Category: एजुकेशन/जॉब्स

  • 17 फरवरी से फिर खुल रहे है DU के कॉलेज

    17 फरवरी से फिर खुल रहे है DU के कॉलेज

    द न्यूज़ 15
    नई दिल्ली। डीयू प्रॉक्टर प्रो रजनी अब्बी से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय 17 फरवरी को खोल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिजिकल कक्षाओं, परीक्षाओं के संचालन पर पूरा नोटिफिकेशन जल्द ही जारी किया जाएगा। विश्वविद्यालय फिर से खुलने के समय कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करेगा।
    दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने पहले कहा था कि वे इस संबंध में रणनीति तैयार करेंगे।
    वीसी ने कहा, “अगर डीडीएमए 100 प्रतिशत बैठने की क्षमता की अनुमति देता है, तो हम निश्चित रूप से कैंपस को फिर से खोल देंगे, लेकिन हम अपने छात्रों को कैंपस लौटने के लिए कुछ दिनों का समय देंगे, जैसे कि 10 दिन, क्योंकि अधिकांश छात्र दूसरे राज्यों से हैं। हम करेंगे अपनी रणनीति तैयार करें,”
    इससे पहले करोड़ों छात्रों ने कैंपस को फिर से खोलने की मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
    यह प्रदर्शन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) की ओर से आयोजित किया गया था। SFI ने कहा कि 400 से अधिक छात्रों ने “घेराओ” में हिस्सा लिया।

     

  • UPTET परीक्षा केंद्र में एंट्री न मिलने की वजह से अभ्यर्थियों का हंगामा : नॉएडा

    UPTET परीक्षा केंद्र में एंट्री न मिलने की वजह से अभ्यर्थियों का हंगामा : नॉएडा

    द न्यूज़ 15
    नोएडा। उत्तरप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा ( यूपी टीईटी) आज आयोजित हो रही है। इस मौके पर नोएडा परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया क्योंकि उनका आरोप था कि उन्हें अंदर परीक्षा देने नहीं जाने दिया गया है। हालांकि बढ़ते बवाल के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची और अभ्यर्थियों से बातचीत कर समझाने का प्रयास किया गया। नोएडा परीक्षा केंद्र के बाहर एक अभ्यार्थी अखिलेश ने मीडिया से अपनी नाराजगी जताते हुए बताया कि, बुलंदशहर शहर से सुबह 4 बजे निकला और 8 बजे परीक्षा केंद्र पहुंच गया। यहां आने के बाद देखा कि काफी लंबी लाइन लगी हुई है। इसके बाद मैं लाइन के पीछे खड़ा हो गया।

    साढ़े 9 बजते ही इन्होंने गेट बंद कर दिया और अंदर जाने की इजाजत नहीं दी, फिर बोला गया कि, आपके दस्तावेज भी सत्यापित नहीं है। लेकिन हमारे सभी दस्तावेज सत्यापित हैं। फिर इन्होंने कहा कि स्कूल से सत्यापित कराइये। यह कैसे संभव है मेरा स्कूल लखनऊ में है, क्या मैं सत्यापन कराने लखनऊ जाऊंगा।

    इसके अलावा अन्य अभ्यर्थियों ने यह आरोप लगाया कि हमसे माइक पर अनाउंसमेंट किया गया कि यदि आप परेशान करेंगे तो हम जेल में डलवा देंगे। क्या हमने कोई अपराध किया है ? हमारे पास आधार कार्ड, पैन कार्ड है।

    दरअसल उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 की पहली पाली की परीक्षा सुबह 10:00 से दोपहर 12:30 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर बाद 2:30 से 5:00 बजे तक है।

    जानकारी के अनुसार, पहली पाली में प्राथमिक स्तर के लिए 12,91,627 और दूसरी पाली में उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 8,73,552 कैंडिडेट्स को सम्मिलित होना है।

    इसके अलावा परीक्षा देने आ रहे अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र पर मोबाइल फोन सहित कोई भी इलेक्ट्रानिक उपकरण साथ लेकर जाने की इजाजत नहीं है।

    एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि, यह लोग जो जरूरी दस्तावेज लेकर नहीं आये थे, एडमिट कार्ड में दस्तावेजों का जिक्र किया गया है और कुछ लोग देरी से परीक्षा केंद्र में पहुंचे थे। हमने सभी अभ्यर्थियों को एक एक कर जांच की दस्तावेज चैक किए तो सब सच सामने आ गया था। मैं मौके पर खुद पहुंचा हुआ था।

