Category: अपराध

  • ‘पीलीभीत की बिरयानी’ के चक्कर में अभी यूपी पुलिस के कितने अधिकारियों पर गिरेगी गाज?

    ‘पीलीभीत की बिरयानी’ के चक्कर में अभी यूपी पुलिस के कितने अधिकारियों पर गिरेगी गाज?

    उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के भाई अशरफ को मदद पहुंचाने को लेकर नैनी जेल के वरिष्ठ जेल निरीक्षक शशिकांत सिंह को निलंबित कर दिया गया है. इससे पहले बांदा जेल के अधीक्षक अविनाश गौतम और बरेली सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को भी निलंबित किया जा चुका है. इन तीनों निलंबित जेल अधीक्षक पर लापरवाही बरतने का आरोप है. बरेली जेल मामले में इससे पहले 5 अधिकारी सस्पेंड किए गए थे.

    उमेश पाल अपहरण मामले में जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ ने जेल को ही होटल बना लिया था. अशरफ अपनी पसंद का खाना मंगाने से लेकर अपनी पसंद का खाना पकवाया करता था. जेलों के आला पुलिस अधिकारी अशरफ को मना करने के बजाए मदद पहुंचा रहे थे. अब इसी मदद को लेकर इन सभी आला अधिकारियों पार गाज गिरी है.

    नैनी के जेल अफसर पर कार्रवाई को माफिया अतीक के गुर्गों पर सख्ती न बरतने और उमेश पाल अपहरण और हत्या कांड में सजा सुनाए जाने के बाद अतीक को जेल में एंट्री न देने से जोड़कर देखा जा रहा है.

    रिपोर्ट्स ये भी दावा करती हैं कि उमेश पाल हत्या की पूरी प्लानिंग बरेली सेंट्रल जेल में हुई. अतीक के भाई अशरफ से जेल में गैंंग की मुलाकात कराने के आरोपों में बरेली सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को जिम्मेदार ठहराया गया है. वहीं डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप समेत 5 अधिकारी को पहले ही निलंबित किया गया है.

    अशरफ ने जेल को बनाया हुआ था होटल

    अतीक के भाई अशरफ अहमद को पीलीभीत के रहने वाले आरिफ की दुकान की चिकन बिरयानी पसंद थी. समय-समय पर वो बिरयानी की मांग करता था. जेल में ही उसे आरिफ की चिकन बिरयानी पहुंचाई जाती थी. जेल की कैंटीन में अशरफ की पंसद का चिकन, मटन, अंडा करी बनाई जाती थी.

    कई बार जेल में अशरफ की डिमांड पर बिरयानी के अलावा खाने-पीने के अलावा दूसरी चीजें भी पहुंचाई गयी. इतना ही नहीं बिरयानी वाले आरिफ की आईडी से अशरफ से कई लोग जेल में मुलाकात करने आते थे. आरिफ को इस बात की अच्छे से जानकारी थी. अशरफ को गैर कानूनी तरीके से मदद पहुंचाने के जुर्म में बिरयानी वाले आरिफ की भी गिरफ्तारी की गई है.

    जेल में अशरफ की पालतू बिल्ली का भी रखा जाता था खास ख्याल

    पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ के लिए जेल सिर्फ होटल भर नहीं था, जेल में उसकी सारी डिमांड पूरी की जाती थी. अशरफ की पालतू बिल्ली जेल में उसके साथ ही रह रही थी. उसकी बिल्ली का खास ख्याल रखा जाता था.

    जेल अधीक्षक से लेकर निचले कर्मचारियों तक अशरफ की हर बात मानते थे. कुछ निचले स्तर के कर्मचारी न चाहते हुए भी जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला की हर बात मानने को मजबूर थे और उन्हें मजबूरन अशरफ की खातिरदारी करनी पड़ रही थी.

    एक नजर निलंबित हुए पुलिस अधिकारियों पर

    जेल में अतीक के भाई अशरफ को मदद पहुंचाने को लेकर बरेली पुलिस ने जेल के सिपाही मनोज कुमार गौड़, शिव हरि समेत 11 को अरेस्ट किया गया था. आरोप है कि वह बिना आईडी अशरफ से अतीक गैंग के लोगों की मुलाकात करवाता था. 11 फरवरी को अशरफ ने बरेली जेल में शूटर से मुलाकात भी की थी.

    नैनी के वरिष्ठ जेल अधीक्षक निलंबित

    28 मार्च को माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा हुई. इसके बाद उसे नैनी सेंट्रल जेल लाया गया. उस समय नैनी के वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने माफिया अतीक को जेल में बंद करने से मना कर दिया था. अब जेल निरीक्षक शशिकांत सिंह के निलंबन को ये एक बड़ा कारण माना जा रहा है.

    जेल के विभागीय अधिकारियों के बीच ये चर्चा बनी हुई है कि शशिकांत सिंह ने अतीक गैंग को मदद पहुंचाई थी अब उन्हीं पर कार्रवाई हो गयी. हालांकि उनके निलंबन की वजह शासकीय कार्यों में लापरवाही बताई गई है, अभी इस पूरे मामले में अतीक गैंग का कोई जिक्र नहीं है.

