Category: खेल

  • भागलपुर में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025: बैडमिंटन और तीरंदाजी का भव्य आयोजन

    भागलपुर में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025: बैडमिंटन और तीरंदाजी का भव्य आयोजन

     4 से 15 मई तक जुटेंगे देशभर के 8000 खिलाड़ी

    भागलपुर। रेशम नगरी भागलपुर में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के तहत बैडमिंटन और तीरंदाजी प्रतियोगिता का भव्य आयोजन होने जा रहा है। यह प्रतियोगिता 4 मई से 15 मई तक आयोजित की जाएगी, जिसमें देशभर के सभी राज्यों के खिलाड़ी, कोच और रेफरी अपना हुनर दिखाएंगे।

    इस आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें संबंधित विभागों के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि इस आयोजन को सफल और सुव्यवस्थित बनाने के लिए विशेष टीमें गठित की जा रही हैं, ताकि खिलाड़ियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

    आयोजन स्थल और व्यवस्था:

    बैडमिंटन प्रतियोगिता भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड स्थित मल्टीपरपस हॉल में आयोजित होगी। तीरंदाजी प्रतियोगिता मुख्य मैदान में कराई जाएगी।
    खिलाड़ियों और उनके कोच के लिए भोजन, आवास और अन्य बुनियादी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की जा रही है।

    जिलाधिकारी ने बताया कि इस आयोजन में लगभग 8000 खिलाड़ी भाग लेंगे, जिससे भागलपुर में खेल का एक नया इतिहास रचा जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि यह प्रतियोगिता शहर के लिए गौरवशाली मिसाल बनेगी।

  • मुख्यमंत्री ने राजगीर में एशियन महिला हॉकी चैंपियनशिप का शुभारंभ किया

    मुख्यमंत्री ने राजगीर में एशियन महिला हॉकी चैंपियनशिप का शुभारंभ किया

     खेल की दुनिया में बिहार ने रचा इतिहास

    पटना। बिहार ने आज खेल की दुनिया में एक नया इतिहास रच दिया। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने राजगीर स्थित राज्य खेल अकादमी और बिहार खेल विश्वविद्यालय-सह-राज्य खेल परिसर में आयोजित एशियन महिला हॉकी चैंपियनशिप ट्रॉफी का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गुब्बारा उड़ाकर चैंपियनशिप का विधिवत उद्घाटन किया, जिसके बाद हॉकी खेल परिसर में सभी प्रतिभागी देशों की राष्ट्र धुन बजाई गई।

    इस प्रतियोगिता में भारत, मलेशिया, जापान, कोरिया, चीन और थाईलैंड की महिला हॉकी टीमें भाग ले रही हैं। कार्यक्रम के दौरान सभी देशों के खिलाड़ी और दर्शक उत्साह से भरपूर दिखे। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों और दर्शकों का अभिवादन किया और साथ ही महिला हॉकी कप्तानों के साथ सामूहिक तस्वीर खिंचवाई।

    मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राजगीर खेल अकादमी की गैलरी का भी निरीक्षण किया, जहां बिहार की प्रमुख योजनाओं जैसे गंगा जल आपूर्ति योजना, राजगीर-जू-सफारी, और राज्य खेल अकादमी के अन्य विकास कार्यों की जानकारी दी गई थी। उन्होंने राजगीर खेल परिसर में निर्मित एथलेटिक ट्रैक और फुटबॉल मैदान का लोकार्पण किया और इन सुविधाओं का जायजा लिया।

    यह चैंपियनशिप 11 नवम्बर से 20 नवम्बर तक चलेगी और यह बिहार में आयोजित होने वाली पहली अंतर्राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियनशिप है। खेल विभाग, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण, हॉकी इंडिया और एशियन हॉकी फेडरेशन के संयुक्त प्रयासों से यह प्रतियोगिता आयोजित हो रही है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन बिहार के लिए गर्व की बात है और इस दौरान खिलाड़ियों को बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से भी अवगत कराया जाएगा।

