Category: Delhi

  • जानिए, कौन थे कोचिंग सेंटर में जान गंवाने वाले तीनों छात्र ?

    जानिए, कौन थे कोचिंग सेंटर में जान गंवाने वाले तीनों छात्र ?

    दिल्ली में कोचिंग लाइब्रेरी में बच्चों की मौत की दुखद घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. भारी बारिश के बीच राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल के बाढ़ वाले बेसमेंट में फंसने के बाद तीन UPSC एस्पिरैंट की जान चली गई. जिसमें कोचिंग सेंटर का मालिक और आरोपी अभिषेक गुप्ता गिरफ्तार कर लिया गया है. दिल्ली के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट के जलभराव में हुए हादसे में तीन छात्रों की मौत हो गई। छात्रों की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इसमे से एक स्टूडेंट यूपी की बायोलॉजी student श्रेया यादव, केरल का JUN PHD स्टूडेंट नेविन डेल्विन और बिहार की student तान्या शामिल थी।

    दिल्ली में कोचिंग लाइब्रेरी में बच्चों की मौत की दुखद घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. भारी बारिश के बीच राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल के बाढ़ वाले बेसमेंट में फंसने के बाद तीन UPSC एस्पिरैंट की जान चली गई. जिसमें कोचिंग सेंटर का मालिक और आरोपी अभिषेक गुप्ता गिरफ्तार कर लिया गया है. दिल्ली के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट के जलभराव में हुए हादसे में तीन छात्रों की मौत हो गई। छात्रों की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इसमे से एक स्टूडेंट यूपी की बायोलॉजी student श्रेया यादव, केरल का JUN PHD स्टूडेंट नेविन डेल्विन और बिहार की student तान्या शामिल थी।

    सोशल मीडिया पर यूपीएसएसी एस्पिरेंट्स ट्रेंडिंग में है। इस कड़ी में आपको बता दें कि दिल्ली में आईएएस और आईपीएस की तैयारी करने वाले छात्रों की जिंदगी को दिखाते हुए कुछ फिल्में और वेब सीरीज बनी हैं। दिल्ली में जिस जगह ये हादसा हुआ है, वहां ‘एस्पायरेंट’ सीरीज की शूटिंग हुई थी। विक्रांत मेसी की ब्लॉकबस्टर फिल्म ’12वीं फेल’ की शूटिंग भी दिल्ली में ही हुई थी। हालांकि, इसके पोर्शन मुखर्जी नगर में शूट किए गए थे। इस फिल्म का डंका न सिर्फ इंडिया में, बल्कि विदेश में भी बजा। अगर अपने ये film या sereis देखि है तो आप उन स्टूडेंट्स और उनके parents का भी दर्द समज सकते है की किस तरह struggle , मेहनत और उमीद लेकर एक छात्र ias का सपना पूरा करने में जी जान लगा देता है ।

    बेसमेंट में पानी भरने शनिवार की रात जिन तीन विद्यार्थियों की मौत हुई है, उनमें बिहार के औरंगाबाद जिले की रहने वाली 24 साल की तान्या सोनी उर्फ तनु भी थी। वह डेढ़ साल से यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। परिजनों को घटना की जानकारी टीवी पर प्रसारित समाचार से मिली। उन्होंने फोन कर जैसे तैसे कुछ लोगों से जानकारी जुटाई तो पता चला कि पानी में डूबने से तान्या की मौत हो गई है। तान्या नवीनगर पंचायत क्षेत्र के मस्जिद गली निवासी विजय सोनी की बेटी थीं। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट थी। हादसे की सूचना पर तनु के दादा गोपाल प्रसाद सोनी की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने बताया कि उम्मीद थी कि एक दिन वह यूपीएससी में सफलता प्राप्त करेगी। एक हादसे ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। मृतका के पिता विजय सोनी तेलंगाना में इंजीनियर हैं और वहीं अपनी पत्नी के साथ रहते हैं।

    केरल के एर्नाकुलम जिले के रहने वाले नेविन अपने माता पिता की इकलौती संतान था। नेविन फिल्म आलोचक था और जेएनयू में पीएचडी में नामांकन कराया था। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के शवगृह में मौजूद प्रसाद ने बताया कि वह नेविन के पिता लेंसलेट के मित्र हैं। एलआईसी से अवकाश प्राप्त लॅसलेंट की मानसिक हालत इस खबर को सुनने के बाद खराब हो गई है, इसलिए नेविन के मामा दिल्ली पहुंचे हैं।

