राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गोपाल केसावत की बेटी का सोमवार की शाम राजधानी जयपुर के प्रतापनगर इलाके से संदिग्ध दशा में अपहरण हो गया। बेटी स्कूटी से सब्जी लेने के लिए वहां गई हुई थी। कांग्रेस नेता ने प्रतापनगर पुलिस स्टेशन पर अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज करवाया है। पुलिस केस की जांच पड़ताल में जुट गई है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बेटी अभिलाषा (21) सोमवार को स्कूटी से सब्जी लेने जब प्रतापनगर गई थी तभी उसका कुछ लोग पीछा करने लगे। बेटी ने तुरंत पिता गोपाल केसावत को फोन किया और इसकी सूचना देते हुए गाड़ी लेकर आने को कहा। इस पर जब वे वहां पहुंचे तो न तो बेटी मिली और न ही उसकी स्कूटी वहं थी। बेटी का मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ था।
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Live in Relation : अपराध की बुनियाद पर टिकी है यह परिपाटी !
मौज मस्ती का माना जाता है जिम्मेदारियों से बचने वाला हर रिश्ता
चरण सिंह राजपूत
लिव इन रिलेशन को लोग किसी भी रूप में देखते हों पर यह बात समझने की जरूरत है कि यह रिश्ता बस अपराध की ओर ही बढ़ता है। लिव इन रिलेशन में मारपीट तो आम बात है, कई मामले हत्या के भी आये हैं पर जिस तरह का मामला श्रद्दा और आफताब का है, इसने समाज को झकझोर कर रख दिया है। इस हत्याकांड में आफताब की दरिंदगी ने तो सभी हदें पार कर ही दी हैं पर क्या श्रद्धा ने भी बहुत कम समय में आफताब पर भरोसा नहीं कर लिया था। जब श्रद्धा अपने माता के इस कदम को उठाने के विरोध का जवाब अपने को बालिग होना कहकर दे सकती थी तो आफताब के जुल्म क्यों सहती रही ? क्यों नहीं उसने आफताब को भी अपने बालिग होने का एहसास कराया। उसके जुल्मों की क्यों नहीं उसने रिपोर्ट दर्ज कराई ? यदि श्रद्दा उस पर शादी का दबाव बना रही थी तो शादी करके ही क्यों नहीं उसके साथ रही ? क्या पश्चिमी सभ्यता के चक्कर में पड़कर आज के कुछ युवा शादी के पवित्र रिश्ते को भूलकर लिव इन रिलेशन का रिश्ते की दलदल में फंस रहे हैं। लिव इन रिलेशन में पति-पत्नी की तरह तो रहेंगे पर पति-पत्नी नहीं बनेंगे। बस यही सोच अपराध की ओर जाती है। दरअसल यह रिश्ता जिम्मेदारियों का नहीं बल्कि मौज-मस्ती का है।
यह जमीनी हकीकत है कि मौज मस्ती से मन भरने के बाद लड़की और लड़के का अलग होना ही है। जमीनी हकीकत यह है कि स्त्री और पुरुष के जिस रिश्ते में बस मौज-मस्ती ही होती है वह लंबे समय तक चल ही नहीं सकता। लंबे समय तक चलने वाले रिश्ते जिम्मेदारियों के बंधन में बंधे होते हैं। लिव इन रिलेशन तो कुछ समय तक के लिए मौज-मस्ती के लिए बनाया गया रिश्ता ही है। जब तक एक दूसरे की जरूरतें पूरी हो रही हैं तो ठीक है और दोनों से ही किसी एक को दूसरे की जरूरत महसूस नहीं होगी तो कलह और विवाद होना ही है। ऐसा ही श्रद्धा के साथ भी हुआ होगा।
आफताब का जब उससे मन भर गया तो वह उससे पीछा छुड़ाने लगा हो या फिर श्रद्धा को आफताब के साथ दूसरी लड़कियों के संबंध होने का पता चला हो तो उसे असुरक्षा महसूस होने लगी हो और उसने आफताब पर शादी का दबाव बनाान शुरू कर दिया हो। वैसे भी पुलिस के सामने उसने श्रद्दा के मर्डर के बाद २० लड़कियों के साथ दोस्ती करने की बात स्वीकारी है। मतलब आफताब कितना शातिर है कि उसकी एक प्रेमिका का शव उसके फ्रिज में रखा है और वह दूसरी लड़कियों के साथ रोमांस कर रहा है। उसने खुद स्वीकार किया है कि इन लड़कियों को बाकायदा वह अपने घर लाया था।
