Category: अर्थनीति

  • सहारा समय चैनल बंद, 200 लोगों की छुट्टी, लखनऊ में ईडी का छापा ?

    सहारा समय चैनल बंद, 200 लोगों की छुट्टी, लखनऊ में ईडी का छापा ?

    द न्यूज 15 ब्यूरो

    नई दिल्ली/लखनऊ। सहारा ग्रुप कुछ ऐसा होता रहता है कि लोग सोचने को मजबूर हो जाते हैं। जी हां अब तीन बड़ी खबरें आ रही हैं। जानकारी के अनुसार सहारा समय चैनल फिलहाल बंद हो चुका है। जानकारी मिली है कि इस चैनल का लाइसेंस की वैधता 30 सितंबर 2024 तक थी। इसके बाद इसे आगे चलाने के लिए लाइसेंस वैधता के लिए कोई बढ़ोतरी की कोशिश नहीं हुई। चैनल के जो बचे खुचे स्टाफ के लोग हैं, वह अपने अपने दिल्ली, नोएडा व लखनऊ ऑफिस में आकर हस्ताक्षर करके वापस चले जा रहे हैं। फिलहाल चैनल का प्रसारण कहीं नहीं दिख रहा है।

    उधर यह भी जानकारी मिल रही है कि 30 सितंबर को सहारा समय चैनल के करीब 200 लोगों की छुट्टी कर दी गई है। इसमें चैनल के समूह संपादक राव वीरेन्द्र सिंह से लेकर ढेरों स्ट्रिंगर तक शामिल हैं। एक अन्य महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि सहारा इंडिया भवन लखनऊ में आज ईडी ने 12 बजे छापा मारा है। छापे की कार्रवाई चल रही है।

    (साभार :  भड़ास 4 मीडिया)

  • सहारा फ्रॉड का खामियाजा भुगत रहे निवेशक 

    सहारा फ्रॉड का खामियाजा भुगत रहे निवेशक 

  • Sahara Protest : फिर से संकट में सहारा, सेबी ने सहारा के निदेशक, प्रमोटर व प्रबंधकों के अकाउंट का धन किया अटैच

    Sahara Protest : फिर से संकट में सहारा, सेबी ने सहारा के निदेशक, प्रमोटर व प्रबंधकों के अकाउंट का धन किया अटैच

    सहारा इंडिया के निदेशक, प्रमोटर व प्रबंधकों के अकाउंट का धन रिकवर कर लिया गया है। दरअसल
    सेबी ने सहारा इंडिया कमर्शियल कारपोरेशन लिमिटेड से आम जनता से लिये 14106 करोड़ की राशि का जबाब मांगा गया था। सहारा के डायरेक्टरों ने इसे गंभीरता से लिया और जवाब नहीं दिया। अब सेबी ने कार्रवाई करते हुए इनके सभी तरह के खातों का धन रिकवर कर लिया है।

    जानकारी मिल रही है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के रिकवरी सेल ने एसआईसीसीएल, इसके निदेशकों, प्रमोटर, प्रबंधकों जिनमें एल अहमद, ओपी दीक्षित, एएन मुखर्जी, असद अहमद, सीबी थापा, लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) डीएस थापा, सुब्रत रॉय सहारा, ओपी श्रीवास्तव, जेबी रॉय, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एएस राव, पीएस मिश्रा, वाईएन सक्सेना, रनोज दासगुप्ता, सहारा इंडिया और इसके घटक भागीदारों को सामूहिक रूप से पत्र जारी कर, खातों को रिकवर कर लिया है।

  • मारुति सुजुकी ने लॉन्च किया नई स्विफ्ट

    मारुति सुजुकी ने लॉन्च किया नई स्विफ्ट

    ऋषि तिवारी
    मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने फोर्थ जेनरेशन स्विफ्ट भारत में लॉन्च कर दी है। 2024 मारुति सुजुकी स्विफ्ट बेहतर लुक-डिजाइन और काफी सारे नए फीचर्स, स्टैंडर्ड फीचर के रूप में 6 एयरबैग, नया इंजन और बेहतर माइलेज के साथ आई है। चलिए, आपको नई एपिक स्विफ्ट की कीमत और खासियत बताते हैं।

