Category: देश/विदेश

  • भारत में सरणार्थी रोहिंग्या मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या सरकार !

    भारत में सरणार्थी रोहिंग्या मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या सरकार !

    कोई अगर आप के घर आकर वंहा पर किराये पर रहने लगे और फिर धीरे-धीरे वंहा कब्ज़ा कर ले तो आप की प्रतिक्रिया क्या होगी, ऐसा फिलहाल हमारे देश में हो रहा हैं जंहा पहले ही हमारे देश की जनसँख्या 140 करोड़ हो गयी हैं,जिस कारण से देश को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं,जैसे बेरोजगारी और स्वास्थ्साम्बन्धि वही अगर कोई बाहर का आकर के आपका हक्क छीन ले,आपकी जानकारी बता दे की ऐसा हो रहा हैं,म्यांमार और बंगलदेश से आये रोहिंग्या मुसलमानों जो भारत में सरणार्थीयों के रूप में आये पर अब वे यंहा कब्ज़ा कर बैठे हैं ,

    भारत में रोहिंग्या मुसलमान .

    बीते दिनों पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ एक गुप्त मुहिम चलायी जिसके चलते सभी गैरकानूनी तरीके से रह रहे रोहिंग्यायों को पकड़ा गया,बहुत दिनों से सरकार को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से ये सुचना मिल रही थी की वाहा गैरकानूनी रूप विदेशी रह रहे हैं,जिसमे मेरठ,हापुड़,अलीगढ,मथुरा,सहारनपुर और भी कई जिले शामिल हैं,मिली जानकारी के अनुसार 74 रोहिंग्यायों को पकड़ा गया हैं जिनमें 55 आदमी,14 महिला,और 5 बच्चे शामिल हैं !
    उत्तर प्रदेश सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ एक गुप्त मुहिम चलायी
    उत्तर प्रदेश सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ एक गुप्त मुहिम चलायी

    वही 40 रोहिंग्यायों को तो मथुरा के अल्ल्हपुर से पकड़ा गया था,मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार अल्ल्हपुर मिया तक़रीबन 100 रोहिंग्यायों के मुसलमान रहते हैं,जंहा वे शरू-शुरू में यानी की आज से 15 से 20 साल पहले जमीन किराये पर ली थी पर धीरे-धीरे वे एक परिवार से बहुत सारे परिवार हो गए,,यंहा उन्होंने अपने कच्चे घर बना रखे हैं,और कुछ घर पक्के भी हैं,साथ यंहा कोई बिजली की व्यवस्ता तो नहीं हैं,पर वे सरकारी बिजली को चुरा कर के अपने घरो को रोशन करते हैं !

    अगर साफ़ शब्दों में कहे तो न ही उनके पास पक्के कागज़ हैं,न ही पक्का घर और न ही पक्का मीटर,,,पर फिर भी ये लोग इतने दिनों से यंहा रह रहे थे,साथ ही जो 15-20 साल पहले जो बच्चे थे,वे अब व्यसक हो गए हैं और यही यानी की हिंदुस्तान में ही विवाह कर रहे हैं,वही आपको बता दे की उत्तर प्रदेश पुलिस ने कई लोगो से पूछ-ताछ कर के छोड़ दिया,वही अभी जानकारी नहीं मिली है की बाकी बचे लोगों के साथ क्या करा जायेगा ,

    भारत में रोहिंग्या मुसलमान
    भारत में रोहिंग्या मुसलमान

    वही अगर इनके काम की बात करे तो इनका मुख्य काम कूड़ा बिन्ना हैं,और जगह-जगह सफाई करना भी,ये बात तो हुई उत्तर प्रदेश की वही भारत में अलग-अलग जगह पर ये लोग बास्ते जा रहे हैं,जैसे दिल्ली के बवाना की JJ कॉलोनी में जंहा हजारों की संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं,और आस-पास बहुत ज़्यादा गन्दगी फैलाते हैं,जिस कारण से गांव के रहने वाले लोगों को बहुत समस्या का सम्मना करना पड़ रहा हैं,वही दिल्ली के जहांगीरपुरी और साहिनबाग़ का भी यही हाल हैं,वही आये दिन वेस्ट बंगाल सहित नार्थ-ईस्ट के कई रजियों में रोहिंग्यायो के पकडे जाने की खबर आती रहती हैं,,

    इनका मुख्य काम कूड़ा बिन्ना हैं,और जगह-जगह सफाई करना
    इनका मुख्य काम कूड़ा बिन्ना हैं,और जगह-जगह सफाई करना

    क्यों आते हैं रोहिंग्या शरणार्थी हिंदुस्तान में .

    वही आप की जानकारी के लये बता दे की रोहिंग्या लोग आम तौर पर मुसलमान होते हैं, लेकिन अल्पसंख्या में कुछ रोहिंग्या हिन्दू भी होते हैं। वही म्यांमार के 2016 के संकट के बाद लाखों की संख्या में रोहिंग्यायों को उनके देश से भार निकल दिया गया,,पूरी जानकारी के अनुसार 1982 म्यांमार राष्ट्रीयता क़ानून के तहत रोहिंग्या लोगों को म्यांमार में नागरिकता प्राप्त करने से प्रतिबन्धित है।इसके बावजूद इन्हें म्यांमारी क़ानून के आठ “राष्ट्रीय समूहों” में से वर्गीकृत नहीं है।उन्हें न तो आंदोलन की स्वतंत्रता हैं,न ही वे राज्य में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं और न ही नागरिक सेवा में काम कर सकते हैं,

    बौद्ध लोग जो रोहिंग्यायों को पसंद नहीं करते !
    बौद्ध लोग जो रोहिंग्यायों को पसंद नहीं करते !

    ऐसा इसलिए हैं क्युकी के मयन्मारके बौद्ध लोग और वहाँ की सरकार इन लोगों को अपना नागरिक नहीं मानती हैं। इन रोहिंग्या लोगों को म्यांमार में बहुत अत्याचार का सामना करना पड़ा है। बड़ी संख्या में रोहिंग्या लोग बांग्लादेश और थाईलैंड की सरहदों पर बहुत बुरी स्तिथि में रहते हैं,

    बौद्ध लोग जो रोहिंग्यायों को पसंद नहीं करते हैं उनका सबसे ख़ास कारण हैं म्यांमार के सुप्रसिद बोध भिक्षु ‘अशीन विराथू’ उनके नेतृत्व में न जाने कितने मुसलमानों को मारा गया,इसी छवि के कारण से विश्व प्रसिद्व TIME MAGZINE ने थे ‘THE FACE OF BUDHHIST TERROR’ लिख कर छापा,आंकड़ों के अनुसार म्यांमार में क़रीब 8 लाख रोहिंग्या लोग रहते थे,

    म्यांमार के सुप्रसिद बोध भिक्षु 'अशीन विराथू' !
    म्यांमार के सुप्रसिद बोध भिक्षु ‘अशीन विराथू’ !

