Category: कविता

  • हर दिन होगी तीज

    हर दिन होगी तीज

    सावन में है तीज का, एक अलग उल्लास |
    प्रेम रंग में भीग कर, कहती जीवन खास | |

    जैसे सावन में सदा, होती खूब बहार |
    ऐसे ही हर घर सदा, मने तीज त्योहार | |

    हाथों में मेंहदी रची,  महक रहा है प्यार |
    चूड़ी, पायल, करधनी, गोरी के श्रृंगार | |

    उत्सव, पर्व, समारोह है, ये हरियाली तीज |
    आती है हर साल ये, बोने खुशियां बीज | |

    अगर हमीं बोते रहे, राग- द्वेष के बीज |
    होंगे फीके प्रेम बिन, सावन हो या तीज ||

    बोए मिलकर हम सभी, अगर  प्रेम  के  बीज |
    रहे न चिन्ता दुख कभी, हर दिन होगी तीज ||

    स्वेद बिंदु सिंचित करें, धरा उगा दे बीज |
    हरी -भरी फसलें दिखें, तभी मनाते तीज ||

    भावहीन अब हो रहे, सभी तीज त्यौहार |
    लगे प्यार के बीज यदि, मिटे दिलों की रार | |

    सावन झूले हैं कहाँ, और कहाँ है तीज |
    मन में भरे कलेश के, सबके काले बीज | |

    मन को ऐसे रंग लें, भर दें ऐसा प्यार |
    हर पल हर दिन ही रहे, सावन का त्यौहार | |

     सत्यवान ‘सौरभ’

  • लाज-धर्म की डोर

    लाज-धर्म की डोर

    सत्यवान ‘सौरभ’

    चीरहरण को देख कर, दरबारी सब मौन ।
    प्रश्न करे अँधराज पर, विदुर बने वो कौन ।।

    राम राज के नाम पर, कैसे हुए सुधार ।
    घर-घर दुःशासन खड़े, रावण है हर द्वार ।।

    कदम-कदम पर हैं खड़े, लपलप करें सियार ।
    जाये तो जाये कहाँ, हर बेटी लाचार ।।

    बची कहाँ है आजकल, लाज-धर्म की डोर ।
    पल-पल लुटती बेटियां, कैसा कलयुग घोर ।।

    वक्त बदलता दे रहा, कैसे-कैसे घाव ।
    माली बाग़ उजाड़ते, मांझी खोये नाव ।।

    नज़र झुकाये लड़कियां, रहती क्यों बेचैन ।
    उड़ती नींदें रात की, मिले न दिन में चैन ।।

    मछली जैसे हो गई, अब लड़की की पीर ।
    बाहर सांसों की पड़ी, घर में दिखे अधीर ।।

    लुटती हर पल द्रौपदी, जगह-जगह पर आज ।
    दुश्शासन नित बढ़ रहे, दिखे नहीं ब्रजराज ।।

    घर-घर में रावण हुए, चौराहे पर कंस ।
    बहू-बेटियां झेलती, नित शैतानी दंश ।।

    वहीं खड़ी है द्रौपदी, और बढ़ी है पीर ।
    दरबारी सब मूक हैं, कौन बचाये चीर ।।

    छुपकर बैठे भेड़िये, लगा रहे हैं दाँव ।
    बच पाए कैसे सखी, अब भेड़ों का गाँव ।।

     

  • रोज नये गठजोड़

    रोज नये गठजोड़

    भाई-भाई में हुई, जब से है तकरार ।
    मजे पड़ोसी ले रहे, काँधे बैठे यार ।।

    शायद जुगनूं की लगी, है सूरज से होड़ ।
    तभी रात है कर रही, रोज नये गठजोड़ ।।

    रोज बैठकर पास में, करते आपस बात ।
    ‘सौऱभ’ फिर भी है नहीं, सच्चे मन जज्बात ।।

    ‘सौरभ’ सब को जो रखे, जोड़े एक समान ।
    चुभें ऑलपिन से सदा, वो सच्चे इंसान ।।

    जो खुद से ही चोर है, करे चोर अभिषेक ।
    उठती उंगली और पर, रखती कहाँ विवेक ।।

    जब से ‘सौरभ’ है हुआ, कौवों का गठजोड़ ।
    दूर कहीं है जा बसी, कोयल जंगल छोड़ ।।

    ये कैसा षड्यंत्र है, ये कैसा है खेल ।
    बहती नदियां सोखने, करें किनारे मेल ।।

    (सत्यवान ‘सौरभ’ के चर्चित दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ से। )

  • ढले वतन की राह में

    ढले वतन की राह में

    लाज तिरंगे की रहे, बस इतना अरमान ।
    मरते दम तक मैं रखूँ, दिल में हिन्दुस्तान ।।

