Category: व्यापार

  • रामदेव की कंपनी को भी 10 दिन में हुआ 7000 करोड़ का नुकसान

    रामदेव की कंपनी को भी 10 दिन में हुआ 7000 करोड़ का नुकसान

    रामदेव की कंपनी पतंजलि फूड्स का शेयर 10 दिन में 19 फीसदी गिर चुका है्र

    अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में गत 20 दिनों में ही 35 फीसदी से अधिक की गिरावट आ चुकी है। इसी बीच एक ऐसा भी शेयर है जिस पर अभी किसी की नजर नहीं पड़ी है। योग गुरु स्वामी रामदेव की पतंजलि फूड्स के शेयरों में गत दो सप्ताह में ही 16 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। अभी भी कंपनी का शेयर बिकवाली के दौर से गुजर रहा है।
    सालभर पहले की बात करें तो कंपनी का शेयर 700 रुपये के करीब था। हालांकि इसके बाद इसमें अप्रत्याशित तेजी देखने को मिली है। महीनेभर पहले की बात करें तो कंपनी का शेयर 1494 रुपये के अपने उच्च स्तर पर पहुंच चुका था। 24 जनवरी को पतंजलि फूड्स का शेयर 1208 रुपये था। 3 जनवरी को यह घटकर 907 रुपये रह गयाा।
    3 फरवरी को कंपनी का मार्केट कैप 325.69 करोड़ रुपये पहुंच गया,जबकि 27 जनवरी को यह 4000 करोड़ था। सितंबर 2022 में कंपनी का मार्केट कैप 51 हजार करोड़ रुपये पहुंच गया था। 5 महीने में 18000 करोड़ रुपये का झटका लगा है।

    पतंजलि का नेट प्रॉफिट 26 फीसदी बढ़ा

    एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयरों में गिरावट का कारण बाजार बदलती स्थिति हो सकता है। हालांकि पतंजलि फूड्स में पिछली तिमाही का बेहतर प्रदर्शन किया है। दिसंबर में जारी तिमाही नतीजों में कंपनी को २६ फीसदी का शुद्ध लाभ हुआ है। हालांकि केंद्र सरकार के कच्चे सोयाबीन तेल के आयात को बंद करने का असर कंपनी के अगले तिमाही नतीजों में देखने को मिल सकता है।

  • ईएफओ आते हैं और निकल जाते हैं, उतार-चढ़ाव हर बाजार में होता है : अडानी विवाद पर बोलीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

    ईएफओ आते हैं और निकल जाते हैं, उतार-चढ़ाव हर बाजार में होता है : अडानी विवाद पर बोलीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

    वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा है कि दो टैक्स सिस्टम के जरिये सरकार लोगों को ज्यादा और बढि़या विकल्प दे रही है। लोगों को टैक्स बचाना है तो वो पुराने टैक्स सिस्टम को छोड़ नए टैक्स सिस्टम में आ सकते हैं
    बजय के बाद उठ रहे सवालों का जवाब देने के लिए शनिवार को वित्तमंत्री निर्मला सीमारमण ने प्रेस कांफ्रेंस की। इस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री ने बजट के बाद की शंकाओं और सवालों के जवाब देने के साथ ही अडानी एंटरप्राइजेज के ईएफओ से जुड़े सवालों पर भी प्रतिक्रिया दी है।

    एपीओ आते हैं और निकल जाते हैं

    एफपीओ वापसी पर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीमारमण ने कहा, एफपीओ आते हैं और निकल जाते हैं। ये उतार-चढ़ाव हर बाजार में होता है। कितनी बार इस देश से एफपीओ वापस नहीं लिया गया है और कितनी बार भारत की छवि इसके कारण खराब हुई है और कितनी बार एफपीओ वापस नहीं आए हैं ?