    अकबरपुर तहसील क्षेत्र के हासिमपुर बरसावां निवासी राजेंद्र यादव ने बताया कि बेटी श्रेया यादव बचपन से ही brilliant थी। इंटर की परीक्षा पास करने के बाद उसने KNI सुलतानपुर से BRS और MSC एग्रीकल्चर से की थी। अप्रैल 2024 में ही सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए दिल्ली के राव आईएएस कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया था। वह आईएएस बनने का सपना लेकर दिल्ली गई थी। परिजनों ने बताया कि 26 जुलाई को ही उससे बात हुई थी। श्रेया के पिता राजेंद्र यादव बसखारी बाजार में दूध डेयरी की दुकान चलाते हैं। मां housewife हैं। उनके दो भाई हैं । उसके चाचा धर्मेंद्र यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। उनकी देखरेख में ही वह दिल्ली में तैयारी कर रही थी। सूचना मिलने पर परिवार के लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है। श्रेया के चाचा धर्मेंद्र यादव ने एकेडमी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने दिल्ली पुलिस की ओर से कोई जानकारी न देने और घटना के बाद भतीजी का चेहरा न दिखाने पर भी एतराज जताया है। वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर शोक जताया और अधिकारी भी उनके घर संवेदना प्रकट करने पहुंचे।

    कोचिंग सेंटर का मालिक अभिषेक गुप्ता काफी समय से ये कोचिंग चला रहे है. अभिषेक की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वह फरवरी 2009 से राऊ के आईएएल स्टडी सर्कल के सीईओ है. अभिषेक गुप्ता ने 2004 से 2006 तक वॉटसन व्याट में एनालिस्ट के रूप में काम किया है. इतना ही नहीं अभिषेक इवैल्यूसर्व में भी एनालिस्ट रह चुके हैं. 2007 और 2008 के बीच, वह जोन्स लैंग लासेल में कॉपोरेट सॉल्यूशन डिपार्टमेंट में काम कर चुके हैं । अभिषेक की स्कूली शिक्षा दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से हुई है. वहीं उनकी ग्रेजुएशन शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज (2001-2004) से हुई है.

  • क्या ड्रग की लत में फंस रहा हैं आपका बच्चा? AIIMS के साथ ही ऐक्शन में आई सरकार!

    क्या ड्रग की लत में फंस रहा हैं आपका बच्चा? AIIMS के साथ ही ऐक्शन में आई सरकार!

    बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में कक्षा 12 के एक छात्र को इंप्रूवमेंट एग्जाम में बैठने की अनुमति दी, जिसने इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर (IGD) का सामना किया था। जस्टिस एएस चंदूरकर और राजेश पाटिल की खंडपीठ ने 4 जुलाई को दिए अपने आदेश में कहा कि 19 वर्षीय छात्र को ‘न्याय के हित’ में एक और मौका मिलना चाहिए।

    अस्पताल में हुआ बीमारी का खुलासा

    लड़के ने अपनी याचिका में दावा किया कि वह हमेशा औसत से बेहतर छात्र रहा है, कक्षा 11 तक 85-93% अंक प्राप्त करता रहा था। हालांकि, मार्च 2023 में जब उसने कक्षा 12 की परीक्षा दी, तो वह अवसाद से जूझ रहा था, जिससे उसे 600 में से केवल 316 अंक ही मिले। याचिकाकर्ता ने कहा कि जुलाई 2023 से दिसंबर 2023 के बीच उसने मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र अस्पताल में चिंता और अवसाद का इलाज कराया था, जहाँ उसे IGD का पता चला। उन्होंने बताया कि इसी वजह से वह जुलाई 2023 में आयोजित पुन: परीक्षा में शामिल नहीं हो सका।

    खुद कोर्ट ने मानी असमर्थता की बात

    अपनी याचिका में, छात्र ने दावा किया कि वह हमेशा औसत से बेहतर छात्र रहा है और कक्षा 11 तक 85-93% अंक प्राप्त करता था। हालांकि, मार्च 2023 में कक्षा 12 की परीक्षा के दौरान वह अवसाद से पीड़ित था, जिससे उसे 600 में से केवल 316 अंक ही मिले। छात्र ने बताया कि जुलाई 2023 से दिसंबर 2023 के बीच उसने मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र अस्पताल में चिंता और अवसाद का इलाज कराया था, जहाँ उसे इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर (IGD) का पता चला। इस कारण वह जुलाई 2023 में पुन: परीक्षा में शामिल नहीं हो सका।

    केंद्र ने लिया स्टडी कराने का फैसला

    मार्च 2024 में होने वाली इंप्रूवमेंट परीक्षा में शामिल होने के उनके अनुरोध को कॉलेज ने अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने कहा कि मामले के विशिष्ट तथ्यों को देखते हुए, याचिकाकर्ता को अपने अंकों में सुधार करने का अवसर दिया जाना चाहिए, क्योंकि मेडिकल कारणों से वह पहले ऐसा करने में असमर्थ था। कोर्ट ने माना कि मेडिकल रिपोर्ट याचिकाकर्ता की इस दलील को पुष्ट करती हैं।

    देख लीजिये ये 3 उदाहरण भी

    उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के संभल जिले के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को 11 जुलाई को निलंबित कर दिया गया था। जिला मजिस्ट्रेट ने उनके मोबाइल की गतिविधियों की ‘स्क्रबिंग’ (सेल रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से पहचानने की प्रक्रिया) की और पाया कि उन्होंने काम के दौरान एक घंटे से अधिक समय ‘कैंडी क्रश सागा’ खेलने में बिताया था।

