Category: Bihar

  • अम्बेडकर जयंती पर भाकपा-माले की पदयात्रा

    अम्बेडकर जयंती पर भाकपा-माले की पदयात्रा

    -संविधान बचाने का लिया संकल्प
    -बंदरा प्रखंड में रामबली मेहता व संजय दास के नेतृत्व में निकाली गई पदयात्रा

    मुजफ्फरपुर/बंदरा।संवाददाता।

    संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर आज भाकपा-माले के आह्वान पर बंदरा प्रखंड में एक भव्य पदयात्रा निकाली गई। यह यात्रा संजय कुमार दास के दरवाजे से प्रारंभ होकर बरियारपुर ऊसरा, मोहनपुर होते हुए सभास्थल तक पहुंची। पदयात्रा में बड़ी संख्या में आमजन, कार्यकर्ता, युवा और महिलाएं शामिल हुईं।

    पदयात्रा का उद्देश्य बाबा साहेब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना और संविधान व सामाजिक न्याय की रक्षा के संकल्प को दोहराना रहा।

    इस पदयात्रा और सभा में भाकपा-माले के कई पदाधिकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे, जिनमें अजीत कुमार सिंह (इंकलाबी नौजवान सभा), संजीत कुमार, चिंता कुमारी, चंद्रकला देवी, विषणदेव महतो, आसना कुमारी, प्रीति अंशु, कृष, राजन, सोनू अंजलि सहित अनेक स्थानीय लोग शामिल थे।

    कार्यक्रम के दौरान संविधान की रक्षा, सामाजिक न्याय, और हाशिए पर खड़े तबकों के अधिकारों की रक्षा का संकल्प लिया गया।

  • डा. भीमराव अंबेडकर की मनाई गई जयंती

    डा. भीमराव अंबेडकर की मनाई गई जयंती

    तुरकौलिया। मंसूर अहमद।

    प्रखंड क्षेत्र में भीमराव अंबेडकर की जयंती को धूमधाम से मनाया जा रहा है। कवलपुर स्थित समाजसेवा सदन पर एक कार्यक्रम आयोजित कर डा0 भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती मनाई गई। जहां चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्हें याद किया गया। राजद पंचायत अध्यक्ष अजमल कमाल उर्फ लाल की अध्यक्षता में जयंती समारोह का आयोजन किया गया था। पूर्व विधायक राजेंद्र राम ने कहा कि उन्होंने समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय पर आधारित संविधान का नींव रखा था। वही कार्यक्रम का अध्यक्षता कर रहे उपसरपंच अजमल कमाल ने कहा कि अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। वह वकील होने के साथ साथ अर्थशास्त्री, राजनितिज्ञ और महान समाज सुधारक भी थे। डा0 भीमराव अंबेडकर को बाबा साहेब अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने छुआछूत और जातीय भेदभाव के खिलाफ आंदोलन चलाया था। आज के दौर में इनकी विचारों की प्रासांगिकता और बढ़ गई है। समाज को इनके विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है। मौके पर मुखिया विनय कुमार, सरपंच पुनदेव सहनी, राजकुमार कुशवाहा, मुकेश सहनी, शिवशंकर प्रसाद, पैक्स अध्यक्ष ललन सहनी, फारुक आजम, अजहरुद्दीन आलम, अलीउल्लाह आलम आदि मौजूद थे।

  • मुजफ्फरपुर में विशेष विकास शिविर का आयोजन

    मुजफ्फरपुर में विशेष विकास शिविर का आयोजन

    मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर में जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के नेतृत्व में कुढ़नी प्रखंड के छाजन हरिशंकर पूर्वी पंचायत के छाजन दरघा टोला में डॉ. अंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत विशेष विकास शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ जिला पदाधिकारी एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया।

    बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर आयोजित इस शिविर में डीएम ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए शिक्षा, जागरूकता और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हर परिवार तक सेवा पहुँचाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है।