    इस कार्यक्रम में खेल मंत्री श्री सुरेंद्र मेहता, सांसद श्री कौशलेंद्र कुमार, विधायक श्री जितेंद्र कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में दर्शक भी उपस्थित थे।

  • देश पहुंचते ही भावुक हुईं विनेश फोगाट, बजरंग, साक्षी और दीपेंद्र हुड्डा ने किया स्वागत 

    देश पहुंचते ही भावुक हुईं विनेश फोगाट, बजरंग, साक्षी और दीपेंद्र हुड्डा ने किया स्वागत 

  • सिल्वर मेडल लेकर ही लौटेंगी विनेश फोगाट! 

    सिल्वर मेडल लेकर ही लौटेंगी विनेश फोगाट! 

    चरण सिंह 
    नई दिल्ली। कुश्ती के क्षेत्र में विनेश फोगाट एक ऐसा नाम स्थापित हो गया है, जिसकी चर्चा न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है। विनेश फोगाट के साथ जो हुआ ओलंपिक में ऐसा सुना नहीं गया है। दरअसल 50 किलोग्राम वजन में विनेश फोगाट फ़ाइनल में पहुंच गई थीं। वह गोल्ड के लिए फाइट करतीं पर उनका सिल्वर मेडल तो पक्का माना जा रहा था। दुर्भाग्यवश 100 ग्राम वजन ज्यादा होने पर उनको अयोग्य घोषित कर दिया गया। विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में डिसक्वालीफिकेशन के मामले पर अपील की थी। उनके मामले को लेकर ‘कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स’ (सीएएस) ने अपडेट दिया है उससे विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलने उम्मीद जग गई है।
    सीएएस ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट के जरिए बताया है कि विनेश के मामले को लेकर ओलंपिक खत्म होने से पहले फैसला आ जाएगा। मतलब सीएएस चाहता है कि ओलंपिक के बीच ऐसा कुछ न हो कि कुछ अव्यवस्था पैदा हो जाये। क्योंकि विनेश फोगाट को अयोग्य यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने करार दिया है तो इसलिए सीएएस चाहता है कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के बारे कोई कोई गलत संदेश न जाये। मतलब साफ है कि जब सुनवाई शुक्रवार को हो तो फिर फैसले के लिए लम्बा इंतजार क्यों ? मतलब फैसला विनेश फोगाट के पक्ष आने की उम्मीद है। वैसे भी सीएएस के अधिकतर फैसले खिलाड़ी के पक्ष में ही आते हैं।
    दरअसल सीएएस ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि इस मामले पर सुनवाई शुक्रवार को होगी। वेबसाइट पर लिखा गया है कि ओलंपिक्स गेम्स खत्म होने से पहले फैसला आने की उम्मीद है। मतलब फैसला ओलंपिक के समापन से पहले आ जाएगा। सीएएस का कहना है कि यह ऐसा मामला है कि इस पर एक घंटे के अंदर फैसला नहीं लिया जा सकता है। सीएएस का यह बयान कहीं न कहीं विनेश फोगाट के पक्ष जा रहा है। इस बयान में कहा गया है कि विनेश फोगाट ने इस मामले पर त्वरित फैसले का निवेदन नहीं किया है फिर भी प्रक्रिया काफी तेजी से आगे बढ़ेगी।

    देखने की बात यह है कि विनेश फोगाट ने अपना क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल मैच जीत लिया था। उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर युसनेलिस गुजमैन को 5-0 से हराया था। विनेश ने यूक्रेन की ओकसाना लिवाच को 7-5 से मात दी थी। यह क्वार्टर फाइनल मुकाबला था।  वहीं विनेश ने जापान की यूई सुसाकी को 3-2 से पटका था, लेकिन वे गोल्ड मेडल के मैच से पहले ही अयोग्य ठहरा दी गईं। विनेश को डिसक्वालीफाई कर दिया गया।

