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  • खेलों से मिलती है नई ऊर्जा : हरविंद्र कल्याण

    खेलों से मिलती है नई ऊर्जा : हरविंद्र कल्याण

    खिलाड़ी हरियाणा सरकार की खेल नीति का उठाएं लाभ

    करनाल (विसु)। हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने कहा कि खेलों से जीवन में नई ऊर्जा मिलती है। उन्होंने खिलाडिय़ों का आह्वान किया कि वे हरियाणा सरकार की खेल नीति का लाभ उठाएं और खेलों में अच्छा प्रदर्शन करके अपने देश व प्रदेश का नाम रोशन करें।

    हरविंद्र कल्याण गांव कुटेल के पी.एम.श्री स्कूल में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता में बतौर मुख्यातिथि खिलाडिय़ों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने प्रतियोगिता में आए बच्चों के साथ मिलकर क्रिकेट भी खेला। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार की कोशिश है कि प्रदेश के खिलाडिय़ों को जरूरी बुनियादी सुविधाएं मिलें ताकि वे खेलों में और अधिक बेहतर प्रदर्शन करते हुए देश-प्रदेश का नाम रोशन कर सके।
    हरविंद्र कल्याण ने युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे खेलों में बढ़-चढ़ कर भाग लें। उन्होंने बुजुर्गों से भी अपील की कि वे बच्चों को खेलों में आगे बढऩे के अवसर प्रदान करें। उन्होंने कहा कि खेलने से बच्चों को अच्छा स्वास्थ्य मिलेगा और साथ ही वे नशे जैसी कुरीतियों से भी दूर रहेंगे ।

  • वैज्ञानिक साक्ष्य के बिना प्राचीन इतिहास जातक कथा : प्रो. जयदेव

    वैज्ञानिक साक्ष्य के बिना प्राचीन इतिहास जातक कथा : प्रो. जयदेव

    पटना । आनंद कुमार।

    भारत के गौरवशाली इतिहास के प्रचार प्रसार हेतु कार्यरत स्वैच्छिक संस्था “संधान” तथा बी डी महाविद्यालय मीठापुर के भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग द्वारा परिचर्चा आयोजित की गई मुख्य अतिथि प्रोफेसर जयदेव मिश्रा महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर विवेकानंद सिंह,” संधान” के सचिव संजीव कुमार तथा भारतीय एवं एशियाई इतिहास विभाग की विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर नीतू तिवारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उद्घाटन संबोधन करते हुए स्वैच्छिक संस्था “संधान” के सचिव संजीव कुमार ने बताएं कि आधुनिक बिहार छठी सदी में भारतीय राजनीति का केंद्र रहा है यही सता का केंद्र बिंदु रहा और एशिया महादेश में राजनीति का सबसे शक्तिशाली क्षेत्र रहा है! जो पाटलिपुत्र कुसुमपुर नाम से विख्यात रहा संजीव जी ने इतिहास के जिज्ञासु विद्यार्थियों के लिए ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण तथा विस्तृत जानकारी की योजना बताई। पटना विश्वविद्यालय के “प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के पूर्व विभाग अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर जयदेव मिश्र के अनुसार प्राचीन इतिहास के बड़े हिस्से का अनुसंधान एशिया खासकर भारत और बिहार के भूमि पर होना है अब तक जो अनुसंधान हुए पुराण तथा जातक कथाओं पर आधारित है इनके प्रामाणिकता के लिए पुरातत्व विज्ञान का सहयोग लिया जाता है इसमें जीव विज्ञान रसायन विज्ञान मृदा विज्ञान आदि का उपयोग किया जाता है आपने आगे बताया प्रचलित वाक्य में कई नाम अपभ्रंश हो गए हैं जैसे नालम से नालंदा,विक्रमशिल- विक्रमशिला तथा तक्षशिल- तक्षशिला हो गया परिचर्चा के दौरान एक श्रोता ने बौद्ध साहित्य के हवाले से वर्तमान पाटलिपुत्र का अस्तित्व बताया । प्रोफेसर जयदेव ने उत्तर दिया कि साहित्य में पाटलिपुत्र का उल्लेख है किंतु स्थान नहीं बताया गया कि किस क्षेत्र को पाटलिपुत्र कहा जाता था अभी गंगा के किनारे के जितने बड़े भाग है उसका कौन सा क्षेत्र पाटलिपुत्र था यह अनुसंधान का विषय है। बिहार के बाहर सभी प्रांतों में प्राचीन इतिहास विज्ञान विषय है। प्रोफेसर जयदेव ने चीनी यात्री ह्वेनसांग के हवाले से बताया की पाटलिपुत्र के भव्यता का जिक्र करते हुए लिखा कि विशाल अभेद्यऔर मनोहारी राजमहल लकड़ी से निर्मित है। ऐसे ही इतिहास के अनेक रहस्यमय में और अनछुए वैज्ञानिक पहलू हैं जो हमारे नई पीढ़ी के जानकारी में जातक कथा के समान है।अध्यक्षीय उद्बोधन करते हुए प्राचार्य प्रो विवेकानंद जी ने बताया की प्राचीन इतिहास को प्रमाणिक तथ्यों के साथ प्रचारित करने की आवश्यकता है यह आम जनों तक पहुंचे क्योंकि इसमें हमारे पुरखों के गौरव महिमा छुपी है। कार्यक्रम के अंत में प्राचीन इतिहास विभाग की अध्यक्ष नीतू तिवारी ने विद्यार्थी तथा अन्य श्रोताओं को संयम से कार्यक्रम को सुनने और समझने के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया।

