिले जो 1/6 से कम हैं। लिहाजा वह अपनी जमानत नहीं बचा पाए। रसड़ा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के उमाशंकर सिंह ने जीत हासिल की, जिन्हें 87,887 वोट प्राप्त हुए। उमाशंकर सिंह नेे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महेंद्र को हराया। महेंद्र को 81,304 मत मिले। पूरे चुनाव में रसड़ा ही एकमात्र सीट है जहां बहुजन समाज पार्टी ने जीत दर्ज की है।
    आंकड़ों की तुलना करने से पता चलता है कि जमानत बचाने के मामले में भाजपा का रिकॉर्ड वर्ष 2017 के मुकाबले वर्ष 2022 में बेहतर रहा। वर्ष 2017 में पांच सीट पर भाजपा की जमानत जब्त हुई थी। इनमें सहसवान, गौरीगंज, रायबरेली, सादाबाद और सोरांव शामिल थीं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को कुल 255 सीट पर जीत हासिल हुई। उसके सहयोगी अपना दल सोनेलाल को 12 और निषाद पार्टी को छह सीट पर विजय प्राप्त हुई। इसके अलावा समाजवादी पार्टी को 111 और उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल को आठ और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को छह सीटें मिलीं।

  • UP में करोड़पति उम्मीदवारों की जीत के बीच सफाईकर्मी भी बना विधायक, BJP ने दिया था टिकट

    UP में करोड़पति उम्मीदवारों की जीत के बीच सफाईकर्मी भी बना विधायक, BJP ने दिया था टिकट

     द न्यूज 15

    लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जहां एक तरफ बड़ी संख्या में करोड़पति उम्मीदवार जीतकर सदन में पहुंचे हैं तो एक सफाई कर्मचारी ने जीत हासिल की है। संत कबीर नगर जिले की धनघटा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर गणेश चंद्र चौहान ने ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के उम्मीदवार अलगू प्रसाद को 10,553 वोटों से हराया। चौहान को कुल 83,241 यानि 38.5 फीसदी वोट मिले।
    न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बीजेपी के विजेता प्रत्याशी ने कहा कि पार्टी और मतदाताओं ने संदेश दिया है कि एक आम कार्यकर्ता भी ऊंचाई तक पहुंच सकता है। चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान वह गाड़ियों में रिक्शा चलाने वालों के लिए पूड़ी-सब्जी लाते थे।
    गणेश ने कहा, ”संत कबीर नगर में बिहार के बहुत से लोग रहते हैं। जब मुझे टिकट मिला तो लोोग मुझसे मिलने आए। वे भावुक थे। जिस दिन मैं जीता रिक्शावाले आए और मुझे गले लगा लिया।” पीएम मोदी की ओर से सफाई कर्मचारियों को मिले सम्मान का जिक्र करते हुए वह कहते हैं, ”पीएम ने सफाई कर्मचारियों के पैर धोए और यह संदेश दिया कि सफाई कर्मचारी नीच नहीं हैं।”
    सफाई कर्मचारी से विधायक तक का सफर तय करने वाले गणेश कहते हैं, ”यदि वे (सफाईकर्मी) समाज की गंदगी साफ कर रहे हैं तो यह दिखाता है कि वे निश्चित तौर पर महान हैं।” बीजेपी ने यूपी में 255 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं, गठबंधन सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) को 12 और निषाद पार्टी को 6 सीटों पर जीत मिली है। इस तरह कुल 273 सीटों पर एनडीए उम्मीदवारों की जीत हुई। रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। माना जा रहा है कि योगी होली बाद लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

