Category: स्वास्थ्य

  • भारत में कोरोना के 7,495 नए मामले, ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या 236 हुई

    भारत में कोरोना के 7,495 नए मामले, ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या 236 हुई

    नई दिल्ली | केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) ने गुरुवार सुबह कहा कि भारत में पिछले 24 घंटों में 7,495 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए हैं और 434 लोगों की मौत हुई है। ताजा मौतों के साथ, मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,78,759 हो गई है।

    इस बीच, पूरे देश में ओमिक्रॉन संक्रमण की संख्या 236 हो गई है। हालांकि, ओमिक्रॉन से पॉजिटिव कुल 104 लोगों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि अब तक 16 राज्यों ने ओमिक्रॉन संक्रमण की सूचना दी है।

    पिछले 24 घंटों में 6,960 रोगियों के ठीक होने से कुल रिकवर होने वाले रोगियों की संख्या बढ़कर 3,42,08,926 हो गई है। नतीजतन, भारत की रिकवरी दर 98.40 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद सबसे अधिक है।

    भारत का सक्रिय मामले वर्तमान में 78,291 पर है। सक्रिय मामले देश के कुल पॉजिटिव मामलों का 0.23 प्रतिशत हैं, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है।

    साथ ही इसी अवधि में देशभर में कुल 12,05,775 टेस्ट किए गए। भारत ने अब तक 66.86 करोड़ से अधिक परीक्षण किए हैं।

    पिछले 24 घंटों में वैक्सीन की 70,17,671 खुरों दी गई हैं, जिससे भारत का कोविड टीकाकरण कवरेज 139.70 करोड़ तक पहुंच गया है।

  • भारत को कोविड की नई विश्व व्यवस्था के बाद विश्व नेता के रूप में उभरना चाहिए : पीएम

    भारत को कोविड की नई विश्व व्यवस्था के बाद विश्व नेता के रूप में उभरना चाहिए : पीएम

    नई दिल्ली | प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को आजादी का अमृत महोत्सव पर राष्ट्रीय समिति की दूसरी बैठक को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत को कोविड की नई विश्व व्यवस्था के बाद विश्व नेता के रूप में उभरना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली में आजादी का अमृत महोत्सव पर राष्ट्रीय समिति की दूसरी बैठक को संबोधित किया। बैठक में लोकसभा अध्यक्ष, राज्यपालों, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राजनीतिक नेताओं, अधिकारियों, आध्यात्मिक नेताओं, कलाकारों और फिल्म हस्तियों और अन्य क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों सहित राष्ट्रीय समिति के विभिन्न सदस्यों ने भाग लिया। सचिव संस्कृति गोविंद मोहन ने आजादी का अमृत महोत्सव की गतिविधियों की समीक्षा पर प्रस्तुति दी।

    इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऐसे समय में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं जब पूरी दुनिया कोविड संकट से गुजर रही है और हम भी इससे अछूते नहीं हैं। संकट ने हम सभी को नया सबक सिखाया है और मौजूदा ढांचे को तोड़ दिया है जिससे कोविड के बाद के युग में एक नई विश्व व्यवस्था का उदय होगा। इसलिए, जैसा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं, हमें भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका की परिकल्पना करनी चाहिए।

    प्रधान मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह 2047 पर अपनी नजरें जमाने का एक उपयुक्त समय है, जब देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा। यह उस समय है जब वर्तमान पीढ़ी मामलों की कमान संभालेगी और देश का भाग्य उनके हाथों में होगा। इसलिए, यह तय करना महत्वपूर्ण है कि हमें अभी उनमें क्या शामिल करना चाहिए, ताकि वे भविष्य में देश के लिए बड़ा योगदान दे सकें। प्रधान मंत्री ने आगे विस्तार से बताया कि वर्तमान पीढ़ी के लिए राष्ट्र निर्माण में सार्थक योगदान देने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम उन्हें एक बेहतर भारत बनाने के लिए कर्तव्य के महत्व के बारे में बताएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने हमेशा अपने अधिकारों पर जोर दिया है और संघर्ष किया है, लेकिन अपने कर्तव्यों का पालन करने में महानता है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम धार्मिक रूप से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं तभी हम दूसरों के अधिकारों को स्वत: सुनिश्चित कर पाते हैं। इसलिए जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं, कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और देश के लिए सार्थक योगदान देने का संकल्प हमारा मुख्य संकल्प होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव युवाओं में कर्तव्य की भावना का बीज बोएगा।

