Category: अपराध

  • Social Crime : सोशल मीडिया की वजह से परिवार खत्म हो गया है

    चित्रकूट में सोशल मीडिया की वजह से पूरा परिवार खत्म हो गया। यहां मानिकपुर में रहने वाले पिता ने इंस्टाग्राम पर बेटी की बॉयफ्रेंड के साथ रील देख गोली मार दी। बचाव करने आई पत्नी की भी गोली लगने से मौत हो गई। इसके बाद वह बंदूक छोड़कर भाग गया। मंगलवार सुबह आरोपी ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया।

    उसका शव घर से 2 किमी. दूर जंगल में पेड़ से लटकता मिला है। आज सुबह गांव के कुछ लोग जंगल की तरफ से गुजरे तो उन्होंन नंद किशोर का देखा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतरवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। अब परिवार में सिर्फ 15 साल की एक बेटी बची है।

    ननिहाल में रहती थी नंद किशोर की बेटी खुशी

    घटना बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के सेमरदहा गांव की है। यहां के रहने वाले नंद किशोर त्रिपाठी की बेटी खुशी त्रिपाठी (18) अपने ननिहाल मराचंद्रा गांव में रहती थी। वहीं पर पंकज यादव नाम के युवक से उसका प्रेम-प्रसंग हो गया।

    होली पर कुछ दिनों पहले ही खुशी अपने घर आई थी। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को पिता ने बेटी के फोन में इंस्टाग्राम रील देखी। इसमें खुशी किसी लड़के के साथ दिखाई दी। इसके बाद वह आग बबूला हो गया। पहले तो उसने बेटी को समझाया, लेकिन बेटी से झगड़ा बढ़ता गया। पत्नी सीमा ने शांत कराने की कोशिश की पर मामला नहीं सुलझा।

    अस्पताल ले जाते समय खुशी ने तोड़ा दम

    पड़ोसियों ने बताया, “पारिवारिक विवाद इतना बढ़ गया कि नंद किशोर ने लाइसेंसी बंदूक से अपनी बेटी खुशी को गोली मार दी। ये गोली खुशी की छाती पर लगी। नंद किशोर लगातार फायरिंग कर रहा था। बीच बचाव करने आई पत्नी सीमा (45) को दूसरी गोली लग गई। गोली की आवाज सुनकर मौके पर आस-पास के लोग पहुंचे। लोग लड़की को इलाज के लिए अस्पताल ले जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गई। जबकि मां की मौके पर ही मौत हो गई।

    कई दिनों से पिता-बेटी में था विवाद

    बताया जा रहा है कि खुशी कुछ दिन पहले ही अपने ननिहाल माराचंद्रा गई थी। कुछ बात के चलते पिता नंद किशोर उसे वापस घर ले आया था। इस पर गुस्से में खुशी ने जहरीला पदार्थ भी खा लिया था। अभी चार दिन पहले मानिकपुर CHC में उसका इलाज हुआ था। इसके बाद से हर रोज पिता व बेटी में विवाद होता था। बेटी का प्रेम-प्रसंग ही विवाद का कारण बताया जा रहा है।

    गोली मारने के बाद की सुसाइड करने की कोशिश

    प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “नंद किशोर के घर से फायरिंग की आवाज आई, तो हम लोग दौड़ के मौके पर गए। वहां पर मां-बेटी खून से लथपथ हालत में आंगन में पड़ी थीं। वहीं पर पास में नंद किशोर भी बेसुध हालत में पड़ा था। उसके हाथ में बंदूक थी, उसने कनपटी पर तानी और ट्रिगर दबाने वाला था। तब तक हम लोगों ने उसे रोक लिया।

    दोनों के पास गए तो देखा कि सीमा की मौत हो चुकी थी। लेकिन बिटिया खुशी की सांसें अभी चल रही थीं। उसे अस्पताल ले जाने लगे। लेकिन हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। इसी बीच नंद किशोर मौके से फरार गया। आज उसका शव मिला है। पत्नी व बेटी की हत्या का बोझ वह सह नहीं पाया और खुद भी जान दे दी।

    प्राइवेट अस्पताल में काम करता था नंद किशोर

    रिश्तेदारों के बताया, “नंद किशोर अपने 5 भाइयों में सबसे छोटा था। वह कर्वी में कृष्ण विनायक प्राइवेट अस्पताल में नौकरी करता था। इसके अलावा ऐन्चवारा गांव में पशु मित्र के रूप में भी काम करता था। उसके पास कुल 1 बीघा जमीन थी। जिसे बटाई पर देकर खेती कराता था। परिवार में दो बेटियां थीं, हंसी खुशी सब रहते थे। लेकिन ये नहीं पता था कि इतना बड़ा हादसा हो जाएगा।”

    पिता के शव से लिपटकर रोने लगती है बेटी

    नंद किशोर के परिवार में अब सिर्फ उसकी 15 साल की बेटी निशी  बची है। कल मां-दीदी की मौत के बाद आज पिता की मौत से वह बेसुध हो गई है। निशी अपने पिता के शव से बार-बार लिपटकर रोने लगती है। आस पास के लोग उसे ढांढस बंधाते हैं, लेकिन परिवार खत्म होने से वह टूट चुकी है। निशी को पुलिसकर्मी भी समझा बुझाकर शांत करा रहे हैं। लेकिन उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे।

    जंगल में आरोपी पिता की मिली डेडबॉडी

    ASP चक्रमणि त्रिपाठी ने कहा, ‘सोमवार को एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी-बेटी की हत्या की थी। आज गांव से दो किमी. दूर घने जंगल में उसकी भी डेडबॉडी मिली है। ग्रामीणों के अनुसार, वह कल ही आत्महत्या करने वाला था, लेकिन लोगों ने उसे रोक लिया। आत्मग्लानि के चलते उसने आज फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है।’

  • Manish Sisodia : 7 दिनों के लिए ED की रिमांड में भेजे गए मनीष सिसोदिया, CBI मामले में जमानत पर 21 मार्च को सुनवाई

    Manish Sisodia : 7 दिनों के लिए ED की रिमांड में भेजे गए मनीष सिसोदिया, CBI मामले में जमानत पर 21 मार्च को सुनवाई

    Manish Sisodia News: ED ने कोर्ट में कहा कि मनीष सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने उन्हें 7 दिनों के लिए ED की रिमांड में भेज दिया है।