  • बीमा कंपनी से छिपाई ‘शराब की लत’ तो नहीं मिलेगा इंश्योरेंस क्लेम

    बीमा कंपनी से छिपाई ‘शराब की लत’ तो नहीं मिलेगा इंश्योरेंस क्लेम

    सुप्रीम कोर्ट ने LIC ने एक व्यक्ति के क्लेम को कर दिया खारिज 
    ‘जीवन आरोग्य’ स्कीम के अंतर्गत स्कीम में छिपाई थी शराब की लत 

    द न्यूज 15 ब्यूरो

    नई दिल्ली। इंश्योरेंस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति पॉलिसी खरीदते समय शराब पीने की आदत के बारे में जानकारी नहीं देता है, तो बीमा कंपनी उसके क्लेम को रद्द कर सकती है। यह फैसला जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने दिया है। दरअसल, LIC ने एक व्यक्ति की ‘जीवन आरोग्य’ स्कीम के तहत अस्पताल में भर्ती होने के क्लेम को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने LIC के इस फैसले को सही ठहराया। क्योंकि पॉलिसी खरीदते समय व्यक्ति ने अपनी शराब पीने की आदत के बारे में गलत जानकारी दी थी।

    पॉलिसी लेने के एक साल बाद उठा दर्द

    मामला 2013 का है। शख्स ने ‘जीवन आरोग्य’ पॉलिसी खरीदी थी। इस पॉलिसी में उसे नॉन-ICU में भर्ती होने पर हर दिन 1,000 रुपये और ICU में भर्ती होने पर हर दिन 2,000 रुपये मिलने थे। पॉलिसी खरीदने के एक साल बाद उसे पेट में तेज दर्द हुआ और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक महीने बाद उसकी मौत हो गई।

    शराब पीने पर नहीं अप्लाई होगी पॉलिसी

    LIC ने पॉलिसीधारक की पत्नी के क्लेम को खारिज कर दिया। LIC ने कहा कि मृतक ने अपनी पुरानी शराब की लत के बारे में जानकारी छिपाई थी। LIC ने ‘जीवन आरोग्य’ प्लान के क्लॉज 7(xi) का हवाला दिया। इस क्लॉज के मुताबिक खुद को चोट पहुंचाने या आत्महत्या करने की कोशिश, या किसी भी ड्रग या शराब के इस्तेमाल या दुरुपयोग और उससे होने वाली जटिलताओं को पॉलिसी में शामिल नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति को शराब पीने की वजह से कोई बीमारी होती है, तो उसे पॉलिसी का लाभ नहीं मिलेगा।