    विनेश फोगाट ने डिसक्वालीफाई होने के बाद ‘कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स’ (सीएएस) में याचिका दायर की थी। विनेश का वजन नियम से ज्यादा पाया गया था, उन पर 100 ग्राम वजन भारी पड़ गया। विनेश ने वजन कम करने के लिए हर संभव कोशिश की अपने बाल भी कटवाए।  इसके साथ ही कपड़े भी छोटे किए पर सफलता उनके हाथ नहीं लगी। इसी वजह से उन्होंने कोर्ट का रुख किया।

    दरअसल पहली बार 1896 में ओलंपिक खेला गया था। इसका आयोजन ग्रीस में हुआ था पर इसके बाद कुछ विवाद होने लगे। खिलाड़ियों ने नियमों को लेकर नाराजगी जाहिर की। इसी तरह के विवादों को देखते हुए इनके हल के लिए ‘कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स’ का गठन 1984 में किया गया। इसका हेड ऑफिस स्विट्जरलैंड में स्थित है, यह एक स्वंत्रत संस्था है, जो कि खेल से जुड़े विवादों का हल निकालती है।
  • ओलंपिक समिति विनेश फोगाट को न्याय दे

    ओलंपिक समिति विनेश फोगाट को न्याय दे

     रघु ठाकुर
    विनेश फोगाट के साथ हुई घटना ने समूचे देश को झकझोर दिया है और विनेश फोगाट के दुख के साथ सारा देश इसे राष्ट के साथ अन्याय के भाव से देखकर खड़ा है। यह आश्चर्यजनक है की रातो रात में किसी व्यक्ति का वजन 2.8 किलो बढ़ जाए और मात्र 100 ग्राम के वजन के नाम पर उसे ओलंपिक के फाइनल में से बहिष्कृत कर दिया जाए।
    मैं नहीं जानता हूं कि ओलंपिक समिति के सदस्यों में क्या राजनीतिक काट छांट है ?यह किस प्रकार की भूमिका है? परंतु इतना तो निश्चित लग रहा है कि यह सब किसी योजना के तहत हुआ है वरना ऐसा कैसे हो सकता है की एक व्यक्ति का वजन रातों-रात 2:8 किलो बड़ जाए। ओलंपिक समिति यह भी कर सकती थी की अंतिम मैच के लिए याने फाइनल मैच के लिए एक-दो दिन का समय दे सकती थी ताकि बजन के बारे में अपना संतुलन कर सके ।मैं तो अभी भी कहना चाहूंगा ओलंपिक समिति से कि वह एक दिन का समय दें। हो सकता है कि आज भी अगर उनका बजन लिया जाए तो जो रात दिन उन्होंने दुख में काटे हैं निराशा में काटे हैं उनका वजन 100 ग्राम की जगह एक किलो घट चुका होगा और अगर इस पर भी ओलंपिक को आपत्ति है तो कम से कम यह जरूर कर दे कि जिनके साथ उनका फाइनल मैच होना था उनके साथ एक मैच करा दे भले ही वे पुरस्कार ना दें। परंतु कम से कम दुनिया को तो मालूम पड़ जाए कि विनोश फोगाट की शक्ति क्या है ।उसके पहलवानी का स्तर क्या है ।और बगैर गोल्ड मेडल के भी वह उसे हरा सकती है जो फाइनल मैच में उनकी प्रतिद्वंदी होती। लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी भारत सरकार से व प्रधानमंत्रीजी से अपील करती है कि वह अपनी संवैधानिक मर्यादाओं में रहते हुए ओलंपिक समिति के सामने इस मुद्दे को उठाएं ।आखिर यह केवल प्रसिद्ध व्यक्ति या देश के भावनाओं का मुद्दा मात्र नहींहै बल्कि देश के साथ न्याय का प्रश्न हैं।
    कहीं ऐसा तो नहीं है कि फिर से एक बार दुनिया रंगभेद के आधार पर काम कर रही हो और ओलंपिक में भी रंग भेद को आधार बनाया जा रहा हो ?
    (लेखक लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं)

  • फिर भी ओलंपिक विजेता हैं विनेश फोगाट!