    Manish Sisodia News: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ED की दलीलों की सुनवाई करने के बाद मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को 7 दिनों के लिए ED की रिमांड में भेज दिया है। ED ने कोर्ट से 10 दिनों के लिए मनीष सिसोदिया की रिमांड मांगी थी, जिसका उनके वकील दयान कृष्णन ने विरोध किया था। अब मनीष सिसोदिया 17 मार्च तक ईडी की कस्टडी में रहेंगे। इससे पहले आज कोर्ट में सीबीआई मामले पर मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं हो पाई, कोर्ट अब इस मामले पर 21 मार्च को सुनवाई करेगा।

    इस मामले में ED के वकील ज़ोहेब हुसैन ने एक ‘षड्यंत्र’ का दावा किया है। उन्होंने कोर्ट में कहा कि सिसोदिया ने अपने फोन को नष्ट कर दिया, जांच में सबूत का एक महत्वपूर्ण टुकड़ा मिला है। ED ने आरोप लगाया कि सिसोदिया ने ‘घोटाले’ के बारे में गलत बयान दिए हैं। ED ने कहा कि वह अपराधियों के तौर-तरीकों का पता लगाना चाहती है और अन्य आरोपियों के साथ सिसोदिया का सामना करवाना चाहती है। ईडी ने यह भी कहा कि बीआरएस विधायक के कविता और सिसोदिया के बीच राजनीतिक अंडर स्टैंडिंग थी।

    कोर्ट में सुनवाई के दौरान ED ने कहा कि नई शराब नीति के जरिए बड़े-बड़े लोगों को फायदा पहुंचाया गया। इस नीति के जरिए दक्षिण भारत की कंपनियों को भी फायदा पहुंचाया गया। ED ने कोर्ट में यह भी दावा किया कि मनीष सिसोदिया ने अन्य लोगों के नाम से सिम कार्ड और मोबाइल फोन खरीदे थे।

    सुनवाई के दौरान ED ने कोर्ट को बताया कि नई शराब नीति बनाने के पीछे साजिश थी। जांच एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में बताया कि साजिश का समन्वय विजय नायर ने अन्य लोगों के साथ किया था। नई शराब नीति थोक विक्रेताओं के लिए असाधारण लाभ मार्जिन के लिए लाई गई थी।

    इस दौरान ED ने कोर्ट को विजय नायर और के कविता (BRS MLC) के बीच हुई मीटिंग के बारे में भी बताया। ED ने कहा कि आरोपी बुचिबाबू गोरंटला ने खुलासा किया है कि तब के डिप्टी मनीष सिसोदिया और के कविता के बीच राजनीतिक समझ थी, जो विजय नायर से भी मिले थे। बुच्चीबाबू के कविता के पूर्व ऑडिटर हैं और फिलहाल जमानत पर हैं।

    मनीष सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन, मोहित माथुर और सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि शराब नीति LG द्वारा स्वीकार की गई थी जिन्होंने इसकी जांच की होगी। वकीलों ने तर्क दिया है कि अब यह ‘एजेंसियों के लिए गिरफ्तारी को एक अधिकार के रूप में लेने का फैशन’ बन गया है। उन्होंने PMLA एक्ट को ‘कठोर’ कानून भी करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि नीति बनाना कार्यपालिका का काम है जो जांच के कई लेवलों से गुजरती है।

    केजरीवाल का भी होगा सिसोदिया जैसा हाल

    ED द्वारा मनीष सिसोदिया पर शिकंजा करने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी सांसद मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी मनीष सिसोदिया जैसा हाल होगा। उन्होंने कहा, “मैं स्पष्ट रूप से देख सकता हूं कि भविष्य में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल का भी जेल में बंद मंत्रियों सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसा हश्र होगा। आप एक इंसान को धोखा दे सकते हैं, लेकिन आप भगवान को धोखा नहीं दे सकते। जिस तरह से दिल्ली के खजाने को लूटा गया है, मुझे नहीं लगता कि कोई अपराधी या भ्रष्टाचारी बच पाएगा।”

  • Bijnaur News : किरतपुर में चोरों के हौसले बुलंद, आदर्श विद्या निकेतन इंटर कॉलेज को बनाया निशाना

    Bijnaur News : किरतपुर में चोरों के हौसले बुलंद, आदर्श विद्या निकेतन इंटर कॉलेज को बनाया निशाना

    किरतपुर । अज्ञात चोर रात्रि में ताले तोड़कर इनवर्टर ,बैटरी, कैमरे एवं डीवीआर आदि उड़ा ले गए।
    किरतपुर -थाना क्षेत्र के अंतर्गत किरतपुर – मौजमपुर रोड आदर्श विद्या निकेतन इंटर कॉलेज ताहरपुर में 28-02-2023 की रात्रि मैं अज्ञात चोर विद्यालय के ऑफिस ,स्टाफ रूम, प्रधानाचार्य रूम, के ताले तोड़कर इनवर्टर ,बैटरी ,कैमरा एवं डी वी आर आदि उड़ा ले गए जिसकी अनुमानित राशि लगभग 50,000 बताई जा रही है। कॉलेज प्रबंधक धर्मेंद्र सिंह एवं प्रधानाचार्य देवेंद्र कुमार द्वारा थाने में तहरीर दी गई है,जिसमें उक्त संबंध में उचित कार्रवाई की मांग की है। प्रबंधक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए विद्यालय प्रांगण में कैमरे लगाए गए हैं लेकिन चोर कैमरे एवं डी वी आर ले उड़े लेकिन उन्हें थाना अध्यक्ष मनोज कुमार एवं उनकी कार्यशैली पर पूरा विश्वास है कि वो चोरों का पता लगाकर उक्त कार्रवाई करेंगे।

  • Noida News : आखिर गिरफ्तार कर ली गई हत्यारिन पत्नी  

    Noida News : आखिर गिरफ्तार कर ली गई हत्यारिन पत्नी  

    शूटर व बेटे की मदद से पति को उतारा था मौत के घाट

    बेटे और प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करने वाली महिला को थाना सेक्टर 126 पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ी गई महिला ने करीब एक वर्ष पूर्व अपने प्रेमी के साथ मिलकर बेटे व शूटर की मदद से पति की हत्या करा दी थी। इस मामले में फरार चलने के कारण उस पर 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था।

    एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि करीब एक वर्ष पूर्व रायपुर गांव में रहने वाले ऋषि पाल शर्मा को कुछ लोगों ने सेक्टर 94 सुपरनोवा  बिल्डिंग  के पास गोली मारकर घायल कर दिया था। उपचार के दौरान ऋषि की मौत हो गई थी। इस मामले में विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला कि ऋषि की हत्या का पूरा ताना-बाना उसकी पत्नी पूजा ने ही बुना था। रायपुर में रहते हुए पूजा के पड़ोस में रहने वाले अकील नामक युवक से अवैध संबंध बन गए थे। इस बात की जानकारी ऋषि को हो गई थी, जिसे लेकर दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था। आए दिन के झगड़े से त्रस्त आकर पूजा ने अपने बेटे विशाल को अपने पति के खिलाफ कर दिया।

    पूजा ने बेटे के मन में इतनी नफरत भर दी कि वह अपने पिता को रास्ते से हटाने के लिए तैयार हो गया। पूजा ने अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए अपने प्रेमी अखिल की मदद से मेहंदी हसन नामक शूटर से संपर्क किया। शूटर मेहंदी हसन व विशाल ने मौका देखकर ऋषि को गोली मार दी थी। उपचार के दौरान ऋषि की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने मृतक के बेटे विशाल व पूजा के प्रेमी अकिल को गिरफ्तार कर लिया था। हत्या के इस मामले में साजिशकर्ता पूजा व शूटर मेहंदी हसन फरार चल रहे थे। फरार चलने के कारण कमिश्नरेट पुलिस द्वारा पूजा पर 20 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था।

    एसीपी ने बताया कि गिरफ्तारी के भय से पूजा ने अपना नाम बदल कर पूनम रख लिया और वह हरियाणा के पलवल में रहने लगी। पूजा ने एक मंदबुद्धि व्यक्ति से शादी कर उसकी पूरी संपत्ति को हड़प लिया। पूजा अपने केस के सिलसिले में वकील से मिलने के लिए नोएडा आई थी, जिसे मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में वांछित शूटर मेहंदी हसन की तलाश की जा रही है।

  • UP Politics : अतीक अहमद के लखनऊ ठिकाने पर एसटीएफ का छापा, मर्सिडीज और लैंड क्रूजर जब्त, हत्यारोपियों के घर पर चला बुलडोजर

    UP Politics : अतीक अहमद के लखनऊ ठिकाने पर एसटीएफ का छापा, मर्सिडीज और लैंड क्रूजर जब्त, हत्यारोपियों के घर पर चला बुलडोजर

    प्रयागराज पुलिस ने लखनऊ के यूनिवर्सल अपार्टमेंट में स्थित माफिया अतीक के फ्लैट में छापेमारी की, यहां हत्याकांड के शूटरों के छिपे होने की सूचना थी

    उमेश पाल हत्याकांड को लेकर प्रयागराज पुलिस की एक टीम ने माफिया अतीक अहमद के लखनऊ स्थित फ्लैट पर छापा मारा। प्रयागराज में वारदात के बाद शूटरों के इसी अपार्टमेंट में रुकने की बात सामने आई थी। पुलिस ने इस दौरान पार्किंग में खड़ी अतीक की लग्जरी गाड़ियां कब्जे में ले ली हंै। वहीं प्रयागराज में गैंगस्टर अतीक अहमद के करीबी और उमेश पाल हत्याकांड में आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया है।

    असद अमहद की तलाश में पहुंची थी पुलिस

    प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या का मुख्य आरोपी अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को बनााय गया है। असद की तलाश में अतीक के ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। इस क्रम में पुलिस उसके लखनऊ के महानगर इलाके में स्थित यूनिवर्सल अपार्टमेंट में आवास पर पहुंची थी। माफिया डॉन के फ्लैट पर ताला लगा था। यहां से लग्जरी गाड़ियों लैंड क्रूजर और मर्सिडीज को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।
    छापेमारी के दौरान प्लैट की सघन तलाशी ली गई और अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किेय गये पर कोई मिला नहीं। परिसर से पुलिस ने एक लैंड क्रूजर और मर्सडीज कार बरामद की है। प्रयागराज पुलिस ने दोनों कारों को कब्जे में लेकर लखनऊ पुलिस के हवाले कर दिया। प्रयाागराज पुलिस के इनपुट पर लखनऊ पुलिस ने भी आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

    मर्सिडीज और लैंड क्रूजर जब्त

    माफिया अतीक के फ्लैट से जब्त की गई मर्सिडीज और लैंड क्रूजर गाड़ियों के बारे में जानकारी देतेे हुए इंस्पेक्टर महानगर केके तिवारी ने कहा कि दानेों कारों को कब्जे में ले लिया गया है। यूनिवर्सल अपार्टमेंट में हत्याकांड से जुडे शूटरों के छिपे होने की आशंका थी। यह कारें कब से खड़ी थीं। कौन यहां पर इन्हें लगाया था सेमत तमाम बिंदुओं की जांच की जा रही है।

    आरोपियों पर घर पर चला बुलडोजर

    राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके गनर संदीप निषाद की हत्या के मामले में प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर की कार्रवाई की। धूमनगंज थाना क्षेत्र के हत्याकांड के आरोपियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाया गया। आरोपी हत्याकांड को अंजाम देने के बाद यहीं छिपे हुए थे। वहीं दूसरी ओर खबर है कि हत्याकांड का मुख्य आरोपी और अतीक अहमद का फरार बेटा असद अहमद सरेंडर की फिराक में है। वह कोशांबी कोर्ट में अज सरेंडर कर सकता है।

    सरेंडर कर सकता है असद अहमद

    प्रयागराज विकास प्राधिकरण के दस्ते के साथ भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में सुबह १० बजे से कार्रवाई शुरू होगी। उमेश पाल हत्याकांड मामले में अब तक एक आरोपी अरबाज एनकाउंटर में ढेर हो चुका है जबकि दूसरी आरोपी सदाकत खान को पुलिस ने अरेस्ट किया है। कोर्ट ने सदाकत को १४ दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है। गौरतलब है कि २४ फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज स्थित सुलेम सराय इलाके में बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की गाली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल मर्डर केस में मुख्य आरोपी असद पर ५० हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। प्रयागराज पुलिस की ओर से इस इनाम की घोषणा की गई है।