    कंज्यूमर फोरम से आया था ये आदेश

    बता दें कि मृतक की पत्नी ने कंज्यूमर फोरम में शिकायत की थी। कंज्यूमर फोरम ने LIC को मेडिकल खर्च का भुगतान करने का आदेश दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन के आदेश से असहमति जताई।

    SC ने एलआईसी के फैसले को बताया सही

    कोर्ट ने कहा कि मृतक को शराब की लत बहुत पहले से थी, जिसे उसने पॉलिसी लेते समय जान बूझकर छुपाया। कोर्ट ने आगे कहा, तथ्यों को छिपाने के कारण, LIC ने क्लेम को खारिज करने का सही फैसला किया। इसका मतलब है कि पॉलिसी लेते समय सही जानकारी देना बहुत जरूरी है। अगर आप कोई जानकारी छिपाते हैं, तो बीमा कंपनी आपके क्लेम को रद्द कर सकती है।

  • तिरहुत कृषि महाविद्यालय में 7वीं अंतर्महाविद्यालय खेल प्रतियोगिता का भव्य आगाज़

    तिरहुत कृषि महाविद्यालय में 7वीं अंतर्महाविद्यालय खेल प्रतियोगिता का भव्य आगाज़

    मुजफ्फरपुर/समस्तीपुर। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के तिरहुत कृषि महाविद्यालय, ढोली में मंगलवार को सातवीं अंतर्महाविद्यालय खेल प्रतियोगिता 2025 का उद्घाटन हुआ। सिटी एसपी मुजफ्फरपुर विश्वजीत दयाल, कुलपति डॉ. पी.एस. पांडेय और निदेशक छात्र कल्याण डॉ. रमन त्रिवेदी ने मशाल जलाकर प्रतियोगिता की शुरुआत की।

    खेलों से छात्रों में बढ़ेगी टीम भावना – कुलपति

    कुलपति डॉ. पी.एस. पांडेय ने कहा कि यह प्रतियोगिता छात्रों में एकता, स्पोर्ट्समैनशिप और प्रतिस्पर्धात्मक भावना को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई है। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलताओं का उल्लेख किया और छात्रों को 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

    पूर्व छात्र के रूप में गर्व का क्षण – सिटी एसपी

    विशिष्ट अतिथि विश्वजीत दयाल ने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने डिजिटल एग्रीकल्चर में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने खेलों के महत्व को रेखांकित करते हुए अनुशासन, संघर्ष और टीम भावना पर जोर दिया।

    तीन दिवसीय प्रतियोगिता में 700 से अधिक छात्र लेंगे भाग:

    प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के आठ कॉलेजों से 700 से अधिक छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं। तीन दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में 19 वैयक्तिक और 7 टीम इवेंट होंगे।

    कार्यक्रम में डीन टीसीए डॉ. पी.पी. सिंह, निदेशक अनुसंधान डॉ. ए.के. सिंह, निदेशक प्रसार डॉ. मयंक राय, सहित अन्य गणमान्य शिक्षक, वैज्ञानिक और पदाधिकारी उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ. राजेश कुमार ने किया।

  • भागलपुर: महिला से ज्यादती का आरोप, पत्रकार, शिक्षक और डीलर पर एफआईआर

    भागलपुर: महिला से ज्यादती का आरोप, पत्रकार, शिक्षक और डीलर पर एफआईआर

    भागलपुर | संवाददाता

    भागलपुर जिले के खरीक थाना क्षेत्र से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने गांव के ही तीन लोगों पर देर रात घर में घुसकर अत्याचार करने का आरोप लगाया है। आरोपितों में एक पत्रकार, एक शिक्षक और एक डीलर शामिल हैं।

    क्या है पूरा मामला?

