Category: Bihar

  • जलवायु परिवर्तन की दौर में इस बार भीषण गर्मी परने की संभावना

    जलवायु परिवर्तन की दौर में इस बार भीषण गर्मी परने की संभावना

    समस्तीपुर । पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविधालय स्थित जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से जारी 06-10 मार्च, 2024 तक के मौसम पूर्वानुमान की अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान प्रायः साफ तथा मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 29 से 31 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 14-17 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 10 से 15 कि0मी0 प्रति घंटा की रफ्तार से मुख्यतः पछिया हवा चलने का अनुमान है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 85 से 95 प्रतिशत तथा दोपहर में 55 से 65 प्रतिशत रहने की संभावना है।

     

    मौसम वैज्ञानिक को मानें तो जलवायु परिवर्तन के दौर में तापमान में लगातार बढ़ोतरी जारी है। यह वास्तविक रूप से भीषण गर्मी का संकेत दे रहा है। इस चर्चा पर मौसम विभाग भी मुहर लगा रहा है। बीते 10 दिनों के आंकड़ो पर चर्चा करें तो 3 मार्च को वर्षा के बावजूद दिन का तापमान 22.4 रिकार्ड किया गया। जबकि न्यूनतम तापमान इस माह के अबतक के उच्चतम स्कोर के साथ 17.5 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि सामान्य तौर पर बीते दस दिनों में दिन का तापमान 24 से 28 डिग्री एवं न्यूनतम 8 से 12 डिग्री के आसपास रहा। इस दौरान 20 मार्च के बाद भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अप्रैल-मई माह में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इन दिनों

    दिन व रात के तापमान में काफी फर्क है। इस दौरान मौसम शुष्क रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक डा अब्दुस सत्तार ने समसामयिक सुझाव के अनुसार बताया कि पूर्वानुमानित अवधि में मौसम के शुष्क रहने की संभावना को देखते हुए किसान भाई सरसों की कटनी, दौनी एवं सुखाने के कार्य को उच्च प्राथमिकता देकर समपन्न करें। आलू की खुदाई कर भंडारित करे। रवी मक्का की धनबाल व मोचा निकलने से दाना बनने की अवस्था वाली फसल में पर्याप्त नमी बनाए रखें। बसंत ईख रोप के लिए उपयुक्त समय चल रहा है। मार्च के अन्तिम सप्ताह में यदि खेत में नमी की कमी होने पर रोप से पहले हल्की सिंचाई कर रोप करना चाहिए। ईख रोप हेतु दोमट मिट्टी तथा ऊँची जमीन का चुनाव कर गहरी जुताई करनी चाहिए। अनुशंसित प्रभेदो का चुनाव कर बीज मेड़ो की कवकनाशी (कार्वेडाजीम) 1 ग्रा० प्रति लीटर के घोल में 15-20 मिनट उपचारित कर रोपनी करनी चाहिए। प्रमेदो के बीज रोग-व्याधि से मुक्त होना चाहिए एवं रोग मुक्त खेतों से लेना चाहिए और जहाँ तक संभव हो 8-10 महीने के फसल को ही बीज के रुप में प्रयोग करना चाहिए।

    गरमा मूंग तथा उरद की बुआई के लिए खेत की तैयारी करें। बुआई के पूर्व 20 किलो ग्राम नेत्रजन, 45 किलो ग्राम स्फूर, 20 किलो ग्राम पोटाश तथा 20 किलो ग्राम गंधक प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। मूंग के लिए पूसा विशाल, सम्राट, एस०एम०एल०- 668, एच०यू०एम०-16 एवं सोना तथा उरद के लिए पंत उरद-19, पंत उरद-31, नवीन एवं उत्तरा किस्में बुआई के लिए अनुशंसित है। बुआई के दो दिन पूर्व बीज को कार्बन्डाजीम 2.5 ग्राम प्रति किलो ग्राम की दर से शोधित करें। बुआई के ठीक पहले शोधित बीज को उचित राईजोबियम कल्चर से उपचारित कर बुआई करें। बीजदर छोटे दानों के प्रभेदों हेतु 20-25 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर तथा बड़े दानों के प्रभेदों हेतु 30-35 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। बुआई की दूरी 30×10 से०मी० रखें। प्याज की फसल में खर-पतवार निकालें।