    नई स्विफ्ट आ गई है। जी हां, इस बार मारुति सुजुकी ने अपनी प्रीमियम हैचबैक स्विफ्ट के फोर्थ जेनरेशन मॉडल में नया इंजन, बेहतर फ्यूल एफिसिएंटी और टेक फीचर्स के साथ ही सेफ्टी पर काफी जोर दिया है और इसे 6.49 लाख रुपये की शुरुआती एक्स शोरूम प्राइस पर लॉन्च कर दिया है। नई स्विफ्ट में जहां आपको पुराने मॉडल के मुकाबले एक्सटीरियर में काफी सारे बदलाव दिख जाते हैं, वहीं इसका इंटीरियर ऑल ब्लैक रखा गया है, जिसमें ड्राइविंग एक्सपीरियंस बेहतर करने वास्ते काफी सारे नए फीचर्स दिए गए हैं। चलिए, अब नई स्विफ्ट के बारे में विस्तार से बताते हैं।

     

    11 वेरिएंट, कीमत 6.49 लाख रुपये से शुरू

     

    मारुति सुजुकी स्विफ्ट को एलएक्सआई, वीएक्सआई, वीएक्सआई ऑप्शनल, जेडएक्सआई और जेडएक्सआई प्लस जैसे ट्रिम के कुल 11 वेरिएंट में पेश किया गया है और इनकी एक्स शोरूम प्राइस 6,49,000 रुपये से लेकर 9,64,500 रुपये तक है। नई एपिक स्विफ्ट को नोवेल ऑरेंज और लस्टर ब्लू जैसे दो नए कलर ऑप्शन के साथ भी पेश किया किया है। नई स्विफ्ट को आप 17,436 रुपये प्रति महीने के सब्सक्रिप्शन मॉडल पर भी ले सकते हैं।

     

    नया इंजन और बेहतर माइलेज

     

    नई मारुति सुजुकी स्विफ्ट में 1.2 लीटर का नया जी-सीरीज पेट्रोल इंजन दिया गया है, जिसके मैनुअल ट्रांसमिशन ऑप्शन वाले वेरिएंट्स की माइलेज 24.8 किलोमीटर प्रति लीटर तक की और एएमटी ट्रांसमिशन से वेरिएंट्स की माइलेज 25.75 kmpl तक की है। कंपनी का दावा है कि नई स्विफ्ट परफॉर्मेंस के मामले में काफी बेहतर हो गई है।

    लुक धांसू, फीचर्स जानदार

    लुक और फीचर्स के मामले में नई स्विफ्ट में काफी जबरदस्त अपडेट्स दिए गए हैं। इस प्रीमियम हैचबैक में 45 पर्सेंट हाई टेंसाइल स्टील का इस्तेमाल किया गया है। वहीं, इसका रैपअराउंड कैरेक्टर इसे स्पोर्टी लुक देता है। नई स्विफ्ट में बुमेरंग डीआरएल्स, एलईडी हेडलाइट और टेललाइट्स, नई ग्रिल, ऑल-ब्लैक इंटीरियर, 9 इंच का टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, वायरलेस चार्जर, रियर एसी वेंट और यूएसबी पोर्ट, वायरलेस एंड्रॉइड ऑटो और ऐपल कार प्ले सपोर्ट, 40 से ज्यादा कनेक्टेड कार फीचर्स, हिल होल्ड असिस्ट नया सस्पेंशन सिस्टम, सभी वेरिएंट्स में 6 एयरबैग्स और 3 पॉइंट सीट बेल्ट समेत काफी सारी और भी खूबियां हैं।

  • निवेशकों के चेहरे पर लौटी चमक, जोरदार उछाल के साथ शेयर बाजार क्लोज, 8 लाख करोड़ बढ़ी निवेशकों की संपत्ति

