Category: एजुकेशन/जॉब्स

  • Longest Covid Case : दुनिया का सबसे लंबा कोविड संक्रमित मरीज

    Longest Covid Case : दुनिया का सबसे लंबा कोविड संक्रमित मरीज

    Longest Covid Case :  दुनिया में कोरोना से जंग अभी भी जारी है। भारत में चौथी लहर का साया छा चुका है। रोजाना ही कोरोना (covid 19) के मामले भारत में बढ़ रहे हैं। जिससे केंद्र और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे लंबा कोरोना केस (Longest Covid Case) कौन सा है और कहां का है। तो हम इस वीडियो में आपको वही बताएंगे।

    तो चलिए अब हम आपको दुनिया के सबसे लंबे कोरोना (Longest Covid Case) केस के बारे में बताएंगे, लेकिन उससे पहले एक नजर भारत के कोरोना (covid 19) पर भी डाल लेते हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में अब तक कुल 3 करोड़ 42 लाख से ज्यादा कोरोना केस कंफर्म हुए हैं। साथ ही वैक्सीनेशन के बारे में बात करें तो भारत की कुल आबादी  के हिसाब से अब तक 61.3 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनो डोज लग चुकी हैं।

    अब बत करते हैं दुनिया में सबसे दुर्लभ कोविड (covid 19) केस के बारे में, हाल ही में ब्रिटेन प्रशासन की ओर से एक जानकारी जारी की गई है। जोकि बेहद ही चौकाने वाली रही क्योंकि अगर कोई व्यक्ति कोविड पॉजिटिव पाया जाता है तो औसतन वो व्यक्ति 15 दिन या फिर 30 दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन यहां पर हम बात हफ्तों और महीनों की नहीं कर रहे हैं। दुनिया में कुछ केस ऐसे भी सामने आए जो कि लगातार एक साल तक पॉजिटिव रहे।

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    इस बीच कोरोना के एक मरीज को लेकर बेहद ही चौकाने वाली खबर सामने आई है। ब्रिटेन में बेहद कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाला एक मरीज करीब डेढ़ साल तक कोरोना (covid 19) वायरस से संक्रमित रहा था। वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दी है, हालांकि अभी यह कहा नहीं जा सकता है कि क्या यह सबसे लंबे वक्त तक कोविड-19 (Longest Covid Case) से संक्रमित रहने का मामला है क्योंकि सभी लोगों के संक्रमण की जांच नहीं की गई।

    दुनिया का सबसे लम्बा कोरोना केस बताने वाला संस्थान (Longest Covid Case) –

    Longest Covid Case बताने वाला संस्थान
    Longest Covid Case बताने वाला संस्थान

    तो वहीं गायज एंड सेंट थॉमस के NHS फाउंडेशन ट्रस्ट (Guy’s and St Thomas’ NHS Foundation Trust) में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ ल्यूक ब्लैगडन स्नेल ने बताया कि उनके पास एक ऐसा कोविड मरीज का केस है जो शायद दुनिया का सबसे लंबा संक्रमित केस (Longest Covid Case) हैं। उन्होंने बताया कि मरीज को करीब 505 दिनों तक कोविड (covid 19) पॉजिटिव पाया गया है। जोकि शायद दुनिया का सबसे लंबा कोविड केस (Longest Covid Case) हैं।

    लेकिन यहां पर एक कैच है। वो ये है कि डेढ साल तक लगातार पॉजिटिव रहने वाला कोई एक व्यक्ति नहीं है। बल्कि कई सारे व्यक्ति ऐसे पाए गए जो कि एक साल डेढ़ साल तक कोविड (covid 19) पॉजिटिव रहे। लेकिन सवाल ये है कि कैसे। कोविड का कोई मरीज इतने समय तक संक्रमित रह सकता है। तो अध्ययन में यह पता लगाया गया है कि सभी संक्रमित मरीजों में अंग प्रत्यारोपण, एचआईवी, कैंसर या अन्य बीमारियों के इलाज के कारण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली थी। सीधे शब्दों में बोले तो मरीजों को पहले से ही कोई बीमारी थी। जिसके चलते वो एक समय पर दो बीमारियों से जूझ रहे थे।