    इसी तरह, राजस्थान के अलवर में एक बच्चा, जिसे गंभीर झटके आने और PUBG और फ्री फायर जैसे ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान हारने के बाद अपना ‘मानसिक संतुलन’ खो बैठा था। उसे विशेष उपचार के लिए एक विशेष स्कूल में भेजा गया था।

  • राजगीर सहित दानापुर रेल मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर निःशुल्क पेयजल का हुआ प्रबंधन

    राजगीर सहित दानापुर रेल मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर निःशुल्क पेयजल का हुआ प्रबंधन

    राम विलास

    राजगीर। पूर्व मध्य रेल के दानापुर मंडल द्वारा राजगीर रेलवे स्टेशन पर पिछले कुछ दिनों से व्याप्त पानी की समस्या को दूर करते हुए निःशुल्क पेयजल आपूर्ति शुरू कर दिया गया है। जिससे हजारों रेल यात्री प्रत्येक दिन लाभांवित हो रहे हैं ।

    मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्रा नें बताया कि रेलवे स्टेशन पर गर्मियों में रेल यात्रियों के लिए राजगीर रेलवे स्टेशन सहित सभी प्रमुख स्टेशनों पटना, दानापुर, पटना- साहिब,राजेंद्र नगर, मोकामा, आरा, बिहारशरीफ, बक्सर आदि स्टेशनों पर भी विभिन्न सुविधाओं के साथ की स्वच्छ एवं शीतल पेयजल का विशेष प्रबंध किया गया है।

    अत्याधिक गर्मी के दौरान यात्रियों की मांग को पूरा करने के लिए दानापुर मंडल अपने स्टेशनों पर पर्याप्त पीने के पानी की सुविधा सुनिश्चित कर रहा है। रेलवे स्टेशन पर पर्याप्त पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दानापुर मंडल ने निःशुल्क शीतल पानी की व्यवस्था की है। गर्मी के दौरान यात्रियों को पेयजल की कमी ना हो इसके लिए राजगीर स्टेशन सहित कई स्टेशनों पर वाटर बिल्डिंग मशीन भी लगाई गई है।

    वहीं कुछ स्टेशन पर स्काउट & गाइड के सदस्यों, गैर सरकारी संगठनों समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा भी सेवा भावनाओं से यात्रियों की प्यास बुझाने में अपने सक्रिय योगदान दे रहे हैं। स्टेशन पर यात्रियों को शीतल जल उपलब्ध कराकर पानी की अतिरिक्त आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है।

    इनके द्वारा ट्रेन के स्टेशन पर आते ही सामान्य श्रेणी के डिब्बे में यात्रा कर रहे यात्रियों को पानी पिलाने व खाली बोतल में शीतल जल भरने का काम भी किया जा रहा है,उद्देश्य यही है कि मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों में कोई भी यात्री प्यासा ना रहे इससे रेल सफर की थकान और गर्मी के मौसम में बेहाल यात्रियों को राहत मिल सके ।

  • स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट करने के आरोप में विभव कुमार की तलाश में जुटी पुलिस

    स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट करने के आरोप में विभव कुमार की तलाश में जुटी पुलिस

    आपको बतादें कि राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास पर हुई मारपीट मामले में हंगामा बढ़ता जा रहा है। इस मामले में उन्होंने शिकायत भी दर्ज कराई है। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार पर मारपीट और अभद्रता करने के आरोप लगाए हैं। मालीवाल की शिकायत पर दिल्ली पुलिस हरकत में आ गई है। जांच के लिए 10 टीमें बनाई गई हैं जो विभव के आवास समेत अलग-अलग ठिकानों की जांच में लगी हैं। हालांकि, एफआईआर के बाद से केजरीवाल के पीएम विभव का कुछ पता नहीं चला है। घर पर पुलिस टीम पहुंची तो विभव कुमार की पत्नी मिली। उधर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी विभव कुमार को तलब किया है। इन सबके बीच स्वाति मालीवाल ने पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मेरे साथ जो हुआ, वह बहुत बुरा था। घटना पर मैंने पुलिस को अपना स्टेटमेंट दे दिया है। आशा है कि उचित कार्रवाई होगी।

    स्वाति मालीवाल की ओर से पुलिस शिकायत में उन्होंने पूरा मामले का जिक्र किया है। जानकारी के मुताबिक, घटना 13 मई को हुई जब सीएम अरविंद केजरीवाल से मिलने स्वाति मालीवाल पहुंची थीं। आरोप है कि सीएम आवास पर विभव कुमार ने मारपीट और बदसलूकी की थी, जिसके बाद स्वाति ने सीएम आवास से ही पीसीआर कॉल कर पुलिस को इस मामले की जानकारी दी थी। बाद में वह पुलिस थाने भी पहुंची थीं, लेकिन वह बिना शिकायत दिए ही वहां से निकल गईं। उस समय उन्होंने पुलिस अफसरों से कहा था कि वह बाद में आकर लिखित में शिकायत देंगी। अब उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है। आईपीसी की धारा 323, धारा 354, धारा 506 और धारा 509 के तहत दर्ज की गई है।

