Category: देश/विदेश

  • जापान में लैन्डिंग के समय 2 विमानों में टक्कर , लगी भीषण आग !

    जापान में लैन्डिंग के समय 2 विमानों में टक्कर , लगी भीषण आग !

    जापान को शायद इस व्यक्त किस की बुरी नज़र लगी है नये साल के मौके पर जहा सारी दुनिया जशन मन रहा था , वहीं जापान भूकंप के कई झटकों से दहल उठा. जापान में साल के पहले दिन 7.6 तीव्रता का भूकंप आया. अब इसके बाद जापान से आज के बड़ी खबर सामने आरही है । जहां टोकियो एयरपोर्ट पर एक प्लेन लैंड करते समय अचानक भीषण आग की चपेट में आ गया. इस हादसे की पुष्टि जापानी न्यूज एजेंसी एनएचके ने की है. मामले में अबतक मिली जानकारी के अनुसार, प्लेन हादसे की ये दुर्घटना विमान लैंडिंग के वक्त, किसी दूसरे विमान से टकराने की वजह से पेश आने का शक है. हालांकि अबतक इसकी असल वजह का साफ पता नहीं चल पाया है. वहीं संबंधित विभाग लगातार मामले में तफ्तीश कर हकीकत का पता लगाने में जुटे हैं…
    गौरतलब है कि,इस घटना की CCTV फुटेज जारी की है, जिसमें विमान की खिड़की और इसके नीचे से आग की लपटों को निकलते साफ देखा सकता है. वीडियो में देखा जा सकता है कि अग्निशमन दल आग बुझाने प्रयास कर रही है. NHK मुताबिक, जिस फ्लाइट में आग लगी है इसका नंबर JAL 516 था और इस फ्लाइट ने होक्काइडो से उड़ान भरी थी. जानकारी के अनुसार, आग विमान के विंग में लगी थी जिसमें इंजन सेट रहता है. देखते ही देखते आग विंग के आसपास के हिस्से में भी फैल गई. इसके बाद विमान को तुरंत रोका गया और इमजरेंसी एग्जिट से सभी यात्रियों को बाहर निकाला गया. जापान टाइम्स के मुताबिक, फ्लाइट से कुल 367 यात्री सवार थे जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.
    रिपोर्ट के मुताबिक इस विमान में 367 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे, लेकिन सभी को बाहर निकाल लिया गया. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक जापान कोस्ट गार्ड ने कहा कि विमान से टक्कर की सूचना के बाद 5 क्रू-मेंबर सदस्य लापता हैं. वीडियो में विमान के इंजन के पास आग की तेज लपटें निकलती नजर आ रही है. दमकल आग पर पानी डालकर उसपर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं. इस घटना के बाद हनेडा के सभी रनवे को बंद कर दिए गए हैं. वहीं कुछ उड़ानों को डायवर्ट भी किया गया है.

  • पाकिस्तान से भारत लौटी अंजू , 6 महीने बाद मिली पति अरविंद से !

    पाकिस्तान से भारत लौटी अंजू , 6 महीने बाद मिली पति अरविंद से !

    अंजू नसरुल्लाह की लव स्टोरी से अब आ रही हीं खतरनाक साजिश की बू। कुछ तो है जो पाकिस्तान में पिछले दस दिन से पक रहा है। अगर आप अंजू और नसरुल्लाह के पिछले 10 दिन के बयान देखें तो आप चौंक जाएंगे। एक के बाद एक बयान बदले जा रहे हैं। एक के बाद एक नई कहानियां गढ़ी जा रही हैं। अंजू अब पूरे 6 महीने बाद  भारत लौट आई है  हालांकि  किसी को उमीद नहीं थी की वो वापिस आएगी और साथ ही सबसे चौकाने वाली खबर तो ये थी की अब उनके पाकिस्तानी पति नसरुल्लाह भी कुछ दिनों बाद भारत  आरहे है ।

    क्या नसरुल्लाह का यू भारत आना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है । क्योंकि  पाकिस्तान और भारत के संबंध कितने अच्छे है ये तो हम सब जानते है । अब नसरुल्लाह को भारत की मीडिया एक पाकिस्तानी जासूस के तौर पर देख रही है । वही नसरुल्लाह इतनी आसानी से अंजू के कहने पर भारत आने को कैसे मान गया क्योंकि आगर उसे भारत आना ही था तो वो अंजू को पाकिस्तान बुलाता ही नहीं बल्कि नसरुल्लाह  खुद उस वक्त  भारत आ जाता । ऐसे में काफी सवाल भी उभर रहे है की क्या ये कोई साजिश है जिस कारण अंजू अपने पाकिस्तानी पति नसरुलह के साथ वापिस भारत आरही है    क्या नसरुलह का यू भारत आना पाकिस्तान की रणनीति हो सकती है ? क्या अंजू का भारत आना देश्वासियों के लिए खतरा बन सकता है ।