    फिर भी ओलंपिक विजेता हैं विनेश फोगाट!

    चरण सिंह

    भले ही ओलंपिक में विनेश फौगाट को अयोग्य ठहरा कर उनके और देशवासियों के गोल्ड मेडल जीतने के सपने को छीन लिया गया हो, भले ही उनको १०० ग्राम वजन घटाने के लिए कुछ घंटे का समय न दिया गया हो, भले ही उन्हें बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाकर दिल्ली जंतर मंतर पर प्रोटेस्ट करने पर तमाम आलोचना का सामना करना पड़ा हो, पर विनेश फोगाट ने ओलंपिक में महिला पहलवान के रूप में पहली बार फाइनल में पहुंचकर साबित कर दिया कि वह अपने हर आलोचक का मुंह बंद करने का माद्दा रखती हैं।
    देश उनकी कड़ी मेहनत पर गर्व कर रहा है। जिस तरह से भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने उनको अयोग्य ठहराने पर हैरानी जताई है, उससे साबित होता है कि कहीं न कहीं विनेश फोगाट के साथ अन्याय हुआ है। खेल के क्षेत्र में विनेश फोगाट का कद आज की तारीख में कितना बढ़ गया है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीटी ऊषा से बातचीत की और कहा कि वह उचित कार्रवाई करें।
    हालांकि विपक्ष ने विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराने के पीछे षड्यंत्र होने का अंदेशा जताया है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि पीएम मोदी को देश की बेटी लिख देने से काम नहीं चलेगा। सरकार स्तर से क्या किया गया ? प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी ने कहा कि विश्व विजेता पहलवानों को हराकर फाइनल में पहुंची विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराना दुर्भाग्यपूर्ण है। आप नेता संजय सिंह ने तो विनेश फोगाट के साथ अन्याय होने की बात करते हुए ओलंपिक का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।

    मतलब आज की तारीख में पूरा देश विनेश फोगाट के साथ है। आज लोग विनेश फोगाट की तुलना रानी लक्ष्मी बाई  से कर रहे हैं। तमाम आलोचनाओं को झेलते हुए विनेश फोगाट यौन शोषण से पीड़ित महिला पहलवानों के पक्ष में न केवल तत्कालीन कुश्ती फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह टकराई बल्कि उनको बैकफुट पर जाने को मजबूर किया। यह विनेश फोगाट की लगन और जज्बा ही रहा कि विपरीत परिस्थितियों को विनेश फोगाट ने अपने अनुकूल ढाल लिया और पेरिस ओलंपिक में जाकर देश का नाम रोशन कर दिया। इस समय देश की इस बेटी के सम्मान में न केवल विपक्ष बल्कि सत्तापक्ष भी खड़ा है।

    भले ही विनेश फोगाट को बिना मेडल के देश लौटना पड़े पर विनेश फोगाट को देश में अब तक ओलंपिक में पदक जीतने वाले सभी भारतीयों से अधिक सम्मान मिलने वाला है। जिस तरह से विनेश फोगाट के साथ हुए इस अन्याय के विरोध में देश खड़ा है, उससे बड़ा पदक विनेश फोगाट के लिए नहीं हो सकता है। पता चला कि जब विनेश फोगाट को ओलंपिक में अयोग्य ठहराने का पता चला तो वह बेहोश हो गईं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। विनेश फोगाट जैसी जाबांज पहलवान हिम्मत हारने वाली नहीं हैं। फिर से वह अपने को साबित करेंगी। हां किस्मत ने उनसे ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का सपना छीन लिया है।