    फसल में 10 से 12 दिनों पर लगातार सिंचाई करें। प्याज में चिप्स कीट की निगरानी करें। यह प्याज को नुकसान पहुँचाने वाला मुख्य कीट है। यह आकार में अतिसुक्ष्म होता है तथा पत्तियों की सतह पर चिपक कर रस चुसते है जिससे पत्तियों का ऊपरी हिस्सा टेवा-मेढा हो जाता है। पत्तियों पर दाग सा दिखाई देता है जो बाद में हल्के सफेद हो जाते है। जिससे उपज में काफी कमी आती है। श्रीप्स की संख्या फसल में अधिक पाये जाने पर प्रोफेनोफॉस 50 ई०सी० दवा का 1.0 मि.ली. प्रति लीटर पानी या इमिडाक्लोप्रिड दवा का 1.0 मी.ली. प्रति 4 लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें। गरमा मौसम की सब्जियों की बुआई करें। 150-200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर खाद की मात्रा पूरे खेत में अच्छी प्रकार विखेरकर मिला दें। कजरा (कटुआ) पिल्लू से होने वाले नुकसान से बचाव हेतु खेत की जुताई में क्लोरपायरीफॉस 20 ई0सी0 दवा का 2 लीटर प्रति एकड़ की दर से

    20-30 किलो बालू में मिलाकर व्यवहार करें। सब्जियों में निकाई-गुड़ाई एवं सिंचाई करें। मार्च में ज्वार, मक्का, लोबिया चारे की बुआई करें। बरसीम, जई एवं लुसर्न की सिचाई 10-15 दिन के अंतराल पर करें। हाइब्रिड नेपियर, नेपियर एवं गिनी घास की रोपाई के लिए खेत तैयार करें। सुर्यमुखी की बुआई के लिए मौसम अनुकूल है। इसकी बुआई 10 मार्च तक संपन्न कर लें। खेत की जुताई में 100 क्विंटल कम्पोस्ट, 30-40 किलोग्राम नेत्रजन, 80-90 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं 40 किलोग्राम पोटास का व्यवहार करे। उत्तर बिहार के लिए सूर्यमुखी की उन्नत संकुल प्रभेद मोरडेन, सूर्या, सी0ओ0-1 एवं पैराडेविक तथा संकर प्रभेद के लिए बी०एस०एच०-1, के०बी०एस०एच०-1, के०बी०एस०एच०-44, एम०एस०एफ०एच०-1. एम०एस०एफ०एच०-8 एवं एम०एस०एफ०एच०-17 अनुशंसित है। संकर किस्मों के लिए बीज दर 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा संकुल किस्मों के लिए 8 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें।

     

    बुआई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम धीरम या कैप्टाफ दवा से उपचारित कर बुआई करें। बसंतकालीन मक्का की बुआई करें। जुताई से पूर्व खेतों में प्रति हेक्टेयर 15-20 टन गोबर की खाद, 40 किलोग्राम नेत्रजन, 40 किलोग्राम स्फुर एवं 30 किलोग्राम पोटास का व्यवहार करें। बुआई के लिए सुवान, देवकी, गंगा 11, शक्तिमान 1 एवं 2 किस्में अनुशंसित है। बीज दर 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम थीरम या कैप्टाफ द्वारा उपचारित कर बुआई करें। रवी मक्का की धनबाल व मोचा निकलने से दाना बनने की अवस्था वाली फसल में पर्याप्त नमी बनाए रखें।

  • विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव के लिए नीतीश कुमार ने किया नामांकन

    विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव के लिए नीतीश कुमार ने किया नामांकन

    पटना । बिहार की राजनीति के केन्द्र मे काबिज नीतीश कुमार मंगलवार को पुनः विधान परिषद सदस्य बनने जा रहे है। नीतीश कुमार बिहार विधान परिषद के लिये चौथी बार अपना नामांकन किया । उनका निर्विरोध चुना जाना तय है ।

    विधानसभा कोटे के तहत होने वाले विधान परिषद की 11 सीटों पर होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिए जदयू की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ खालिद अनवर ने विधान सभा के सचिव कक्ष में अपना पर्चा दाखिल किया।