    रिपोर्ट्स के मुताबिक जेल के विभागीय अधिकारियों की मानें तो निलंबन का कारण माफिया अतीक को जेल में दाखिल न करके गेट पर करीब 5 घंटे तक इंतजार करवाना था.

    इंतजार के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया. इसके अलावा तीन दिन पहले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने जेल में सर्च ऑपरेशन चलाया था, जहां से आपत्तिजनक वस्तुएं जैसे चाकू और लाइटर चम्मच के अलावा अन्य प्रतिबंधित सामान जैसी आपत्तिजनक चीजें मिलीं थीं. इसी तरह के आपत्तिजनक सामान बरेली और बांदा जेल में भी मिले हैं.

    बांदा जेल में हुई थी खुफिया जांच

    पूर्वांचल का माफिया मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद है. मुख्तार अंसारी के खिलाफ भी अभी कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में डीजी जेल की तरफ से खुफिया जांच कराई गई. डीआईजी जेल की रिपोर्ट के आधार पर बांदा के जेल अधीक्षक अविनाश गौतम सस्पेंड कर दिए गए हैं. जेल के अंदर काम न करने, लापरवाही और अनुशासनहीनता के मामले में यह कार्रवाई की गई है.

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्तमान में बांदा जेल पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि बैरक से कांटे जैसी प्रतिबंधित चीज भी बरामद हुई है. तीनों जेलों की रिपोर्ट डीजी जेल और शासन को सौंपी जा चुकी है.
    उमेश की हत्या से पहले जेल में मिले थे 9 शूटर

    24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या गोली और बम बरसाकर की गई. हत्याकांड के समय अतीक का भाई अशरफ बरेली जेल में बंद था. उमेश पाल की हत्या के 13 दिन पहले बरेली सेंट्रल जेल में 9 शूटर अशरफ से मिलने आए थे.

    11 फरवरी को अतीक का बेटा असद, विजय उर्फ उस्मान चौधरी, गुड्‌डू मुस्लिम, गुलाम और अन्य पांच आरोपियों ने फर्जी ID से अशरफ से मुलाकात की.

    कौन है अतीक का भाई अशरफ

    अशरफ फिलहाल बरेली जेल में बंद है. उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक के साथ भाई अशरफ पर भी केस दर्ज किया गया था. अशरफ और अतीक अहमद दोनों को प्रयागराज की अदालत में पेश किया गया था. अतीक को जहां मामले का दोषी पाया गया वहीं अशरफ को बरी कर दिया गया था. फिलहाल अशरफ को प्रयागराज से दोबारा बरेली जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. अशरफ पर 50 से ज्यादा मामले चल रहे हैं.

    अपनी जान को खतरा बता चुका है अशरफ

    अशरफ जब बरेली जेल जा रहा था तब उसने मीडिया से मुखातिब होते हुए अपनी जान का खतरा बताया था. उसने कहा था कि उसे जेल में नहीं बल्कि जेल के बाहर खतरा है. उसने दावा करते हुए कहा था कि एक जेल अधिकारी ने मुझसे कहा है कि अपहरण मामले में तो तुम बच गए लेकिन जेल से बाहर निकालकर तुम्हारी हत्या कर दी जाएगी.’

    अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ पर उमेश पाल के अपहरण का आरोप है. उमेश पाल बसपा विधायक राजू पाल हत्या मामले के इकलौते गवाह थे. अहमद और अशरफ पर उमेश पाल की हत्या की साजिश में शामिल होने का भी आरोप है.

    दोनों भाइयों ने जेल में बंद होने के दौरान उमेश पाल की हत्या करवा दी. बता दें कि बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को हत्या हुई थी . हत्या के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्या का गवाह है.

    इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों पर केस दर्ज कराया था.

    बता दें कि अतीक अहमद के बहनोई अखलाक पर भी शूटरों को शरण देने और अपराध करने के बाद उन्हें भागने में मदद करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल उसे 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. अखलाक उत्तर प्रदेश के मेरठ के नौचंदी इलाके का रहने वाला है.

    साबरमती जेल में बंद है अतीक अहमद

    अतीक अहमद इस मामले में सबसे बड़ा मुजरिम है, वो फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है. अतीक के खिलाफ जबरन वसूली, बंदूक चलाने, हत्या, लूट, अपहरण और धमकी के लिए 100 आपराधिक मामले लंबित हैं.

    60 साल का गैंगस्टर 1989 से 2002 तक लगातार पांच बार इलाहाबाद (पश्चिम) सीट से विधानसभा सदस्य रह चुका है. 2004 के आम चुनाव में अतीक अहमद फूलपुर संसदीय क्षेत्र से सासंद बना था.

    बता दें कि अतीक को हथियार चलाने में महारत हासिल है. अतीक एक इशारे पर किसी की जान लेने वाले वालों को ही अपने गैंग में भर्ती करता है.

    मामले में वकील की भी साबित हो चुकी है मिलिभगत, हो चुकी है उम्रकैद

    उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक के पुराने वकील सौलत हनीफ का भी जुर्म साबित हो चुका है. जुर्म साबित होने के बाद वकील को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है.