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    अब आपको बताते हैं कि डेढ साल यानी के 505 दिन के संक्रमित केस से पहले भी करीब एक साल तक यानी के 335 दिनों तक संक्रमण रहने वाले दुनिया में 6-7 मामले सामने आए थे। जोकि काफी दुर्लभ थे। लेकिन इन सब में एक बात सामान्य थी वो ये कि ये सभी पहले से ही किसी ना किसी  बीमारी से ग्रस्त थे।

    खैर आपको कैसी लगी ये स्टोरी आप नीचे Comment Box में Comment कर अपनी राय बता सकते हैं अपना Feedback जरुर दें।

     

  • Delhi BIG 5: दिल्ली की 5 बड़ी खबरें

    Delhi BIG 5: दिल्ली की 5 बड़ी खबरें

    Delhi BIG 5: दिल्ली की 5 बड़ी खबरें

    ‘आप’ के खौफ में मिली फ्री बिजली- सीएम

    हिमाचल दिवस के मौके पर सीएम जयराम ठाकुर ने प्रदेशवासियों को बिजली में 125 यूनिट फ्री देने का ऐलान किया है, जिसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी अपने हर राज्य में फ्री बिजली लेकर आए नहीं तो जनता समझ जाएगी ये आम आदमी पार्टी का खौफ है।

    नॉनेवज के बाद अब ‘भगवा’ विवाद

    जेएनयू में नॉनवेज विवाद के बाद अब एक और विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू सेना संगठन ने जेएनयू के आसपास के इलाकों में भगवा झंडा, भगवा गमछा, और पोस्टर लगाए हैं। जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने अपनी मुस्तैदी को और बढ़ा दिया है।

    महंगा हो सकता है ऑटो यात्रा !

    दिल्ली में पब्लिक वाहन का इस्तेमाल करने वालों की जेब होगी और ढीली, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ऑटो के किराया को बढ़ाने का दिया इशारा, गहलोत ने कहा कि ऑटो चालकों की मांग के लिए विभाग एक कमेटी बनाएगा और उसके हिसाब से सरकार को सिफारिशें देगा

    ‘समय के साथ प्रतिरोधक होता है कम’

    दिल्ली में बढ़ते कोरोना केस के बीच एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने प्रदेशवासियों ने बूस्टर डोज लगवाने के लिए की अपील, गुलेरिया ने कहा समय बीतने के साथ वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता होती है कम

    पति-पत्नी के झगड़े में मां ने बेटी को मारा

    Delhi BIG 5: दिल्ली के शालीमार बाग में पति-पत्नी में हुआ झगड़ा, तो गुस्से में मां ने अपनी मासूम बेटी की गला दबाकर कर दी हत्या।वहीं पुलिस ने सूचना पाकर मौके पर पहुंच कर आरोपी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया

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  • यूं परीक्षा में नक़ल कर रही थी छात्रा, पीठ पर मोबाइल और बालों में ब्लूटूथ… 