    वही बीते 2021 म्यांमार में सेना का तख्ता पलट के बाद इन लोगो पर गाज गिर गयी थी,क्युकी तख्ता पलट के बाद जो रोहिंग्या शरणार्थी कैंपों में रह रहे थे उनके साथ बहुत बुरा होने लगा,आपकी जानकारी के लिए बता दे की म्यांमार की सेना ने तख्ता पलट Anug san sun kyi के खिलाफ किया था,

    Anug san sun kyi
    Anug san sun kyi

    तो इतनी जानकारी के बाद आप को पता चल गया होगा की ये लोग हिंदुस्तान क्यों आते हैं,साफ़ है बेहतर शिक्षा के लिए बेहतर रोजगार के लिए ,वे यंहा आ कर के किराये पर रहते हैं,और साथ ही कुछलोग थोड़े से पैसे के लिए बिना किसी जाँच पड़ताल के किराये पर रख भी लेते हैं,

    भारत क्या करता हैं सरणार्थीओं के साथ .

    भारत का रिकॉर्ड सरणार्थीओं के मामले में बहुत ज़्यादा ही शानदार रहा हैं क्युकी,भारत में आज ही है बहुत सालों से ही शरणार्थी आते रहे हैं ,जैसे 1947 के विभाजन से पाकिस्तान से शरणार्थी,वही वर्ष 1959 में तिब्बती शरणार्थी साथ ही वर्ष 1960 के दशक की शुरुआत में अभी के बांग्लादेश से 1971 में अन्य बांग्लादेशी शरणार्थी,वर्ष 1980 के दशक में श्रीलंकाई तमिल शरणार्थी,हाल ही में म्याँमार के रोहिंग्या शरणार्थी !

    भारत में शरणार्थी !
    भारत में शरणार्थी !

    वही अधिनियम 1946 की विदेश शरणार्थी निति के अनुसार,भारत का संविधान मनुष्यों के जीवन, स्वतंत्रता और गरिमा का भी सम्मान करता है,साथ ही इसका उद्धरण आप राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग vs स्टेट ऑफ अरुणाचल प्रदेश (1996) मामले से ले सकते हैं जिसमे Suprem court ने कहा कि “सभी अधिकार नागरिकों के लिये उपलब्ध हैं, जबकि विदेशी नागरिकों सहित सभी व्यक्तियों को समानता का अधिकार और जीवन का अधिकार उपलब्ध है।”

    भारतीय संविधान के अनुच्छेद- 21 में शरणार्थियों को उनके मूल देश में वापस नहीं भेजे जाने यानी ‘नॉन-रिफाउलमेंट’ (Non-Refoulement) का अधिकार शामिल है।नॉन-रिफाउलमेंट, अंतर्राष्ट्रीय कानून के अंतर्गत एक सिद्धांत है, जिसके अनुसार अपने देश से उत्पीड़न के कारण भागने वाले व्यक्ति को उसी देश में वापस जाने के लिये मजबूर नहीं किया जाना चाहिये।

  • प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में खुला मोर्चा !

    प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में खुला मोर्चा !

    भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में बीते 19 जुलाई को एक साथ हज़ारों लोग प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ सड़क पर उतर आये,जिसमे कई लोग घायल हो गए और 1 व्यक्ति की मौत भी हो गए बता दे की की ये मोर्चा बांग्लादेश की विपक्षी पार्टी,बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने हसीना के खिलाफ निकाला था,उनकी मांग हैं की शेख हसीना तुरंत सीट छोड़े और दोबारा चुनाव हो……

    ढाका में उमड़ा जनसैलाब
    ढाका में उमड़ा जनसैलाब

    ढाका में उमड़ा जनसैलाब ,,,

    बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बीते 19 जुलाई को सड़कों पर हज़ारों लोग निकल आये, रिपोर्ट्स कि माने ढाका में करीब 13km लम्बा जनसैलाब उमड़ पड़ा था, ये रैली ढाका समेत 16 जगहों पर निकाली गई थी,आप को बता दे की इस रैली का आयोजन बंगलदेश की विपक्ष की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने आयोजित की थी, विपक्ष की बुलाई रैली में पहुंचे इन लोगों ने हसीना से इस्तीफे की मांग की,विपक्ष का कहना हैं की सत्ताधारी पार्टी बांग्लदेश अवामी पार्टी पर भ्रस्टाचार और मानव हनन का आरोप लगाया हैं,

    सत्ताधारी पार्टी बांग्लदेश अवामी पार्टी पर भ्रस्टाचार और मानव हनन का आरोप लगाया हैं,
    सत्ताधारी पार्टी बांग्लदेश अवामी पार्टी पर भ्रस्टाचार और मानव हनन का आरोप लगाया हैं,

    BNP के नेता BNP के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने शेख हसीना से तुरंत पद छोड़ने, संसद को भंग करने और देश में लोकतंत्र बहाल करने में मदद के लिए एक अंतरिम सरकार (केयरटेकर गवर्नमेंट) को सत्ता सौंपने की मांग की। इस रैली में हुई हिंसा पर BNP के स्पोक्सपर्सन जहीर उद्दीन स्वपन ने कहा कि “रूलिंग पार्टी की स्टूडेंट विंग के एक कार्यकर्ता ने हमारी पार्टी के साजिब हुसैन को गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई”

    आगामी चुनाव से पहले देश में हंगामा ,,,

    2009 से शेख हसीना प्रधानमंत्री हैं,वे इस गद्दी पर 5 बार से ज़्यादाबार बैठ चुकी हैं,बांग्लादेश में जनरल इलेक्शन जनवरी 2024 में होगा। PM शेख हसीना वाजेद ने इसका ऐलान किया है।वही शेख हसीना ने BNP पर उल्ट वार करते हुए कहा की ” मुख्य विपक्षी दल BNP पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके नेता मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए मुल्क का पैसा दूसरे देशों में भेजते हैं और इसमें सबसे बड़ा नाम BNP की नेता और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान का हैं।

     पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया
    पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया

    वही शेख हसीना को भारत का करीबी माना जाता हैं,वो आये साल प्रधानमंत्री मोदी और भारत के अन्य नेताओं को बांग्लादेश के मशहूर आम भेजती हैं,हसीना बीते साल सितम्बर 2022 में भारत में 4 दिवस के दौरे पर आयी थी,जिसमे उन्होंने कई जल प्रबंधन ,रेलवे और विज्ञान और Tenchnology के क्षेत्रों में कम से कम साल द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए आयी थी,,,,वही अगर बंगलादेश और भारत की दोस्ती की बात करे तो सभ्यता,सामाजिक,संस्कृति और आर्थिक रूप से जुड़े हैं वही जैसा की आप जानते हैं बंगाल 1971 में पाकिस्तान से भारत की मदद से ही आज़ाद हुआ था,

    हसीना बीते साल सितम्बर 2022 में भारत में 4 दिवस के दौरे पर आयी थी
    हसीना बीते साल सितम्बर 2022 में भारत में 4 दिवस के दौरे पर आयी थी

    बांग्लादेश की राजनीती नहीं हैं ज़्यादा पुरानी ,,,

    बांग्लादेश 1971 में ही आज़ाद हुआ था, जिसके पहले प्रधानमंत्री ताजुद्दीन अहमद जो की भारत कि मदद से ही राजगद्दी पर बैठे थे,वही यहाँ की संसद को ‘जातियो संगसद’ या ‘हाउस ऑफ द नेशन’ कहा जाता है।इसकी नई बिल्डिंग 15 फरवरी 1982 में तैयार हुई थी,ये कुल 200 एकड़ में बना हुआ हैं,जिसमे 350 seats हैं जिसमे से की 50 seats महिलाओं के लिए आरक्षित हैं,अभी करंट में शेख हसीना की पार्टी के पास 302 सीटें हैं और हुसैन इरशाद की जातिया पार्टी के पास 26 सीटें हैं।खालिदा जिया की पार्टी BNP के पास इस वक्त महज 7 सांसद ही हैं।

    हाउस ऑफ द नेशन
    हाउस ऑफ द नेशन

    वही ये भी देखने की बात हैं की जब से हसीना सरकार में आयी हैं बांग्लादेश नयी ऊंचाइयों पर पंहुचा हैं , उसी तर्ज पर आगामी चुनाव में शेख हसीना 6वी वार प्रधानमंत्री बनने की रेस में हैं वही विपक्षी मोर्चे को लेकर एक्सपर्ट्स का दावा हैं की अभी ये प्रदर्शन बहुत लम्बा चल सकता हैं और और भी हिंसक हो सकता हैं !