    प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि वर्तमान पीढ़ी एक नया भविष्य बनाने की प्रेरणा से भरी हुई है। लेकिन यह याद रखना चाहिए कि भविष्य हमेशा अतीत की गोद में होता है। यह इस प्रकाश में है कि हमें अपने पूर्वजों को नहीं भूलना चाहिए। जिन्होंने देश के लिए अपने युवाओं, अपने जीवन और अपने परिवारों का बलिदान दिया है। प्रधानमंत्री ने सभी सदस्यों से अपील की कि अमृत महोत्सव के उत्सव में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए काम करते हुए, हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों को सम्मान देने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।

    प्रधान मंत्री ने कहा कि जैसा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं, हमें 2047 के लिए अपने लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए एक केंद्रित ²ष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

    समिति के सदस्यों ने आजादी का अमृत महोत्सव के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए अमृत महोत्सव के तहत उनके द्वारा की गई गतिविधियों का अवलोकन किया और अभियान को और मजबूत करने के लिए अपने सुझाव और इनपुट भी दिए। अपने स्वागत भाषण में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अभियान के उद्देश्यों और पांच स्तंभों के बारे में जानकारी दी। अपने समापन भाषण में उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय समिति के सदस्यों को अपना बहुमूल्य सुझाव और समय देने के लिए आभार व्यक्त किया।

  • आईआईएम-एल ने स्वास्थ्य प्रबंधन पर शुरू किया कार्यक्रम

    आईआईएम-एल ने स्वास्थ्य प्रबंधन पर शुरू किया कार्यक्रम

    लखनऊ | भारतीय प्रबंधन संस्थान लखनऊ (आईआईएम-एल) ने अपोलो मेडस्किल्स के सहयोग से स्वास्थ्य प्रबंधन में एक कार्यकारी कार्यक्रम शुरू किया है। कोविड महामारी के बीच स्वास्थ्य सेवा पर अधिक ध्यान देने के साथ, इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में तेजी से बढ़ते स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए प्रबंधकीय बल विकसित करना है।

    आवेदन करने के लिए न्यूनतम योग्यता 60 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक और स्वास्थ्य क्षेत्र में दो साल का अनुभव या किसी भी क्षेत्र में तीन साल का अनुभव होना अनिवार्य है।

    आईआईएम-एल के अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में योग्य चिकित्सा, नसिर्ंग, निदान और प्रबंधकीय कर्मचारियों की गंभीर कमी के कारण देखभाल वितरण एक बड़ी चुनौती बन जाने के बाद इस तरह के पाठ्यक्रम की आवश्यकता महसूस हुई।

    वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल पर चर्चा, भारतीय स्वास्थ्य परि²श्य पर जोर, सार्वजनिक स्वास्थ्य के ²ष्टिकोण और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली प्रशासन पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे।

    अपोलो मेडस्किल्स लिमिटेड के सीईओ डॉ श्रीनिवास राव पुलिजला ने कहा, “यह उन सैकड़ों युवाओं के करियर का पोषण और आकार देगा जो स्वास्थ्य सेवा उद्योग में नेतृत्व की भूमिका निभाने की इच्छा रखते हैं।”

