Category: अपराध

  • अमृतपाल के खिलाफ एक्शन की तैयारी! NSA एडवाइजरी बोर्ड ने तलब किए दर्ज मामलों के रिकॉर्ड

    अमृतपाल के खिलाफ एक्शन की तैयारी! NSA एडवाइजरी बोर्ड ने तलब किए दर्ज मामलों के रिकॉर्ड

    Amritpal Singh Update: पंजाब पुलिस अजनाला कांड के बाद 18 मार्च से अमृतपाल सिंह की तलाश कर रही थी. 23 अप्रैल को उसे मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया था. 

    Amritpal Singh News: एनएसए (NSA) एडवाइजरी बोर्ड ने अमृतपाल के खिलाफ दर्ज मामलों का रिकॉर्ड तलब किया है. अमृतपाल के खिलाफ केसों का रिकॉर्ड लेकर अमृतसर पुलिस एडवाइजरी बोर्ड के सामने पहुंची. अमृतपाल को एनएसए के तहत गिरफ़्तार कर डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था. अमृतपाल के खिलाफ अजनाला थाना हिंसा समेत 6 केस दर्ज हैं.

    बता दें कि, गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है. अमृतपाल सिंह पर आरोप है कि आईएसआई के साथ मिलकर वह पंजाब के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करना चाहता था. अमृतपाल के खिलाफ एनएसए लगाने की सबसे प्रमुख वजह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ उसके रिश्ते बने.

    इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी से जुड़ी रिपोर्ट मांगी थी. अमृतपाल की गिरफ्तारी मोगा जिले के रोडे गांव स्थित उसी गुरुद्वारे से हुई, जहां उसकी कभी वारिस पंजाब दे के मुखिया के तौर पर दस्तारबंदी हुई थी. पुलिस ने अमृतपाल की गिरफ्तारी के दौरान गुरुद्वारे के अंदर कदम नहीं रखा और एक भी गोली नहीं चलाई थी.

    अमृतपाल पर कई मामले दर्ज

    अमृतपाल को सात एफआईआर में आरोपी बनाया गया है. पहली प्राथमिकी फरवरी में अजनाला थाने में हुए बवाल से जुड़ी है. दूसरी प्राथमिकी आर्म्स एक्ट से जुड़े मामले में दर्ज की गई थी. खालिस्तान समर्थक के एक सहयोगी की रिहाई की मांग को लेकर अमृतपाल सिंह और उसके सशस्त्र समर्थकों ने अमृतसर के बाहरी इलाके अजनाला में पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था. इस हमले में कई पुलिस कर्मी घायल हो गए थे.

    इसके अलावा अमृतपाल पर लापरवाही से गाड़ी चलाने और सरकारी कर्मचारी के आदेश की अवहेलना करने का आरोप है. उसके खिलाफ फिरौती और अपहरण का मामला भी दर्ज किया गया है.

     

  • अतीक-अशरफ के ISI कनेक्शन का सबूत आया सामने, आतंकी का पासपोर्ट बनवाने में की थी मदद

    अतीक-अशरफ के ISI कनेक्शन का सबूत आया सामने, आतंकी का पासपोर्ट बनवाने में की थी मदद

    Atiq Ahmed ISI Link: एबीपी न्यूज के पास वो लेटर है जो साफ कर देगा कि अतीक-अहमद का आतंकी कनेक्शन था. दोनों ने पुलिस पूछताछ में ISI से रिश्ते की बात कबूली थी.

    Atiq Ahmed ISI Link: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के आईएसआई कनेक्शन पर बड़ा खुलासा हुआ है. दोनों ISI की मदद करते थे . पता चलता है कि अशरफ ने करेली से गिरफ्तार आतंकी जीशान कमर की पासपोर्ट बनवाने में मदद की थी.

    अशरफ ने पासपोर्ट अधिकारी को पत्र लिखकर जीशान कमर को जानने और पासपोर्ट बनाने की बात लिखी थी. अशरफ ने अपने लेटर हेड पर जो पत्र पासपोर्ट अधिकारी को भेजा था, उसमें जीशान कमर को भली-भांति जानने की बात कही थी. ये पत्र जनवरी 2017 में लिखा गया था.

    आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है जीशान

    2021 में जीशान कमर को आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जीशान को पाकिस्तान में हथियार चलाने और प्रयागराज में रहकर आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दी गई थी. ट्रेनिंग के बाद वह कुछ साथियों के साथ लखनऊ के रास्ते हथियारों को प्रयागराज ले आया और नैनी स्थित पोल्ट्री फार्म में छिपा दिया था. वो आनलाइन खजूर बेचने के बहाने आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा था.

    अतीक-अशरफ ने कबूला था आईएसआई कनेक्शन

    हत्या से पहले प्रयागराज पुलिस की पूछताछ में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ ने आईएसआई से अपने संबंध की बात स्वीकार की थी. अतीक ने पाकिस्तान से हथियार खरीदने की बात भी कबूली थी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अतीक अहमद, जीशान के जरिए आईएसआई के संपर्क में आया था.

    15 अप्रैल की हुई अतीक-अशरफ की हत्या

    अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की इसी 15 अप्रैल को प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के बाहर हत्या कर दी गई थी. हत्या के समय दोनों भाई पुलिस कस्टडी में थे. पुलिस उनसे उमेश पाल हत्याकांड के संबंध में पूछताछ कर रही थी. पूछताछ में पुलिस को दोनों से अहम जानकारी मिली थी, जिसमें आईएसआई से कनेक्शन भी था. हत्या के दिन दोनों को कसारी-मसारी के जंगलों में हथियार बरामद करने के लिए ले जाया गया था. देर रात जब अतीक-अशरफ को पुलिस मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाई थी, इसी दौरान पत्रकार के भेष में पहुंचे तीन हमलावरों ने गोलियां बरसाकर दोनों की हत्या कर दी.

  • Atiq Ahmed-Ashraf Murder : अतीक-अशरफ हत्या मामले की 28 अप्रैल को ‘सुप्रीम’ सुनवाई, 2017 से अब तक हुए एनकाउंटर की जांच की भी मांग

    Atiq Ahmed-Ashraf Murder : अतीक-अशरफ हत्या मामले की 28 अप्रैल को ‘सुप्रीम’ सुनवाई, 2017 से अब तक हुए एनकाउंटर की जांच की भी मांग

    Atiq Ahmed Shot Dead: प्रयागराज में 16 अप्रैल को माफिया ब्रदर्स अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में जांच की मांग को लेकर अब सुप्रीम कोेर्ट में सुनवाई होगी.

    Atiq Ahmed-Ashraf Murder: SC To Hear On April 28 Plea Seeking Independent Expert Committee Probe Atiq Ahmed-Ashraf Murder: अतीक-अशरफ हत्या मामले की 28 अप्रैल को ‘सुप्रीम’ सुनवाई, 2017 से अब तक हुए एनकाउंटर की जांच की भी मांग

    Atiq Ahmed Shot Dead: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट 28 अप्रैल को सुनवाई करेगा. यह मामला आज यानी 24 अप्रैल को सुना जाना था लेकिन कई जजों के अस्वस्थ होने के चलते लिस्ट में नहीं आ पाया. चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता को शुक्रवार को सुनवाई का आश्वासन दिया है. याचिका में यूपी में 2017 से अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच की भी मांग की गई है.

  • असद की चैट से बड़ा खुलासा, उमेश पाल की हत्या से 5 दिन पहले वकील ने भेजी थी उसकी फोटो

    असद की चैट से बड़ा खुलासा, उमेश पाल की हत्या से 5 दिन पहले वकील ने भेजी थी उसकी फोटो

    Umesh Pal Murder: पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अतीक अहमद के बेटे असद की मोबाइल चैट से बड़ा खुलासा हुआ है. असद और उसके वकील की मोबाइल चैट सामने आई है. वकील खान सौलत हनीफ ने हत्याकांड से 5 दिन पहले उमेश पाल की फोटो असद को भेजी थी.

    19 फरवरी, 2023 को वकील ने असद के मोबाइल पर उमेश पाल की फोटो भेजी थी. इसके ठीक पांच दिन बाद 24 फरवरी को उमेश पाल की प्रयागराज में दिन दहाड़े गोली और बम से हमला कर हत्या कर दी गई थी. इस दौरान उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की भी मौत हुई थी. उमेश पाल 2005 में हुए विधायक राजू पाल हत्याकांड में अहम गवाह थे. इस हत्याकांड में अतीक के बेटे असद को भी सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था.

    उमेश पाल की पत्नी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने अतीक अहमद, अशरफ, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक के दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और 9 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया था.