    इसी बीच स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को मारपीट-अभद्रता मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट, स्पेशल सेल समेत दिल्ली पुलिस के दो आईपीएस और दो इंस्पेक्टर दोपहर को सांसद के आवास पर पहुंचे। इनमें स्पेशल सेल के अडिशनल सीपी पीएस कुशवाहा के अलावा नॉर्थ जिले की अडिशनल डीसीपी अंजीथा चेपयाला मौजूद थीं। करीब साढ़े चार घंटे तक पुलिस की टीम स्वाति के घर मौजूद रही। राज्यसभा सांसद ने इस दौरान कहा कि मेरे साथ जो हुआ, वह बहुत बुरा था। घटना पर मैंने पुलिस को अपना स्टेटमेंट दे दिया है। आशा है कि उचित कार्रवाई होगी। वहीं शिकायत के बाद पुलिस की 10 टीमें जांच में जुटी हैं। सीएम केजरीवाल के पीएम विभव कुमार की तलाश की जा रही।

    मालीवाल ने अपने साथ हुई कथित मारपीट के मामले को दिल्ली पुलिस में अपना बयान दर्ज करा दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी इसको लेकर राजनीति नहीं करें. देश में अहम चुनाव चल रहा है और स्वाति मालीवाल जरूरी नहीं है, देश के मुद्दे जरूरी हैं. मालीवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘‘मेरे साथ जो हुआ, वह बहुत बुरा था. मेरे साथ हुई घटना पर मैंने पुलिस को अपना बयान दिया है. मुझे आशा है कि उचित कार्रवाई होगी. पिछले दिन मेरे लिए बहुत कठिन रहे हैं. जिन लोगों ने प्रार्थना की, उनका धन्यवाद करती हूं. जिन लोगों ने मेरा चरित्र हनन करने की कोशिश की और कहा कि मैं दूसरे पक्ष के कहने पर ऐसा कर रही हूं, भगवान उन्हें भी खुश रखे. ’’

  • रूस के डोमेन से आया दिल्ली के स्कूलों में बम का ईमेल

    रूस के डोमेन से आया दिल्ली के स्कूलों में बम का ईमेल

    दिल्ली एनसीआर के 100 से अधिक स्कूलों में एक साथ बम की धमकी से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। पुलिस प्रशासन ने बम स्क्वाड के साथ मिलकर सभी स्कूलों में जांच की है लेकिन अब तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में स्कूलों को मिली धमकी ने प्रशासन को अलर्ट कर दिया है। इस बार धमकी मास लेवल पर है, इसलिए मेल भेजने वाले को लेकर केंद्रीय एजेंसियां भी एक्टिव हो गई हैं। इस बीच इस पूरे मामले में रूस का नाम भी सामने आया है।

    डोमेन नाम रूस का

    जांच में पता लगा है कि जहां से मेल आया है उसका डोमेन नाम रूस का है। हेडर में आईपी एड्रेस शामिल होता है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आईपी एड्रेस की जांच की जाती है। आईपी ​​एड्रेस की जांच भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा की जाती है। ईमेल की भाषा सर्वर रशिया की लग रही है। आईपी एड्रेस मेल भेजने वाले की पता करने की कोशिश की जा रही है।

    किसी संगठन के होने का शक

    जांच एजेंसियों को शक है स्कूलों में धमकी भरे ईमेल के पीछे किसी एक शख्स का नहीं बल्कि किसी संगठन का हाथ है। इस पूरी साजिश के तार विदेश से जुड़े हो सकते हैं। साजिश के तहत आज का दिन और वक़्त सुनिश्चित किया गया था। शक के पीछे आधार है कि सभी स्कूलों को एक साथ और एक वक्त पर करीब-करीब एक जैसा ईमेल भेजा गया।

    इंटरपोल की मदद ली जाएगी

    जांच एजेंसियों को शक है कि ईमेल भेजने के लिये जिस IP एड्रेस का इस्तेमाल हुआ, उसका सर्वर विदेश में मौजूद है। ये भी शक है कि ईमेल भेजने के लिए एक ही आईपी एड्रेस का इस्तेमाल किया गया। इस कारण दिल्ली पुलिस धमकी के ईमेल मामले की जांच के लिए इंटरपोल की मदद लेने जा रही है। नोएडा-गाज़ियाबाद-दिल्ली पुलिस एक साथ मिलकर जांच को आगे बढ़ा रही है।

  • फिर मुश्किल में फंस गए अरविंद केजरीवाल! DJB से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नहीं होंगे पेश केजरीवाल