    दो दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार 8 बिलियन डॉलर बढ़ा

    वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि क्या वैश्विक वित्त बाजार में भारत की स्थिति अडानी एफपीओ पुल आउट और वर्तमान स्थिति के मद्देनजर प्राभवित हुई है। इस पर निर्मला सीमारमण ने कहा, ऐसा मन सोचो। गत 2 दिनों में विदेशी मुद्रा भंडार 8 बिलियन डॉलर बढ़ गया है। हमारे मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल या अर्थव्यव्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है। यह फैक्ट है कि गत कुछ दिनों में हमारे पास 8 बिलियन फोरन एग्चेंज रिजर्व आए हैं। इससे साबित होता है कि भारत और इसकी ताकत के बारे में सही धारणा बरकरार है।

    वित्त मंत्रालय ने कहा

    अडानी विवाद और कॉरपोरेट गवर्नेंस के मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि रेगुलेर्ट्स अपना काम करेंगे। दरअसल, प्रमुख स्थिति में बाजार को अच्छी तरह से रेगुलेटेड रखने के लिए सेबी प्राधिकरण है और उसके पास उस प्रमुख स्थिति को बरकरार रखने का साधन है। उन्होंने कहा कि यह नियामक होंगे जो अपना काम करेंगे। आरबीआई ने बयान दिया कि उससे पहले बैंकों, एलआईसी ने बाहर आकर अपने एक्सपोजर के बारे में बताया कि सरकार से स्वतंत्र निमायक जो सही है उसे करने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिये गये हैं ताकि बाजार अच्छी तरह से रेगुलेटेड हो।

  • Adani Group News : आरबीआई ने बैंकों से मांगा अडानी को दिये लोन का ब्यौरा, संसद में में हंगामा, विपक्ष ने की जांच की मांग

    Adani Group News : आरबीआई ने बैंकों से मांगा अडानी को दिये लोन का ब्यौरा, संसद में में हंगामा, विपक्ष ने की जांच की मांग

    आरबीआई ने गौतम अडानी की कंपनियों को लेकर आई रिपोर्ट के बाद बैंकों से समूह की कंपनियों को दिये गये लोन का ब्यौरा मांगा है

    अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में हलचल है। इस हलचल को देखते हुए खुद अडानी ग्रुप ने अडानी एंटरप्राइजेस लिमिटेड के एफपीओ वापस ले लिया है। अब अडानी ग्रुप को दिये गये ऋण को लेकर आरबीआई भी एक्टिव हो गया है। न्यूज एजेंसी रायटर्स की एक खबर के अनुसारे आरबीआई ने भारतीय बैंकों से अडानी ग्रुप और उनकी कंपनियों को दिये गये लोन की संपूर्ण जानकारी मांगी है। दूसरी ओर विपक्षी दल इस मामले पर अडानी समूह और मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में लग गये हैं। गुरुवार को बजट सत्र के तीसरे दिन दोनों सदनों में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ, जिस वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी दल अडानी ग्रुप समूह की कंपनियों से जुड़े मामलेकी जांच की मांग कर रहे हैं।
    क्या बोले गौतम अडानी
    शुक्रवार को अडानी द्वारा एफपीओ लिये जाने के फैसले के बाद समूह की कंपनियों के शेयर्स में भारी गिरावट देखी गई। एफपीओ वापस लेने के फैसले का लेकर कंपनी ने कहा है कि यह फैसला बाजार में अस्थिरता को देखते हुए लिया गया है। कंपनी ने कहा कि उनका उद्देश्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। अडानी समूह एफपीओ का पूरा पैसा वापस करने जा रहा है। गौतम अडानी ने एफपीओ वापस लेने के फैसले पर कहा कि इस फैसले से बहुत सारे लोग चौक गये हैं। हमने बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए एफपीओ के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं समझा। उन्होंने कहा कि मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सवार्ेपरि है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने एफपीओ वापस ले लिया है।
    उन्होंने कहा कि इस निर्णय का हमारी मौजूदा भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बाजार में स्थिरता आने के बाद हम अपनी पूंजी और बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे।
    विपक्ष ने की जांच की मांग
    गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर हंगामा हो गया। इस वजह से संसद दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ा। संसद के दोनों सदनों में संसद ने इस मामले में अडानी ग्रुप की कंपनियों की जांच की मांग की है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर स्टॉक्स में हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया है। इस विषय को लेकर विपक्ष के नेताओं ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चैंबर में रणनीति बनाई। सूत्रों के अनुसार विपक्ष अडानी मामले में जेपीसी जांच चाहता है। इन नेताओं में से कई इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग चाहते हंै।