  • यूपी पुलिस का सख्त एक्शन, एनकाउंटर में मारा गया अतीक का करीबी अरबाज

    यूपी पुलिस का सख्त एक्शन, एनकाउंटर में मारा गया अतीक का करीबी अरबाज

    राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके सरकारी गनर की दिनदहाड़े हत्या करने वाले एक हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने सोमवार को मार गिराया है। प्रयागराज पुलिस ने दावा किया है कि उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अरबाज को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। वहीं उमेश पाल हत्याकांड के अन्य आरोपियों की तलाश के लिए पिुलस छापेमारी कर रही है।
    राजू पाल हत्याकांंड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में जिस क्रेटा कार का यूज किया गया था। उसको अरबाज ही चला रहा था। मारे गये अरबाज को अतीक का करीबी बताया जाता है। अरबाज सल्लापुर का रहने वाला ता जो अतीक की गाड़ी भी चलाता था। अरबाज को धूमनगंज इलाके में स्थित नेहरू पार्क के जंगल में ढेर किया गया है। इस एनकाउंटर में एक पुलिसकर्मी के भी घायल होने की खबर है। एनकाउंटर में गोली लगने के बाद अरबाज को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
    तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद यूपी एसटीएफ की १०टीमें कातिलों की तलाश कर ही हैं। इस बीच पूर्व सांसद अतीक अहमद के घर के पास से सफेद रंग की क्रेटा कार बरामद हुई है। बदमाश वारदात को अंजाम देने के बाद गाड़ी छोड़कर फरार हो गये थे। कार को जब्त कर लिया गया है। कार अतीक अहमद के घर से २०० मीटर की दूरी पर खड़ी पाई गई। क्रेटा कार सफेद रंग की है, जिस पर नंबर नहीं है। इसी सफेद की क्रेटा कार से शूटर उमेश पाल का पीछा करते हुए पहुंचे थे।

  • पटना में पार्किंग को लेकर खूनी संघर्ष, फायरिंग में 2 लोगों की मौत, कई घायल

    पटना में पार्किंग को लेकर खूनी संघर्ष, फायरिंग में 2 लोगों की मौत, कई घायल

    बिहार की राजधानी पटना के पास जेठुली गांव में पार्किंग को लेकर हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गये। रविवार को इलाके में पार्किंग विवाद को लेकर दो गुटों के बीच हिंसक झड़प के बाद गुस्साई भीड़ ने कुछ इमारतों में भी आग लगा दी। पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत छह अन्य को गिरफ्तार किया है। फिलहाल हालत सामान्य है। घायलों को एनएमसीएच में भर्ती कराया गया था बाद में पीएमसीएच रेफ कर दिया गया है।
    क्या था मामला
    जानकारी के अनुसार घटना में गोली लगने से मरने वाले लोगों की उमेश नाम के एक शख्स के साथ बहस हुई थी। उमेश उस व्यक्ति के घर के बाहर पार्किंग के रास्ते में अपनी गाड़ी लगाकर गिट्टी उतार रहा था। पीड़ितों के परिजनों को बताया कि सिर्फ इतना कहने पर विवाद हुआ कि वह अपनी गाड़ी वहां से हटा ले।
    मामला इतना बढ़ गया कि उमेश और उसके सहयोगियों, परिवार के लोगों ने फायरिंग की और घर को आग के हवाले कर दिया। पांच लोग मौके पर ही घायल हो गये। घायलों के नाम चनारिक राय, मुनारिक राय, रोशन कुमार, गौतम कुमार और नागेंद्र राय हैं। अस्पताल ले जाने के दौरान गौतम कुमार और रोशन का निधन हो गया है।
    गांव के लोगों में गुस्सा, गाड़ियों के आगे के हवाले किया
    छोटे सा विवाद इतनी बड़ी घटना में बदल गया है कि आसपास के लोग सकते में आ गये। ताबड़तोड़ फायरिंग हुई। घर को आग लगाई गई। इलाके में हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल हो गया। जानकारी के अनुसार गांव के लोगों ने एक जगह जमा होकर उमेश राय, राम प्रवेश राय, बच्चा राय, रितेश राय, संजीत राय पर हमला कर दिया।
    बताया जा रहा है कि लोगों ने उमेश के घर और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस भी इस घटना को कंट्रोल करने में नाकाम सी दिखाई दे रही थी। फिलहाल माहौल शांत है। पटना-फतुहा पुरानी बाइपास रोड को जाम किया गया। भीड़ इतनी क्रोधित थी कि पुलिस से उमेश को भीड़ के हवाले करने की मांग की गई, उमेश के परिवार को पुलिस सुरक्षा के तहत जगह से लेे जाया गया।

  • आखिर क्यों देश में दहेज हत्या के मामले आसमान छू रहे हैं?

    आखिर क्यों देश में दहेज हत्या के मामले आसमान छू रहे हैं?

    भले ही लोग जानते हैं कि दहेज एक अपराध है, फिर भी समाज में यह बुराई अभी भी मौजूद है। हाल ही में एक युवती ने दहेज प्रताड़ना की शिकायत के बाद आत्महत्या कर ली। उसके मामले में, 102 गवाह थे और उसके वॉयस नोट सहित 53 सबूत उसके पति को भेजे गए थे जहाँ उसने अपने ससुराल वालों से हुई यातना की शिकायत की थी। यह सिर्फ उसकी ही नहीं बल्कि कई अन्य महिलाएं हैं जो दहेज की धमकियों का सामना करती हैं और मर जाती हैं क्योंकि उनके परिवार दहेज की मांगों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। अंतर यह है कि ऐसी घटनाएं प्रकाश में नहीं आती क्योंकि पीड़ित इसके बारे में चुप रहने का फैसला करते हैं। शोध के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में, सजा दर बहुत कम है और दुख की बात यह है कि इन मामलों में शायद ही कोई दोषी साबित होता है।

    डॉ. सत्यवान सौरभ

    दहेज, एक सांस्कृतिक प्रथा जो कई भारतीय समुदायों में गहराई से निहित है, दुल्हन के साथ दूल्हे के परिवार को दिए गए पैसे, सामान या संपत्ति को संदर्भित करती है। दहेज समाज में एक सामाजिक बुराई है, जिसने महिलाओं के प्रति अकल्पनीय अत्याचार और अपराध को जन्म दिया है। बुराई ने समाज के हर तबके की महिलाओं की जान ली है – चाहे वह गरीब हो, मध्यम वर्ग या अमीर। हालाँकि, यह गरीब ही हैं जो जागरूकता और शिक्षा की कमी के कारण इसकी चपेट में आते हैं और इसके शिकार होते हैं।