    फिर मुश्किल में फंस गए अरविंद केजरीवाल! DJB से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नहीं होंगे पेश केजरीवाल

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीछे बीते कुछ महीनों से ईडी पड़ी हुई है. दिल्ली शराब घोटाले में ईडी अरविंद केजरीवाल को 9 बार समन जारी कर चुकी है, मगर अरविंद केजरीवाल एक बार भी पूछताछ में शामिल नहीं हुए. ऐसे में ईडी ने एक और मामले में समन जारी कर अरविंद केजरीवाल की मुसीबत बढ़ा दी है. दरअसल, ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के मामले यानी मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज पेश होने के लिए समन भेजा है. अधिकारियों के अनुसार, अरविंद केजरीवाल को आज यानी सोमवार 18 मार्च को एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी कार्यालय में अधिकारियों के सामने पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है. धनशोधन रोधी कानून के तहत दर्ज यह दूसरा मामला है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को बुलाया गया है.

    जल बोर्ड मामले में भी समन

    प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली जल बोर्ड मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 50 के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को 18 मार्च के लिए समन जारी किया है। ED दिल्ली जल बोर्ड में अवैध टेंडरिंग और अपराध की कथित आय के शोधन की जांच कर रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रही है। पार्टी का आरोप है कि लोकसभा चुनाव से पहले ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नया केस खोला है। पार्टी का दावा है कि ईडी का मकसद केजरीवाल को गिरफ्तार करना है।

    कोर्ट से नहीं मिली थी राहत

    इससे पहले सीएम केजरीवाल को सेशन कोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी। कोर्ट ने समन पर रोक लगाने से इंकार कर दिया थी। ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ दो शिकायतें की थी। सात फरवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की पहली शिकायत पर संज्ञान लेते हुए केजरीवाल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। दिल्ली आबकारी घोटाला के मामले में पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च, 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। संजय सिंह की जमानत याचिका राऊज एवेन्यू कोर्ट खारिज कर चुका है। संजय सिंह की जमानत याचिका हाई कोर्ट भी खारिज कर चुका है, जिसके बाद संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर रखी है। सिसोदिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है।

    दिल्ली शराब घोटाला केस में भी ईडी भेज चुकी है समन

    इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किए गए हैं. अरविंद केजरीवाल इस मामले में अब तक आठ समन को अवैध बताते हुए एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं. 55 साल के अरविंद केजरीवाल को इस मामले में नौवां समन जारी कर उन्हें 21 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला में ईडी अरविंद केजरीवाल की पेशी के लिए कोर्ट तक पहुंच चुकी है.

    आप ने बताया बैकअप प्लान

    बहरहाल, आम आदमी पार्टी ने इसे अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने की ‘बैकअप’ योजना करार दिया है. दिल्ली की मंत्री आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में इन कार्रवाई के मकसद पर चिंता व्यक्त की और कहा, ‘कोई नहीं जानता कि यह दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) मामला क्या है. ऐसा लगता है कि यह किसी भी तरह केजरीवाल को गिरफ्तार करने और उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार करने से रोकने की बैकअप योजना है.’

    क्या हैं ईडी के आरोप

    डीजेबी मामले में ईडी ने दावा किया है कि दिल्ली सरकार के विभाग द्वारा दिए गए ठेका में भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राप्त धन दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी ‘आप’ को कथित तौर पर चुनावी फंड के रूप में भेजा गया था. ईडी का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें तकनीकी पात्रता मानदंड पूरे नहीं करने पर भी डीजेबी की ओर से एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी को दिए गए 38 करोड़ रुपये के ठेका में अनियमितताओं का आरोप है.

    क्या हैं केस

    इस मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किए गए लोगों में डीजेबी के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल शामिल हैं. ईडी ने दावा किया कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने ‘जाली’ दस्तावेज जमा करके ठेका हासिल किया और अरोड़ा को इस तथ्य की जानकारी थी कि कंपनी तकनीकी पात्रता पूरी नहीं करती. यह दूसरा मामला है जिसमें ‘आप’ पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है. ईडी ने दावा किया है कि 2021-22 की आबकारी नीति से अर्जित धन का इस्तेमाल पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए किया था.

  • लात मारने वाले पुलिसकर्मी के सपोर्ट में खड़े हुए लोग

    लात मारने वाले पुलिसकर्मी के सपोर्ट में खड़े हुए लोग

    उत्तरी दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में सड़क पर नमाज अदा कर रहें कुछ नामजियों को लात मारना सब इंस्पेक्टर के लिए भारी पड़ गया जिसके बाद ये मामला इतना बढ़ गया कि सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है. लेकिन अब कुछ लोग इंस्पेक्टर के सपोर्ट में भी नजर आ रहे हैं औऱ सड़को पर उतर रहे हैं।

    क्या है मामला?