  • मंत्र एप पर होगी गर्भवती / धात्री व नवजात के सेहत की पूरी कुंडली

    मंत्र एप पर होगी गर्भवती / धात्री व नवजात के सेहत की पूरी कुंडली

    गर्भवती व नवजात शिशु की सेहत की निगरानी में होगी आसानी

    मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में मिलेगी सहायता

    चिकित्सकीय परामर्श में मिलेगी सुविधा, चिकित्सक को मिल सकेगी महिला व बच्चे की बीमारी की आनलाइन जानकारी
    नोएडा, 19 दिसम्बर 2021। सरकार समस्त योजनाओं को पेपरलेस कर डिजिटलीकरण की तरफ बढ़ रही है। इसी कड़ी में मातृ एवं नवजात ट्रैकिंग एप्लीकेशन (मंत्र) लांच किया गया है। इस एप पर ऑनलाइन डाटा फीडिंग हो जाने से प्रसूता के स्वास्थ्य की निगरानी तो होगी ही साथ ही अस्वस्थ, कमजोर शिशुओं की जानकारी आसानी से प्राप्त कर उनका समय से इलाज किया जा सकेगा। इससे आने वाले समय में कुपोषण में कमी के साथ ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी लायी जा सकेगी। यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डा. भारत भूषण ने दी।
    डा. भारत भूषण ने बताया- इस एप के संचालन से जुड़ी हर जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला स्तर पर प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। अब इसे ब्लाक स्तर पर दिया जाना है। उन्होंने बताया – अब सभी स्वास्थ्य केंद्रों और उप केंद्रों पर स्टाफ नर्स और एएनएम के द्वारा प्रसव के बाद डाटा को इस एप के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे शासन द्वारा मिलने वाले लाभ का भुगतान और सही समय में सही उपचार भी प्रदान किया जा सकेगा। उन्होंने बताया – संस्थागत प्रसव का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने में काफी दिक्कत आती थी, लेकिन मंत्र एप के माध्यम से प्रसव का ऑनलाइन डाटा फीडिंग, रियल टाइम मानिटरिंग, समय रहते महिलाओं के उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की जांच के साथ समय पर सही उपचार किया जा सकेगा। उन्होंने बताया – एप पर फीडिंग के साथ-साथ शुरुआत में कुछ समय तक पहले की तरह रजिस्टर भी पर डाटा एंट्री की जाएगी। जब सभी कर्मचारी पूरी तरह प्रशिक्षित हो जाएंगे तब रजिस्टर पर डाटा एंट्री बंद कर दी जाएगी। उन्होंने बताया प्रशिक्षण लेने वाली स्टाफ नर्स, नर्स मेंटर एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी ग्रामीण इलाके की एएनएम को एप के माध्यम से अपलोड करने की जानकारी देंगे।
    एसीएमओ ने बताया – जब एक गर्भवती प्रसव के लिए सामुदायिक या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आएगी तो उस दौरान मौजूद नर्स मेंटर या स्टाफ नर्स उसकी भर्ती की स्थिति, दिया गया उपचार और रेफर प्रक्रिया की पूरी जानकारी एप पर अपलोड करेगी। इसके साथ ही नवजात के स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी एप पर अपलोड की जाएगी। संस्थागत प्रसव की गुणवत्ता में सुधार के लिए इसकी ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। प्रसव उपरांत नवजात में होने वाली जटिलताओं को एप पर अपलोड के बाद उसको उच्च केंद्र पर भेजा जायेगा, जहां पर उसको उचित इलाज दिया जायेगा।

    शासन से मिलने वाले लाभ का भुगतान भी होगा आसान
    डा. भारत भूषण – अक्सर महिलाएं खासतौर पर ग्रामीण महिलाएं अपनी और बच्चे की बीमारी के संबंध में चिकित्सक को सही जानकारी नहीं दे पाती हैं। जब इस एप पर सभी जानकारी फीड रहेंगी तो चिकित्सा केन्द्र पर मौजूद चिकित्सकों को इसके माध्यम से सभी जानकारी मिल जाएगी। इससे उपचार में सुविधा मिलेगी। इसके अलावा शासन स्तर पर सभी जिलों का पूरा डाटा रहेगा। वहीं एप के माध्यम से शासन द्वारा दिये जाने वाले लाभ का भुगतान भी आसान हो जाएगा।

  • नियम विरुद्ध कार्य नहीं करें निजी चिकित्सक : डॉ. ललित

    नियम विरुद्ध कार्य नहीं करें निजी चिकित्सक : डॉ. ललित

    • पीसीपीएनडीटी एक्ट क्रियांवयन पर आयोजित हुई कार्यशाला
    • निजी चिकित्सकों व अल्ट्रासाउंड केन्द्र संचालकों से की अपील
    • प्रसव पूर्व लिंग जांच की सही जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दें