    उमेश पाल की हत्या का आदेश अतीक अहमद ने दिया था. उस समय वह गुजरात की साबरमती जेल में बंद था. हत्या की साजिश उसके भाई अशरफ ने बरेली जेल में बैठकर रची थी.

    उमेश पाल हत्याकांड के 6 आरोपी मारे जा चुके

    उमेश पाल हत्याकांड के तीन दिन बाद 27 फरवरी को पुलिस ने एक आरोपी अरबाज को मार गिराया था, जबकि 6 मार्च को एक अन्य आरोपी उस्मान भी मुठभेड़ में मारा गया था.

    हत्याकांड के 49वें दिन 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने झांसी के पारीछा डैम के अतीक के बेटे असद को एक अन्य आरोपी गुलाम के साथ घेर लिया. पुलिस के साथ मुठभेड़ में दोनों मारे गए थे.

    अतीक-अशरफ की हत्या

    15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के बाहर मीडिया के कैमरों के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. दोनों को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया गया था. अस्पताल की इमरजंसी के बाहर पत्रकार के भेष में पहुंचे शूटर्स ने गोलियां बरसाकर दोनों को मार दिया था. पुलिस ने तीन हमलावरों को पकड़ लिया था

  • Punjab : लंदन भागने की फिराक में थी भगोड़े अमृतपाल की पत्नी, अमृतसर एयरपोर्ट से पुलिस ने हिरासत में लिया

    Punjab : लंदन भागने की फिराक में थी भगोड़े अमृतपाल की पत्नी, अमृतसर एयरपोर्ट से पुलिस ने हिरासत में लिया

    अमृतसर एयरपोर्ट पर खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने अमृतसर एयरपोर्ट से ही अपनी हिरासत में ले लिया है. वह पंजाब से सीधे लंदन भागने की फिराक में थी.

    Punjab: बीते कुछ दिनों से पंजाब में भगोड़े घोषित और पूरे देश में वॉन्टेड खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर को गुरुवार (20 अप्रैल) को लंदन जाते वक्त अमृतसर एयरपोर्ट पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.

    सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक किरणदीप कौर अमृतसर एयरपोर्ट से बर्मिंघम भागने की फिराक में थी, इसी सिलसिले में वह अमृतसर एयरपोर्ट पहुंची थी लेकिन गुप्त सूचना के आधार पर एयरपोर्ट पर पहले से ही मौजूद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी. गौरतलब है कि किरणदीप कौर पर खालिस्तानी समर्थकों को फंडिंग करने का आरोप है.

    ‘पुलिस रडार में पहले से ही थी किरण दीप कौर’

    आपको जानकर हैरानी होगी अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर पंजाब पुलिस ही नहीं यूके पुलिस की रडार में भी थी. दरअसल 28 साल की किरणदीप कौर यूके की नागरिक है और वह पहले से ही खालिस्तानी समर्थक है.

    वह अमृतपाल से शादी करने से पहले ही अलगाववादी संगठन बब्बर खालसा के संपर्क में थी और अपने पति अमृतपाल सिंह की अध्यक्षता वाली डबल्यूपीडी के लिए धन का मैनेजमेंट करती थी. इसकी इन हरकतों की वजह से वह 2020 में यूके पुलिस के रडार में आ गई थी.

  • Ghazipur News : शाइस्ता के बाद मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी भी आई पुलिस के रडार पर, हो सकती है बड़ी कार्रवाई

    Ghazipur News : शाइस्ता के बाद मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी भी आई पुलिस के रडार पर, हो सकती है बड़ी कार्रवाई

    Ghazipur News: गाजीपुर पुलिस ने जनपद में पुरस्कार घोषित अपराधियों की सूची जारी की है. इस सूची में 12 अपराधियों के नाम हैं, जिनमें माफिया मुख्तार अंसारी और उसकी पत्नी अफशां का नाम भी शामिल है.

    Mukhtar Ansari Crime: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed), अशरफ (Ashraf) और उसके बेटे असद (Asad) का अंत होने के बाद योगी सरकार (Yogi Government) प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने में जुट गई है. जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने कमान संभाल ली है. यूपी गाजीपुर (Ghazipur) जनपद में पुलिस ने पुरस्कार घोषित अपराधियों की सूची जारी की है. इस सूची में 12 उन अपराधियों के नाम शामिल हैं जिन पर पुलिस की ओर से इनाम का एलान किया गया है. इस सूची में माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की पत्नी अफशां अंसारी (Afshan Ansari) का नाम भी शामिल है.

