Category: राज्य

  • हरियाणा प्रदेश के नाम की व्युत्पत्ति : हरयान या हरियान शब्दों से नहीं, अहिराणा शब्द से हुई है हरियाणा की व्युत्पत्ति : डॉ. रामनिवास ‘मानव’

    हरियाणा प्रदेश के नाम की व्युत्पत्ति : हरयान या हरियान शब्दों से नहीं, अहिराणा शब्द से हुई है हरियाणा की व्युत्पत्ति : डॉ. रामनिवास ‘मानव’

     हरियाणा प्रदेश के नाम की व्युत्पत्ति के संबंध में विविध थ्योरियाँ हैं। हरियाणा एक प्राचीन नाम है। वैदिक युग में इस क्षेत्र को ब्रह्मवर्त, आर्यवर्त और ब्रह्मोपदेश के नाम से जाना जाता था। ये सभी नाम हरियाणा की भूमि पर ब्रह्मा के उपदेशों पर आधारित हैं और इनका सामान्य अर्थ है- ‘आर्यों का आवास और वैदिक संस्कृति और संस्कारों के उपदेशों का क्षेत्र’। कई विद्वान, सीधे ऋग्वेद से इसका संबंध जोड़ते हुए, कहते हैं कि हरियाणा शब्द का तब राजा के विशेषण के रूप में प्रयोग किया जाता था। उनकी मान्यता है कि राजा वासु ने इस क्षेत्र पर लंबे समय तक शासन किया और इसी कारण, इस क्षेत्र को उनके बाद, हरियाणा के नाम से जाना जाने लगा। मगर देश के सुप्रसिद्ध साहित्यकार और शिक्षाविद् डॉ. रामनिवास ‘मानव’ का कहना है कि हरयाणा अथवा हरियाणा शब्द की व्युत्पत्ति हरयान या हरियान शब्दों से नहीं, बल्कि अहिराणा शब्द से हुई है तथा यह मत पूर्णतया तथ्यपरक, तर्कसंगत और प्रामाणिक है। आइये, इस संबंध में विस्तार से जानते हैं उनके तर्क और विचार।