  • Budget 2023 : देश में अमृतकाल, बजट से मालामाल या बुरे होंगे हाल

    Budget 2023 : देश में अमृतकाल, बजट से मालामाल या बुरे होंगे हाल

    अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है. केंद्रीय बजट से आम आदमी से लेकर उद्योग जगत को भी कई उम्मीदें हैं, कोरोना महामारी के बाद भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था जी 20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी है, हालांकि,देश की इकोनॉमी की रिकवरी तेज करने, कर्ज के बोझ में कमी लाने, मध्यम वर्ग को राहत देने और राजकोषीय घाटा कम करने जैसी बड़ी चुनौतियां हैं. साल 2023 उस समय को दिखाता है जब भारत अमृत काल में प्रवेश कर रहा है. आने वाले 25 सालों में 2047 का साल आएगा, जो हमारी स्वतंत्रता का 100वां साल होगा.

    प्रियंका सौरभ

    मोदी सरकार 2024 के लिए एजेंडा सेट कर रही है और विपक्ष भी अपनी पिच तैयार कर रहा है। आज बजट के जरिए सरकार ने अपनी अर्थनीति देश के सामने रख दी। इस अर्थनीति के बैकड्रॉप में राजनीति भी है। सरकार ने मिडिल क्लास को खुश करने वाला दांव चल दिया है। किसान के खलिहान और गरीब की थाली के लिए अपनी थैली खोल दी है। अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है. केंद्रीय बजट से आम आदमी से लेकर उद्योग जगत को भी कई उम्मीदें हैं, कोरोना महामारी के बाद भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था जी 20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी है, हालांकि,देश की इकोनॉमी की रिकवरी तेज करने, कर्ज के बोझ में कमी लाने, मध्यम वर्ग को राहत देने और राजकोषीय घाटा कम करने जैसी बड़ी चुनौतियां हैं. साल 2023 उस समय को दिखाता है जब भारत अमृत काल में प्रवेश कर रहा है. आने वाले 25 सालों में 2047 का साल आएगा, जो हमारी स्वतंत्रता का 100वां साल होगा..

    व्यक्तिगत कर में मोदी सरकार ने नौकरीपेशा वर्ग को बड़ी राहत दी है. अब नई कर व्यवस्था के तहत 7 लाख तक की सालाना आय टैक्स-फ्री हो गई है. यह छूट पहले 5 लाख तक थी. पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर छूट की सीमा अब 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख तक कर दी गई है. वहीं टैक्स स्लैब में भी बदलाव हुआ है. अब 0 से 3 लाख रुपये- 0, 3 से 6 लाख रुपये – 5%, 6 से 9 लाख रुपये – 10%, 9 से 12 लाख रुपये – 15%, 12 से 15 लाख रुपये – 20%, 15 लाख से ऊपर की सालाना आय पर – 30% टैक्स लगेगा. ‘नए टैक्स सिस्टम में अब ज्यादा इंसेंटिव दिए जा रहे हैं. इससे टैक्सपेयर्स बिना किसी संकोच के पुराने से नए टैक्स रीजीम में शिफ्ट कर सकेंगे जिनकी आमदनी 7 लाख रुपये तक है, उन्हें एक रुपये भी टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन उनकी आमदनी 7 लाख से एक रुपये भी बढ़ जाती है तो उन्हें टैक्स देना होगा