    सरहद पर जांबाज़ जब, जागे सारी रात ।
    सो पाते हम चैन से, रह अपनों के साथ ।।

    हम भारत के वीर हैं, एक हमारा राग ।
    नफरत गैरत से हमें, जायज से अनुराग ।।

    भारत माता रो रही, लिए हृदय में पीर ।
    पैदा क्यों होते नहीं, भगत सिंह से वीर ।।

    भारत माता के रहा, मन में यही मलाल ।
    लाल बहादुर-सा नहीं, जन्मा फिर से लाल ।।

    मैंने उनको भेंट की, दिवाली और ईद ।
    जान देश के नाम जो, करके हुए शहीद ।।

    मेरे साथियों, कर लें उनका ध्यान ।
    शान देश की जो बनें, देकर अपनी जान ।।

    आओ कर लें साथियो, ऐसा भी कुछ काम ।
    ढले वतन की राह में, इस जीवन की शाम ।।

    (सत्यवान ‘सौरभ’ के चर्चित दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ से। ) 

  • मेरे गीतों में बसी

    मेरे गीतों में बसी

    जिनके सच्चे प्यार ने, भर दी मन की थोथ ।
    उनके जीवन में रहा, हर दिन करवा चौथ ।।

    हम ये सीखें चाँद से, होता है क्या प्यार ।
    कुछ कमियों के दाग से, टूटे न ऐतबार ।।

    मन ने तेरा व्रत लिया, हुई चाँदनी शाम ।
    साथी मैंने कर दिया, सब कुछ तेरे नाम ।।

    मन में तेरा प्यार है, आँखों में तस्वीर ।
    हर लम्हे में है छुपी, बस तेरी तासीर ।।

    अब तो मेरी कलम भी, करती तुमसे प्यार ।
    नाम तुम्हारा ही लिखे, कागज़ पर हर बार ।।

    मन चातक ने है रखा, साथी यूँ उपवास ।
    बुझे न तेरे बिन परी, अब ‘सौरभ’ की प्यास ।।

    तुम राधा, मेरी बनो, मुझको कान्हा जान ।
    दुनिया सारी छोड़कर, धर लें बस ये ध्यान ।।

    मेरे गीतों में बसी, बनकर तुम संगीत ।
    टूटा हुआ सितार हूँ, बिना तुम्हारे मीत ।।

    माने कब हैं प्यार ने, ऊँच-नीच के पाश ।
    झुकता सदा ज़मीन पर, सज़दे में आकाश ।।

    -(सत्यवान ‘सौरभ’ के चर्चित दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ से। )

  • सच बैठा है मौन

    सच बैठा है मौन

    आखिर सच ही गूँजता, खोले सबकी पोल ।
    झूठे मुँह से पीट ले, कोई कितने ढोल ।।

    जिसने सच को त्यागकर, पाला झूठ हराम ।
    वो रिश्तों की फसल को, कर बैठा नीलाम ।।

    वक्त कराये है सदा, सब रिश्तों का बोध ।
    पर्दा उठता झूठ का, होता सच पर शोध ।।

    रिश्तों के सच जानकर, सब संशय हैं शांत ।
    खुद से खुद की बात से, मिला आज एकांत ।।

    एक बार ही झूठ के, चलते तीर अचूक ।
    आखिर सच ही जीतता, बिन गोली, बन्दूक ।।

    झूठों के दरबार में, सच बैठा है मौन ।
    घेरे घोर उदासियाँ, सुनता उसकी कौन ।।

    चूस रहे मजलूम को, मिलकर पुलिस-वकील ।
    हाकिम भी सुनते नहीं, सच की सही अपील ।।

    (सत्यवान ‘सौरभ’ के चर्चित दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ से। )

  • मंदिर-मस्जिद फेर में

    मंदिर-मस्जिद फेर में

    -सत्यवान ‘सौरभ’

    भूल गए हम साधना, भूल गए हैं राम ।
    मंदिर-मस्जिद फेर में, उलझे आठों याम ।।

    प्रेम-त्याग ना आस्था, नहीं धर्म की खोज ।
    भिड़े मजहबी होड़ में, मंदिर-मस्जिद रोज ।।

    मंदिर-मस्जिद से भली, एक किताब दुकान ।
    एक साथ है जो रखे, गीता और कुरान ।।

    मंदिर में हैं टाइलें, मस्जिद में कालीन ।
    लेकिन छप्पर में पढ़े, शिबू और यासीन ।।

    भूखा प्यासा मर गया, मंदिर में इंसान ।
    लोग भोग देते रहे, पत्थर के भगवान ।।

    मंदिर से मस्जिद कहे, बात एक हर बार ।
    मिटे न दुनिया की तरह, हम दोनों का प्यार ।।