    राजधानी दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में आज सड़क पर नमाज को लेकर भारी हंगामा हुआ। नमाज से रोके जाने के दौरान एक पुलिसकर्मी द्वारा नमाजियों से बदसलूकी की घटना पर लोग भड़क उठे। नाराज लोगों ने इंद्रलोक थाने का घेराव किया। इसके बाद पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने मामले में हस्तक्षेप किया और संबंधित पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया।

    सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

    दअसल, पुलिस ने लोगों को सड़क पर नमाज अदा करने पर रोक लगाई थी। इसी दौरान एक पुलिसकर्मी द्वारा नमाजियों से बदसलूकी की घटना सामने आने के बाद लोग भड़क उठे और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर थाने का घेराव किया। हंगामा बढ़ता देख पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और संबंधित पुलिसकर्मी पर कार्रवाई कई गई। वही नमाजियों से बदसलूकी की घटना का यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगा। इससे लोगों की नाराजगी और बढ़ने लगी थी। लोग थाने को घेरकर संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। वहीं डीसीपी नॉर्थ मनोज मीणा ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। संबंधित पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

    पुलिसकर्मी के सपोर्ट में उतरें लोग

    वही अब इस मामले पर तेलंगाना के गोशामहल ने विधायक टी राजा सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक्स पर लिखा, देश भर में 6 लाख मस्जिदों के बावजूद सड़क जाम करके नमाज अदा करना कौन सी समझदारी है? इस मामले में मेरा पूरा समर्थन दिल्ली पुलिस के साथ है. पुलिस ने कुछ गलत नहीं किया है.साथ ही कुछ लोग भी पुलिसकर्मी को सपोर्ट करने के लिए सड़को पर उतर गए है।

    लेखन: शिवानी मांगवानी

  • Delhi News : आखिर पुलिसकर्मी में नमाजी के पीछे से लात मारने के दुस्साहस आया कहां से ?

    Delhi News : आखिर पुलिसकर्मी में नमाजी के पीछे से लात मारने के दुस्साहस आया कहां से ?

    देश की राजधानी के इंद्रलोक इलाके में सड़क किनारे नमाज पढ़ रहे नमाजियों से पुलिसकर्मी ने की बदतमीजी 

    कांग्रेस सांसद इमरानगढ़ी ने वीडियो शेयर कर की पुलिसकर्मी की सेवा समाप्त  करने की मांग 

    कांग्रेस की सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने गृह मंत्री पर साधा निशाना 

    नई दिल्ली। क्या कोई धर्म यह बर्दाश्त कर सकता है कि उस धर्म से जुड़ा व्यक्ति पूजा कर रहा हो या फिर नमाज पढ़ रहा है और कोई पुलिसकर्मी उसे लात मार दे? हर समझदार व्यक्ति यही कहेगा कि परिस्थिति कुछ भी हो पर पूजा और इबादत करते समय यदि लात मारी जाती तो वह न घिनौना कृत्य है। किसी पुलिसकर्मी को यह अधिकार दिया किसने कि वह एक धर्म विशेष के व्यक्ति को उस समय लात मार दे जब वह नमाज पढ़ रहा था। आखिरकार यह माहौल बना कैसे ?
    दरअसल दिल्ली के इंद्रलोक में मेट्रो लाइन के नीचे सड़क पर कुछ मुसलमान नमाज पढ़ रहे थे कि कुछ पुलिसकर्मी उन्हें उठाने आ गये। एक पुलिसकर्मी ने नमाज पढ़ रहे एक नमाजी को पीछे से लात मार दी, जिस पर जमकर बवाल मच गया। पुलिसकर्मी के लात मारते हुए किसी ने वीडियो बना ली और यह वीडियो जमकर वायरल हो रही है। वीडियो में पुलिसकर्मी के इस कृत्य की हर कोई आलोचना कर रहा है।
    इस मामले को इंगित करना इसलिए जरूरी हो गया है कि पुलिस को इतना बढ़ावा दिया जा रहा है कि आम आदमी को पुलिस कहीं पर भी अपमानित कर दे रही है। क्या गारंटी है कि इस तरह की मानसिकता रखने वाले पुलिसकर्मी पूजा पाठ करते हिन्दुओं को लात नहीं मारेंगे ? ठीक है कि सड़क पर नमाज पढ़ना गलत है। नमाज पढ़ रहे लोगों को उठाने के और भी तरीके थे। या फिर इन पर एफआईआर दर्ज की जा सकती है। किसी धर्म की आस्था से आप कैसे खिलवाड़ कर सकते हैं ?
    दरअसल देश की राजधानी के इंद्रलोक इलाके का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में एक पुलिसकर्मी सड़क किनारे नमाज़ अदा कर रहे व्यक्ति को हटाने के लिए उसके साथ अपमानजनक व्यवहार करता है। यह पुलिसकर्मी उसे लात मारता हुआ नजर आ रहा है। इस घटना को लेकर कांग्रेस के नेता बीजेपी पर हमलावर हैं।
    कांग्रेस सासंद इमरान प्रतापगढ़ी ने इस वीडियो को ‘एक्स’ पर शेयर कर दिल्ली पुलिस पर कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। प्रतापगढ़ी ने लिखा, ”नमाज़़ पढ़ते हुए व्यक्ति को लात मारता हुआ ये दिल्ली पुलिस का जवान शायद इंसानियत के बुनियादी उसूल नहीं समझता। ये कौन सी नफ़रत है जो इस जवान के दिल में भरी है, दिल्ली पुलिस से अनुरोध है कि इस जवान के खिलाफ़ उचित धाराओं में मुक़दमा दर्ज करिये और इसकी सेवा समाप्त करिए।

    पुलिस ने क्या कहा?