    याद दिला दें कि राजू पाल हत्या मामले में अतीक और उसका भाई अशरफ मुजरिम करार किए गए थे. उमेश पाल इस मामले में इकलौते गवाह थे. अदलात में सुनवाई के दौरान ये साबित हुआ कि वकील सौलत हनीफ ने अतीक की मौजूदगी में उमेश पाल को लिखित बयान देने पर मजबूर किया था.

    अदालत ने इस बात की निंदा की थी कि एक वकील होने के नाते खान सौलत हनीफ शुरू से ही अतीक के साथ उनके जुर्म में उनका साथ देते रहे, और अतीक को करीब तीन दशक तक सजा होने से बचाया.

  • Howrah Violence: रामनवमी पर हिंसा के खिलाफ एक्शन में ममता सरकार! CID को सौंपी जांच, बीजेपी ने लगाए थे कई गंभीर आरोप

    Howrah Violence: रामनवमी पर हिंसा के खिलाफ एक्शन में ममता सरकार! CID को सौंपी जांच, बीजेपी ने लगाए थे कई गंभीर आरोप

    Howrah Violence: बंगाल में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा के बाद से राज्य में राजनीतिक माहौल गरमाया हुई है. इस बीच अब मामले में राज्य सरकार ने सीआईडी जांच का आदेश दिया है.

    West Bengal Violence Row: पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हुई हिंसा के बाद से राजनीति अपने चरम पर है. इसके बीच शनिवार को बड़ी खबर सामने आ रही है. पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी के दिन हिंसा की सीआईडी (CID) जांच करेगी. राज्य सरकार ने सीआईडी जांच का आदेश दिया है. इलाके में पुलिस की गश्त भी बढ़ा दी गई है. सीआईडी ​​के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप समेत कई ब्रांच जांच में शामिल होंगी. इसमें डीआईजी रैंक के अधिकारी होंगे.

    दरअसल, राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने हिंसा को लेकर ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने ममता बनर्जी पर जुलूस के दौरान पथराव करने वालों को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा “सवाल यह है कि ममता कब तक हिंदू समुदाय पर हमले करती रहेंगी.”

    बीजेपी और टीएमसी आमने-सामने

    हावड़ा में हुई हिंसा पर बीजेपी ममता सरकार पर हमलावर है. बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी हावड़ा हिंसा में विदेशी साजिश बताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. उन्होंने कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है.

    इसके अलावा पश्चिम बंगाल बीजेपी के लोकसभा सांसद जगन्नाथ सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मामले में एनआईए जांच की मांग की है. उनका कहना है कि हिंसा के कारणों का पता लगना चाहिए. इसके लिए उन्होंने केंद्रीय बलों के हस्तक्षेप का अनुरोध किया है.

    कैसी बनी हुई है स्थिति

    हिंसा के बाद से इलाके में धारा 144 लगा दी गई है और पुलिस द्वारा लगातार माइकिंग की जा रही है. हावड़ा में कुछ अस्थिर जेबों में 3 अप्रैल तक धारा 144 बढ़ाई भी गई है. इसके अलावा हावड़ा के कई इलाकों 1 अप्रैल रात दो बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद हैं.

  • विक्की त्यागी के बेटों पर लगा गैंगस्टर, विक्की की हत्या के बाद पहले पत्नी फिर बेटों ने संभाली गैंग की कमान

    विक्की त्यागी के बेटों पर लगा गैंगस्टर, विक्की की हत्या के बाद पहले पत्नी फिर बेटों ने संभाली गैंग की कमान

    मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर पुलिस ने कुख्यात रहे विक्की त्यागी के दोनों बेटों पर गैंगस्टर लगाया है। पुलिस ने विक्की त्यागी के पिता के खिलाफ भी न्यायालय की अवमानना करने के आरोप में कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने दोनों मुकदमे दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

    पश्चिम उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय रहे कुख्यात विक्की त्यागी की 16 फरवरी 2015 में गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। कोर्ट में विक्की त्यागी हत्याकांड का मुकदमा विचाराधीन है। विक्की त्यागी की हत्या के बाद गैंग की कमान उसकी पत्नी मीनू त्यागी ने संभाल ली थी। जबकि बेटे रक्षित त्यागी और अर्पित त्यागी अपराधिक मामलों में सहयोग कर रहे थे। कुछ समय बाद विक्की त्यागी के बेटों ने भी अपना अलग गैंग बना लिया। पुलिस के अनुसार विक्की त्यागी का बड़ा बेटा रक्षित त्यागी अवैध रूप से धन अर्जित कर रहा है। जिसमें उसके साथ उसका भाई अर्पित त्यागी और गांव पावटी निवासी गौरव सिंह और मुजफ्फरनगर शहर मोहल्ला मल्लूपुरा निवासी रितिक भी हैं। थाना चरथावल प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार शर्मा ने इस मामले में रक्षित त्यागी को गैंग लीडर बताते हुए उसके भाई अर्पित और गैंग के सदस्य गौरव और रितिक के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है।