    इन दिनों अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन यूपी एसटीएफ के निशाने पर है. उमेश पाल मर्डर के बाद से ही वो फरार चल रही है, वहीं अब पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां भी पुलिस की रडार पर आ गई है. गाजीपुर पुलिस ने जनपद में पुरस्कार घोषित 12 अपराधियों की सूची जारी की है. इसमें मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी का नाम भी शामिल हैं. अफशां अंसारी पर कोतवाली थाना क्षेत्र में 406, 420, 386, 506 के तहत मामला दर्ज है और शाइस्ता की तरह उस पर भी 50 हजार का इनाम घोषित है. इनके अलावा इस सूची में मुख्तार के एक अन्य सहयोगी 50 हजार के इनामी बदमाश जाकिर हुसैन का भी नाम शामिल है.

     

    12 अपराधियों की सूची की गई जारी

    अफशां और जाकिर के अलावा और जिन अपराधियों के नाम गाजीपुर पुलिस की सूची में शामिल हैं, उनके नाम हैं, सोनू मुसहर, सद्दाम हुसैन, विरेंद्र दुबे, अंकित राय, अंकुर यादव, अशोक यादव, अमित राय और अंगद राय. इन सभी अपराधियों पर पुलिस की ओर से 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया है. इस सूची का मतलब साफ है कि पुलिस अब ऐसे अपराधियों पर लगाम कसने की तैयारी कर रही है.

    इससे पहले अतीक के हत्या के बाद यूपी पुलिस की ओर से भी माफियाओं के सफाए के लिए मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स की लिस्ट बनाई गई हैं. इस लिस्ट में उन अपराधियों को शामिल किया गया है, जिन्होंने गंभीर अपराध किए हैं और उन पर 50 हजार से 5 लाख रुपये तक का इनाम घोषित है.

  • UP Crime : गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या में किसका हाथ ?

    UP Crime : गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या में किसका हाथ ?

    हिन्दू वादी संगठनों को कटघरे में खड़ा कर रहा हत्यारोपियों का जय श्री राम के नारे लगाना !सियासत की चपेट में ही आकर मटियामेट हुए सियासत का खड़ा किया गया माफिया अतीक अहमद 

     

     चरण सिंह राजपूत 

    गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में जिस तरह से तीन बदमाशों ने मीडियाकर्मी बनकर हत्या की है। जिस तरह से इन बदमाशों ने हत्या करते हुए जयश्री राम के नारे लगाए हैं उससे हिंदूवादी संगठन कटघरे में खड़े हो गए हैं। वैसे तो इन आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में अतीक को मारकर बड़ा माफिया बनने की बात कही है पर जिस तरह से अतीक ने जेल में एक पुलिस अधिकारी के सामने जेल से छूटकर किसी को न बख्शने की बात कही थी कहीं उसके जवाब में तो यह पुलिस की योजना तो नहीं थी ?

    पुलिस पर ऊँगली उठने का बड़ा कारण यह है कि फ़िल्मी स्टाइल में अतीक और उसके भाई अशरफ को करीब से मारा गया है, कई राउंड गोलियां चली हैं पर पुलिस ने शूटरों पर एक भी गोली नहीं चलाई। साथ ही शूटरों ने सरेंडर-सरेंडर चिल्लाया तो पुलिस ने उन्हें कब्जे में ले लिया। पुलिस ने अतीक के बेटे अशद को सेल्फ डिफेंस में मार गिराया पर अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले शूटरों पर गोलियां क्यों चलाई गई ? जिस कैमरे के सामने यह दोहरा हत्याकांड हुआ है और बिना किसी जद्दोजहद के शूटरों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। यह हत्याकांड कई सवाल पैदा कर रहा है।

    हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। पर क्या इस मामले में इतनी गंभीरता बरती जाएगी कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाये। वैसे भी जिस तरह से अखिलेश यादव के प्रश्न के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में लिप्त माफिया के परिवार को मिट्टी में मिला देने की बात कही थी उससे शक की सुईं सरकार पर भी जाती है। देखने की बात यह है कि योगी के उस बयान के बाद 13 अप्रैल को अतीक के छोटे बेटे असद का एनकाउंटर किया गया। इसमें दो राय नहीं है कि योगी आदित्यनाथ अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कराकर खुद अपने शासन पर उंगली तो नहीं उठवाएंगे। वैसे आदित्यनाथ योगी की बढ़ती लोकप्रियता काफी बीजेपी नेताओं को भी नहीं पच रही रही। हो सकता है कि आदित्यनाथ को बदनाम करने के लिए कुछ बीजेपी नेताओं ने हिंदूवादी संगठनों के साथ मिलकर इन बदमाशों को उकसा कर या फिर सुपारी देकर अतीक और अशरफ की हत्या करा दी हो। यह मामला सियासत के चारों ओर घूमता है।