    डॉ. सत्यवान सौरभ

    हरियाणा वैदिक कालीन शब्द है। इसका सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है-“ऋजुभुक्षस्याने रजतं हरियाणे। रथं युक्तं असनाम सुषामणि।” (8: 25: 22) यहाँ प्रयुक्त हरियाणे शब्द के कष्टों को सहने वाला, हरणशील, हरि का यान आदि अनेक अर्थ हो सकते हैं, किंतु इससे प्रदेश-विशेष के नाम का स्पष्ट बोध नहीं होता। यह कहना है, सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं शिक्षाविद् डॉ. रामनिवास ‘मानव’ का। उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाणा शब्द की व्युत्पत्ति मुख्यत: हरयान अथवा हरि‌यान शब्द से‌ मानी जाती है। इसीलिए इसे अंग्रेज़ी में हरयाणा तथा हिंदी में हरियाणा लिखा जाता है। किंतु मेरे मतानुसार यह थ्योरी गलत है। हर (शिव) और हरि (विष्णु) के इस क्षेत्र में यान द्वारा विचरण करने का सटीक उल्लेख नहीं मिलता। फिर यान के विचरण करने से किसी क्षेत्र ‌ के नामकरण की बात भी गले नहीं उतरती। हरियाणा के नामकरण संबंधी अन्य मतों का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि हरियानक, हरितारण्यक, हरिताणक, आर्यायन, दक्षिणायन, उक्षणायन, हरिधान्यक, हरिबांका आदि शब्दों से हरियाणा की व्युत्पत्ति संबंधी अन्य थ्योरियाँ भी अविश्वसनीय, बल्कि कुछ तो हास्यास्पद लगती हैं। डॉ. बुद्धप्रकाश और प्राणनाथ चोपड़ा ने हरियाणा की व्युत्पत्ति अभिरायण शब्द से मानी है, किंतु इसे भी आंशिक रूप से ही सही माना जा सकता है।
    डॉ. ‘मानव’ ने कहा कि मेरी सुचिंतित और सुनिश्चित मान्यता है कि हरियाणा की व्युत्पत्ति अहिराणा शब्द से हुई है। पशुपालन और कृषि का व्यवसाय करने वाले यदुवंशियों को अभिर या आभीर कहा जाता था, कालांतर में, जिसका तद्भव रूप अहीर हो गया। अहीर बहादुर योद्धा माने जाते थे, जिनके अस्तित्व के प्रमाण ईसा से छह हजार वर्ष पूर्व भी मिलते हैं। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि किसी समय अहीर जाति हरियाणा, दिल्ली, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से लेकर गुजरात और महाराष्ट्र तक फैली हुई थी। किंतु वर्तमान हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसका पूरा आधिपत्य और संपूर्ण वर्चस्व रहा। अहीरों का बाहुल्य होने के कारण ही इस क्षेत्र को अहिराणा कहा जाने लगा। (जैसे राजपूतों के कारण राजपुताना, मराठों के कारण मराठवाड़ा और भीलों के कारण भीलवाड़ा कहा जाता है।) बाद‌ में, हरियाणवी बोली की उदासीन अक्षरों के लोप की प्रकृति के चलते, अखाड़ा-खाड़ा, अहीर-हीर, उतारणा-तारणा, उठाणा-ठाणा और स्थाण-ठाण की तर्ज पर, अहिराणा से हिराणा और फिर हरयाणा या हरियाणा हो गया। अहिराणा शब्द का अर्थ है-‘अहीरों का क्षेत्र’। इसे अहीरवाल का पर्यायवाची माना जा सकता है।
    एक अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य का उल्लेख करते हुए डॉ. ‘मानव’ ने कहा कि इससे भी मेरे मत की पुष्टि होती है। आज भी महाराष्ट्र के खानदेश, जिसे कभी हीरदेश भी कहा जाता था और जिसमें महाराष्ट्र के मालेगांव, नंदुरबार और धुले जिलों के अतिरिक्त नासिक जिले के धरनी, कलवण, सटाणा और बागलान तथा औरंगाबाद जिले के देवला क्षेत्र, गुजरात के सूरत और व्यारा तथा मध्यप्रदेश के अंबा और वरला क्षेत्र शामिल हैं, जहाँ आज भी अहिराणी बोली, बोली जाती है। देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली और बीस-बाईस लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली अहिराणी का अर्थ है ‘अहीरों की बोली’। इससे स्पष्ट है कि अहिराणा और अहिराणी में सीधा संबंध और पूरी समानता है।
    अंत में, निष्कर्ष प्रस्तुत करते हुए, डॉ. ‘मानव’ ने कहा कि हरयाणा अथवा हरियाणा शब्द की व्युत्पत्ति हरयान या हरियान शब्दों से नहीं, बल्कि अहिराणा शब्द से हुई है तथा यह मत पूर्णतया तथ्यपरक, तर्कसंगत और प्रामाणिक है।