    पिछले साल 21 जुलाई को अंजू बिना किसी को बताए राजस्थान के अलवर से पाकिस्तान चली गई थीं. फिर वहां उन्होंने शादीशुदा होने के बावजूद अपने प्रेमी नसरुल्लाह से निकाह कर लिया था. इसके बाद वह 29 नवंबर को भारत लौट आईं. पाकिस्तान जाने के 6 महीने बाद वो पहले पति अरविंद से मिलीं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों के बीच बच्चों को लेकर बात हुई. दरअसल, अंजू और अरविंद के दो बच्चे हैं. एक 15 साल की बेटी और 6 साल का बेटा. अंजू ने जब नसरुल्लाह से निकाह किया तो अरविंद ने दोनों के खिलाफ अलवर थाने में मामला दर्ज करवा दिया. ।  क्योंकि बिना तलाक के अंजू ने दूसरी शादी कर ली.
    अब अंजू भारत इसलिए आई हैं क्योंकि उन्हें बच्चों की याद सता रही थी. साथ ही अरविंद से भी उन्हें तलाक लेना है. अंजू का कहना है कि उन्होंने अपने भारतीय पति अरविंद से मुलाकात की है. लेकिन सिर्फ बच्चों की खातिर. दोनों के बीच जो भी बातचीत हुई है वो बच्चों को लेकर ही हुई है. उधर अरविंद ने भी अंजू के साथ अपने मामले को पर्सनल मैटर बताते हुए कहा है कि हम दोनों साथ में बच्चों का खर्च उठाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि उनके और अंजू के बीच सिर्फ बच्चों को लेकर बातचीत हो रही है. अंजू ने ये भी कहा है कि उनके लिए सबसे ज्यादा जरूरी उनके बच्चों का भविष्य है और इसके लिए वो कुछ भी करेंगी. उन्होंने ये भी बताया कि नसरुल्लाह भी जल्द भारत आ रहे हैं. अंजू का कहना है कि अगर बच्चे उनके साथ पाकिस्तान जाना चाहंगे तो वो उनको लेकर चली जाएंगी. लेकिन अगर बच्चे भारत में ही रहना चाहेंगे तो वो उन्हें फोर्स नहीं करेंगी. वो बच्चों के साथ ही रहना चाहती हैं. बताया जा रहा है कि अंजू ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ गलत बातें करने वालों को भी धमकी दी है. कहा है कि वह उन सभी के खिलाफ एक्शन लेंगी जिन्होंने भी उनके बारे में गलत बातें कही हैं. अंजू ने बताया है कि उनके पास पूरी लिस्ट है और जिन जिन लोगों ने उन्हें गलत बताया है, वो उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाएंगी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अंजू ने अपने वकील जेएस सरोहा के यहां अरविंद से मुलाकात की. इस दौरान अरविंद ने कहा कि ये उनका आपसी मामला है और इसके किसी को कुछ नहीं बोलना चाहिए. वहीं, अंजू के वकील ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच मनमुटाव दूर हो गए हैं और बच्चों के भविष्य के लिए अच्छा फैसला लेना चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि जिन-जिन लोगों ने उनकी छवि खराब करने की कोशिश की है, वो उन सबके खिलाफ मानहानि का केस करना चाहते हैं. साथ रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों अलग- अलग रहेंगे फिर बच्चे भले ही किसी के साथ रहें.

  • आम लोग जो बन गए खास ! 2023 में खूब फेमस हुए ये लोग

    आम लोग जो बन गए खास ! 2023 में खूब फेमस हुए ये लोग

    साल 2023 खत्म होने वाला है और अब बस चंद दिनों में नए साल का आगाज हो जाएगा . वही हर बार की तरह इस बार भी 2023 भी काफी यादगार रहा…. इस साल भारत चंद्रयान मिशन में सफल रहा तो क्रिकेट टीम ने भी शानदार खेल दिखाया. हां एक चीज जो इस साल बुरी हुई वो बस ये थी की india worldcup न ला पाया वही दूसरी ओर सोशल मीडिया के कारण न जाने कितने लोग फेमस हो गए किसी की निजी ज़िंदगी की चर्चा होती रही तो गाँव का कोई लड़का खेतों में गाते-गाते बॉलीवुड तक पहुँच गया.

    आइए नज़र डालते हैं कुछ आम लोगों के चेहरों पर जो साल 2023 के दौरान भारत में ख़ास बने रहे और किसी न किसी वजह से लोगों की ज़ुबान पर रहे.

    आदित्य कुमार

    बिहार के पटना में छठी क्लास में पढ़ने वाला यह लड़का साल 2023 में सोशल मीडिया पर खूब छाया रहा. आदित्य का confidence देख सभी लोगों को उसका ये अंदाज खूब पसंद आया । सोशल मीडिया पर आदित्य का ‘आंय’ बोलने का अंदाज़ काफ़ी शेयर किया गया. हालांकि वीडियो में दिखता है कि बात यहीं ख़त्म नहीं होती है. आदित्य से जब दोबारा उसका फ़ेवरेट सब्जेक्ट पूछा जाता है तो वह उत्तर देता है- “बैंगन”.

    सीमा हैदर

    पाकिस्तान की सीमा हैदर इस साल ख़ूब सुर्खियों में रहीं. उनके उपर फिल्म भी बनी राजनीति में भी उनका नाम जोड़ा गया और यह तक की अभी तक उनके नाम की न्यूज tvs और सोशल मीडिया पर चलते है जिन्हे कहो लोग देखना पसंद करते है । . साल 2019 में पब्जी गेम खेलते हुए सीमा और सचिन के बीच प्यार हो गया था. सीमा अपने चार बच्चों के साथ 13 मई 2023 को भारत पहुँचीं और सचिन के साथ रहने लगीं. सीमा हैदर की शादी साल 2014 में जकोबाबाद के रहने वाले गुलाम हैदर से हुई थी. इस शादी से उन्हें चार बच्चे हुए. बाद में दोनों कराची शिफ्ट हो गए. साल 2019 में गुलाम हैदर काम के सिलसिले से सऊदी अरब चले गए. यही वो समय था जब सीमा की बातचीत सचिन मीणा से शुरू हुई थी.