    वहीं, हम की ओर से राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य संतोष कुमार सुमन ने भी आज अपना पर्चा दाखिल किया। सभी का कार्यकाल इसी वर्ष मई में समाप्त हो रहा। भाजपा ने अभी अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की है।

    उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, हम नेता व पूर्न मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, जदयू के वरिष्ठ नेता व मंत्री विजय चौधरी, श्रवण कुमार, बिजेंद्र यादव,सांसद व जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, पूर्व मंत्री अशोक चौधरी, लेशी सिंह, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी व जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा विधान पार्षद संजय सिंह भी इस मौके पर मौजूद थे।

  • अब लालू प्रसाद ने कर दी बड़ी गलती!

    अब लालू प्रसाद ने कर दी बड़ी गलती!

    जिन लालू प्रसाद ने 2015 के विधानसभा चुनाव में अपने बेटे तेजस्वी यादव से पीएम मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी करने से बचने को कहा था, जिन लालू प्रसाद के इस गुरुमंत्र से तेजस्वी यादव ने अपने दल को बिहार में सबसे अधिक सीटें दिलवाई थी। वही लालू प्रसाद इन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी पर व्यक्तिगत टिप्पणी कर गलती कर बैठेे हैं। लालू प्रसाद ने पटना के गांधी मैदान में आयोजित जन विश्वास रैली में पीएम मोदी पर व्यक्तिगत निशाना साधते हुए कह दिया था कि मोदी परिवारवाद पर हमला बोल रहे हैं। उनका तो अपना कोई परिवार है नहीं। मोदी बतायें उनको संतान क्यों नहीं हुई। लालू प्रसाद ने मोदी की मां के निधन पर बाल और दाड़ी न कटवाने का मामला भी उठाया। मुद्दों को बोचने और माहौेल को अपने में ढालने वाले मोदी कहां मानने वाले थे।

    तेलांगाना में हुई रैली में उन्होंने लालू प्रसाद पर पलटवार कर दिया। रैली में उन्होंने देश की १४० करोड़ जनता को अपना परिवार बता दिया। मोदी का तेलांगाना रैली में देश को अपना परिवार बताते हुए भाषण क्या देना था कि गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत दूसरे पार्टी के नेताओं ने अपन सोशल मीडिया की प्रोफाइल पर मोदी का परिवार लिख दिया। अब बीजेपी की कद्दावर नेता रहीं सुषमा स्वराज की बेटी और नई दिल्ली से बीजेपी की प्रत्याशी बांसुरी स्वराज ने सफदरजंग क्षेत्र में कार्यकर्ताओं और समर्थकों के घरों पर मोदी का परिवार लिखने के लिए अभियान छेड़ दिया है। मतलब बीजेपी अब मोदी का परिवार अभियान देशभर में चलाने जा रहंी है। जिसका फायदा बीजेपी को लोकसभा में मिलेगा।
    दरअसल मोदी को अपने खिलाफ होने वाले हमले को उल्टे हमला बोलने वाले की मोड़ने में महारत हासिल है। २०१४ के आम चुनाव में कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर ने उस समय के बीजेपी के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को चाय बेचने वाला बोलते हुए संसद गेट पर चाय बेचने की बात की थी। साथ ही नीच तक बोल दिया था। मोदी ने चाय वाले के खिलाफ ऐसा प्रचार कराया कि चाय बेचने वाला ही प्रधामंत्री बन गया। ऐेसे ही २०१९ के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री चोर है, का अभियान छिड़वा दिया तो बीजेपी के कार्यकर्ता और समर्थकों ने बड़े स्तर पर अपने नाम के आगे चौकीदार लिखवा लिया। ऐसे ही राजद मुखिया लालू प्रसाद ने मोदी के पविवार को लेकर टिप्पणी करी बड़ी गलती कर दी है। जिसका खामियाजा विपक्ष को उठाना पड़ सकता है।