    हालांकि इन सभी की परेशानियों को देखते हुए एफिडेविट समस्या को दूर कराने की कोशिश की जा रही है। ताकि ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थियों को परीक्षा देने का मौका मिल सके। जिलाधिकारी से जल्द इसपर कुछ फैसला लिया जाएगा।

  • आईआईटी गेट परीक्षा को स्‍थगित करने की मांग

    आईआईटी गेट परीक्षा को स्‍थगित करने की मांग

    सरिता मौर्य

    नई दिल्ली। साल 2022 के शुरुआती महीनों में कई प्रतियोगी परीक्षाएं होने वाली हैं। इसी बीच GATE 2022 परीक्षा भी आयोजित की गई है। लेकिन वहीं कोरोना का ओमीक्रॉन वेरिएंट कई राज्यों में बड़ी तेजी से फैल रहा है। ऐसे में इस ओमीक्रॉन के खतरे से बचने के लिए सोशल मीडिया पर आईआईटी गेट परीक्षा के उम्मीदवारों ने परीक्षा को स्‍थगित करने की मांग की है।दरअसल मामला कुछ ऐसा है कि IIT GATE यानी की ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट टेस्‍ट इन इंजीनियरिंग परीक्षा भारत की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक है। गेट परीक्षा का आयोजन हर साल किया जाता है। इस साल भी यह परीक्षा 5 फरवरी 2022 से 13 फरवरी 2022 के बीच होने वाली है और इस साल इस परीक्षा में लगभग 8 लाख से अधिक छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है। ऐसे में परीक्षा में उम्‍मीदवारों की इतनी बड़ी संख्‍या और कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए इस परीक्षा के उम्मीदवारों ने फिलहाल इसे स्थगित करने की मांग की है। आपको बता दें इस मांग के लिए उम्मीदवारों ने एक ऑनलाइन याचिका भी चलाई है, जिसमें अब तक 23,000 से अधिक छात्र शामिल हुए हैं। इन उम्मीदवारों की मांग है कि कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए फिलहाल GATE 2022 परीक्षा स्थगित कर दी जाए… क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का परीक्षा में शामिल होना कोरोना संक्रमण को बढ़ा सकता है।
    बता दें कि गेट की ये परीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होती है। उसी हिसाब से इसमें कॉम्पिटीशन भी काफी हाई लेवल का रहता है। इंजीनियरिंग सेक्टर में रुचि रखने वाले ज्यादातर छात्र गेट परीक्षा की तैयारी जरूर करते हैं। इस साल गेट परीक्षा 2022 का आयोजन आईआईटी खड़गपुर कर रहा है। इस परीक्षा को पास करने के कई फायदे होते हैं जैसे… अगर आप बीटेक के बाद भी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं तो गेट परीक्षा पास करना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

  • कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद : मंत्री ने मामले को राजनीतिक बताया, छात्र अपने रुख पर अड़े

    कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद : मंत्री ने मामले को राजनीतिक बताया, छात्र अपने रुख पर अड़े

    द न्यूज 15  

    बेंगलुरू | कर्नाटक के उडुपी के गवर्नमेंट गर्ल्स प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देने के विवाद ने राज्य के शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने इसे एक ‘राजनीतिक’ कदम करार दिया और सवाल किया कि क्या शिक्षण संस्थान धार्मिक केंद्रों में बदल गए हैं। इस बीच, छात्राओं ने हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति मिलने तक अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया है। वर्दी के साथ हिजाब पहनने पर कक्षाओं में प्रवेश नहीं दिए जाने को लेकर कॉलेज के आठ छात्र महीनों से कॉलेज परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनमें से पांच द्वितीय पीयूसी में पढ़ रहे हैं और तीन छात्र आई पीयूसी में पढ़ रहे हैं। छात्र हिजाब से दूर रहने की मांगों को ठुकरा रहे हैं और अपने रुख पर अडिग हैं कि जब तक सरकार उन्हें हिजाब पहनने और कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं देती, तब तक वे कक्षाओं के बाहर बैठेंगे और विरोध जारी रखेंगे। उनका कहना है कि हिजाब पहनना उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकार है। गुरुवार को आईएएनएस से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि कैंपस में यूनिफॉर्म के संबंध में स्कूल डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट कमेटी ने 1985 में फैसला लिया था। उन्होंने कहा, “अब तक सभी बच्चे नियम का पालन कर रहे हैं। कोई भी संस्थान हो, यदि वे एक नियम बनाते हैं, तो जो छात्र पढ़ना चाहते हैं उन्हें बाध्य होना चाहिए। इन दिनों वर्दी नियम का पालन किया गया था और वे अचानक क्यों बदल गए?”