लिव इन रिलेशन की पैरवी करने वालों को समझ लेना चाहिए कि अधिकतर पति-पत्नी का ्श्तिता भी बच्चों की जिम्मेदारियों व समाज और रिश्तेदारों के दबाव में निभता है। वह सामाजिक बंधन ही होता है कि घर-परिवार बसते हैं और निभाये जाते हैं। लिव इन रिलेशन में ऐसा कुछ भी नहीं है। इस रिश्ते में न तो समाज का दबाव है और न ही बंधन। अधिकतर लोग तो लिव इन रिलेशन में समाज के सामने झूठ बोलकर रहते हैं। आफताब ने भी अपने मकान मालिक को श्रद्दा को अपनी पत्नी बताया था। मतलब जिस रिश्ते की बुनियाद ही झूठ पर टिकी हो वह रिश्ता अपराध की ओर ही तो जाएगा। यह जमीनी हकीकत है कि फिल्मी दुनिया से शुरू हुई लिव इन रिलेशन की यह परिपाटी नई पीढ़ी को अपराध की ओर धकेल रही है। जिन लोगों को इस रिश्ते में अपराध नहीं दिखाई दे रहा है चन लिव इन रिलेशन में रहने वाले लोगों का सर्वे करके देख लें तो सब कुछ समझ में आ जाएगा कि अधिकतर मामलों का अंत अपराध से ही हुआ है। मारपीट, हत्या, आत्महत्या या फिर ब्लैकमेल यही परिणाम निकल रहे हैं लिव इन रिलेशन के। -
Shraddha Walkar Murder Case : 20 से ज्यादा युवतियों से थे आफताब के करीबी रिश्ते, श्रद्धा की मौत क बाद सभी को लाया था घर
दिल्ली में हुई श्रद्धा वालकर हत्याकांड में अब नया खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार आफताब ने श्रद्धा की हत्या के बाद से बंगब ऐप पर गर्लफ्रेंड की तलाश शुरू कर दी थी। कुछ ही दिनों में उसकी 20 से ज्यादा गर्लफ्रेंड बन गईं।
महाराष्ट्र के पालघर की रहने वाली श्रद्धा वालकर हत्याकांड में दिल्ली पुलिस अब जांच का दायरा बढ़ाने जा रही है। इस कड़ी में श्रद्धा वालकर के हत्यारोपी आफताब अमीन पूनावाला की उन महिला मित्रों से पूछताछ की जाएगी, जो उसके घर आती थीं। बताया जा रहा है कि आफताब की 20 से ज्यादा महिला मित्र थीं, जो श्रद्दा की मौत के बाद बनीं और तकरीबन सभी उसके घर पर आई थीं।
श्रद्धा की मौत के बाद आफताब की बनाई महिल दोस्त
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार दिल्ली के बहुचर्चित श्रद्धा वालकर हत्याकांड के आरोपी के बारे में पता चला है कि आफताब अमीन पूनावाला की 20 से ज्यादा महिला दोस्त थीं। ये सभी बंबल डेटिंग ऐप से बनी थीं। हैरत की बात यह है कि इनमें से ज्यादातर महिला दोस्त उसके घर आ चुकी हैं। ज्यादातर से उसके नजदीकी संबंध थे। हैरत की बात यह है कि अधिकतर महिला मित्र उस दौरान आईं, जब ऑफताब के घर के फ्रिज में श्रद्दा के शव के टुकड़े रखे हुए थे। दक्षिण जिले की महरौली पुलिस की पूछताछ में आफताब ने ये सारी बातें बताई हैं।
बंबल ऐप से मांगी जानकारी
आफ ताब की महिला मित्रों से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए दक्षिण जिला पुलिस ने हेडिंग ऐप बंबल को पत्र लिखा है और मैसेज भी किया है। पुलिस ने ऐप प्रबंधन से आरोपी आफताब की सभी महिला दोस्तों की जानकारी मांगी है। दक्षिण जिला पुलिस सूत्रों के अनुसार इन महिलाओं से पूछताछ की जा सकती है। इस बाबत जल्द ही आफताब की २० से अधिक महिला मित्रों को पूछताछ के लिए समन भेजा जाएगा।
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Shraddha murder case : पुलिस ने लिया श्रद्दा के पिता का डीएनए सैंपल, फोरेंसिक एक्सपर्ट ने मांगा 2 सप्ताह का समय
फोरेंसिक विशेषज्ञों ने कहा-डीएनए सैंपलिंग की प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि अब तक जो नमूने उन्हें मिले हैं वे बहुत ही पुराने हैं
नई दिल्ली । श्रद्धा मर्डर केस में फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम 27 वर्षीय श्रद्धा वालकर के शरीर के अंगों का निरीक्षण कर रही है। श्र्धा वालकर की उसके लिव-इन-पार्टनर आफताब पूनावाला ने कथित तौर पर हत्या कर दी थी। इस मामले में फोरंेसिक विशेषमों ने कहा है कि डीएनए सैंपलिंग की प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि अब तक जो नमूने उन्हें मिले हैं वे बहुत ही पुराने हैं, इनके विश्लेषण में कम से कम दो सप्ताह का समय लगेगा।