  • Hate Speech मामले में आज़म खान को 2 साल क सजा तय !

    Hate Speech मामले में आज़म खान को 2 साल क सजा तय !

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    समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान को रामपुर Hate Speech मामले में 2 साल की सजा तय हो गयी हैं,मामला 2019 लोकसभा चुनाव के वक़्त का था,इससे पहले भी हो चुकी हैं सजा,,,,,

    Hate Speech मामले में आज़म खान को 2 साल क सजा तय !
    Hate Speech मामले में आज़म खान को 2 साल क सजा तय !

    2019 लोकसभा चुनाव से जुड़ा हैं मामला …….

    समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान को रामपुर MP-MLA कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में दोषी करार दिया हैं, वही आप को बता दे की ये मामला 2019 लोकसभा चुनाव से जुड़ा हैं जब उन्होंने एक जनसभा को सम्बोथित करते हुए,रामपुर के तत्कालीन DM और चुनाव आयोग के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था,जिसके को लेकर तत्कालीन ‘BDO निगरानी टीम प्रभारी’ ने आज़म खान के खिलाफ केस रामपुर थाना के शहज़ादपुर में दर्ज कराया था,अब इस मामले में आज़म खान को धारा 171G और धारा 505(1)B साथ ही लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत 2 साल की सजा करार हुई हैं !

    (505(1)b में 1000/ जुर्माना और दो साल की सजा)
    (171-जी में 500/ का जुर्माना एक माह की जेल)
    (125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में 1000/ जुर्माना दो साल की सजा)

    उत्तर प्रदेश सरकार ने वापस ली Y श्रेणी की सुरक्षा …

    इस मामले कि सुनवाई से पहले ही यानि कि बीते शुक्रवार को ही उत्तर प्रदेश ने आज़म खान की Y श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली थी, उसके जवाब ने सरकार ने कहा की अब उन्हें इसकी ज़रूरत नहीं हैं,रामपुर के SSP Dr. संसार सिंह ने कहा कि Y श्रेणी की सुरक्षा के तहत आजम खान को 3 सशस्त्र पुलिसकर्मी दिए गए थे,जो की अब वापस रामपुर पुलिस लाइन में बुला लिया गया है,इसके बाद भी आजम की वाई श्रेणी की सुरक्षा पर अब आगामी 18 जुलाई को राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।आप को बता दे की आज़म खान रामपुर से 10 बार के विधायक रह चुके हैं,2019 के लोकसभा चुनाव में आज़म खान ही सपा-बसपा के लोकसभा प्रत्याक्षी भी थे,

    उत्तर प्रदेश सरकार ने आज़म खान की Y श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली हैं !
    उत्तर प्रदेश सरकार ने आज़म खान की Y श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली हैं !

    वही आपकी जानकारी के लिए बता दे की 2019 में जब आज़म खान 10वी बार रामपुर के विधायक बने थे तो उसके बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था, वही इससे पहले भी एक बार और अज़ाम खान को Hate Speech मामले में अक्टूबर 2022 में दोषी करार देते हुए 3 साल कैद और 6,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी, इसके बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया था !

     

  • अमेरिका ने तोड़ा यूक्रेन का सपना कहा ‘यूक्रेन को NATO में जोड़ना जल्दबाज़ी’

    अमेरिका ने तोड़ा यूक्रेन का सपना कहा ‘यूक्रेन को NATO में जोड़ना जल्दबाज़ी’

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    यूक्रेन और रूस के युद्ध को 502 दिन हो चुके हैं फिर भी ये युद्ध दिन-प्रतिदिन और भी घातक होता जा रहा हैं,पुतिन की ज़िद के सामने यूक्रेन झुकता दिख रहा हैं,इस बीच एक ऐसी खबर सामने आ रही हैं,खबर के अनुसार अमेरिकन राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा की ‘अभी यूक्रेन को NATO में शामिल करना जल्दबाज़ी होगी’,जिसको सुन यूक्रेनी सरकार पर गाज गिर गयी हैं !

    अमेरिका ने तोड़ा यूक्रेन का सपना कहा 'यूक्रेन को NATO में जोड़ना जल्दबाज़ी'
    अमेरिका ने तोड़ा यूक्रेन का सपना कहा ‘यूक्रेन को NATO में जोड़ना जल्दबाज़ी’

    अमेरिका ने तोड़ा यूक्रेन का NATO में शामिल होने का सपना ….. 

    पिछले 502 दिनों से चल रहे यूक्रेन और रूस के युद्ध,में जंहा यूक्रेन अपने आप को रूस की ज़िद्द के सामने खड़ा करे हुए था अब लगता हैं की उसका मनोबल टूट सकता हैं?क्युकी यूक्रेन का NATO में शामिल होने का सपना टूटता देख रहा हैं आप को बतादे की CNN के साथ एक इंटरव्‍यू में अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि ‘यूक्रेन, नाटो में शामिल होने के लिए अभी तैयार नहीं है’। आगे बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन को रूस के साथ जारी यूक्रेन युद्ध को खत्‍म करने की आवश्यकता हैं, तभी नाटो इस बारे में कुछ सोच सकता हैं।

    बाइडन इंटरव्यू में कहते हैं, ‘मुझे नहीं लगता युद्ध के बीच में नाटो में इस बात पर आम सहमति नहीं हैं कि यूक्रेन को नाटो में लाया जाए या नहीं। हम नाटो क्षेत्र के हर इंच को अपने कब्जे में लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एक प्रतिबद्धता है जिसे हम सभी ने निभाया है, चाहे कुछ भी हो। अगर युद्ध चलता रहेगा तो हम सभी युद्ध में हैं।’ जो बिडेन ने कहा की मैंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात करली हैं और ये भी बता दिया हैं की जब तक यूक्रेन NATO में शामिल होने के काबिल नहीं हो जाता वह उसे हथियार और असला देता रहेगा, इंटरव्यू में आगे बढ़ते हुए कहा की “मुझे लगता हैं कि हमें यूक्रेन को नाटो में शामिल होने के योग्य बनाने के लिए एक तर्कसंगत रास्ता तैयार करना होगा। नाटो हमेशा से खुले दरवाजे वाली नीति का पालन करता आया है।”

    CNN के साथ एक इंटरव्‍यू में अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन

    CNN के साथ एक इंटरव्‍यू में अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन

    क्या हैं वोलोदिमीर जेलेंस्की कि माँग …. 

    यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की ये मांग लंबे समय से रही हैं कि यूक्रेन को नाटो में शामिल किया जाये,,इसी मांग के चलते जेलेंस्की चाहते हैं की अगले सप्ताह लिथुआनिया में होने वाली NATO सदस्य देशों की समिट में यूक्रेन को स्पष्ट नाटो सदस्य घोषित किया जाये आप को बतादे की इस समिट में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी शामिल होंगे।

    वही बीते 7 जुलाई को वोलोदिमीर जेलेंस्की टर्की गए थे वंहा वो टर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन से मिले उन्होंने यूक्रेन के नाटो की सदस्यता के दावे का समर्थन करने के साथ ही रूस-यूक्रेन खाद्यान्न निर्यात समझौते को जारी रखने के लिए प्रयास करने की बात कही थी।

    वोलोदिमीर जेलेंस्की टर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन से मिले
    वोलोदिमीर जेलेंस्की टर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन से मिले

    आप को बता दे की रूस-यूक्रेन खाद्यान्न निर्यात समझौता प्रमुख खाद्य सामग्रियों और वस्तुओं के अग्रणी आपूर्तिकर्ता देश हैं जिनमें गेहूँ, मक्का और सूरजमुखी के तेल जैसा सामान शामिल है,वही साथ ही रूस, उर्वरकों का शीर्ष वैश्विक निर्यातक देश भी हैं,यदि ये खाद्यान्न निर्यात समझौता टूटता हैं तो दुनिया में भारी अनाज की किलत पैदा हो सकती हैं,इसी को लेकर टर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन एक प्रेसवार्ता में कहा के “17 जुलाई को खत्म हो रहे खाद्यान्न निर्यात समझौता दुनिया पर संकट ला सकता हैं,यह समझौता विश्व में खाद्यान्न की उपलब्धता और उसके मूल्यों में स्थिरता बनाए रखने के लिए जरूरी है।

    वही साथ ही आपको बता दे की यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की मौजूदगी में टर्की ने मारीपोल की लड़ाई में आत्मसमर्पण करने वाले पांच कमांडरों को रिहा किया और उन्हें यूक्रेन जाने की अनुमति भी दे दी। सभी पांच कमांडरों को लेकर जेलेंस्की विमान से कीव लौट आए हैं साथ जेलेंस्की ने पांचो कमांडरों के साथ तस्वीर भी साझा की। वही इस बात को लेकर रुस ने कड़ा विरोध जताया और इसे कैदियों की रिहाई के लिए टर्की की मध्यस्थता वाले त्रिपक्षीय समझौते को तोडना बताया ! समझौतें के अनुसार, इन कमांडरों को टर्की में ही रखना था और युद्ध के दौरान इनकी यूक्रेन वापसी नहीं भेजना था।रूस का कहना हैं की ये काम टर्की ने बिना किसी जानकारी के किया,

    मारीपोल की लड़ाई में आत्मसमर्पण करने वाले पांच कमांडरों को रिहा किया
    मारीपोल की लड़ाई में आत्मसमर्पण करने वाले पांच कमांडरों को रिहा किया

    क्या अमेरिका ने दिया यूक्रेन को धोखा ?

    आपको बता दें कि यह कोई नया नहीं है की बाइडेन ने यूक्रेन को लेकर ऐसी बातें कही हैं। बीते महीने जून में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता दिलाने के लिए हम कोई स्पेशल इंतजाम नहीं करेंगे। यूक्रेन को इस बात के लिए हम पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।वही आप को बताते चले कि यूक्रेन की नाटो सदस्यता को लेकर अमेरिका का रुख हाल में ही बदला है।

    खारेस्ट में वर्ष 2008 में हुए नाटो के शिखर सम्मेलन में पहली बार यूक्रेन को नाटो का हिस्सा बनाने पर सहमति जताई गई थी
    खारेस्ट में वर्ष 2008 में हुए नाटो के शिखर सम्मेलन में पहली बार यूक्रेन को नाटो का हिस्सा बनाने पर सहमति जताई गई थी

    आप को याद करा दे की पहले अमेरिका ने कहा था की वह यूक्रेन के नाटो सदस्य बनने में आने वाली सारी बड़ी चुनौतियों को हटा देगें।वही यूक्रेन में नाटो को शामिल करने की मांग कोई नयी नहीं हैं। खारेस्ट में वर्ष 2008 में हुए नाटो के शिखर सम्मेलन में पहली बार यूक्रेन को नाटो का हिस्सा बनाने पर सहमति जताई गई थी।इस दौरान नाटो के हर मेंबर ने यूक्रन को गठबंधन में शामिल करने पर सहमति जताई थी। हालांकि 15 साल बाद भी यूक्रेन का नाटो मेंबर बनने का सपना अधूरा ही हैं।

  • खालिस्तानी Vote bank पर भारतीय विदेश मंत्री और कनाडा सरकार में तनातनी !

    खालिस्तानी Vote bank पर भारतीय विदेश मंत्री और कनाडा सरकार में तनातनी !

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    उत्तरी अमेरिकी देश कनाड़ा आज कल कट्टरपंथी खालिस्तानियों के लिए सबसे सुरक्षित जगह बनता जा रहा हैं,वहा खलिस्तानियों को आये दिन सड़को पर रैली करते देखा जाता हैं,और साथ ही वहा रह रहे भारतीयों पर हमला होना भी आम बात हो गयी हैं,देर-सवेर इसी तरह की खबर आती रहती हैं,हाल के बीते दिनों में जब भारतीय विदेश मंत्री से इस सम्बन्ध में किसी प्रेस वार्ता में पूछा गया तो उन्होंने कनाडाई सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की “कनाडा सरकार को सिर्फ वोट बैंक की पड़ी हैं !

    कनाडा बना खालिस्तानियों का गढ़ !

    भारत से सबसे ज़्यादा पंजाबी और हरियाणा के लोग कनाडा में जाते हैं एक बेहतर ज़िन्दगी और ज़्यादा बेहतर अवसरो के लिए,पर अब लगता हैं की कनाड़ा धीरे-धीरे एक कटरपंथी खालिस्तानियों का देश बनता जा रहा हैं,जँहा दिन पर दिन खालिस्तानी आतंकवाद अपने पैर जमाता जा रहा हैं,बीते 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं बरसी पर कनाड़ा के Brampton में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की एक जाँखी निकाली जिसमे उन्हें,उनके सरदार सुरक्षा गॉर्डओ द्वारा उनकी मृत्यु का दृश्य दिखया गया था,

    कनाडा बना खालिस्तानियों का गढ़ !
    कनाडा बना खालिस्तानियों का गढ़ !

    आपको बता दे की उनके सुरक्षा गॉर्ड भी खालिस्तानी समर्थक थे,वही दूसरी घटना की बात करे तो पिछले साल खालिस्तान समर्थकों के ऑर्गनाइजेशन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने कई देशों में खालिस्तान के समर्थन में जनमत संग्रह कराया था। कनाडा में 18 सितंबर ये जनमत संग्रह कराया गया था। इसमें पूछा गया था – क्या आप भारत से अलग खालिस्तान देश चाहते हैं?