    “इतने दिनों में धार्मिक स्वतंत्रता कहाँ चली गई? यह राजनीतिक है। क्या होगा यदि दूसरे अपनी इच्छा के अनुसार कपड़े पहनना शुरू कर दें? क्या हमें उन्हें अनुमति देनी है, छात्र आधे कपड़े में आएंगे, क्या हमें उन्हें अनुमति देनी है?”

    “अगर अच्छी चीजों को एक अच्छे विचार के साथ लागू किया जाता है तो हम समर्थन करेंगे, अगर वे इसके विपरीत कर रहे हैं तो इसका समर्थन कैसे किया जा सकता है? वे इन दिनों अपनी धार्मिक स्वतंत्रता के साथ-साथ संवैधानिक अधिकारों से अवगत नहीं थे? यह सब शुरू हो गया है चुनाव से ठीक एक साल पहले हम इस मुद्दे पर सरकार के स्तर पर फैसला लेंगे।” उन्होंने कहा, “क्या आप चाहते हैं कि स्कूल धार्मिक केंद्र हों? इस्लाम धर्म के 100 से अधिक बच्चे बिना किसी समस्या के पढ़ रहे हैं। उनमें से कुछ को ही वर्दी पहनने में समस्या है। स्कूल धर्म का प्रचार करने की जगह नहीं है।” कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के स्टेट कमेटी सदस्य मसूद मन्ना ने कहा कि वे सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह शिक्षा के अधिकार और धर्म का पालन करने के अधिकार का उल्लंघन है। छात्र न केवल अपने लिए लड़ रहे हैं, बल्कि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए कक्षाओं में भाग लेने के दौरान हिजाब पहनने के लिए भी लड़ रहे हैं।” उन्होंने कहा, “अगर कोई समाधान नहीं दिया गया तो हम विरोध करेंगे। छात्रों को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें खुद बाहर जाने के लिए कहा जाता है या अगर वे हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाते हैं तो उन्हें कक्षाओं से बाहर कर दिया जाएगा।” उन्होंने कहा, “सहायक आयुक्त, अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों और कॉलेज के प्राचार्य ने इस संबंध में बुधवार को एक बैठक की है। उन्होंने छात्रों को हिजाब के बिना आने के लिए कहा है। उडुपी में अखिल छात्र संघ के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।”

  • ‘कोरोना की आड़ में शिक्षा गई भाड़ में’!

    ‘कोरोना की आड़ में शिक्षा गई भाड़ में’!

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली।  कोरोना दुनिया में ऐसी महामारी हो गई है जिसने सब कुछ ठप्प कर रखा है। सबसे अधिक नुकसान स्कूलीर बच्चों का हो रहा है। दो साल से ऑनलाइन पढ़ाई करते-करते बच्चे मानसिक रोगी होने लगे हैं। बच्चों और अभिभावकों की यह भी विडंबना है कि भले ही स्कूल न खुले हों, भले ही बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करने पड़ रही हो पर निजी स्कूलों ने फीस लेने में कोई ढील नहीं बरती गई। सरकारों ने भी इस पर कोई अंकुश नहीं लगाया। कोरोना संक्रमण के चलते जहां लोगों के काम धंधे चौपट हो गये हैं वहीं बच्चों को पूरी फीस  भरनी पड़ी। अभिभावकों और बच्चों की नाराजगी यह भी है कि देश में चुनावी प्रचार जोर-शोर हो रहा है। शराब के ठेके लगातार खुल रहे हैं पर स्कूलों पर ताले लटके हैं।
    ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि इस तरह से स्कूल बंद रहे तो देश की शिक्षा व्यवस्था का क्या होगा ? ऐसे में जगह-जगह अपने-अपने हिसाब से बच्चों ने स्कूलों के बंद करने का विरोध करना भी शुरू कर दिया है।  इन सबके बीच सोशल मीडिया पर एक बैनर लिये चार बच्चों का एक फोटो खूब वायरल हो रहा है। इन बैनर पर लिखा है ‘कोरोना की आड़ में शिक्षा गई भाड़’ ‘ठेके खुले हैं, स्कूल बंद’। ‘अनपढ़ रहेगा इंडिया तभी तो गुलामी करेगा इंडिया’, ‘रैली ऑफ लाइन, शिक्षा ऑनलाइन’। इन स्लोगों के लिखा यह बैनर देश और समाज को एक बड़ा संदेश दे रहा है।