    नोएडा  अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ललित कुमार ने जनपद के सभी अल्ट्रासाउंड केन्द्र संचालकों एवं चिकित्सकों से अपील की है कि वह कोई भी ऐसा कार्य न करें जो पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन पर रोक) अधिनियम, 1994 (पीसीपीएनडीटी एक्ट) के विरुद्ध हो। डॉ. ललित बृहस्पतिवार को यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिसरख पर पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के प्रभावी क्रियान्वयन पर जागरूकता एवं प्रचार प्रसार के लिए आयोजित कार्यशाला में निजी चिकित्सकों और अल्ट्रासाउंड केन्द्र संचालकों को संबोधित कर रहे थे।
    इस अवसर पर डा. ललित कुमार ने जनसामान्य से भी अपील की कि यदि गर्भ भ्रूण लिंग जांच के विषय में उन्हें कोई जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को तत्काल दें, ताकि दोषियोंके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा सके। उन्होंने पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
    सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. सचिन्द्र कुमार मिश्रा ने जनपद में सुधर रहे लिंगानुपात पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत प्रसव पूर्व लिंग जांच करना नियम विरुद्ध तो है, साथ ही प्रकृति के विरुद्ध भी है। ऐसा करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है, इस लिए कोई भी अल्ट्रासाउंड संचालक इस तरह का कृत्य न करे।
    कार्यक्रम में पीसीपीएनडीटी कार्यक्रम की जिला कार्यक्रम समन्वयक मृदुला सरोज ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया अब अल्ट्रासाउंड केन्द्रों का रजिस्ट्रेशन आन लाइन होने से प्रक्रिया आसान हो गयी है। उन्होंने प्यारी बिटिया पोर्टल के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम में डाटा एंट्री आपरेटर संध्या यादव, अंजू जैन, क्षेत्र के ग्राम प्रधान, आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, निजी चिकित्सक डा. बीएम शर्मा, डा. नीरा मित्तल, डा. श्रेया सेठ, डा. एस.के भार्गव, अल्ट्रासाउंड केन्द्र संचालक हुकुम सिंह सहित कई अल्ट्रा संचालकों ने भाग लिया। इस अवसर पर बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, लिंगानुपात में सुधार को लेकर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया।
    क्या है पीसीपीएनडीटी एक्ट
    पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक ‘पीएनडीटी’ एक्ट 1996, के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले चिकित्सक, लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है।

  • पखवाड़े में नौ पुरुषों ने जिम्मेदारी निभाई, नसबंदी अपनाई 

    पखवाड़े में नौ पुरुषों ने जिम्मेदारी निभाई, नसबंदी अपनाई 

     परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों  आईयूसीडी और अंतरा पर महिलाओं ने जताया भरोसा

    नोएडा । परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत 22 नवंबर से 11 दिसंबर तक चलाए गये पुरुष नसबंदी पखवाड़े में समझदारी दिखाते हुए जनपद में नौ पुरुषों ने स्वेच्छा से नसबंदी की सेवा प्राप्त की  । परिवार नियोजन के मामले में महिलाओं ने काफी जागरूकता दिखायी,  इस दौरान ही 186 महिलाओं ने आगे आकर स्वेच्छा से नसबंदी करायी।

    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया-जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन संबंधी स्थाई और अस्थाई सभी सेवाएं रोजाना ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध करायी गयीं। इस दौरान जहां नौ पुरुष नसबंदी कराने के लिए आगे आये वहीं इसमें महिलाओं ने भी खुद से  आगे आकर भागीदारी की। 186 महिलाओं ने नसबंदी करायी। उन्होंने कहा – समाज में परिवार नियोजन को लेकर एक आम धारणा है कि यह कार्यक्रम जनसंख्या नियंत्रण के लिए चलाया जाता हैजबकि इस कार्यक्रम का उद्देश्य दो बच्चों के जन्म के बीच सुरक्षित तीन साल का अंतर और अपने संसाधनों के मुताबिक परिवार को नियोजित करने के लिए प्रेरित करना है। दो बच्चों के के जन्म के बीच तीन साल का अंतर मां और बच्चेदोनों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।  उन्होंने कहा – परिवार नियोजन की जिम्मेदारी संभालने में पुरुष पीछे रहते हैंउन्हें भी बराबर की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

    परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. भारत भूषण ने बताया – पुरुष नसबंदी मामूली सी शल्य क्रिया है। नसबंदी कराने के बाद कुछ ही देर में लाभार्थी को घर भेज दिया जाता है। नसबंदी कराने के बाद पुरुष अपने सारे कार्य पूर्ववत कर सकता है। इससे उसके वैवाहिक जीवन पर भी कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।
    उन्होंने कहा परिवार की अधिकतर जिम्मेदारी महिलाओं पर होती है। शासन की मंशा है परिवार की जिम्मेदारी में पुरुषों की भागीदारी हो। परिवार नियोजन को अपनाने के लिए पुरुषों को आगे आना होगा। पुरुषों के सहयोग के बिना परिवार नियोजन कार्यक्रम को वांछित सफलता नहीं मिल सकती। आशा कार्यकर्ता और एएनएम लगातार लाभार्थियों को परिवार नियोजन के बारे में  विस्तार से जानकारी देती हैं। इसके अलावा हर माह की 21 तारीख को आयोजित किए जाने वाले खुशहाल परिवार दिवस  पर परिवार नियोजन की सभी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। उस दिन परिवार नियोजन से संबंधी सलाह भी चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा केंद्र पहुंचने वालों को दी जाती है।

    जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़े में नौ पुरुषों ने स्वेच्छा से नसबंदी कराई। इसी दौरान 186 महिलाओं ने भी परिवार नियोजन का स्थाई साधन (नसबंदी) अपनाया। इसके अलावा परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में 449 महिलाओं ने आईयूसीडी299 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडीतीन महिलाओं ने पीएआईयूसीडी383 महिलाओं ने गर्भ निरोधक इंजेक्शन “अंतरा” पर भरोसा जताया है। 1865 महिलाओं को गर्भनिरोधक गोली छायाऔर 2748 को माला-एन वितरित की गई। इसके अलावा 565 ईसीपी और 10023 से अधिक कंडोम वितरित किए गए।

  • ओमिक्रॉन से निपटने को स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार

    ओमिक्रॉन से निपटने को स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार

    नहीं होगा सांसों का संकट, जनपद में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था : सीएमओ

    विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर 11 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील

    31 अस्पतालों में 4582 बेड तैयार

    नोएडा । कोरोना के नये स्वरूप ओमिक्रॉन से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पुख्ता इंतजाम कर लिये हैं। सरकारी और निजी चिकित्सालयों में जहां सतर्कता बढ़ा दी गयी है वहीं कोविड जांच का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने दी। उन्होंने कहा कि  जनपद में हालांकि ओमिक्रॉन का अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है, फिर भी एहतियातन सतर्कता जरूरी है।

    मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया- कोविड से निपटने के लिए जनपद के 31 चिकित्सालयों में 4582 बेड आरक्षित कर लिये गये हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार है। उन्होंने बताया जनपद में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है। दो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों बिसरख और दादरी सहित विभिन्न सरकारी चिकित्सालयों में ऑक्सीजन के 11 प्लांट क्रियाशील किये जा चुके हैं। वहीं अन्य सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 686 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था है। यह कंसंट्रेटर आपात स्थिति से तत्काल निपटने में मदद करेंगे। उन्होंने बताया – जनपद में छह ऐसे निजी अस्पताल हैं जहां ऑक्सीजन के पर्याप्त इंतजाम हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन अस्पतालों  को सतर्क रहने का निर्देश दिया हुआ है।

    डा. सुनील कुमार शर्मा  ने बताया- कोरोना की दूसरी लहर में  एकाएक बढ़ी ऑक्सीजन की मांग को देखते हुए अब ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया- कोविड अस्पताल में जहां 2500 लीटर प्रति मिनट क्षमता के चार ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हैं वहीं जनपद के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर 1000 और 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट मौजूद हैं।

    रैंडम जांच शुरू

    सीएमओ ने बताया दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की निगरानी बढ़ा दी गयी है। बस स्टेशन पर तैनात विभाग की टीम आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच कर रही हैं। उन्होंने बताया यदि किसी भी व्यक्ति की एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसकी तुरंत आरटीपीसीआर जांच करायी जाएगी और इस बीच उसे आइसोलेशन में रखा जाएगा।

    सांस के मरीजों की निगरानी बढ़ायी

    डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया – सरकारी और निजी चिकित्सालयों को अलर्ट जारी कर सांस के मरीजों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिये गये हैं। किसी भी मरीज में आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस) और सारी (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत सतर्कता बरती जाए।

    लक्षण दिखने पर कोविड टेस्ट कराएं

    सीएमओ ने कहा- जुकाम, खांसी, बुखार आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस) या सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) के लक्षण आने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेकर अपना कोविड टेस्ट कराएं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध है।

