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  • International Literacy Day : स्कूल न जाने वाले बच्चों में लड़कियों का आज भी बड़ा हिस्सा

    International Literacy Day : स्कूल न जाने वाले बच्चों में लड़कियों का आज भी बड़ा हिस्सा

    International Literacy Day : हाई स्कूल के बाद 50 प्रतिशत लड़कियों की शादी हो जाती है और बाकी 12वीं में आ जाती हैं। इसके बाद इनमें से लगभग 25 प्रतिशत लड़कियाँ कॉलेज में दाखिला लेती हैं। यदि लड़कियों को 12वीं के बाद किन्हीं तरह की नौकरियाँ मिल जाती हैं तो वे भी पढ़ाई छोड़ देती हैं। माता-पिता अपनी लड़कियों की सुरक्षा को लेकर चिन्तित रहते हैं। उन्हें इस बात का भी डर रहता है कि ज़्यादा शिक्षित होने पर लड़कियाँ कहीं भाग न जाएँ। अपने सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार कम उम्र में विवाह, लड़कियों को घर और गाँव से बाहर जाने की अनुमति नहीं है क्योंकि यह एक सामाजिक वर्जना है, माता-पिता अपने कार्यस्थलों पर जाते हैं और घरेलू गतिविधियाँ छोटी बच्चियों द्वारा की जाती हैं, छोटे बच्चों की देखभाल की जाती है।

     

     डॉ. सत्यवान सौरभ

    पिछले दशकों में उच्च शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी और कार्यबल में भागीदारी में उल्लेखनीय सुधार के बावजूद, प्रगति अभी भी काफी कम है। विश्व में महिलाओं की जनसंख्या विश्व जनसंख्या का 49.58% अनुमानित है। उच्च शिक्षा में महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व और असमानता और कार्यबल में कम भागीदारी गहरे सामाजिक कलंक, भेदभाव और सामाजिक मानदंडों का परिणाम है। हाई स्कूल के बाद 50 प्रतिशत लड़कियों की शादी हो जाती है और बाकी 12वीं में आ जाती हैं। इसके बाद इनमें से लगभग 25 प्रतिशत लड़कियाँ कॉलेज में दाखिला लेती हैं। यदि लड़कियों को 12वीं के बाद किन्हीं तरह की नौकरियाँ मिल जाती हैं तो वे भी पढ़ाई छोड़ देती हैं। माता-पिता अपनी लड़कियों की सुरक्षा को लेकर चिन्तित रहते हैं। उन्हें इस बात का भी डर रहता है कि ज़्यादा शिक्षित होने पर लड़कियाँ कहीं भाग न जाएँ।

    1990 के दशक से महिला नामांकन में तेजी से वृद्धि हुई है, फिर भी उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्कूली शिक्षा में पर्याप्त अंतर है। बढ़ी हुई महिला नामांकन, लड़कों के सापेक्ष लड़कियों की लगातार उच्च दर और लड़कियों की कम उपस्थिति से समझौता है। स्कूल न जाने वाले बच्चों में लड़कियों का भी बड़ा हिस्सा है। लिंग समानता में भी काफी अंतर-राज्यीय भिन्नताएं हैं। बिहार और राजस्थान जैसे सबसे अधिक शैक्षिक रूप से वंचित राज्यों में महिला नामांकन में सबसे बड़ी वृद्धि हासिल की गई है, इन राज्यों को केरल, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश के बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों के साथ पकड़ने के लिए अभी भी एक लंबा सफर तय करना है। सरकारी स्कूलों के भीतर- भीड़भाड़ वाली कक्षाएँ, अनुपस्थित शिक्षक, गंदी स्थिति, लड़कियों के लिए शौचालय की अनुपस्थिति आम शिकायतें हैं और माता-पिता को यह तय करने का कारण बन सकता है कि यह उनकी बालिकाओं के स्कूल जाने के लायक नहीं है। अपने सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार कम उम्र में विवाह, लड़कियों को घर और गाँव से बाहर जाने की अनुमति नहीं है क्योंकि यह एक सामाजिक वर्जना है, माता-पिता अपने कार्यस्थलों पर जाते हैं और घरेलू गतिविधियाँ छोटी बच्चियों द्वारा की जाती हैं, छोटे बच्चों की देखभाल की जाती है।
    घर- समाज में लैंगिक असमानता और उम्र से पहले के विवाह। रहने वाले क्षेत्रों में पौष्टिक भोजन की कमी और अस्वच्छ स्थितियों के कारण छात्र विशेष रूप से महिला का बार-बार खराब होना। कठिन वित्तीय स्थितियों और सामाजिक कंडीशनिंग के कारण, परिवार आमतौर पर बालिका शिक्षा की उपेक्षा करते हैं क्योंकि वे रोजगार के लिए तैयार नहीं होते हैं। सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था में महिलाओं की स्थिति बहुत कम है। वे विकास सिद्धांत की चर्चाओं से भी स्पष्ट रूप से अनुपस्थित हैं। यह एक नागरिक के रूप में उनकी जरूरतों और अधिकारों के दावे के लिए एक प्रमुख आवाज की अनुपस्थिति की ओर जाता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सरकारी स्कूलों में लड़कियों का अधिक प्रतिनिधित्व है, जो निरंतर पुत्र वरीयता को प्रदर्शित करता है, जहां लड़कों को निजी और बेहतर स्कूलों में शिक्षित किया जाता है जो (कथित) बेहतर गुणवत्ता वाले हैं। महिलाओं के खिलाफ हिंसा और सुरक्षा के मुद्दे भी एक और कारण है।

    आज देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के 18 में से 11 डिवीजनों का नेतृत्व अब महिलाओं द्वारा किया जाता है, शायद किसी भी सरकारी विभाग में नेतृत्व करने वाली महिलाओं का सबसे बड़ा प्रतिशत। 2011 की जनगणना के अनुसार, 2001 के 53.67% से महिला साक्षरता का स्तर 65.46% है। 2018-19 में बाह्य अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं में लगभग 28% प्रतिभागी महिलाएं थीं, जो 2000-01 में 13% थी। ‘वर्ल्ड एम्प्लॉयमेंट एंड सोशल आउटलुक ट्रेंड्स फॉर वीमेन’ 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, आज पहले से कहीं ज्यादा महिलाएं शिक्षित हैं और श्रम बाजार में भाग ले रही हैं। भारत में कॉर्पोरेट क्षेत्र में वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर महिलाओं की संख्या 39% है, जो वैश्विक औसत से अधिक है। फॉर्च्यून 500 कंपनियों में महिला सीईओ की संख्या 15% है, जबकि निजी उद्यमों के प्रबंधन में महिला बोर्ड के सदस्य 15% (2016) से बढ़कर 2022 में 19.7% हो गए हैं। जबकि 1990 के दशक से महिला नामांकन में तेजी से वृद्धि हुई है, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में अभी भी काफी अंतर है। ड्रॉप-आउट की लगातार उच्च दर और लड़कों की तुलना में लड़कियों की कम उपस्थिति। स्कूल न जाने वाले बच्चों में लड़कियों का भी बड़ा हिस्सा है। लिंग समानता में भी काफी अंतर-राज्यीय भिन्नताएं हैं।

    कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सरकारी स्कूलों में लड़कियों को अधिक प्रतिनिधित्व दिया जाता है, यह दर्शाता है कि लड़कों को बेहतर स्कूलों में शिक्षित किया जाता है। यूनेस्को के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत सबसे निचले स्थान पर है, जिसमें केवल 14% महिला शोधकर्ता एसटीईएम क्षेत्रों में काम कर रही हैं। अधिकांश एसटीईएम संस्थानों में, महिलाएं सभी प्रोफेसरों के पदों में से 20% पर कब्जा कर लेती हैं। उदाहरण के लिए, आईआईटी मद्रास में 314 प्रोफेसरों (10.2%) में से केवल 31 ही हैं। निर्णय लेने वाले निकायों जैसे बोर्ड ऑफ गवर्नर्स या काउंसिल ऑफ इंस्टीट्यूट ऑफ प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा में महिला प्रतिभागियों की संख्या बहुत कम है। रुझान बताते हैं कि नीतिगत संदर्भ में बहुत कुछ किया गया है, फिर भी बड़ी नीतिगत चुनौतियों का सामना करना बाकी है। लैंगिक समानता या समानता तभी होगी जब मानसिकता में बदलाव होगा। साक्षरता एक वरदान है जिसे अक्सर स्वीकार कर लिया जाता है। पढ़ना हमारे दैनिक जीवन में आवश्यक है। पढ़ने या लिखने में सक्षम हुए बिना दुनिया के माध्यम से नेविगेट करना चुनौतीपूर्ण है और बहुत सी चीजों का अनुभव करने के लिए एक नाकाबंदी है।

    (लेखक  कवि, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट हैं )

  • Delhi Subordinate Services Selection Commission : बिहार की बेटी रचना ने लहराया दिल्ली में परचम

    Delhi Subordinate Services Selection Commission : बिहार की बेटी रचना ने लहराया दिल्ली में परचम

    Delhi Subordinate Services Selection Commission : TGT English के अंतिम चयन में हुईं शामिल

    Delhi Subordinate Services Selection Commission : दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के TGT English के अंतिम चयन में शामिल हो बिहार की बेटी रचना ने बाजी मार ली है। कल DSSSB ने अंतिम परिणाम जारी करते हुए सभी उम्मीदवारों की अंतिम सूची शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार को सौंप दिया।

    ज्ञात है कि देश के शिक्षण क्षेत्र में दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की यह परीक्षा प्रतिष्ठित मानी जाती है। दिल्ली सरकार के अंतर्गत यह परीक्षा ग्रुप B ग्रेड पे 4600 के तहत आती है। दिल्ली के शिक्षा मॉडल में इन पद पर कार्य कर रहे शिक्षकों का योगदान महत्त्वपूर्ण होता है।

    रचना ऋतु ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटना के May Flower Public स्कूल, बारहवीं J.D. Women’s College से, अंग्रेज़ी में स्नातक Patna Women’s College से तथा MA in English पटना विश्वविद्यालय से पूर्ण किया। शादी के पश्चात B.ed की पढ़ाई दिल्ली में तथा केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की।
    रचना अपने विद्यार्थी जीवन से ही होनहार रही जिसका सिलसिला मैट्रिक से परस्नातक तक डिस्क्टिन मार्क्स, इंटर में कालेज टॉपर, स्नातक में भारत सरकार की छात्रवृत्ति लेकर अपनी शिक्षा पूर्ण की।

    इस प्रतिष्ठित परीक्षा में चयन होने के बाद रचना ऋतु के दिल्ली स्थित परिवार, पटना निवासी माता पिता, बटराहा सहरसा निवासी दादा दादी, रामनगर बेला (मधेपुरा) में नाना नानी एवं ससुराल गांव गोसपुर (सुपौल) में खुशियों की लहर है।

  • Education : अब शिक्षण शुल्क (एजुकेशन फीस) का आसानी से मासिक किस्तों पर करें भुगतान

    Education : अब शिक्षण शुल्क (एजुकेशन फीस) का आसानी से मासिक किस्तों पर करें भुगतान

    Education : दिल्ली में 50,000 से ज्यादा पैरंट्स और 120 से ज्यादा स्कूलों को फी-फाइनेंसिंग मॉडल से लाभ पहुंचा रही है फाइनेंसपियर

    नई दिल्ली। प्रतिदिन बढ़ती एजुकेशन फीस (शिक्षण शुल्क) हमेशा से ही हरेक अभिवावक के लिए चुनौती रही है और इससे निपटने के लिए या तो आप बच्चो का एडमिशन दोयम दर्जे के संस्थान में करवा देते है या फिर अच्छे संस्थान में पढ़ाने के लिए आप अपनी अन्य जरूरतों से समझौता करते है।

    पेरेंट्स की इस समस्या को समझते हुए और उसका हल निकालने के लिए स्टार्टअप फिनटेक कंपनी फाइनेंसपियर ने फीस फाइनेंसिंग जैसी सर्विस की शुरुआत की है जिसके अंतर्गत आप फीस को आसान किश्तों में वो भी बिना किसी ब्याज के चुका सकते है। दिल्ली के 120 से ज्यादा स्कूलों के साथ यह कंपनी अपना समझौता कर चुकी है और अब तक 50 हजार से ज्यादा पैंरंट्स को फीस फाइनेंस करने के सोल्यूशन प्रदान किए हैं। साथ ही फाइनेंसपीयर छात्रों को मुफ्त बीमा की सुविधा भी ऑफर कर रही है जिसके अंतर्गत किसी भी तरह की अनहोनी होने पर कंपनी शैक्षिणिक संस्थान को बच्चो की पूरी फीस देती है।

    फाइनेंसपियर के सह- संस्थापक सुनीत गजभिये ने कहा, “हमारा उद्देश्य सभी लोगों तक क़्वालिटी एजुकेशन की पहुंच उपलब्ध कराना है। हम पूरे भारत में अपनी पहुँच का विस्तार कर रहे हैं और दिल्ली हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में से एक है। हमने दिल्ली में 120 से ज्यादा स्कूलों के साथ समझौता किया है। हमारा मॉडल दोनों के लिए है, हम न केवल बच्चो की एजुकेशन फीस को फाइनेंस की सुविधा प्रदान करते है वल्कि शैक्षिणिक संस्थान को भी फाइनेंस की सुविधा प्रदान करते है, संस्थान को हम सारे बच्चो की पूरे साल की फीस एक साथ दे देते है और बच्चो से आसान किश्तों में लेते है”।

    फाइनेंसपीयर का संचालन पहले ही 100 से ज्यादा शहरों में हो रहा है और कंपनी के नेटवर्क में इस समय 8 हजार से ज्यादा शिक्षा संस्थान है जिसमे 15 लाख से अधिक छात्रों को फीस फाइनेंसिंग की सुविधा प्रदान की जा रही है। फाइनेंसपीयर से जुड़े कुछ प्रमुख नाम में एमिटी यूनिवर्सिटी, फ्रैंकफिन और आकाश इंस्टिट्यूट हैं