श्रद्धा वालकर की 18 मई को कथित तौर पर 28 वर्षीय आफताब पूनावला ने हत्या कर दी थी, जिस पर महरौली के जंगल में उसके शरीर को काटने और टुकड़ों को बिखरने का आरोप है। इस मामले में वालकर के पिता की शिकायत पर 10 नवम्बर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, रोहिणी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार डीएनए विश्लेषण में दो सप्ताह लगने वाले हैं, क्योंकि नमूने बहुत पुराने हैं। अधिकारी ने बताया कि यह आसान नहीं है क्योंकि जैविक नमूनों की स्थित संदिग्ध है और हम यह नहीं कह सकते कि कितनी जीवति कोशिकाएं मिलेंगी। हम अभी भी जांच दल से नमूने ले रहे हैं।
श्रद्दा के पिता विकास वालकर ने न्यूज एजेंसी से कहा, दिल्ली पुलिस को आभास हो गया था कि आफताब कभी झूठ बोलता है तो कभी सच बोलता है। इसलिए उन्होंने उसका नाकार्े टेस्ट कराने के लिए आवेदन किया है। मुझे लग रहा है कि मुझे न्याय मिलने वाला है। अगर उसने अपराध किया है, तो उसे फांसी दी जानी चाहिए। मुझे हमेशा लगता था कि वह झूठ बोल रहा है, मैंने मुंबई और दिल्ली पुलिस को बताया था।महरौली के जंगलों से श्रद्धा के शरीर के 10 टुकड़े बरामद
पिछले तीन दिनों से पुलिस ने महरौली के जंगलों में से आफताब की बताई गई जगहों से श्रद्धा के शरीर के १० से ज्यादा संदिग्ध हिस्सों को बरामद किया है। इनमें से ज्यादातर हड्डियों के रूप में मिले हंै। अभी इन टुकड़ों को फोरेंसिक विश्लेषण से वेरीफाई करवाने की जरूरत है। अधिकारी ने बताया कि यह कोई साधारण नमूना नहीं है और इसके लिए विशेषज्ञता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह एक व्यक्ति से संबंधित मामला है जो इसे और कठिन बनाता है।
जानिए क्यो बोले फोरेंसिक एक्सपर्ट
मध्य प्रदेश के भोपाल में जीव विज्ञान विभाग क्षेत्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला के प्रभारी डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि डीएनए नमूना लेने के लिए हड्डी शरीर का सबसे कठिन हिस्सा है। हालांकि नई टेक्नोलॉजी के साथ चीजें अब आसान हो गई हैं। यह देखते हुए कि डीएनए परीक्षण के लिए दांत सबसे आसान शरीर के अंग हैं, उन्होंने कहा कि हड्डी के नमूनों को खोदना कठिन होता है। पहले हड्डियों को साफ और डीकैल्सिफाई करना होता है, जिसमें ३-५ दिन लगते हैं और फिर नमूना लिया जाता है।
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ऑफताब ने श्रद्धा के लिए 35 टुकड़े, हर जंगल में फेंकता था दो अंग, लिव इन में खौफनाक कत्ल
26 वर्षीय श्रद्धा वाकर मुंबई के मलाड इलाके में स्थित कॉल सेंटर में नौकरी करती थी। यहीं पर श्रद्धा की मुलाकात ऑफताब अमीन से हुई थी। दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे और वे लिव इन रिलेशन में रहने लगे थे।
एक शख्स शादी का झांसा देकर कॉल सेंटर में काम करने वाली सहकर्मी को मुंबई से दिल्ली लेकर आ गया। जब युवती ने शादी का दबाव बनाया तो युवक ने हत्या कर शव के कई टुकड़े कर दिये। फिर उन्हें दिल्ली के अलग-अलग ठिकानों में फेंक दिया। घटना के करीब पांच महीने बाद वरादात का खुलासा होने पर पुलिस ने आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि 59 वर्षीय विकास मदान वाकर ने आठ नवम्बर को अपनी बेटी के अपहरण की एफआईआर दिल्ली के महरौली थाने में दर्ज कराई थी। पीड़ित ने बताया कि वह परिवार समेत महाराष्ट्र के पालघर में रहते हैं। पीड़ित की 26 वर्षीय बेटी श्रद्दा वाकर मुंबई के मलाड इलाके में स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनी के कॉल सेंटर में नौकरी करती थी। यहीं पर श्रद्धा की मुलाकात आफताब अमीन ने हुई। जल्द ही दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे और वे लिव इन रिलेशन में रहने लगे जब परिवा को इस रिश्ते के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया।
