Category: स्वास्थ्य

  • स्वास्थ्य महानिदेशालय ने कोविड उपचार के लिए दवाओं की संस्तुति की

    स्वास्थ्य महानिदेशालय ने कोविड उपचार के लिए दवाओं की संस्तुति की

    स्वास्थ्य विभाग ने तैयार की दवा की किट

    स्वास्थ्य केंद्रों और निगरानी समिति को उपलब्ध कराई जा रही दवा की किट

    निगरानी समितियां और आरआरटी भी उपलब्ध करा रहीं दवा की किट

    दिन में तीन से चार बार ऑक्सीजन सैचुरेशन अवश्य नापें : डा. अमित

    द न्यूज 15 
    नोएडा । कोरोना पॉजिटिव, कोरोना लक्षण युक्त व्यक्ति जिनका कोविड टेस्ट नहीं हुआ है या अभी रिजल्ट पता नहीं अथवा टेस्ट कराया नहीं है, लक्षण विहीन, माइल्ड सिम्टोमैटिक, आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस) या सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) के लक्षण युक्त लोगों के लिए उम्र के हिसाब से स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने उपचार के लिए कुछ दवाओं की संस्तुति की है। इन दवाओं की किट भी स्वास्थ्य विभाग ने तैयार की है। दवा की किट निगरानी समितियों, रेपिड रेस्पांस टीम (आरआरटी) और जांच केंद्रों के अलावा जनपद के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध कराई गई हैं।

    जिला पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डा. अमित कुमार ने बताया संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए गठित तकनीकी समिति की स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय में पिछले दिनों हुई बैठक में कुछ दवाओं की संस्तुति की गयी। उन्होंने बताया इस संबंध में महानिदेशालय की ओर से प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को गाइडलाइन जारी की गयी है। जारी गाइड लाइन के अनुसार कोरोना लक्षण विहीन, माइल्ड सिम्टोमैटिक, आईएलआई या सारी के लक्षण युक्त 12 साल से ऊपर के लोगों के लिए इन दवाओं की संस्तुत की गयी है।

    1. टेबलेट पेरासिटामोल 650 अथवा 500 मिलीग्राम की एक टेबलेट दिन में तीन बार पांच दिन के लिए।

    2. टेबलेट आइवरमेक्टिन 12 मिलीग्राम की एक गोली वयस्क व्यक्तिों के लिए दिन में एक बार रात्रि के भोजन के उपराना पांच दिन के लिए (गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए यह नहीं दी जानी है)

    3 टेबलेट एजिथ्रोमायसिन 500 मिलीग्राम दिन में एक बार पांच दिन के लिए।

    4. टेबलेट विटामिन-सी. वयस्क व्यक्ति के लिए 500 मिलीग्राम एक गोली दिन में एक बार भोजन के उपरान्त सात दिन के लिए ।

    5. टेबलेट / कैप्सूल विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, वयस्क व्यक्ति के लिए एक टेबलेट / कैप्सूल दिन में एक बार साथ दिन के लिए।

    6. विटामिन डी-3. वयस्क व्यक्ति के लिए 60,000 यूनिट हर सप्ताह में एक बार दूध अथवा पानी के साथ तीन सप्ताह तक।

    7. सांस संबंधई व्यायाम / योग / प्राणायाम दिन में 20 से 30 मिनट तक करें (यदि सहज महसूस कर रहे हो तभी करें)

    8. दिन में तीन से चार बार ऑक्सीजन सैचुरेशन (पल्स ऑक्सीमीटर से) अवश्य नापें। ऑक्सीजन सैचुरेशन 94 प्रतिशत अथवा इससे अधिक होना चाहिए।

    9 वयस्क व्यक्ति तीन से चार लीटर पानी पर्याप्त मात्रा में हल्का गर्म / गुनगुना पियें।

    यदि कोई व्यक्ति पूर्व में डायबिटीज, उच्च रक्तचाप अथवा अन्य किसी क्रॉनिक (दीर्घावधि) बीमारी के लिए उपचार ले रहा हो तो उसे अपने चिकित्सक के परामर्श कर जरूर करे।