    पीड़ित महिला का कहना है कि 19 मार्च की रात करीब 10 बजे, जब वह अपनी दुकान में अकेली थी और सोने की तैयारी कर रही थी, तभी गांव के ही तीन लोगों ने जबरन घर में घुसकर उसके साथ गलत हरकत की।

    पीड़िता के बयान के मुताबिक:

    तीनों आरोपियों ने जबरन बारी-बारी से उसके साथ घटना को अंजाम दिया।
    घटना के दौरान वीडियो बनाया और वायरल करने की धमकी दी।
    जाते-जाते सीसीटीवी बॉक्स को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।

    थाने में शिकायत, लेकिन पुलिस ने नहीं ली सुध:

    पीड़िता ने 20 मार्च को खरीक थाने में शिकायत दर्ज करानी चाही, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में महिला ने नवगछिया महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पीड़िता का मेडिकल टेस्ट करवाया।

    पुलिस जांच और कोर्ट में बयान:

    वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी पीड़िता के घर जाकर जांच की। सोमवार को पीड़िता का 164 का बयान कोर्ट में दर्ज करवाने की बात कही जा रही है।

  • गद्दारों से देश भारी खतरे में

    गद्दारों से देश भारी खतरे में

    भारत को सन 47 तक दुनिया का 58 वां
    मुस्लिम देश बनाने के लिए हल्का ‘युद्ध’ जारी