    यूं परीक्षा में नक़ल कर रही थी छात्रा, पीठ पर मोबाइल और बालों में ब्लूटूथ… 

    द न्यूज 15
    खंडवा। किसी भी तकनीकि के जितने फायदे होते हैं उतने ही दुप्रयोग भी होते हैं। मोबाइल आज की जिंदगी में एक ऐसा माध्यम हो गया है जिसके बिना हर कुछ छूटा हुआ नजर आता है। इससे दुप्रयोग भी ऐसे-ऐसे हैं कि आदमी दांतों तले उंगली चबा ले। दरअसल मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक छात्रा ऐसे नक़ल कर रही थी कि बॉलिवुड फिल्म मुन्नाभाई MBBS को भी पीछे छोड़ दिया। दरअसल खंडवा के गर्ल्स डिग्री कॉलेज में एक छात्रा ब्लूटूथ लगाकर नकल करते पकड़ी धर दबोची गई है।  छात्रा ने एक मोबाइल अपनी पीठ पर चिपका रखा था। इस लड़की ने मोबाइल से अटैच ब्लूटूथ अपने बालों में छुपा कर रखा था। इस मामले में नकल का प्रकरण दर्ज कर छात्रा से मोबाइल और ब्लूटूथ जब्त तक लिया है।
  • हरियाणा के सत्यवान ‘सौरभ’ एवं प्रियंका ‘सौरभ’ को मिली डॉक्टरेट की मानद उपाधि

    हरियाणा के सत्यवान ‘सौरभ’ एवं प्रियंका ‘सौरभ’ को मिली डॉक्टरेट की मानद उपाधि

    (सौरभ दम्पति, ब्रिटेन, बांग्लादेश व फीलिपिन्स देश द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित होने वाले हरियाणा के प्रथम व्यक्ति और दम्पति हैं)

    द न्यूज 15 
    चंडीगढ़/सिवानी मंडी।  इंटरनेशनल ब्रिटिश अकादमी और इंटरनेशनल फॉरम ऑफ पीस अकादमी तथा वर्ल्ड पीस फेडरेशन, बांग्लादेश एवं फिलीपींस द्वारा दिनांक 19 मार्च, 2022 को यूनिवर्सिटी एंड म्यूजियम ऑफ़ द रिसर्च एंड विजडम, ढाका द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल प्रोग्राम में गाँव बड़वा, सिवानी (भिवानी) के युवा लेखक दम्पति सत्यवान ‘सौरभ’ एवं प्रियंका ‘सौरभ’ को उनकी शैक्षणिक,साहित्यिक,सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यों मे अतुलनीय अनवरत योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। सौरभ दम्पति, ब्रिटेन, बांग्लादेश व फीलिपिन्स देश द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित होने वाले हरियाणा के प्रथम व्यक्ति और दम्पति हैं जो कि हरियाणा सहित सम्पूर्ण भारत के लिए विशेष सम्मान की बात है ।
    गौरतलब है कि सत्यवान ‘सौरभ’ और प्रियंका ‘सौरभ’ को साहित्यकार और शिक्षक के रूप में  राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है. दोनों कवि, लेखक, शिक्षक हैं. हाल ही में इनकी छह किताबें आई है. सत्यवान ‘सौरभ’ के दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ को हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुदान भी मिला है. वही इनकी पुस्तकों  ‘कुदरत की पीर’ और ‘इश्यूज एंड पेनस’ में इन्होने सामाजिक कुरीतियों पर जबरदस्त प्रहार किये हैं. प्रियंका ‘सौरभ’ की तीनों पुस्तकें निर्भयाएं, फीयरलेस और दीमक लगे गुलाब महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश करती है.इस अवसर पर सौरभ दम्पति ने कहा कि विश्व साहित्य, नृविज्ञान, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, शिक्षाशास्त्र पर ऑनलाइन परीक्षण समाप्त करने के बाद विश्व शांति मंच जेनेवा और यूनेस्को की अंतर्राष्ट्रीय ब्रिटिश अकादमी से इतनी उच्च मानद उपाधि प्राप्त करने पर हमें अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है।
    देश-विदेश के हज़ारों पत्र-पत्रिकाओं में विभिन्न भाषाओं में दोनों के सम्पादकीय लेखों ने अलग पहचान बनाई है. दोनों की इन उपलब्धियों पर पूर्व चेयरमैन रमेश सिंहमार, पूर्व तहसीलदार प्रताप सिंह भाटीवाल, भाजपा मंडल अध्य्क्ष लाल सिंह लालू, संदीप भाटीवाल, डॉ प्रताप सिंहमार, अधिवक्ता सुनील सिंहमार, डॉ दलबीर सिंह भाटीवाल, महेन्दर सिंह लखेरा, डॉ नोकरम, मनोज हरियाणवी, मास्टर परविंदर तंवर, विक्रम तंवर, ज्ञानीराम शर्मा, राजकुमार चौधरीवास, मास्टर अजय शर्मा, मास्टर भूपेंदर गुरेरा, दीपक दीप, मुकेश, विनोद शर्मा समेत सभी शुभचिंतकों ने हर्ष व्यक्त किया है।