  • यूएसए में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी जामिया स्कूल की शिक्षिका

    यूएसए में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी जामिया स्कूल की शिक्षिका

     द न्यूज 15

    नई दिल्ली | जामिया स्कूल की एक शिक्षिका लोवेल, मैसाचुसेट्स, यूएसए में जामिया और भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस शिक्षिका को यूएसए के प्रतिष्ठित फुलब्राइट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। आयशा जमील नामक पीजीटी अंग्रेजी की यह शिक्षिका सैयद आबिद हुसैन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पढाती हैं। उन्हें यू. एस. डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट्स के फुलब्राइट टीचिंग एक्सीलेंस एंड अचीवमेंट प्रोग्राम (फुलब्राइट टीईए) में भाग लेने के लिए चुना गया है।
    आयशा जहां लोवेल, मैसाचुसेट्स, यूएसए में जामिया और भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी वहीं संगोष्ठियों में भी भाग लेंगी और ऐसे शोध कार्य करेंगी जो उनके शिक्षण-अधिगम उपकरणों को बढ़ाने में सक्षम होंगे। वह अपने छात्रों और साथी सहयोगियों के लिए नई रणनीतियों की जानकारी जुटाने में सक्षम होगी। ये विशेष सेमिनार 21वीं सदी के शिक्षण कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हुए शिक्षण से संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेंगे।
    आयशा को यूएस स्कूल में कक्षाओं को देखने और सह-शिक्षण करने के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक और सामुदायिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर भी मिलेगा।
    यू. एस. डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ने दुनियाभर में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने की पहल की है, जिसमें आयशा और उनके साथी शामिल होंगे। कार्यक्रम को पूरे अकादमिक सेमिनार और कार्यशालाओं में जेंडर और शिक्षा पर फोकस करने के लिए डिजाइन किया गया है।
    फुलब्राइट प्रोग्राम दुनिया का सबसे बड़ा और विविध अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक आदान-प्रदान का प्रोग्राम है। इसके एल्युम्नाइ में से स्टेट प्रमुख, न्यायाधीश, राजदूत, कैबिनेट मंत्री, सीईओ, विश्वविद्यालय के अध्यक्ष, पत्रकार, कलाकार, वैज्ञानिक और शिक्षक बने हैं। इनमें नोबेल पुरस्कार विजेता, पुलित्जर पुरस्कार विजेता आदि भी शामिल हैं।
    आयशा ने जामिया की कुलपति, प्रो नजमा अख्तर और स्कूल प्रधानाचार्य, डॉ जफर अहमद सिद्दीकी का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उन पर विश्वास किया और उन्हें इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मंच पर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

  • सीबीएसई ने छात्रों को किया सावधान

    सीबीएसई ने छात्रों को किया सावधान

    द न्यूज़ 15

    नई दिल्ली | (सीबीएसई) ने बोर्ड कक्षा के छात्रों को ऑनलाइन गलत सूचना फैलाने की चेतावनी देते हुए मंगलवार को एक सार्वजनिक परामर्श जारी किया, जिसमें कहा गया कि सीबीएसई टर्म 2 बोर्ड परीक्षा 2022 के पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आधिकारिक नोटिस में कहा गया है, “यह देखा गया है कि कुछ ऑनलाइन मीडिया प्लेटफॉर्म दसवीं और बारहवीं कक्षा 2 की बोर्ड परीक्षाओं में प्रमुख परीक्षा पैटर्न में बदलाव के बारे में ‘ब्रेकिंग न्यूज’ जैसे भावों का उपयोग करके गलत जानकारी और भ्रमित करने वाले दर्शकों को प्रसारित कर रहे हैं।”नोटिस में आगे लिखा गया है, छात्रों के हित में यह स्पष्ट किया जाता है कि बोर्ड ने परीक्षा पैटर्न (परिपत्र संख्या 51, दिनांक 5 जुलाई, 2021 में उल्लिखित) में बदलाव की घोषणा की थी। टर्म 1 की परीक्षा पहले ही पूरी हो चुकी है और इसका प्रारूप इसी सकरुलर में टर्म 2 की परीक्षा का भी जिक्र है।