    मंदिर-मस्जिद बांटते, नफरत के पैगाम ।
    खड़े कोर्ट में बेवज़ह, अल्ला औ’ श्रीराम ।।

    मंदिर पूजन छोड़कर, उनको करूँ प्रणाम ।
    घर-कुनबे जो त्यागकर, मिटे देश के नाम ।।

    मंदिर के भीतर चढ़े, पत्थर को पकवान ।
    हाथ पसारे गेट पर, भूखा है इंसान ।।

    हम रहते हैं फूल से, हर पल यूं अनजान ।
    मंदिर और श्मशान का, नहीं जिसे हैं भान ।।

    (सत्यवान ‘सौरभ’ के चर्चित दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ से। )

  • गुरुवर तब सम्बल बने

    गुरुवर तब सम्बल बने

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    दूर तिमिर को जो करें, बांटे सच्चा ज्ञान।
    मिट्टी को जीवित करें, गुरुवर वो भगवान।।
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    जब रिश्ते हैं टूटते, होते विफल विधान।
    गुरुवर तब सम्बल बने, होते बड़े महान।।
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    नानक, गौतम, द्रोण सँग, कौटिल्या, संदीप।
    अपने- अपने दौर के, मानवता के दीप।।
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    चाहत को पर दे यही, स्वप्न करे साकार।
    शिक्षक अपने ज्ञान से, जीवन देत निखार।।
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    शिक्षक तो अनमोल है, इसको कम मत तोल।
    सच्ची इसकी साधना, कड़वे इसके बोल।।
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    गागर में सागर भरें, बिखराये मुस्कान।
    सौरभ जिसे गुरू मिले, ईश्वर का वरदान।।

    (सत्यवान ‘सौरभ’ के चर्चित दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ से )

     सत्यवान ‘सौरभ’,
    (लेखक रिसर्च स्कॉलर, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट हैं)

  • Stunned : सहमा-सहमा आज

    Stunned : सहमा-सहमा आज

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    कौन पूछता योग्यता, तिकड़म है आधार ।
    कौवे मोती चुन रहे, हंस हुये बेकार ।।
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    परिवर्तन के दौर की, ये कैसी रफ़्तार ।
    गैरों को सिर पर रखें, अपने लगते भार ।।
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    अंधे साक्षी हैं बनें, गूंगे करें बयान ।
    बहरे थामे न्याय की, ‘सौरभ’ आज कमान ।।
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    कौवे में पूर्वज दिखे, पत्थर में भगवान ।
    इंसानो में क्यों यहाँ, दिखे नहीं इंसान ।।
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    जब से पैसा हो गया, संबंधों की माप ।
    मन दर्जी करने लगा, बस खाली आलाप ।।
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    दहेज़ आहुति हो गया, रस्में सब व्यापार ।
    धू-धू कर अब जल रहे, शादी के संस्कार ।।
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    हारे इज़्ज़त आबरू, भीरु बुजदिल लोग ।
    खोकर अपनी सभ्यता, प्रश्नचिन्ह पे लोग ।।
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    अच्छे दिन आये नहीं, सहमा-सहमा आज ।
    ‘सौरभ’ हुए पेट्रोल से, महंगे आलू-प्याज ।।
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    गली-गली में मौत है, सड़क-सड़क बेहाल ।
    डर-डर के हम जी रहे, देख देश का हाल ।।
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    लूट-खून दंगे कहीं, चोरी भ्रष्टाचार ।
    ख़बरें ऐसी ला रहा, रोज सुबह अखबार ।।
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    सास ससुर सेवा करे, बहुएं करती राज ।
    बेटी सँग दामाद के, बसी मायके आज ।।

    (सत्यवान सौरभ के चर्चित दोहा संग्रह तितली है खामोश से )

     ( लेखक रिसर्च स्कॉलर, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट हैं। 

  • Women Focused films:-प्रेरक महिलाओं पर संवाददाता कार्यक्रम कें दौरान जारी की लघु फिल्में

    Women Focused films:-प्रेरक महिलाओं पर संवाददाता कार्यक्रम कें दौरान जारी की लघु फिल्में

    Women Focused films:- 26 अप्रैल मंगलवार को सूचना मंत्रालय तथा नेटफ्लिक्स (Netflix) ने आज़ादी के 75 वें अमृत महोत्सव के उपल्क्ष में देश की सात प्रेरक महिलाओं (Women Focused films) पर लघु फिल्में जारी की। सूचना मंत्रालय और नेटफ्लिक्स नें लघु फिल्मों कें ज़रियें महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण (Environment) और सतत विकास जैसें विषयों पर “आज़ादी की अमृत कहानी” नामक एक श्रंखला की शुरुआत की।