  • मानवाधिकार प्राकृतिक अधिकारों के रूप में संरक्षित : डा. राजेश कुमार यादव 

    मानवाधिकार प्राकृतिक अधिकारों के रूप में संरक्षित : डा. राजेश कुमार यादव 

    सुभाष चंद्र कुमार

    समस्तीपुर। पूसा प्रखंड स्थित उमा पाण्डेय महाविद्यालय के पूर्वी परिसर में ‘राजनीति विज्ञान’ विभाग द्वारा ‘मानवाधिकार’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता करते हुए  राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा० रंजीत कुमार राम ने कहा कि मानव अधिकार विश्व भर में मान्य व्यक्तियों के वे अधिकार हैं। जो उनके पूर्ण शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए अत्यावश्यक हैं। इन अधिकारों का उदभव मानव की अंतर्निहित गरिमा से हुआ है। विश्व निकाय ने 1948 में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अंगीकार और उदघोषित किया। साथ ही इन्होंने उक्त विषय की राजनीतिक व संवैधानिक पहलुओं को विस्तार पूर्वक समझाया।

     

    कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डॉ राजेश कुमार यादव ने कहा कि सौहार्द के वातावरण में एक व्यक्ति का मानवीय अधिकार दूसरे व्यक्ति पर कर्तव्य आरोपित करता है। कर्तव्य के अनुपालन को विधि के द्वारा सुनिश्चित कराया जाता है। इस प्रकार इनसे सामाजिक सौहार्द के लिए सभी प्रकार के सिद्धान्तों को प्रबलता प्राप्त होती है। मानवाधिकार प्राकृतिक अथवा सार्वभौम अधिकारों के रूप में संरक्षित हित है । डा. वृंदावन लाल जाटव विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग, ने उक्त विषय की साहित्यिक व्याख्या करते हुए कहा कि दरअसल मानवाधिकार के प्रकारों की कोई निश्चित संख्या नही है। मानवाधिकार की सूचि में समय के साथ बदलाव होता रहता है। मानवाधिकारों को सामान्य तौर पर प्राकृतिक अधिकार, नैतिक अधिकार, कानूनी अधिकार, नागरिक अधिकार, मौलिक अधिकार और आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकार की श्रेणियों में बांटा गया है।

    विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग ने अपना व्याख्यान उपर्युक्त विषय के ऐतिहासिक व सामाजिक सहकारिता पर विस्तार पूर्वक दर्शाया। डा. वंदना कुमारी, विभागाध्यक्ष, दर्शनशास्त्र विभाग व डा मो कौसर अली, विभागाध्यक्ष, उर्दू विभाग भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा अपना विचार रखा गया जिसमें मुख्यरूप से प्रिया कुमारी, नैना कुमारी, काजल कुमारी, शांतनु, शिव, शिवम, जूली, सत्यम, सीमा, रंजन कुमार और रजनीश कुमार आदि ने अपना विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन स्नातक हिंदी प्रतिष्ठा का छात्र शिवम सरोज ने किया अंत मे धन्यवाद ज्ञापन प्रिया कुमारी ने किया।