  • स्कूल में भगवत गीता पढ़ाना गलत नहीं लेकिन…कांग्रेस नेता रहमान खान का बड़ा बयान

    स्कूल में भगवत गीता पढ़ाना गलत नहीं लेकिन…कांग्रेस नेता रहमान खान का बड़ा बयान

    द न्यूज 15

    नई दिल्ली। कर्नाटक की स्कूलों में गुजरात की तर्ज पर भगवत गीता को शामिल करने को लेकर कांग्रेस नेता के रहमान खान ने कहा कि इसमें भाजपा का स्वार्थ निहित है। हर धार्मिक पुस्तक धर्म सिखाती है, आप यह नहीं कह सकते हो कि यह केवल गीता है जो धर्म या भारतीय संस्कृति सिखाती है। अगर ऐसा है तो सभी धार्मिक पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
    दरअसल, भूपेंद्रभाई पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने भगवद गीता को शैक्षणिक वर्ष 2022 से कक्षा 6 से 12 के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर मंजूरी दे दी है। जिस पर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ने बीसी नागेश ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि हमारे राज्य में भी यह कदम उठाया जाएगा, अगर विशेषज्ञ इसकी मंजूरी देते हैं तो अगले शैक्षणिक सत्र में इसे शामिल किया जाएगा। अब इस मामले में कांग्रेस नेता रहमान खान ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि ऐसा करने के पीछे भाजपा का स्वार्थ निहित है। खान ने कहा, “हर धार्मिक पुस्तक धर्म सिखाती है, आप यह नहीं कह सकते कि यह केवल गीता है जो धर्म और भारतीय संस्कृति सिखाती है। छात्रों को सभी धार्मिक पुस्तकों को पढ़ाया जाना चाहिए। इसमें भाजपा का निहित स्वार्थ है क्योंकि नई शिक्षा नीति को हिंदुत्व नीति के आवरण में ओढना ही मकसद है बाकी कुछ नहीं।”
    कर्म रावण जैसे और गीता के बारे में बातः गुजरात सरकार के भगवत गीता को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने के फैसले की दिल्ली के डिप्टी मनीष सिसोदिया ने आलोचना की। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह एक महान कदम है लेकिन जो लोग इसे पेश कर रहे हैं उन्हें पहले गीता के मूल्यों का अभ्यास करने की जरूरत है। उनके कर्म रावण की तरह हैं और वे गीता के बारे में बात करते हैं।

  • बिहार: स्कूल में औचक निरीक्षण को पहुंचे खगड़िया के डीएम आलोक रंजन घोष, ब्लैकबोर्ड पर अपना नाम तक नहीं लिख पाए कई बच्चे

    बिहार: स्कूल में औचक निरीक्षण को पहुंचे खगड़िया के डीएम आलोक रंजन घोष, ब्लैकबोर्ड पर अपना नाम तक नहीं लिख पाए कई बच्चे