    समाज (Society) में अलग-अलग क्षेत्र में अपने काम सें एक मिसाल पेश करनें वाली महिलायें “आज़ादी के अमृत महोत्सव” का हिस्सा बनेगीं। नेटफ्लिक्स(Netflix) और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इनकी कहानियाँ लघु फिल्मों (short Films) के जरियें बताई जाएगी। कार्यक्रम के दौरान सात लघु फिल्मों(Inspiring women Films ) को जारी किया गया और 3 प्रेरक महिलाओं कों सम्मानित भी किया गया।

    Women Focused films बनेंगी 75वें आजादी के अमृत महोत्सव
    Women Focused films बनेंगी 75वें आजादी के अमृत महोत्सव

    केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नेटफ्लिक्स मंत्रालय के लिए दो मिनट की 25 -30 लघु फिल्में बनाई जाएगी। जिनकों अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और दूरदर्शन पर भी प्रसारित किया जायेगा।

    इस कार्यक्रम में नेटफ्लिक्स (Netflix) की वैश्विक टीवी प्रमुख बेला बजारिया भी मौजूद थी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर नें उनसें लघु फिल्मों (Netflix) की संख्या 25 -30 सें बढ़ा कर 75 करने का आग्रह भी किया।

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    सात प्रेरक महिलाओं पर बनेगी लघु फिल्में (Women Focused films)

     संवाददाता सम्मेलन के दौरान रिलीज़ हुई लघु फिल्में सात प्रेरक महिलाओं (Inspiring women Films) पर आधारित है। जिनमें उत्तराखंड (Uttarakhand) की “बसंती देवी” है जिन्होंने उत्तराखंड (Uttarakhand) की कोसी नदी (Kosi Nadi) कें पुनरुद्धार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। जो पर्यावरण पुरस्कार विजेता भी हैं। इसके अलावा माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) को एक ही सीज़न में दो बार फ़तेह करने वाली “अंशु जानसेनपा” और भारत की पहली दमकलकर्मी “हर्षिनी कान्हेकर”, स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता “पूनम” जो बागेश्वर की रहने वाली है। जिन्होंने बागेश्वर में  कई मिलों पैदल चलकर सभी कों टीका लगाया हैं।

    भारत (India) में मिसाइल परियोजना का नेतृत्व करने वाली पहली महिला वैज्ञानिक “टेसी थॉमस”, भारत (India) की पहली स्टैंड-अप पैडलबोर्डर “तन्वी जगदीश” तथा एक हलके विमान कें जरियें अटलांटिका महासागर को अकेले पार करनें वाली पहली भारतीय महिला कम उम्र में बनी महिला पायलट “आरोही पंडित” भी शामिल हैं।

    हर्षिनी कांहेकर भारत की पहली महिला दमकलकर्मी
    हर्षिनी कांहेकर भारत की पहली महिला दमकलकर्मी

    केंद्रीय मंत्री (Central Minister) अनुराग ठाकुर नें संवाद सम्मलेन के दौरान कहा कि सूचना प्रसारण मंत्रालय देशभर में पोस्ट-प्रोडक्शन(Post Production),  एनीमेशन(Animation),  वीएफ़एक्स(VFX),  संगीत(Music) कार्यक्रम के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन हेतु रचनात्मक पारिस्थितिक तंत्र विकसित करने के लिए नेटफ्लिक्स (Netflix) कें साथ मिलकर काम करेगा।

    झूठी खबरें फ़ैलानें वाले यूट्यूब चैनल पर कार्यवाही शुरू

    दिल्ली (Delhi) में हुए “संवाददाता सम्मलेन” में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार झूठी और भ्रामक खबरें फ़ैलानें वाले यूट्यूब (YouTube) चैनलों पर कार्यवाही करती रहेगी। उन्होंनें भ्रामक खबरें फ़ैलानें वाले यूट्यूब(YouTube) चेनलों कों चेतावनी देतें हुए कहा की देश में कानून व्यवस्था न बिगाड़े और सांप्रदायिक विद्वेष झूठी और असत्यापित खबरें न चालाये।

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    आजकल आप देखते हैं कि सोशल मीडिया (Social Media) पर सबसे ज्यादा भ्रमक खबरें चलाई जाती हैं, जिससे असल खबर का पता नहीं चल पाता हैं और इससें सांप्रदायिक दंगे, भड़काव की स्थिति, आदि होता हैं। इन्हीं सबसे बचने के लिए ठाकुर ने यूटयूब (youTube) चैनलों को चेतावनी दी और कार्यवाही की बात कही।

    सोशल मीडिया(Social media) के फायदे और नुकसान दोनों होतें हैं, इसका इस्तेमाल भारत में “आज़ादी के अमृत महोत्सव” पर किया जा रहा हैं। जिसमें प्रेरक महिलाओं(Inspiring women Films) की कहानियां दुनिया के सामने लाया जाएगा।