    कांग्रेस के महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि प्यारी बहन विनेश फोगाट मैंने आपके साहस, आपकी मेहनत और लगन को देखा है। आप ओलंपिक के दंगल में देश की करोड़ों लड़कियों के सपनों के लिए लड़ रही थीं। आपके शानदार खेल से उन करोड़ों लड़कियों के सपनों को उड़ान मिली है जो छोटे-छोटे शहरों से आती हैं। तमाम चुनौतियों से जूझते हुए सिस्टम से लड़ते हुए विपरीत हालात को हराकर बड़े मंचों पर पहुंचने की आकांक्षा रखती हैं। आपके शानदार खेल ने पूरे देश को गर्व से भर दिया।
    गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा है कि ओलंपिक में विनेश फोगाट के बाहर होने से निश्चित रूप से लाखों भारतीयों की उम्मीद टूटी है। अमित शाह ने कहा कि उनका खेल करियर शानदार रहा है, जिसमें उन्होंने विश्व चैंपियन को हराने का गौरव हासिल किया है। यह दुर्भाग्य उनके शानदार करियर में एक अपवाद मात्र है, मुझे यकीन है कि वह फिर से जीत हासिल करेंगी और हमेशा की तरह विजेता बनेंगी।

  • विश्व कप के लिए हुआ टीम इंडिया का एलान, रोहित की कप्तानी में देखें किसे-किसे मिली जगह

    विश्व कप के लिए हुआ टीम इंडिया का एलान, रोहित की कप्तानी में देखें किसे-किसे मिली जगह

    नई दिल्ली। भारत ने टी20 विश्व कप 2024 के लिए टीम घोषित कर दी है। टीम इंडिया रोहित शर्मा की कप्तानी में खेलेंगे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की सिलेक्शन कमेटी ने मंगलवार को ही बैठक की है। रोहित शर्मा के साथ-साथ यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत और संजू सैमसन को टीम में जगह मिली है।

    टीम इंडिया ने विकेटकीपर बैटर ऋषभ पंत और संजू सैमसन को टीम में जगह दी है। सैमसन और पंत आईपीएल 2024 में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। ऋषभ की लंबे वक्त के बाद टीम इंडिया में वापसी हुई है। वे कार एक्सीडेंट के बाद से ही मैदान से दूर थे, लेकिन आईपीएल के जरिए मैदान पर वापसी की और अपनी फॉर्म को भी साबित किया। उन्हें इसका फायदा मिला। सैमसन की बात करें तो उन्होंने आईपीएल 2024 में 9 मैच खेले हैं और 385 रन बनाए हैं। इस दौरान 4 अर्धशतक लगाए हैं।

    शिवम-अक्षर पर बोर्ड ने जताया भरोसा

    बीसीसीआई ने शिवम दुबे और अक्षर पटेल पर भी भरोसा जताया है। शिवम आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल रहे हैं। वे विस्फोटक बैटिंग करने में माहिर हैं। इसके साथ-साथ फिनिशर की भूमिका भी निभा लेते हैं। शिवम दुबे ने इस सीजन के 9 मैचों में 350 रन बनाए हैं। इस दौरान 3 अर्धशतक लगाए हैं। अक्षर की बात करें तो उन्होंने बॉलिंग के साथ-साथ बैटिंग में भी कमाल दिखाया है।

  • फ्रेंडली क्रिकेट मैच में राइजर्स ने अटैकर्स की टीम को हराया

    फ्रेंडली क्रिकेट मैच में राइजर्स ने अटैकर्स की टीम को हराया

    ऋषि तिवारी
    नोएडा। सेक्टर 62 स्थित आईएमएस नोएडा में फ्रेंडली क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ। शुक्रवार को खेले गए एक दीवसिय मुकाबले में आईएमएस के राइजर्स टीम ने अटैकर्स की टीम को 3 विकेट से हराकर मैच अपने नाम किया । अटैकर्स के कप्तान भूपेन्द्र कुमार ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। जिसमें निर्धारित 15 ओवरों में 10 विकेट के नुकसान पर अटैकर्स ने मात्र 54 रन ही बनाए।

    वहीं लक्ष्य का पीछा करते हुए राइजर्स के कप्तान प्रोफेसर सूर्यदेव सिंह ने बल्लेबाज की शुरुआत की। जिसमें टीम ने 3 विकेट से मैच जीत कर फ्रेंडली क्रिकेट मैच अपने नाम किया। राइजर्स की टीम से प्रोफेसर संतोष सति ने 2 चौके एवं 2 छक्के की मदद से सर्वाधिक 20 रन की पारी खेली। आज के एकदिवसीय मुकाबले में राइजर्स की टीम से बीबीए के विभागाध्यक्ष डॉ. जितिन गंभीर ने 4 विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच का खिताब अपने नाम किया।