  • Education of india : कमाई की होड़ में शिक्षण संस्थान, शिक्षा का बाजार या बाजार की शिक्षा

    Education of india : कमाई की होड़ में शिक्षण संस्थान, शिक्षा का बाजार या बाजार की शिक्षा

    Education of india : शिक्षण एक जुनून के बजाय एक शुद्ध पेशा बन गया है और शिक्षण संस्थानों ने मूल्यों को विकसित करना बंद कर दिया है

    Education of india : “शिक्षा का उद्देश्य तथ्य नहीं बल्कि मूल्यों का ज्ञान है।”  युवा मन में इन मूल्यों को विकसित करने में स्कूल और कॉलेज एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। अनुशासन, जवाबदेही, अखंडता, टीम वर्क, करुणा, विश्वास और ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण मूल्य हैं जो स्कूलों में पेश किए जाते हैं। शिक्षक को छात्रों में उपरोक्त मूल्यों को विकसित करने के लिए एक रोल मॉडल के रूप में कार्य करना चाहिए। हालांकि Pretense of Education के कारण Education of india एक जुनून के बजाय एक शुद्ध पेशा बन गया है और शिक्षण संस्थानों ने मूल्यों को विकसित करना बंद कर दिया है।
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    आज के प्रतियोगी युग में एक छात्र की सफलता को केवल रैंक और ग्रेड के संदर्भ में मापा जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप अखंडता और अनुशासन जैसे मूल्यों का नुकसान होता है। यदि बात Moral Education की करें तो छात्रों को अच्छे ग्रेड प्राप्त करने के लिए नैतिक या अनैतिक कोई भी साधन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उदाहरण के लिए, बिहार बोर्ड की परीक्षाएं जहाँ सामूहिक नकल की गई थी। इसने छात्रों के मन में तनाव को भी बढ़ा दिया है जिसके परिणामस्वरूप दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं जैसे कि एक परीक्षा से बचने के लिए दूसरे छात्र के जीवन को समाप्त करना।

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    गुरुग्राम स्कूल की घटना और मुंबई की घटना जहां बारह वर्षीय छात्र ने शिक्षक को मार डाला। संस्था के खर्च को कम करने के लिए कई स्कूलों ने आउटसोर्सिंग की है; तीसरे पक्ष को परिवहन और हाउसकीपिंग, जिसके कारण अनधिकृत कर्मचारी परिसर में प्रवेश करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी और अन्य प्रमुख शहरों में, निर्दोष बच्चों के यौन हमले और बलात्कार हुए हैं। परिणामस्वरूप शिक्षण संस्थानों पर से भरोसा उठ गया है।
    Pretense of Education, moral education, Teaching institute, Social Evilsस्कूलों और कॉलेजों में पैदा हुए नैतिक शून्य ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग और साथी सहपाठियों के प्रति असहिष्णुता जैसी घटनाओं को जन्म दिया है। यह Moral Educationn का अभाव ही है कि स्कूल और कॉलेज इस तरह की घटनाओं को रोकने में सफल नहीं रहे हैं। सोशल मीडिया और इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल ने इंसानों के दिलों को दूर कर दिया है। टीम वर्क और करुणा खो गई है। छात्र स्वयं और समाज की समस्याओं के प्रति असंवेदनशील हो गए हैं और इस प्रकार ब्लू-व्हेल चैलेंज जैसे खेलों के शिकार हो रहे हैं।

    मूल्यों को आकार देने में Teaching institute की भूमिका एक निश्चित सीमा तक सीमित होती है। यह काफी हद तक उसके परिवार द्वारा बच्चे की परवरिश पर भी निर्भर करता है। माता-पिता का आचरण अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है जिसे हम बच्चे के रूप में देखते हैं और उनसे सीखते हैं। बच्चों को Social Evils बचाना चाहिए।शिक्षा का मुख्य सरोकार मनुष्य में अच्छे, सच्चे और परमात्मा को विकसित करना है ताकि दुनिया में एक नैतिक जीवन स्थापित हो सके। यह अनिवार्य रूप से मनुष्य को पवित्र, सिद्ध और सच्चा बनाना चाहिए। मानवता का कल्याण न तो वैज्ञानिक और न ही तकनीकी में निहित है;उन्नति और न ही भौतिक सुख-सुविधाओं के अधिग्रहण में। शिक्षा का मुख्य कार्य चरित्र को समृद्ध करना है।

    आज हमें जिस चीज की जरूरत है, वह है साहस, बौद्धिक अखंडता और मूल्यों की भावना पर आधारित नैतिक नेतृत्व। चूंकि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन और मानव प्रगति का एक शक्तिशाली साधन है, इसलिए यह व्यक्ति में मूल्यों को विकसित करने का एक शक्तिशाली उपकरण भी है। इसलिए सभी Teaching institute पर शिक्षा के माध्यम से सीखने और मूल्यों की खेती करने की अधिक जिम्मेदारी है। समाज पर प्रभाव: स्वयं पर प्रभाव: आत्म-मूल्य और आत्मविश्वास की हानि। इसके परिणामस्वरूप लालच, ईर्ष्या, बदला, हिंसा जैसे बुरे गुण पैदा होते हैं। हालांकि कोई एक सफल वकील, इंजीनियर या डॉक्टर हो सकता है, लेकिन बिना मूल्यों के नैतिक बौना बना रहेगा।

    स्कूल चार दीवारों वाली एक इमारत है जिसके अंदर एक उज्जवल कल है। यदि विद्यालय मूल्यों को विकसित करने में विफल रहते हैं तो आने वाली पीढ़ी सामाजिक बुराइयों से प्रभावित हो सकती है। असहिष्णुता, कट्टरता, लैंगिक भेदभाव और अपराध में वृद्धि देखी जा सकती है। चूंकि शिक्षा कई Social Evils का प्रतिकार है, इसलिए छात्रों में अच्छे मूल्य पैदा करना लगभग अपरिहार्य है अन्यथा एक समाज के रूप में हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी में कितनी भी प्रगति कर लें, हम अंततः बर्बाद हो सकते हैं।

    स्कूलों और कॉलेजों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समय पर नैतिक शिक्षा के माध्यम से बचपन से ही मजबूत मूल्य प्रणाली मौजूद है। मूल्य शिक्षा एक शांतिपूर्ण और सुखी समाज के लिए पहला कदम है। शिक्षा के माध्यम से एक व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक, उत्साही समृद्धि मूल्य को आत्मसात करने से बल मिलेगा; यह युवाओं के चरित्र, दृष्टिकोण, प्रवृत्ति, विकास आदि का निर्माण करता है। आज देश में बड़े-बड़े Teaching institute तो खुल गए हैं लेकिन गुणवत्ता की दृष्टि से शिक्षा की स्थिति अच्छी नहीं है। खासतौर पर स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