  • हम तो पहले ही कह रहे थे बहुमत मिलेगा, टेनी ने बताई UP में भाजपा की जीत की वजह

    हम तो पहले ही कह रहे थे बहुमत मिलेगा, टेनी ने बताई UP में भाजपा की जीत की वजह

    द न्यूज 15

    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत होने के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने भाजपा की जीत के लिए सुशासन और कानून व्यवस्था बेहतर होने को वजह बताया है। अजय मिश्रा टेनी ने कहा, ‘हम शुरुआत से ही कह रहे थे कि जिस तरह से पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में केंद्र और योगी की लीडरशिप में राज्य सरकार काम कर रही है, उसके चलते हम एक बार फिर से बहुमत में आएंगे। यदि उत्तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति बेहतर नहीं होती तो फिर हमें बहुमत हासिल नहीं होता।’
    अपर्णा यादव बोलीं- जिनका प्रचार किया वे सारे कैंडिडेट जीते : अजय मिश्रा टेनी लखीमपुर सीट से सांसद हैं और जिले की सभी 8 सीटों पर भाजपा को बड़ी जीत मिली है। इस नतीजे को लेकर माना जा रहा है किसान आंदोलन का असर चुनाव के नतीजों पर देखने को नहीं मिला है और इसी के चलते भाजपा को लोगों ने इतना बड़ा समर्थन दिया है। बता दें कि यूपी चुनाव में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा था। सीएम योगी आदित्यनाथ, पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह तक सभी दिग्गज नेता लगातार कानून व्यवस्था को मुद्दा बना रहे थे। माना जा रहा है कि राशन, प्रशासन और महिला सुरक्षा जैसे तीन मसलों ने भाजपा को बढ़त दिलाने का काम किया है।
    बीते साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर में कार से किसानों के कुचले जाने का आरोप केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर लगा था। यही नहीं इस घटना के चलते उनका इस्तीफा मांगा जा रहा था और किसान आंदोलनकारियों ने अपनी तमाम मांगों में इसे भी शामिल किया था। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा आशीष मिश्रा भी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं, जिसे किसानों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। अदालत ने इस अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई करने का फैसला लिया है।

  • अपर्णा यादव बोलीं- जिनका प्रचार किया वे सारे कैंडिडेट जीते, जनाधार पर सवाल उठाने वालों को जवाब

    अपर्णा यादव बोलीं- जिनका प्रचार किया वे सारे कैंडिडेट जीते, जनाधार पर सवाल उठाने वालों को जवाब

    द न्यूज 15

    लखनऊ । यूपी चुनाव 2022 के प्रचार अभियान के दौरान जो चेहरे सबसे ज्‍यादा चर्चित रहे उनमें से एक हैं अर्पणा यादव। ऐन चुनाव के पहले सपा छोड़ भाजपा में शामिल हुईं पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव की इस छोटी बहू ने चुनाव नतीजे सामने आने के बाद बीजेपी की प्रचंड जीत पर खुशी जताते हुए कहा कि मैंने जिनका प्रचार किया वे सारे उम्‍मीदवार जीते हैं। जनाधार पर सवाल उठाने वालों को जवाब मिल गया है।

  • पांच राज्यों में हार के लिए गांधी परिवार नहीं है जिम्मेदार, सोनिया के इस्तीफे का सवाल ही नहीं : मल्लिकार्जुन खड़गे

    पांच राज्यों में हार के लिए गांधी परिवार नहीं है जिम्मेदार, सोनिया के इस्तीफे का सवाल ही नहीं : मल्लिकार्जुन खड़गे

    द न्यूज 15

    नई दिल्ली। पांच राज्यों में कांग्रेस की चुनावी हार के बाद पार्टी के सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के बचाव में उतरे हैं। खड़गे ने कहा, “हम सभी ने सोनिया गांधी से कहा कि 5 राज्यों में हार के लिए वह अकेली जिम्मेदार नहीं हैं। राज्य का हर नेता और सांसद जिम्मेदार है, गांधी परिवार नहीं। हमने उन पर फिर से भरोसा जताया, इस्तीफे की पेशकश का सवाल ही नहीं उठता है।”
    कांग्रेस नेता ने कहा कि CWC की बैठक में पार्टी को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हम बीजेपी और उसकी विचारधारा से लड़ेंगे, अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाएंगे। हम उम्मीद करते हैं कि अगले चुनाव में हम पहले से काफी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
    ‘जनता से जुड़े मुद्दे संसद में उठाएगी कांग्रेस’ : संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हुआ है। पार्लियामेंट में विपक्ष के रवैये पर खड़गे ने कहा, “हमारी रणनीति है कि हम इस चर्चा में भाग लेंगे और जनता से संबंधित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाएंगे। विशेष रूप से छात्र जो यूक्रेन में फंसे थे, उनकी समस्याओं को कैसे दूर किया जाना चाहिए। महंगाई, बेरोजगारी ये सभी समस्याएं हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए।”
    चुनाव नतीजों के ठीक बाद हो रहा यह सत्र : संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण ऐसे समय में आरंभ हुआ है, जब कुछ ही दिन पहले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने और पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) ने जीत हासिल की है। इससे पहले, बजट सत्र का पहला चरण संसद के सेंट्रल हॉल में लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से 29 जनवरी को शुरु हुआ था, जिसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया गया था।