    भले ही लोग जानते हैं कि दहेज एक अपराध है, फिर भी समाज में यह बुराई अभी भी मौजूद है। हाल ही में एक युवती ने दहेज प्रताड़ना की शिकायत के बाद आत्महत्या कर ली। उसके मामले में, 102 गवाह थे और उसके वॉयस नोट सहित 53 सबूत उसके पति को भेजे गए थे जहाँ उसने अपने ससुराल वालों से हुई यातना की शिकायत की थी। यह सिर्फ उसकी ही नहीं बल्कि कई अन्य महिलाएं हैं जो दहेज की धमकियों का सामना करती हैं और मर जाती हैं क्योंकि उनके परिवार दहेज की मांगों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। अंतर यह है कि ऐसी घटनाएं प्रकाश में नहीं आती क्योंकि पीड़ित इसके बारे में चुप रहने का फैसला करते हैं। शोध के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में, सजा दर बहुत कम है और दुख की बात यह है कि इन मामलों में शायद ही कोई दोषी साबित होता है।

    कई साक्षर और विकसित राज्य, दहेज के मामलों की उच्च संख्या। इससे पता चलता है कि साक्षरता की उच्च दर इस खतरे को रोकने में सक्षम नहीं है। उदाहरण के लिए, 96.2% साक्षरता दर के साथ, केरल भारत का सबसे साक्षर राज्य है। 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 96.11% पुरुष और 92.07% महिलाएं साक्षर हैं। हालाँकि, केरल के आर्थिक और सांख्यिकी विभाग द्वारा प्रकाशित एक सांख्यिकी रिपोर्ट ने विरोधाभास प्रकट किया है कि दहेज से संबंधित मौतों के मामले राज्य में आसमान छू रहे हैं।

    दहेज के कारण हमारे समाज में गहराई तक घुसे हुए हैं; पितृसत्तात्मक प्रकृति के कारण बेटियों को संपत्ति के रूप में देखा जाता है। लड़कों के लिए एक मजबूत वरीयता है, जिसे वर्षों से कन्या भ्रूण हत्या के लिए दोषी ठहराया गया है। इसने भारत को बहुत असंतुलित लिंगानुपात के साथ छोड़ दिया है। 2011 की जनगणना के अनुसार प्रति 1,000 पुरुषों पर 940 महिलाएं हैं। भारत में महिलाओं की तुलना में 37 मिलियन अधिक पुरुष हैं, जिससे पुरुषों के लिए उपयुक्त दुल्हन ढूंढना मुश्किल हो जाता है।

    सामाजिक रवैये की वजह से दहेज को अपराध और शर्म का कारण मानने के बजाय यह गर्व का विषय बन गया है। पारिवारिक समारोहों में कॉफी पर इसकी चर्चा होती है। दामादों को अक्सर उनके साथ आने वाले मूल्य टैग के साथ पेश किया जाता है। शिक्षित वर अधिक दहेज की मांग करते हैं। शिक्षा को केवल एक अन्य कारक तक सीमित कर दिया गया है जो आपके बाजार दर को निर्धारित करता है। आज, दहेज को सीधे तौर पर दुल्हन के पति द्वारा उसके अनुमान और उपचार से जोड़कर देखा जाता है, जिससे उनके परिवारों को यह सुनिश्चित करने के लिए मजबूर होना पड़ता है कि पर्याप्त मात्रा में दहेज प्रदान किया जाता है। लालचवश दुल्हन के परिवार से भौतिक लाभ की उम्मीद के कारण, दहेज की मांग की जाती है, और कई बार, जब मांग पूरी नहीं होती है, या तो शादी को रद्द कर दिया जाता है, या घरेलू हिंसा के लिए दुल्हन का शोषण किया जाता है।

    देश में 74.04% की साक्षरता दर के साथ, इसे विभिन्न सामाजिक बुराइयों का प्राथमिक कारण मानना काफी मान्य है। जिन समुदायों को कानूनों और कानून के बारे में जानकारी नहीं है, उन्हें दहेज विनिमय प्रथाओं के कारण कई अत्याचारों का सामना करना पड़ता है। कानूनों का पालन करने की इच्छा का अभाव इसकी असफलता के पीछे प्राथमिक कारण जन भागीदारी की कमी है। लोग ऐसे कानूनों पर ध्यान नहीं देते हैं और विवाह प्रस्ताव की आड़ में भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए दहेज प्रथा को बढ़ावा देते है।

    प्रथा के कारण ही बेटियों को बेटों के बराबर महत्व नहीं दिया जाता है। समाज में, कई बार यह देखा गया है कि उन्हें एक दायित्व के रूप में देखा जाता है और अक्सर अधीनता के अधीन किया जाता है और उन्हें दूसरे हाथ का उपचार दिया जाता है चाहे वह शिक्षा या अन्य सुविधाओं में हो। माता-पिता अपनी बेटियों को शिक्षित करने पर पर्याप्त जोर नहीं देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि बाद में पति उनका समर्थन करेंगे। समाज के गरीब तबके जो अपनी बेटियों को बाहर काम करने और कुछ पैसे कमाने के लिए भेजते हैं, ताकि उनके दहेज को बचाने में मदद मिल सके। नियमित मध्य और उच्च वर्ग की पृष्ठभूमि के लोग अपनी बेटियों को स्कूल जरूर भेजते हैं, लेकिन करियर विकल्पों पर जोर नहीं देते। बहुत धनी माता-पिता जो अपनी बेटियों का तब तक समर्थन करते हैं जब तक कि उनकी शादी नहीं हो जाती।

    दहेज रोकने के उपाय शिक्षा और संवेदीकरण पर निर्भर है इसलिए युवा पीढ़ी को पुत्र-पुत्रियों को शिक्षित करें; उन्हें अपना करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करें; उन्हें स्वतंत्र और जिम्मेदार होना सिखाएं; बिना किसी भेदभाव के अपनी बेटियों के साथ समान व्यवहार करें; दहेज लेने या देने की प्रथा को प्रोत्साहित न करें; मास मीडिया अभियान के जरिये मीडिया में दहेज प्रथा को भारतीय समाज की मुख्यधारा से हटाने की क्षमता है। संबंधित समाचार प्रकाशित करके और दहेज संबंधी अपराध के किसी भी रिपोर्ट किए गए मामले से अधिकारियों को अवगत कराकर, वे संभावनाओं पर प्रभावी नियंत्रण रख सकते हैं।