    सुरेंद्र किशोर
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    आज के वोट लोलुप नेताओं से उन्हें
    परोक्ष-प्रत्यक्ष समर्थन मिल रहा जो
    भारत को एक और पाकिस्तान बनाने
    की कोशिश में लगे हुए हैं।
    कुछ इलाकों को बना भी दिया है।
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    मुस्लिम आक्रांताओं ने बारी -बारी से दुनिया के 57 देशों पर हमला करके उन देशों को तलवार के बल पर या अन्य तरीकों से मस्लिम बहुल देश बना दिया।
    मध्य काल में उन आक्रांताओं ने भारत पर भी हमला किया था।पर, यहां आज फिर भी एक अरब हिन्दू क्यों
    बचे रह गये ?
    उन्हें किसने बचाया ?
    क्या जेहादियों ने उन पर दया करके उन्हें हिन्दू बने रहने दिया ?
    क्यों राजस्थान के किसी जिला मुख्यालय का नाम मुस्लिम
    नाम नहीं है ?उन जेहादियों के खिलाफ कुछ लोग उठ खड़े हुए ,तभी तो आज एक अरब हिन्दू अब भी हैं।पर मध्य युग की उनकी कमी कुछ गद्दार आज पूरी करने के प्रयास में लगे हैं।
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    1947 में अविभाजित पाकिस्तान में हिन्दू करीब 20 प्रतिशत थे।
    अब पाकिस्तान में करीब एक दशमलव 6 प्रतिशत (1998)और बांग्ला देश में करीब 8 प्रतिशत हिन्दू बचे हैं।
    बाकी हिन्दू कहां गये ?
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    ं भारत के 9 राज्य अब हिन्दू बहुल नहीं रहे।
    1947 में ये राज्य भी हिन्दू बहुल थे।
    ऐसा क्यों और कैसे हुआ ?
    मौलाना रशीदी को हाल में यह कहते हुए मैंने टी.वी.चैनल पर सुना कि अब भारत में 40 करोड़ मुसलमान हो गये हैं।
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    पाॅपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया ने खुलेआम यह घोषणा कर रखी है कि वह हथियारों के बल पर सन 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बना देगा।आज देश के विभिन्न हिस्सों में आए दिन आप उनके उन्मादी हिंसक दृृश्य टी.वी.चैनलों को देख सकते हैं।उनका मनोबल बढ़ा हुआ है।वोट लोलुप नेता उनका हौसला बढ़ा रहे हैं।
    प्रतिबंधित जेहादी संगठन पी.एफ.आई.से जुड़े राजनीतिक संगठन एस.डी.पी.आई. के साथ मिलकर इस देश के कौन- कौन राजनीतिक दल चुनाव लड़े रहे हैं ?
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    इस देश के कौन -कौन राजनीतिक दल पी.एफ.आई. के खिलाफ एक शब्द का भी कभी उच्चारण नहीं करते ?
    आखिर क्यों नहीं करते ?उन दलों की पहचान कीजिए और उनसे अब तो सावधान हो जाइए।
    ————–
    सिमी पर 2001 में प्रतिबंध लगा।
    सिमी का आदर्श था–ओसामा बिन लादेन।
    उसका नारा था-‘‘इस्लाम का गाजी कुफ्र्र शिकन,
    मेरा शेर ओसामा बिन लादेन।’’
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    लगता है कि अब वैसे जेहादी तत्वों ने औरंगजेब को अपना आदर्श हीरो बना लिया है।
    यह संयोग नहीं है कि अलीगढ़ में 1977 में जेहादी संगठन सिमी की स्थापना हुई थी।
    सिमी ने प्रतिबंध के खिलाफ जब सुप्रीम कोर्ट में अपील की तो उसके वकील थे कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद।यह अकारण नहीं है कि मणिशंकर अय्््यर और सलमान खुर्शीद ने कुछ ही महीने पहले कहा कि जो कुछ बांग्ला देश में हो रहा है,वह भारत में भी हो सकता है।
    प्रतिबंध के बाद सिमी के लोगों ने इंडियन मुजाहिद्दीन बना लिया।
    बाद में देश के ऐसे कई संगठनों ने मिलकर पी.एफ.आई बनाया।
    पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी पी.एफ.आई.की महिला शाखा के समारोह में शामिल होने के लिए 23 सितंबर, 2017 में कोझीकोड गए थे।
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    कुछ वोट लोलुप नेताओें की गद्दारी से आज भारत और बहुसंख्यक समाज बहुत ही खतरनाक दौर से गुजर रहा है।
    इस देश में जिन इलाकों में ,मुख्यतः जिन -जिन गैर भाजपा शासित राज्यों में मुसलमान बहुमत में आते जा रहे हैं,वहां से हिन्दू या अन्य समुदाय भागने को विवश हो रहे हैं।उन पीड़ितों के बारे में न तो वहां की सरकारें कुछ कर रही हंै और न ही मीडिया भयवश रिपोर्टिंग कर रहा है।
    आज की अपनी गद्््दारी पर परदा डालने के लिए कुछ नेता मध्य युग के ऐसे राजा को भी झूठे इतिहास पुस्तक के आधार पर गद्दार बता रहे हैं जिसके शरीर पर 80 घाव लगे थे।
    देश के मशहूर पत्रकार हर्ष वर्धन त्रिपाठी कहते हैं कि
    ‘‘हमले के लिए बाबर को भारत बुलाने वाला दौलत खान लोदी था,राणा सांगा नहीं।
    राणा सांगा हमारे वीर योद्धा थे।
    औरंगजेब के पाप को छिपाने के लिए हमारे वीर योद्धाओं को नेता अपमानित कर रहे हैं।
    औरंगजेब का महिमा मंडन करने वाले अबू आजमी के साथ अखिलेश यादव खड़े रहे और अब वह राणा सांगा का अपमान करने वाले रामजीलाल सुमन के साथ खडे़ हैं।’’
    2001 में जब सिमी पर प्रतिबंध लगा तो कुछ नेता क्या बोले –.
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    सरकार ने सिमी पर जो प्रतिबंध लगाया है,वह मेरी दृष्टि में जायज नहीं है।
    —शाही इमाम ,फतेहपुरी मस्जिद
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    ‘‘गुजरात दंगों के बाद दंगों की प्रतिक्रिया में इंडियन मुजाहिद्दीन का गठन हुआ।’’
    —डा.शकील अहमद,
    कांग्रेस महा सचिव–21 जुलाई 2013
    (जबकि सच्चाई यह है कि सिमी पर प्रतिबंध लग जाने के बाद सिमी ने लोगों ने आई.एम.बनाया।)
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    सिमी पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए था।
    –मुलायम सिंह यादव
    7 अगस्त 2008
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    मन मोहन सिंह सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सिमी के लोग जेहाद का प्रचार कर रहे हैं और कश्मीर में आतंकवादियों की पूरी मदद कर रहे हैं।