  • जयंत से गठबंधन का नहीं हुआ फायदा, सपा को 2017 से भी कम जाट वोट 

    जयंत से गठबंधन का नहीं हुआ फायदा, सपा को 2017 से भी कम जाट वोट 

    द न्यूज

    15 लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने समाजवादी पार्टी कैसे मात दी? कैसे सपा के तमाम समीकरण भगवा दल की रणनीति के सामने फीके पड़ गए? मुकाबले को 80:20 और 15:85 खांचे में बांटने की तमाम कोशिशों का किसे कितना फायदा हुआ और कितना नुकसान? इस तरह के तमाम सवालों के जवाब आंकड़ों के विश्लेषण से मिलने लगे हैं।
    रालोद से गठबंधन का फायदा नहीं, बीजेपी को ज्यादा मिले जाट वोट : सीएसडीएस की ओर से दिए गए आंकड़ों की मानें तो पश्चिम यूपी में जयंत चौधरी की अगुआई वाली राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) से गठबंधन का सपा को अधिक फायदा नहीं मिला। जाट वोटर्स को ध्यान में रखकर किए गए इस गठबंधन के बावजूद 2017 के मुकाबले साइकिल की सवारी करने वाले जाटों की संख्या कम हो गई। यूपी की कुल आबादी में 2 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले जाट वोटर्स की पहले और दूसरे फेज में खूब चर्चा हुई। सपा को 2017 में जहां 57 फीसदी जाट वोट मिले तो इस बार महज 33 फीसदी वोट मिले हैं। वहीं भाजपा को 2017 में 38 जाटों का साथ मिला था तो इस बार 54 फीसदी जाटों ने कमल के निशान को चुना। यही वजह है कि तमाम दावों के बावजूद भाजपा पश्चिमी यूपी में एक बार फिर सबसे आगे निकल गई।
    चुनाव से ठीक पहले जब स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान जैसे ओबीसी नेताओं ने योगी कैबिनेट से इस्तीफा देकर सपा का दामन थामा तो माना गया कि इसका बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है। लेकिन बीजेपी ने टिकट वितरण में ओबीसी उम्मीदवारों तरजीह देकर स्वामी फैक्टर को पूरी तरह ना सिर्फ ध्वस्त किया बल्कि वोट बेस में भी इजाफा कर लिया। सीएसडीएस की रिपोर्ट कहती है कि इस बार बीजेपी को 64 फीसदी कोइरी, मौर्य, कुशवाहा और सैनी वोटर्स ने चुना, जबकि 2017 में स्वामी के साथ रहते पार्टी को इन जातियों के 56 फीसदी लोगों ने वोट दिया था। वहीं सपा को जहां 2017 में इन जातियों के 18 फीसदी वोट मिले थे तो इस बार यह आंकड़ा बढ़कर 22 फीसदी ही हुआ। अन्य ओबीसी जातियों की बात करें तो बीजेपी 62फीसदी वोट मिले तो सपा को महज 23 फीसदी वोट मिले।
    सपा के पक्ष में मुस्लिम गोलबंदी : सीएसडीएस का पोस्ट पोल सर्वे बताता है कि इस चुनाव में मुसलमानों ने लगभग एकतरफा सपा के पक्ष में मतदान किया। सपा को 5 साल पहले 46 फीसदी मुसलमानों ने वोट दिया था तो इस बार उसे अल्पसंख्यक समुदाय के 79 फीसदी वोट मिले। बसपा को 2017 में जहां 19 फीसदी मुस्लिम वोट मिले थे तो इस बार महज 6 फीसदी मुस्लिम हाथी के साथ रहे। भाजपा को भी 2 फीसदी अधिक मुस्लिम वोट मिले। भगवा दल को 5 साल पहले 6 फीसदी मुस्लिम वोट मिले तो इस बार 8 फीसदी अल्पसंख्यकों ने भाजपा में अपना भरोसा जताया।