  • IPS अधिकारी ने प्‍लास से आरोपी युवकों के उखाड़े दांत, प्राइवेट पार्ट पर भी किया वार, आरोप के बाद जांच के आदेश

    IPS अधिकारी ने प्‍लास से आरोपी युवकों के उखाड़े दांत, प्राइवेट पार्ट पर भी किया वार, आरोप के बाद जांच के आदेश

    अधिकारी पर अबतक करीब 40 आरोपितों के दांत उखाड़ने के आरोप लगाए जा रहे हैं, जिलाधिकारी कार्तिकेयन ने 2020 बैच के आइपीएस अधिकारी बलदेव सिंह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। बलदेव सिंह 15 अक्टूबर 2022 को अम्बसमुद्रम में तैनात थे। वह प्रतिष्ठित संस्थान आइआइटी बांबे के छात्र रह चुके हैं।

    चेन्नई । तमिलनाडु पुलिस के सहायक पुलिस अधीक्षक पर युवकों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया है कि विभिन्न मामलों में थाने लाए गए युवकों के दांत अधिकारी ने प्लास से उखाड़ लिए। साथ ही दो लोगों के प्राइवेट पार्ट पर भी वार किया। सूत्रों ने कहा है कि आरोप सामने आने के बाद राज्य पुलिस ने उन्हें उनकी पोस्टिंग से मुक्त कर दिया है और अनिवार्य प्रतीक्षा पर रखा है।

    प्लास से उखाड़े दांत

    वहीं, जिलाधिकारी कार्तिकेयन ने 2020 बैच के आइपीएस अधिकारी बलदेव सिंह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। बलदेव सिंह 15 अक्टूबर 2022 को अम्बसमुद्रम में तैनात थे। वह प्रतिष्ठित संस्थान आइआइटी बांबे के छात्र रह चुके हैं। जानकारी के अनुसार, विभिन्न मामलों में दस युवकों को पुलिस थाने ले गई थी। इस दौरान वहां मौजूद आइपीएस अधिकारी बलदेव सिंह ने उन्हें टार्चर करते हुए प्लास से उनके दांत उखाड़ लिए।

    अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की

    आरोप है कि आइपीएस अधिकारी का आरोपितों को प्रताडि़त करने का यह मुख्य तरीका है। उधर, आइएएनएस के अनुसार आइपीएस अधिकारी ने पुलिस वालों से युवक चेल्लप्पा को पकड़कर रखने के लिए कहा और खुद प्लास से एक-एक कर उसके तीन दांत उखाड़ लिए।

    अधिकारी पर अबतक करीब 40 आरोपितों के दांत उखाड़ने के आरोप लगाए जा रहे हैं। इसे लेकर दो राजनीतिक संगठन नेताजी सुभाष सेना और पुरची भारतम काची की ओर से तिरुनेलवेली और अम्बासमुद्रम में विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी गई है। साथ ही अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की गई है।

  • Amritpal Singh के Nepal में छिपे होने की आशंका, भारत का नेपाल सरकार से अनुरोध- तीसरे देश न भाग सके भगोड़ा

    Amritpal Singh के Nepal में छिपे होने की आशंका, भारत का नेपाल सरकार से अनुरोध- तीसरे देश न भाग सके भगोड़ा

    काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को कांसुलर सेवा विभाग को भेजे पत्र में सरकारी एजेंसियों से अनुरोध किया है कि यदि अमृतपाल सिंह नेपाल से भागने की कोशिश करता है तो उसे गिरफ्तार किया जाए। जानकारी के मुताबिक अमृतपाल नेपाल में छिपा है।

    काठमांडू। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के नेपाल में छिपे होनी की आशंका है। इस आशंका के बीच सोमवार को भारत सरकार ने नेपाल सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार भगोड़े अमृतपाल सिंह को किसी तीसरे देश में भागने की अनुमति न दी जाए।

    इसके अलावा भारत सरकार ने यह भी अनुरोध किया है कि यदि वो भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य फर्जी पासपोर्ट का उपयोग कर किसी तीसरे देश में भागने का प्रयास करे तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए।

    भारत सरकार ने नेपाल सरकार को भेजा पत्र

    काठमांडू पोस्ट अखबार ने खबर दी है कि काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को कांसुलर सेवा विभाग को भेजे पत्र में सरकारी एजेंसियों से अनुरोध किया है कि यदि अमृतपाल सिंह नेपाल से भागने की कोशिश करता है तो उसे गिरफ्तार किया जाए। जानकारी के मुताबिक अमृतपाल नेपाल में छिपा है।

    नेपाल के होटल में भेजी गई अमृतपाल की जानकारी

    भारत सरकार की ओर से नेपाल सरकार को दिए गए रिपोर्ट में लिखा गया है, ‘ सम्मानित मंत्रालय से अनुरोध किया जाता है कि वह आप्रवासन विभाग को सूचित करें कि अमृतपाल सिंह को नेपाल के माध्यम से किसी तीसरे देश की यात्रा करने की अनुमति न दी जाए।

    वहीं, यदि वह भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करके नेपाल से भागने का प्रयास करता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए।’