    ….टाइम्स आॅफ इंडिया …..21 अगस्त 2008 —
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    राम विलास पासवान ने सिमी पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की।
    —12 अगस्त 2008
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    कश्मीर के अलगाववादी नेता
    सैयद अली शाह जिलानी ने कहा कि
    सिमी पर प्रतिबंध नागरिक अधिकार पर हमला है।
    –29 सितंबर 2001
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    सिमी से प्रतिबंध हटाए जाने के ट्रिब्यूनल के निर्णय पर भाजपा ने केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए इसका ठीकरा गृह मंत्री शिवराज पाटिल पर फोड़ा है।
    —6 अगस्त 2008
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    हालांकि मनमोहन सरकार को फिर से प्रतिबंध लगाना पड़ा।
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    रेल मंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि सिमी पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए।
    यदि लगता है तो शिव सेना और दुर्गा वाहिनी पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए।
    —–टाइम्स आॅफ इंडिया–7 अगस्त 2008
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    यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आयोग से मिलकर यह मांग की कि सिमी समर्थक दलों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
    —-19 अगस्त 2008
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    सिमी के अहमदाबाद के जोनल सेके्रट्री साजिद मंसूरी ने 2001 में मीडिया से बातचीत में कहा था कि ‘जब हम सत्ता में आएंगे तो सभी मंदिरों को नष्ट कर देंगे और वहां मस्जिद बना देंगे।’
    मंसूरी का बयान 30 सितंबर 2001 के अखबार में छपा था।
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    2012 में पश्चिम बंगाल के डी.जी.पी.एन.मुखर्जी ने कहा था कि सिमी के जरिए आई.एस.आई.ने माओवादियों से तालमेल बना रखा है।
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    स्थापना के समय सिमी जमात ए इस्लामी हिंद से जुड़ा संगठन था।
    पर जब 1986 में सिमी ने ‘इस्लाम के जरिए भारत की मुक्ति’ का नारा दिया तो जमात ए इस्लामी हिंद ने उससे अपना संबंध तोड़ लिया।
    …………….
    केंद्र सरकार ने सिमी पर प्रतिबंध लगाने के लिए जो मापदंड अपनाए,वे अपने आप में पर्याप्त नहीं हैं।
    —- इम्तियाज अहमद,
    प्रोफेसर जे.एन.यू
    30 सितंबर 2001
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    मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए सिमी पर प्रतिबंध लगाने का स्वागत किया,पर बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगाने के लिए केंद्र सरकार को फटकार लगाई।
    —पायनियर–29 सितंबर 2001
    ………………………………..
    सिमी के संविधान में भारत को मजहबी आधार पर बांटने की बात स्पष्ट रूप से दर्ज है।
    —–सी.बी.आई.के पूर्व निदेशक जोगिंदर सिंह
    –22 सितंबर 2008 ,राष्ट्रीय सहारा
    …………………………………………
    लोकतांत्रिक तरीके से इस्लामिक शासन संभव नहीं है।उसके लिए एकमात्र रास्ता जेहाद है।
    ——-सिमी सदस्य अबुल बशर–
    28 सितंबर 2008–राष्ट्रीय सहारा
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    ‘‘जेहाद के नाम पर बिहार में भड़काया जाने लगा है एक वर्ग को।’’
    —-बिहार पुलिस की खुफिया शाखा की रपट
    22 सितंबर 2001
    …………………………………………..
    पटना की एन.आई.ए.अदालत ने गांधी मैदान बम विस्फोट ( अक्तूबर, 2013) के 9 आरोपितों को दोषी ठहराया।
    एन.आई.ए.के विशेष अभियोजक ललन प्रसाद सिन्हा ने कहा है कि दोषी ठहराए गए ‘सिमी’ से जुड़े रहे हैं।
    ………………………………………….
    इससे पहले जयपुर की अदालत ने देशद्रोह के आरोप में सिमी के 12 सदस्यों को गत मार्च में आजीवन कारावास की सजा दी ।
    इससे पहले भी इस देश की अदालतें सिमी के लोगों को समय -समय पर सजाएं देती रही हैं।
    ………………………………………………
    सिमी के एक सदस्य अबुल बशर का इकबालिया बयान राष्ट्रीय सहारा के 28 सितंबर, 2008 के अंक में छपा है।
    इस बयान की पृष्ठभूमि में हमारे देश के कतिपय नेताओं व बुद्धिजीवियों की टिप्पणियों को देखिए।
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    इकाबालिया बयान में बशर ने
    अन्य बातों के अलावा यह भी कहा है कि
    ‘‘…..मैं इस विचार से सहमत हूं कि लोकतांत्रिक तरीके से ( भारत में )इस्लामिक शासन संभव नहीं है,उसके लिए एकमात्र रास्ता जेहाद है।’’
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    और अंत में
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    याद रहे कि जयचंद ने मुहम्मद गोरी से मिलकर पृथ्वीराज चैहान के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ा था।जयचंद निजी कारणों से सिर्फ चुपचाप बैठ गया था।यह बात भी छिपाई गई है कि गोरी के लोगों ने बाद में जयचंद को भी मार डाला था।
    पर,आज के जेहादी-समर्थक नेता तो राष्ट्र द्रोहियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।जहां -तहां जीत भी रहे हैं।बदले में उनकी जेहादी गतिविधियों के खिलाफ एक शब्द का भी उच्चारण नहीं कर रहे हैं।उल्टे सिर्फ उनसे यानी भाजपा-आरएसएस से लड़ रहे हैं जिनसे जेहादी लड़ रहे हैं।यानी, लग रहा है कि अपना देश मध्य युग की अपेक्षा आज अधिक खतरनाक दौर में प्रवेश कर गया है।
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    सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वाॅल से

  • शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को किया नमन

    शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को किया नमन

    समस्तीपुर। आज इंकलाबी नौजवान सभा ने शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस पर छात्र युवा हुंकार मार्च निकालकर श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यकर्ताओं ने भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

    कार्यक्रम में आरवाईए जिला सचिव रौशन कुमार, कार्यालय सचिव राहुल राय, महेश कुमार, रोहित कुमार, मधुकर कुमार, गौरव कुमार, रंजन कुमार, कुंदन कुमार, सुरेश शर्मा, जितेंद्र कुमार, चंदन कुमार और भाकपा माले उजियारपुर प्रखंड सचिव गंगा प्रसाद पासवान समेत कई युवा शामिल हुए।

    भगत सिंह के विचार आज भी प्रासंगिक:

    मार्च के दौरान वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह सिर्फ एक क्रांतिकारी नहीं थे, बल्कि वे समाजवादी भारत का सपना देखने वाले दूरदर्शी विचारक थे। उनका बलिदान केवल गुलामी से मुक्ति के लिए नहीं, बल्कि समानता, न्याय और लोकतंत्र की रक्षा के लिए था।

    वर्तमान सरकार पर साधा निशाना:

    कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि आज जब भाजपा और मोदी सरकार लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकारों को कुचल रही है, जब अडानी-अंबानी देश के संसाधनों को लूट रहे हैं, तब भगत सिंह के विचारों को अपनाना और उनकी राह पर चलना और भी जरूरी हो गया है।

    इंकलाब जिंदाबाद के नारे गूंजे:

    मार्च के दौरान “इंकलाब जिंदाबाद” और “साम्राज्यवाद मुर्दाबाद” के नारे लगाए गए। कार्यकर्ताओं ने भगत सिंह के विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया और युवाओं से जागरूक होकर सामाजिक न्याय की लड़ाई में शामिल होने की अपील की।