  • सपा की हार पर शिवपाल का चिंतन, बोले-भाजपा की चालाकियों में उलझकर हारी पार्टी

    सपा की हार पर शिवपाल का चिंतन, बोले-भाजपा की चालाकियों में उलझकर हारी पार्टी

    द न्यूज 15 
    लखनऊ। यूपी में सपा की सरकार न पाने का अखिलेश के बाद शिवपाल को भी मलाल है। सपा की हार का शिवपाल के चेहरे पर चिंतन साफ झलक रहा था। भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत के बाद शिवपाल यादव ने जीते सभी विधायकों को शुभकमानाएं देते हुए हारी सीटों पर विश्लेषण करने की बात कही। शिवपाल यादव बोले पार्टी को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा, जीतने वाले विधायकों के साथ हमारा वोट-शेयर बढ़ा है लेकिन कहीं न कहीं बीजेपी को फायदा मिला है। उन्होंने कहा, अखिलेश के नेतृत्व में जो गठबंधन बना था, उसमें कुछ खामियां भी रह गई थीं। उन्होंने कहा, हमारे जितने पर कार्यकर्ता थे ओवर कॉन्फिडेंस में थे। सपा की हार पर शिवपाल बोले, भाजपा की चालाकियों के कारण सपा हार गई। भाजपा ने जो भी चालाकियां की उसका संगठन मुकाबला नहीं कर सका। उन्होंने कहा, संगठन ट्रेंड नहीं कर पाया सपा के हारने की एक वजह यह भी है।
    भाजपा की इन चालाकियों ने सपा को सत्ता से किया दूर : सपा को सत्ता से दूर रखने का ठीकरा भाजपा फोड़ते हुए शिवपाल बोले-भाजपा ने वोटर लिस्ट से 20 हजार तक वोट कटवा दिए। यादव और मुसलमानों के वोट भी इनमें शामिल थे। इसके अलावा भाजपा आखिरी समय में सभी सीटों पर पैसा बंटवाया। गरीबों को राशन देना भी सपा की हार का एक कारण है। इसके अलावा गरीब किसानों को एक साल में छह-छह हजार रुपये भी भाजपा ने बांटे है। हालांकि सपा के वोट में पिछली बार के मुकाबले इस बार ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा, सपा उम्मीदों पर हारी है।
    बतादें कि यूपी चुनाव का परिणाम आने के बाद शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी की हार के बाद भी प्रसपा के प्रमुख शिवपाल यादव ने यूपी की जनता का आभार जताया था और धन्यवाद बोला था। जसवंतनगर सीट से चुनाव जीतने के बाद शिवपाल ने ट्वीट कर लिखा, जसवंतनगरवासियों से मिले आशीर्वाद, स्नेह व अपार जनसमर्थन के लिए सम्मानित जनता, शुभचिंतकों, मित्रों व कर्मठ कार्यकर्ताओं का हृदय से आभार। प्रदेश की सम्मानित जनता द्वारा दिए गए जनादेश का हृदय से सम्मान करते हुए एक मजबूत विपक्ष के सृजन हेतु प्रदेशवासियों को आभार व बधाई देता हूं।