    द न्यूज 15

    खगड़िया। बिहार की नीतीश कुमार सरकार बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। जिससे सूबे के बच्चे आगे बढ़ें और तरक्की करें। लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है। इसका पता तब चला जब खगड़िया जिले के डीएम आलोक रंजन घोष अपने अधिकारियों के साथ रामगंज संसारपुर स्थित स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। यहां कई बच्चों को अपना नाम तक लिखना नहीं आता था। जब इसके बारे में डीएम ने सवाल किया तो शिक्षक उनसे ही उलझ पड़े।
    औचक निरिक्षण को पहुंचे डीएम ने ब्लैकबोर्ड पर हिंदी के कुछ अक्षर लिखकर बच्चों को उन्हें पढ़ने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने बच्चों से ब्लैकबोर्ड पर अपना नाम लिखने को कहा। इससे वहां मौजूद शिक्षकों के पसीने छूट गए क्योंकि किसी भी बच्चे ने ठीक से अपना नाम नहीं लिखा। उन्होंने जब क्लासटीचर से इसे लेकर सवाल किया तो वे गलती मानने की बजाय उन्हीं से बहस करने लगे।
    डीएम ने क्लासटीचर से कहा कि बच्चे टाइमपास कर रहे हैं। जवाब में टीचर ने कहा कि सर हम इन्हें पढ़ाते-लिखाते हैं पर ये बच्चे भूल जाते हैं। इसपर उन्होंने कहा कि भूल जाता है? अपना नाम लिखना भी, जो सबसे ज्यादा पर्सनल चीज है? जवाब में टीचर कहते हैं कि अ से ज्ञ तक सिखेगा तब ना अपना नाम लिखना सीखेगा। गुस्से में डीएम कहते हैं कि नहीं सिखा पा रहे हैं आप? टीचर कहते हैं कि सिखा रहे हैं सर।
    टीचर के जवाब से डीएम को और गुस्सा आ जाता है। वे कहते हैं कि नहीं सिखा पा रहे हैं आप? नहीं सिखा पा रहे हैं तो किसलिए हैं आप फिर? कितना वेतन मिलता है आपको? टीचर जवाब में कहते हैं कि सर सिखा रहे हैं। पहले अ, य, र, ल, व ब लिखना आ जाए फिर सिखाएंगे। इसके बाद डीएम पूछते हैं कि कौन सिखाएगा इनको? ये सभी कल से कक्षा में आ रहे हैं क्या? जवाब में टीचर वही पुराना जवाब दोहराते हुए कहते हैं कि हम सिखाएंगे सर।

  • मजदूरों के बच्चों को भी मिलेगी अच्छी शिक्षा,जानिए योगी सरकार की स्कीम

    मजदूरों के बच्चों को भी मिलेगी अच्छी शिक्षा,जानिए योगी सरकार की स्कीम

    द न्यूज 15

    लखनऊ। प्रदेश में निर्माण श्रमिकों के बच्चों को भी सामान्य बच्चों की तरह पढ़ने-लिखने के बेहतर अवसर मिलेंगे। राज्य सरकार की पहल पर प्रदेश में पहली बार सभी मंडलों में निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है।
    राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि कोरोना काल के दौरान अनाथ हुए बच्चों को यूपी अटल रेजीडेंशियल स्कूल स्कीम के तहत कक्षा छह से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। इसी तरह 11 से 18 वर्ष के बच्चों को कक्षा 12 तक की मुफ्त शिक्षा भी दिलाई जाएगी। अलीगढ़, अयोध्या, आजमगढ़, बस्ती, बरेली, चित्रकूटधाम, देवीपाटन, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मीरजापुर, प्रयागराज, गोरखपुर, मुरादाबाद, आगरा, सहारनपुर और वाराणसी में विद्यालय के लिए भूमि का चिह्नांकन भी पूरा कर लिया गया है।

  • मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूल में बजा पल-पल तेरी याद सतावे गाना, मास्साब ने शिक्षिकाओं के बीच पर लगाए ठुमके 

    मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूल में बजा पल-पल तेरी याद सतावे गाना, मास्साब ने शिक्षिकाओं के बीच पर लगाए ठुमके 