    मिथिलेश भाटी

    सीमा हैदर और सचिन की प्रेम कहानी के दौरान ही मिथिलेश भाटी नाम की महिला भी काफ़ी सुर्खियों में रही. सचिन के पड़ोस में रहने वाली मिथिलेश अपने बयानों की वजह से सोशल मीडिया पर विवादों और चर्चा में रही. जी हाँ वो dailouge तो आपको याद ही होगा lappu sa sachin *****(विडिओ)****
    सचिन-सीमा की प्रेम कहानी पर मिथिलेश ने कई तरह के बयान दिए थे. साथ ही उनको इंटरव्यू के लिए मीडिया के तरफ से काफी ऑफर आए

    अंजू

    अंजू का मामला भी ठीक उसी दौरान सुर्खियों में आया जब सीमा हैदर भारत की मीडिया में छाई हुई थीं. इनकी कहानी भी सीमा हैदर की तरह है. अंजू भारतीय महिला हैं जो अपने पाकिस्तानी मित्र के प्रेम में जुलाई महीने में राजस्थान की भिवाणी से पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा पहुँच गई. पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के नसरुल्लाह और अंजू के बीच साल 2020 से ही फ़ेसबुक के ज़रिए बातचीत हो रही थी. अंजू की भारत में पहले ही शादी हो चुकी थी और उनके बच्चे भी हैं. बाद में अंजू भारत भी लौटी थी.

    गब्बर सिंह नेगी

    इसी साल दिवाली के दिन उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का हिस्सा ढहने से उसमें 41 मज़दूर फंस गए थे. भारत में स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी लगातार इस मामले को कवर कर रहा था. सभी मज़दूरों को आख़िरकार 17 दिनों की मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया था. इन्हीं मज़दूरों में गब्बर सिंह नेगी भी शामिल थे. 51 साल के नेगी फ़ोरमैन के तौर पर सुरंग में काम कर रहे थे। उन्होंने सुरंग में अपने साथियों को काफ़ी हिम्मत दी थी. कई साथी मज़दूरों ने नेगी के हौसले की ज़िक्र किया था.

    ज्योति मौर्य

    इसी साल के मध्य में उत्तर प्रदेश की PCS अधिकारी ज्योति मौर्य अपने पति के आरोपों के बाद अचानक सुर्खियों में आ गई थीं. सोशल मीडिया पर उनका मामला कई दिनों तक छाया रहा और इस पर खूब बहस हुई थी. दरअसल उनके पति आलोक मौर्य ने आरोप लगाया था कि SDM बनने के बाद ज्योति मौर्य ने उन्हें छोड़ दिया है. आलोक मौर्य ने सोशल मीडिया पर उन्होंने अपनी पत्नी से चैट का एक वीडियो भी पोस्ट किया था. एक पक्ष इसे ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य का निजी मामला बता रहा था जबकि दूसरा पक्ष ऐसे वीडियो डाल कर ये दावा कर रहा है इस घटना के बाद कई पतियों ने अपनी पत्नी की आगे की पढ़ाई पर रोक लगा दी है.

    नीलम

    इस साल 13 दिसंबर को भारतीय संसद भवन और उसके बाहर रंगीन धुआँ छोड़ने के मामला काफ़ी चर्चा में रहा. इसी में संसद भवन के बाहर रंगीन धुआँ छोड़ने के मामले में ‘नीलम’ नाम की महिला सुर्खियों में छायी रही. नीलम का परिवार हरियाणा के जींद में रहता है. नीलम की माँ के मुताबिक़ उनकी बेटी नौकरी नहीं मिलने की वजह से परेशान थी. हालाँकि संसद भवन के अंदर और बाहर हुए इस मामले की जाँच अभी जारी है.

    भूपेंदर जोगी

    सोशल मीडिया ऐसी चीज है जहां पर आए दिन कुछ न कुछ ट्रेंड करता रहता है और लंबे समय तक छाया रहता है. इसी तरह इन दिनों  #BhupendraJogi खूब ट्रेंड में है. अब इसके आगे में कुछ बोलुगई नहीं विडिओ दिखाऊ गी (video )

  • एक महिला ने की पेड़ से शादी , जानिए कैसे शुरू हुई इनकी प्रेम कहानी

    एक महिला ने की पेड़ से शादी , जानिए कैसे शुरू हुई इनकी प्रेम कहानी

    अभी तक आपने कई प्रेम कहानियां सुनी होंगी, कोई सीमा पार कर एक देश से दूसरे देश बिना पासपोर्ट के अपने पेयर के खातिर चले जाते है .. .. तो कभी 60 -70 साल के चाचा को 18 साल की जवान लड़की से प्यार हो जाता है .। कही एक की दूल्हे की 2 दुल्हनो के साथ शादी हो रही है .। और ना जाने कई एसी अजीबो गरीबों प्रेम कहानिया देखने और सुनने को मिलती है लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बतायेंगे, जिसे किसी इंसान से नहीं, बल्कि एक पेड़ से प्यार हो गया है। यह सुनकर आपको हैरानी हो रही होगी, लेकिन सच यही है। कनाडा की रहने वाली सोनजा सेम्योनोवा को ओक के पेड़ से प्यार हुआ है और उन्होंने खुद को ‘इकोसेक्सुअल’ बताया है। इसका मतलब एसे व्यक्ति से है, जो प्रकृति यानि nature को अपने प्रेमी के रूप में मानते है।