    90979 वोटों से भाजपा प्रत्याशी को हराकर जीते थे शिवपाल : इटावा जिले की जसवंतनगर विधानसभा सीट पर सपा जीत दर्ज की। शिवपाल यादव ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार विवेक शाक्य को 90979 वोटों से शिकस्त दी। जसवंत नगर विधानसभा सीट पर अब तक 16 चुनाव हुए हैं। जिसमें से 12 में मुलायम सिंह यादव या उनके भाई शिवपाल यादव जीते। 1996 से शिवपाल यहां से जीत रहे हैं। मुलायम का पैतृक गांव सैफई इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस बार यहां जातीय गणित और रसूख का मुद्दों से मुकाबला है। 2017 की प्रचंड भाजपा लहर में भी इटावा की जसवंतनगर सीट सपा ने 52,616 वोटों से जीती थी। इसीलिए इस सीट को सपा का गढ़ कहा जाता है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव जसवंतनगर से सात बार चुनाव जीते। उनके भाई शिवपाल यादव लगातार पांचवीं बार विधायक हैं।

  • योगी का दिल्‍ली दौरा कल: पीएम मोदी, नड्डा से मिलेंगे सीएम 

    योगी का दिल्‍ली दौरा कल: पीएम मोदी, नड्डा से मिलेंगे सीएम 

    द न्यूज 15

    लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ 13 मार्च को दिल्‍ली के दौरे पर रहेंगे। वहां वह पीएम नरेन्‍द्र मोदी और भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है होली के बाद योगी आदित्‍यनाथ का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।
    मिली जानकारी के अनुसार योगी दिल्‍ली में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष से मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है यूपी में शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए बीजेपी संगठन ने कुछ तारीखों को केंद्रीय नेतृत्‍व के पास भेजा है। इस सम्‍बन्‍ध में नई दिल्‍ली में बैठक हुई जिसमें शपथ ग्रहण की तारीख पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। सूचना है कि नई दिल्‍ली में होने वाली बैठक में बीजेपी अध्‍यक्ष स्‍वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी मौजूद रहेंगे। 13 मार्च से दिल्‍ली में यूपी संगठन के साथ बैठकों का दौर शुरू होगा।
    मोदी-शाह शपथ ग्रहण में रहेंगे : बताया जा रहा है कि यूपी में योगी सरकार पार्ट-2 के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्री और बड़े नेता मौजूद रहेंगे। भाजपा शासन वाले प्रदेशों के मुख्‍यमंत्री भी इसका हिस्‍सा बन सकते हैं।
    प्रचंड जीत से हुई है बीजेपी की वापसी : यूपी की सत्‍ता में बीजेपी की वापसी प्रचंड जीत से हुई है। इस चुनाव में भाजपा ने अकेले 255 सीटें जीती हैं। 403 सदस्‍यों वाली यूपी विधानसभा में बहुमत के लिए 202 विधायकों की जरूरत होती है। योगी आदित्‍यनाथ ने लखनऊ राजभवन में राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलकर उन्‍हें अपना औपचारिक इस्‍तीफा सौंप दिया है।
    5 केसीआर पर पहुंचे पदाधिकारी और वरिष्‍ठ नेता : इस बीच आज लखनऊ पांच कालीदास मार्ग स्थित मुख्‍यमंत्री आवास पर भाजपा पदाधिकारियों और वरिष्‍ठ नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। बताया जा रहा है कि चुनाव में भारी जीत के बाद योगी आदित्‍यनाथ से मिलकर बधाइयों देने का क्रम चल रहा है।

  • रविवार को होगी कांग्रेस कार्य समिति की बैठक, हार पर होगी चर्चा, स्वामी प्रसाद मौर्य ने खाली किया सरकारी घर 

    रविवार को होगी कांग्रेस कार्य समिति की बैठक, हार पर होगी चर्चा, स्वामी प्रसाद मौर्य ने खाली किया सरकारी घर 