    जब ‘वारिस-पंजाब’ दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह फरार था तो उसी दौरान कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय दूतावास में तिरंगा उतार दिया था और उसकी जगह पर खालिस्तानी झंडा लगा दिया था। कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की ऐसी हरकत पर भारत ने कड़े शब्दों में निंदा की थी और भारत में कनाडा के राजदूत को तलब भी किया था।

    कनाडा सरकार को क्यों हैं खालिस्तानीयो की चिंता !

    आपको बता दे की पिछले महीने विदेश मंत्री S Jai.Shankar ने एक प्रेस वार्ता में कहा था की “कनाडा में खालिस्तानियों की हरकतें इसलिए बढ़ रही हैं, क्योंकि वो वोट बैंक की सियासत का हिस्सा हैं” इसके बाद आपको बता दे की बीते मंगलवार को कनाडा की फॉरेन मिनिस्टर मेलेनी जोली ने बयान जारी कर कहा – “हम वियना कन्वेंशन का हिस्सा हैं। लिहाजा, भारत के डिप्लोमैट्स की सिक्योरिटी के मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय ने भी ऐसा ही बयांन जारी किया।आपको बता दे की ऑस्ट्रेलिया में भी खालिस्तानी समर्थक लोग खुले में भारत के झंडे को जलाते हैं,,इसी साल के फरवरी में खालिस्तानी समर्थकों ने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय दूतावास पर हमला किया था,जिसको लेकर भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिआई सरकार को चेताया था!

    कनाडा सरकार को क्यों हैं खालिस्तानीयो की चिंता !
    कनाडा सरकार को क्यों हैं खालिस्तानीयो की चिंता !

    जानकारी के अनुसार जस्टिन ट्रूडो की सरकार को NDP(New democratic party) का समर्थन प्राप्त है। इस पार्टी में ज़्यादातर खालिस्तानी समर्थक हैं। समर्थन मिले के कारण जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानीयों पर कुछ बोलने से बचते दिख रहे हैं और न ही खालिस्तानी करतपंथियों के खिलाफ कोई एक्शन ले रहे हैं।
    दुनिया में सबसे ज्यादा खालिस्तान के लिए फंड कनाडा और ब्रिटेन से आता हैं।बीते महीने जून में खालिस्तानी आतंकी ‘हरदीप सिंह निज्जर’ की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी थी। हरदीप आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का चीफ था।

    हरदीप आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का चीफ था।
    हरदीप आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का चीफ था।

    कनाडा में भारत के मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तानी समर्थक बौखला हुए थे। खालिस्तानी कटरपंथियो ने कनाडा के टोरंटो में जगह-जगह ‘Kill India’ नाम से पोस्टर लगा दिए थे। इस पोस्टर में जहां 8 जुलाई को ‘फ्रीडम रैली’ की जानकारी दी गई थी, वहीं निज्जर की हत्या के लिए दूतावास अधिकारियों को जिम्मेदार बताया गया हैं।

    क्या कहना हैं जस्टिन ट्रूडो का !

    जस्टिन ट्रूडो ने खिल कर दिया जवाब
    जस्टिन ट्रूडो ने खिल कर दिया जवाब

    इन सभी विवादों के बाद अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो का बयांन सामने आया हैं,जहाँ वे भारत के आरोपों से बचाव करते दिख रहे हैं, उन्होंने ओटावा में मीडिया से बातचीत के दौरान जवाब में कहा- “हमने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है और आगे भी ऐसा ही करेंगे”।आगे वो कहते हैं की भारत सरकार का ये आरोप ये गलत हैं की कनाडा सरकार आतंकवाद के खिलाफ नरम कदम उठा रहीं हैं,कनाडाई प्रधानमंत्री के मुताबिक, उनकी सरकार आतंकवाद को लेकर गंभीर है और यह सोचना गलत है कि खालिस्तान समर्थकों को लेकर उसका रवैया लचीला हैं।

    आगे इंटरव्यू देते वक़्त वो कहते हैं की कनाडा एक बहुत ही विविधताओं वाला देश है और यहां फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन यानी अभिव्यक्ति की आजादी भी है। लेकिन, ये भी साफ है कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वही भारत भी उन सभी देशो को चेता चूका हैं जहाँ-जहाँ खालिस्तानी कटरपंथियो ने भारतीय दूतावासो पर या भारतीयों पर हमला हुआ था !

  • पाकिस्तान को फिर मिली IMF से मदद !

    पाकिस्तान को फिर मिली IMF से मदद !

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    खबर आ रही हैं पडोसी मुल्क पाकिस्तान से जहाँ लगता हैं डूबते पाकिस्तान को तिनके का सहारा मिल गया हैं, और वो सहारा बना हैं IMF का 3 अरब डॉलर का क़र्ज़,अगर ये क़र्ज़ पाकिस्तान को नहीं मिलता तो वह कंगाल हो जाता अब उसे कुछ महीनो की राहत मिल गयी हैं, पर अभी हैं पाकिस्तान पर क़र्ज़ का पहाड़ !

    IMF का कर्ज हैं, पाकिस्तान की बड़ी मदद !

    IMF पाकिस्तान के उन हालातो में काम आया हैं जब वह दुनिया से उम्मीद छोड़ चूका था ,इसके मायने ये हैं कि अगर 30 जून तक यह डील नहीं हो पाती तो उसे नए सिरे से और नए पैकेज के लिए IMF से बातचीत करनी पड़ती और शायद तब तक तो पाकिस्तान दिवालिया हो जाता।इस Deal को done करने के लिए पाकिस्तान को 8 महीने तक IMF से बातचीत करनी पड़ी,बीते महीने प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ IMF की चीफ से मिलने 4 बार गए थे,जब जाकर कही IMF ने पाकिस्तान को 3 अरब रुपया का लॉन दिया !

     

    IMF का कर्ज हैं, पाकिस्तान की बड़ी मदद
    IMF का कर्ज हैं, पाकिस्तान की बड़ी मदद

    पाकिस्तानी मीडिया का कहना हैं की अभी ये डील पक्की नहीं हुई हैं,भले ही प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने इसकी घोषणा कर दी हैं, क्योकि इसका आखिरी फैसला IMF के बोर्ड मीटिंग में लिया जायेगा,पर ये पक्का हैं की ये पैसा पाकिस्तान को मिलेगा,बेहरहाल पाकिस्तान के खजाने में 3 अरब डॉलर तो आ ही जाएगें , Reports की माने तो 2019 में IMF के साथ पाकिस्तान की 2019 में कुल 6.5 अरब डॉलर के ‘बेलआउट पैकेज’ पर IMF से Deal हुई थी। ये Deal 30 जून 2023 को खत्म होने वाली थी।पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार एक अच्छी खबर यह हैं कि 2019 के Program के 2.5 अरब डॉलर बकाया थे, लेकिन अब IMF 3 अरब डॉलर दे रहा हैं। अब देखना ये होगा की सरकार इसका इस्तेमाल कैसे करती हैं !

    पाकिस्तान को कर्ज़ मिलने का फायदा !