    इसके लिए सरकार के साथ-साथ समाज को भी जागरुक होना होगा। यह Commercialization of Education ही है कि आज उच्च शिक्षण संस्थाएं तो बहुत खुल रही हैं लेकिन शिक्षा की बुनियाद कमजोर है। इसे मजबूत करने की शुरुआत स्कूली स्तर पर होनी चाहिए। Teaching institute खोलना तो आसान हो चला है लेकिन क्या और कैसे पढ़ाया जा रहा है इस तरफ किसी का ध्यान नहीं है। संविधान में शिक्षा को समवर्ती सूची में स्थान दिया है समस्या यहीं से है, शिक्षा को मुख्य विषय के रूप में शामिल किया जाना चाहिए था। इसके लिए सरकार के साथ-साथ समाज को भी जागरूक होना होगा।

    – प्रियंका सौरभ  (लेखिका रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस, कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)

  • NEWBREW Singapore Beer: पेशाब से बनी बियर, मस्ती से पी रहे लोग

    NEWBREW Singapore Beer: पेशाब से बनी बियर, मस्ती से पी रहे लोग

    जानिए कहां हो रही उपलब्ध

    NEWBREW Singapore Beer- अगर आप भी शराब पीते है तो ये जानकारी आपके लिए है। आपने बिल्ली के मल से बनें कॉफी बीन्स के बारें में तो सुना ही होगा। बिल्ली के मल से बने उस कॉफी बीन्स के एक कप की कीमत 6 हजार रूपये है। बिल्कुल उसी तरह अब इंसानों के पेशाब से भी कई चीज़ें बनाई जा रही है। इनमें से एक है, शराब (NEWBREW Singapore Beer)

    दुनिया भर में बढ़ती तकनीकी से रोजाना कुछ न कुछ एक्सपेरिमेंट किए जा रहे हैं। चाहे वह विज्ञान के क्षेत्र में हो या टैकनोलॉजी के। अब सिंगापुर में इंसान के मल (Beer from urine) से पीने वाली शराब बनाई जा रही है।

    एक मीडिया संस्थान के अनुसार, “सिंगापुर में एक जगह है जिसका नाम ब्रूवरी हैं। जहां शराब को तैयार किया जाता हैं। इंसान के मल (Beer from urine) से बनी शराब भी इसी जगह पर तैयार कि जा रही है। जिसे वहां के लोग बड़े मजे से पीते हैं। इस बियर का नाम न्यूब्रू (NEWBREW)हैं। जिसे एक खास तरीके से बनाया जाता है। इस बियर को बनाने से पहले मल को कई बार फिल्टर किया जाता है। और यह पीने के लिए पूरी तरह सेफ है।

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    आपको बता दें कि बियर को बनाने में 95 फीसदी पानी की आवश्यकता होती हैं। इसलिए न्यूब्रू (NEWBREW) एक खास तरह के पानी से बनाया जाता है। इसको बनाने के लिए जर्मन बारले, नॉरवे की यीस्ट और नीवॉटर का इस्तेमाल किया जाता है।

    अब आपको बताते है कि नीवॉटर क्या होता है और इसको कैसे तैयार किया जाता है। और इसका इस्तेमाल शराब बनाने के लिए क्यों किया जा रहा है

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    Singapore recycled Water Beer

    नीवॉटर क्या है?

    नीवॉटर को नालों से निकले गंदे पानी को रिसाइकल और (Singapore recycled Water Beer)फिल्टर करके तैयार किया जाता है। ये पानी सिंगापुर में करीब 20 सालों से मौजूद हैं। इसे सिंगापुर की वॉटर सप्लाई में भी डाला जाता है। सिंगापुर की वॉटर एजेंसी ने ये ड्रिंक (बियर) लॉन्च की है जो वहां की दुकानों- बारों में उपलब्ध है।

    निवॉटर का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?

    एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, “सिंगापुर में सरकार पानी की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के नए तरीकों  को अपना रही है। पीने के पानी की कमी के चलते इस तरह के कदम उठाए गए। बारिश का इकट्ठा पानी और मलेशिया से इंपोर्ट किया गया पानी भी सिंगापुर की 50 फीसदी जरूरत पूरा करता है। बाकी जरूरत के लिए वहां नीवॉटर या डिसेलिनेडेट सी वॉटर यानी समुद्र के पानी से नमक निकालकर बचे पानी का इस्तेमाल किया जाता है।

    रिपोर्टस के मुताबिक सिंगापुर में 2060 तक पानी की डिमांड लगभग दोगुनी होने की आशंका है। ये कदम देश की पानी की कमी के मुद्दों और उन समस्याओं को हल करने के लिए उठाया गया है। इस तरह के प्रोजेक्ट्स पर भारत, चीन समेत अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी काम चल रहा है। अब यह तकनीकी भारत में भी देखने को मिलेगी जिसमें पानी की कमी को रोकने के लिए निवॉटर का इस्तेमाल कर शराब (Singapore recycled Water Beer) बनाई जाएगी।

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    बढ़ती तकनीकी से आज देश-दुनिया में अलग-अलग प्रकार के आविष्कार देखने को मिल रहे है जिनमें से एक सिवर के पानी और निवॉटर  के इस्तेमाल से शराब (NEWBrew Singapore Beer) बनाना और उसका प्रयोग करना शामिल है। कम संसाधनों और बढ़ती जनसंख्या के बीच इस तरह से आविष्कार होना एक हमारे लिए भविष्य में वरदान साबित होगा। जिस तरह संसाधनों की कमी होती जा रही है भविष्य में एक बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता हैं।

    अंत में जानकारी शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

  • Late Marriage- महिलाओं को देर से शादी करना पड़ सकता है भारी

    Late Marriage- महिलाओं को देर से शादी करना पड़ सकता है भारी

    Late Marriage- कई महिलाएं ऐसी होती हैं जो अधिक उम्र होने पर शादी करती हैं कहा जाता है कि ज्यादा उम्र (Late Marriage) में शादी करने के कुछ नुकसान हो सकते हैं। इसलिए सभी को सही उम्र में शादी कर लेनी चाहिए। आज हम आपको इन्हीं  दिक्कतों के बारें में बताने जा रहे हैं। जिनका सामना अधिक उम्र में शादी करने पर महिलाओं को होता है।

    शादी करने का निर्णय सभी का निजी होता है परंतु इसका निर्णय लेने में ज्यादा समय लेना आपको भारी पड़ सकता हैं। एक समय के बाद हमारे समाज में रिश्तेदार, परिवारजन, दोस्त सभी शादी करने को दबाव बनाने लगते हैं। शादी जैसे फैसले के लिए समय लेना सही हैं लेकिन शादी सही उम्र में करना भी जरूरी हैं।

    सही उम्र में शादी करना महिलाओं के लिए जरूरी हैं क्योंकि सही में शादी करने से महिलाओं को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता हैं। और देर से शादी करने के कई नुकसान महिलाओं को झेलने पड़ सकते हैं। जिनके बारें में आज हम बात करने जा रहे है। आपको आज के आर्टिकल से कॉफी मदद मिलेगी जिसे पढ़कर आप भविष्य में होने वाली दिक्कतों (Problems of Late Marriage) से बच सकते हैं।