  • बिहार के मधुबनी जिला मछली उत्पादन के क्षेत्र में अव्वल : डा. एमएस कुंडू

    बिहार के मधुबनी जिला मछली उत्पादन के क्षेत्र में अव्वल : डा. एमएस कुंडू

    सुभाष चंद्र कुमार

    समस्तीपुर। समस्तीपुर पूसा डा राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विवि के संचार केंद्र में मछलियों की बीमारी के निदान एवं आधुनिक तकनीक विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुई। जिसकी अध्यक्षता करते हुए निदेशक प्रसार शिक्षा डाॅ.एमएस कुंडू ने कहा कि मछली उत्पादन के क्षेत्र में मधुबनी जिला में सबसे अधिक उत्पादन हो रहा है। जबकि सबसे अंतिम पायदान पर बिहार के जहानाबाद जिला है। मछली उत्पादन के क्षेत्र में देश सहित खासकर राज्यों की बात करें तो बिहार काफी तेजी से बढ़ रहा है। मछली तालाबों के अंदर तनाव में रहती है तो सामान्यरूप से देखा जा रहा है कि उत्पादन दर में भारी गिरावट दर्ज होती है। जिससे लागत दर में वृद्धि हो जाती है। मत्स्यपालकों की आमदनी घट जाती है। इसके साथ ही इसके उत्पादन, बिमारी, रखरखाव, भंडारण व मार्केटिंग के क्षेत्र में नई चुनौतियां भी लगातार सामने आ रही हैै। जरूरत है इसके तकनीकी ज्ञान लेकर स्वयं के साथ अन्य मछली पालको के बीच इसे प्रसारित करने की। जिससे देश स्तर पर आर्थिक समृद्धि में वे भी भागीदारी बढ़ा सके। प्रतिभागियों के रूप में राज्य के पांच जिलो से आये किसान सहित बीटीएम-एटीएम प्रशिक्षुओ प्रशिक्षण सत्र में भाग ले रहे है। मत्स्यकी महाविद्यालय, ढ़ोली के सहायक प्राध्यापक डाॅ.आरके ब्रहमचारी ने कहा कि राज्य में मांग के अनुरूप मछली की उत्पादकता में काफी बढ़ोतरी हुई है। जरूरत है इसे और गति देने के साथ उसकी समस्याओं व मार्केटिंग चेन को और सशक्त करने की। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार मछली पालन व इससे जुड़े कार्यो को लेकर कई योजनाएं चला रही है। इसका लाभ लेने की जरूरत है। इसमें विवि हरसंभव सहयोग को लेकर प्रयासरत है। संचालन करते हुए उपनिदेशक प्रसार डाॅ.अनुपमा कुमारी ने कहा कि मछली की बिमारियों से उसकी उत्पादकता भी प्रभावित होती है। जिससे मछली उत्पादको को उसका समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। समारोह की शुरूआत विवि कुलगीत व दीप प्रज्जवलित कर की गई। मौके पर सूरज कुमार सहित सभी कर्मी मौजूद थे।

  • कल्याण विभाग द्वारा संचालित विद्यालय में नामांकन के लिए 121 सीट है निर्धारित

    कल्याण विभाग द्वारा संचालित विद्यालय में नामांकन के लिए 121 सीट है निर्धारित

    वर्ग छह और नौ का परीक्षा से तो वर्ग एक की लाॅटरी से होगा नामांकन

    वर्ग एक में नामांकन के लिए 509 छात्राओं द्वारा किया गया है आवेदन

     राजगीर। कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय अंबेडकर प्लस टू अनुसूचित जाति आवासीय बालिका विद्यालय, राजगीर में वर्ग एक में छात्राओं का नामांकन लॉटरी सिस्टम से लिया जाएगा, जबकि छठी कक्षा और अति पिछड़ा वर्ग की छठी और नवमी कक्षा के छात्राओं का नामांकन परीक्षा परिणाम के आधार पर लिया जाएगा। जिन छात्राओं की परीक्षा हुई है, उन्हें कम से कम 60 फीसदी अंक हासिल करना अनिवार्य है। विद्यालय के प्राचार्य डॉ राजीव रंजन से मिली जानकारी के अनुसार अनुसूचित जाति आवासीय बालिका विद्यालय में वर्ग एक में 40 छात्राओं का नामांकन होना है। यहां नामांकन के लिए विद्यालय में निर्धारित सीट से कई गुना अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। 40 सीट पर नामांकन के लिए कुल 509 आवेदन विद्यालय को प्राप्त हुआ है। सात मार्च को वर्ग एक की छात्राओं का नामांकन होना है।

    नामांकन की प्रक्रिया लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा। लॉटरी सिस्टम में पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए और लाॅटरी के दौरान कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए जिला पदाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी, राजगीर कुमार ओमकेश्वर को नोडल पदाधिकारी के रूप में तैनात किया गया है। जिला पदाधिकारी के प्रतिनिधि की मौजूदगी में लॉटरी निकाली जायेगी। पहले जिन 40 छात्राओं के लाॅटरी निकलेंगे उन्हीं का नामांकन वर्ग एक में सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय में वर्ग में छह में मात्र एक पद रिक्त है।

    इस रिक्ति के विरुद्ध 169 आवेदन विद्यालय को प्राप्त हुआ है। वर्ग छह में नामांकन के लिए दो मार्च को जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में कदाचार मुक्त परीक्षा का आयोजन किया गया था। वर्ग छह में एक सीट पर नामांकन परीक्षा के प्राप्तांक के आधार पर लिया जाएगा। संपन्न परीक्षा की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन पटना में विभागीय स्तर पर करायी जा रही है।जिस छात्रा का परीक्षा परिणाम में सर्वाधिक अंक होगा। उन्हीं का नामांकन लिया जायेगा। इसी प्रकार अति पिछड़ा वर्ग की छात्राओं के लिए वर्ग छह में कुल 40 सीट पर नामांकन होना है।