    जानकारी के मुताबिक, अमृतपाल सिंह के व्यक्तिगत विवरण को नेपाल के होटल से लेकर एयरलाइंस तक सभी संबंधित एजेंसियों को भेज दिया गया है। बताया गया है कि अमृतपाल सिंह के पास अलग-अलग पहचान वाले कई पासपोर्ट हैं। वह 18 मार्च से ही देश से फरार है।

    अमृतपाल सिंह का शार्प शूटर गिरफ्तार

    बता दें कि खालीस्थान समर्थक अमृतपाल सिंह के शार्प शूटर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपित की पहचान वरिंदर सिंह जोहल के रूप में बताई है। यह गिरफ्तारी अजनाला कांड को लेकर हुई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वरिंदर सिंह के खिलाफ एनएसए लगाकर उसे आसाम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया है।

  • Amritpal Singh Arrest Operation: ‘वारिस पंजाब दे’ के बैंक खातों में 40 करोड़ की लेनदेन! किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों का पैसा गबन करने का आरोप

    Amritpal Singh Arrest Operation: ‘वारिस पंजाब दे’ के बैंक खातों में 40 करोड़ की लेनदेन! किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों का पैसा गबन करने का आरोप

    वारिस पंजाब दे संगठन से जुड़े लोगों के खातों में करीब 40 करोड़ रुपये से अधिक की लेनदेन की गई है. किसान आंदोलन के जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों की आर्थिक सहायता के नाम पर यह रुपया लिया गया है.

    Amritpal Singh Arrest Operation: वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह की खोज में पंजाब पुलिस लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है. वही जांच एजेंसियां अमृतपाल के वित्तीय लेन-देन पर भी नजर रखने की कोशिश कर रही हैं. इस दौरान जांच में सामने आया है कि वारिस पंजाब दे के संगठन से जुड़े पांच लोगों के खातों में साल 2016 से लेकर अब तक करीब 40 करोड़ रुपये से अधिक की लेनदेन की गई है.

    मृतक किसानों के नाम पर लिया गया रुपया

    जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि किसान आंदोलन के समय दिल्ली की सीमा पर जान गंवाने वाले परिवारों को आर्थिक सहायता देने के नाम पर भी यह रुपया प्राप्त किया गया है. इसके अलावा एक मामले में यह भी पाया गया है कि धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के नाम पर भी यह रुपया लिया गया है. सूत्रों की माने तो 35 करोड़ रुपए से ज्यादा तो अमृतपाल के सहयोगी दलजीत सिंह कलसी द्वारा प्राप्त किए गए थे, जिसे पंजाब पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है.

    हाल ही के दिनों में मिला ज्यादा पैसा

    अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सूत्रों की माने तो जिन सालों में ये रुपयों का लेनदेन किया गया, उसकी जांच की जा रही है. हाल ही के दिनों में कुछ लोगों को बड़ी मात्रा में रुपया मिलना शुरू हुआ था. जबकि पिछले सालों के दौरान कुछ कम रुपया मिल रहा था. पैसों की जो लेन-देन की गई है नकद जमा, तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) और यूपीआई के माध्यम से की गई है. इस लेनदेन के अनुसार जो बड़ा पैटर्न देखने को मिला है वो है कि लगभग चार-पांच करोड़ रुपए की लेनदेन एटीएम के माध्यम से की गई है.

    करीब 12 देशों से हुआ लेनदेन

    सूत्रों का कहना है कि रुपयों का लेनदेन करीब 12 विभिन्न देशों से किया गया है. दूसरी ओर अमृतपाल की तलाश जारी है. उसके काफिले में शामिल होने वाली गाड़ियों को पुलिस ने जब्त किया है. इसमें तीन एसयूवी – एक मर्सिडीज, एक इसुजु और एक फोर्ड एंडेवर कारें शामिल है. अब यह जांच की जा रही है कि इन वाहनों को खरीदा गया है या उपहार में मिले है.

  • खालिस्तानी समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल गिरफ्तार या फिर लापता ? पंजाब में हो सकता है बवाल !

    खालिस्तानी समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल गिरफ्तार या फिर लापता ? पंजाब में हो सकता है बवाल !

    खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है या फिर लापता है ? पुलिस लापता बता रही है और समर्थक पुलिस हिरासत में। जालंधर के नकोदर एरिया से  अमृतपाल की गिरफ्तारी होने की खबर आ रही है। हालांकि अभी किसी तरह की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। प्रदेश में बड़ी तादात में खालिस्तानी समर्थक होने की वजह से अमृतपाल की गिरफ्तारी से पंजाब में बवाल होने हो सकता है। पुलिस की करीब 100 गाड़ियां उसके पीछे लगी हैं। इस बीच हालात की गंभीरता को भांपते हुए पंजाब के कई इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल के खिलाफ 3 केस दर्ज हैं जिनमें से दो मामले अमृतसर जिले के अजनाला थाने में हैं। अपने एक करीबी की गिरफ्तारी से नाराज होकर अमृतपाल ने 23 फरवरी को समर्थकों के साथ मिलकर अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इस केस में उस पर कार्रवाई नहीं होने के चलते पंजाब पुलिस की काफी आलोचना हो रही थी।