    6 से 12 वर्ष आयु के बच्चों के लिए संस्तुत दवा

    टेबलेट पैरासीटामॉल (500 मिग्रा.)  (आधी गोली दिन में तीन बार के अन्तराल पर) यह दवा बुखार आने की स्थिति में देनी है, खाली पेट दवा न दें। मल्टी विटामिन टेबलेट -एक गोली दिन में एक बार रात को सोने से पहले तीन दिन तक दी जानी है। आइवरमेक्टिन टेबलेट (6 मिग्रा) रात को खाने के एक घंटे बाद तीन दिन तक दी जानी है। ओआरएस घोल-दस्त होने की स्थिति में एक लीटर पानी को उबाल कर ठंडा कर लें, इसके बाद इस पानी में एक पूरा ओआरएस पैकेट घोल कर एक बर्तन में ढक कर रखें। इस घोल को हर बार दस्त होने के बाद थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बच्चे को दें।

    डा. अमित कुमार कहा दिन में तीन से चार बार बच्चे का ऑक्सीजन सैचुरेशन (पल्स ऑक्सीमीटर से अवश्य नापे) ऑक्सीजन सैचुरेशन 94 प्रतिशत अथवा इससे अधिक होना चाहिए। अगर बच्चे को अधिक खाँसी आये, पसली चलती प्रतीत हो रही हो, बच्चा खाना-पीना बंद कर दे, बच्चे को तेज बुखार हो अथवा दस्त न रुके तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएँ। बच्चे की जाँच के उपरांत अग्रिम उपचार के लिए आवश्यक दवा उपलब्ध कराई जाएगी।

  • राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कोरोना संक्रमित

    राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कोरोना संक्रमित

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली| राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय ने इस सम्बंध में बयान जारी कर कहा आरटी-पीसीआर में रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और उनमें कोविड-19 के लक्षण पाए गए हैं। फिलहाल खड़गे डॉक्टर के दिशानिदेशरें के अनुसार होम आइसोलेशन में हैं। उन्होंने कोरोना के दोनों टीके भी लिए थे लेकिन अभी तक उन्होंने एहतियाती बूस्टर डोज नहीं ली थी, जिसके लिए टीकाकरण की दूसरी खुराक की तारीख से 9 महीने के अंतराल की आवश्यकता थी। उनके दिल्ली कार्यालय में पांच स्टाफ सदस्यों को भी कुछ दिनों पहले कोरोना हो गया था, जिसमें विपक्ष के नेता के सचिव भी शामिल थे। फिलहाल वे सभी ठीक हैं और होम आइसोलेशन में रह रहे हैं।

    खड़गे ने टीकाकरण को लेकर विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को समय अनुसार टीकाकरण की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि वे प्राथमिकता के आधार पर एहतियाती खुराक लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने सरकार से अधिक से अधिक आबादी को बूस्टर डोज देने की सलाह दी है।

    इससे पहले कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव, कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी और महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा, राजस्थान प्रभारी अजय माकन कोरोना संक्रमित हो गए हैं।

    गौरतलब है कि देश में अब तक कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के 5,488 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 2,162 ठीक हो चुके हैं। गौरतलब है कि पहली बार 02 दिसंबर को कर्नाटक में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले सामने आए थे। अब तक महाराष्ट्र में इस वेरिएंट के 1,367 मामले सामने आ चुके हैं।

    दिल्ली में 549 नए मामले इस वेरिएंट के आये हैं। 13 जनवरी 2022 की सुबह आठ बजे तक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 2,47,417 नए मामले सामने आए हैं, 380 लोगों की जान गई है।