    भारत में दहेज पर कानून दहेज निषेध अधिनियम 1961 भारत में दहेज से संबंधित है। यह अधिनियम विवाह में दोनों पक्षों द्वारा दहेज देने या लेने की प्रथा को प्रतिबंधित करता है। यह कानून दहेज की मांग करने और विज्ञापन देने पर भी दंड देता है। घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 से महिलाओं का संरक्षण; घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005, भारत में घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक नागरिक कानून उपाय प्रदान करने के लिए पारित किया गया था। घरेलू हिंसा अधिनियम शारीरिक, मौखिक, भावनात्मक, आर्थिक और यौन दुर्व्यवहार के सभी रूपों को शामिल करता है और घरेलू हिंसा के कारणों में से एक हद तक दहेज विरोधी कानूनों का एक सबसेट बनाता है।

    स्वैच्छिक संगठनों को दहेज प्रथा के खिलाफ प्रचार करना चाहिए। इन संस्थाओं के कार्यकर्ता दहेज प्रताड़ना की पीड़िताओं की मदद करें और उन्हें न्याय दिलाएं। इन संस्थाओं को विज्ञापन के माध्यम से लोगों को अपने संबोधन से अवगत कराना चाहिए ताकि पीड़ित उनसे न्याय दिलाने में मदद की गुहार लगा सकें। महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को व्यवस्थित रूप से महिलाओं के खिलाफ हिंसा और स्थानीय सहायता प्रणालियों के अस्तित्व के बारे में उन्मुख होना चाहिए। सक्रिय रूप से जागरूकता फैलाकर और एकजुटता प्रदर्शित करके, महिलाओं के स्वयं सहायता समूह अधिक समान समाज के निर्माण में एक शक्तिशाली भूमिका निभा सकते हैं।

    दहेज भारतीय विवाह का एक संस्थागत और अभिन्न अंग बन गया है। सामाजिक और आर्थिक वास्तविकताएं इसे नियंत्रण में रखने के लिए बहुत कम करती हैं। ऐसे में दहेज से संबंधित संस्थागत ढांचे को संशोधित करने और दहेज के विभिन्न रूपों और इसके प्रचलन के कारणों पर और अधिक शोध की आवश्यकता समय की मांग है।

    (लेखक कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट हैं)

  • देश और समाज के लिए घातक हैं भिवानी जैसे कांड

    देश और समाज के लिए घातक हैं भिवानी जैसे कांड

    युवाओं को बर्बाद करने वाला है गोरक्षा के नाम विषाक्त किया जा रहा यह माहौल, पीड़ित और आरोपी वर्ग दोनों की बर्बादी ही बर्बादी

    चरण सिंह राजपूत

    भिवानी के लोहारू में जलती गाडी में मिले दो नर कंकाल के बाद जिस तरह से मामले को गो तस्करी के शक से जोड़ा जा रहा है। जिस तरह से मामले में बजरंग दल से जुड़े लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। जिस तरह से मामलो को लेकर अभियुक्त ने पुलिस से मिलकर सहयोग करने के बजाय वीडियो जारी कर अपनी सफाई दी है, जिस तरह से गाड़ी में जलकर मरे लोगों में  से एक पर गोतस्करी के कई मामले दर्ज हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि गोवंश की रक्षा के नाम पर कुछ लोग बेलगाम विषाक्त माहौल बनाने में लगे हैं और इस माहौल से न केवल देश और समाज बल्कि इस काम में लगे लोगों का भी नुकसान हो रहा है। इस माहौल का यदि किसी कोई फायदा हो रहा है तो बस धर्म के नाम पर सियासत करने वालों का। यदि ऐसा नहीं है तो फिर क्या इस तरह की वारदातों में लिप्त लोग बच जाते हैं क्या ? इन लोगों को जेल ही जाना पड़ता है न। जिंदगी तो इनकी भी बर्बाद होती है। इस माहौल से ऐसा भी नहीं है कि गोवंश कोई सुरक्षित हो गया है। या फिर उसकी देखभाल होने लगी है।

    गोवंश भी किसानों के खेतों और सड़कों पर भटकते देखा जा रहा है। यह गोवंश जहां किसानों की फसलें चरते देखा जाता है वहीं सड़कों पर सड़कों पर कूड़े पड़ी गंदी पॉलिथीन को चाटते देखा जाता है। गोवंश के रक्षकों को यह सब नहीं दिखाई देता है।जमीनी हकीकत यह है कि किसानों के ट्रैक्टर से खेती करने की वजह से गोवंश की पूछ गांवों में भी कम हुई है। जहां तक गाय की बात है तो गाय को पालने वाला व्यक्ति भी गाय तो तभी तक पालता है जब तक वह दूध देती है। बाद में वह गाय माता भी गाय को पालने वाले को बोझ लगने लगती है और आज का दौर तो वह है जिस दौर में बुजुर्ग मां बाप भी लोगों को बोझ लगने लगते हैं। मतलब गोरक्षकों का मामला सामाजिक कम और राजनीतिक अधिक है। नहीं तो गोवंश की रक्षा के साथ ही उसकी देखभाल की दुरुस्त व्यवस्था क्यों नहीं होती ?

    ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या गोरक्षा के नाम पर जो यह माहौल बना हुआ है। इससे किसी को कोई फायदा हो रहा है या फिर वोटबैंक की ही राजनीति ही हो रही है। क्या गोवंश की पैरवी करने वाले संगठन वास्तव में गोवंश की देखभाल करने और कटान रोकने के प्रति गंभीर हैं।  जिस तरह से गांवों में किसानों के खेतों और शहरों में सड़कों पर गोवंश देखे जा रहे हैं। जिस तरह से खेतों में फसल चर रहे हैं और सड़कों पर हादसों के कारण बन रहे हैं। उसके आधार पर तो यही कहा जा सकता है कि गोवंश की देखभाल के लिए जमीनी काम नहीं हो रहा है।देखने में आ रहा है कि गोवंश की रक्षा के नाम पर भी वोटबैंक की फसल काटने पर ध्यान ज्यादा दिया जा रहा है। गोतस्करी से मुस्लिम समुदाय को जोड़कर हिन्दुओं में सहानुभूति बटोरने पर काम ज्यादा हो रहा है। इस माहौल से सबसे अधिक नुकसान तो उन्हीं युवकों का हो रहा है जो गोरक्षा के नाम पर वोटबैंक  करने वाले संगठनों के उकसावे में आकर कोई गलत कदम उठा बैठते हैं और अपनी जिंदगी बर्बाद कर बैठते हैं।

    नहीं तो गोवंश की रक्षा के ठेकेदार बने घूम रहे लोगों को सड़कों पर गंदी पॉलिथीन चाटती गोमाता क्यों नहीं दिखाई देती हैं ? इन्हें झुंड में सड़कों पर घूमते गोवंश दिखाई नहीं देते हैं ? इन्हें वे सांड क्यों नहीं दिखाई देते हैं जो सड़क पर चल रहे निर्दोष आदमी को मार देते हैं। ऐसे कितने मामले हो गए है कि सांड के मारने से कई लोगों की मौत ही हो गई। गोवंश की वजह से सड़कों पर बड़े हादसे हो गए। ये क्यों हो रहा है ? यह इसलिए हो रहा है कि गोरक्षा के नाम पर राजनीति ज्यादा और इसकी देखभाल पर काम कम हो रहा है। गोवंश की चिंता करने वाले लोग ऐसी कोई व्यवस्था क्यों नहीं करते कि गोवंश सड़कों पर किसानों के खेतों में न दिखाई देखर गोशालाओं में दिखाई दे। भिवानी कांड को हलके में नहीं लिया जा सकता है। दो युवकों को कार में जिंदा जलाने के मामले को सामान्य नहीं कहा जा सकता है। या फिर जिन लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया है वे बच जाएंगे ?