  • अमित शाह की टिप्पणी पर टीएमसी का विरोध प्रदर्शन, पुतला दहन कर मांगा इस्तीफा

    अमित शाह की टिप्पणी पर टीएमसी का विरोध प्रदर्शन, पुतला दहन कर मांगा इस्तीफा

    रानीगंज – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. बी.आर. आंबेडकर पर की गई कथित विवादित टिप्पणी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रानीगंज सहित विभिन्न स्थानों पर जोरदार प्रदर्शन किया। रानीगंज के तारबांग्ला मोड़ पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर अमित शाह के खिलाफ विरोध जताया और उनका पुतला जलाकर इस्तीफे की मांग की।
    रानीगंज टाउन टीएमसी अध्यक्ष रुपेश यादव के नेतृत्व में आयोजित इस रैली में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इस मौके पर बोरो चेयरमैन मुज्जमिल साहज़ादा,सदन कुमार सिंह,संदीप भालोटिया, आशीष घोष,अजय मंडल,नियाज अहमद असरफ खान, गुड्डू खान,सागर मुख़र्जी,भी मौजूद थे। उन्होंने केंद्र सरकार और अमित शाह पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणियां न केवल डॉ. आंबेडकर का अपमान हैं, बल्कि समाज में भेदभाव और असंतोष फैलाने की साजिश हैं।
    रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए अमित शाह से माफी मांगने और तत्काल इस्तीफा देने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि अमित शाह की टिप्पणी से डॉ. आंबेडकर जैसे महान नेता की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। टीएमसी नेता रुपेश यादव ने कहा डॉ. आंबेडकर देश के संविधान निर्माता हैं और उनकी छवि को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को माफी मांगनी चाहिए। अमित शाह की टिप्पणी निंदनीय है और हम इसके खिलाफ हर मंच पर आवाज उठाएंगे।
    वहीं बोरो चेयरमैन मुज्जमिल साहज़ादा ओर
    सदन कुमार सिंह ने कहा,डॉ. आंबेडकर जैसे महान नेता का अपमान केवल भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और ऐसे बयानों के खिलाफ सड़क से संसद तक संघर्ष करेंगे।
    प्रदर्शन में स्थानीय सामाजिक संगठनों और अन्य राजनीतिक दलों ने भी अपना समर्थन दिया। उन्होंने डॉ. आंबेडकर के सम्मान में इस तरह के किसी भी अपमानजनक बयान का कड़ा विरोध करने का आश्वासन दिया।
    रानीगंज में टीएमसी का यह विरोध प्रदर्शन डॉ. आंबेडकर के सम्मान की रक्षा के लिए एक मजबूत संदेश था। अमित शाह की टिप्पणी ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर गहरी प्रतिक्रिया दी है। टीएमसी ने इस मुद्दे को लेकर आगामी दिनों में और बड़े विरोध प्रदर्शन करने का संकेत दिया है।

  • इनर व्हील क्लब ऑफ रानीगंज: समाज सेवा का अनुपम उदाहरण, 400 लोगों को कराया भोजन

    इनर व्हील क्लब ऑफ रानीगंज: समाज सेवा का अनुपम उदाहरण, 400 लोगों को कराया भोजन

    रानीगंज  – इनर व्हील क्लब ऑफ रानीगंज शाखा द्वारा संचालित महिलाओं की संस्था लगातार सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रही है। संस्था की ओर से रानीगंज शहर में जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाने का अभियान जारी है।
    संस्था की अध्यक्ष जया संथालिया ने बताया कि इनर व्हील क्लब विभिन्न सामाजिक कार्यों में सक्रिय है,जिसमें चिकित्सा शिविर, निशुल्क नेत्र ऑपरेशन,और जरूरतमंदों तक अन्य सेवाएं पहुंचाना शामिल है। इसके अलावा, गरीब इलाकों की लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई मशीन प्रशिक्षण, कंप्यूटर ट्रेनिंग,मेहंदी कला,और अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराए जाते हैं।
    पूर्व अध्यक्ष ज्योति साव ने कहा की हम 20 से अधिक महिलाएं नियमित रूप से सामाजिक कार्यों में अपना समय देती हैं। जरूरतमंदों की सेवा करना ही सच्चा धर्म है,और इससे हमें आत्मिक शांति मिलती है।
    वहीं,वरिष्ठ समाजसेविका मंजू संथालिया, जो पिछले 50 वर्षों से लायंस क्लब से जुड़ी हुई हैं,ने इनर व्हील क्लब की तारीफ करते हुए कहा रानीगंज के विभिन्न क्षेत्रों में भोजन वितरण का जो कार्य इनर व्हील क्लब की महिलाओं ने शुरू किया है, वह सराहनीय है। यह उनके सेवा भाव को दर्शाता है।
    इस मौके पर 400 से अधिक लोगों को भोजन कराया गया, जो इनर व्हील क्लब की सेवा भावना और समर्पण का एक और उदाहरण है।
    इनर व्हील क्लब की यह पहल न केवल जरूरतमंदों की मदद कर रही है, बल्कि समाज में सेवा और समर्पण का संदेश भी दे रही है।