    दरअसल अमृतपाल और उसके 6 साथियों को पंजाब पुलिस ने जालंधर के मैहतपुर इलाके में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया था। उस समय ये सभी मोगा की ओर जा रहे थे। यह गिरफ्तारी अजनाला थाने पर हमले से जुड़े केस में हुई थी। पंजाब पुलिस के घेरा डालते ही अमृतपाल खुद गाड़ी में बैठकर लिंक रोड से होते हुए भाग निकला था।

    जालंधर-मोगा पुलिस का जॉइंट ऑपरेशन

    शनिवार को अमृतपाल ने जालंधर-मोगा नेशनल हाईवे पर शाहकोट-मलसियां इलाके और बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में कार्यक्रम रखे थे। शाहकोट-मलसियां इलाके में उसके प्रोग्राम के लिए समर्थक सुबह से जुटने लगे थे। इस प्रोग्राम से पहले ही जालंधर और मोगा पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में गुपचुप तरीके से अमृतपाल को गिरफ्तार करने की रणनीति बना ली थी। इसके लिए आसपास के कई जिलों से रातोंरात पुलिस फोर्स बुला ली गई। जालंधर-मोगा नेशनल हाईवे पर भी सुबह से ही भारी नाकेबंदी कर दी गई। शनिवार दोपहर लगभग 1 बजे जैसे ही अमृतपाल का काफिला जालंधर के मैहतपुर कस्बे के नजदीक पहुंचा, पुलिस ने घेरा डाल लिया। काफिले में सबसे आगे चल रही 2 गाड़ियों में सवार 6 लोगों को पकड़ लिया गया। अमृतपाल की मर्सिडीज कार काफिले में तीसरे नंबर पर थी। पुलिस को देखकर उसका ड्राइवर गाड़ी लिंक रोड की तरफ मोड़कर भगा ले गया। जालंधर और मोगा पुलिस उसके पीछे लग गई।

    अमृतपाल ने की है समर्थकों से इकट्‌ठा होने की अपील

    पुलिस को गिरफ्तार किए गए अमृतपाल के 6 साथियों से कई हथियार मिले हैं। इन्हें जालंधर के मैहतपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। अमृतपाल का कार में बैठकर भागते हुए का एक वीडियो भी सामने आया। इस वीडियो में अमृतपाल गाड़ी की अगली सीट पर बैठा नजर आ रहा है और अपने समर्थकों से इकट्‌ठा होने की अपील कर रहा है। गाड़ी में मौजूद अमृतपाल के समर्थक यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि पुलिस उनके पीछे लगी है।

    पुलिस सूत्रों के अनुसार, लगभग डेढ़ घंटा पीछा करने के बाद पुलिस ने अमृतपाल को नकोदर एरिया से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस का कोई अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा।

    सोशल मीडिया पर लाइव हुआ अमृतपाल का करीबी

    अमृतपाल के करीबी भगवंत सिंह उर्फ बाजेके को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मोगा के रहने वाले भगवंत सिंह को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह अपने खेतों में पशुओं के लिए चारा काट रहा था। पांच गाड़ियों में पहुंचे पुलिसवालों ने खेतों में घेरा डालकर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को देखते ही भगवंत सिंह सोशल मीडिया पर लाइव हो गया और अपनी तरफ बढ़ रहे पुलिसवालों को दिखाने लगा।

    भगवंत सिंह के खिलाफ हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो डालने को लेकर केस दर्ज हो चुका है। वह पंजाब सरकार के खिलाफ और अमृतपाल के हक में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालता रहा है।
    गौरतलब है कि पिछले महीने 23 फरवरी को खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इनके हमले के बाद दबाव में आई पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का ऐलान कर दिया था।

  • यूपी में छुपा था मध्य प्रदेश का शातिर बदमाश, योगी की पुलिस ने कर दिया एनकाउंटर

    यूपी में छुपा था मध्य प्रदेश का शातिर बदमाश, योगी की पुलिस ने कर दिया एनकाउंटर

    आरोपी आनंद सागर सुभाष यादव गिरोह का सदस्य था और पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश के जौनपुर, आजमगढ़, वाराणसी और मध्य प्रदेश के सतना में सक्रिय है।

    लखनऊ 
    मध्य प्रदेश का कुख्यात अपराधी आनंद यादव यूपी पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में ढेर हो गया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को कहा कि मुठभेड़ में मध्य प्रदेश का एक कुख्यात अपराधी मारा गया। मध्य प्रदेश का यह शातिर बदमाश उत्तर प्रदेश में छुपा हुआ था, जिसका योगी की पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। यूपी पुलिस ने यह अभियान सतना पुलिस के साथ संयुक्त रूप से चलाया था।

    उत्तर प्रदेश में छुपा था मध्य प्रदेश का शातिर बदमाश

    अधिकारियों ने कहा कि मुठभेड़ गुरुवार सुबह यहां बक्शा थाना क्षेत्र के अलीगंज बाजार के पास जौनपुर-लखनऊ मार्ग पर हुई। पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने बताया कि 10 दिन पूर्व सागर ने सतना में एक व्यक्ति की हत्या कर 15 लाख रुपये लूट कर जौनपुर भाग गया था। उन्होंने कहा कि तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