    नहीं न तो फिर जाएंगे ने जेल में।  जिदंगी हो गई न बर्बाद। फायदा किसका हुआ ? धर्म के नाम पर सियासत करने वालों का न। वैसे भी जिन लोगों को मामले में अभियुक्त बनाया है उन्हें बजरंग दल का कार्यकर्ता बताया जा रहा है।भिवानी कांड में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले इस वारदात में जलकर मरे जुनैद और नासिर के तहेरे भाई का दावा है कि उन्हें किसी ने सूचना दी थी कि जुनैद और नासिर को पीटते हुए कुछ लोग गाड़ी में ले जा रहे हैं। यह वारदात गोतस्करी के शक में हुई बताई जा रही है। देखने की बात यह है कि मामले में नामजद मोहित यादव उर्फ मोनू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप बनाकर अपनी सफाई दी यही। उसने कहा है कि  “हम पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे बेबुनियाद हैं। जहां घटना हुई है, वहां बजरंग दल की कोई टीम मौजूद नहीं थी। मोहित यादव ने इस वारदात में बजरंग दल के किसी सदस्य के शामिल न होने की बात कही है। ऐसे में प्रश्न यह भी उठता है कि यदि मोहित निर्दोष है तो फिर वीडियो बनाकर अपनी बात कहने की बजाय उसे पुलिस से मिलकर जांच में सहयोग करना चाहिए।

    दरअसल हरियाणा भिवानी लोहारू के पास में जलती कार से दो कंकाल मिले हैं। मरने वालों की पहचान जुनैद और नासिर के रूप में हुई है। इनके परिजनों ने बजरंग दल के सदस्यों पर जुनैद और नासिर को अगवा कर उनकी हत्या करने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला गौ तस्करी से जुड़ा है। ये दोनों राजस्थान के भरतपुर के बताये जा रहे हैं। दरअसल भरतपुर के भोपालगढ़ के घाटमी गांव में दो लोगों के अगवा होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद पुलिस को सूचना मिली कि हरियाणा में दो लोगों के कंकाल मिले हैं।  पुलिस शवों का डीएनए टेस्ट कराने की बात कर रही है। हालांकि अभी तक उनकी पहचान का सही पता नहीं चल पाया है। हां पुष्टि जरूर की  गई है कि जली हुई कार वही बोलेरो है जिसे राजस्थान के भरतपुर से लापता होने से पहले दो लोग चला रहे थे।

    दरअसल इस्माइल ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसके दो चचेरे भाई जुनैद और नासिर हरियाणा के फिरोजपुर के लिए किसी काम से निकले थे, लेकिन किसी अनजान शख्स ने उन्हें फोन करके बताया कि कुछ लोग बोलेरो में मारपीट करते हुए दोनों को जंगल की तरफ ले गए हैं। पुलिस ने खालिद की शिकायत पर 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी बजरंग दल से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं।

    यह मामला गोतस्करी के संदेह को इसलिए भी लग रहा है क्योंकि मरने वाले लोगों में से एक पर गो तस्करी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस को दी अपनी शिकायत में जुनैद के भाई इस्माइल ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर अपहरण और हत्या का आरोप लगाया है। शिकायत में कहा गया कि झिरका (नूंह) में पहले दोनों के साथ मारपीट की गई और फिर उनके शवों को कार के अंदर आग के हवाले कर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों घर का सामान लेने के लिए जा रहे थे।
    पत्रकारों से बात करते हुए भरतपुर के आईजी गौरव श्रीवास्तव ने कहा है कि बुधवार रात, गोपालगढ़ पुलिस स्टेशन (भरतपुर में) में दो लोगों के अपहरण की सूचना दी गई थी। हमने उनके फोन ट्रेस किए, आस-पास के इलाकों में उनकी तलाश की। इस मामले में कुछ संदिग्धों के नाम सामने आए हैं। आरोप लगाया गया है कि कि वे दोनों बोलेरो कार में थे, उनके साथ मारपीट की गई और फिर अपहरण कर लिया गया। आज सुबह उसी इंजन और चेसिस नंबर वाली बोलेरो कार भिवानी जिले के लोहारू इलाके में मिली।”

    श्रीवास्तव ने कहा, ‘कार में दो अज्ञात लोगों के जले हुए शव मिले हैं। पोस्टमार्टम और डीएनए विश्लेषण के बाद उनकी पहचान की पुष्टि की जाएगी। परिवार के सदस्यों ने कुछ संदिग्धों का नाम लिया है और हमने उन्हें पकड़ने के लिए विशेष टीमें भेजी हैं। सभी संदिग्ध हरियाणा के हैं, लेकिन इसके पीछे उनकी क्या मंशा थी, वह स्पष्ट नहीं हो सका है।” नासिर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। जुनैद के खिलाफ गाय तस्करी के पिछले पांच मामले दर्ज हैं।

    इस्माइल द्वारा भरतपुर में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है। बुधवार सुबह लगभग 5 बजे, उसके चचेरे भाई जुनैद और नासिर अपनी बोलेरो कार में किसी निजी काम से गए थे। शिकायतकर्ता सुबह करीब 9 बजे चाय पी रहा था कि तभी एक अजनबी ने बताया कि सुबह करीब 6 बजे गोपालगढ़ के जंगल की ओर जा रहे दो लोगों को 8-10 लोगों ने बुरी तरह पीटा और वे काफी बुरी हालत में थे। इसके बाद उनका अपहरण कर लिया गया।” शिकायत में यह भी कहा गया कि आरोपियों के बारे में पूछने पर मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि वे मुल्तान निवासी अनिल के अलावा बजरंग दल के सदस्य हैं। इनमें मरोदा निवासी श्रीकांत, फिरोजपुर झिरका निवासी रिंकू सैनी, होडल निवासी लोकेश सिंगला और मानेसर निवासी मोनू शामिल हैं।”