  • भारत विकास परिषद ने जरूरतमंदों को वितरित किए कंबल और शीत वस्त्र

    भारत विकास परिषद ने जरूरतमंदों को वितरित किए कंबल और शीत वस्त्र

    रानीगंज – भारत विकास परिषद की ओर से आज रानीगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स सभागार में एक कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर जरूरतमंदों को कंबल के साथ टोपी और मोजे भी वितरित किए गए।
    कार्यक्रम में प्रदीप बाजोरिया,पवन बाजोरिया, डॉक्टर अरुपानंद पाल,विवेकानंद सेवा केंद्र आश्रम के स्वामी सुब्रतोंनंद महाराज,बासुदेव गोस्वामी,अरुनमोई कुंडू,पिंटू गुप्ता,राजेश गनेड़ीवाल और समीर राय सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
    इस दौरान भारत विकास परिषद रानीगंज शाखा के अध्यक्ष प्रदीप बाजोरिया ने बताया कि यह कार्यक्रम उनके दिवंगत पिता राम अवतार बाजोरिया की स्मृति में आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि भारत विकास परिषद समाज के जरूरतमंद वर्गों के लिए ऐसे आयोजन लगातार करती रहती है।
    उन्होंने जानकारी दी कि भारत विकास परिषद की पूरे देश में 1300 से अधिक शाखाएं हैं, जो संपर्क,सहयोग,सेवा,संस्कार और समर्पण के पांच सिद्धांतों पर कार्य करती हैं। इसके तहत समाज में जरूरतमंदों की सहायता के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। हाल ही में बिहारीनाथ में भी भारत विकास परिषद की ओर से 200 जरूरतमंदों को कंबल और अन्य शीत वस्त्र वितरित किए गए थे।
    यह आयोजन परिषद के सेवा और समर्पण भाव को दर्शाता है और जरूरतमंदों की मदद के लिए उसकी प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करता है।

  • रानीगंज श्याम मंदिर में खाटू श्याम जी की अमर जीवन कथा का आयोजन, भक्तिमय माहौल

    रानीगंज श्याम मंदिर में खाटू श्याम जी की अमर जीवन कथा का आयोजन, भक्तिमय माहौल

    रानीगंज। रानीगंज श्याम मंदिर में आयोजित श्री श्याम प्रभु की अमर जीवन कथा ने भक्तों के बीच एक आध्यात्मिक और भक्तिमय माहौल का निर्माण किया है। इस कथा में कोलकाता के प्रसिद्ध कथावाचक संदीप सुल्तानिया ने खाटू श्याम जी की महिमा और उनके चमत्कारों की प्रेरणादायक कहानियां प्रस्तुत कीं।
    संदीप सुल्तानिया ने भक्तों के बीच भक्ति और श्रद्धा का माहौल बनाते हुए “हरे का सहारा बाबा श्याम हमारा ” जैसे भजनों की प्रस्तुति दी। उन्होंने खाटू श्याम जी की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि वे कलियुग के देवता के रूप में विशेष पूजनीय हैं। उनके जीवन से जुड़ी कथाएं और उनके चमत्कार हर भक्त के लिए प्रेरणादायक हैं।
    कथा के दौरान बताया गया कि खाटू श्याम जी का वास्तविक नाम बर्बरीक था,जो महाभारत के महान योद्धा और भीम के प्रोत्र थे। उनकी भक्ति और बलिदान की कहानी अद्वितीय है। महाभारत युद्ध के दौरान,भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को उनका शीश दान करने के लिए प्रेरित किया। उनके इस त्याग के कारण वे खाटू श्याम जी के नाम से प्रसिद्ध हुए और आज भी श्रद्धालुओं के बीच उनका विशेष स्थान है।
    मंदिर कमेटी के अध्यक्ष बिमल सराफ ने बताया कि यह तीन दिवसीय कथा 19 दिसंबर,गुरुवार को सुबह 9 बजे से 12 बजे तक समाप्त होगी। कथा के समापन के बाद भगवान को भोग अर्पित किया जाएगा और विशेष आरती का आयोजन होगा।
    कमेटी के संयोजक और वरिष्ठ सदस्य विनोद बंसल ने बताया कि कथा के समापन के बाद आहुति,भोग और आरती के साथ भक्तों के लिए एक विशेष कार्यक्रम रखा गया है।
    कथा के दौरान बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया और खाटू श्याम जी की महिमा का आनंद लिया। मंदिर में भक्ति और श्रद्धा का अनुपम दृश्य देखने को मिला।
    इस कथा के माध्यम से रानीगंज श्याम मंदिर ने भक्तों को खाटू श्याम जी के अद्भुत इतिहास और उनकी महिमा से जोड़ने का प्रयास किया। यह आयोजन न केवल भक्तों के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शन का माध्यम बना,बल्कि समाज में धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई।
    इस कार्यक्रम को सफल बनाने में रानीगंज श्री श्याम बाल मंडल के अध्यक्ष बिमल सराफ,
    सचिव पवन केजरीवाल,बिष्णु सराफ,
    बिनोद बंसल,पप्पू माटोलिया,
    सवार सिंघानिया,विकास अग्रवाल,राहुल केजरीवाल,संदीप शर्मा,बृजेश अग्रवाल,विकास मारोदिया ने अहम भूमिका निभाई।