    ‘सबका साथ – सबका प्रयास’ के जरिए ‘जनभागीदारी’ की जरूरत को ध्यान में हुए अमृत काल के लिए मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ एक तकनीक-संचालित एवं ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था को दिशा देने वाला यह बजट है। इनमें समावेशी विकास, अंतिम मील तक पहुंच, अवसंरचना एवं निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र इन मुद्दों का समावेश है। देश के विकास के लिए इन्फ़्रास्ट्रक्चर विकास बेहद ज़रूरी है। सड़क, रेल, बिजली, स्वास्थ, शिक्षा और खेती से जुड़े महत्वपूर्ण इन्फ़्रास्ट्रक्चर पर किया गया निवेश मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही व्हेईकल स्कैपिंग पॉलिसी को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में विशेष प्रावधान किया गया है। किसानों के लिए अनेक नई योजनाओं जैसे 2,200 करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर स्वच्छ योजना कार्यक्रम, वैकल्पिक उर्वरकों और उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना का प्रावधान किया गया है।

    दूसरी तरफ मैडम वित्तमंत्री की बहुत तारीफ हो रही है। 41 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला और 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन।देश की जनसंख्या कितनी है? देश में अमीर कितने हैं? सिर्फ दो?या दो सौ?या दो हजार या दो लाख? कर्मकांड,आस्था,राजनीति और भक्ति,राष्ट्रवाद को छोड़े बिना अर्थव्यवस्था को भी समझें। अर्थशास्त्री के छात्र और शिक्षक हमें अर्थशास्त्र समझा दें तो बेहतर। दुनिया मंदी की चपेट में हैं। छंटनी की बहार है और हमारे बच्चों ने पिछले तीन दशकों से कुछ नहीं सीखा आईटी और कम्प्यूटर के सिवाय। अब बच्चों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी से होगा रोजगार सृजन? स्टार्ट अप से? संविदा नौकरी से? फाइव जी से? आर्टिफिशियल टैलेंट से? ऑनलाइन क्लास का नतीजा यह है कि स्कूली बच्चे भी प्रेम में आत्महत्या कर रहे हैं। लिव इन में बुराई नहीं है।लेकिन ब्रेक अप के बाद गर्ल फ्रेंड के खिलाफ हिंसा,अपराध? नशे का शिकंजा? किसानों को कर्ज से होगा कृषि विकास और विकास एनजीओ और पीपीपी के भरोसे?

    सात लाख की आय तक इनकम टैक्स नहीं देना होगा।स्वागत है।जनता मालामाल हो गई। स्थाई नौकरी कितने करोड़ लोगों की है? 15 लाख से ऊपर जिनकी आय है,उन्हें सिर्फ 30 प्रतिशत टैक्स देना है। कुछ समझे? पर्यटन विकास की महिमा जोशीमठ की देवी महिमा से नहीं समझे? महंगाई कितनी घाटी? बजट घाटा का क्या हुआ? व्यापार संतुलन? वित्तीय घाटा? मुद्रा स्फीति? पीपीपी मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग होम से चिकित्सा कितनी सस्ती,कितनी सुलह होगी? शिक्षा,ऊर्जा,परिवहन और किराने का खर्च घटेगा? इंफ्रा में निवेश का आशय क्या है?

    अगले वित्त वर्ष के लिए पेश बजट में मनरेगा जैसी जन लोक कल्याणकारी एवं अति महत्वाकांक्षी योजना के बजट में 30,000 करोड रुपए की कटौती करना यह साबित करता है कि यह बजट भूमिहीन किसानों गरीब मजदूरों एवं वंचित वर्ग के हितों के विपरीत बजट है। इसी प्रकार कृषि एवं किसान कल्याण कोष की राशि में बढ़ोतरी करने के बजाए इस वर्ष 7500 करोड रुपयों की कटौती की गई है साथ ही किसानों की सर्वाधिक आवश्यकता की जरूरत यूरिया के लिए बजट में गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 23000 करोड रुपयों की कटौती की गई है।

    (लेखिका रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,
    कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)