    आईएमएस की स्पोर्ट्स कोऑर्डिनेटर रीना मैसी ने बताया कि आईएमएस द्वारा आयोजित फ्रेंडली क्रिकेट मैच में संस्थान के सभी विभागों के फैकल्टी एवं स्टाफ ने हिस्सा लिया। संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान आईएमएस के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) विकास धवन के साथ सभी स्टाफ एवं फैकल्टी मौजूद रहे।

  • ब्लॉक प्रमुख राजेश शुक्ला ने हरी झंडी दिखाकर किया ग्रामीण खेल महोत्सव का शुभारम्भ 

    ब्लॉक प्रमुख राजेश शुक्ला ने हरी झंडी दिखाकर किया ग्रामीण खेल महोत्सव का शुभारम्भ 

    ग्राम सेवा दल द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर तातियागंज के गढ़ेवा मैदान में ग्रामीण खेल महोत्सव के तहत विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया | इस अवसर पर मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख राजेश शुक्ला जी ने कहा कि गांवों में प्रतिभा की कमी नहीं है बस इन्हें अवसर मिलना चाहिए | जब भी ऐसा मौका आया है गाँव की प्रतिभाओं ने अपना परचम लहराया है|
    कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद माननीय मंडल अध्यक्ष जितेन्द्र राजपूत ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि खेल महोत्सव का आयोजन ग्रामीण युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका है जहां उनकी छिपी प्रतिभा को खुलने का मौका मिलता है और भविष्य में यही अवसर उन्हें सफल बना देता है |
    ग्रामीण खेल महोत्सव के आयोजक सामाजिक कार्यकर्ता  के.एम. भाई ने कहा कि हमारा मकसद इस तरह की प्रतियोगिताओं के माध्यम से ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाना है ताकि गाँवों में छुपी हुई प्रतिभाओं को तराशकर आंगे बढ़ाया जा सके |
    इस अवसर पर प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सुबह से ही दूर दराज के गांवों से बच्चों एवं युवाओं का आना शुरू हो गया था | जिसमें दौड़, लम्बी कूद, रस्सा-कस्सी खेलों के प्रति युवाओं में विशेष रूचि दिखी | इसके साथ ही खो-खो, रस्सी कूद, म्यूजिकल चेयर, आदि खेलों का भी आयोजन हुआ | विजेताओं को मैडल, ट्रॉफी से सम्मानित किया गया | आयोजन में सर्वेश कुमार, राजाराम पाल, सोनू कुशवाहा, अंकित शर्मा, शिव करन कुशवाहा, अजीत, मोनू, शुभम, पंकज विजय पाठक आदि शामिल रहे |
  • Protest of Wrestlers : कुश्ती महासंघ को बहाल करने को लेकर दिल्ली जंतर मंतर पर डटे जूनियर पहलवान 

    Protest of Wrestlers : कुश्ती महासंघ को बहाल करने को लेकर दिल्ली जंतर मंतर पर डटे जूनियर पहलवान 

    10 दिन में बहाल न हुआ तो अर्जुन अवार्ड लौटाने की चेतावनी 

    पहलवानों के आंदोलन ने दिलचस्प रूप धारण कर लिया है। भारतीय कुश्ती महासंघ के खिलाफ होने वाला आंदोलन अब आंदोलन का नेतृत्व करने वाले पहलवानों के खिलाफ शुरू हो गया है। इन पहलवानों के खिलाफ आंदोलन कर रहे जूनियर पहलवानों का आरोप है कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया की वजह से कुश्ती महासंघ निलंबित किया गया है, कुश्ती महासंघ के निलंबन की वजह से उनका एक साल ख़राब होने जा रहा है। जूनियर पहलवानों का  यह धरना दिल्ली जंतर मंतर पर किया गया। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने चेतावनी दी है कि कुश्ती महासंघ का निलंबन दस दिन में वापस नहीं हुआ तो वो अपना अर्जुन अवॉर्ड जैसे पुरस्कार वापस कर देंगे।
    जूनियर पहलवानों ने कहा कि डब्ल्यूएफआई के निलंबन से उनका एक साल खराब हो रहा है।  इन पहलवानों ने इसके लिए बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन करने वालों में मुख्य चेहरा रहे दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को जिम्मेदार ठहराया।