  • रानीगंज में मारवाड़ी युवा मंच ने आयोजित किया दिव्यांगों के लिए चार दिवसीय अंग प्रत्यारोपण शिविर**

    रानीगंज में मारवाड़ी युवा मंच ने आयोजित किया दिव्यांगों के लिए चार दिवसीय अंग प्रत्यारोपण शिविर**

    रानीगंज – मारवाड़ी युवा मंच ने सत्यम स्मेल्टर्स और श्री महावीर विकलांग सहायता समिति के सहयोग से कन्हैयालाल सराफ स्मृति भवन में चार दिवसीय दिव्यांगों के अंग प्रत्यारोपण शिविर का आयोजन किया। शिविर का उद्घाटन आसनसोल नगर निगम के डिप्टी मेयर अभिजीत घटक और रतन लाल मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया।
    मारवाड़ी युवा मंच का सराहनीय प्रयास
    उद्घाटन समारोह में डिप्टी मेयर अभिजीत घटक ने कहा की मारवाड़ी युवा मंच द्वारा दिव्यांगों को नया जीवन देने के लिए यह शिविर एक अभूतपूर्व पहल है। इससे बड़ी मानव सेवा कुछ नहीं हो सकती। रानीगंज पुलिस के आईसी विकास दत्ता ने शिविर की प्रशंसा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से आए कई दिव्यांगों को निःशुल्क अंग प्रत्यारोपण,वैशाखी और
    कान की मशीनें प्रदान की गईं।
    रानीगंज थाने के आईसी विकास दत्ता ने कहा कि वर्तमान में मारवाड़ी युवा मंच राष्ट्रीय स्तर पर 55वें स्थान पर है, लेकिन उनके कार्यों को देखते हुए यह जल्द ही शीर्ष 10 में शामिल होगा। इस शिविर में 150 से अधिक लोगों को कान की मशीन दी गई और 22 दिसंबर को कृत्रिम अंग प्रदान करने के लिए 150 लोगों का पंजीकरण किया गया। संस्था के मुख्य सलाहकार राजेश जिंदल ओर अध्यक्ष प्रतीक मोर ने बताया कि इससे पहले भी इस तरह के शिविर में सैकड़ों लोगों को कृत्रिम अंग दिए गए थे और इस बार बेहतर गुणवत्ता के कृत्रिम अंग प्रदान किए जाएंगे।
    शिविर के संचालक श्याम जालान ने कहा कि संस्था के सदस्य पिछले एक महीने से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार कर रहे थे। दुरदराज के इलाकों से आए दिव्यांगों के चेहरों पर खुशी देखकर हमें भी समाज सेवा का बल मिला है।
    इस अवसर पर कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मंच के अध्यक्ष प्रतीक मोर,श्याम जालान,विनीत खंडेलवाल,नीरज अग्रवाल,सुमित क्याल, आयुष झुनझुनवाला,अमित बजाज,और महिला विंग देवी शक्ति की प्रमुख स्वीटी लोहिया एवं दीप्ति सराफ सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
    यह शिविर न केवल दिव्यांगों के जीवन में नया प्रकाश ला रहा है, बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में मारवाड़ी युवा मंच की उत्कृष्टता और समर्पण को भी उजागर कर रहा है।