  • पप्पू यादव की इफ्तार पार्टी में उमड़ा जनसैलाब, हजारों ने मांगी अमन-चैन की दुआ

    पप्पू यादव की इफ्तार पार्टी में उमड़ा जनसैलाब, हजारों ने मांगी अमन-चैन की दुआ

    पूर्णिया। रमज़ान के पाक मौके पर जिला स्कूल, पूर्णिया में पूर्णिया सांसद पप्पू यादव द्वारा आयोजित दावत-ए-इफ्तार में हजारों लोगों ने शिरकत की। इस आयोजन ने हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल पेश की, जहां मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च, महर्षि मेही और कबीर पंथ के अनुयायियों ने भी भाग लिया।

    सांप्रदायिक सौहार्द्र का जीवंत उदाहरण:

    कार्यक्रम में शामिल लोगों ने देश की शांति और भाईचारे के लिए दुआ मांगी। इस इफ्तार ने नफरत फैलाने वालों को करारा जवाब देते हुए गंगा-जमुनी तहज़ीब को मजबूत करने का संदेश दिया।

    पप्पू यादव ने दिया एकता का संदेश:

    इस अवसर पर सांसद पप्पू यादव ने कहा,
    “हम सबने मिलकर यह संदेश दिया कि भारत की जड़ें सर्वधर्म समभाव और प्रेम से सिंचित हैं। हमें एक-दूसरे के साथ मिलकर भाईचारे और सद्भावना को आगे बढ़ाना होगा।”

    कार्यक्रम में विभिन्न समुदायों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और इफ्तार के बाद एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं।

  • पश्चिम चंपारण: प्रेम और संकल्प की मिसाल बनी विशेष जोड़ी

    पश्चिम चंपारण: प्रेम और संकल्प की मिसाल बनी विशेष जोड़ी

     ग्रामीणों के सहयोग से संपन्न हुई अनोखी शादी

    पश्चिम चंपारण के गोपालपुर थाना क्षेत्र स्थित एक मंदिर में मानवता और प्रेम की अनोखी मिसाल देखने को मिली, जहां ग्रामीणों के सहयोग से एक दिव्यांग जोड़े का विवाह बड़े ही धूमधाम से संपन्न हुआ।

    बकुलहर निवासी, एक हाथ से विकलांग और मूक-बधिर स्व. नथुनी पटेल के पुत्र बिनु पटेल का विवाह गोपालपुर निवासी विक्रम पटेल की पूरी तरह मूक-बधिर पुत्री परजापति कुमारी से हुआ। शादी समारोह में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और इस जोड़ी को आशीर्वाद दिया।

    बिनु पटेल पेशे से खाना बनाने का काम करते हैं और उन्होंने संकेतों में बताया कि वह अपनी पत्नी को कोई कष्ट नहीं देंगे। वहीं, पंचायत बकुलहर के उपमुखिया दिलीप कुमार ने इस जोड़े को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया, ताकि वे अपना घर बनाकर सुखी जीवन जी सकें।

    इस शादी का पूरा खर्च बकुलहर के ही सत्यनारायण यादव ने ग्रामीणों के सहयोग से उठाया। उन्होंने कहा कि यह विवाह समाज के लिए प्रेरणा है, और वे चाहते हैं कि यह जोड़ा सुखद वैवाहिक जीवन व्यतीत करे।

  • कटिहार: कुर्सेला गंगा दियारा में मछुआरों के जाल में फंसे 35 और 41 किलो के बघार, देखने उमड़ी भीड़

    कटिहार: कुर्सेला गंगा दियारा में मछुआरों के जाल में फंसे 35 और 41 किलो के बघार, देखने उमड़ी भीड़

    कटिहार : कुर्सेला गंगा दियारा क्षेत्र में मछुआरों के जाल में दो विशाल बघार मछलियां फंसने से इलाके में उत्सुकता का माहौल है। 35 किलो और 41 किलो वजन की इन मछलियों को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुर्सेला गंगा दियारा क्षेत्र मछली उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है, जहां इस तरह की बड़ी मछलियां अक्सर देखने को मिलती हैं।