    अब क्या है ये पूरा मामला चलिए आपको बताते है ? नमस्कार में सुंबीक और आप देख रहे THE NEWS 15
    45(पैतालीस) साल की सोनजा ब्रिटिश कोलंबिया के वैंकूवर द्वीप में रहती हैं । वह रोजाना सैर करने बाहर जाती हैं और 2020 में एक दिन उनकी नजर एक बड़े से ओक के पेड़ पर पड़ी। इसके बाद वह हफ्ते में 5 दिन पेड़ के पास ही टहलती थी, जिससे उन्होंने पेड़ के साथ एक संबंध देखना शुरू कर दिया।
    सोजना का यह संबंध धीरे-धीरे गहरा होता गया और एक दिन उन्होंने पेड़ के लिए कामुक भावनाओं यह कह लीजिए sensual फीलिंग आना शुरू हो गई ।

    सोनजा ने बताया कि वह पेड़ के साथ जिस कामुक संबंध का अनुभव करती हैं, वह इंसानों के साथ होने वाली भावनाओं से बिल्कुल अलग है। उन्होंने कहा, “इंसानों के बीच होने वाला यौन संबंध और प्रकृति के साथ कामुकता इकोसेक्सुअल महसूस करना, इन दोनों के बीच काफी समानताएं होती हैं, लेकिन ये समान नहीं हैं। मैं पेड़ के साथ शारीरिक गतिविधियां नहीं करती, बल्कि मेरे लिए बदलते मौसम को देखना एक कामुक भावना है।”

    सोनजा के मुताबिक, वह पेड़ के साथ जो उपस्थिति महसूस करती हैं, वैसी ही वह हमेशा एक साथी में चाहती थी। उन्होंने कहा, “मैं कामुकता की उस ऊर्जा को महसूस करने के लिए तरस रही थी, जो तब आती है जब आप एक नए साथी से मिलते हैं और वह टिकाऊ नहीं होता है।” इसके अलावा सोनजा का मानना है कि प्रकृति के साथ संबंध बनाने से कई जलवायु संबंधी चिंताओं से निपटने में भी मदद मिल सकती है।
    सोनजा यह भी कहती हैं कि बहुत से लोगों में इकोसेक्सुअलिटी पहले से ही मौजूद हैं। उन्होंने कहा, ” इकोसेक्सुअलिटी के कारण ही हम पिकनिक मनाने के लिए पार्क जाना पसंद करते हैं, जहां हरियाली होती है और घूमने के लिए ऐसी जगह जाते हैं, जहां प्रकृति से जुड़ाव महसूस होता है। हम बस ये महसूस नहीं करते हैं कि प्रकृति के प्रति हमारी कमुकता के कारण ही हम ऐसी जगहों पर जाना पसंद करते हैं।

  • पाकिस्तान का वो इलाक़ा जहां ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से पानी से निकाला जाता है सोना

    पाकिस्तान का वो इलाक़ा जहां ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से पानी से निकाला जाता है सोना

     

    पाकिस्तान में जहा एक तरफ भुकमरी और महंगाई से वहा की जनता परेशान हैं तो वही दूसरी तरफ एक ऐसा क्षेत्र हैं जहा पानी से सोना निकला जाता हैं
    बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार निज़ामपुर में पिछले दो साल से बड़े पैमाने पर सिंध या अबासीन नदी से बड़ी मशीनरी की मदद से सोना निकालने का काम हो रहा है हालांकि किसी को भी इसकी इजाज़त नहीं है।

    सुबह का सूरज निकलते ही ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा के ज़िला नौशहरा की तहसील में कड़ाके की ठंड में मैले कपड़े, तन पर पुराना फटा कोट और पांव में प्लास्टिक की चप्पल, इस हालत में वो अबासीन नदी की रेत छानकर उससे सोना निकालने का काम करते हैं। वहा पर काम कर रहे लोग रोजाना मेहनताने के तौर पर 1500 रुपये मिलते हैं लेकिन उनको ये भी मालूम है कि ये काम ख़तरे से ख़ाली नहीं क्योंकि ये ग़ैर-क़ानूनी है।

    नौशहरा के डिप्टी कमिश्नर ख़ालिद खटक ने बताया की निज़ामपुर में पिछले दो साल से बड़े पैमाने पर सिंध या अबासीन नदी से बड़ी मशीनरी की मदद से सोना निकालने का काम हो रहा है हालांकि किसी को भी इसकी इजाज़त नहीं है। अगर बात करे नौशहरा के जहांगीरा इलाक़े की तो वहा पर कुल आबादी तक़रीबन 3 लाख है। यहां के स्थानीय लोगों की आमदनी का ज़रिया फ़ौजी सीमेंट फ़ैक्ट्री और सिक्योरिटी संगठनों में नौकरियां, ट्रांसपोर्ट में मेहनत मज़दूरी करना है। हालांकि पिछले दो साल से गांव से गुज़रने वाली सिंधु नदी से सोना निकालने से स्थानीय स्तर पर कारोबार के अवसर बढ़ गए हैं।