    शिविर में प्रत्येक विभाग की उपस्थिति रही और लाभुकों के आवेदन का ऑन स्पॉट निष्पादन किया गया। प्रशासन द्वारा हर शिविर की मॉनिटरिंग के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

    आज के शिविर में सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार, एसडीओ पश्चिमी श्रेयाश्री, डीआरडीए निदेशक अभिजीत चौधरी, जिला कल्याण पदाधिकारी अनिल प्रसाद समेत कई वरिष्ठ अधिकारी एवं भारी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

  • डॉ. अंबेडकर की विरासत पर पहला हक क्षत्रियों का : डॉ. राकेश

    डॉ. अंबेडकर की विरासत पर पहला हक क्षत्रियों का : डॉ. राकेश

    मधुबन। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश महासचिव डॉ. राकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में सोमवार को मधुबन स्थित डाक बंगला परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस मौके पर दर्जनों क्षत्रिय महासभा के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

    डॉ. राकेश ने कहा कि बाबा साहब को राष्ट्र नायक बनाने में क्षत्रिय समाज की अहम भूमिका रही है। उन्होंने बताया कि जिस विद्यालय में डॉ. अंबेडकर ने पढ़ाई की, उसका निर्माण क्षत्रिय समाज ने कराया था। उनके ब्राह्मण गुरु कृष्णा जी केशव अंबेडकर की नियुक्ति बड़ौदा के महाराज शिवाजी राव गायकवाड़ ने की थी। गुरु ने ही भीमराव रामजी सतपाल को अपना उपनाम ‘अंबेडकर’ दिया। बड़ौदा महाराज ने उन्हें पढ़ाया, विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भेजा और छात्रवृत्ति भी दी।

    डॉ. राकेश ने बताया कि 1951 में जब डॉ. अंबेडकर ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दिया, तब वे दिल्ली में बेघर हो गए थे। उन्हें सरकारी आवास नहीं मिला। ऐसे समय में राजस्थान की सिरोही रियासत के महाराजा ने अपना दिल्ली स्थित निवास 26 अलीपुर रोड, सिरोही हाउस, उनके रहने के लिए समर्पित कर दिया। यह घर अब राष्ट्रीय स्मारक है। डॉ. अंबेडकर ने 1951 से 6 दिसंबर 1956 तक इसी घर में निवास किया। यहीं उनका निधन हुआ।

    डॉ. राकेश ने कहा कि यह घटना न केवल बाबा साहब के जीवन की महत्वपूर्ण घटना है, बल्कि राजपूत समाज की उदारता और सामाजिक समरसता की मिसाल भी है। बाद में विश्वनाथ प्रताप सिंह ने उन्हें भारत रत्न देकर मरणोपरांत सम्मानित किया।

    उन्होंने बताया कि डॉ. अंबेडकर ने दूसरी शादी एक ब्राह्मण महिला से की और जीवन के अंतिम समय में बौद्ध धर्म अपनाया। बौद्ध धर्म की स्थापना भी एक क्षत्रिय राजकुमार ने की थी। डॉ. राकेश ने कहा कि बाबा साहब के जीवन में क्षत्रिय समाज का योगदान अहम रहा है। आज राजनीतिक लाभ के लिए हर कोई उनका इस्तेमाल कर रहा है, जो गलत है। बाबा साहब की विरासत पर पहला अधिकार क्षत्रिय समाज का है।