    निवेशकों के चेहरे पर लौटी चमक, जोरदार उछाल के साथ शेयर बाजार क्लोज, 8 लाख करोड़ बढ़ी निवेशकों की संपत्ति

    मुंबई। बुधवार की बड़ी गिरावट के बाद गुरुवार 14 मार्च का कारोबारी सत्र भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए राहत लेकर आया है। आईटी, एफएमसीजी स्टॉक्स में भारी खरीदारी देखने को मिली. तो जिस मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में गिरावट के चलते निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब रही थी, इनमें गुरुवार के सत्र में जोरदार तेजी देखने को मिली है. आज का कारोबार खत्म होने पर बीएसई सेंसेक्स 73000 के पार जा पहुंचा और 335 अंकों के उछाल के साथ 73,097 अंकों पर क्लोज हुआ है। ,जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 22,000 के पार जाने में कामयाब रहा और 149 अंक चढ़कर 22,146 अंकों पर क्लोज हुआ है।

     

    सेक्टर का हाल

     

    आज  के ट्रेड में मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स ने जोरदार वापसी की है। निफ्टी का मिडकैप इंडेक्स 930 अंकों या 2.02 फीसदी के उछाल के साथ क्लोज हुआ है. जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 500 अंकों के उछाल के साथ क्लोज हुआ। हालांकि सुबह की गिरावट के लेवल से देखे तो निचले स्तर से मिडकैप इंडेक्स में 1600 से ज्यादा और स्मॉलकैप इंडेक्स में 700 अंकों की रिकवरी देखने को मिली है। आज के कारोबार में आईटी, फार्मा, एफएमसीजी, एनर्जी, इंफ्रा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स हेल्थकेयर और ऑयल एंड गैस सेक्टर के स्टॉक्स तेजी के साथ बंद हुए। केवल बैंकिंग स्टॉक्स में गिरावट रही. सेंसेक्स के 30 शेयरों में 18 शेयर तेजी के साथ और 12 गिरकर बंद हुए. जबकि निफ्टी का 50 शेयरों में 35 शेयर तेजी के साथ 15 गिरावट के साथ बंद हुए। ,

     

     

    मार्केट कैप में 8 लाख करोड़ का उछाल

     

    शेयर बाजार में गुरुवार के सत्र में शानदार तेजी के चलते निवेशकों की संपत्ति में 8 लाख करोड़ का इजाफा देखने को मिला है जो बुधवार को 14 लाख करोड़ तक घट गया था। बीएसई पर लिस्टेड स्टॉक्स का मार्केट कैप 380.16 लाख करोड़ रुपये पर बंद हुआ है जो पिछले ट्रेडिंग सत्र में 372.11 लाख करोड़ रुपये रहा था।

     

    इंडेक्‍स का नाम बंद होने का स्‍तर उच्‍च स्‍तर निम्‍न स्‍तर प्रतिशत बदलाव 

    चुनाव नतीजों के दौरान बाजार में उठापटक संभव
    बुधवार की बड़ी गिरावट के अगले ही दिन गुरुवार को शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ है. वैल्यू स्टॉक्स जो कि एक स्मॉलकेस मैनेजर है उसके फाउंडर शैलेश सराफ के कहा, लोकसभा चुनाव के नतीजों के सामने आने के दौरान बाजार में उठापटक के हालात देखने को मिल सकते हैं. लेकिन लंबी अवधि में बाजार में मजबूती बनी रहेगी. वैल्यू स्टॉक के मुताबिक पीएसयू स्टॉक्स ने जोरदार रिटर्न दिया है. 2023 में, निफ्टी पीएसई इंडेक्स में 77% की बढ़ोतरी हुई, जो निफ्टी50 के 20% रिटर्न को पार कर गई. पीएसई इंडेक्स ने 2024 में निफ्टी50 के 3% के रिटर्न के मुकाबले 21% का रिटर्न दिया है।

  • चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, SBI को कल शाम तक देना होगा ब्योरा, EC 15 मार्च तक पब्लिश करे

    चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, SBI को कल शाम तक देना होगा ब्योरा, EC 15 मार्च तक पब्लिश करे

    चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने  SBI की याचिका खारिज करते हुए 12 मार्च तक ब्योरा देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही EC को 15 मार्च तक ये ब्योरा पब्लिश करने के निर्देश दिए गए हैं।  आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने  SBI पर बड़ी टिप्पणी की। सीजेआई ने कहा कि हमने आपको डेटा मिलान के लिए नहीं कहा था, आप आदेश का पालन कीजिए।

    जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आपको सिर्फ डेटा सील कवर से निकालना है और भेजना है। सीजेआई ने SBI से ये भी पूछा कि आपने पिछले 26 दिनों में क्या काम किया, कितना डेटा मिलान किया। मिलान के लिए समय मांगना सही नहीं है। हमने आपको ऐसा करने का निर्देश नहीं दिया। आखिरकार सारा ब्यौरा मुंबई मुख्य शाखा में भेजा जा चुका है।

    आपने अर्जी में कहा है कि एक साइलो से दूसरे साइलो में जानकारी का मिलान समय लेने वाली प्रक्रिया है।

  • आसमान पर देश की अर्थव्यवस्था :GDP-8.4%

    आसमान पर देश की अर्थव्यवस्था :GDP-8.4%

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और दुनियाभर की तमाम रेटिंग एजेंसियों की माने तो ये मजबूती आगे भी कायम रहेगी। अब बार्कलेज रिसर्च ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 प्रतिशत तक पहुंचने की ओर अग्रसर है। बार्कलेज रिसर्च ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि उचित पॉलिसी मिक्स के साथ भारत संभावित रूप से अपनी जीडीपी ग्रोथ रेट को 8 प्रतिशत के करीब बढ़ा सकता है और इस दशक के अंत तक ग्लोबल ग्रोथ में सबसे बड़ा कंट्रीब्यूटर बन सकता है। इंडियाज ब्रेकआउट मोमेंट शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती घरेलू बचत और सार्वजनिक गैर-बचत में गिरावट से घरेलू बचत को उस स्तर से ऊपर बढ़ाया जा सकता है जो अर्थव्यवस्था की निवेश आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए। बार्कलेज रिसर्च ने यह भी कहा है कि हम उम्मीद करते हैं कि इंडस्ट्रियल सेक्टर तीन प्रमुख सब-सेक्टर्स में सबसे तेज ग्रोथ दिखाएगा।

    बीजेपी के लिए बहुत बड़ी बात
    अर्थव्यवस्था के बेहतर आंकड़ों ने चुनाव में उतरने जा रही बीजेपी का मनोबल बढ़ा दिया है। पार्टी मिशन 400 के लक्ष्य के साथ अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होने से अब वो विपक्ष के हमलों का सही तरीके से जवाब दे पाएगी। पिछले 10 साल से सत्ता में रहने वाली बीजेपी के लिए ये किसी बूस्टर से कम नहीं है। दुनिया में पांचवें नंबर की अर्थव्यस्था भारत के बनने के बाद से ही बीजेपी विपक्ष पर हमलावर थी। अब उसके पास मौका भी आ गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर खुशी जाहिर की है। उन्होंने एक्स पर लिखे अपने पोस्ट में लिखा कि वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर 8.4 प्रतिशत रही है जो भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत और इसकी क्षमता को दर्शाती है। हमारे प्रयास देश को तेज आर्थिक विकास के लिए जारी रहेंगे, जिससे 140 करोड़ भारतीयों को बेहतर जीवन जीने और एक विकसित भारत बनाने में मदद मिलेगी

    रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
    वैसे तो देश में सबसे ज्यादा रोजगार कृषि क्षेत्र से मिलता है लेकिन इसके बाद उद्योग जगत, सेवा क्षेत्र और खनन का नंबर आता है। मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में बढ़ोतरी के कारण इन क्षेत्रों में रोजगार बढ़ने की उम्मीद बढ़ गई है। अभी तक मोदी सरकार रोजगार को लेकर ही विपक्ष के निशाने पर रहे हैं। अगर अगले कुछ महीनों तक रोजगार के आंकड़े बढ़ते रहे तो मोदी सरकार विपक्ष को यहां भी करारा जवाब दे सकती है। निश्चित तौर पर सत्तारूढ़ दल को चुनावों में बढ़ते रोजगार का फायदा जरूर मिलेगा। कृषि क्षेत्र में सुस्ती के बीच इकॉनमी के दमदार प्रदर्शन के पीछे तीन बड़े फैक्टर रहे हैं। मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टरों ने अच्छी रफ्तार दिखाई। वहीं नेट इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बढ़त का भी योगदान रहा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 4.8 प्रतिशत घटा था। उस स्तर से इसने FY24 की तीसरी तिमारी में 11.6% की ग्रोथ दर्ज की। माइनिंग में भी 7.5 प्रतिशत की ग्रोथ रही।

    अमेरिका चीन से आगे भारत
    भारत की 8.4% ग्रोथ के मुकाबले चीन में 5.2%, अमेरिका में 3.1% ग्रोथ रही। भारत की रफ्तार बनी रहने की उम्मीद है। IMF जैसी संस्थाओं का अनुमान है कि मौजूदा वित्त वर्ष में अमेरिका, जापान, चीन जैसे देशों से बेहतर ग्रोथ भारत की होगी।

  • कर्ज में डूबे अनिल अंबानी के साथ मोदी का क्या होगा व्यवहार ?

    कर्ज में डूबे अनिल अंबानी के साथ मोदी का क्या होगा व्यवहार ?

    नई दिल्ली। इस समय कई व्यापारी दर्ज में दुबे हैं। भारी कर्ज में डूबे बिजनसमैन की परेशानी बढ़ने वाली है। इन व्यापारियों में अनिल अंबानी, वेणुगोपाल धूत, एस्सार ग्रुप के रुइया बंधुओं और भूषण स्टील के भूषण परिवार हैं।
    इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से पर्सनल गारंटर्स से रिकवरी में मदद मिलेगी। बोर्ड ने साथ ही ऐसे गारंटर्स को आगाह किया है कि वे मामलों को लंबा खींचने से बचें क्योंकि इससे उनकी देनदारी बढ़ेगी। IBBI के चेयरमैन रवि मित्तल ने सोमवार को कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने पर्सनल गारटंर से जुड़े इनसॉल्वेंसी के मामलों की अड़चनों को दूर करके बैंकों को राहत दी है। पर्सनल गारंटर्स के खिलाफ बैंकों की याचिकाओं कई लीगल फोरम्स में लंबित पड़ी हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अब बैंकों को राहत मिलेगी और मामलों का जल्दी निपटारा हो सकेगा।
    प्रॉसीडिंग्स का सामना कर रहे पर्सनल गारटंर्स में अनिल अंबानी, वेणुगोपाल धूत, एस्सार समूह के रुइया बंधु और भूषण स्टील का भूषण परिवार जैसे कई जाने-माने नाम शामिल हैं। दिसंबर तक 1.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण से जुड़े लगभग 2,500 दिवालिया आवेदन थे। इनमें से 87 आवेदनों को रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) की नियुक्ति से पहले वापस ले लिया गया है या खारिज कर दिया गया है। 1,096 मामलों में आरपी नियुक्त किए गए हैं। आरपी की नियुक्ति के बाद, 296 मामलों को NCLT में स्वीकार किया गया है। हालांकि, केवल 21 मामलों में रिपेमेंट प्लान को मंजूरी मिली है। इससे केवल 91 करोड़ रुपये की राशि वसूली गई है जो दावों का केवल 5.2% है।