    40 सीट पर नामांकन के लिए कुल 57 आवेदन विद्यालय में प्राप्त हुआ है। अति पिछड़ा वर्ग विद्यालय के नवमी कक्षा में भी नामांकन होना है। इस कक्षा में कुल 40 सीट पर नामांकन होना है। लेकिन 40 के लिए केवल 10 आवेदन विद्यालय को प्राप्त हुआ है। जिन छात्राओं का आवेदन नवमी कक्षा के लिए प्राप्त हुआ है। उनकी परीक्षा भी दो मार्च को जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में लिया गया है। उम्मीद है कि नवमी कक्षा में सभी छात्राओं का नामांकन हो जायेगा। लेकिन विभागीय निर्देशानुसार परीक्षा में शामिल होने वाली छात्राओं को नामांकन के लिए कम से कम 60 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है। ऐसे इससे अधिक अंक लाने वाली छात्राओं को नामांकन में प्राथमिकता दी जायेगी।

  • प्रखण्ड सहित 20 जगहों पर बनेंगे प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड

    प्रखण्ड सहित 20 जगहों पर बनेंगे प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड

    राजगीर। मंगलवार से राजगीर प्रखंड के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 जगहों पर आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। इसकी सभी आवश्यक तैयारियां आपूर्ति विभाग द्वारा की गई है। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार राजगीर नगर परिषद के पुराने केवल 19 वार्डों की सूची उन्हें प्राप्त हुई थी। उसके अनुसार शहरी क्षेत्र के केवल वार्ड नंबर 17 के तुलसी गली में आयुष्मान कार्ड बनाने का काम 2 मार्च को किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के 12 जन वितरण प्रणाली की दुकानों पर आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले दिन राजगीर प्रखंड में 70 पीडीएस दुकान है।
    पहले दिन शनिवार को 2100 बीपीएल परिवारों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया है। सोमवार को 600 से अधिक बीपीएल परिवारों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया है। उन्होंने बताया कि जिला पदाधिकारी के स्तर से नई सूची और ऑपरेटर दोनों उपलब्ध कराया गया है। मंगलवार से प्रखंड के 20 जगहों पर आयुष्मान कार्ड बनाने का काम किया जाएगा। प्रखंड कार्यालय में भी आयुष्मान कार्ड बनाने की व्यवस्था की गई है।

    सभी जन वितरण प्रणाली की दुकानों पर दुकानदारों द्वारा बताया जाएगा की उनका आयुष्मान कार्ड कहां और किस स्थान पर बनेगा। एमओ के अनुसार प्रखण्ड आपूर्ति कार्यालय, बाल विकास परियोजना कार्यालय, पंचायती राज कार्यालय के सभी ऑपरेटर को आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लगाया गया है। उनके द्वारा मंगलवार से कार्य आरंभ किया जाएगा। सभी जगहों पर प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड नि:शुल्क बनाया जायेगा। आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लाभुकों को अपने साथ आधार कार्ड, राशन कार्ड और मोबाइल नंबर लाना अनिवार्य है।

  • पड़ोस युवा संसद कार्यक्रम का हुआ आयोजन

    पड़ोस युवा संसद कार्यक्रम का हुआ आयोजन

    राजगीर। सोमवार को नेहरू युवा केंद्र, नालंदा के सौजन्य से रघुनंदन व्यास बॉयज क्लब पंडितपुर द्वारा राजगीर के राजकीय डिग्री कॉलेज के पास पड़ोस युवा संसद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन नगर परिषद राजगीर की मुख्य पार्षद जीरो देवी, डिग्री काॅलेज की प्राचार्या डॉ. मोसर्फ जहां, नेहरू युवा केंद्र की युवा समन्वयक पिंकी गिरी एवं अन्य के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