    द न्यूज 15

    भोपाल। भोपाल में एक सरकारी स्कूल के एक कार्यक्रम का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक शिक्षक महिला शिक्षिकों के बीच फूहड़ गाने पर ठुमके लगाते हुए डांस कर रहे हैं। शिक्षकों के डांस के इस वीडियो में हरियाणवी गाने पर किया जा रहा है जिसके बोल बेहद फूहड़ हैं। इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने वीडियो की सत्यता का पता लगाने के लिए अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं।
    भोपाल के बावड़िया कलां में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक कार्यक्रम का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें पल-पल तेरी याद सतावे गाने पर स्कूल स्टाफ डांस करता दिखाई दे रहा है। इसमें महिलाओँ की संख्या ज्यादा है। कई महिला शिक्षिकाओं के बीच एक पुरुष शिक्षक भी ठुमके लगाता दिखाई दे रहा है जो महिला शिक्षिकों के साथ बेहूदा डांस करता नजर आ रहा है। डांस करने वाले लोगों से दूर खड़़ी एक महिला शिक्षिका को डांस करने वाले युवक साथ में डांस करने के लिए बुलाता भी दिख रहा है लेकिन वह बचकर दूर हो जाती है। गौरतलब है कि वीडियो में जिस गाने पर स्कूल के शिक्षक व स्टाफ के डांस को दिखाया जा रहा है, उस गाने पर आमतौर पर हरियाणवी डांसर डांस करती हैं।
    स्कूल विभाग ने जांच शुरू की : जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना से जब इस वीडियो को लेकर लाइव हिंदुस्तान ने संपर्क किया तो उन्होंने पहले तो जानकारी में नहीं होने की बात कही। मगर जब उन्हें वायरल वीडियो भेजा गया तो उन्होंने बताया कि स्कूल के प्राचार्य बृजेश सक्सेना अभी अवकाश पर हैं। वीडियो का पता किया जा रहा है कि कब का है और डांस करने वाले लोग कौन है। जिला शिक्षा अधिकारी ने उसके आधार पर कार्रवाई करने की बात कही।
    वहीं, वायरल वीडियो पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि महिलाओं के बीच डांस करने वाले शिक्षक सीएम के नजदीकी रिश्तेदार हैं। उन्होंने सवाल किया कि इसलिए क्या वे कुछ भी कर सकते हैं।

  • मेडिकल शिक्षा नीति सही होती तो छात्रों को छोटी उम्र में नहीं जाना पड़ता बाहर

    मेडिकल शिक्षा नीति सही होती तो छात्रों को छोटी उम्र में नहीं जाना पड़ता बाहर

    यूक्रेन से लौटे स्‍टूडेंट्स के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने छेड़ी नई बहस, प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से बात करते हुए कहा कि कोई नहीं चाहता कि, हमारे बच्चे देश से बाहर जाएं। उन्होंने कहा कि, पिछली सरकारों की नीति सही होती तो आप लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ता

     