फेसबुक की फोटो से मिली युवती की लोकेशन
श्रद्दा के पिता विकास मदान वाकर ने बताया कि विरोध करने पर बेटी और आफताब ने अचानक मुंबई को छोड़ दिया था। बाद में मालूम हुआ कि वे महरौली के छतरपुर इलाके में रहते हैं। उन्होंने बताया कि किसी न किसी माध्यम से बेटी की जानकारी मिलती रहती थी। उन्हें फेसबुक पर अपलोड की गई फोटो से यह भी पता लगा कि श्रद्धा हिमाचल प्रदेश घूमने भी गई है लेकिन उसके बाद उसकी कोई सूचना नहीं मिली। फिर फोन नंबर पर भी संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन वह भी नहीं मिला। फिर अनहोनी की आशंका होने पर वह आठ ऩवम्बर को सीधे छतरपुर स्थित फ्लैट में गये जहां बेटी किराये पर रहती थी। वहां पर ताला बंद होने के बाद विकास ने महरौली थाने में पहुंचकर पुलिस को अपहरण की सूचना दी और अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई।
पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस से आफताब को शनिवार को ढूंढ निकाला। आफताब ने बताया कि शादी करने को लेकर अक्सर श्रद्धा उस पर दबाव बनाती थी। इसी पर दोनों में विवाद होता रहता था। इसलिए 18 मई को झगड़ा हुआ तो उसने श्रद्धा की गाला घोंटकर हत्या कर दी। फिर शव को चापड़ से कई टुकड़ों में बांटा और अलग-अलग भागों में फेंक दिये। इसके बाद पुलिस ने आफताब के बयान पर हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है फिलहाल पुलिस की टीम आरोपी के बयान के आधार पर शव के टुकड़े ढूंढने की कोशिश कर रही है। -
Punjab Crime : हिन्दू नेता सुधीर सूरी की हत्या में खालिस्तानी कनेक्शन! आतंकी लखबीर सिंह ने ली जिम्मेदारी
अमृतसर में हिन्दू नेता सुधीर सूरी की शुक्रवार को सरेआम गोली मारकर हत्या करने के मामले में अब आतंकी कनेक्शन जुड़ गया है। कनाडा में बैठे भगोड़े खालिस्तानी आतंकी लखबीर ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है। आतंकी लखबीर ने फेसबुक पर लंडा हरिके अकाउंट से पोस्ट कर रहा है कि जो सिख कौम या किसी भी अन्य धर्म के बारे में बुरा बोलते हैं वे सभी तैयारी रखें। सभी की बारी आएगी। सिक्योरिटी लेकर यह न समझें कि बच जाएंगे। अभी तो शुरुआत हुई है हक लेना अभी बाकी है। पुलिस जांच कर रही है कि फेसबुक पोस्ट में कितनी सच्चाई है। हालांकि गत दिनों अमृतसर में पकड़े गये तीन आतंकी और तरनतारन में कपड़ा व्यवसायी की हत्या में पकड़े गये आतंकियों ने लखबीर लांडा के लिए काम करने का खुलासा किया था। आतंकियों ने बताया कि उन्हें अमृतसर में हिन्दू नेता सुधीर सूरी की हत्या करने के लिए कहा गया था। ऐसे में इस हत्या में आतंकी कनेक्शन जुड़ा होने की संभावना बढ़ गई है। अमृतसर के एसपी विशालजीत सिंह का कहना है कि इस पोस्ट की पुलिस जांच कर रही है। कनाडा में बैठकर भारत में आतंक फैला रहा लांडा
लखबीर सिंह उर्फ लांडा कनाडा में बैठकर खासकर पंजाब में आतंक फैला रहा है। पंजाब के कई मामलों में वांछित लखबीर साल 2017 में कनाडा भाग गया था। पंजाब पुलिस के अनुसार 33 वर्षीय लखबीर सिंह उर्फ लांडा एक गैंगस्टर है, जो मूलरूप से तरनतारन जिले के हरिके का रहने वाला है। फिलहाल वह कनाडा के सास्काटून में रहता है। लंडा पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरमिंदर सिंह उर्फ रिंदा के साथ मिलकर पंजाब में आतंकी नेटवर्क चला रहा है। मोहाली में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस विंग के हेड क्वार्टर पर हुए आरपीजी हमले में लखबीर सिंह का नाम सामने आया था। तरनतारन में हुए कपड़ा व्यापारी की हत्या में भी लखबीर का नाम सामने आया था। पंजाब में उसके खिलाफ २० आपराधिक मामले दर्ज हैं।सिटी स्कैन करवाया, सूरी को लगी थी चार गालियां