    आरोपी आनंद सागर सुभाष यादव गिरोह का सदस्य था और पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि गिरोह जौनपुर, आजमगढ़, वाराणसी और मध्य प्रदेश के सतना में सक्रिय है। सतना पुलिस ने जौनपुर जिले में उत्तर प्रदेश पुलिस को सागर के इलाके में छिपे होने की सूचना दी, जिसके बाद तलाशी अभियान शुरू किया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुरुवार सुबह तलाशी अभियान के दौरान मुठभेड़ हुई। गोली लाग्ने के बाद सागर को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

    यूपी पुलिस ने कर दिया एनकाउंटर

    आनंद यादव मध्य प्रदेश का इनामी बदमाश था और वह यूपी के भी कई जिलों में सक्रिय था। पिछले दिनों आनंद यादव के गैंग ने 15 लाख की डकैती को अंजाम दिया था। जानकारी के मुताबिक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसपी अजय पाल शर्मा के नेतृत्व में यह मुठभेड़ हुई। पुलिस ने बदमाश के पास से दो पिस्टल और स्विफ्ट डिजायर कार बरामद की है। मृतक बदमाश आनंद यादव के ऊपर, हत्या, डकैती और रंगदारी मांगने के भी कई मुकदमे दर्ज थे। मध्य प्रदेश की सतना पुलिस ने मृतक बदमाश के ऊपर 30 हजार का इनाम भी घोषित किया था।

     यूपी पुलिस ने 2017 से अब तक 178 आरोपियों का किया एनकाउंटर

    आंकड़ों की बात करें तो मार्च 2017 से अब तक यूपी पुलिस ने 2017 से अब तक हुई विभिन्न कार्रवाई में 178 आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया है। आंकड़े जारी करते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया है कि 20 मार्च 2017 से अब तक यूपी पुलिस ने 10,713 बार अपराधियों के ठिकानों पर दबिश दी है। इस दौरान 23,032 लोग गिरफ्तार किये गए हैं। अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान यूपी पुलिस ने 178 आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया है जबकि पुलिस कार्रवाई के दौरान करीब 4900 आरोपी घायल हुए हैं। इस दौरान मुठभेड़ में करीब 1,425 पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि 15 शहीद हुए हैं।

  • ‘माफ़ कर दीजिए योगी जी’…. एनकाउंटर के डर से मुजफ्फरनगर में तख्ती टांगे हुए सरेंडर करने पहुंचा आरोपी

    ‘माफ़ कर दीजिए योगी जी’…. एनकाउंटर के डर से मुजफ्फरनगर में तख्ती टांगे हुए सरेंडर करने पहुंचा आरोपी

    उत्तर प्रदेश में पुलिस एनकाउंटर की बढ़ती संख्या के कारण कई अपराधी सरेंडर कर रहे हैं। इसी क्रम में अपने जीवन के डर से मोटरसाइकिल चोरों के एक गिरोह के एक सदस्य ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के मंसूरपुर पुलिस थाने (Mansoorpur police station) में अपने हाथ में एक तख्ती लेकर आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर करने वाले चोर की पहचान अंकुर उर्फ ​​राजा के रूप में हुई है। सरेंडर करने वह तख्ती लेकर पहुंचा था जिसपर लिखा था, “माफ कीजिए योगी जी, मुझसे गलती हो गई।”

    मीडिया से बात करते हुए मंसूरपुर एसएचओ ने कहा, “आरोपी एनकाउंटर की आशंका से ग्राम प्रधान और अपने परिवार के सदस्यों के साथ थाने पहुंचा। उसने माफी भी मांगी और प्रतिज्ञा की कि वह फिर कभी कोई अपराध नहीं करेगा। उसे हिरासत में ले लिया गया है और जेल भेज दिया गया है। वह हत्या के प्रयास (आईपीसी की धारा 307) और लूट (आईपीसी की धारा 390) सहित कई मामलों में वांछित है।”

    पुलिस और आरोपी के गिरोह के बीच मुठभेड़ के एक दिन उसने यह कदम उठाया है। पुलिस उपाधीक्षक (खतौली) रविशंकर मिश्रा ने कहा, “कुख्यात गिरोह के दो सदस्यों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया और एक भागने में सफल रहा। हमने आरोपियों के पास से तीन बाइक और अवैध हथियार बरामद किए हैं।”

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2017 में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के राज्य के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उत्तर प्रदेश में 9,000 से ज्यादा एनकाउंटर हो चुके हैं। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक मुठभेड़ों में 160 संदिग्ध अपराधी मारे गए हैं।

    बता दें कि मध्य प्रदेश का कुख्यात अपराधी आनंद यादव यूपी पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में ढेर हो गया। मध्य प्रदेश का यह बदमाश उत्तर प्रदेश में छुपा हुआ था, जिसका पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। पुलिस ने सतना पुलिस के साथ मिलकर यह संयुक्त अभियान चलाया था। मुठभेड़ गुरुवार सुबह बक्शा थाना क्षेत्र के अलीगंज बाजार के पास जौनपुर-लखनऊ मार्ग पर हुई। पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने बताया कि 10 दिन पूर्व आनंद ने सतना में एक व्यक्ति की हत्या कर 15 लाख रुपये लूट कर जौनपुर भाग गया था। तभी से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