    दरअसल हाल ही में डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद पर बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह को चुना गया था। इसको लेकर पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने मोर्चा खोल दिया था। फिर संजय सिंह के चुने जाने के तुरंत बाद राष्ट्रीय अंडर 15 और अंडर 20 चैंपियनशिप कराने का फैसला किया गया गया। इसके बाद खेल मंत्रालय ने महासंघ को निलंबित कर दिया और ये टूर्नामेंट भी रद्द हो गया। देखने की बात यह भी है कि इसी बीच संजय सिंह ने यह भी कहा कि जूनियर चैम्पियनशिप होकर रहेगी।   उधर मुजफ्फरनगर स्टेडियम के कोच प्रदीप कुमार ने कहा कि एक तरफ सिर्फ तीन पहलवान हैं और दूसरी तरफ लाखों पहलवान हैं। उन्होंने देश के लाखों पहलवानों का कैरियर खराब कर दिया। प्रदीप ने कहा ,‘‘वे कहते आ रहे हैं कि उनकी लड़ाई महिला और जूनियर पहलवानों के लिये है लेकिन उन्होंने लाखों पहलवानों का करियर बर्बाद कर दिया। उनका प्रदर्शन डब्ल्यूएफआई में शीर्ष पद पाने के लिए हैं. एक बार ऐसा होने पर उनका सारा प्रदर्शन बंद हो जायेगा.’’

    आर्य समाज अखाड़े के विवेक मलिक ने कहा, ‘’इन जूनियर पहलवानों का पूरा एक साल खराब हो गया। नये डब्ल्यूएफआई ने इन पहलवानों के भले के लिये फैसला लिया था जो जिला या प्रदेश स्तर की स्पर्धा भी नहीं खेल सके हैं.’’

    दिग्गज पहलवानों ने क्या किया?

    भारतीय कुश्ती महासंघ का चीफ संजय सिंह के चुने जाने के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान किया था। वहीं विनेश फोगाट ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस करने की घोषणा की है। इसके अलावा बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को लेटर लिखते हुए पद्मश्री वापस करने को कहा था. पूनिया जब पद्मश्री को पीएम मोदी से मिलकर उन्हें लौटाने जा रहे थे तो उन्हें पुलिस ने रोक लिया था. इसके बाद पूनिया ने फुटपाथ पर पद्मश्री छोड़ दिया था।
    ऐसे में प्रश्न उठता है कि कुश्ती महासंघ को तो खेल मंत्रालय ने निलंबित किया है। तो फिर जूनियर पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के खिलाफ प्रोटेस्ट क्यों कर रहे हैं ? दरअसल संजय सिंह के कुश्ती महासंघ का चुनाव जीतने के बाद साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने इसे बृजभूषण सिंह की जीत बताया था। इन पहलवानों का कहना था कि जब बृजभूषण जैसे लोग कुश्ती फेडरेशन को देखेंगे तो फिर महिला पहलवानों के लिए यह माहौल सुरक्षित नहीं रहेगा। इन पहलवानों में से साक्षी मलिक ने रोते हुए कुश्ती से संन्यास ले लिए  था। खेल मंत्रालय ने गोंडा में जूनियन कुश्ती चैम्पियनशिप रखने को महासंघ के संविधान के खिलाफ करार देते हुए कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया था। इसी बीच बजरंग पुनिया ने भी अपना पद्मश्री अवार्ड वापस कर दिया था।