  • भाजपा रामदयालुनगर मंडल ने मनाया अंबेडकर जयंती

    भाजपा रामदयालुनगर मंडल ने मनाया अंबेडकर जयंती

    मुजफ्फरपुर। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जयंती पर भाजपा रामदयालुनगर मंडल के अध्यक्ष उत्पल रंजन के नेतृत्व में विभिन्न जगहों,जैसे- बहलखाना रोड, मिठनपुरा, स्वप्नलोक कॉलोनी, उन्नति शॉपी, बेला आदि जगहों पर हर्षोल्लास के मिठाई बांटकर जयंती मनाई गई। अध्यक्ष उत्पल रंजन ने कहा कि बाबा साहब के बताए पद चिन्हों पर चलने की जरूरत है न कि केवल उनका नाम लेकर अपनी तुच्छ राजनीति करने की।इस अवसर पर जिला मंत्री पुनम वर्मा, मंडल उपाध्यक्ष मंजू सिंह, कमलावती देवी, रोहित मिंटू,सुभाषचंद्र दास, महामंत्री आलोक आनंद, पंकज चौहान, मंत्री अनिल ओझा,सीमा श्रीवास्तव, रंजन कुमार,महिला मोर्चा अध्यक्ष संगिना कुशवाहा,किसान मोर्चा अध्यक्ष अजय चंद्रवंशी, मीडिया प्रभारी चंदन कुमार,जदयू की महिला जिलाध्यक्ष सोनी तिवारी,आईटी मीडिया प्रभारी सुभेन्दु सिन्हा,प्रियंका सिंह, नगीना देवी,पूर्व मंडल अध्यक्ष ताराशंकर प्रश्क़द और आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी भारत भूषण आदि मंडल के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मोजूद थे।

  •  बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का भाजपा ने सम्मान किया किंतु कांग्रेस ने उपेक्षा की : राधामोहन सिंह

     बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का भाजपा ने सम्मान किया किंतु कांग्रेस ने उपेक्षा की : राधामोहन सिंह

    मोतिहारी / राजन द्विवेदी।

    आज सांसद पूर्व केंद्रीय कॄषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने तेतरिया में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया।
    इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का भाजपा ने सम्मान किया किंतु कांग्रेस ने उपेक्षा की।
    1952 के चुनाव में कांग्रेस ने उनको हारने का काम किया। उसके पहले 1937 के मुंबई प्रेसिडेंसी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बाबा साहेब को हराने का फिर प्रयास किया।
    नेहरू मंत्रिमंडल में अंबेडकर जी को जानबूझकर दरकिनार किया गया। अपने उपेक्षा से निराश होकर बाबासाहेब ने नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर अपना विरोध दर्ज कराया।1951 में डॉक्टर अंबेडकर का नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा कांग्रेस के प्रति उनके मोहभंग का प्रतीक था। 10 अक्टूबर 1951 को संसद में दिए गए अपने भाषण में उन्होंने अपने इस्तीफा के पीछे पांच प्रमुख कारणों का उल्लेख किया था।उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार दलितों के मुद्दों की उपेक्षा कर रही है और केवल मुसलमान पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
    डॉ० आंबेडकर के महापरिनिर्वाण पर उनका अनादर किया। कांग्रेस ने डॉ० भीमराव अंबेडकर की स्मृति में किसी भी प्रकार के स्मारक के निर्माण को रोका। उन्हें राष्ट्र विरोधी साबित करने का प्रयास किया शैक्षणिक सामग्री के माध्यम से उपहास किया। वहीं भाजपा ने पंच तीर्थ का निर्माण कर डॉ० अंबेडकर को सम्मान दिया और 125वीं जयंती का गरिमामय आयोजन किया है।
    वैश्विक स्तर पर आयोजन डॉ० अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर मोदी सरकार द्वारा 120 देशों में स्मृति समारोहों का आयोजन कर उनके सामाजिक न्याय और समता के योगदान को वैश्विक स्तर पर रेखांकित किया गया। 30 सितंबर, 2015 को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री की उपस्थिति में, डॉ. अंबेडकर की स्मृति में एक विशेष डाक टिकट जारी किया गया।
    26 जनवरी, 2016 को राजपथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा डॉ० अंबेडकर पर केंद्रित एक झांकी प्रस्तुत की गई।
    मोदी सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार अंबेडकर जयंती का आयोजन किया।
    26-27 नवंबर, 2015 को संसद के दोनों सदनों का संयुक्त विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें डॉ० अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी गई।
    मौके पर पिपरा विधायक श्यामबाबू यादव सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे।
    [8:09 pm, 14/4/2025] deepakkumarhindustan: संविधान की रक्षा का लिया संकल्प