    वहा के लोग ये भी कहते हैं कि ये काम ग़ैर-क़ानूनी तौर पर हो रहा है। और ‘बड़े लोग’ इसमें लगे हुए हैं. वहा के लोगो का कहना हैं की पैसे की कमी होने के कारण उनको यह काम करना पड़ता हैं। इस काम की शुरुआत में तीन छोटी एक्सकेवेटर मशीनों को चार-चार लाख रुपये महीने के किराए पर लिया था जबकि काम के लिए 20 मज़दूर भी भर्ती कर लिए थे। वहा पर नदी के किनारे पड़ी रेत से काम की शुरुआत भी की लेकिन सोने की कम मात्रा की वजह से हर हफ़्ते 15-20 लाख रुपये का नुक़सान हो रहा था।

    जिसके बाद छोटी मशीनरी की जगह 18-18 लाख रुपये महीने के किराए पर और तीन बड़ी एक्सकेवेटर मशीनें पंजाब से मंगवाई गईं जो नदी के बीच से रेत उठाने की ताक़त रखती हैं। इस क़दम से उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई। बात करे वहा के प्रशाशन की तो नौशहरा ज़िले में सिंधु नदी से ग़ैर-क़ानूनी तौर पर सोना निकालने की रोकथाम के लिए खनिज विभाग और ज़िला प्रशासन संयुक्त रूप से कार्रवाई कर रहा है। बात करे यह अवैध खनन काफी पुराना है, लेकिन साल 2022 में भारी और आधुनिक मशीनरी का इस्तेमाल शुरू हुआ और इस साल यह काफ़ी बढ़ गया है।

    अवैध खनन को रोकने के लिए पुलिस प्रशाशन ने जगह जगह पुलिस और खनिज विभाग का संयुक्त चेक पोस्ट भी स्थापित किया गया है और खनिज विभाग के अनुरोध पर कार्रवाई की जा रही है। अभी तक अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ 858 मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 825 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे 70 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। इसके साथ 2 एक्सकेवेटर, सात वाहन और 20 मोटरसाइकिल सहित विभिन्न प्रकार के उपकरण भी ज़ब्त किए गए हैं।

    आपको बता दे निर्माण कार्य के लिए काबुल नदी और सिंधु नदी से निकाली गई रेत और बजरी में सोने समेत विभिन्न कीमती धातुओं के कण होते हैं। निज़ामपुर और अन्य क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में आपूर्ति की जाने वाली रेत वास्तव में सिंधु और काबुल नदी से ही आती है। ये प्रक्रिया कई घंटों तक चलने के बाद कारपेट को लपेटकर एक लोहे के बड़े बर्तन में जमा करके पानी की मदद से सोने के कण से रेत को अलग कर दिया जाता है। इसमें पारा (धातु) मिलाने से सोने के सभी कण उसके साथ चिपट जाते हैं और सोना हासिल कर लिया जाता है, जबकि आग में पिघलाकर उनमें से सघन सोना निकाल लिया जाता है।

    ख़ैबर पख्तूनख्वा की अलग-अलग जगहों के पानी में बड़ी मात्रा में सोना है, लेकिन इस संबंध में शोध और आधुनिक तकनीक की ज़रूरत है।

  • मानव तस्करी के शक में फ्रांस में 4 दिन रोक कर रखा गया फ्लाइट मुंबई पहुंचा

    मानव तस्करी के शक में फ्रांस में 4 दिन रोक कर रखा गया फ्लाइट मुंबई पहुंचा

    मानव तस्करी के शक में चार दिनों से फ्रांस की राजधानी पेरिस के पास एक एयरपोर्ट पर फंसा हुआ विमान आखिरकार आज भारत पहुंच गया है। आज फ्लाइट की मुंबई में लैंडिंग हुई है। एयरपोर्ट पर फ्रांसीसी अधिकारियों ने मानव तस्करी के संदेह के आधार पर हिरासत में लेने के चार दिन बाद एक रोमानियाई विमान आज 303 यात्रियों को लेकर पहुंचा है। रोमानिया की कंपनी का यह विमान ने दुबई से उड़ान भरी थी, वह यात्रियों को लेकर निकारागुआ जा रहा था। मानव तस्करी के शक में विमान को रोका गया था। अब क्या है ये पूरा मामला चलिए आपको बताते है

    नमस्कार में सुंबीक गुप्ता और आप देख रहे THE NEWS 15

    मानव तस्करी के शक में चार दिन पहले फ्रांस में एक प्लेन को रोका गया था. पर अब चार्टर प्लेन आखिरकार मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड हो गया है. इस मामले को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि प्लेन 276(छियात्तर ) यात्रियों को लेकर भारत पहुंचा. इस विमान में ज्यादातर भारतीय हैं. उन्होंने आगे बताया कि विमान एयरबस A-340 सुबह चार बजे के आसपास मुंबई पहुंचा. इस विमान ने वहां के टाइम के हिसाब से 2:30 बजे पेरिस के पास वैट्री हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी.