    इस अवसर पर मॉक पार्लियामेंट करके उपस्थित लोगों को संसद भवन में होने वाले सत्र को दिखाया गया। नारी सशक्तिकरण पर श्वेता ने सरल तरीके से महिलाओं के सशक्तिकरण पर चर्चा की। लोकल फॉर वोकल विषय पर भैया अजीत ने युवाओं को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध किए जाने वाले सामग्री का इस्तेमाल करने के साथ भोजपुरी में में बढ़ रही अश्लीलता पर रोक लगाने के लिए प्रेरित किया।इस अवसर पर बच्चों के द्वारा रंगारंग संस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

    इस कार्यक्रम में लोकतंत्र में वोट का कीमत पर प्रकाश डाला गया। साथ ही योग्य एवं सक्षम प्रत्याशी को अपना कीमती वोट देने के लिए प्रेरित किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्व पार्षद विरजू राजवंशी सहित सैंकड़ों युवा शामिल हुए।

  • मेकेनिकल इंजीनियर की नौकरी छोड़ उद्यानिकी के क्षेत्र में कैरियर बनाया पूसा के दिव्यांकुर ने

    मेकेनिकल इंजीनियर की नौकरी छोड़ उद्यानिकी के क्षेत्र में कैरियर बनाया पूसा के दिव्यांकुर ने

    सुभाष चंद्र कुमार 
    समस्तीपुर। आखिरकार कभी न कभी उच्च कोटि से जिंदगी को संवारने की आश में महज एक नर्सरी से तीन बेहतर नर्सरी का निर्माण कर टीचर्स कॉलिनी पुसा के दिव्यांकुर ने जब मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने पिता के द्वारा शुरू किए गए छोटे से नर्सरी के काम में हाथ बंटाना शुरू किया। तो निश्चित रूप से लोगों की नजर में इंटरप्रेनियोरशिप खटकना लाजमी लगने लगा। उस इंजीनियर युवा से अक्सर लोग यही पूछते थे कि इंजीनियरिंग करके उद्यानिकी के क्षेत्र में अपनी भविष्य तलासने राज क्या हो सकता है?
    हालांकि समय बीतने के बाद जब दिव्यांकुर ने पेड़ पौधों से लगाव और अपने शौक को एक बड़े स्तर के नर्सरी के सफल व्यवसाय में बदल दिया तो वही लोग आज न केवल इस इंजीनियर युवा के काम से खुश हैं बल्कि सारे लोग इस युवा की तारीफ करते नही थकते हैं। बताते चलें कि पुसा के 30 वर्षीय युवा दिव्यांकुर ने मथुरा स्थित जीएलए विश्वविधालय से वर्ष 2017 में मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी। डिग्री लेने के बाद दिव्यांकुर को कई सारे प्राइवेट कंपनियों के द्वारा जॉब के ऑफर भी मिले, कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के कंपनी में विश्वविधालय से ही कैंपस भी हो गया था। लेकिन वक्त की नजाकत को भलीभांति समझते हुए इंजीनियर दिव्यांकुर का तो सपना था कि उसे जॉब सीकर नहीं वरना जॉब प्रोवाइडर बनना हैं।
    फिलवक्त युवा इंजीनियर दिव्यांकुर का सपना साकार हो चुका हैं। दिव्यांकुर ने न सिर्फ अपने पिता सुनील प्रसाद सिंह के द्वारा शुरू किए गए एक छोटे से नर्सरी को बड़े नर्सरी का रूप दें दिया बल्कि उन्होंने अपनी मेहनत और कमाई के बदौलत दूसरा नर्सरी पुसा के दिघरा गांव और तीसरा नर्सरी कल्याणपुर प्रखंड के मालीनगर में भी शुरू कर दिया। आज दिव्यांकुर के इन तीनों नर्सरी से जुड़कर करीब करीब 20 महिला व पुरुष औसतन प्रति व्यक्ति 9 हजार रुपए प्रतिमाह कमा रहे हैं।
    दिव्यांकुर ने बताया कि उनके तीनों नर्सरी में सालों भर काम रहता है इसलिए उनका कोई भी कर्मी किसी दिन खाली नही बैठता हैं। उनके सभी नर्सरी में फल व फूल सब्जियों के हजारों किस्मों के पौधे सालों भर उपलब्ध रहते हैं। इंजीनियर दिव्यांकुर ने बताया कि उन्हें बचपन से ही बागवानी, फल, फूल, एवं सब्जियों के पौध तैयार करने का बहुत शौक था। इस वजह से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद पिता के द्वारा शुरू किए गए नर्सरी को ही नया रंग रूप देकर उसे एक बेहतर और मुनाफा देने वाला व्यवसाय बनाने की ठान ली तथा साल दर साल उससे जुड़ते चले गए। अनुसंधान की बात करें तो उन्होंने बताया कि पेड़ पौधों के बारे में उन्हें हमेशा से कुछ नया जानने व सीखने की ललक थी। उन्होंने बताया की मेरे अलावे मेरे नर्सरी से जुड़े सारे कर्मी को भी नर्सरी में मौजूद हजारों तरह के फूल व फल के पौधे के नाम पूरी तरह से याद हो गए हैं।
    दिव्यांकुर ने बताया कि फिलहाल वे तीनों नर्सरी से सभी तरह के खर्च को काट देने तथा कर्मियों को सैलरी दे देने के बाद भी औसतन 2 से 2.5 लाख रूपये प्रति माह का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने कहा की मैं प्राइवेट कंपनी में जितनी सैलरी पर नौकरी करता उसका तीन से चार गुना अपने माली एवं कर्मियों को प्रति माह देने में सक्षम महसूस कर रहा हूं। इंजीनियर दिव्यांकुर के पारिवारिक समीकरण को देखे तो कूट कूट कर भरे शिक्षा के माहौल में पले बढ़े दिव्यांकुर के माता श्यामा कुमारी ने स्थानीय ब्रह्मदेव राय शर्मा महिला महाविधालय में फाउंडर प्राचार्य के पद पर अपनी अभूतपूर्व सेवा देने के उपरांत वर्ष 2019 में सेवानिवृत हो गई एवं पिता सुनील प्रसाद सिंह ने भी उसी महाविद्यालय में इतिहास विभाग में व्याख्याता के पद से सेवानिवृत हुए। दिव्यांकुर के एक सहोदर छोटा भाई अंकित भी पठन पाठन में लगा हुआ है।
  • प्रजपिता ब्रह्मकुमारी विद्यालय ने निकाली शोभा यात्रा 