  • कोविड अस्पताल में है कोरोना पॉजिटिव गर्भवती के प्रसव की सुविधा 

    कोविड अस्पताल में है कोरोना पॉजिटिव गर्भवती के प्रसव की सुविधा 

    कोरोना काल में गर्भवती रखें विशेष ख्याल : डा. भारत भूषण

    द न्यूज़ 15
    नोएडा । यदि कोई गर्भवती कोरोना पॉजिटिव है और प्रसव का समय आ गया है तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसकी व्यवस्था नोएडा सेक्टर 39 स्थिति कोविड अस्पताल में उपलब्ध है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार शर्मा ने दी है।                                                                                                  सीएमओ ने कहा कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है, विशेषकर कोविड पॉजिटिव होने पर। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने नोएडा सेक्टर 39 स्थिति कोविड अस्पताल में व्यवस्था की है।
    अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डा. भारत भूषण ने कहा कोरोना काल में किसी भी गर्भवती या उनके परिजन को घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग उनके साथ है। किसी भी आपात स्थित में सरकारी एम्बुलेंस 102 की मदद से यहां पहुंचा जा सकता है। यही नहीं प्रसव के बाद जच्चा बच्चा को घर पहुंचाने की जिम्मेदारी का भी निर्वहन यही एम्बुलेंस करती है। एम्बुलेंस की यह सेवा निशुल्क है। उन्होंने कहा कोरोना काल में गर्भवती को अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना चाहिए। अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान दें और किसी भी तरह के संक्रमण से बचें।
    उन्होंने बताया सामान्य स्थिति (नॉन कोविड) में प्रसव के लिए जनपद में दस स्वास्थ्य केन्द्रों जिला अस्पताल, सीएचसी भंगेल, सीएचसी बादलपुर, सीएचसी दादरी, सीएचसी बिसरख, सीएचसी ढाडा कासना, पीएचसी दनकौर,पीएचसी जेवर,पीएचसी रबुपुरा, पीएचसी बरौला पर सुविधा उपलब्ध है। इनमें चार एल-3 फैसिलिटी हैं, जो फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) के रूप में काम करती हैं। यहां अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों से रेफर होकर प्रसूता यहां आती हैं। जिला अस्पताल, सीएचसी भंगेल, सीएचसी बादलपुर, सीएचसी दादरी एफआरयू के रूप में क्रियाशील हैं।
     जिला सलाहकार मातृ स्वास्थ्य राजेन्द्र प्रसाद ने बताया- संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ-शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। इसी क्रम में हर महीने की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस जनपद के 22 स्वास्थ्य केन्द्रों पर मनाया जाता है। हालांकि इस बार नौ जनवरी को रविवार होने के कारण यह दस जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती की पहचान की जाती है। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर जनपद के कई निजी चिकित्सक भी अपनी सेवा देते हैं। इसके अलावा प्रोत्साहन के लिए इस दिवस पर अच्छी सेवा देने वाले स्वास्थ्य केन्द्रों को पुरस्कृत किया जाता है।
  • लक्षण नजर आएं तो कोविड जांच जरूर कराएं : डा. शिरीश जैन

    लक्षण नजर आएं तो कोविड जांच जरूर कराएं : डा. शिरीश जैन

    सर्दी, खांसी-जुकाम व बुखार लगातार बने रहने और सांस फूलने पर चिकित्सक से करें परामर्श

    द न्यूज़ 15

    नोएडा | कोविड काल में सर्दी, खांसी-जुकाम, बुखार और सांस फूलने को हल्के में न लें | इस तरह के लक्षण नजर आने पर बगैर विलंब किए तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें और कोविड जांच कराएं। यह बातें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कोविड जांच के नोडल अधिकारी डा. शिरीश जैन ने कहीं ।
    डा. जैन ने कहा-जुकाम, खांसी, बुखार, आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस) या सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) के लक्षण आने पर चिकित्सक से सलाह लेकर कोविड जांच जरूर कराएं। खुद से या केमिस्ट की सलाह पर दवा न लें। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड जांच सुविधा निशुल्क उपलब्ध है। जनपद में जिला चिकित्सालय, चाइल्ड पीजीआई, 39 स्थित कोविड अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दादरी, दनकौर, बिसरख जेवर ढाडा कासना, भंगेल पर कोविड जांच की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया – जनपद में रोजाना पांच से सात हजार जांच की जा रही हैं।
    डा. जैन ने कहा – कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना जरूरी है। घर से बाहर निकलें तो मॉस्क से नाक और मुंह अच्छी तरह से ढककर रखें। सार्वजनिक स्थान पर जाएं तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। ऐसा कतई न समझें कि मॉस्क लगाने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत नहीं होती। मॉस्क लगाने के बाद भी दो गज की शारीरिक दूरी रखना जरूरी है। उन्होंने जनपद वासियों से अपील की कि किसी कार्यक्रम में शामिल होने पर इन सभी बातों का पूरा ख्याल रखें। किसी से मिलने और साथ बैठने के लिए खुले स्थान का चयन करें। बंद कमरे में एक साथ बैठने से बचें। मजबूरी हो तो कमरे के दरवाजे-खिड़कियां खोलकर उसे हवादार बना लें।
    उन्होंने कहा-बाहर से घर लौटने पर अपने हाथों को साबुन-पानी से अच्छे से धोना न भूलें। गर्म पानी से गरारे और भाप लेना भी बचाव का जरिया है। हाथ धुलने के बाद ही घर का कोई सामान छुएं।
    जरूर कराएं टीकाकरण
    डा. जैन ने कहा ध्यान रहे कोविडरोधी टीका लगवाने से कोविड की गंभीरता का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है, इसलिए यदि अभी तक टीकाकरण नहीं करवाया है तो जल्द से जल्द करवा लें, जिन लोगों के टीके की दूसरी डोज का समय हो गया है वह दूसरी डोज अवश्य लगवा लें |