    आपको बता दे की पाकिस्तान को इस साल के सितम्बर तक 17 Billion डॉलर का सूत चीन,सऊदी अरबी ,और UAE जैसे देशो को चुकाना हैं लेकिन अब उसे IMF से मिले कर्ज की वजह से क़र्ज़ चुकाने में राहत मिल जायेगी और शायद वे उसे नया कर्ज भी मिल जाये, क्युकी इन मुल्कों की शर्त ये थी कि अगर IMF पाकिस्तान को क़र्ज़ देता है तो ही इसके बाद ये देश फंड देंगे। यदि साफ़ शब्दो में कहे तो इन देशो को अपने पैसे की गारंटी चाहिए थी।

    पाकिस्तान को कर्ज़ मिलने का फायदा
    पाकिस्तान को कर्ज़ मिलने का फायदा

    इस डील के बाद पाकिस्तान इन पैसो से OIL, GAS, फूड प्रोडक्ट्स Import करा सकेगा और इसका सीधा फायदा पाकिस्तान में ऑक्टूबर में होने वाले आम चुनाव में शहबाज़ सरकार को होने की उम्मीद ज़्यादा दिख रही हैं क्योकि पाकिस्तान की महंगाई दर 40% बढ़ी हुई हैं,वही साथ ही आप को बता दे की जो दूसरे देश पकिस्तान को क़र्ज़ देंगे उनकी एक ही शर्त होगी की वो पैसा पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में ही रहेगा और यदि कुछ खरीदना भी हैं तो उसे उन देशो की Permission की जरुरत होगी !

    शुक्रवार को जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इस लोन की घोषणा की तो पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर इशाक डार भी मौजूद थे, शाहबाज़ शरीफ ने कहा की “जब भी किसी International leader से मिलता हूं, तो उसके Face को देखकर लगता हैं, जैसे उसे इस बात का डर हो कि मैं उनसे कर्ज मांगने ही आया हूं”

    पाकिस्तानी रुपया
    पाकिस्तानी रुपया

    पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज ने आगे कहा- “चीन की Commercial Bank ने हमें इस बुरे वक़्त में 5 अरब डॉलर का लोन दिया। सऊदी अरब भी जल्द ही 2 अरब डॉलर देगा। इसके अलावा UAE के साथ Islamic Development Bank भी हमे 1-1 अरब डॉलर देने का वादा कर चूका हैं।

    IMF ने पहले भी दी थी पाकिस्तान को नसीयत जब फरवरी में जब पाकिस्तान बिलकुल डिफ़ॉल्ट होने वाला था तभी पाकिस्तानी फाइनेंस मिनिस्टर इशाक डार ने एक बयां दिया और कहा की हम अपने फैसले खुद से ही करेंगे, IMF कौन होता हैं हम भाषण देने वाला ! उसी के जवाब में IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टलिना जियोर्जिवा ने कहा की पाकिस्तान पहले तो एक मुल्क की तरहा बर्ताव करे,पाकिस्तान एक बहुत ही खतरनाक जगह बनता जा रहा हैं,जहाँ सारा सिस्टम क़र्ज़ के पैसो से चल रहा हैं,IMF पाकिस्तान को क़र्ज़ देता हैं गरीबो की भलाई के लिए और पाकिस्तान उसे इस तरह से इस्तेमाल करता हैं जिससे मुल्क के अमीरो को ही फायदा होता हैं,उस पर इस वक्त 123 अरब डॉलर का कर्ज हैं। महंगाई दर 40% से ज्यादा हो चुकी हैं।

    पाकिस्तान की महंगाई दर 40% के पार
    पाकिस्तान की महंगाई दर 40% के पार

    ‘ग्रीक सिटी टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में IMF चीफ ने कहा :- हमने पाकिस्तान को कहा था की वो 2 चीज़ो पर ज़्यादा फोकस करे पहला हैं की वो अपने देश में Tax Collection बढ़ाये, आगे वो कहती हैं की बड़े ताजुब की बात हैं की पाकिस्तान में कुछ लाख लोग ही टैक्स देते हैं,दूसरा कहा की वो अपने देश की सब्सिडी Syestem को बदले,ये क्या तरीका हैं की IMF से क़र्ज़ लेकर जाते हैं और उसका फायदा पूरा अमीरो को होता हैं न की गरीबो को जिनको सही मायने में उस की ज़रुरत हैं !

  • पाकिस्तानियों ने तोड़े हिन्दू मंदिर ?

    पाकिस्तानियों ने तोड़े हिन्दू मंदिर ?

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    भारत और पाकिस्तान को अलग हुए 75 साल हो गए,वही भारत कहा से कहां पहुंच गया, पाकिस्तान लोकतांत्रिक देश बनकर भी एक इस्लामिक कटरवादी देश बन कर रह गया हैं, वही आप को बतादे की पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के अनुसार, 1947 में जब बंटवारा हुआ तब पाकिस्तान वाले हिस्से में 428 मंदिर मौजूद थे,लेकिन अब इनकी संख्या घट कर 22 रह गयी हैं…..

    पाकिस्तान में हिन्दू मंदिर की हालात जर्जर।

    पाकिस्तान एक इस्लामिक देश हैं और अपने आप को लोकतांत्रिक कहता हैं वही दूसरी तरफ वह अपने ही देश के हिन्दुओ पर ज़ुल्म करता हैं,जहाँ पाकिस्तान में बंटवारे से पहले 428 हिन्दू मंदिर थे अब वो संख्या केवल 22 रह गयी हैं,पाकिस्तानी Youtuber शोएब मलिक ने लोगों के साथ जाकर हिंदू मंदिरों की स्थिति का जायजा लेने की कोशिश की. इस दौरान उसने देखा की वहां की मंदिरों की स्थिति दयनीय है.जहाँ उन्होंने लोगो की भी राई ली और हिन्दू मंदिरों की जर्जर हालत को दिखाया,वही लेकिन अगर बात करें वहां के रहने वाले अल्पसंख्यकों की तो उनकी स्थिति बहुत ही ज़्यादा खराब हैं. वहां अल्पसंख्यकों के साथ उस तरह का व्यवहार नहीं किया जाता है, जिस तरह का भारत में होता है. खासकर हिंदू समुदाय के लोगों के साथ,

    हिंदू मंदिरों पर हमला !
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    पाकिस्तान के कश्मीर में नहीं बचे हिन्दू मंदिर ?

    वही आगे Youtuber शोएब मलिक की वीडियो में एक आदमी ने बताया की पाकिस्तान के कश्मीर में सिर्फ 3 ही हिन्दू मंदिर बचे हैं जो की 16-17 साल से ताला बंध हैं और न ही उनकी मर्मद की गयी हैं वहीं एक और बुर्जग ने कहा कि कश्मीर में मंदिरों के अंदर किसी भी भगवान की मूर्तियां मौजूद नहीं है. कश्मीर की मंदिरों को यहां के ही मुसलमानों ने तोड़ा है. कई लोग लाहौर से आकर मंदिर तोड़कर चले गए,

    पाकिस्तानी इस्लामिक कट्टरपंथी लोगों ने मंदिर की दीवारों को ध्वस्त किया !
    पाकिस्तानी इस्लामिक कट्टरपंथी लोगों ने मंदिर की दीवारों को ध्वस्त किया !