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश आबादी के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है। राजनीतिक दृष्टि से भी यूपी काफी अहम है। कहा जाता है कि जिस पार्टी ने यूपी जीत ली वह दिल्ली भी जीतता है। इस राज्य ने कई प्रधानमंत्री दिये हैं। मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी यूपी के वाराणसी से ही लोकसभा सदस्य हैं।
    पांच राज्यों में चुनावी हार के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक रविवार शाम चार बजे होगी। इसके साथ ही यूपी में हार के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना सरकारी आवास खाली कर दिया है। ममता बनर्जी के कांग्रेस विरोधी बयानों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि पागल व्यक्ति को जवाब देना सही नहीं है। ममता भाजपा को खुश करने के लिए ऐसा करती रहती हैं। वहीं गोवा में सीएम प्रमोद सावंत ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है। उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हिंदुत्व और ध्रुवीकरण के नाम पर चतुराई से चुनाव जीत गई। पूरे देश में हालत गंभीर हैं और यूपी में कोरोना का प्रबंधन कैसे हुआ…ये सबको मालूम है।
    पांच में से चार चुनावी सूबों में बीजेपी की जीत के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात दौरे का दूसरा दिन है। इस बीच, पंजाब में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए भावी सीएम और आप नेता भगवंत मान राज्यपाल से मिलने पहुंचे। इस बीच, सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ने बताया कि यूपी के कार्यवाहक सीएम योगी आदित्यनाथ कल दिल्ली आएंगे। वह पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी चीफ जेपी नड्डा के बुलावे पर आ रहे हैं, जबकि होली के बाद यूपी में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।
    उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने मतों में वृद्धि का कीर्तिमान स्थापित करने के साथ ही करीब 37 वर्षों बाद लगातार दोबारा पूर्ण बहुमत हासिल करने और लाभार्थी योजनाओं से जातियों की गोलबंदी का तोड़ने का संदेश दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव में जातीय गोलबंदी तोड़ने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व के साथ ही डबल इंजन सरकार की लाभार्थी योजनाओं का प्रभाव रहा है।
    उत्तर प्रदेश की राजनीतिक नब्ज समझने वाले शिक्षाविद डॉक्टर प्रभाकर मिश्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘यह सही है कि इस चुनाव में मतदाताओं को जातियों में बांटने की कोशिश हुई, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व, किसान सम्मान निधि, गरीबों को राशन और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्‍य सरकार की कानून-व्यवस्था ने क्षेत्रवाद, जातिवाद और अन्‍य समीकरणों को ध्वस्त कर दिया है।’’
    उत्तर प्रदेश में 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी सरकार में करीब पांच वर्ष तक मंत्री रहे स्‍वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी ने ऐन चुनाव के मौके पर भाजपा पर पिछड़ों दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होकर अखिलेश यादव के नेतृत्व में पिछड़ों को एकजुट करने की मुहिम शुरू की। हालांकि, मौर्य और सैनी खुद चुनाव हार गये।
    वैसे, यूपी और पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद भाजपा-विरोधी गठबंधन के लिए क्षेत्रीय दलों से संपर्क साधते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस को साथ रखने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि अब उसमें वह बात नहीं रही।
    बनर्जी के तीखे बयान पर तत्काल पलटवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनका (तृणमूल सुप्रीमो का) रूख समान है, एक (मोदी) ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ चाहते हैं और दूसरी (ममता) ‘कांग्रेस के बगैर विपक्ष के गठबंधन’ की बात करती हैं। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भाजपा का मुकाबला करने को इच्छुक सभी राजनीतिक दलों को साथ मिलकर काम करना चाहिए। कांग्रेस पर निर्भर रहने का कोई मतलब नहीं है।’’
    उन्होंने संकेत दिया कि कांग्रेस ‘‘पहले जीतने में सफल होती थी क्योंकि उसके पास संगठन था।’’ हालांकि बनर्जी ने कहा, ‘‘लेकिन अब, अब वह हर जगह हार रही है। ऐसा नहीं लगता है कि अब उन्हें (जीतने में) कोई दिलचस्पी है। उनकी विश्वसनीयता खत्म हो गई है और अब उनपर निर्भर रहने का कोई मतलब नहीं है।’’ बनर्जी ने यह भी कहा कि कई मजबूत क्षेत्रीय पार्टियां हैं और वह एकजुट होकर ज्यादा प्रभावी होंगी।