  • रानीगंज में बढ़ते जाम से निपटने के लिए इनर व्हील क्लब की अनूठी पहल

    रानीगंज में बढ़ते जाम से निपटने के लिए इनर व्हील क्लब की अनूठी पहल

    रानीगंज- रानीगंज में जाम की समस्या लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन एनएसबी रोड पर श्याम मंदिर बनने के बाद से यह समस्या और गंभीर हो गई है। यहां रोजाना हजारों श्रद्धालु आते हैं, जिससे सड़क पर गाड़ियों का बेतरतीब जमाव हो जाता है।
    इसी समस्या के समाधान के लिए आज इनर व्हील क्लब ऑफ रानीगंज शाखा की ओर से एक सराहनीय पहल की गई। क्लब की सदस्यों ने श्याम मंदिर के पास एनएसबी रोड के दोनों ओर नो पार्किंग के बोर्ड लगाए और लोगों से अपील की कि वे गाड़ियों को उचित पार्किंग में खड़ा करें और सड़क पर पार्किंग से बचें।
    इस मौके पर इनर व्हील क्लब की जिला चेयरपर्सन अनिंदिता दे और रानीगंज शाखा की अध्यक्ष जया संथालिया,सचिव अनुराधा झुनझुनवाला,स्वाती केजरीवाल,अनीषा भुवलका दुबे,अर्चिता तोडानी,अर्चना अग्रवाल, मीनू अग्रवाल और नीतू सराफ सहित कई सदस्य उपस्थित थीं।
    इस मौके पर अनिंदिता दे ने इस मौके पर कहा कि इनर व्हील क्लब अंतरराष्ट्रीय स्तर का महिलाओं का सबसे बड़ा क्लब है, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक कार्यों में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि क्लब का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे किसी पर निर्भर न रहें।
    श्याम मंदिर के बढ़ते यातायात को देखते हुए आज जागरूकता अभियान के तहत नो पार्किंग बोर्ड लगाए गए। साथ ही महिला सशक्तिकरण और बाल विकास के संदेशों वाले बोर्ड भी लगाए गए। अनिंदिता दे ने कहा कि इनर व्हील क्लब महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य के लिए लगातार काम करता रहता है।
    वहीं,अध्यक्ष जया संथालिया ने कहा कि क्लब सिलाई, मेहंदी और कौशल विकास की कक्षाएं आयोजित कर महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के प्रयास करता है। इसके अलावा, हाल ही में साइबर अपराधों से बचाव और मोबाइल के सही इस्तेमाल को लेकर भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
    इस पहल के माध्यम से इनर व्हील क्लब ने न केवल जाम की समस्या पर ध्यान दिया बल्कि महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।

  • बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर थे आधुनिक भारत के निर्माता : सुरजीत पहलवान

    बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर थे आधुनिक भारत के निर्माता : सुरजीत पहलवान

    करनाल, (विसु) : आज बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के 68वें महापरिनिर्वाण दिवस पर इंडियन नेशनल लोकदल ने करनाल स्थित अम्बेडकर चौक पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर करनाल विधानसभा से इनेलो-बसपा गठबंधन से चुनाव लड़ चुके सुरजीत पहलवान ने उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर महामानव थे जिन्होंने भारत देश को संविधान देकर अनोखी मिसाल कायम की। वास्तव में बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर आधुनिक भारत के निर्माता थे। बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को हमें सदा स्मरण करना चाहिए और उनके विचारों पर चलकर भारत को सुदृढ़ बनाने के लिए कृतसंकल्पित रहना चाहिए। क्योंकि बाबा साहेब के बिना हम सब अधूरे हैं। संविधान की उद्देशिका में जो बाबा साहेब ने कहा कि हम भारत के लोग स्वतंत्रता, समानता, समप्रभुत्व चाहते हैं लेकिन आज के समय में असमानता दिखाई दे रही है। इस खाई को बाबा साहेब के विचारों से हमें पाटने का काम करना है यही बाबा साहेब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
    इस अवसर पर इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता कृष्ण कुटेल, वॉलीवाल की इंटरनेशनल खिलाड़ी कविता धनखड़, राजेश बतान, पृथ्वी सिंह, सतबीर भौरिया, रवि चालिया, दीपक बसताड़ा, नवीन काछवा, बलजीत सिंह व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।