    आपको आकंड़ो के अनुसार बताये तो 1990 के दौरान लगभग 408 मंदिरों को साफ़ करके , होटल, सरकारी स्कूल या मदरसे में बदल दिया गया, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने साल 2020 में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में श्रीकृष्ण मंदिर का निर्माण शुरू करवाया था तो उसे कई पाकिस्तानी इस्लामिक कट्टरपंथी लोगों ने मंदिर की दीवारों को ध्वस्त कर दिया ! एक तरफ भारत हैं जहाँ हमारे देश के अल्पसंख्याक खुली आज़ादी के साथ जीते हैं !

  • New Zealand पर आया चूहा संकट !

    New Zealand पर आया चूहा संकट !

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    वैसे तो New Zealand मशहूर हैं अपने सुन्दर पहाड़ो और सुन्दर-सुन्दर Beaches के लिए, पर आज कल New Zealand परेशान हैं छोटे-छोटे चूहों से, जी हां, क्युकी वह चूहों की आबादी इतनी बढ़ गयी हैं की वहा की सरकार ने चूहों को खत्म करने का अभियान चलाया हैं, चूहों की वजह से वहा के अन्य जीव-जंतु और वहा के राष्ट्र पक्षी कीवी का अस्तित्व ख़तरे में पढ़ सकता हैं,

    कैसे फैलते गए चूहे  ?

    वैसे तो New Zealand एक द्वीप देश हैं जो की चारो और से पानी से घिरा हुआ हैं, यह चूहे आये जहाजों से,यूरोप से न्यूजीलैंड के द्वीपों तक आने वाले जहाजों के साथ चूहे भी यहां पहुंच गए। और जैसे ही उन्हें सही वक़्त और समय मिला उन्होंने अपनी आबादी बढ़ानी शुरू कर दी,और धीरे-धीरे वे पुरे द्वीप पर फ़ैल गये अब सारे द्वीप पर चूहे ही चूहे हो गए हैं, ये खेतों में खड़ी फसल को ख़राब कर देते हैं और अनाज की बोरियो को चट कर जाते हैं जिसकी वजह से दूसरे जीव जंतु और इंसानों के सामने खाने की समस्या खड़ी हो गयी हैं जिस कारण से New Zealand सरकार ने इन चूहों से छुटकारा पाने का तरीका ढूंढ रही हैं,

    Rats in New Zealand
    Rats in New Zealand

    बढ़ते चूहों की वजहा से वहा के अन्य जीवो को पेटभर के खाना नहीं मिल रहा हैं, जिस कारण से New Zealand के राष्ट्र पक्षी कीवी की जनसंख्या लगातार गिरती जा रही हैं,आंकड़ो की मानें तो अभी वहा केवल 70,000 कीवी ही बचे हैं अगर चूहों की बढ़ती जनसख्या को नहीं रोका गया तो,उनका अस्तित्व संकट में पड़ जायेगा ! सरकार ने ये ऐलान भी किया हैं कि 2050 तक देश से चूहों को पूरी तरह से साफ़ कर दिया जाएगा। इसी के लिए 2016 में तत्कालीन New Zealand प्रधानमंत्री जॉन हावर्ड ने नेशनल पॉलिसी भी बनाई थी।

    कितने खतरनाक हैं चूहे ?

    कई Experts का कहना हैं की सरकार के इस लक्ष्य को प्राप्त करना नामुमकिन हैं क्युकी इतने बड़े क्षेत्र में चूहों को साफ करना आसान नहीं होगा, साथ ही बता दे की इस के खिलाफ कोई भी आवाज नहीं उठी हैं, पर्यावरण कार्यकर्ता और पशु प्रेमी भी चूहों के खात्मे के अभियान में सरकार का साथ दे रहे हैं।
    सरकार के इस अभियान में आम जनता भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं,कई शहरों में ये Compitition रखे जाते है की कौन ज़्यादा चूहें मारेगा उसके लिए लोग Net, ज़हर, अन्य प्रकार के उपकरण लेकर इन प्रतियोगिताओ में शामिल होते हैं,Schools में भी बच्चो के लिए इसी तरह की Activity रखी जाती हैं जिसमे वो चूहें पकड़ना सख्ते हैं,

     

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    ऐसा माना जाता हैं की चूहों की सर्वाइव करने की क्षमता सभी जीवों में सबसे ज्यादा होती हैं,वे भूख लगने पर कुछ भी खा लेते हैं पुराने समय में जब चूहें पानी के जहाजों में बहुत समय तक फसे रहते थे तो उन्हें खाने की कमी हो जाती थी तो वो इंसानो को ही कुतरना शुरू कर देते थे, वो कही भी रह सकते हैं,ज़्यादातर वो गन्दी और अन्धेरीभरी जगह पर रहना पसंद करते हैं जँहा सूरज की रोशनी नहीं पहुँचती जिस कारण से वे बीमारी फ़ैलाने वाले कीटाणु के सम्पर्क में रहते हैं, प्लेग जैसी खतरनाक बीमारी चूहों की वजहा से फैली थी !

  • पुतिन के खिलाफ बग़ावत होने के बाद यूक्रेन युद्ध में आया मोड़ !

    पुतिन के खिलाफ बग़ावत होने के बाद यूक्रेन युद्ध में आया मोड़ !

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    पुतिन के खिलाफ छिड़ा विद्रोह अब शांत होता दिख रहा हैं, वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन का कहना हैं की उन्होंने रूस या पुतिन के खिलाफ कोई भी विद्रोह नहीं छेड़ा था, रूसी मीडिया के अनुसार इस विद्रोह के पीछे अमेरिकन एजेंसी CIA का हाथ बताया जा रहा हैं ! साथ ही इस घटना के बाद NATO देश भी युद्ध से दूरी बनाते दिख रहे हैं !

    CIA का हाथ पुतिन के खिलाफ !

    बीते दिनों में रूस में तख्तापलट की खबरों के बिच अब तस्वीर साफ होती दिख रही हैं, रूसी मीडिया की रिपोर्ट्स की माने तो रूस के तख्तापलट के पीछे अमेरिका की खुफ़िआ एजेंसी CIA का हाथ बताया जा रहा है,मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वैगनर ने अचानक ही पुतिन के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला था बल्कि बताया ये जा रहा है की CIA और वैगनर ग्रुप के बिच एक गुप्त मीटिंग हुई जिसमे इस तख्तापलट की प्लानिंग की गयी , साथ ही NATO देशो की भी इसके अंदर मिलीभगत थी ,लेकिन अब लगता है की उनका पासा यूक्रेन के हक्क में न गिरते हुए रूस के हक्क में गिर गया हैं, पुरे यूरोप मे अब यूक्रेन को मदद न करने की मांग उठ रही हैं ,इस विद्रोह की वजह से वैगनर पर अमेरिका मेहरबान नज़र आ रहा हैं उसने वैगनर को कई तरह की रिआयत भी प्रदान करी !

    चीफ येवगेनी प्रिगोजिन vs पुतिन
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    यूरोप और अमेरिका के हटते कदम !