  • टॉप 10 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हुए गौतम अडानी

    टॉप 10 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हुए गौतम अडानी

    ब्लूमबर्ग की लिस्ट के अनुसार गौतम अडानी अब दुनिया के 11वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं

    अरबपति गौतम अडानी की संपत्ति लगातार घट रही है। अब वह दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों की सूची से बाहर हो गये हैं। ब्लूमबर्ग की लिस्ट के अनुसार अब दुनिया के 11 वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं

    अडानी अब 11वें स्थान पर

    सोमवार को गौमत अडानी को  8.21  बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, जिससे वह 11वें स्थान पर आ गये। मैक्सिकन अरबपति कालार्ेस स्लिम ने शीर्ष दस की सूची में गौतम अडानी का स्थान लिया है। बिजनेस मैग्नेट के नाम से मशहूर कालार्ेस स्लिम की संपत्ति 85.7 बिलियम डॉलर है, जो गौतम अडानी की कुल संपत्ति से 1.3 बिलियन डॉलर अधिक है।
    अमेरिका स्थित फोरेंसिक रिसर्च हिंडनबर्ग रिसर्च ने गत बुधवार को अडानी समूह पर स्टॉक हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इसके बाद से अडानी के शेयरों में गिरावट शुरू हो गई है। अडानी समूह की सात सूचीबद्ध कंपनियों में से चार में मंगलवार को गिरावट दर्ज की गई, जिसमें अडानी टोटल गैस, अडानी पावर और अडानी बिल्मर और अडानी ग्रीन एनर्जी के लोअर सर्किट लगे।
    रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी की कुल संपत्ति में लाखों डॉलर का नुकसान हुआ। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स लिस्ट के अनुसार गौतम अडानी की कुल संपत्ति बुधवार को 6 बिलियन डॉलर ओैर शुक्रवार को  20.8  बिलियन डॉलर घटी और अब यह 84.4 बिलियन डॉलर हो गई है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने से पहले गौतम अडानी की संपत्ति 121  डॉलर थी।
    हिंडनबर्ग रिसर्च ने उठाए हैं सवाल
    ज्ञात हो कि हिंडनबर्ग रिसर्च की साख पर सवाल उठाते हुए अडानी ग्रुप ने कहा, विडंबना यह है कि हिंडनबर्ग या उसके कर्मचारियों या उसके निवेशकों के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है। इसकी वेबसाइट का कहना है कि संगठन के पास ऐसा अनुभव है कि जो दशकों तक फैला है और फिर भी ऐसा लगता है कि इसे केवल 2017 में स्थापित किया गया।
    हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर अडानी समूह ने कहा था कि यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि यह सोची समझी साजिश है। यह भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता और भारत की विकास की कहानी और महत्वाकांक्षा पर हमला है।

  • MP : मदरसों के कोर्स पर मचा बवाल, MLA ने की सरस्वती शिशु मंदिर की जांच की मांग

    MP : मदरसों के कोर्स पर मचा बवाल, MLA ने की सरस्वती शिशु मंदिर की जांच की मांग

    एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हाल ही मे मदरसों के कोर्स की जांच का आदेश दिया था। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के कुछ मदरसों में आपत्तिजनक पाठन सामग्री के उपयोग का विषय संज्ञान में लाया गया है। उन्होंने कहा है कि मदरसों मे पढ़ाए जाने वाले कोर्स और कंटेट की जांच होगी। जिसको लेकर अब विवाद छिड़ गया है। गृह मंत्री की इस आदेश पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद भड़क गए। और उन्होंने इस पर पलटवार करते हुए मध्य प्रदेश के सरस्वती शिशु मंदिरों की जांच की भी मांग कर दी। उन्होंने कहा कि पता चलना चाहिए कि वहां पर क्या पढ़ाई चल रही है। क्या मदरसों को किया जा रहा है टारगेट