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    झगड़े बढ़ना

    महिलाएं जब कम उम्र में शादी करती हैं। तो इसका एक फायदा यह होता है कि जब वे छोटी होती हैं तो पार्टनर के साथ तालमेल बैठाना आसान हो जाता है। ज्यादा देर से शादी करने पर कपल्स में ईगो लेवल बढ़ जाता हैं। जिसके कारण एक-दूसरे को समझने की संभावनाएं बहुत कम हो जाती हैं। ज्‍यादा देर से शादी होने पर जिम्मेदारी और प्राथमिकताएं बदलने लग जाती हैं और कपल्स एक-दूसरे को समझ नहीं पातें। जिससे लड़ाई- झगड़े बढ़ जाते हैं।

    कपल्स अपनी गलतियों को मानने को तैयार नहीं होते हैं। (Relationship Problems Of A Late Marriage) जिससे लड़ाई झगड़े की सम्भावना बनी रहती है, क्‍योंकि दोनों में से कोई भी झुकने को तैयार नहीं होता है। नतीजतन वो एक दूसरे से बात-बात में झगड़ा करते रहते हैं।

    बॉन्डिंग कम होना-

    कम उम्र में शादी करने पर कपल्स की बॉन्डिंग अच्छी रहती है। जिस उम्र में उन्हें पार्टनर की जरूरत होती है, उस उम्र तक पहुंचते-पहुंचते कपल्स के बीच अच्छी समझदारी स्थापित हो जाती है। परंतु ज्यादा उम्र में शादी करने पर आपस में बांडिग बनाना काफी मुश्किल हो जाता हैं। जिससे कहीं न कहीं एक-दूसरे को समझ में दिक्कतें (Problems of Late Marriage) होती हैं।

    शादी को अहमियत (Late Marriage) न देकर करियर पर फोकस करना-

    आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में सभी अपने करियर पर फोकस करते हैं। जिसके कारण शादी की ओर ध्यान नहीं देतें और घरवालों के प्रेशर होने पर ज्यादा उम्र में शादी करते है। चाहे वे लड़का हो या लड़की। देर से शादी करने के बावजूद वे अपने करियर को ज्यादा महत्व देते है। जिसके फलस्वरूप रिश्ते में मनमुटाव पैदा हो जाता हैं।

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    Problems of Late Marriage

     

    जिम्मेदारियों के कारण शौक कम होना-

    कम उम्र में लड़कियों के कई तरह के शौक होते हैं जैसे -जैसे उम्र बढ़ने लगती है तो उत्साह में कमी आने लगती है, जिससें एक उम्र आने पर महिलाओं का फोकस घूमने-फिरने या चीजों को एक्सप्लोर करने पर नहीं बल्कि जिम्मेदारियों पर अधिक रहता है और शादी के बाद जिम्मेदारियों के कारण शौक कम हो जाते हैं। जब कि चीजों को एक्सप्लोर करने और घूमने-फिरने से मन सही रहता हैं।

    प्रेग्नेंसी में कठिनाई-

    महिलाओं की प्रजनन क्षमता उम्र बढ़ने के साथ कम होती जाती है। एक रिसर्च में कहा गया है कि उम्र ज्यादा बढ़ने से पुरुषों और महिलाओं दोनों को ही स्वस्थ बच्चा पैदा करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसके अलावा बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को गर्भधारण करने में अधिक समय लगता है और गर्भपात एवं प्रसव में मुश्किलें पैदा होती हैं।

    (Late Marriage) अधिक उम्र के माता-पिता से पैदा हुए बच्चों में डाउन सिंड्रोम (मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर) और अन्य शारीरिक समस्याओं का जोखिम भी अधिक रहता है। और अधिक उम्र में बच्चा पैदा करने से बच्चे की परवरिश में कई कमियां रह जाती हैं।

    जीवनसाथी चुनने के विकल्पों की कमी होना-

    महिलाओं और पुरूषों के पास उम्र ज्यादा होने पर जीवनसाथी चुनने के विकल्प बहुत कम हो जाते हैं। (Relationship Problems Of A Late Marriage) और इसके फलस्वरूप कभी- कभी कुछ लोग कुवाँरे ही रह जाते हैं। समय पर शादी ना करने के कारण कई बार घरवालों के दबाव में आकर लड़कियां बिना सोचे-समझे ही शादी कर लेती हैं

    जिससें बाद में उन्हें पति के साथ एडजस्ट करने मे काफी समस्याएं होती हैं। क्योंकि कई मामलों में आपसी सहमति नहीं बन पाती और दोनों की सोच किसी भी चीज को लेकर अलग-अलग हो सकती है, जिससे मनमुटाव होने लगता है और आपस में एडजस्ट करना मुश्किल हो जाता हैं। और कुछ समय पश्चात तलाक कि स्थिति पैदा हो जाती हैं।

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    शारीरिक संबंधो में कमी-

    देर से शादी करने पर कपल्स की सेक्स लाइफ पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।  यंग कप्लस में भरपूर जोश होता है किसी भी शादीशुदा कपल्स के बीच शारीरिक संबंध उनके रिश्ते की मजबूती होती है। देर से शादी होने पर कपल्स के बीच शारीरिक संबंध बनाने में भी असर पड़ता है। बढ़ती उम्र के साथ शारीरिक कमजोरी आ जाती है, जिसके कारण वह अपनी सेक्स लाइफ एंज्वॉय नहीं कर पाते।
    आज हमने आपको महिलाओं को देर से शादी ( Late Marriage) करने पर जिन दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं, के बारें में बताया। जिसके माध्यम से आपको भविष्य में काफी मदद मिलेगा। उम्मीद हैं आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पंसद आएगी।

     

  • How to Secure WhatsApp- कहीं आपकी Whatsapp Chat कोई और तो नहीं पढ़ रहा, चेक करें सेटिंग

    How to Secure WhatsApp- कहीं आपकी Whatsapp Chat कोई और तो नहीं पढ़ रहा, चेक करें सेटिंग

    क्या आपकी पर्सनल चैट कोई और भी पढ़ रहा है?

    How to Secure WhatsApp- आपने ऊपर पढ़ कर समझ ही लिया होगा कि आज हम WhatsApp हैक का पता कैसे लगाए और  हमें कैसे पता चलेंगा कि WhatsApp चैट को कोई ओर तो नहीं पढ़ रहा। इन्ही सवालों का जवाब आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे। (How to Secure WhatsApp) आपको बता दें कि इस सवाल का जवाब आपके WhatsApp में ही मौजूद हैं। बस एक सेटिंग से आप चैक कर पाएंगे कि कहीं कोई और तो आपकी चैट नहीं पढ़ रहा। आइए जानते हैं, इसे कैसे कर सकते हैं।

    WhatsApp एक इंस्टैंट मैसेजिंग एप हैं, जो दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता हैं। इस एप पर ऑडियो और वीडियो कॉलिंग, टेक्सट चेटिंग, फोटो, वीडियों, ऑडयों और डॉक्यूमेंट फाइल भी भेज सकते हैं। यह जानकारी WhatsApp इंस्टेंट मैसेजिंग एप की बेसिक जानकारी है।

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    How to Secure Your WhatsApp 