  • मनीष कश्यप की गिरफ्तारी,कहा CBI कारवाई से ध्यान भटकाने के लिए की FIR

    मनीष कश्यप की गिरफ्तारी,कहा CBI कारवाई से ध्यान भटकाने के लिए की FIR

    तमिलनाडू में बिहार के प्रवासी मजदूरो पर हमले के फेक वीडियो और खबरें वायरल करने का मामला तूल पकड़ चुका है। खास कर सोशल मीडिया और ट्विटर के जरिए कई ऐसे पोस्ट किए जा रहे जिस पर बिहार पुलिस पूरी तरह से तिलमिलाई हुई है. बिहार पुलिस ने इस मामले पर सख्त एक्शन लेते हुए यूट्यूबर मनीष कश्यप के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। और माना जा रहा कि मनीष कश्यप की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। आज की इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि मनीष कश्यप आखिर है कौन और क्यों बिहार पुलिस इन्हें क्यों गिरफ्तार कर रही है। तो एंड तक पोस्ट में एंड तक बने रहिएगा… और अगर आपने अभी तक हमारा चैनल सब्सक्राइब नहीं किया है तो अभी सब्सक्राइब कर ले….

    कौन है मनीष कश्यप

    दरसअल मनीष कश्यप का एक यूट्यूब चैनल है। इनका यूट्यूब पर सच तक नाम से एक यूट्यूब चैनल है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफोर्म पर इनके काफी फोलोवर्स है। मनीष अलग अंदाज में रिपोर्टिंग करने के लिए काफी फेमस है। आपको बता दे मनीष कश्यप ने तमिलनाडू में बिहारी मजदूरों पर हमलें का वीडियो शेयर किया था। लेकिन उनके इस वीडियो पर सवाल खड़े हुए।और जांच के बाद पता चला कि ये सारे विडियोस फेक थे। दावा किया जा रहा है कि मनीष ने जो वीडियोस शेयर किया है वो तमिलनाडू का है ही नहीं।

    कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी

    एक और जहां मनीष कश्यप पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है, तो वही दूसरी ओर मनीष कश्यप लगातार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ हमला बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई हत्या नहीं की है. वही गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं. चेतावनी दी कि तेजस्वी यादव 2025 में सीएम बनने का सपना भूल जाइए. वहीं दूसरी ओर ट्विटर पर मनीष कश्यप के समर्थन में लोग ट्वीट भी कर रहे हैं.

    CBI कारवाई से ध्यान भटकाने के लिए की FIR

    सोशल मीडिया पर फेक वीडियो वायरल करने में नाम आने के बाद मनीष कश्यप ने चार दिन पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट सांझा किया था जिसमें वह कह रहे है कि उसे सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि उनके खिलाफ FIR हुआ. मनीष कश्यप ने कहा कि हमने कोई हत्या नहीं की है, कोई गुनाह नहीं किया है. वह फरार नहीं है. जिस दिन तेजस्वी यादव की पुलिस कहेगी वह फ्लाइट पकड़ कर पटना गिरफ्तारी देने आ जाएंगे.लेकिन उनकी आवाज बंद नहीं होगी। उन्होंने ये भी कहा कि CBI कारवाई से ध्यान भटकाने के लिए उन पर एफआईआर दर्ज की गई है।

    बिहार वासियों के लिए जेल जा रहा हूं

    मनीष कश्यप ने जो फोटो डाली है, उसमें वह हाथ में हथकड़ी पहने हुए हैं. उसने लिखा है कि बिहार वासियों के लिए मैं जेल जा रहा हूं. कल रात्रि 8 बजे के करीब मुझे गिरफ्तार किया गया है. बिहार की जनता देख रही है कि मेरे साथ कैसे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वालों को जबरन दबाया जा रहा है. अंत में मनीष ने लिखा है कि मैं ना रुका था, ना रुकूंगा, वापस आऊंगा जल्द ही, जय हिंद.इसी पोस्ट को लेकर बिहार पुलिस ने एक FIR दर्ज की है। जिस ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया गया था, अब वह निष्क्रिय हो चुका है।

    वीडियो का असली सच

    दरसअल जिस वीडियो को लेकर इतना बवाल मचा है वह 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद का है। जहां आतंकी हमले के एक दिन बाद कम से कम 20 युवाओं ने लाठी डंडों के साथ पटना के ल्हासा मार्केट में कश्मीरी दुकानदारों पर हमला बोल दिया था. साथ ही उन्हें वापस कश्मीर लौटने की धमकी दी. पुलिस ने मनीष कश्यप को उनके तीन साथियों के साथ पटना के अलग-अलग लोकेशन से पकड़ा था. हालांकि सीजेएम अदालत ने इन्हें जमानत देकर रिहा कर दिया था.

    मनीष कश्यप की गिरफ्तारी को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे। कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दे….