    सीबीएसई टर्म 2 बोर्ड परीक्षा 2022 के पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह बोर्ड द्वारा पहले घोषित की तरह ही होगा।

    बोर्ड ने छात्रों और अन्य हितधारकों को सलाह दी है कि वे केवल उस जानकारी पर विश्वास करें जो इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।

    सीबीएसई टर्म 2 बोर्ड परीक्षा 2022 कक्षा 10 और 12 के लिए मार्च-अप्रैल, 2022 में आयोजित होने वाली है।

  • एनईईटी-पीजी काउंसलिंग के लिए मौजूदा ईडब्ल्यूएस मानदंड बनाए रहेगा : केंद्र

    एनईईटी-पीजी काउंसलिंग के लिए मौजूदा ईडब्ल्यूएस मानदंड बनाए रहेगा : केंद्र

    द न्यूज़ 15

    नई दिल्ली | केंद्र सरकार ने एनईईटी-पीजी काउंसलिंग के लिए विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर चल रहे दाखिलो को लेकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण के मौजूदा मानदंडों को जारी रखने का फैसला किया है। एनईईटी-पीजी काउंसलिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। केंद्र सरकार ने अदालत से कहा है कि उसने ईडब्ल्यूएस के लिए मौजूदा मानदंडों को बनाए रखने का फैसला किया है, क्योंकि मानदंड को बीच में बदलने से जटिलताएं पैदा होंगी।

    सरकार ने 31 दिसंबर को एक हलफनामा में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि उसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण के मानदंडों की समीक्षा के लिए समिति की सिफारिशों को उन परिवारों के अभ्यर्थियों के लिए स्वीकार कर लिया है, जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये तक है। लेकिन ऐसे अभ्यर्थियों के लिए नहीं, जिनके परिवार के पास पांच एकड़ कृषि भूमि है और आय ईडब्ल्यूएस श्रेणी से ऊपर है।

    ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए मानदंड की समीक्षा पर अपनी रिपोर्ट में विशेषज्ञ समिति ने सिफारिश की है कि 2019 से चल रही मौजूदा प्रणाली को बिगाड़ने से लाभार्थियों के साथ-साथ अधिकारियों के लिए भी अधिक जटिलताएं पैदा होंगी।
    सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 6 जनवरी को करेगा।

  • इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स और पोलिश चेम्बर के बीच समझौता को मंजूरी

    इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स और पोलिश चेम्बर के बीच समझौता को मंजूरी

    नई दिल्ली | पेशेवर और बौद्धिक विकास के क्षेत्र में आपसी सहयोग के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और द पोलिश चेम्बर ऑफ स्टेट्यूटरी ऑडिटर्स (पीआईबीआर) के बीच समझौता-ज्ञापन को मंजूरी दे दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने बुधवार को यह मंजूरी प्रदान की। आईसीएआई विश्व के 47 देशों के 73 शहरों में अपने चैप्टर्स एंड रिप्रेजेंटेटिव कार्यालयों के विस्तृत नेटवर्क के जरिये इन देशों में प्रचलित तौर-तरीकों को साझा करने में महžवपूर्ण भूमिका निभाता है। ताकि भारत सरकार उन उत्कृष्ट व्यवहारों को अपनाकर विदेशी निवेश को आकर्षित कर सके तथा उन्हें भारत में अपने संस्थान स्थापित करने के लिये प्रोत्साहित कर सके। आईसीएआई सदस्य देशभर के विभिन्न संगठनों में मध्यम से उच्च स्तरीय पदों पर काम करते हैं। वे देश के उन संगठनों में निर्णय, नीति निर्माण रणनीतियों को प्रभावित करने की स्थिति में होते हैं।

    प्रस्तावित समझौता-ज्ञापन का उद्देश्य है ब्लॉकचेन, स्मार्ट कॉन्ट्रेक्ट प्रणाली, पारंपरिक लेखा-कार्य से क्लाउड लेखा-कार्य में अंतरण आदि को शामिल करना। लेखा-परीक्षा और लेखा-कार्य के क्षेत्र में नये तरीकों के इस्तेमाल तथा अध्ययन सम्बन्धी विषयों में सहयोग को मजबूती देना।