    वीडियो वायरल होने के बाद पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार डीसीपी (नॉर्थ) मनोज मीणा ने कहा, ”दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी को कथित तौर पर उत्तरी दिल्ली में सड़क पर नमाज़ पढ़ रहे लोगों के साथ मारपीट करते देखा गया है। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

    इस मामले को कांग्रेस की सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने भी उठाया है। सुप्रिया ने ट्वीट कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, ”अमित शाह की दिल्ली पुलिस का मोटो है. शांति सेवा न्याय. पूरी शिद्दत से काम पर हैं.”

    वीडियो में देखा जा सकता है कि मेट्रो के खंभे के पास सड़क किनारे पर कुछ युवक नमाज़ पढ़ रहे हैं। पुलिस उन्हें हटाने की कोशिश कर रही है। पुलिसकर्मी नमाज़ियों के साथ बदसलूकी से पेश आई, वहीं पुलिसकर्मी की हरकत के बाद वहां भीड़ जुट गई है और सब पुलिसकर्मी को घेर कर खड़े हो गए और हंगामा करने लगे।

    नमाजी को लात मारने पर भड़के मुसलमान, जाम की सड़क

    दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में नमाज पढ़ रहे नमाजियों पर पीछे से लात मारने के मामले में स्थानीय मुस्लिमों ने सड़क पर जाम लगा दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मी की सेवा समाप्त करने की मांग की है। नमाज अदा करते समय लात मारने के विरोध में मुस्लिम समाज में आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। इस मामले में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी इस पुलिसकर्मी की सेवा समाप्त करने की मांग की है। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उनके मामले में जवाब मांगा है। ऐसे में प्रश्न उठता है आखिरकार यह माहौल कैसे बन रहा है कि नमाज अदा करते हुए पुलिसकर्मी इस तरह की हरकतें करें।

  • केजरीवाल आज भी ED के सामने पेश नहीं होंगे:

    केजरीवाल आज भी ED के सामने पेश नहीं होंगे:

    शराब नीति मामले में आरोपी अरविंद केजरीवाल को ED ने 31 जनवरी को 5वां समन भेजकर आज यानी 2 फरवरी को पेश होने को कहा था। जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने बोला है कि ED का समन गैरकानूनी है। पीएम मोदी का लक्ष्य अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करवाना और दिल्ली सरकार को गिराना है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। इससे पहले ED ने 2 नवंबर ,21 दिसंबर , 3 जनवरी और 17 जनवरी को दिल्ली CM को समन भेजा था, लेकिन वो पेश नहीं हुए जिसके बाद अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगते हुए बोला था कि यह लोग मुझे गिरफ्तार करवाना चाहतें है, ताकि मैं लोकसभा चुनाव में प्रचार न कर सकूं।
    शराब नीति केस में ही दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और AAP सांसद संजय सिंह जेल में हैं। इस बीच दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी के खिलाफ भाजपा ऑफिस के बाहर आज प्रदर्शन करने वाली है। इसमें केजरीवाल और पंजाब के CM भगवंत मान भी शामिल होंगे। जिसको लेकर AAP-भाजपा ऑफिस के बाहर, डीडीयू मार्ग, विष्णु दिगंबर मार्ग सहित कई इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।

    वहीं प्रदर्शन से पहले केजरीवाल और AAP नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली आने से रोके जाने का आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- दिल्ली में AAP के विधायकों, पार्षदों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा रहा हैं जो पार्टी कार्यालय आ रहे थे। ये क्या हो रहा है? वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने अपने पोस्ट में लिखा- कोंडली विधायक कुलदीप कुमार के ऑफिस के बाहर पुलिस की गाड़ी खड़ी है। ताकि उन्हें विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से रोका जा सके। क्या अब शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में भाग लेना अपराध है?

    अरविंद केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ED उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है। अगर CM केजरीवाल आगे पेश नहीं होते तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं।

    वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ED को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकती है।

  • इलेक्ट्रॉनिक लॉक बन सकता है आपकी मौत का कारण !

    इलेक्ट्रॉनिक लॉक बन सकता है आपकी मौत का कारण !