    टीके की दोनों डोज जरूर लगवाएं

    डा. शर्मा ने कहा – कोविड रोधी टीका लगवाने से कोविड की गंभीरता का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है, इसलिए यदि अभी तक जिन लोगों ने टीकाकरण नहीं करवाया है वह अवश्य कराएं। इसके साथ ही जिन लोगों ने अभी तक केवल टीके की एक डोज ली है वह समय पर दूसरी डोज भी अवश्य लें।

  • कोविड के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्कता

    कोविड के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्कता

    नोएडा । कोविड के नए वेरियंट “ओमिक्रॉन को लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सतर्क हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया जिलाधिकारी के निर्देशन में संबंधित सभी विभाग मिलकर कोविड की संभावित तीसरी लहर से निपटने को तैयार हैं। विदेश से आए लोगों की लगातार निगरानी की जा रही हैहालांकि अभी तक ‌जनपद में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया हैलेकिन प्रदेश सरकार से मिली गाइडलाइन के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा आमजन को डरने की नहींबल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। सभी लोग संपूर्ण टीकाकरण कराएं और कोविड प्रोटोकॉल का अच्छी तरह से पालन करें।

    सीएमओ ने बताया कोविड के नए वेरियंट “ओमिक्रॉन” से मॉस्क ही बचाव करेगा। उन्होंने जनपद वासियों से अपील की है कि मुंह और नाक को अच्छे से ढकते हुए मॉस्क लगाने के बाद ही घर से निकलें और सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। मॉस्क लगाने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। इसमें लापरवाही नहीं होनी चाहिए। दो लोगों में कम से दो गज की दूरी होनी चाहिए। शादी-विवाह के सीजन में मॉस्क और सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। अनावश्यक रूप से किसी चीज को छूने से बचें और ऐसा करने पर अपने हाथों को सेनेटाइज करना न भूलें। घर में जाएं तो सबसे पहले साबुन-पानी से हाथ धोना न भूलें। गर्म पानी से गरारे और भाप लेते रहें।

    कोविड टेस्ट कराएं

    जुकामखांसीबुखार आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस) या सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) के लक्षण आने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेकर अपना कोविड टेस्ट कराएं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध है।

    टीके की दोनों डोज लगवाएं

    डा. शर्मा ने कहा कोविडरोधी टीका लगवाने से कोविड की गंभीरता का खतरा काफी हद तक कम हो जाता हैइसलिए यदि अभी तक टीकाकरण नहीं करवाया है तो अवश्य कराएं। साथ ही जिन लोगों ने अभी तक केवल टीका की एक डोज ली है वह समय पर दूसरी डोज भी अवश्य लें।

  • ओमिक्रोन का खौफ! पत्नी और दो बच्चों को मारकर फरार हो गया डॉक्टर, हैरान करने वाला नोट छोड़ा

    ओमिक्रोन का खौफ! पत्नी और दो बच्चों को मारकर फरार हो गया डॉक्टर, हैरान करने वाला नोट छोड़ा

    पुलिस के द्वारा बरामद किए गए नोट में सुशील ने लिखा कि वह कभी ठीक न होने वाली बीमारी का शिकार है और वह अपने परिवार को मुसीबत में नहीं छोड़ सकता है। वह सभी को मुक्ति के मार्ग पर छोड़कर एक ही पल में सभी संकटों को दूर कर रहा है।

    लखनऊ । कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के डर से एक डॉक्टर अपनी पत्नी और दो बच्चों को मारकर फरार हो गया। डॉक्टर ने एक हैरान करने वाला नोट छोड़ा है। जिसमें उसने लिखा है कि अब लाशें नहीं गिननी है। ओमिक्रोन सबको मार डालेगा। पुलिस फरार डॉक्टर का पता लगाने का प्रयास कर रही है।

    यह मामला कानपुर के कल्याणपुर के डिविनिटी अपार्टमेंट का है। जहां कानपुर के रामा मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख सुशील कुमार ने अपने परिवार वालों की हत्या कर दी। इसके बाद उसने अपने जुड़वां भाई सुनील कुमार को मैसेज भेजकर घटना के बारे में पुलिस को जानकारी देने के लिए कहा।