  • कोवैक्सीन के तीसरे शॉट पर किसी ट्रायल डाटा के बिना ही 10 से शुरू हो जाएगी प्रीकॉशन डोज

    कोवैक्सीन के तीसरे शॉट पर किसी ट्रायल डाटा के बिना ही 10 से शुरू हो जाएगी प्रीकॉशन डोज

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली। देश ने 10 जनवरी से एहतियातन कोविड वैक्सीन की तीसरी डोज लगाने का फैसला भले ही कर लिया हो पर जहां तक भारत बायोटेक निर्मित कोवैक्सीन की बात है तो इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि तीसरी खुराक लेने वालों पर टीके का क्या प्रभाव पड़ेगा। सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया था कि स्वास्थ्यकर्मियों, फंट्रलाइन वर्कर और कोमोर्बिडिटी वाले या 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को पहले दो शॉट वाले टीके की ही तीसरी खुराक दी जाएगी। वैसे लैंसेट की कुछ स्टडी में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की तीसरी खुराक के बारे में जिक्र किया है। इसी टीके को भारत में कोविशील्ड के रूप में जाना जाता है और यहां 90 फीसदी से अधिक पात्र आबादी को यही वैक्सीन लगी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग मामलों के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने कहा, ‘द लैंसेट में कोविशील्ड की तीसरी खुराक के संबंध में कुछ पेपर्स हैं। मुझे अभी तक कोवैक्सीन की तीसरी खुराक पर कोई सामग्री नहीं मिली है, लेकिन यह एक ऐसा फैसला (तीसरी खुराक में पहले वाली ही वैक्सीन देना) है जो एनटीएजीआई (प्रतिरक्षण तंत्र पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह) और स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से लिया गया है.’एनटीएजीआई सर्वोच्च तकनीकी निकाय है जो राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत देश में दिए जाने वाले सभी टीकों पर निर्णय लेने के लिए वैज्ञानिक साक्ष्यों का विश्लेषण करता है।
  • मान्यता प्राप्त पत्रकारों का भी बनेगा आयुष्मान कार्ड 

    मान्यता प्राप्त पत्रकारों का भी बनेगा आयुष्मान कार्ड 

    10 जनवरी, 2022 तक सूचना कार्यालय में जमा करना होगा आवेदन-पत्र

     योजना के तहत प्रतिवर्ष प्रति परिवार को मिलती है पांच लाख रुपये तक के निशुल्क उपचार की सुविधा  

    द न्यूज़ 15

    नोएडा अब प्रदेश और जिला स्तर पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों और उनके परिवार को भी मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान का लाभ मिलेगा। सात दिसंबर, 2021 को शासन द्वारा लिए गए निर्णय के संबंध में सूचना निदेशक शिशिर की ओर से प्रदेश के सभी जिलों के सूचना कार्यालयों को पत्र भेजकर पत्रकारों से आवेदन प्राप्त करने के निर्देश दिए गये हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 जनवरी, 2022 है।

    योजना के तहत आयुष्मान भारत योजना से आबद्ध निजी और सरकारी चिकित्सालयों में मान्यता प्राप्त पत्रकारों और उनके परिवारों को हर साल पांच लाख रुपए तक का मुफ्त उपचार मिलेगा। सूचना निदेशक ने अपने पत्र में कहा है सामाजिक, स्वास्थ्य सुरक्षा एवं  चिकित्सा सुविधा प्रदान किए जाने के उद्देश्य से मान्यता प्राप्त पत्रकारों एवं उनके परिवारों का डाटा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अंतर्गत सम्मिलित किये जाने के लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटीभारत सरकार को प्रेषित किया जाना है।