  • हमारी सशस्त्र सेनाओं का रहा गौरवपूर्ण इतिहास :  उत्तम सिंह

    हमारी सशस्त्र सेनाओं का रहा गौरवपूर्ण इतिहास : उत्तम सिंह

    सशस्त्र सेना झंडा दिवस के उपलक्ष्य में सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण अधिकारी ने उपायुक्त उत्तम सिंह सहित अन्य अधिकारियों को झंडा लगाया।

    करनाल, (विसु)। उपायुक्त उत्तम सिंह ने कहा कि भारतीय सशस्त्र सेनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका से देश का हर नागरिक परिचित है। हमारी सशस्त्र सेनाओं का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है, जिन्होंने हमारे देश की सेवा करते हुए थल, जल, वायु सेनाओं में जो कुर्बानियां दी हैं, उनके उल्लेख की कोई आवश्यकता नहीं है। लघु सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में उपायुक्त ने पूरे देश में मनाए जाने वाले सशस्त्र सेना झंडा दिवस के उपलक्ष्य में सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण अधिकारी एवं कर्नल राजीव कुंडू व उनके स्टाफ से कल्याण व्यवस्थापक अनिल कुमार कथूरिया, प्रवीण, कमलजीत, मुकेश व कुलदीप सांगवान से झंडा लगवाया तथा उन्हें झंडा दिवस की शुभकामनाएं दी।
    उपायुक्त ने कहा कि सशस्त्र सेनाएं शांति के समय में भी हमारे राष्ट्र की रक्षा करते हैं। साथ ही प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नागरिकों की मदद में वे जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं उससे भी हम परिचित हैं। अपने वीर जवानों के लिए हमारा यह कर्तव्य बनता है कि जब वे दूर नभ, समुंदर या थल सीमाओं की रक्षा कर रहे हों तो हम उनके परिवारों की देखभाल करें और जिन वीरों ने मातृभूमि की रक्षा और अखंडता के लिए बलिदान दिए हैं उनको व उनके आश्रितों को सहायता उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी प्रतिवर्ष की भांति सशस्त्र सेना झंडा दिवस को पूरे भारतवर्ष में मनाया जा रहा है। हम सभी जानते हैं कि हरियाणा प्रदेश के वीर जवान हमारी सशस्त्र सेनाओं का गौरव हैं, इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम सब इस महान कार्य के लिए उदारतापूर्वक योगदान दें, ताकि इस राशि से भूतपूर्व सैनिकों और सशस्त्र सैनिकों के परिवारों को सहायता व राहत उपलब्ध करवाई जा सके, जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा और अखंडता के लिए कुर्बानियां दी हैं।

  • डॉ. भीमराव अम्बेडऱ के सामाजिक न्याय, शिक्षा और समानता के आदर्श आज भी प्रासंगिक : जगजीत सिंह, डीजेएम, पीएनबी।

    डॉ. भीमराव अम्बेडऱ के सामाजिक न्याय, शिक्षा और समानता के आदर्श आज भी प्रासंगिक : जगजीत सिंह, डीजेएम, पीएनबी।

    भारत में जब-जब संविधान और लोकतंत्र की बात होगी बाबा साहेब का नाम प्रमुखता से लिया जाएगा- डॉ. आर.एस. मीणा, प्रधान वैज्ञानिक, सीएसएसआरआई
    बाबा साहेब के बताए मार्ग पर चलना ही उनको सच्ची श्रद्घाजंलि-अमर सिंह, प्रधान अम्बेडऱ समाज कल्याण सभा