    लेकिन इसमें देरी हुई। बताया गया कि विमान में 50 यात्री लौटना नहीं चाहते हैं, क्योंकि उन्होंने फ्रांस में रहने के लिए अर्जी दी है। बाद में यह विमान कुछ यात्रियों को छोड़कर मुंबई के लिए निकला। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि विमान में कितने यात्री सवार हैं। माना जा रहा है कि जिन्होंने शरण के लिए आवेदन नहीं किया है, वे कम से कम सवार नहीं हैं।

    रोमानिया की Legend Airlines के इस विमान में 303 यात्री सवार थे, जिनमें ज्यादातर भारतीय हैं। यह विमान दुबई से निकारागुआ के लिए निकला था और तेल भरने के लिए फ्रांस के वाट्री एयरपोर्ट पर गुरुवार को उतरा था। इस दौरान फ्रांस के अधिकारियों को सूचना मिली की इसमें मानव तस्करी के पीड़ितों को ले जाया जा रहा है, तो विमान को उड़ान भरने से रोक दिया गया। रविवार को चार जजों ने एयरपोर्ट परिसर पर ही यात्रियों से पूछताछ की। इसके बाद रविवार को ही फ्रांस के अधिकारियों ने इस A 340 विमान को यात्रा फिर से शुरू करने की अनुमति दी थी।

    फ्रांस के मीडिया ने सोमवार को बताया कि कुछ यात्री सेंट्रल अमेरिका के निकारागुआ की अपनी यात्रा जारी रखना चाहते हैं। दो यात्रियों को यात्री का मंजूरी नहीं मिली है और उन्हें आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। फ्रांस के मीडिया ने कहा कि वे सभी यात्री जो पुलिस हिरासत में नहीं हैं और जिन्होंने शरण के लिए आवेदन नहीं किया है, उनके रवाना होने की उम्मीद है।

    11 भारतीय नाबालिग हैं, जिनके पैरेंट्स साथ नहीं…। 300 भारतीयों में एक 21 महीने का बच्चा और 11 भारतीय नाबालिग हैं, जिनके माता-पिता उनके साथ नहीं हैं। जजों की पूछताछ के दौरान कुछ लोग हिंदी में बात कर रहे थे तो कुछ लोग तमिल भाषा बोल रहे थे। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि प्लेन में साउथ इंडिया के लोग भी मौजूद थे।

    एयरपोर्ट पर ही रहने-खाने का इंतज़ाम कीया गया था फ्रांस ने सभी लोगों के लिए एयरपोर्ट पर ही रहने और खाने की व्यवस्था की थी। बच्चों की पढ़ाई के लिए ट्यूटर रखे गए थे। यहां रोज भारत के अधिकारी उनसे मुलाकात कर रहे थे। वहीं, फ्रांस ने फ्लाइट ऑपरेट कर रहे प्राइवेट जेट के क्रू मेंबर्स से भी पूछताछ की थी। इसके बाद उन्हें आजाद कर दिया गया था।

    एयरलाइंस की वकील ने मानव तस्करी में किसी भी तरह से शामिल होने से इनकार किया है। फ्रांस में मानव तस्करी के लिए 20 साल तक की सजा का प्रावधान है। खबरों के मुताबिक, यात्रियों ने सेंट्रल अमेरिका के निकारागुआ के जरिए अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में घुसने की योजना बनाई होगी। गुमनाम सूचना पर इसे रोका गया था।

  • भारत के दरवाजे तक पहुंची हूतियों की हिंसा! गुजरात के पास अरब सागर में टैंकर जहाज पर ड्रोन हमला, तनाव

    भारत के दरवाजे तक पहुंची हूतियों की हिंसा! गुजरात के पास अरब सागर में टैंकर जहाज पर ड्रोन हमला, तनाव

    भारतीय तट के पास व्‍यापारिक जहाज पर ड्रोन हमला

    सना। भारतीय तट के पास हिंद महासागर में लाइबेरिया के झंडे वाले टैंकर पर ड्रोन से हमला किया गया है। अरब सागर में हुए इस हमले की कई रिपोर्टों में पुष्टि हुई है। इससे पहले ब्रिटेन के मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशन संगठन ने इस हमले के बारे में सूचना दी थी। बताया जा रहा है कि इस हमले में जहाज पर मौजूद कोई भी चालक दल का सदस्‍य घायल नहीं हुआ है। यह व्‍यापारिक जहाज अपने गंतव्‍य भारत की यात्रा को जारी रखे हुए है। इस ड्रोन हमले के बाद जहाज को कुछ नुकसान पहुंचा है। जहाज पर मौजूद चालक दल के सदस्‍यों में कुछ भारतीय भी थे। इस हमले का शक यमन के हूतियों पर जताया जा रहा है।

     

    बताया जा रहा है कि गुजरात के वेरावल तट से 200 नॉटिकल मील की दूरी पर यह ड्रोन हमला किया गया है। बताया जा रहा है कि इजरायल से इस जहाज का संबंध था और भारत आ रहा था। हूतियों ने ऐलान किया था कि वे इजरायल से जुड़े किसी भी जहाज को निशाना बनाएंगे। अब भारतीय तट पर ड्रोन हमले के बाद इसका शक हूतियों की ओर जा रहा है। इस हमले की अभी जांच की जा रही है। इस जहाज को पूरी सावधानी के साथ आगे की यात्रा को पूरा करने के लिए कहा गया है।

    भारत ने अदन की खाड़ी में तैनात किए युद्धक जहाज

    भारत आ रहे जहाज पर ड्रोन हमले के बाद उसमें आग लग गई। इससे पहले इजरायल के हमले का विरोध कर रहे यमन के हूती विद्रोहियों ने भारत आ रहे एक जहाज का अपहरण कर लिया था। यही नहीं हूतियों ने लाल सागर में कई मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं जिससे कई जहाजों को नुकसान पहुंचा है। हूतियों को ईरान का खुला समर्थन हासिल है और वे हमास के समर्थन में लगातार मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं। इससे दुनिया के इस सबसे व्‍यस्‍त व्‍यापारिक मार्गों में शामिल समुद्री रास्‍ता अब संकट में आ गया है। यही वजह है कि कई कंपनियां अब अफ्रीका के रास्‍ते व्‍यापार कर रही हैं। इसमें बहुत खर्च आ रहा है।