    अगर कोई आपकी पर्सनल चैट पढ़ रहा हो तो क्या होगा? क्या आपको भी पता करना है कि कहीं आपका WhatsApp किसी ओर डिवाइस में तो नहीं चल रहा। अब आप सोच रहे होंगे कि (WhatsApp Chat) वॉट्सऐप चैट एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड (End-to-End encrypted) हैं, ऐसे में भला कोई दूसरा आपकी चैट्स कैसे पढ़ सकता है। परंतु आप जो सोच रहे है असल में ऐसा नहीं हैं।

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    How to Secure WhatsApp

    दरअसल, वॉट्सऐप चैट्स तो एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड हैं, लेकिन इसके कुछ फीचर्स की वजह से आपके मैसेज और पर्सनल चैट कोई ओर आसानी से पढ़ सकता हैं। यहां तक की उन मैसेज का रिप्लाई भी आसानी से किया जा सकता हैं। ऐसा आपकी छोटी सी लापरवाही से हो सकता हैं। अब आपको बताते हैं, कि WhatsApp के इस फिचर को चैक कैसे किया जा सकता हैं।

    कैसे हैक हो सकता है आपका अकांउट (How to hack other WhatsApp)

    अगर किसी के हाथ आपका फोन लग जाए और डिवाइस अनलॉक हो, तो वह आसानी से (WhatsApp Web) वॉट्सऐप वेब की मदद से आपके अकाउंट (Account) को अपने सिस्टम (system) पर ओपन (Open)  कर सकता है। और इस तरह से वह आपके अकाउंट पर नजर रख सकता हैं। इसके लिए केवल आपके (WhatsApp QR Code) वॉट्सऐप क्यूआर कोड की आवश्यकता होती हैं।

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    How to Unlink WhatsApp web

    How to unlink WhatsApp web- यह क्या होता हैं। Whatsapp Web कम्प्यूटर पर काम करने वाले लोगों के लिए काफी मददगार होता है। इसकी वजह से आपकी चैट को हैक किया जा सकता हैं। यह फीचर केवल डेस्कटॉप या लैपटॉप पर यूज कर सकते हैं। इसे बार-बार लॉग इन करने की आवश्यकता नहीं होती हैं। इसलिए दूसरा व्यक्ति भी आसानी (चोरी से) से आपके अकाउंट को यूज कर सकता हैं।

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    कैसें पता करें

    How to unlink WhatsApp web- इसे पता करने का सबसे आसान तरीका आपके WhatsApp पर ही मौजूद हैं। जब आप अपने  WhatsApp को ओपन करते हैं। तब आपको आपके WhatsApp हैक की शंका होती हैं। तो उसे चैक करने के लिए आप अपने WhatsApp में (Linked device) लिंकड डिवाइस को चुनना और वहां आपको पता चल जाएगा कि आपके WhatsApp  को कहां कहां लॉगइन किया गया हैं।

    आपके वॉट्सअप से कौन कौन से डिवाइस कनेक्टिड हैं। और वहां से आप कनेक्टिड डिवाइस को रिमूव (Remove) किया जा सकता हैं।(How to Secure WhatsApp) साथ ही आपको पता चल जाएगा की आपके मैसेज किसने पढ़े हैं। इसके अलावा थोड़ी अवेयरनेस की मदद से आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि कोई और भी आपके मैसेज पढ़ रहा हैं।

  •  Gramin Dak Sevek Bharti Online- 10 वीं पास के लिए बिना परीक्षा 38,926 पदों पर भर्ती, ऐसे करें अप्लाई

     Gramin Dak Sevek Bharti Online- 10 वीं पास के लिए बिना परीक्षा 38,926 पदों पर भर्ती, ऐसे करें अप्लाई

    Gramin Dak Sevek Bharti Online-ग्रामीण डाक सेवक पद के लिए भर्ती निकल गई हैं। Gramin Dak Sevek Bharti Online में उम्मीदवारों को ब्रांच पोस्टमास्टर (BPM), डाक सेवक (Dak Sevak), असिस्टेंट पोस्टमास्टर (ABPM) पदों के लिए चयनित किया जाएगा।

    जो युवा पोस्ट ऑफिस में नौकरी की तलाश कर रहें हैं। उनके लिए खुशख़बरी हैं। पोस्ट ऑफ इंडिया ने पोस्ट ऑफिस (Indian Post Office) के पद, ग्रामीण डाक सेवक पद पर भर्ती (   Gramin Dak Sevek Bharti Online) निकाली हैं। इस पद पर भर्ती की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आरंभ हो चुकी हैं। इस पोस्ट पर कुल 38,926 पदों पर देश के अलग- अलग जगहों के लिए भर्ती ( Gramin Dak Sevek Bharti Online) निकली हैं। इसकी आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं। और आवेदन की आखिरी तारीख 5 जून 2022 हैं। इसके आवेदन के लिए उम्मीदवार की उम्र 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इच्छुक उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट indiapostgdsonline.gov.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।

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    भारतीय डाक सेवक भर्ती
     Gramin Dak Sevek Bharti Online- उम्मीदवारों का चयन किसी भी के आधार पर नहीं बल्कि मेरिट लिस्ट के आधार पर होगा। चयन करने के लिए एक मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी। उम्मीदवारों का चयनब्रांच पोस्टमास्टर (BPM), डाक सेवक (Dak Sevak), असिस्टेंट पोस्टमास्टर (ABPM) के रूप में होगा। (  Gramin Dak Sevek Bharti Online)

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    ग्रामीण डाक सेवक भर्ती 2022 की वेकेंसी डिटेलस

    (Gramin Dak Sevek Bharti Detail)

    कुल भर्ती– 38,925

    General जनरल- 17,198 पद
    OBC ओबीसी- 7,369 पद
    EWS ईडब्ल्यूएस- 3,867 पद
    SC एससी- 5,573 पद
    ST एसटी- 3,843 पद
    PWD पीडब्ल्यूडी- 1,076 पद

    उम्र सीमा-

    न्यूनतम उम्र सीमा- 18 वर्ष

    अधिकतम उम्र सीमा- 40 वर्ष

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    सैलरी

    ब्रांच पोस्टमास्टर- 12,000 रूपये

    असिस्टेंट पोस्टमास्टर/ डाक सेवक- 10,000 रूपये

    शैक्षिणक योग्यता  

    उम्मीदवार के पास भारत सरकार / राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 10 वीं कक्षा का सेकेंडरी स्कूल एग्जामिनेशन पास सर्टिफिकेट (Certificate) मैथ्स और इंग्लिश (अनिवार्य या वैकल्पिक विषयों के रूप में अध्ययन किया गया) में होना चाहिए। इसके साथ ही उम्मीदवार के पास किसी भी लोकल भाषा का ज्ञान होना चाहिए। जीडीएस की सभी कैटेगरी के लिए अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए।

    चयन प्रक्रिया
    योग्यता पूर्ण उम्मीदवारों को मेरिट लिस्ट के आधार पर चयनित किया जाएगा। इसके लिए कोई परीक्षा आवंटित नहीं की जाएगी।