    अतीक अहमद सियासत के बल ही माफिया बना और सियासत की चपेट में आकर ही मटियामेट हो गया। ऐसे में प्रश्न यह भी उठता है कि आख़िरकार अतीक को माफिया किसने बनाया ? अतीक अहमद पर 1989 में अपने ही गुरु चांद बाबा की हत्या का आरोप है। दरअसल अतीक अहमद चांद बाबा की सागिर्द था और चांद बाबा के कहने पर ही वह इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से चुनाव की तैयारी कर रहा था। बताया जाता है कि मुलायम सिंह यादव ने चांद बाबा से चुनाव लड़ने किए लिए कहा था पर चांद बाबा ने अतीक अहमद से चुनाव की तैयारी करने के लिए कह दिया था। बाद में मुलायम सिंह यादव ने चांद बाबा को यह कहकर उकसा दिया कि  बाद चुनाव को लेकर दोनों में तनातनी हो गई और यह तनातनी दुश्मनी में बदल गई। जिसमें चांद बाबा मारा गया। इस चुनाव में अतीक अहमद निर्दलीय विधायक बना था।

    1991 और 1993 में इस सीट पर जीत गया।ऐसे में प्रश्न उठता है कि हत्यारोपी अतीक को 1996 में सपा ने अपना उम्मीदवार कैसे बना लिया ? हालांकि 1998 में सपा ने अतीक को बाहर का रास्ता दिखा। 1999 में वह अपना दल में शामिल हो गया और प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ा लेकिन यहां हार का मुंह देखना पड़ा। मतलब राजनीतिक दलों को इससे कोई मतलब नहीं होता है कि कोई अपराधी है या फिर गुंडा बस इन दलों को जिताऊ उम्मीदवार चाहिए। ये बदमाश कुछ लोगों को डरा धमकाकर तो कुछ को पैसे देकर और कुछ पर एहसान कर अपने समर्थक बना लेते हैं। वैसे ये माफिया जमीन कब्जारकर, रंगदारी कर और दूसरे गलत काम के बल पर जमकर पैसा कमाते हैं और उसी पैसों के बल पर अपने क्षेत्र में अपरा रौब झाड़ते हैं।

    सोनेलाल पटेल ने अतीक को 2002 के विधानसभा चुनाव में अपना दल के टिकट पर चुनाव लड़ाया और जीत हासिल की। 2003 में अतीक को सपा फिर से अपने पाले में आई।  2004 के लोकसभा चुनावों में फूलपुर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की। जनवरी 2005 में अतीक उस समय सुर्खियों में आया, जब बसपा विधायक राजू पाल की प्रयागराज में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 2005 में इस सीट पर उप चुनाव कराए गए, जहां अशरफ ने राजू पाल की पत्नी और बसपा उम्मीदवार पूजा पाल को हराकर चुनाव जीता था। अशरफ ने फिर से सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन इस बार बसपा की पूजा पाल ने उसे पटखनी दे दी। पांच साल बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में अतीक ने फिर से उसी सीट से अपना दल से अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन बसपा की पूजा पाल से 8,885 मतों के अंतर से हार गया। अतीक ने 2014 में सपा के टिकट पर श्रावस्ती से चुनाव लड़ा लेकिन वहां भी उसे हार ही नसीब हुई, यहां से मन नहीं भरा तो अतीक अहमद ने 2019 के लोकसभा चुनावों में वाराणसी से नामांकन दाखिल कर दिया। यहां पर तो उसे मात्र  885 वोट ही मिले।

  • Asad Ahmed Encounter : ‘बाइक की चाबी गायब, हेलमेट भी नहीं’, असद के एनकाउंटर पर उठ रहे ये 6 बड़े सवाल

    Asad Ahmed Encounter : ‘बाइक की चाबी गायब, हेलमेट भी नहीं’, असद के एनकाउंटर पर उठ रहे ये 6 बड़े सवाल

    Asad Encounter: माफिया अतीक के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर के बाद यूपी एसटीएफ से लेकर योगी सरकार तक की मंशा पर विपक्षी दलों के नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं. असद के मामले में कई पेंच नजर आ रहे हैं.