    रूस और यूक्रेन के युद्ध को शुरू हुए 16 महीने से ज़्यादा हो चुके है इसी बीच पुतिन के खिलाफ बग़ावत होने के बाद यूक्रेन युद्ध में आया है बड़ा मोड़ कई नाटो देश अब युद्ध से पीछे हटते दिख रहे हैं, वही कई देश जो युद्ध में यूक्रेन को मदद कर रहे थे अब उन्होंने मदद करने से पीछे हटता देखा जा रहा हैं , वही यूरोप के देश नीदरलैण्ड में भारी विद्रोह देखा जा रहा हैं वहा की जनता मांग कर रही हैं की यूक्रेन को युद्ध में मदद न की जाये, वही जर्मनी ने यूक्रेन को तय वादे के अनुसार F-16 जेट फाइटर प्लान देने से इंकार कर दिया हैं! वही अमेरिकन संसद में भी यूक्रेन की मदद करने के खिलाफ आवाज उठी हैं, अमेरिका ने अपने सबसे मजबूत ड्रोन में से एक ‘ग्लोबल हॉक’ को यूक्रेन की निगरानी के काम पर लगया हैं,खबरों की माने तो अमेरिका ने Black Sea में 4, RE-4 ‘ग्लोबल हॉक’ को तेहनात किया हैं,ये जानकारी सार्वजनिक नहीं हैं की वो जानकारी यूक्रेन को दे रहा हैं या वह खुद ही रूस के सैना पर नज़र रखे हुए हैं !

    पुतिन और रूस के रक्षामंत्री Sergei Shoigu
    पुतिन और रूस के रक्षामंत्री Sergei Shoigu

    कितना है पुतिन की कुर्सी को खतरा ?

    यूरोप की मीडिया के द्वारा दवा किया जा रहा हैं, की पुतिन की ताकत कम होती जा रही हैं, क्योकि ऐसा पहली बार हुआ हैं की पुतिन के खिलाफ किसी ने तख्तापलट की कोशिश की हैं, ये भी कहा जा रहा हैं की यदि पुतिन अगर कमजोर होते तो वो सिर्फ 18 घंटो में विद्रोह को कैसे शांत करा देते, दूसरी और ये भी कयास लगाए जा रहे हैं की दूसरी बार भी विद्रोह हो सकता हैं क्योकि वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन रूस को छोड़ कर उसी के पड़ोसी देश बेलारूस चले गए हैं और अनुमान ये लगाया जा रहा हैं की वो वह से ही पुतिन के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं,साथ ही जो सैनिक विद्रोह में शामिल थे उन्मे से किसी भी सैनिक पर मुकदमा नहीं चले गा ! रूस के रक्षामंत्री Sergei Shoigu जिनको लेकर माना जा रहा हैं जिनकी वजह से इस विद्रोह की शुरूआत हुई थी,उन पर बार-बार ये आरोप लगता रहा हैं की वो सेना को ठीक से मैनेज नहीं कर पा रहे हैं,पुतिन ने उन्हें हटाया नहीं हैं !

  • दुनिया में छाया मोदी राज, पाकिस्तान हो रहा रोटी को मोहताज !

    दुनिया में छाया मोदी राज, पाकिस्तान हो रहा रोटी को मोहताज !

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    एक और प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका और मिस्र जैसे देशो का दौरा कर दुनिया में भारत का नाम ऊँचा कर अपने देश वापस लौट आये है, अमेरिका से वो सैन्य और आर्थिक ताकत बढ़ाने की बेहतर Deals लाये वही साथ ही मिस्र से उन्हें वह का सर्वोच्च सम्मान “ORDER OF THE NILES” मिला वही दूसरी और पाकिस्‍तानी पीएम शहबाज शरीफ अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष(IMF) फ्रांस गए हुए थे,पाकिस्तान की जनता ने भी कहा औकात पता चल गई !

    कहा पाकिस्तान और कहा हिंदुस्तान !

    जिस समय भारतीय प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के दौरे पर दुनिया को हिंदुस्तान की कूटनीति का लोहा मनवा रहे थे, वही दूसरी और उसी समय पाकिस्‍तानी पीएम शहबाज शरीफ पेरिस में थे।वो वहा अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष(IMF) के मुखिया क्रिस्‍टीना जर्जिवा से मिलने गए हुए थे। शहबाज अपने डूबते हुए देश पाकिस्तान के लिए मदद मांगते भी देखे गए। वह वहा कहने लगे कि अंतरराष्‍ट्रीय संगठन युद्ध पर तो करोड़ों खर्च कर देंगे लेकिन पाकिस्‍तान की मदद नहीं करेंगे। इस बात के लिए वे Internet पर जमकर ट्रोल हो गए।लोग इंटरनेट पर कहने लगे की कहा पाकिस्तान और कहा हिंदुस्तान ! पाकिस्तानी लोगो की यूट्यूब पर ऐसी हज़ारो वीडियो मिल जाएगी जिसमे वो मोदी जी के काम को कबीले तारीफ़ बता रहे हैं, वही अपने खुद के प्रधानमंत्री को धिकार रहे हैं !

    पाकिस्‍तानी PM शहबाज शरीफ WITH IMF CHIEF क्रिस्‍टीना जर्जिवा

    पाकिस्‍तानी PM शहबाज शरीफ WITH IMF CHIEF क्रिस्‍टीना जर्जिवा

    छात्ते को लेकर हुए Troll शहबाज शरीफ !

    शहबाज शरीफ ने ऐसा कुछ कर दिया के वो इंटरनेट पर ट्रोलन हो गए जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री पेरिस में IMF के दफ्तर के बाहर पहुँचे तो बारिश हो रही थी मेहमानो के स्वागत के लिए वहा पर बाहर सहायक कर्मी छात्ते लेकर के खड़े थे, जब पाकिस्तानी PM गाड़ी से उतरे तो उन पर वहा खड़ी सहायक कर्मी ने छत्तरी तान दी शहबाज शरीफ छात्ते में आने की वजाये छात्ता लेकर चल दिए और साथ खड़ी सहायक कर्मी को बारिश में ही छोड़ दिया,इसी हरकत की वजह से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को जम कर Troll किया गया ! कुछ महिलाओ ने पाकिस्तानी Youtubers को इंटरव्यू देते हुए कहा की ये पूरी दुनिया पर एक गलत छाप छोड़ेगा के क्या पाकिस्तान में महिलाओ से इस तरह ही पेश आया जाता हैं !

    शहबाज शरीफ VIRAL VIDEO
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    पाकिस्तान मे भी बजता हैं मोदी का डंका !

    पाकिस्तान के यूट्यूब चैनल Real entertainment tv पर मोदी और शहबाज के बिच के फर्क पर बात करते हुए वीडियो हैं जिसमे एक युवक भारतीय कूटनीति की तारीफ़ कर रहा हैं,आगे इंटरव्यू में वो भारत के रूस-यूक्रेन युद्ध पर रुख की बात करते हुए तारीफ़ की,साथ उन्होंने विदेशमंत्री Dr S.जयशंकर की भी जम कर तारीफ़ की और कहा के राजनेता हो तो ऐसे हो, साथ ही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भी Dr.S जयशंकर की तारीफ करते हुए कहा की इसे कहते हैं आज़ाद मुल्क ! एक और युवक ने कहा कि भारत हर क्षेत्र में पाकिस्‍तान से आगे निकल चुका हैं। शिक्षा और या Trade, हर जगह भारत का डंका बजता है। Elon Musk भी टेस्‍ला को India में Launch करने जा रहे हैं। Covid-19 में PM मोदी ने अपने देश को सुरक्षित किया और साथ ही दूसरे गरीब देशों की भी मदद की।इन्ही बातो से दोनों देशो के बीच फ़र्क चलता जाता हैं !