    दरअसल 28 जनवरी को मोहित और अन्य लोगों को हरियाणा के नूंह के तौरु में एक अन्य पुलिस शिकायत में नामजद किया गया था। इस मामले में एक 22 वर्षीय को पशु तस्करी के संदेह में पकड़ा गया था और बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया गया था। उस शख्स की अस्पताल में मौत हो गई थी। पुलिस ने कहा कि एक दुर्घटना में चोट लगने के कारण उसकी मौत हो गई थी। जब वह अपने दो साथियों के साथ कार से जा रहा था, तो एक टेम्पो से उसकी कार की टक्कर हो गई थी। मानेसर का मूल निवासी मोहित (28) इलाके में मजदूरों को रहने के लिए सब-लेटिंग रूम बनाने का काम करता है। उन्होंने खुद को “गौ रक्षक” और सामाजिक कार्यकर्ता बताया है। 2011 में वह जिला सह-समन्वयक के रूप में बजरंग दल में शामिल हुआ था।

  • आई थी डॉक्टर बनने प्रेमी ने मारकर रख दिया फ्रिज में

    आई थी डॉक्टर बनने प्रेमी ने मारकर रख दिया फ्रिज में

    दूसरी श्रद्धा निक्की की दर्दनाक कहानी

    यह हमारे समाज को क्या हो गया है कि राजधानी दिल्ली के श्रध्दा मर्डर केस का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि तब तक एक और दिली दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां साहिल गहलोत नाम के शख्स ने अपनी गर्लफ्रेंड निक्की यादव का मर्डर कर दिया। साहिल ने निक्की की लाश अपने ढाबे के फ्रिज में छिपा दी और दूसरी लड़की से शादी भी कर  ली। निक्की यादव हरियाणा के झज्जर की रहने वाली थी, जो डॉक्टर बनने का सपना लेकर दिल्ली आई। इस दौरान ५ साल पहले उसको साहिल से प्यार हो गया। वो एक दूसरे के साथ लिव इन में भी रहे लेकिन शादी को लेकर दोनों के बीच ऐसा झगड़ा हआ, जिसका अंजाम निक्की को जान देकर भुगतना पड़ा।

    मेडिकल की तैयारी करने आई थी दिल्ली

    बात साल 2018 की है। हरियाणा के झज्जर में रहने वाली निक्की अपनी पढ़ाई पूरी करके डॉक्टर बनने का ख्वाब लेकर राजधानी दिल्ली आई। वो दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में रहने लगी। यहां एक कोचिंग सेंटर में निक्की मेडिकल की तैयारी कर रही थी। निक्की रोजाना बस से कोचिंग जाती थी। एक दिन इसी बस में उसकी मुलाकात साहिल गहलोत से हुई। साहिल भी कोचिंग करने दिल्ली आया था। दोनों की दोस्ती हो गई और फिर ये प्यार में बदल गई।
    इसी साल दोनों ने ग्रेटर नोएडा के एक कालेज में एडमिशन ले लिया। साहिल डी फार्मा की पढ़ाई करने लगा वहीं निक्की ने बीए अंग्रेजी में एडमिशन ले लिया। दोनों ग्रेटर नोएडा में लिव इन में रहने लगे। साहिल और निक्की साथ में मनाली, ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून समेत कई जगहों पर घूमने भी गये। दोनों के बीच सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन में दोनों अपने-अपने घर चले गये। साहिल ने अपने घर पर निक्की के बारे में कुछ नहीं बताया, ऐसे में उसके परिवार वालों ने उसकी शादी तय कर दी। शादी के लिए साहिल ने हामी भी भर दी। लॉकडाउन के बाद निक्की और साहिल फिर से साथ में रहने लगे। साहिल की शादी तय होने की बात से निक्की अनजान थी।

    साहिल ने छिपाई शादी तय होने की बात

    इसी बीच साहिल की सगाई 9 फरवरी की तय हुई, जब इसके बारे में निक्की को पता लगा तो वह टूट गई। उसने साहिल से शादी न करने के लिए कहा। दोनों ने गोवा भागने का भी फैसला किया लेकिन एन वक्त पर साहिल इससे मुकर गया। साहिल ने सगाई कर ली। इसके बाद वो निक्की से मिलने भी पहुंचा।

    कार में डेटा केबल से घोटा गला

    जब दोनों मिले तो निक्की की बहन भी उनके साथ थी। लेकिन साहिल निक्की को कार में बैठाकर कहीं ले गया। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के कश्मीरी गेट पर दोनों के बीच काफी झगड़ा हुआ। निक्की साहिल पर शादी न करने और गोवा जाने के लिए दबाव बना रही थी। इसके बाद साहिल ने उसे मारने का फैसला किया और कार में ही डेटा केबल से निक्की का गला घोट दिया। दिल्ली पुलिस का कहना है कि निक्की का मर्डर करने के बाद साहिल घबरा गया और उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। इसके बाद उसने एक प्लान बनाया।

    फैमिली ढाबा के फ्रिज में छिपाई लाश

    साहिल निक्की की लाश लेकर रात १२ बजे नजफगढ़ के मितरांव गांव पहुंचा, जहां उसकी फैमिली एक ढाबा चलाती है। इस दिन साहिल की शादी भी थी। इसलिए ढाबा बंद था। साहिल ने सोचा कि निक्की की लाश को यहीं ठिकाने लगा दिया जाए। बाद में कहीं और शिफ्ट कर देगा। उसने निक्की की लाश को एक पुराने फ्रिज में रख दिया और अपनी शादी की तैयारियों में जुट गया। जब निक्की घर नहीं पहुंची तो एक जानने वाले ने इसकी सूचना पुलिस को दी। निक्की की बहन को शक नहीं हुआ, उसे लगा कि वो दोनों ट्रिप पर गये हैं। पुलिस की पूछताछ में साहिल ने गुनाह कबूल कर लिया। वहीं निक्की यादव के पिता ने कहा, उन्हें घटना के बारे में कल सुबह पता चला। मेरी बेटी के साथ अन्याय हुआ है। मैं चाहता हूं कि उसे मौत की सजा मिले। उन्होंने बताया कि निक्की बेटी पीएचडी के बाद प्रोफेसर बनना चाहती थी।