    Atiq Ahmed Son Asad Encounter : अतीक अहमद के बेटे असद को यूपी एसटीएफ ने गुरुवार (13 अप्रैल) को झांसी में हुए एक मुठभेड़ में मार गिराया. असद उमेश पाल मर्डर केस में वांटेड था. उसके साथ ही हत्याकांड का एक और आरोपी गुलाम मोहम्मद भी एनकाउंटर में मारा गया था. दोनों के ऊपर 5-5 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. पुलिस ने दावा किया है कि उसने असद को जिंदा पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन उसने फायरिंग की, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया. हालांकि, पुलिस के दावे को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

    एनकाउंटर को लेकर पुलिस एफआईआर में कहा गया है कि असद और गुलाम बिना लाइसेंस नंबर प्लेट वाली लाल और काले रंग की डिस्कवर मोटरसाइकिल से भाग रहे थे. वे चिरगांव से आगे पारीछा की तरफ जा रहे थे, जब पुलिस ने उन्हें देखा और रुकने को कहा. असद और गुलाम ने अंधाधुंध फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस टीम ने जवाबी फायरिंग की जिसमें दोनों मारे गए. राज्य की बीजेपी सरकार ने पुलिस की तारीफ की है, लेकिन कई सवाल हैं जो एनकाउंटर को लेकर उठ रहे हैं.

    1- बाइक पर स्क्रैच नहीं

    एसटीएफ ने जानकारी देते हुए बताया था कि असद और गुलाम बाइक से भाग रहे थे. पुलिस ने उनका पीछा किया और देखा कि दोनों की बाइक पलटकर रोड के किनारे गिर गई. एनकाउंटर के बाद आई तस्वीरों में बाइक गिरी हुई दिख रही है, जिसके बगल में असद और गुलाम के शव पड़े हैं. हैरानी की बात ये है कि बाइक के पलटने के बाद भी उस पर कोई स्क्रैच नहीं नजर आ रहा है.

    2- बाइक की चाबी

     

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक किसी भी एनकाउंटर की जांच मजिस्ट्रेट से करानी होती है. ऐसे में जांच के दौरान पुलिस के सामने बाइक की चाबी को लेकर सवाल उठ सकता है. एनकाउंटर के बाद मीडियाकर्मी पहुंचे थे और उन्होंने जो तस्वीरें उतारी थीं, उसमें बाइक में चाबी नहीं लगी दिखाई दे रही है. हालांकि, हो सकता है कि बाइक पलटते समय चाबी गिर गई हो.

    3- लाइसेंस प्लेट और चेसिस नंबर नहीं

     

    एसटीएफ टीम ने एनकाउंटर के बाद असद और गुलाम के पास से जो बाइक बरामद की है, उस पर नंबर प्लेट नहीं मिली है. ऐसे में हो सकता है कि बाइक चोरी की गई है. हर गाड़ी पर एक इंजन नंबर भी होता है, लेकिन इस पर वह भी नहीं है. ऐसे में पुलिस के लिए बाइक के मालिक की पहचान करना मुश्किल काम होगा.

     

    4- हेलमेट भी नहीं

     

    एनकाउंटर वाली जगह से कोई हेलमेट नहीं मिला है. हालांकि, हेलमेट न लगाना कई बार सामान्य बात है, लेकिन यहां मामला थोड़ा अलग है. असद और गुलाम चर्चित उमेश पाल हत्याकांड में वांटेड थे. दोनों का पीछा पुलिस कर रही थी और वे ये बात जानते थे. यही वजह है कि लगातार ठिकाना बदल रहे थे. ऐसे में यह सवाल उठता है कि वे भले ही सुरक्षा के लिए नहीं, लेकिन पहचाने जाने से बचने के लिए तो हेलमेट लगाते.

     

    5- जिस रोड से भागे वह थी बेहद खराब

     

    पुलिस ने बताया कि असद और गुलाम पारीछा बांध के पास छिपे थे. यह जगह हाईवे से लगभग 2 किलोमीटर दूर है. यहां पहुंचने का रास्ता इतना खराब है कि कोई भी गाड़ी 10 या 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से ज्यादा तेज नहीं चल सकती. ऐसे में सवाल उठता है कि जब एसटीएफ उनका पीछा कर रही थी, ऐसे में वह इतनी दूर तक कैसे पहुंच सके.