    मध्य प्रदेश में मदरसों के सिलेबस की जांच पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ मदरसों को टारगेट किया जा रहा है। मदरसों में क्या हालात हैं कम से कम यहां से पता चलेगा। 3 साल से मदरसों को फंड नहीं मिला है।

    मदरसों में कहीं देशद्रोहिता की शिक्षा तो नहीं दी जाती – संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर 

    मदरसों के सिलेबस की जांच के आदेश को लेकर मचे बवाल के बीच संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने आरिफ मसूद के आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मदरसों में कहीं देशद्रोहिता की शिक्षा तो नहीं दी जा रही, कहीं मानव तस्करी तो नहीं हो रही इसकी चिंता है। जिन मदरसों को अनुमति नहीं दी गई है उन पर नियंत्रण होना चाहिए।

     

  • Avtaar 2 : अवतार 2 को मिला भारतीय दर्शको का जबरदस्त रिस्पांस, 100 करोड़ पहुंचा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन

    Avtaar 2 : अवतार 2 को मिला भारतीय दर्शको का जबरदस्त रिस्पांस, 100 करोड़ पहुंचा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन

    हॉलीवुड मूवी ‘अवतार: द वे ऑफ वॉटर’ को रिलीज़ हुए दो दिन हो चुके है। फिल्म दर्शको के बीच खूब धमाल मचा रही है। इस मूवू को देखने के लिए फेंस सुबह 6 बजे से ही लंबी लाईनो मे खड़े दिखे नज़र आ रहे है। बॉलीवुड की जहां हालत खस्ता है, वहीं अवतार 2 (Avatar: The Way of Water) के दूसरे दिन के भारतीय कलेक्शन ने बॉक्स ऑफिस को हिलाकर रख दिया है। जी हां बताया जा रहा है कि अवतार 2 ने दो दिन मे 100 करोड़ का आकड़ा तय कर लिया है। इस फिल्म को अंग्रेजी और हिंदी के साथ-साथ तमिल, तेलगु और मलयालम भाषा में रिलीज भी रिलीज किया गया है। इस फिल्म मे जेम्स कैमरून की 13 सालें की मेहनत लगी है। फिल्म मे समुंद्र और उसके बीच बसी नावी की नीली दुनिया से रूबरू कराने वाली ‘अवतार: द वे ऑफ वॉटर’ ने दो दिन में ही बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया है।रिपोर्ट्स के मुताबिक 250 मिलियन डॉलर्स में बनी फिल्म को अपना खर्चा निकालने के लिए लंबे समय तक सिनेमाघरों में टिके रहना होगा।

     

     

     

    2 दिन मे इतना रहा अवतार का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन

    अवतार: द वे ऑफ वॉटर’ फिल्म को कई रिकॉर्ड तोड़ने की उम्मीद की जा रही है। वहीं, पॉजिटिव वर्ड ऑफ माउथ की वजह से फिल्म को और भी बढ़िया रिस्पांस मिल रहा है। जेम्स कैमरून की फिल्म ने ओपनिंग डे पर ही शानदार शुरुआत की और अब वर्ल्डवाइड इसने 1500 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर लिया है।

    2022 की ओपनिंग में ‘ब्रह्मास्त्र’ और ‘आरआरआर’ जैसी फिल्मे फेल

    आपको बता दे अवतार: ‘द वे ऑफ वॉटर’ फिल्म ने अपनी धमाकेदार एंट्री के साथ ही 2022 की बॉक्स ऑफिस सुपर हिट फिल्मों को भी पीछे छोड़ दिया है। हालांकि वह यश स्टारर ‘केजीएफ चैप्टर 2’ को मात नहीं दे सकी है। वहीं, जेम्स कैमरून की ‘अवतार 2’ बॉक्स ऑफिस पर 13 साल पहले रिलीज हुई ‘अवतार’ से भी बढ़िया कलेक्शन कर रही है।

     

  • Pathan Controversy: बॉयकोट पठान” के बाद भी दीपिका की मुस्कान देखकर कई लोगो के जले दिल