पुलिस ने सुधीर सूरी के शरीर का सिटी स्कैन करवाया है। इसमें सूरी को चार गोलियां लगने की बात पता चली है। दो गोलियां छाती पर एक पट के पास और एक गोली कंडे में लग कर निकल गई है। भारी सुरक्षा प्रबंधों के बीच पुलिस हिन्दू नेता का पोस्टमार्टम करवाने के लिए शव सरकारी मेडिकल कालेज के मोर्चरी हाउस में ले गई। पोस्टमार्टम करने के लिए तीन डाक्टरों का बोर्ड बनाया गया है।
अमृतसर में माहौल तनावपूर्ण
शिवसेना (टकसाली) नेता सुधीर सूरी की जघन्य हत्या के बाद अमृतसर में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। हिन्दू संगठनों ने आज पंजाब बंद का आह्वान किया है। शिवसेना दुकानें बंद करवाने को लेकर लोगों से बहर कर रहे हंै। पंजाब में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। हिन्दू नेताओं और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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Punjab Crime : शिवसेना नेता सुधीर सुरी की अमृतसर में सरेआम गोली मारकर हत्या, मंदिर के बाहर दे रहे थे धरना
पंजाब के अमृतसर में शिवसेना नेता सुधीर सूरी की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई है। सूरी एक मंदिर के बाहर धरना दे रहे थे, इसी दौरान उन्हें गोली मारी गई है। बताया जा रहा है कि गोपाल मंदिर के बाहर कूड़े में भगवानों की मूर्तियां मिलने को लेकर वह यहां धरने पर बैठे थे। इसी दौरान किसी ने भीड़ में उन्हें गोली मार दी।
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Supreme Court : विजय माल्या के वकील, उनका कुछ अता-पता नहीं, केस लड़ने से किया इनकार
भगोड़े विजय माल्या के वकील ने उसका केस लड़ने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान माल्या के वकील ईसी अग्रवाल ने काह कि माल्या का कुछ पता नहीं है और कोई संपर्क भी नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उसका केस लड़ना संभव नहीं है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ से वकील ईसी अग्रवाल ने कहा कि मैं इस मामले से डिस्चार्ज होना चाहता हूं। मुझे इस व्यक्ति से कोई निर्देश नहीं मिल रहा है।
बेंच भारतीय स्टेट बैंक के साथ मौद्रिक विवाद के संबंध में माल्या द्वारा दायर दो विशेष अनुमति याचिकाओं पर विचार कर रही थी। पीठ ने वकील को मामले में डिस्चार्ज करने के लिए प्रक्रिया का पालन करने की अनुमति दी और उसे अदालत की रजिस्ट्री को माल्या के ई-मेल आईडी और वर्तमान आवासीय पते के बारे में सूचित करने के लिए कहा। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में विजय माल्या को आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में कोर्ट की अवमानना करने के आरोप में चार महीने कैद की सजा सुनाई थी।
अदालत ने सरकारी अधिकारियों को भारत में विजय माल्या की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया। उस मामले में भी माल्या के वकील को डिस्चार्ज करने की अनुमति दी गई थी। अदालत ने एक एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था क्योंकि माल्या पेश नहीं हुए थे। वहीं भारत सरकार के कहने पर ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहे माल्या को अवमानना मामले में सजा काटने के लिए भारत मे पेश होना बाकी है।
शीर्ष अदालत ने पांच साल पहले माल्या को कोर्ट की अवमानना का माना था दोषी