    प्रजपिता ब्रह्मकुमारी विद्यालय ने निकाली शोभा यात्रा 

    मारवाड़ी विवाह भवन में आयोजित हुआ त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्स्व 

    समस्तीपुर पूसा। समस्तीपुर रोसड़ा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा 4 मार्च को दोपहर 1:30 बजे से महावीर चौक स्थित मारवाड़ी विवाह भवन में आयोजित 88वें त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में एक शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें भोलेनाथ शिव बाबा की अति सुंदर झांकी बनाई गई, जो मेन बाजार स्थित सेवाकेंद्र से शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए स्थानीय सेवाकेंद्र पर आकर पूरी हुई।
    झांकी के द्वारा यह संदेश दिया गया कि स्वयं निराकार परमपिता परमात्मा शिव इस सृष्टि पर अवतरित होकर श्रेष्ठ ज्ञान दे रहे हैं जिसके द्वारा मानव के अंदर आसुरी संस्कारों का परिवर्तन हो रहा है और उनके संस्कार देव तुल्य बनते जा रहे हैं। जो परमात्मा द्वारा बताए गए रास्ते पर चल रहे हैं, वह अपने लिए स्वर्णिम दुनिया का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। जहां मनुष्य देव तुल्य होंगे। धरा पर स्वर्ग होगा। सर्वत्र सुख, शान्ति और समृद्धि होगी। यही वह समय है जब हम परमात्मा की संतान होने के नाते उनसे अपना जन्मसिद्ध अधिकार प्राप्त कर सकते हैं। शोभायात्रा एवं झांकी को वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रोफेसर दिलीप कुमार लाल ने झंडी दिखाकर रवाना किया।
    बीके कुंदन बहन ने समस्त रोसड़ा वासियों से सोमवार को दोपहर 1:30 बजे महावीर चौक स्थित मारवाड़ी विवाह भवन में आयोजित शिव जयंती महोत्सव में सपरिवार उपस्थित होने का आह्वान किया। शोभा यात्रा में मुख्य रूप से डॉ० उमेश, कन्हैया भाई, शत्रुघ्न भाई समेत सौ के करीब भाई-बहन उपस्थित रहे।