    आवेदन फीस
    जनरल कैटेगरी के सभी उम्मीदवारों को 100 रुपये फीस देनी होगी जबकि अन्य कैटगरी के उम्मीदवारों के लिए कोई फीस नहीं तय की गई।

    डाक सेवक भर्ती के लिए ऐसे करें आवेदन

    चरण 1- सबसे पहले Indian Post Office की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
    चरण 2- वेबसाइट पर रजिस्टर बटन पर क्लिक करें।
    चरण 3- मांगी गई जानकारी को भरें और सबमिट बटन पर क्लिक कर दें।
    चरण 4- डिटेल सबमिट करने के बाद पेमेंट करें और पेंमेंट स्लिप को सेव कर के रख लें।
    चरण 5- सभी स्कैन की गई कॉपियों को अपलोड करें और फॉर्म सबमिट कर दें।
    चरण 6- फॉर्म का प्रिंट आउट लेकर अपने पास रख लें।

    आवेदन करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें…

    India post Gramin Dak Sevak recruitment 2022

     

     

  • Best Company Shares To Buy : Stock to Buy to double Your Money by The End of 2022

    Best Company Shares To Buy : Stock to Buy to double Your Money by The End of 2022

    Best Company Shares To Buy

    Best Company Shares To Buy : हमारी पहले की हिन्दी फिल्मों में विलेन की जगह फिक्स होती थी एक तो शहर का सबसे अमीर कारोबारी जो अक्सर हिरोइन का बाप भी रहता था, ये विलेन रेडीमेट कपड़े के समान होते थे इन किरदारो को फिल्मों की कहानी लिखने से पहले ही लिख दिया जाता था। इसके अलावा एक विलेन जो कभीकबार देखने को मिलता रहता था जिसका नाम है स्टॉक मार्केट।

    बचपन से स्टॉक मार्केट की हमारे मन में ऐसी Image बना दी गई है कि हम इनका नाम आते ही हम पैसे लूट जाने की कल्पना करने लगते है। अक्सर स्टॉक मार्केट का जिक्र होते ही फिल्म के नायक भी सारे पैसे गवाकर बस सिर पकड़े बैठे दिखते थे। लेकिन हम आज आपको स्टॉक मार्केट के बारे में समझाएंगे बताएंगे कि क्या है Stock का असली सच और बताएंगे कि कैसे आप भी Stock में पैसे लगाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते है साथ ही बताएंगे की किस कंपनी के शेयर आपको खरीदने चाहिए (Best Company Shares To Buy)।

    स्टॉक क्या होता है? –

    सबसे पहले समझते है कि स्टॉक क्या होता (Basics Of Share Market In India) है, किसी भी कंपनी को अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए पैसे की जरुरत होती है जिसके लिए वे कंपनी अपना IPO लाती है जिससे कोई भी आम आदमी उन्हे खरीद कर उस कंपनी का हिस्सेदार बन जाता है और कंपनी के मालिक उस पैसे को कंपनी को बढ़ाने के लिए उपयोग में लाते हैं। अब अगर उस कंपनी को फायदा हुआ तो निवेश करने वालों को भी फायदा होगा और अगर उस कम्पनी का नुकसान हुआ तो नुकसान भी होगा।

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    अब आप सोच रहे होगें कि अगर ये इतना ही सरल है तो फिर लोग इतना डकते क्यूं है? Stock Market मे अगर आप ज्यादा लालच के चक्कर में बिना किसी जानकारी के पैसे लगाएंगे तब उतना ही मुनाफा या फिर उतना ही घाटा भी होने की संभावना होती है।

    कैसे करें इनवेस्ट ? 

    स्टॉक मार्केट में पैसे लगाने के लिए आपको एक डी-मैट अकाउन्ट बनाना होगा जिससे आप स्टॉक में निवेश करने के लिए योग्य हो जाऐगे। इसके अलावा आपके पास पैन कार्ड होना चाहिए। तभी आप भारत में पैसों का निवेश (Best Company Shares To Buy In India) कर सकते हैं।

    अब बात करते है किन कंपनियों मे आपको पैसा लगाना चाहिए तो पहले जानते है वारेन बफेट के बारे में जिन्होने आजीवन केवल निवेश कर पैसे बनाए है तथा उन्हे दुनिया का सबसे अच्छा इनवेस्टर भी माना जाता है इसके साथ ही वारेन दुनिया के 5वें सबसे अमीर इंसान है। उनके अनुसार-

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    जिन भी कंपनियों में अपने पैसे निवेश करते है हमें उन कंपनियों के बारे में हमें गहराई से पढ़ना चाहिए समझना चाहिए कि वे किस दिशा में अपना काम कर रहे है, कम्पनी में आंतरिक तौर पर क्या बदलाव आ रहे है। इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए हमें पैसे निवेश करना चाहिए। साथ ही हमें अपने पोर्ट फोलिओं या निवेशो कों एक से अधिक कंपनियों में रखना चाहिए ताकि नुकसान कम किया जा सके। लेकिन अगर आप बिना किसी जानकारी के निवेश करने जा रहे हैं तो स्टॉक मार्केट एक जुआ के समान है।

    भारत में BSC (Bombay Stock Exchange) और NSC (National Savings Certificate) जहां पर कंपनिया अपने आप को Register कर स्टॉक में लिस्ट हो सकते हैं। इसको ही ध्यान में रखकर आप सही कंपनी का चयन (Best Company Shares To Buy In India) कर सकते हैं।

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    यहां क्लिक कर आप The News 15 के YouTube Channel पे जा सकते हैं।

    उम्मीद है आपने Stock Market के बारे में कुछ नया सीखा होगा। उम्मीह है आप इस सूचना का इस्तेमाल अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए सही तरीके से करेंगे, हमने आपको स्टॉक के बारे में बहुत ही आधारभूत (Basics Of Share Market In India) बांते बतलाई है। इससे  संबधित अन्य जानकारियां भी जल्द ही हमारे चैनल के वेब साइट और YouTube Channel पर आएंगे। जिनका उपयोग कर आप सही कंपनी में निवेश(Best Company Shares To Buy) करेंगे।

  • Tips On How To Speak English Fluently : घर बैठे आसानी से अंग्रेजी सीखे

    Tips On How To Speak English Fluently : घर बैठे आसानी से अंग्रेजी सीखे

    Tips On How To Speak English Fluently 

    Tips On How To Speak English Fluently : आज के समय में इंग्लिश सिर्फ लैंगवेज ही नहीं बल्कि लोगों की एक बहुत बड़ी जरूरत बन चुकी है।।।हम ऐसा नही कह रहें है की इंग्लिश से आपकी योग्यता या इंटेलिजेंस की पहचान होती है लेकिन फिर भी इंटरनेशनल लैंगवेज होने की वजह से इसकी इम्पोर्टेंस अपने आप बढ़ जाती है।