    Pathan Controversy: बॉयकोट पठान” के बाद भी दीपिका की मुस्कान देखकर कई लोगो के जले दिल

    प्रियंका रॉय

    पठान मूवी का पहला गाना बेशर्म रंग रिलीज होने के साथ ही दीपिका पादुकोण और शारूख खान लगातार हिंदु संगठनों के निशाने पर आ गए है। इस गाने के बाद से ही फिल्म को बॉयकोट करने की जंग छिड़ी हुई है। इतना ही नहीं दीपिका को कई तरह की धमकिया भी मिल रही है। बेशर्म रंग गाने मे दीपिका ने केसरी रंग की ड्रेस पहनी हुई है, जिसका राजनेता से लेकर बड़े-बड़े अभिनेता भी जमकर विरोध कर रहे है। इस गहमागहमी के बीच गाने की रिलीज के बाद दीपिका पादुकोण पहली बार स्पॉट हुई हैं। पर उनका जो रिएक्शन था उसे देखकर हर कोई हैरान है। जी हां बेफिक्र दीपिका को जैसे कोई फर्क ही ना पड़ा हो। हंगामे के बीच दीपिका पादुकोण को मुंबई एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया। वो व्हाइट शर्ट के साथ बेज जैकेट और पैंट में नजर आईं। आंखो मे गोगल्स लगाये और अपने बालों को बिखेरे और चेहरे पर मुस्कुराहट समेटे मानों बॉयकोट गैंग से कोई पर्क ना पड़ रहा हो।

     

    पहले भी कई बार ड्रेस को लेकर दीपिका हो चुकी है बॉयकोट

    बॉलिवुड की फेमस एक्टर दीपिका पीदुकोण के लिए ये पहली बार नहीं है जब उनके लुक को लेकर हिंदु संगठन ने ऐतराज जताया हो। जिसके कारण फिल्म मेकर्स ने उनके ड्रेस मेे बदलाव किया था। लेकिन उनकी इस कोंट्रोवर्सी ने पद्दमावत फिल्म को फिल्म को सुपर डुपर हिट बना दिया था।

    ”बॉयकोट पठान” के बाद भी दीपिका की मुस्कान देखकर लोंगो के जले दिल

    फिल्म बॉयकोट होने के बाद जब दीपिका पादुकोण को एयरपोर्ट पर पहली बार स्पॉट किया गया तो उनके इस बेफिक्र मुस्कुराहट से कईयों के दिलों को जला दिया। जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर यूजर्स उन्हें घेंरना शुरू कर दिया। यूजर्स ने लिखा ”गाने पर बवाल मचा है और इन्हें कोई फर्क ही नहीं है मुस्कुरा रही हैं?”

     

     

     

  • DELHI- वॉशिगटन DC मे फ्री पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर क्या बोले मुख्यमंत्री केजरीवाल ? फ्री सेवाओं पर भाजपा सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक आमने-सामने है

    DELHI- वॉशिगटन DC मे फ्री पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर क्या बोले मुख्यमंत्री केजरीवाल ? फ्री सेवाओं पर भाजपा सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक आमने-सामने है

    प्रियंका रॉय

    अरविंद केजरीवाल की फ्री योजनाओं पर बीजेपी से लेकर कांग्रेस पार्टी तक में जंग छिड़ी है। विपक्षी पार्टिया AAP को घेंरने का एक भी मौका नहीं छोड़ती। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और भाजपा सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक आमने-सामने है।