    जनपद स्तर पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों से उनके आवेदन पत्र एवं मान्यता कार्ड की छाया प्रति सहित सभी अभिलेख सूचना कार्यालयों में आयुष्मान भारत योजना के प्रारूप पर एक्सल शीट में सभी परिजनों का विवरण भरकर जमा करना अनिवार्य है। प्रेस प्रतिनिधियों द्वारा जमा कराए गए आवेदन को जिला सूचना कार्यालय सत्यापित कर मुख्यालय को भेजेगा। इसके साथ ही जनपद स्तरीय प्रेस प्रतिनिधि के द्वारा एक्सल शीट पर भरे गए प्रारूप को सीधे ई-मेल healthbeemaupinfo@gmail.com पर भेजा जाना अनिवार्य है। आवेदन पत्र भरकर भेजे जाने की अंतिम तिथि 10 जनवरी, 2022 है। जनपद गौतमबुद्धनगर में आठ सरकारी व 39 निजी चिकित्सालय योजना से आबद्ध हैं। योजना से जुड़ने पर मान्यता प्राप्त पत्रकार और उनके परिवार के सदस्य इन चिकित्सालयों में चिकित्सा सेवा का लाभ उठा सकेंगे।

  • डॉक्टरों लौटें वापस काम पर, रेजिडेंट डॉक्टर् हड़ताल खत्म

    डॉक्टरों लौटें वापस काम पर, रेजिडेंट डॉक्टर् हड़ताल खत्म

    नई दिल्ली (द न्यूज़ 15)| पोलिस द्वारा डॉक्टर्स के साथ हुए अभद्र व्यव्हार के कारन व पीजी काउंसलिंग में देरी को लेकर आंदोलनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार को अपनी 14 दिन की देशव्यापी हड़ताल वापस ले ली। दोपहर 12 बजे से सभी डॉक्टर अपने काम पर लौटे।

    फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) के सदस्यों और दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त के बीच एक बैठक के बाद हड़ताल का आह्वान किया गया था।

    एफओआरडीए के अध्यक्ष डॉ मनीष निगम ने कहा, “कल शाम हम दिल्ली के संयुक्त सीपी से मिले। दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।” उन्होंने कहा कि ज्वाइंट सीपी ने डॉक्टरों और पुलिस के बीच विश्वास बहाल करने के लिए एक वीडियो भी संदेश भेजा है।

    एफओआरडीए ने एक बयान में कहा कि एफओआरडीए के प्रतिनिधियों की दिल्ली पुलिस के कई अधिकारियों के साथ कई बैठकें हुईं। और इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि डॉक्टरों के लिए उनके मन में सबसे ज्यादा सम्मान है। वे डॉक्टरों की कठिनाइयों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और पहले की तरह, वे किसी भी समय किसी भी मुद्दे के लिए चिकित्सा बिरादरी के साथ सहयोग करने को तैयार हैं।

    एफओआरडीए ने कहा, “सभी आरडीए प्रतिनिधियों के साथ फोर्डा की एक आभासी बैठक देर शाम बुलाई गई थी, जिसमें सभी कार्यवाही से अवगत कराया गया था और सभी संबंधित बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई थी। सर्वसम्मति से 31 दिसंबर, 2021 को दोपहर 12.00 बजे आंदोलन को बंद करने का निर्णय लिया गया है।”

    हालांकि, डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा है कि सभी आरडीए प्रतिनिधियों के साथ एक राष्ट्रीय बैठक एफओआरडीए द्वारा 6 जनवरी को बुलाई जाएगी। चूंकि स्वास्थ्य मंत्रालय को समिति की रिपोर्ट 6 जनवरी, 2022 से पहले सुप्रीम कोर्ट को सौंपनी है और एनईईटी-पीजी 2021 काउंसलिंग शेड्यूल कोर्ट की सुनवाई के बाद एसोसिएशन को प्रकाशित करने को कहा है।

    27 दिसंबर को शीर्ष अदालत की ओर मार्च के दौरान पुलिस की कार्रवाई के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किया था।