    करनाल, (विसु)। पंजाब नेशनल बैंक के डिप्टी जनरल मैनेजर व सर्कल हैड जगजीत सिंह ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडक़र ने सामाजिक न्याय, शिक्षा और समानता के क्षेत्र में जो क्रांति शुरू की थी, वह आज भी प्रासंगिक है। उनके विचार और योगदान दलित समुदाय के सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित हुए। जगजीत सिंह शुक्रवार को शहर के सैक्टर-16 स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडक़रभवन में बाबा साहेब के 69वें महापरिनिर्वाण दिवस पर आयोजित श्रद्घांजलि समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. भीमराव अम्बेडक़र समाज कल्याण सभा की ओर से किया गया था।


    उन्होंने कहा कि यह दिन हमें उनके विचारों को आत्मसात कर समाज में समानता और भाईचारे की दिशा में ओर अधिक काम करने की प्रेरणा देता है। डॉ. अम्बेडक़र न केवल दलितों के नेता थे, बल्कि वह पूरे राष्टï्र के लिए मार्गदर्शक और पथ प्रदर्शक बने रहे। उनके द्वारा रचित संविधान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए एक आधारशिला बना, इसमें सभी नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार सुनिश्चित किया गया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब को सच्ची श्रद्घांजलि इसी में है कि उनके द्वारा दिए गए मूल मंत्र शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो, को आत्मसात कर आगे बढऩे का प्रयास करें। उन्होंने समाज कल्याण सभा को सुझाव दिया कि वे सामाजिक गतिविधियों में ज्यादा से ज्यादा युवा और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करें। इससे पूर्व उन्होंने बाबा साहेब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्घांजलि दी।
    केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर.एस. मीणा ने बताया कि भारत में 6 दिसंबर के दिन को महापरिनिर्वाण के रूप में मनाया जाता है। महापरिनिर्वाण का अर्थ बौद्घ धर्म में आत्मा की मुक्ति से है। इस दिन को अम्बेडक़र की महान आत्मा की शांति और उनकी अमूल्य सेवा को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। बाबा साहेब को श्रद्घांजलि देते उन्होंने कहा कि भारत में जब-जब संविधान और लोकतंत्र की बात होगी, तो बाबा साहेब का नाम प्रमुखता से लिया जाएगा। छ: दिसंबर का दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारिख के रूप में दर्ज है। इसी दिन संविधान निर्माता, समाज सुधारक और दलितों के मसीहा कहे जाने वाले डॉ. भीमराव अम्बेडऱ का 1956 में निधन हुआ था।
    डॉ. अम्बेडक़र समाज कल्याण सभा के प्रधान अमर सिंह पातलान ने बाबा साहेब को अपनी श्रद्घांजलि देते हुए कहा कि महापरिनिर्वाण दिवस पर बाबा साहेब को सच्ची श्रद्घांजलि इस बात में है कि हम उनके बताए हुए मार्ग पर चलें और उनके आदर्शों को अपनाएं। अमर सिंह ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडक़र भवन में सभी वर्गों के युवाओं के लिए छात्रावासीय और उसमें कम्प्यूटर जैसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इनसे जुड़े युवा प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी में जुटकर अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।
    श्रद्घाजंलि कार्यक्रम में हरपाल सिंह गोड काछवा, जय सिंह, गोपाल सहोत्रा, एलआईसी के वरिष्ठï प्रबंधक तरसेम चांदला, पीएनबी के मुख्य प्रबंधक एच.एस. नरवाल, एनबीएजीआर के वित्त एवं लेखा अनुभाग अधिकारी रणधीर सिंह पाल, बिहार से आए मुकेश रघुवंशी कुशवाह, रमेश सैनी तथा खुरशीद आलम ने भी अपने विचार व्यक्त किए। वरिष्ठï अध्यापक बलवंत आहल्यान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।