    अगर आप भी रूम हीटर चलाकर सो जाते या आपके घर के दरवाजे में भी इलेक्ट्रॉनिक लॉक लगा हुआ हैं तो ये खबर जरूर पढ़े । सर्दी का मौसम है इस वक्त ज्यादा तर हम में से अपने घरों में गरमाहट के लिए roomheater इस्तेमाल करते है । वही अब ये roomheater आपकी मौत की वजह बन सकता है और ये पहली बार नहीं हुआ है काफी दफा एसी खबरे सुनने को मिलती है लेकिन हाल ही में जो खबर सामने आई है उसमे एक घर में आग लगने के कारण दरवाजे में लगा इलेक्ट्रॉनिक लॉक की वजह से 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है ।

    बता दें कि राजधानी दिल्ली के पीतमपुरा में 18 जनवरी को एक घर में आग लगने से बड़ा हादसा हो गया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस हादसे में 6 लोगों की जान चली गई है। शुरुआती जांच में सामने आया कि आग लगने के कारण दरवाजे में लगा इलेक्ट्रॉनिक लॉक खराब हो गया था। जिसके कारण लोग घर से बाहर नहीं निकल पाए। इस हादसे में अपने माता-पिता और बहन को खोने वाले साहिल सदमे में हैं। पूरी घटना के वह चश्मदीद गवाह भी हैं। उन्हें इसका अफसोस है कि आग की घटना का पता होने के बावजूद भी वह परिवार को नहीं बचा पाए। दरवाजे पर लगा इलेक्ट्रॉनिक डोर लॉक अगर समय पर खुल जाता तो वह अपने परिवार को बचा लेते। घटना की काली रात को याद कर हुए साहिल के फूफा सुनील अग्रवाल की आंखें नम हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि साहिल ने उन्हें बताया कि जिस समय घटना घटी, उनके माता-पिता और बहन तीसरी मंजिल पर अपने फ्लैट में मौजूद थे। जबकि वह किसी से फोन पर बात करने के लिए इमारत की छत पर बनी बालकनी में गए थे। इसी दौरान उन्होंने बिल्डिंग से नीचे की मंजिल से धुआं निकलता देखा। वह हड़बड़ाते हुए परिवार को देखने नीचे की ओर भागे। लेकिन धुआं इतना था कि सीढ़ियां भी नहीं दिख रही थीं। किसी तरह धुएं के बीच से जान बचाते हुए फ्लैट के दरवाजे के पास पहुंचे। दरवाजे को खोलने की काफी कोशिश की, लेकिन दरवाजा लॉक होने के कारण अंदर नहीं जा पाए। दरवाजे को पीटते हुए परिवार वालों को आवाज लगाई, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। इस बीच सीढ़ियों में तेजी से धुआं बढ़ने लगा। उन्हें आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। वह अपनी जान बचाकर छत की ओर भागे और घटना की जानकारी दमकल विभाग, पुलिस और पत्नी सिमरन को दी। उसके बाद छत से लगातार मदद के लिए गुहार लगाते रहे।
    पुलिस ने बताया कि जिस इमारत में आग लगी वह चार मंजिला है। आग की यह घटना पहली और दूसरे फ्लोर की है। इमारत में रिहायशी इलाके में है और अलग-अलग परिवार इसमें रहते हैं। पुलिस ने बताया कि शुरुआती जानकारी के अनुसार शॉट सर्किट या रूम हीटर के कारण आग लगी। वहीं, सुनील अग्रवाल ने बताया कि इस फ्लैट में उनके साले राकेश गुप्ता, अपनी पत्नी रेणू, बेटी श्वेता, बेटा साहिल और बहू सिमरन के साथ रहते थे। साहिल और सिमरन मल्टीनैशनल कंपनी में काम करते हैं। सिमरन घटना के समय अपने ऑफिस गई हुई थी। इस बीच हादसे की जानकारी मिलने के बाद दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। धुएं की वजह से साहिल को भी सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। दमकलकर्मियों ने साहिल को सुरक्षित बाहर निकाला। पुलिस ने उन्हें तुरंत पास के अस्पताल में पहुंचाया, जहां उनकी जान बच गई। राकेश गुप्ता के पड़ोस में रहने वाली मीनाक्षी ने बताया कि घटना के समय वह अपने घर में मौजूद थीं। तभी उन्हें किसी के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। बाहर आकर देखा तो साहिल छत से मदद के लिए आवाज लगा रहे थे। वह बार-बार चिल्ला रहे थे कि उनके माता-पिता को कैसे भी बचा लो। उसके बाद उन्होंने आस-पड़ोस के लोगों को इकट्ठा करके घर के बाहर लगी गाड़ियों को हटवाया और पानी की बाल्टी लेकर आग बुझाने की कोशिश की। लेकिन उससे कुछ न हो पाया और मोके पर साहिल ने अपने माता पिता और बहन को खो दिया । साहिल को इस बात का बोहत अफसोस है की आगर समय रहते doorlock खुल जाता तो शायद वे ऊषे बचा पाते ।