    मुजफ्फरपुर। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर सोमवार को जिला कांग्रेस कार्यालय, तिलक मैदान में भीम शक्ति संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार मुकुल ने की।

    अपने संबोधन में मुकुल ने कहा कि बाबा साहेब द्वारा रचित संविधान को मिटाने के लिए नहीं लिखा गया था, बल्कि यह दलित, शोषित और वंचित वर्गों को सामाजिक एवं आर्थिक न्याय दिलाने का एक माध्यम है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में ‘चार सौ पार’ का नारा देकर संविधान को कमजोर करने की कोशिश की, लेकिन जनता ने उन्हें 240 सीटों पर रोक दिया।

    सकरा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी उमेश राम ने बाबा साहेब के संदेश “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो” को दोहराते हुए कहा कि वर्तमान में संविधान विरोधी ताकतों से संघर्ष की आवश्यकता है।

    जिला प्रवक्ता समीर कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान लागू कर समाज के वंचित वर्गों को सम्मान दिलाया और अब राहुल गांधी समान आय के अवसर की वकालत कर रहे हैं, चाहे वह सरकारी हो या निजी क्षेत्र।

    कार्यक्रम के उपरांत जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार मुकुल के नेतृत्व में सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया और जिला समाहरणालय जाकर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

    इस अवसर पर महताब आलम सिद्दकी, केदार पटेल, नवल किशोर शर्मा, डॉ. शंभू राम, जुही प्रीतम, सुधा पासी, विकास कुमार टुल्लु, विजय यादव, कौशल किशोर चौधरी, सुरेश चन्द्रवंशी, रामइकबाल राय समेत कई नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

  • संविधान की रक्षा का लिया संकल्प

    संविधान की रक्षा का लिया संकल्प

    मुजफ्फरपुर। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर सोमवार को जिला कांग्रेस कार्यालय, तिलक मैदान में भीम शक्ति संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार मुकुल ने की।

    अपने संबोधन में मुकुल ने कहा कि बाबा साहेब द्वारा रचित संविधान को मिटाने के लिए नहीं लिखा गया था, बल्कि यह दलित, शोषित और वंचित वर्गों को सामाजिक एवं आर्थिक न्याय दिलाने का एक माध्यम है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में ‘चार सौ पार’ का नारा देकर संविधान को कमजोर करने की कोशिश की, लेकिन जनता ने उन्हें 240 सीटों पर रोक दिया।

    सकरा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी उमेश राम ने बाबा साहेब के संदेश “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो” को दोहराते हुए कहा कि वर्तमान में संविधान विरोधी ताकतों से संघर्ष की आवश्यकता है।

    जिला प्रवक्ता समीर कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान लागू कर समाज के वंचित वर्गों को सम्मान दिलाया और अब राहुल गांधी समान आय के अवसर की वकालत कर रहे हैं, चाहे वह सरकारी हो या निजी क्षेत्र।

    कार्यक्रम के उपरांत जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार मुकुल के नेतृत्व में सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया और जिला समाहरणालय जाकर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

    इस अवसर पर महताब आलम सिद्दकी, केदार पटेल, नवल किशोर शर्मा, डॉ. शंभू राम, जुही प्रीतम, सुधा पासी, विकास कुमार टुल्लु, विजय यादव, कौशल किशोर चौधरी, सुरेश चन्द्रवंशी, रामइकबाल राय समेत कई नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

  • प्रसाद वितरण में पहुंचे ग्रामीण जनसमूह

    प्रसाद वितरण में पहुंचे ग्रामीण जनसमूह

    मुजफ्फरपुर।  मुजफ्फरपुर जिले के बंदरा प्रखंड अंतर्गत मोहनपुर गांव में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर एक पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बबलू यादव ने की।