    मैसेज मिलने के बाद सुनील कुमार कल्याणपुर स्थित अपार्टमेंट पहुंचे तो उन्हें फ्लैट बाहर से बंद मिला। बाद में सुरक्षा गार्डों की मदद से सुनील कुमार ताला तोड़कर फ्लैट में दाखिल हुए, जहां अलग-अलग कमरों में डॉक्टर की पत्नी चंद्रप्रभा, इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे बेटे शिखर सिंह और बेटी खुशी सिंह की लाश मिली।

    सुनील कुमार ने तुरंत पुलिस को इस घटना की जानकारी दी। बाद में पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही पुलिस ने इस दौरान वहां से एक नोट भी बरामद किया। पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि डॉक्टर मानसिक रूप से काफी परेशान था। पुलिस के अनुसार डॉक्टर की पत्नी चंद्रप्रभा को हथौड़े से मारा गया जबकि बेटे शिखर और बेटी खुशी की गला घोंटकर हत्या की गई। पुलिस ने यह भी बताया कि ऐसा लगता है कि पीड़ितों को बेहोश करने के लिए चाय में नशीली दवा मिलायी गई थी।

    पुलिस के द्वारा बरामद किए गए नोट में सुशील ने लिखा कि वह कभी ठीक न होने वाली बीमारी का शिकार है और वह अपने परिवार को मुसीबत में नहीं छोड़ सकता है। वह सभी को मुक्ति के मार्ग पर छोड़कर एक ही पल में सभी संकटों को दूर कर रहा है। साथ ही उसने नोट में कोरोना के नए वेरिएंट का जिक्र करते हुए लिखा कि अब लाशें नहीं गिननी हैं, ओमिक्रोन सबको मार डालेगा।

    मेरी लापरवाही की वजह से मैं अपने करियर के उस मुकाम पर फंस गया हूं, जहां से निकलना नामुमकिन है। पुलिस की कई टीमें आरोपी डॉक्टर को ढूंढने में लगी हुई है। पुलिस उसके मोबाइल को भी लगतार ट्रेस करने की कोशिश कर रही है लेकिन उसका मोबाइल बंद है। डॉक्टर की गिरफ़्तारी के लिए चार टीमों को लगाया गया है।

  • दिल्ली में ओमिक्रॉन के संदिग्ध मरीजों की संख्या 27 तक पहुंची

    दिल्ली में ओमिक्रॉन के संदिग्ध मरीजों की संख्या 27 तक पहुंची

    नई दिल्ली, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में ओमिक्रॉन कोविड वेरिएंट से संक्रमित होने के संदेह वाले लोगों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है, जिनमें से 17 ने वायरस के लिए पॉजिटिव टेस्ट किया है। उन्होंने कहा, “विदेश से विभिन्न उड़ानों के माध्यम से आने वाले कुल 27 ओमिक्रॉन संदिग्ध वर्तमान में लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती हैं।” उन्होंने कहा कि कुल संदिग्धों में से 17 ने कोविड के लिए पॉजिटिव टेस्ट किया है और शेष 10 उनके संपर्क में हैं।

    “सभी को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, हमारी कोशिश है कि हवाईअड्डे पर अंतरराष्ट्रीय आगमन से किसी भी तरह से ओमिक्रॉन के प्रसार को रोका जा सके।”

    निवारक उपायों के बारे में बात करते हुए, जैन ने महामारी की तीसरी लहर को रोकने के प्रयास में मास्क के अनिवार्य उपयोग और कोविड के उचित व्यवहार को बनाए रखने को रेखांकित किया।

    जैन ने लोगों से टीके की दूसरी खुराक लेने का आग्रह करते हुए कहा, “हमारी श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना तैयार है, जैसे-जैसे मामले बढ़ते हैं या सकारात्मकता बढ़ती है, हम इसे लागू करेंगे।”

    राजधानी शहर में अब तक एक ओमिक्रॉन का मामला सामने आया है। संक्रमित व्यक्ति ने तंजानिया से यात्रा की थी।

    हालाँकि, अकेले रविवार को पूरे देश में इस प्रकार के 17 मामलों का पता चला था, जो भारत में कुल मिलाकर 21 हो गए थे क्योंकि ओमिक्रॉन का प्रकोप पहली बार दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था।

    जैन ने विदेश से आने वाली उड़ानों को रोकने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से ऐसा करने की अपील की है।

    उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान भी यही लापरवाही देखी गई थी।