     

    6- एनकाउंटर की लोकेशन

     

    सवाल एनकाउंटर की जगह पर उठ रहा है. जिस जगह एनकाउंटर हुआ वहां तक पहुंचने का रास्ता बहुत ही पथरीला और ऊबड़-खाबड़ है. पुलिस की मानें तो इसके पहले असद कानपुर, दिल्ली, अजमेर, मुंबई जैसी जगहों पर छिपा था, ऐसे में वह यहां तक कैसे और क्यों आया ये भी सवाल बना हुआ है.

  • Atiq Ahmed News : अतीक अहमद का बेटा असद अहमद ढेर, झांसी में यूपी पुलिस ने किया एनकाउंटर

    Atiq Ahmed News : अतीक अहमद का बेटा असद अहमद ढेर, झांसी में यूपी पुलिस ने किया एनकाउंटर

    Umesh Pal Case: उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे अशद का झांसी (Jhansi) में एनकाउंटर हो गया है. उसके साथ एक शूटर को भी ढेर कर दिया है.

    Asad Ahmed News: उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) में फ़रार माफ़िया अतीक़ अतीक (Atiq Ahmed) के बेटे असद और उसके सहयोगी गुलाम को यूपी एसटीएफ (UP STF) ने एनकाउंटर में मार गिराया. दोनों पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था. इनका एनकांउटर झांसी (Jhansi) में किया गया. एसटीएफ के दावा है कि इनके पास से विदेशी हथियार बरामद हुए हैं.

    इस एनकाउंटर के संबंध में यूपी पुलिस ने जानकारी दी कि असद पुत्र अतीक अहमद और गुलाम पुत्र मकसूदन, दोनों प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में वॉन्टेड थे. इन दोनों ने आरोपियों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था. झांसी में डीएसपी नवेंदु और डीएसपी विमल के नेतृत्व में यूपी एसटीएफ टीम के साथ मुठभेड़ में मारे गए गए. दोनों के पास से विदेशी कई हथियार बरामद किए गए है.

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    Delhi : गोकलपुरी डबल मर्डर केस का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, आज कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी पुलिस

    Delhi Double Murder Case पूर्वी दिल्ली के भागीरथी विहार इलाके में बुजुर्ग दंपती की हत्या करने वाला बाउंसर आशीष भार्गव को गिरफ्तार कर लिया गया है। आशीष दंपती की बहू मोनिका का प्रेमी है। हत्या के मामले में मोनिका को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

    नई दिल्ली । दिल्ली के गोकलपुरी इलाके में हुए दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी आशीष भार्गव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे कल शाम यानी बुधवार को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया है।

    पुलिस के मुताबिक आगे की पूछताछ के लिए आरोपी को आज गुरुवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। बता दें कि अन्य आरोपी मोनिका पहले से ही 4 दिन की पुलिस रिमांड पर है। साथ ही पुलिस आशीष भार्गव के दोस्त विकास को पकड़ने का प्रयास कर रही है, जो इस मामले में वांछित है और फरार चल रहा है।

    गला रेतकर की गई थी बुजुर्ग दंपती की हत्या

    जिला पुलिस उपायुक्त डॉ. जॉय टिर्की के मुताबिक, सोमवार सुबह साढ़े सात बजे भागीरथी विहार से सूचना मिली थी कि बुजुर्ग दंपती की गला रेतकर हत्या की गई । सूचना पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो सरकारी स्कूल से सेवानिवृत्त राधेश्याम व उनकी पत्नी वीना का शव पड़ा हुआ था। वह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के नादेमऊ स्थित कांकरकुई गांव के निवासी थे। घर से नकदी गायब थी। पुलिस को उनकी बहू मोनिका पर शक हुआ। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने पूरा अपराध कबूल लिया।

    बाउंसर के घर अपना रिश्ता लेकर गई थी ‘कातिल बहू’

    सास-ससुर की हत्या की आरोपी मोनिका अपने प्रेमी के घर खुद का रिश्ता लेकर गई थी। इस दौरान प्रेमी ने उसे अपनी मां से मिलवाया था, मां ने उसे पसंद भी कर लिया था, लेकिन जब उन्हें आशीष ने बताया कि मोनिका शादीशुदा है और उसका बच्चा भी है तो उसकी मां ने कहा यह पाप होगा, शादी नहीं होगी।