    इस अवसर पर बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और उन्हें लड्डू का भोग लगाया गया। कार्यक्रम में महिलाओं और पुरुषों की भागीदारी देखने लायक रही। श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।

    ग्रामीणों ने बाबा साहब के विचारों को याद करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम शांति और श्रद्धा के वातावरण में सम्पन्न हुआ।

  • बच्चों के बीच कलम-कॉपी का वितरण, समाजसेवियों की रही भागीदारी

    बच्चों के बीच कलम-कॉपी का वितरण, समाजसेवियों की रही भागीदारी

    मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर जिला के गायघाट प्रखंड अंतर्गत पुरानानकार उच्च विद्यालय के समीप समाजसेवी दिनेश सहनी ‘आजाद’ की अध्यक्षता में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर बच्चों के बीच शिक्षण सामग्री (कलम और कॉपी) का वितरण किया गया।

    कार्यक्रम में पवन पासवान, उमेश राम, रिझन पासवान, रामवृक्ष पासवान, अंजली देवी, राखो देवी, रंजीत कुमार सिंह सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने बाबा साहब के विचारों और उनके सामाजिक योगदान को याद करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

    वहीं, सुस्ता पंचायत में सुरेश राम की अध्यक्षता में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में बागमती संघर्ष मोर्चा के संयोजक जीतेंद्र यादव ने वर्तमान सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार बाबा साहब के सिद्धांतों से भटक चुकी है और समाज में असमानता बढ़ रही है।

    कार्यक्रम में स्थानीय लोगों की भारी भागीदारी देखी गई, और सभी ने सामाजिक न्याय व समता के संकल्प के साथ बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की।

  • नरकटियागंज में 15 जोड़े बने जीवनसाथी

    नरकटियागंज में 15 जोड़े बने जीवनसाथी

    -सामूहिक विवाह कार्यक्रम में उमड़ा जनसैलाब
    -केंद्रीय मंत्री और सांसद ने दी आशीर्वाद
    -समिति ने वर-वधुओं को भेंट किए उपहार

    बेतिया। नरकटियागंज हाई स्कूल परिसर में रविवार को सामूहिक विवाह समिति द्वारा भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें 15 जोड़े वर-वधु एक-दूसरे के हमराही बने। यह आयोजन न केवल सामाजिक समरसता का प्रतीक बना, बल्कि इसमें नगरवासियों की भारी भागीदारी ने इसे विशेष बना दिया।

    सामूहिक विवाह समारोह में केंद्रीय कोयला एवं खनन राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे और वाल्मिकीनगर सांसद सुनील कुमार बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने सभी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया और उनके सुखद वैवाहिक जीवन की कामना की। कार्यक्रम में नगर के हजारों लोगों ने सहभागिता की और विवाह के साक्षी बने।

    हाई स्कूल परिसर को भव्यता के साथ सजाया गया था। आयोजन स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, भोजन एवं नाश्ते की व्यवस्था, वर-वधुओं के लिए उपहार और आकर्षक सजावट ने माहौल को उत्सवमयी बना दिया।

    इससे पहले गोपाला ब्रह्म स्थान परिसर से गाजे-बाजे के साथ भव्य बारात निकाली गई। 15 रथों पर सजे दूल्हे बारात की शोभा बढ़ा रहे थे, वहीं बैंड-बाजे की धुन पर नगरवासियों ने जमकर ठुमके लगाए। नगर की महिलाओं ने मंगल गीतों से बारात की अगुवाई की।

    विवाह की रस्में आर्य समाज के पुरोहितों द्वारा विधिपूर्वक संपन्न कराई गईं। कार्यक्रम का समापन विदाई के भावुक क्षणों के साथ हुआ, जब नगर की महिलाओं ने नम आंखों से वधुओं को विदा किया।

    यह आयोजन न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए संबल बना, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी छोड़ गया।