    केजरीवाल ने बीजेपी पर साधा निशाना 

    अरविंद केजरीवाल की फ्री योजनाओं पर बीजेपी से लेकर कांग्रेस पार्टी तक ने जंग छिड़ी है। विपक्षी पार्टी AAP को घेरने का एक भी मौका नहीं छोड़ती । इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और भाजपा सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक आमने-सामने है। आप की निशुल्क मेडिकल सेवा पर तो बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने ये तक कह दिया कि केजरीवाल दिल्ली को कंगाल कर रहा है। दरसअल हाल ही में एक समाचार लेख को शेयर करते हुए लिखा था कि वाशिंगटन डीसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को हमेशा के लिए मुफ्त कर रहा है, इस पर मुख्यमंत्री ने रिएक्ट करते हुए लिखा कि ‘क्या इसका मुफ्त की रेवड़ी कहकर मजाक उड़ाया जाना चाहिए? या नहीं। अपने नागरिकों पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ डाले बिना सार्वजनिक सेवाएं मुफ्त प्रदान करना ये दर्शाता है कि वहां पर एक ईमानदार और संवेदनशील सरकार का शासन है जो जनता के पैसे बचाती है और लोगों को सुविधाएं प्रदान करती है।

    फ्री रेवड़ी पर आम आदमी ने किया पीएम मोदी का धेराव

    आपको बतां दे आम आदमी पार्टी ने पीएम मोदी पर दोस्तावाद को लेकर निशाना साधते हुए कई आरोप लगाएं थे। उन्होंने 9 अगस्त को AAP ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा “PM Modi ने दोस्तवाद के लिए देश का खाली किया खजाना” इसके साथ ही आप ने एक पोस्ट भी शेयर की थी जिसमें उन्होंने लिखा था कि “मोदीराज में मित्रों के 11 लाख करोड़ के लोन माफ”। जिस तरह बीजेपी आम आदमी पर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ती। ठीक उसी तरह आप बीजेपी को घेंरने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देती।

  • DELHI: क्या फ्री सेवाओं से केजरीवाल कर रहे हैं दिल्ली को कंगाल, क्या मुख्मंत्री के पास नहीं बचे डॉक्टर को देने तक के पैसे

    प्रियंका रॉय

    क्या केजरीवाल खाली कर रहे है दिल्ली का खजाना

    क्या मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों को नही मिल रही तनख्वाह

    बीजेपी ने मुख्यमंत्री पर कया कटाक्ष

    अपनी फ्री सेवाओ को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीजेपी के निशाने पर आ गई है। दरसअल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने छोटी सरकार बनाने के बाद दिल्लीवासियों को नये साल का तोफा देने का ऐलान किया है। नये साल पर केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को 450 तरह की फ्री हेल्थ सेवा प्रदान करने की घोषणा की है। इससे पहले भी सीएम ने दिल्लीवासियों को कई फ्री सौगाते भेंट की थी । जिसमें फ्री बस सेवाएं, फ्री योगा क्लास, छात्रों को फ्री कोचिंग व कई सेवाएं शामिल है। केजरीवाल का कहना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर सभी का हक है। कई लोग निजी स्वास्थ्य सेवा का खर्च नहीं उठा सकते, यह कदम ऐसे सभी लोगों की मदद करेगा। अधिकारियों के अनुसार, शुरूआती चरण में, परीक्षण शहर भर के मोहल्ला क्लीनिकों में उपलब्ध होंगे और बाद में यह सुविधा सरकारी अस्पतालों में भी दी जाएगी।

    आपको बता दें केजरीवाल ने स्वास्थ्य विभाग के अंहम प्रस्ताव को मंजूरी दी है ।इससे पहले दिल्ली मे 212 तरह के टेस्ट निशुल्क किये जाते थे,जिसमें और दूसरे टेस्टो को भी जोड़ दिया गया है । लेकिन इस विषय में अभी तक कोई लिस्ट जारी नहीं की गई है। इस पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए केजरीवाल को एक बार फिर आरोपो के कटघरे मे खड़ा कर दिया है। उनका आरोप है कि केजरीवाल दिल्ली का खजाना खाली कर रहे है। केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री के दावे सिर्फ सुनने में अच्छे लगते है। भाजपा के विधायको ने कई मोहल्ला क्लीनिक मे जाकर पड़ताल की है। सरकार के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नही है। केजरीवल दिल्ली को खोखला कर रहा है और कुछ ही दिन में दिल्ली की जनता को ये सबक भी मिल जायेगा।