    कितनी हुई वसूली

    आईबीबीआई के आंकड़ों के मुताबिक क्रेडिटर्स एनसीएलटी द्वारा स्वीकार किए गए दावों का केवल 32 फीसदी की वसूली कर पाए हैं। कई मामले 724 दिनों से लंबित हैं जो 270 दिन की डेडलाइन से करीब 2.7 गुना है। मित्तल ने बताया कि ज्यादा मुकदमेबाजी से मामलों में देरी होती है। इससे कंपनी की वैल्यूशन में कमी आती है और गारंटरों पर बोझ बढ़ता है। IBC का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें पर्सनल गारंटर के लिए प्रक्रिया डायरेक्ट बैंकरप्सी पर ऋण पुनर्गठन को प्राथमिकता देती है। मित्तल ने कहा कि कर्जदारों को बैंकरप्सी प्रक्रिया से गुजरने के बजाय रिपेमेंट का प्लान सौंपकर अपने कर्ज का भुगतान करना चाहिए।

  • UP Budget 2024 : यूपी के बजट में लखनऊ के लिए बहुत बड़ा एलान, 15,000 एकड़ में विकसित होगी एयरो सिटी

    UP Budget 2024 : यूपी के बजट में लखनऊ के लिए बहुत बड़ा एलान, 15,000 एकड़ में विकसित होगी एयरो सिटी

    UP Budget 2024 Announcement: यूपी विधानसभा में सोमवार को वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने राजधानी लखनऊ के लिए बड़ा एलान किया है। उन्होंने विधानसभा में 7.36 लाख करोड़ का बजट पेश किया है। बजट संबोधन के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि लखनऊ में दिल्ली की तर्ज पर एयरो सिटी विकसित किये जाने की योजना है, जो लगभग 1500 एकड़ में विकसित की जायेगी. इसमें 7 सितारा होटल, पार्क, विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर जैसी सुविधायें उपलब्ध होंगी। वित्त मंत्री ने रोजगार के मुद्दे को भी बजट में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार अब तक लगभग 6 करोड़ व्यक्तियों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल रही है। आज प्रदेश में बेरोजगारी की दर केवल 2.4 प्रतिशत रह गई है।

    उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सेमी कन्डक्टर नीति को मंजूरी दी गई है। यह नीति प्रदेश में सेमी कन्डक्टर इकाईयों की स्थापना एवं विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी, जिससे देश और विदेश से प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश प्राप्त होगा। ऐसी नीति लाने वाला उत्तर प्रदेश देश का चौथा राज्य बन गया है।
    वित्त मंत्री ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा हीरो फ्यूचर एनर्जीज के साथ 4 हजार करोड़ रूपये के निवेश का एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया है, जिसके अन्तर्गत संस्था द्वारा प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा एवं क्लीन टेक्नोलाॅजी परियोजना में निवेश किया जायेगा।

    उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा हैदराबाद में फार्मा काॅन्क्लेव का सफल आयोजन किया गया जिसके परिणामस्वरूप बड़ी फार्मा कम्पनियों द्वारा उत्तर प्रदेश में निवेश करने में रूचि दिखाई जा रही है। हैदराबाद में आयोजित विंग्स इण्डिया एवार्ड-2024 में उत्तर प्रदेश को स्टेट चैम्पियन इन एवियेशन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

  • Budget 2024 : 6,000 के बजाय 9,000… किसान सम्‍मान निधि के जरिये बजट में लोकसभा चुनाव साधेगी सरकार 

    Budget 2024 : 6,000 के बजाय 9,000… किसान सम्‍मान निधि के जरिये बजट में लोकसभा चुनाव साधेगी सरकार 

    Budget Expectations For Agriculture Sector : पीएम-किसान स्‍कीम के जरिये सरकार लोकसभा चुनावों को साधने की तैयारी में है। एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बड़ा ऐलान कर सकती हैं। इस स्‍कीम के तहत किसानों को मिलने वाली रकम को बढ़ाकर 9,000 रुपये किया जा सकता है। अभी किसान सम्‍मान निधि के तहत किसानों को 6,000 रुपये की रकम मिलती है।