ज्ञात हो कि जिस केस में शीर्ष अदालत में माल्या को लेकर सुनवाई चल रही है। यह मामला साल २०१७ का है। सुप्रीम कोर्ट ने ५ साल पहले ९ मई २०१७ को विजय माल्या को कोर्ट के आदेश की अवमानना का दोषी मानते हुए उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी। विजय माल्या ने अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा उन बैंकों और संबंधित प्राधिकरणों को नहीं दिया था, जिनसे उसने करोड़ों अरबों का कर्ज लिया था। -
Kalyugi Son : जरा सी बात पर हैवान बना बेटा… मां को आग में झोंक जलाया जिंदा, खुद का भी हुआ हाल
जिस मां ने जन्म दिया कलयुगी बेटे ने उसी सगी मां को आग में झोंक दिया। जानकारी के अनुसार यह दर्दनाक मामला बिहार के वैशाली का है। मां को आग के हवाले करने के चक्कर में बेटा भी बुरी तरह से आग में झुलस गया है। इस दिल दहला देने वाली घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मां-बेटे को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने महिला रंजू देवी को मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि हाजीपुर के सदर थाना क्षेत्र के आशीष चौक के पास छठ के मौके पर व्रत रखने वाली मां को बेटे ने ही जिंदा जलाकर मार डाला। मां को जिंदा जलाने के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है।
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Azam Khan Sentenced to 3 Years : हेड स्पीच मामले मे रामपुर कोर्ट ने सुनाया फैसला, विधायकी पर खतरा
हेट स्पीच के मामले में समाजवादी पार्टी विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान को दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई गई है। यह सजा रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने सुनाई है। साथ ही उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। ऐसे में अब आजम खान की विधायिकी पर संकट आ गया है। इस समय आजम खान रामपुर शहर विधानसभा से विधायक हैं।
दरअसल आजम खान पर पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी और तत्कालीन डीएम रामपुर के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप है। यह बयान उन्होंने थाना क्षेत्र मिलक में एक जनसभा को संबोधित दिया था। 21 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई के लिए आजम खान एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश पर नहीं पहुंचे थे। इसलिए इस मामले में अंतिम फैसला नहीं हो सका था। आजम खान कई मामलों में 27 महीने जेल में रहे, उन्हें इस इसी साल 20 मई 2022 को जमानत मिली थी।आजम खान पर 80 मुकदमे दर्ज थे, कुछ में मिली जमानत
आजम खान पर भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में करीब 80 मुकदमे दर्ज किये गये थे। इनमें किसानों की जमीन जबदस्ती हथियाने से लेकर किताबें चुराने, मारपीट करने, बकरी और भैंस चुराने तक के मुकदमे दर्ज किये गये थे। ज्यादातर मामलों में उनको जमानत मिल चुकी है। उनके ड्रीम प्रेजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर भी सवाल उठ रहे थे। आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए आजम ने अपने रसूख का गलत इस्तेमाल किया है। आजम खान रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार विधायक रह चुके हैं।
27 महीने तक जेल में रहे थे आजम खान
कई अलग-अलग मामलों में सपा विधायक आजम खान 27 महीने तक जेल में रह चुके हैं। उन्हें 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 20 मई की सुबह वह सीतापुर जिला जेल से रिहा हुए थे। उनकी रिहाई के दौरान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम और शिवपाल यादव भी मौजूद थे।