    द न्यूज 15

    नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को आज 8वां दिन है। इस दौरान भारत ने यूक्रेन में पढ़ने वाले 18 हजार बच्चों की सुरक्षित घर वापिसी कर ली है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के अनुसार बीते 24 घंटो में 15 फ्लाइटे भारत आई हैं। अगले 24 घंटो के लिए 18 फ्लाइटों को यूक्रेन भेजा जाएगा, जिनके जरिए बचे हुए भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकालने का काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन से वापस लौटे मेडिकल छात्रों से बात की। जिन्होंने प्रधानमंत्री को शुक्रिया कहा।इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से बात करते हुए कहा कि, कोई नहीं चाहता कि, हमारे बच्चे देश से बाहर जाएं। प्रधानमंत्री ने कहा “अगर पहले से मेडिकल नीति सही होती तो आप लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ता। कोई मां-बाप नहीं चाहता कि, उनका बच्चा देश से बाहर जाए। पहले हमारे देश में तीन सौ-चार सौ मेडिकल कालेज थे। जो बढ़कर अब 700-800 हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि, मेरी योजना है कि, आने वाले दिनों में हर जिले में मेडिकल कालेज हो, आने वाले 10 सालों में देश में इतने डॉक्टर बनेंगे जितने बीते 70 साल में नहीं बने हैं।”हर साल कितने बच्चे मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाते हैं विदेश- ऑल इंडिया फ़ॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट एसोसिएशन के मुताबिक हर साल 12,000 से 15,000 भारतीय छात्र डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है भारत में सरकारी मेडिकल कालेजों की कम संख्या। देश में अभी सरकारी मेडिकल कालेजों की संख्या 600 से कुछ ज्यादा है। जबकि निजि मेडिकल कालेज में फीस बहुत ज्यादा होने की वजह से बच्चे विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करना ज्यादा बेहतर समझते हैं।लोकप्रिय खबरें ‘इन लोगों ने मोदी जी वाला नमक नहीं खाया…’ यूक्रेन से लौटे छात्रों ने मोदी जिंदाबाद के नारे पर साध ली चुप्पी; लोग यूं ले रहे मजे VIDEO: टॉपलेस ड्रेस में घर से निकलीं ये एक्ट्रेस, वायरल हो रहीं Photos Dawood Money Laundering Case: नवाब मलिक ने दाऊद की बहन को 55 नहीं 5 लाख दिए, टाइपिंग मिस्‍टेक हो गई, कोर्ट में ED का कबूलनामा देशभक्ति का भूत चढ़ा है तो बॉर्डर पर जाकर लड़ो- शाहरुख खान पर भड़के बॉलीवुड एक्टर; उनकी फिल्म ‘पठान’ को बता दिया डब्बाइन देशों में पढ़ाई करने जाते है भारतीय बच्चे – भारत से हर साल 15 हजार छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन, बेलारूस, कजाकिस्तान ऑस्ट्रेलिया जैस देशों में जाते हैं। वहीं देश में डॉक्टरी की डिग्री को अच्छे रोजगार की गारंटी माना जाता है। जिसके चलते देश में कुल मेडिकल की 58 हजार सीटों पर 10 लाख से ज्यादा बच्चे इम्तिहान देते हैं। ऐसे में जिन बच्चों को सरकारी मेडिकल कालेज में एडमिशन नहीं हो पाता तो वे लोग विदेश में जाकर मेडिकल की पढ़ाई शुरू कर देते हैं।यूक्रेन में कोई भारतीय बंधक नहीं – विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि, हमारे पास वहां पर बंधक बनाकर रखने की कोई भी जानकारी नहीं है। भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए हमें जो रूट सुविधाजनक लगेगा हम वहां से उन्हें निकालेंगे।यूक्रेन से बाहर निकलने के बाद ज़्याजा परेशानी नहीं है। उन्होंने बताया कि, शुरुआत में 20,000 भारतीय नागरिकों का पंजीकरण किया गया था, लेकिन कई ऐसे भी थे जिन्होंने पंजीकरण नहीं कराया था। हमारा अनुमान है कि कुछ सौ नागरिक अभी भी खार्किव में रह रहे हैं। हमारी प्राथमिकता छात्रों को सुरक्षित रूप से बाहर ले जाना है।यह भी पढ़ें: 18 हजार भारतीय लौटे अपने वतन, उधर रूसी विदेश मंत्री बोले- वार्ता के लिए तैयार पर सेना पर हमले नहीं रुकेंगे18 हजार बच्चों की हुई सकुशल वापसी – विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि, हमारी पहली एडवाइजरी जारी होने के बाद कुल 18,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से भारत लौटे हैं। ऑपरेशन गंगा के तहत 30 उड़ानें अब तक यूक्रेन से 6,400 भारतीयों को लेकर भारत पहुंचीं हैं। अगले 24 घंटों में 18 और फ्लाइट शेड्यूल हैं।