    इससे पहले भारत ने हूतियों के हमले को देखते हुए अदन की खाड़ी में दो मिसाइलों से लैस डेस्‍ट्रायर को तैनात किया था। भारत ने इस पूरे इलाके में भारतीय जहाजों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। वहीं हूती विद्रोही लगातार अपने हमलों को बढ़ा रहे हैं और इसको देखते हुए अमेरिका ने 20 देशों के साथ मिलकर एक मैरिटाइम फोर्स बनाई है ताकि जवाबी कार्रवाई को अंजाम दिया जा सके। इस बीच हूतियों ने धमकी दी है कि वे लाल सागर को अमेरिकी जहाजों का कब्रिस्‍तान बना देंगे।

  • अमेरिका में एक सप्ताह तक चलेगा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का जश्न 

    अमेरिका में एक सप्ताह तक चलेगा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का जश्न 

    भारत के अलावा विदेशों में भी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न जोर शोर के साथ मनाया जाएगा। आपको बता दें कि राम मंदिर के उद्घाटन के समय अमेरिका के मंदिरों में एक हफ्ते तक जश्न मनाया जाएगा। अमेरिकी मंदिरों की देखरेख करने वाली एक महिला अधिकारी ने साझा किया कि उत्तरी अमेरिका पूरे सप्ताह राम मंदिर के उद्घाटन समारोह की तैयारी कर रहा है। उन्होंने इस विषय पर आगे अपनी बात रखते हुए कहा, “यह हमारा सौभाग्य और हमारे लिए आशीर्वाद है कि हम इस घटना का हिस्सा है और हमारा सपनों का मंदिर सदियों के इंतजार और संघर्ष के बाद तैयार हो रहा है।”

    एचएमईसी नामक समूह के लिए काम करने वाले तेजल शाह ने कहा कि अमेरिका और कनाडा में लोगों का राम मंदिर से वास्तविक भावनात्मक लगाव है। संयुक्त राज्य अमेरिका में लोग भगवान श्री राम के प्रति बहुत उत्साहित और समर्पित हैं। वे उनके मंदिर में आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।आपको बता दें कि एचएमईसी एक समूह है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में 1,100 से अधिक हिंदू मंदिरों का नेतृत्व करता है।

    तेजल शाह ने कहा कि उत्तरी अमेरिका के मंदिरों में 15 जनवरी से शुरू होकर पूरे एक सप्ताह तक उत्सव मनाया जाएगा। यह उत्सव जनवरी की रात को अयोध्या में राम मंदिर नामक मंदिर के उद्घाटन समारोह के लाइव टीवी शो के साथ समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि रुचि दिखाने वाले लोगों की संख्या के आधार पर, यह संभावना है कि मंदिर के उद्घाटन समारोह में हजारों की संख्या में हिंदू उपस्थित होंगे।

    22 जनवरी को हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा के विशेष समारोह में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में जाएंगे। ऐसे में हर कोई तेजी से तैयारी करने में जुटा है। राम मंदिर ट्रस्ट के प्रभारी चंपत राय ने राम मंदिर को लेकर कई जानकारियां साझा कीं, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी सुबह ठीक 11 बजे राम जन्मभूमि पहुंचेंगे।

  • ‘पांच घंटे तक शरीर से बहता रहा खून, नहीं मिली कोई मदद,’ इजरायली हमले में जर्नलिस्ट की मौत की दर्दनाक कहानी

    ‘पांच घंटे तक शरीर से बहता रहा खून, नहीं मिली कोई मदद,’ इजरायली हमले में जर्नलिस्ट की मौत की दर्दनाक कहानी

    Israel Hamas War : गाजा में इजरायली हमले में कतर की न्यूज़ चैनल अल-जजीरा के एक कैमरामैन की मौत हो गई हैं। हमले में मारे गए वीडियो जर्नलिस्ट समेर अबुदाका हमलों से बचने के लिए अपने सहयोगी वाएल दहदूह के साथ खान यूनिस के फरहाना स्कूल में चले गए थे।

    अलजजीरा नेटवर्क ने कहा, “फिलिस्तीनी कैमरामैन समेर अबुदका इजरायली हमले में मारे गए. उनके साथी वाएल दहदूह गंभीर रूप से घायल हैं. वे दोनों घेराबंदी वाले इलाके के एक स्कूल में रिपोर्टिंग कर रहे थे.”

    हाथ और कंधे में बुरी तरह से घायल वाएल दहदूह ने अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए अल-जजीरा को बताया कि जब हमला हुआ तो वह स्कूल से भाग गए, उनका काफी खून बह रहा था. थोड़ी दूर पर उन्हें एक एम्बुलेंस मिली। अल-जजीरा ने इजरायली हमले की निंदा की है और बताया है कि समेर अबुदाका का खून 5 घंटों तक बहता रहा लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली और उनकी मौत हो गई।

    अपने ही नागरिकों पर सेना ने चला दी गोली

    इजरायल सेना ने जंग के बीच एक ऐसी खबर दी है जिसके बाद इजरायल में सेना को लेकर ही सवाल उठने लगे हैं। इजरायली डिफेंस फोर्स ने बताया कि गाजा में जमीनी अभियान के दौरान उसने तीन बंधकों को गलती से मार दिया है।