  • बेटियों की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी : डा. ललित

    बेटियों की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी : डा. ललित

    लिंग परीक्षण रोकने के लिए मुखबिर योजना की जानकारी दी

    पीसी-पीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियांवयन को लेकर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने दिया लिंग भेद मिटाने पर जोर

    नोएडा। द न्यूज़ 15 पीसी-पीएनडीटी एक्ट 1994 यानि गर्भ में कन्या भ्रूण की पहचान करने के खिलाफ कानून के प्रभावी क्रियांवयन को लेकर बृहस्पतिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डाढ़ा पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने लिंग भेद मिटाने पर बल दिया।

    कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं पीसी-पीएनडीटी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. ललित कुमार ने जनपद में लिंग परीक्षण रोकने के लिए मुखबिर योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जनसामान्य से अपील की कि यदि उन्हें गर्भ भ्रूण लिंग जांच के संबंध में कोई जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग को दें। इसी के साथ उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित निजी चिकित्सकों और अल्ट्रासाउंड केन्द्रों के संचालकों से अपील की कि वह किसी भी सूरत में लिंग भ्रूण जांच न करें। उन्होंने कहा लिंगभ्रूण जांच न केवल अनैतिक है बल्कि कानूनीतौर पर भी दंडनीय है। उन्होंने कहा हमारी बेटियां हमारी शान हैं, हमारी बेटिया हमारी पहचान हैं, इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है। सभी को मिलकर इस दिशा में प्रयास करना होगा। उन्होंने जनपद में बढ़ रहे लिंगानुपात पर खुशी जाहिर की।

    सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डाढ़ा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. राहुल वर्मा ने बेटियों की सुरक्षा के लिए प्रचार प्रसार किये जाने की जरूरत बतायी। पीसी पीएनडीटी की जिला समन्वयक मृदुला सरोज ने बताया स्वास्थ्य विभाग के अथक प्रयासों से जनपद में लिंगानुपात निरंतर बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में लिंगानुपात प्रति हजार 912 है जबकि गौतमबुद्धनगर जनपद में लिंगानुपात 929 है।

    कार्यक्रम में क्षेत्र के ग्राम प्रधान, आशा- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, अल्ट्रा साउंड केन्द्र के संचालक, निजी चिकित्सक डा. आकांक्षा कनौजिया, डा. मीनू अग्रवाल, डा. वंदना, डा. बीएम शर्मा, डा. हेमन्त शर्मा, डा. निधि, हुकुम सिंह, डाटा एंट्री ऑपरेटर संध्या यादव सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भाग लिया।  

    क्या है पीसीपीएनडीटी एक्ट?

    पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक  अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक ‘पीएनडीटी’ एक्ट 1996 के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले चिकित्सक, लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है।

  • जनपद में करीब दो लाख किशोर-किशोरियों को लगेगा कोविडरोधी टीका

    जनपद में करीब दो लाख किशोर-किशोरियों को लगेगा कोविडरोधी टीका

    किशोरों के टीकाकरण के लिए गाइड लाइन का इंतजार

    नोएडा । अब 15 से 18 साल के किशोरों के टीकाकरण की बारी आ गयी है। वहीं फ्रंटलाइन वर्कर्स, स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को एहतियाती टीका लगाया जाएगा। जनपद में 15 से 18 साल के करीब दो लाख किशोर हैं, जिनको कोविडरोधी टीका लगाया जाना है। हालांकि अभी इस संबंध में शासन की ओर से कोई गाइड लाइन स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वैक्सीन मिलने का इंतजार है और शासन से गाइड लाइन मिलते ही किशोरों का टीकाकरण शुरू हो जाएगा।

    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया- तीन जनवरी से 15 से 18 साल तक के किशोरों के टीकाकरण किये जाने की घोषणा हो चुकी है। इस संबंध में शासन से गाइड लाइन और वैक्सीन मिलने का इंतजार है। आदेश मिलते ही टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा। सीएमओ ने कहा कोरोना से बचाव के लिए किशोरों और बच्चों का टीकाकरण बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया निर्देश मिलने पर फ्रंटलाइन वर्कर्स, स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को टीके की एहतियाती डोज दी जाएगी।

     जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नीरज त्यागी ने बताया- जनपद में करीब दो लाख किशोर वर्ग के लाभार्थी हैं, जिन्हें टीका लगाया जाना है। शासन से जैसे ही वैक्सीन और निर्देश प्राप्त होंगे टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा। बच्चों के टीकाकरण में बहुत ही एहतियात बरतने की जरूरत होगी।  संभव है कि इसके लिए एएनएम को प्रशिक्षण दिया जाए।  60 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों को टीके की एहतियाती डोज चिकित्सकों की राय के अनुसार दी जाएगी।

    डा.नीरज त्यागी ने बताया- जनपद में अब तक 32.24 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। इनमें 19.19 लाख लोगों को टीके की प्रथम डोज और 13.05 लाख लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है। 84 साइट पर टीकाकरण किया जा रहा जिसमें 67 सरकारी और 17 निजी हैं।

    गौरतलब है कि नए साल में नई वैक्सीन  रही है। इसका नाम जाइकोवडी है। बच्चों के लिए सुरक्षित बताई जा रही है। इस वैक्सीन में सबसे अधिक खास बात यह है कि यह पहली प्लास्मिड वैक्सीन है। यह वैक्सीन निडिल के जरिए नहीं बल्कि जेट स्प्रे (एप्लीकेटर) के जरिए लगाई जाएगी, जिससे सुई चुभने का दर्द और डर नहीं रहेगा। पहले फेज में प्रदेश के 14 जिलों को यह वैक्सीन मिलेगी, हालांकि अभी गौतमबुद्धनगर जिला इसमें शामिल नहीं है।

  • 1.80 लाख बच्चों को पिलायी जाएगी विटामिन ‘ए’ की खुराक

    1.80 लाख बच्चों को पिलायी जाएगी विटामिन ‘ए’ की खुराक

    20 जनवरी तक चलेगा बाल स्वास्थ्य पोषण माह
    विटामिन ‘ए’ से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता : डा. नीरज त्यागी

    नोएडा । बाल स्वास्थ्य पोषण माह में जनपद के नौ माह से पांच साल की उम्र तक के करीब 1.80 लाख बच्चों को विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलायी जाएगी। जनपद के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र होशियारपुर में बुधवार को इसका शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बच्चों को विटामन ‘ए’ की खुराक पिलाकर किया। 22 दिसम्बर से शुरू हुआ अभियान 20 जनवरी 2022 तक चलेगा।
    अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नीरज त्यागी ने बताया-बाल स्वास्थ्य पोषण माह में जनपद में नौ माह से लेकर पांच साल तक के बच्चों के लिए विटामिन ‘ए’ सम्पूरण कार्यक्रम का आयोजन जा रहा है। कार्यक्रम के तहत उन्हें विटामिन ‘ए’ की खुराक से आच्छादित किया जाएगा। उन्होंने बताया विटामिन ‘ए’ वसा में घुलनशील विटामिन है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षंमता को बढ़ाता है। कोविड19 से बचाव में रोग प्रतिरोधक क्षमता की महत्वपूर्ण भूमिका है। नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ‘ए’ की  नौ खुराक दिये जाने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है, जिससे वह स्वस्थ व पोषित रहते हैं।
    उन्होंने बताया एक माह तक चलने वाले इस अभियान के दौरान प्रत्येक बुधवार और शनिवार को बच्चों को टीकाकरण केंद्रों पर विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाई जाएगी। शहरी/ ग्राम्य स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम अपने क्षेत्र के बच्चों को दवा पिलाएंगी। नौ से 12 माह तक के बच्चों को एक एमएल, एक से पांच साल तक के बच्चों को दो एमएल दवा दी जानी है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक सत्र पर छह माह से पांच साल तक के बच्चों को एनिमिया से बचाने के लिए  आईएफए (आयरन- फोलिक एसिड) सिरप भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया जिले में करीब 1.80 लाख बच्चों को दवा पिलाए जाने का लक्ष्य है।
    डा. त्यागी ने बताया अभियान 20 जनवरी तक चलेगा। अभियान में यदि कोई क्षेत्र छूट जाता है तो उसके लिए अलग से अभियान चलाकर दवा पिलायी जाएगी। सभी टीम को निर्देशित किया गया है कि अभियान में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें और सेनिटाइजेशन भी करती रहें। एएनएम को निर्देशित किया गया है कि दवा पिलाने के बाद बच्चों के टीकाकरण कार्ड में भी इसको अंकित करें।