    आपने देखा भी होगा कि गाँव हो या फीर शहर हर कोई चाहता है की वो एक दम धांसू इंग्लिश बोले। बात करें उन लोगों कि जो आपसे कम इंटेलिजेंट हो या फिर कम टैलेंटेड हो लेकिन अगर उसे इंग्लिश बोलना आता है तो वह दूसरों की नजरों में आपसे ज्यादा टैलेंटेड दिखाई देगा। तो वही इंग्लिश बोलना और इंग्लिश समझना दोनों अलग अलग बातें है। तो आज हम बात करेंगे की आप कैसे सीख सकते है(Tips On How To Speak English Fluently), ताकि आप अच्छे से इंग्लिश बोल सकें।

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    घर बैठे आसानी से अंग्रेजी सीखे

    आपको बता दें कि किसी भी काम को सीखने में कुछ समय तो लगता है। तो ऐसा ही इंग्लिश सीखने में भी लगेगा। तो आप लगातार 5-6 महीने English बोलने की कोशिश करें इसके बाद English speaking आपके routine का automatic पार्ट बन जायगी। तो सबसे पहले बात करते है कि।

    आप लगातार इंग्लिश बोलने की प्रैक्टिस करें –

    इसका मतलब यह है कि आपको अच्छी इंग्लिश सीखने के लिए इंग्लिश किताबें पढ़नी और इंग्लिश फिल्में देखनी चाहिए।।।ये आपको इंग्लिश सीखने में काफी हद तक मदद कर सकती है।क्योंकि पढ़ना और देखना आपको इस लैंग्वेज को बेहतर तरीके से समझने में काफी मदद करता है। आप घर के सदस्यों से भी अंग्रेजी में बात करना शुरु कर सकते हैं।(How To Speak English Easily At Home) इंग्लिश लैंग्वेज के लगातार प्रैक्टिस और एक्सपीरियंस से आप इस लैंग्वेज में माहिर होने लगते हैं।

    रोज़ाना इंग्लिश न्यूज़पेपर को पढ़े

    अगर आपको यह समझ नहीं आ रहा है कि इंग्लिश पढ़ने के लिए कहां से और कैसे शुरुआत करें? तो इसके लिए सबसे सही ऑप्शन है कि आप इंग्लिश न्यूज़पेपर से पढ़ना शुरू करें। ज्यादातर न्यूज़पेपर्स ऐसे वर्डस होते हैं जो रीडर्स को बड़ी ही आसानी से समझ में आ जाती है। ये न्यूज़पेपर्स देश-विदेश और दुनिया की करंट सिचुएशन के बारे में भी आपको काफी जानकारी देते हैं जो आपके लिए एक बहुत अच्छा है। तो आप घर में बैठकर भी आसानी से न्यूज पेपर पढ़कर अपनी अंग्रेजी सही कर सकते है(How To Speak English Easily At Home)।

    जानिए नेता कैसे बने

    रोज़ाना देखें वर्ड मीनिंग

    अगर आपको किसी खास या नये शब्द का मतलब नहीं पता है तो आप तुरन्त डिक्शनरी में उस शब्द का अर्थ जरुर देख लें। आजकल आपको डिक्शनरी की किताब अपने साथ रखने की कोई जरुरत नहीं है। क्योंकि आपके स्मार्टफ़ोन में इतने सारे बढ़िया एप्स उपलब्ध हैं। जिससे आप कही भी कभी भी पढ़ सकते है। तो यहां आपके स्मार्टफ़ोन के लिए कुछ शब्दकोश एप्स हैं जो आप गूगल प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं: जैसे-

    • इंग्लिश शब्दकोश – ऑफ़लाइन
    • मेरिएम वेबस्टर
    • गूगल ट्रांसलेट
    • अर्बन डिक्शनरी

    गूगल ट्रांसलेट की भी मदद ले सकते है

    गूगल की ट्रांसलेट सुविधा इंग्लिश सीखने में बहुत उपयोगी हो सकती है क्योंकि यह न सिर्फ शब्दों को ट्रांसलेट करती है बल्कि यह भी बताती है कि उन शब्दों को कैसे बोलें? गूगल ट्रांसलेट आपको 100 से अधिक लैंग्वेजओं को समझने और उन लैंग्वेज में बात करने में मदद करता है। आप अपने कीबोर्ड का उपयोग कर सकते हैं और दो लैंग्वेज में बातचीत कर सकते हैं और किसी दूसरी लैंग्वेज के टेक्स्ट का ट्रांसलेट भी कर सकते हैं।

    इंग्लिश स्पीकिंग एंड राइटिंग

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    अब हम अपने लिखने के कौशल को निखारने के तरीके को सीखते हैं।(How To Improve Writing Skills In English)आप ये सोचने से बचें कि इंग्लिश में बातचीत करने के लिए आपको बहुत ही अच्छी इंग्लिश आनी चाहिए। क्योंकि शुरूआत में हम इंग्लिश बोलते समय थोड़ी-बहुत गलतियां कर जाने पर घबरा जाते है तो ऐसे में इस बात की बिल्कुल बी टेंशन न लें।

    जरूरी है कि इंग्लिश में आप बातचीत करते रहें क्योंकि अगर आपका डर बढ़ जाएगा तो आप घबराहट की वजह से अधिक गलतियां करने लगेंगे। किसी भी लैंग्वेज में महारत हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप रोजाना उस लैंग्वेज में ज्यादा से ज्यादा बातचीत करें और लिखते वक्त भी आप इंग्लिश लैंग्वेज का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।

    इंग्लिश म्यूजिक एंड सोंग्स

    गानों के बोल काफी इंटरैक्टिव होते हैं। इंग्लिश गानों का आनंद लेने के दौरान उनके बोल को ध्यान से सुनने से आपकी इंग्लिश और बेहतर हो जाएगी। हमारा दिमाग में म्यूजिक के साथ शब्दों को ज्यादा अच्छी तरह याद रखने की क्षमता रखता है। आप फेमस इंग्लिश गानों को सुनना शुरू कर सकते हैं।

    लोग क्या सोचेंगे

    ज्यादातर लोग इस बात से डर के या शर्म की वजह से दूसरों के साथ इसलिए इंग्लिश मे बात नहीं करते क्योकि उन्हे लगता है की अगर उन्होने कोई लाइन गलत बोल दी या ग्रामर का सही से इस्तेमाल नहीं किया तो लोग उनका मज़ाक उड़ाएंगे। लेकिन असली मे ऐसा होता नहीं है। हर किसी के मन मे अपने लिए insecurity रहती है तो इसलिए ये सोचना बंद कर दे। जो आता है उसे खुलकर बोले।

    यहां क्लिक कर आप The News 15 के YouTube Channel पर जा सकते है

    तो ये थे कुछ ऐसे इम्पोर्टेंट टिप्स जिन्हें अगर आप कुछ महीने तक लगातार ईमानदारी से फ़ॉलो करें तो किसी भी कोचिंग इंस्टीट्यूट में हजारों रूपये फीस दिए बिना ही और इंग्लिश ट्यूशन लिए बिना भी आप फ़्लूएंट इंग्लिश बोलने लगेंगे (Tips On How To Speak English Fluently)और फिर, आपके लिए हायर एजुकेशन हासिल करने के साथ-साथ मनचाहा करियर गोल हासिल करना भी आसान हो जाएगा।