    सेना ने तीनों बंधकों की मौत पर अफसोस जाहिर किया है। सेना ने कहा, “हमारे सैनिकों ने तीनों बंधकों को गाजा के उत्तरी इलाके शेजैया में गोली मार दी.” सेना ने कहा, “हमास की बंधक में 22 साल के समीर तलाल्का, 26 साल के एलोन शमरिज और 28 साल के योतम हैम को हमने गलती से मार दिया क्योंकि शुरू में वे हमें खतरा लग रहे थे.” सेना ने बताया कि बंधकों के शव इजरायल लाए गए हैं जहां उनके पहचान की पुष्टि की गई।

    इजरायली सेना ने अनजाने में हुई इस घटना को लेकर कहा कि इसकी जांच की जा रही है. सेना ने परिजनों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर की है. योतम हैम हेवी मेटल बैंड ‘पर्सेफोर’ के एक ड्रमर थे. उन्हें आखिरी बार 7 अक्टूबर की एक वीडियो में देखा गया था।  ये वीडियो कफर अजा में उनके घर के सामने का था, इसके बाद हमास ने उन्हें अगवा कर लिया था।

    22 साल के तलाल्का किब्बुत्ज़ निर एम हैचरी में काम कर रहे थे, जहां वह अक्सर वीकेंड की शिफ्ट में काम करते थे. उन पर हमास के लड़ाकों ने किबुत्ज में हमला किया. एलोन शमरिज एक कंप्यूटर इंजनियर थे और उन्हें किबुत्ज कफार इलाके से अगवा किया था।

  • क्यों मनाया जाता है Armed Forces Flag Day ?

    क्यों मनाया जाता है Armed Forces Flag Day ?

    Armed Forces Flag Day 

    Armed Forces Flag Day
    Armed Forces Flag Day

    यह दिवस थलसेना (Army), नौसेना (Navy) और वायुसेना (Air Force) के जवानों और उनके परिवार के कल्याण के लिए मनाया जाता है। यह साल 1949 से लगातार मनाया जा रहा है। यह दिन देशवासियों को सशस्त्र सेनाओं से सेवानिवृत्त, शहीदों एवं घायल हुए सैनिकों एवं सैन्यकर्मियों के परिवार के कल्याण के लिए आर्थिक मदद करने का मौका देता है।

    अपने सशस्त्र बलों पर गर्व करने वाले देश में, हमारे सैनिक, नाविक और वायुसैनिक उस ताकत का प्रतीक हैं जो हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं, अपने जीवन की कीमत पर भी साथी देशवासियों के लिए शांति सुनिश्चित करते हैं। जैसे ही हम सशस्त्र सेना झंडा दिवस के वार्षिक उत्सव के करीब पहुंचते हैं, उनका
    अटूट समर्पण और वीरता स्पष्ट हो जाती है, एक ऐसा समय जब हम उनके बलिदानों का सम्मान करने और हमारी रक्षा करने वालों के कल्याण में योगदान करने के लिए एकजुट होते हैं।

    Armed Forces Flag Day का इतिहास 

    Armed Forces Flag Day
    Armed Forces Flag Day
    Armed Forces Flag Day
    Armed Forces Flag Day

    इस समिति ने हर साल 7 दिसंबर को झंडा दिवस मनाने का फैसला किया था। देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वाले जवानों के सम्मान में सबसे पहले 7 दिसंबर 1949 को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया गया था। तब से लेकर आज तक इस दिवस को मनाए जाने का सिलसिला चलता आ रहा है।

    भारत को आजादी मिलने के तुरंत बाद, सरकार को अपने रक्षा कर्मियों के कल्याण का प्रबंधन करने की आवश्यकता पैदा हुई। 28 अगस्त, 1949 को, रक्षा मंत्री के अधीन गठित एक समिति ने 7 दिसंबर को प्रतिवर्ष झंडा दिवस मनाने का निर्णय लिया। झंडा दिवस मनाने के पीछे का विचार आम जनता को छोटे झंडे वितरित करना और बदले में दान इकट्ठा करना था। झंडा दिवस इसलिए अधिक महत्व रखता है क्योंकि यह मानता है कि देश के लिए लड़ने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों के परिवारों और आश्रितों की देखभाल करना भारत की नागरिक आबादी की जिम्मेदारी है।

    झंडा दिवस सर्वर तीन बुनियादी कारणों को बढ़ावा देने के लिए है:
    • युद्ध में हताहतों का पुनर्वास
    • सेवारत कर्मियों और उनके परिवारों का कल्याण
    • भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके परिवारों का पुनर्वास एवं कल्याण

    झंडा दिवस निधि 

    INDIAN ARMY
    INDIAN ARMY

    हम आपको बता दें की, मूल झंडा दिवस कोष की स्थापना 1949 में रक्षा मंत्रियों की समिति द्वारा की गई थी। 1993 में, भारत के रक्षा मंत्रालय ने संबंधित कल्याण निधि को एकल सशस्त्र बल झंडा दिवस निधि में समेकित किया।

    • युद्ध शोक संतप्त, युद्ध में विकलांग और अन्य भूतपूर्व सैनिकों/सेवारत कार्मिकों के लिए एकीकृत विशेष निधि
    • झंडा दिवस निधि
    • सेंट डंस्टन (भारत) और केंद्रीय सैनिक बोर्ड फंड
    • भारतीय गोरखा पूर्व सैनिक कल्याण कोष