    किसान सम्‍मान निध‍ि

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि या पीएम-किसान के लाभार्थियों को आने वाले बजट में सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है। इसके तहत किसानों को मिलने वाली रकम को करीब 50 फीसदी बढ़ाए जाने का अनुमान है। कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस रकम को सालाना 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये किया जा सकता है। पीएम-किसान योजना 2019 में शुरू की गई थी। इसका मकसद छोटे और सीमांत किसानों की आय में बढ़ोतरी करना है। योजना के तहत पात्र किसानों के खातों में हर साल 6,000 की राशि तीन किश्तों में डाली जाती है।
    किसान सम्‍मान निधि के जरिये सरकार बजट में आगामी लोकसभा चुनावों को भी साधेगी। गांवों की बड़ी आबादी को इस स्‍कीम से सीधा फायदा मिला है। यह तीसरी बार मोदी सरकार के लिए केंद्र की सत्‍ता में वापसी का रास्‍ता खोलने का माद्दा रखती है। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने वाली हैं। लोकसभा चुनावों से पहले पेश हो रहे इस बजट के लोकलुभावन रहने की काफी उम्‍मीदें हैं।

    लोकप्रिय हो चुकी है स्‍कीम

     

    2019 में पीएम-किसान की शुरुआत से यह काफी लोकप्रिय रही है। इस स्‍कीम को छोटे और सीमांत किसानों की आय में बढ़ोतरी के मकसद से सरकार ने शुरू किया था। अभी योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की रकम तीन किश्तों में मिलती है। यह रकम सीधे उनके खातों में डाली जाती है। पिछले बजट में सरकार ने पीएम-किसान पर 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए थे। अंतरिम बजट में स्‍कीम के लिए आवंटन बढ़ाए जाने की उम्‍मीद है। इसके अलावा फसल बीमा और ग्रामीण रोजगार योजना के लिए भी रकम में बढ़ोतरी के आसार हैं।

     

    स्‍कीम के दायरे को बढ़ाना चाहती है सरकार

     

    सरकार योजना के दायरे को बढ़ाने के लिए कुछ उपाय भी कर सकती है। इसका मकसद ज्‍यादा किसानों को इसका लाभ देना होगा। इसके तहत पात्रता के मापदंडों को आसान बनाना जा सकता है। अंतरिम बजट लोकसभा चुनाव से पहले पेश हो रहा है। यही कारण है कि कई अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि सरकार पीएम-किसान के तहत किसानों को मिलने वाली राशि को 50 करीब फीसदी बढ़ा सकती है। इस रकम को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये सालाना किया जा सकता है। एचडीएफसी बैंक की प्रिंसिपल इकनॉमिस्ट साक्षी गुप्ता ने हमारे सहयोगी नेटवर्क इकनॉमिक टाइम्‍स से कहा, ‘सरकार (पीएम-किसान) योजना के तहत समर्थन को 8,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच बढ़ा सकती है।’

     

    गांवों की बड़ी आबादी फोकस में

     

    गांवों में देश की बड़ी आबादी रहती है। इस तरह की स्‍कीमों से उसे प्रत्‍यक्ष लाभ हुआ है। बीजेपी ने तीसरी बार केंद्र की सत्‍ता में आने के लिए कमर कस ली है। वह हरेक मोर्चे पर किलेबंदी करने में जुटी है। पीएम किसान निधि जैसी स्‍कीमें तीसरी बार सत्‍ता में उसकी वापसी में अहम भूमिका निभा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि उनके लिए सिर्फ चार ही जातियां हैं। इनमें गरीब, युवा, महिला और किसान शामिल हैं। केंद्र की स्‍कीमों का फोकस भी इन्‍हीं चार पर होगा।