    आईसीएआई और पीआईबीआर ने यह भी तय किया है कि वे पेशेवर संगठनों द्वारा प्रकाशित पुस्तकों, पत्रिकाओं और अन्य प्रकाशनों के आदान-प्रदान, लेखा-परीक्षा और लेखा-कार्य पर लेखों का दोनों पक्षों की पत्रिकाओं तथा वेबसाइटों पर आपसी प्रकाशन करेंगे तथा भ्रष्टाचार और धनशोधन के खिलाफ लड़ाई में आपस में सहयोग करेंगे।

    आईसीएआई और पीआईबीआर, पोलैंड के बीच समझौता-ज्ञापन के जरिये आईसीएआई के सदस्यों को पोलैंड में व्यावसायिक अवसर मिलेंगे। इस तरह यूरोप में उनकी उपस्थिति दर्ज होगी। ये अवसर अल्पकालीन होने के साथ-साथ दीर्घकालीन होंगे।

    इस समझौता-ज्ञापन का उद्देश्य है कि आईसीएआई और पीआईबीआर के सदस्यों के बीच आपसी तौर पर लाभकारी सम्बन्ध विकसित करने के लिये मिलकर काम करना। समझौते के तहत, आईसीएआई लेखा-कार्य के व्यवसाय में सेवाओं के निर्यात के लिये पोलैंड के साथ साझेदारी मजबूत करने में सक्षम होगा।

    इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेन्ट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) एक विधिक निकाय है, जिसे सनदी लेखाकार अधिनियम, 1949 के तहत स्थापित किया गया था, ताकि भारत में लेखा परीक्षकों के व्यवसाय को नियमबद्ध किया जा सके। आईसीएआई ने शिक्षा, व्यावसायिक विकास, उच्च लेखा-कार्य विधि, लेखा-कार्य और लेखा आचार मानकों को कायम रखने तथा उन्हें आगे बढ़ाने में योगदान किया है।

  • लोकसभा में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से संबंधित महत्वपूर्ण बिल पास होने की संभावना

    लोकसभा में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से संबंधित महत्वपूर्ण बिल पास होने की संभावना

    नई दिल्ली| लोकसभा में मंगलवार को चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कॉस्ट एंड वर्क्‍स अकाउंटेंट्स और कंपनी सेक्रेटरीज (संशोधन) बिल, 2021 पर चर्चा होने और इसके पारित होने की संभावना है। यह बिल पिछले हफ्ते लोकसभा में पेश किया गया था।

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट, 1949, कॉस्ट एंड वर्क्‍स अकाउंटेंट्स एक्ट, 1959 और कंपनी सेक्रेटरी एक्ट, 1980 में संशोधन के लिए विधेयक पेश करेंगी। वह यह भी पेश करेंगी कि विधेयक को लोकसभा द्वारा पारित किया जाए।

    केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के लोकसभा से राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (निफ्टेम) की परिषद के लिए दो सदस्यों के चुनाव के लिए एक प्रस्ताव पेश करने की संभावना है।

    सदन की बैठक से सदस्यों की अनुपस्थिति की समिति की रिपोर्ट भी निचले सदन में मौजूद रहेगी।

    अमित शाह को सहकारिता मंत्रालय से संबंधित पेपर रखना है। केंद्रीय मंत्री सीतारमण, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, रामदास अठावले, निरंजन ज्योति, नित्यानंद राय, पंकज चौधरी, शोभा करंदलाजे, कैलाश चौधरी, बी.एल. वर्मा, अजय कुमार, प्रतिमा भौमिक, डॉ एल मुरुगन भी अपने-अपने मंत्रालय के पेपर रखेंगे।

    स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से संबंधित ‘सभी एम्स की प्रगति की समीक्षा’ विषय पर प्राक्कलन समिति (2021-22) की बारहवीं रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी।

    कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (कृषि और किसान कल्याण विभाग) के ‘कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, 2020’ पर कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण पर स्थायी समिति (2021-22) की रिपोर्ट भी लोकसभा में प्रस्तुत की जाएगी।

    अनुभव मोहंती ‘खेलो इंडिया योजना और खेल बुनियादी ढांचे’ विषय पर युवा मामले और खेल मंत्री का ध्यान आकर्षित करेंगे।

    नियम 193 के तहत कांग्रेस सदस्य अधीर रंजन चौधरी और तृणमूल कांग्रेस सौगत रॉय ने महंगाई पर चर्चा को उठाएंगे।

    लोकसभा में आगे की चर्चा जलवायु परिवर्तन पर होगी जिसे कनिमोझी करुणानिधि ने पिछले हफ्ते नियम 193 के तहत उठाया था।